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वृक्ष हमारे मित्र पर निबंध हिंदी में | Trees our Best Friend Essay in Hindi

वृक्ष हमारे मित्र पर निबंध हिंदी में | Trees our Best Friend Essay in Hindi

वृक्ष हमारे मित्र पर निबंध 200, 500, 1000 words (Trees our Best Friend Essay in Hindi, vriksh hamare sache mitra par nibandh)

हमारे जीवन में पेड़ पौधे अत्यंत आवश्यक हैं, वृक्ष हमारे सच्चे मित्र होते हैं।वृक्षों के बिना धरती पर मानव जीवन संभव नहीं है, पौधे हमें जीवित रहने के लिए प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।

 पेड़ पौधे वातावरण को संतुलित बनाने में सहायक होने के साथ-साथ गर्मियों में हमें शीतल छाया भी प्रदान करते हैं, यह हमारे लिए कई तरह से काम आते हैं। हमारे द्वारा छोड़े गए कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करके वृक्ष हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।

तो दोस्तों आइए आज हम आपको वृक्ष हमारे मित्र पर निबंध के बारे में जानकारी देंगे।

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विषय–सूची

वृक्ष हमारे मित्र पर निबंध हिंदी में (Trees our Best Friend Essay in Hindi)

प्रस्तावना-.

मानव जीवन के लिए वृक्ष का होना अत्यंत आवश्यक होता हैं।वृक्ष हमारे सच्चे मित्र होते हैं, यह हमारे महत्वपूर्ण जीवन के लिए ऑक्सीजन देने के साथ-साथ वर्षा करने तथा पेड़ पौधे को हरे-भरे बनाये रखने में भी सहायक है। प्रकृति में पेड़ निस्वार्थ होकर हमें जीवन दान देते हैं।

हमारे निजी जीवन में भी पेड़ पौधे कई तरह से काम आते हैं, पेड़ों से हमें लकड़ियां प्राप्त होती हैं और साथ ही पेड़ों के द्वारा बनाई गई कुर्सियां, मेज, दरवाजे, खिड़कियां आदि पेड़ों से बनी चीजें हमारे काम आती हैं।

 हम सभी जानते हैं कि हमारे भारतीय संस्कृत में पेड़ों की  पूजा की जाती है, क्योंकि पेड़ों में देव का वास होता है।इसलिए हमारे देश में कई सारे पेड़ों की पूजा की जाती है। जैसे-तुलसी, नीम, पीपल, बरगद आदि।

वृक्ष हमारे मित्र पर निबंध हिंदी में | Trees our Best Friend Essay in Hindi

वृक्षों का महत्व-

वृक्ष से हमें कई सारी उपयोगी वस्तुएं और पदार्थ प्राप्त होते है। वृक्षों से ही हमें खाद्य पदार्थ, पीने योग्य पानी,  फल, आदि प्राप्त होते हैं।

हमारे जीवन में वृक्षों का बहुत ही महत्व होता है, वृक्षों के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। वृक्षों से हमें अनेक प्रकार का लाभ भी प्राप्त होता है जो निम्नलिखित इस प्रकार हैं –

  • वृक्ष हमें कई प्रकार की आवश्यक और लाभदायक पदार्थ प्रदान करते हैं। जैसे-औषधि, फूल, फल, ईंधन और चारा आदि।
  • वृक्षों पर कई सारे उद्योग भी आश्रित हैं, कई प्रकार की औषधियां, तेल, भवन निर्माण उद्योग, खाद्य पदार्थ आदि।
  • हमारे मन को प्रसन्नता और शांति वृक्षों के प्राकृतिक दृश्य से होता है।
  • वृक्ष वर्षा को आकर्षित करते हुए बाढ़ को रोकने में हमारी बहुत मदद करते हैं। और साथ ही पर्यावरण को भी संतुलित करते हुए हमारे लिए उपयोगी मिट्टी को क्षरण करते हैं।

वृक्ष काटने का नुकसान-

वृक्षों की कटाई से जीवन में हमें कई सारी समस्याओं का सामना करने के साथ-साथ कई सारी घातक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। जैसे-बाढ़, सूखा, बारिश आदि।

अगर वनों की कटाई पर नियंत्रण नहीं हुआ तो एक दिन मानव जीवन खतरे में आ जाएगा और जीने के लिए हमें ऑक्सीजन भी नहीं मिलेगा।

वर्तमान समय में वाहन के धुए से बढ़ते प्रदूषण को वृक्ष अपने अंदर अवशोषित करके हमे ऑक्सीजन प्रदान करता है। जो हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।

वनों की कटाई पूरी धरती के लिए घातक साबित हो सकती है। और साथ ही हमारे लिए भी गंभीर समस्या बन सकती है, इसलिए हमें वनों की कटाई पर नियंत्रण पाना अत्यंत आवश्यक है।

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वृक्षों के बारे में कुछ आवश्यक तथ्य-

वृक्ष हमारा निस्वार्थ  होकर सहायता करते हैं, वृक्षों पर लगे फल व आकर्षक फूल हमारे मन को एक अलग ही खुशी और शांति प्रदान करता है। वृक्ष प्रदूषण को दूर करके पर्यावरण को शुद्ध बनाने में सहायक होता है।

कई प्रकार से वृक्ष हमारे लिए आवश्यक होता है, वृक्षों से ही बाढ़ और मिट्टी के कटान पर नियंत्रण पाया जाता है। वृक्षों के कुछ आवश्यक तथ्य इस प्रकार है-

वृक्ष हमें क्या देते हैं?

वृक्ष हमें खाने के लिए भोजन, फल, फूल, तेल, सब्जियां, घास, औषधियां आदि पदार्थ देने के साथ-साथ पर्यावरण को शुद्ध बनाने में भी सहायक होते है।

वृक्ष हमारे लिए क्यों जरूरी हैं?

वृक्षों के द्वारा हमें भोजन, रहने के लिए घर व ऑक्सीजन प्राप्त होता है, वृक्ष हमारे लिए कई प्रकार से उपयोगी और लाभकारी भी है। जो इस प्रकार है-

  • ओजोन परत को सुरक्षित बनाने में वृक्ष का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
  • भारतीय संस्कृति में पेड़ों की पूजा की जाती है, क्योंकि पेड़ों में देवों का वास होता है। और पेड़ इधन का भी प्रमुख साधन होता है।
  • पेड़ों से हमें उपयोगी और आवश्यक जड़ी बूटियां प्राप्त होती हैं जो दवाई बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
  • वृक्षों के द्वारा हमें स्वादिष्ट फल, भोजन, लकड़ी, और कई आवश्यक पदार्थ प्राप्त होता है।
  • गर्मियों में वृक्षों से हमें शीतल छाया का आनंद मिलता है, और वृक्ष हमारे पर्यावरण को संतुलित बनाए रखता है।

एक पीपल का पेड़ कितना अक्सीजन देता है?

पीपल का पेड़ एक ऐसा वृक्ष है जो हमें 24 घंटा ऑक्सीजन प्रदान करता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पीपल के वृक्ष अत्यंत उपयोगी होते हैं, क्योंकि पर्यावरण संरक्षण में इन वृक्षों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।

भारतीय संस्कृति में पेड़ों की पूजा की जाती है, उन्हें वन देवता के रूप में पूजा जाता है। तुलसी और नीम के पेड़ को औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।

नीम 75 फ़ीसदी,तुलसी 95, बरगद 80, और पीपल का वृक्ष 100 फ़ीसदी ऑक्सीजन देता है।

वृक्षोन्मूलन अर्थात् वृक्षों को काटने से होने वाली हानियां –

हरे -भरे पेड़ पौधे प्राकृतिक सुंदरता बढ़ाते हैं। हम सभी को मिलकर वनों की कटाई पर नियंत्रण करना चाहिए क्योंकि यह हमारे लिए एक गंभीर समस्या बन सकती हैं।

वनों की कटाई से हमें कई प्रकार की हानिया व समस्या होती हैं जो निम्नलिखित इस प्रकार है-

  • वनों की कटाई से वातावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा और वर्षा की कमी होगी।
  • जिन इलाकों में वृक्ष की कमी है, वहां वर्षा कम होता है। और साथ ही जीव-जंतुओं को कई सारी हानिया होंगी।
  • धरती का तापमान वनों की कटाई की वजह से बढ़ता जा रहा है।
  • मनुष्य को कई सारी आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है, मौसम काफी समय निश्चित नहीं है।
  • वनों की कटाई से प्रदूषण फैलता जा रहा है जिससे मानव जीवन के लिए गंभीरता बढ़ती जा रही है।

हम सभी को वृक्षारोपण करते हुए वृक्षों के महत्व को समझना चाहिए। क्योंकि वृक्ष हमारे लिए बहुत आवश्यक है, यह हमारे सच्चे मित्र हैं।

वृक्षारोपण के लिए हमें सभी नागरिक को जागरूक करना चाहिए। पृथ्वी पर वातावरण संतुलित बनाए रखने के लिए हमें पेड़ पौधे हमेशा लगाते रहना चाहिए।और दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए।

वृक्ष मानव जीवन के लिए सच्चे मित्र का कार्य करते हैं, तो हमारा भी कर्तव्य है कि हम भी अपना कर्तव्य करें और अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाएं।

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पेड़ों पर निबंध (100, 150, 200, 250,300, शब्दों मे वृक्ष निबंध) – Tree Essay in Hindi

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Tree Essay in Hindi – पेड़ हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं जो हमें जीवन भर साथ देते हैं। वे हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन देते हैं जिसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते। पेड़ों से हमें भोजन, दवा, आश्रय आदि मिलता है। पेड़ हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, जलवायु में सुधार करते हैं, पानी का संरक्षण करते हैं, मिट्टी को संरक्षित करते हैं और वन्य जीवन का समर्थन करते हैं। पेड़ हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी को जीवंत और सुखद बनाते हैं। वे तापमान बनाए रखते हैं और परिवेश को ठंडा रखते हैं।

पेड़ों का महत्व

जीवन के हर क्षेत्र में वृक्षों का महत्व बहुत अधिक है। हमारे स्वास्थ्य से लेकर निवास तक हर जगह पेड़ों का महत्व देखा जा सकता है। पौधों के रस से कई औषधियां तैयार की जाती हैं। लगभग सभी रोगों का उपचार करने वाला आयुर्वेद पेड़-पौधों पर आधारित है। हमारे घर के लिए सुंदर फर्नीचर लकड़ी से बने होते हैं जो हमें पेड़ों से मिलते हैं। पेड़ पृथ्वी पर कई वन्यजीवों को आश्रय भी प्रदान करते हैं। कई उद्योग जैसे फर्नीचर, लुगदी और कागज, डेंड्रो बायोमास बिजली उत्पादन उद्योग आदि पेड़ों पर आधारित हैं। ये उद्योग हर देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और इस प्रकार देश के विकास में मदद करते हैं।

वृक्ष पर निबंध 10 लाइन (Tree Essay 10 lines in Hindi)

  • पेड़ पृथ्वी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
  • वे कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं। ऑक्सीजन के बिना इंसान 2 मिनट भी जिंदा नहीं रह सकता है।
  • हजारों प्रकार के पेड़ हैं। पृथ्वी पर प्रत्येक देश में पौधे और पेड़ हैं।
  • पेड़ पर्यावरण को ठंडा रखते हैं। ये हानिकारक गैसें लेकर हवा को भी साफ करते हैं।
  • वृक्षों द्वारा दी गई रुई का उपयोग मनुष्य द्वारा पहने जाने वाले कपड़े बनाने में किया जाता है।
  • वे हमें लकड़ी देते हैं जिसका उपयोग किताबें, खिड़कियां बनाने और जलाने के लिए भी किया जाता है।
  • पेड़ हमें सेब, आम, केला, संतरा, कीवी आदि फल देते हैं।
  • बहुत से पेड़ो का उपयोग दवाई बनाने के लिए किया जाता है जो हमें बिमारियों से दूर रखती है।
  • जंगल हजारों जानवरों जैसे शेर, बाघ, हिरण, बंदर आदि का घर हैं।
  • हम पेड़ों के बिना नहीं रह सकते। इसलिए हमें हमेशा पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

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वृक्ष पर निबंध 100 शब्द (Tree Essay 100 words in Hindi)

पेड़ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं। पेड़ों के बिना जीवन बेहद कष्टमय हो जाएगा। हम कह सकते हैं कि जीवन हो जाएगा क्योंकि एक ठोस और अच्छी तरह से जीवन देने वाला एक पेड़ सबसे महत्वपूर्ण कोण है।

आजकल लोग बड़े चाव से पेड़ों को काट रहे हैं; अगर यह जारी रहा तो एक दिन ऐसा आएगा जब हमारे पास कोई पेड़ नहीं बचेगा। पेड़ हमें ऑक्सीजन देते हैं, जो हमारी सांसों के लिए जरूरी है।

दरअसल, पेड़ मिट्टी के क्षरण को रोक सकते हैं। इसलिए, हमें पेड़ों के महत्व को समझना चाहिए, और जब भी हम किसी एक को काट रहे हों, हमें एक पेड़ लगाना चाहिए।

वृक्ष पर निबंध 150 शब्द (Tree Essay 150 words in Hindi)

पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। वृक्षों के बिना पृथ्वी मृत और शुष्क हो जाएगी। किसी भी तरह से पानी नहीं होगा, बारिश नहीं होगी और जंगल नहीं होगा। पेड़ हमें ऑक्सीजन, छाया, जमीन से उपजे खाद्य पदार्थ ज्यादा देते हैं। वे लगभग 10,000 प्रकार के पक्षियों के लिए एक घर के रूप में भी काम करते हैं – पेड़ वनों का निर्माण करते हैं। पेड़ों के बिना जंगल नहीं होगा।

लोगों और जीवों को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। दरअसल, मछलियों को भी अपने गलफड़ों में ऑक्सीजन की जरूरत होती है। पेड़ उस ऑक्सीजन को बनाते हैं। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन (O2) देते हैं। दो बड़े पेड़ आपके परिवार के लिए एक साल का ऑक्सीजन पैदा कर सकते हैं। पेड़ों के बिना जीवन नहीं होगा।

उड़ने वाले जीवों का घर पेड़ों पर होता है। यह उनका मुख्य घर है। ये अतिरिक्त रूप से पेड़ों से भोजन प्राप्त करते हैं। लोग पेड़ों द्वारा दिए गए प्राकृतिक उत्पादों को भी खाते हैं। साथ ही इसे बाजार में नगद में बेच देते हैं। कुछ पेड़ हमें दवा, तेल और इलास्टिक आदि देते हैं। पेड़ बारिश के दौरान गंदगी को पकड़ कर रखते हैं।

वृक्ष पर निबंध 200 शब्द (Tree Essay 200 words in Hindi)

पेड़ पृथ्वी पर जीवन के लिए भगवान का सबसे प्रमुख आशीर्वाद हैं। वे ऑक्सीजन, भोजन, आश्रय और वर्षा देते हैं। पेड़ अतिरिक्त रूप से हवा को चैनल करते हैं और इसे स्वच्छ बनाते हैं। वृक्षों की जड़ें गन्दगी को बाँधकर उत्तम रखती हैं। पंख वाले जानवरों और प्राणियों के लिए, एक पेड़ एक घर जैसा दिखता है। यह एक विशिष्ट रूफटॉप ओवरहेड जैसा दिखता है।

पेड़ों के बिना, पक्षियों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उनके पास घर जाने और अंडे देने के लिए कोई जगह नहीं होगी। जल्द ही, इनमें से हर एक जीव धूल खाएगा। वे गर्मियों में पेड़ों के नीचे आराम करते हैं और इसी तरह बारिश से छिप जाते हैं। जीव और पंख वाले जानवर पेड़ों के उत्पाद खाते हैं: पेड़ पक्षियों और छोटे जीवों को उनके शिकारियों से बचाते हैं।

पेड़ तब तक हमारी मदद करते हैं जब तक वे खुद जीवित रहते हैं। वे इसी तरह तापमान की निगरानी में मदद करते हैं। ये गर्मियों में हवा को ठंडा करने में मदद करते हैं। हाथी और अन्य जीव पेड़ों की पत्तियों को खाते हैं।

जब वे गुजरते हैं तो वे किसी भी घटना में उपयोगी होते हैं। इनकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है। इसे खाना बनाने और गर्म करने के लिए तला जाता है। गिरी हुई पत्तियाँ कमाल की खाद हैं। पेड़ कई सालों तक जीवित रहते हैं और हमारी मदद करते हैं। जितनी संख्या में अनुमति मिल सकती है, उतनी संख्या में हमें पौधे लगाने चाहिए। हमें भी किसी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए और उसे जीवित रहने देना चाहिए।

वृक्ष पर निबंध 250 शब्द (Tree Essay 250 words in Hindi)

पेड़ विभिन्न आकृतियों और आकारों में आते हैं। कुछ विशाल होते हैं जबकि कुछ छोटे होते हैं, कुछ मोटे होते हैं और अन्य के तने सख्त होते हैं। दूसरे के तने सुन्दर और नाजुक होते हैं। कुछ मिट्टी के उत्पाद फूल देते हैं। जो भी हो, उनमें से प्रत्येक एक आशीष है—एक आशीष परमेश्वर ने हमें लक्ष्य दिया है कि हम विश्राम कर सकें।

हम चारों ओर ध्यान देने योग्य लेते हैं और ऑक्सीजन लेते हैं। वही ऑक्सीजन जो पेड़ पैदा करते हैं। क्या हम बिना ऑक्सीजन के रह पाएंगे? उपयुक्त प्रतिक्रिया नहीं है। यह उत्तर स्पष्ट करता है कि पृथ्वी पर जीवन के लिए पेड़ कितने महत्वपूर्ण हैं। वे दुनिया के जीवन भावनात्मक रूप से सहायक नेटवर्क हैं।

पेड़ों का भी असाधारण व्यापारिक सम्मान है। कागज बनाने के लिए पेड़ों की लकड़ी के मैश का उपयोग किया जाता है। उनका उपयोग खिड़कियां और प्रवेश द्वार बनाने के लिए किया जाता है। पेड़ बारिश के दौरान पानी रोकते हैं। यह पानी एक भूमिगत जल भंडार को भरता है। वे वैसे ही मिट्टी को बचने से रोकते हैं।

पेड़ स्कूलों में बच्चों को छाया भी देते हैं। ब्रेक के दौरान युवा पेड़ों के नीचे बैठकर खेलते हैं। पेड़ किसी स्थान को अद्भुत बनाते हैं। वे अशांति और संदूषण को कम करते हैं। पेड़ भी धूल को रोककर हवा को साफ रखते हैं।

पेड़ पंख वाले जीवों, गिलहरियों और कीड़ों के लिए घर हैं। पेड़ परिसंचरण तनाव और तनाव को कम करने के लिए जाने जाते हैं। पुराने पेड़ों में खोखले होते हैं जिनमें छोटे जीव और उड़ने वाले जीव रहते हैं। पेड़ कई सालों से हमारी मदद करते आ रहे हैं। कुछ धर्म पेड़ों को भगवान के रूप में मानते हैं। वे पेड़ के नीचे पूजा करते हैं और उसकी देखभाल करते हैं। हम सभी को एक पेड़ के बारे में सोचना चाहिए और दूसरा पौधा लगाना चाहिए। अच्छा होगा कि आप अपने घर में एक पौधा लगाएं। सड़क के किनारे एक और पेड़ लगाने से दूसरे लोगों को मदद मिलेगी।

पेड़ पर निबंध 300 शब्द (Tree Essay 300 words in Hindi)

पेड़ जीवित प्राणियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वे पृथ्वी पर हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे हमें जीवन के दो आवश्यक घटक प्रदान करते हैं जो भोजन और ऑक्सीजन हैं। इनके अलावा, पेड़ भी मनुष्य को कई लाभ प्रदान करते हैं और इस प्रकार उन्हें जीवन का सबसे आवश्यक हिस्सा माना जाता है।

पेड़ और पौधे ही हैं जो CO2 ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो हमारे जीवन को आगे बढ़ाते हैं। मनुष्य को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन सबसे आवश्यक तत्व है। साथ ही, कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस है जो ग्लोबल वार्मिंग की ओर ले जाती है। अत: प्रकृति का यह चक्र पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए वनीकरण से हवा शुद्ध होगी और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी मदद मिलेगी।

वृक्ष एक समृद्ध और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र की ओर भी ले जाता है जिसमें पशु, पक्षी, कीड़े और कई अन्य जीवित प्राणी अपने अस्तित्व और जीवन के लिए पेड़ों पर निर्भर होते हैं। पेड़ खाद्य श्रृंखला के निचले भाग में मौजूद होते हैं क्योंकि वे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं। इस प्रकार, वे बड़े पैमाने पर पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करते हैं और पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाते हैं। इसके अलावा, कई प्रकार की आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं पेड़ों से बनाई जाती हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

पेड़ पारिस्थितिकी तंत्र में पानी के संतुलन को भी बनाए रखते हैं, पेड़ों की जड़ें इस तरह से बनाई जाती हैं कि यह मिट्टी को मजबूती से पकड़ कर रखता है और बारिश और बाढ़ के दौरान इसे बहने नहीं देता है, इसलिए ये मिट्टी के कटाव और भूस्खलन को रोकने में मदद करते हैं।

पेड़ हवा और भोजन का एक समृद्ध स्रोत हैं और प्रकृति की सौंदर्य सुंदरता में भी योगदान करते हैं। लोग पेड़ों की गोद में आनंद लेते हैं क्योंकि प्रकृति स्वयं एक महान तनाव बस्टर है और लोगों को अच्छा और सक्रिय महसूस कराती है। पेड़ चिलचिलाती गर्मी में छाया भी देते हैं और हमें अपनी शांत और ठंडी हवा से राहत देते हैं।

इसलिए पेड़ मानव जीवन का अहम हिस्सा हैं। वे दवा और लकड़ी उद्योग में इसके विभिन्न उपयोगों के कारण देश के आर्थिक विकास में भी मदद करते हैं। इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम भगवान के ऐसे सुंदर प्राणियों को संरक्षित करें और इस प्रकार हमें वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए और पेड़ों के लिए हानिकारक गतिविधियों को हतोत्साहित करना चाहिए।

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पेड़ों पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पेड़ हमारे लिए कैसे महत्वपूर्ण हैं.

पेड़ महत्वपूर्ण हैं। पृथ्वी पर सबसे महान पौधों के रूप में, वे हमें ऑक्सीजन देते हैं, कार्बन जमा करते हैं, गंदगी को संतुलित करते हैं और दुनिया के प्राकृतिक जीवन को जीवन प्रदान करते हैं।

यूके में सबसे व्यापक रूप से पहचाने जाने वाले पेड़ कौन से हैं?

सिल्वर बर्च, ओक, बर्च और स्वीट चेस्टनट ब्रिटेन में पाई जाने वाली सबसे बुनियादी वृक्ष प्रजातियाँ हैं।

पेड़ों में क्या होता है?

पेड़ चीनी के कण बनाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड से कार्बन का उपयोग करते हैं। वुडी टिश्यू और पेड़ों की छाल में पेड़ के बायोमास का विशाल बहुमत शामिल होता है। लकड़ी और छाल सेल्युलोज के बने होते हैं।

पृथ्वी पर पहला पेड़ कौन सा था?

पहला पेड़ वाटिज़ा था, जिसके जीवाश्म 2007 में न्यूयॉर्क राज्य में पाए गए थे, जो मध्य डेवोनियन (लगभग 385 मिलियन वर्ष पूर्व) में वापस जा रहे थे।

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पेड़ हमारे सच्चे मित्र पर निबंध

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मानव का पेड़ पौधों के साथ अटूट रिश्ता रहा हैं। भारतीय संस्कृति में प्रकृति के अन्य चीजों की तरह पेड़ों की पूजा भी की जाती हैं। बरगद, तुलसी, नीम, खेजड़ी, पीपल जैसे पेड़ों में देवों का वास माना गया है। हम पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हमारी प्रकृति में पेड़ सबसे बड़े परोपकारी हैं वे हमारे लिए अपना सब कुछ निस्वार्थ ही दान कर देते हैं। हमारे जीवन में पेड़ों का बहुत महत्व है।

पेड़ धरतीमाता के प्यारे बेटे हैं। पेड़ों से हमें तरह तरह के फल मिलते हैं। फल खाने से शरीर स्वस्थ रहता है। पेड़ों के फूलों से खुशबू मिलती है। गरमी में पेड़ों की छाया बहुत सुखद होती है। पेड़ हमें प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान कर जीवन प्रदान करते ही हैं, साथ ही हरे भरे पेड़ वर्षा में ही सहायक हैं। घने जंगल बाढ़ आदि को रोकने तथा मिट्टी के कटाव को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं।

पेड़ अन्य कामों में भी आते हैं। पेड़ों से हमें लकड़ी मिलती है लकड़ी से छत, दरवाजे, खिड़कियाँ, कुर्सी, मेज आदि चीजें बनती हैं। कई पेड़ों की जड़, छाल और पत्तियों से दवाइयाँ बनती हैं। पेड़ पौधे वातावरण को स्वच्छ बनाने तथा संतुलन बनाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड को अपनी श्वसन क्रिया में उपयोग कर बदले में ऑक्सीजन प्रदान करते हैं।

पेड़ों के कई लाभ हैं ये हमें फल फूल यूँ ही उपहार में देते हैं। वृक्षों का सामूहिक नाम वन या जंगल हैं। प्रकृति ने मनुष्य को अपार वन सम्पदा की अमूल्य भेट दी हैं। हमारे जीवन के लगभग हर क्षेत्र में वृक्षों की महत्वपूर्ण उपस्थिति हैं। वृक्षों से हमें अनेक लाभ हैं।

वृक्ष हमें सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का स्रजन करते हैं। मन की प्रसन्नता और शांति प्रदान करते हैं। वृक्षों से हमें अनेक प्रकार के लाभदायक और आवश्यक पदार्थ प्राप्त होते हैं। ईधन, चारा, फल, फूल, औषधियाँ आदि अनेक वस्तुएं हैं। अनेक उद्योग वृक्षों पर आश्रित हैं। फर्निचर उद्योग, भवन निर्माण उद्योग, खाद्य पदार्थ, तेल मसाले, अनाज आदि से सम्बन्धित उद्योग, औषधि उद्योग वृक्षों पर ही निर्भर हैं। वृक्ष पर्यावरण को शुद्ध करते हैं। बाढ़ों को रोकते हैं। वर्षा को आकर्षित करते हैं। उपयोगी मिटटी के क्षरण को रोकते हैं।

सचमुच, पेड़ हमारे सच्चे मित्र हैं। हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए। ऐसे निष्कपट, परोपकारी सच्चे मित्रों का विकास करना हमारा नैतिक ही नहीं लाभप्रद दायित्व भी हैं। यदपि प्रकृति स्वयं वृक्षों का विकास करती हैं। किन्तु आज के उद्योग प्रधान और सुख साधनों पर केन्द्रित मानव जीवन ने वृक्षों के विनाश में ही अधिक योगदान किया हैं। मानव समाज का विकास वृक्षों के विकास का शत्रु सा बन गया हैं। अतः हमें वृक्षों के विकास और संरक्षण पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

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Hindi Essay on “Ped Hamare Mitra”, “पेड़ हमारे मित्र ” Hindi , Paragraph, Speech, Nibandh for Class 6, 7, 8, 9, 10 Students.

पेड़ हमारे मित्र

Ped Hamare Mitra 

हमारे जीवन में पेड़ों का बड़ा महत्त्व है। पेड़ धरती माता के प्यारे बेटे हैं।

पेड़ हमारे बहुत काम आते हैं। पेडों से हमें लकड़ी मिलती है। लकड़ी से छत, दरवाजे, खिड़कियाँ, कुर्सी, मेज आदि चीजें बनती हैं। पेड़ों के फूलों से खुशबू मिलती है। कई पेड़ों की जड़, छाल, पत्तियों से दवाइयाँ बनती हैं।

पेड़ों से हमें बढ़िया-बढ़िया फल मिलते हैं। फल खाने से शरीर स्वस्थ रहता है। गरमी में पेड़ों की छाया बड़ा सुख देती है।

सचमुच, पेड़ हमारे सच्चे मित्र हैं। हमें उनकी रक्षा तथा देखभाल करनी चाहिए।

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पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध Trees Our Best Friend In Hindi

Trees Our Best Friend In Hindi पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध: जीवन में जो हमारा साथ निभाता है उसे हम मित्र कहते हैं. पेड़ पौधे भी हमारे जीवन के लिए अपना सब कुछ त्याग कर देते हैं.

trees are our friends पेड़ हमारे लिए एक मित्र के रूप में हमें अपनी ठंडी छाँव, प्राणदायी ऑक्सीजन, ईमारती लकड़ी व हमारे पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं.

आज trees our best friend essay, Paragraph, Speech में हम पेड़ों के महत्व के बारे में विस्तार से जानेगे.

पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध Trees Our Best Friend In Hindi

मानव का पेड़ पौधों के साथ अटूट रिश्ता रहा हैं. भारतीय संस्कृति में प्रकृति के अन्य चीजों की तरह पेड़ों की पूजा भी की जाती हैं. बरगद, तुलसी, नीम, खेजड़ी, पीपल जैसे पेड़ों में देवों का वास माना गया हैं.

हम पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. हमारी प्रकृति में पेड़ सबसे बड़े परोपकारी हैं वे हमारे लिए अपना सब कुछ निस्वार्थ ही दान कर देते हैं.

पेड़ हमें प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान कर जीवन प्रदान करते ही हैं, साथ ही हरे भरे पेड़ वर्षा में ही सहायक हैं. घने जंगल बाढ़ आदि को रोकने तथा मिट्टी के कटाव को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं.

पेड़ पौधे वातावरण को स्वच्छ बनाने तथा संतुलन बनाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. हमारे द्वारा छोड़ी गई co2 को अपनी श्वसन क्रिया में उपयोग कर बदले में ऑक्सीजन प्रदान करते हैं. 

यदि धरा पर पेड़ नहीं होंगे तो समस्त भूमि बंजर एवं मरुस्थल में तब्दील हो जाएगी. पेड़ों के कई लाभ हैं ये हमें फल फूल यूँ ही उपहार में देते हैं. हमारे घर बनाने की इमारती लकड़ी तथा ईधन के लिए लकड़ी भी वनों से ही प्राप्त होती हैं.

सुदूर हिमालय तथा वनों में कई जीवनउपयोगी प्रजाति के पेड़ व झाड़ियाँ पाई जाती हैं, जिनसे हमारे जीवन रक्षक दवाइयों का निर्माण होता हैं. इस तरह न केवल पेड़ हमें जीवन देते है बल्कि स्वास्थ्य में भी अपना योगदान देते हैं.

पेड़ हमारे मित्र निबंध Essay On Trees Our Best Friend In Hindi Language

पेड़ हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं, वे बेस्वार्थ हमें अपने अमूल्य रत्न देते हैं. मगर यह विडम्बना ही है कि हम पेड़ों को अपना दुश्मन मान बैठे हैं. निरंतर पेड़ों की कटाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं, वन निरंतर समाप्त हो रहे हैं.

प्रदूषण की समस्या ने सम्पूर्ण पर्यावरण को जकड़ लिया हैं. हमने जिस सुरक्षा कवच को तोड़ने का साहस किया है, यदि समय रहते हमने अपनी नादानियाँ बंद नही की तो इसका परिणाम बेहद भयानक होगा.

हमें चाहिए कि हम पेड़ों को अपना मित्र समझे, समय समय पर वृक्षारोपण करे तथा लोगों को भी जागरूक करे, ताकि भविष्य में आने वाली बड़ी समस्याओं को समय रहते टाला जा सके.

पेड़ कई प्राकृतिक आपदाओं में हमारे रक्षक के रूप में पहरा देते हैं. हमें यह संदेश जन जन तक पहुचाकर तेजी से हो रही वृक्षों की कटाई पर रोकथाम लगानी होगी.

धरती पर पेड़ ही हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं, हम उन्हें एक बाल्टी भर पानी और उसकी देखभाल तक नहीं कर सकते मगर पेड़ अपना कर्तव्य पूर्ण निष्ठा के साथ निभाते हैं.

परोपकारी पेड़ों से सीखकर हमें उनकी इस ईमानदारी के साथ कर्तव्य पालन के गुण को अपनाना चाहिए. तेज गर्मी में जब शरीर तर बतर हो जाता है तो पेड़ ही हमारा सहारा बनते है तथा अपनी ठंडी छाव में हमें विश्राम करने का अवसर देते हैं.

व्यक्ति जब भी जीवन में थकावट महसूस करता हैं. तो वह हरी भरी हरियाली तथा घने पेड़ों से सुसज्जित प्रकृति की गोद में जा बैठता हैं. प्रकृति का यह हरा रंग, एकांत का माहौल, स्वच्छ वायु जीवन में नई ताजगी एवं उत्साह भर देते हैं.

हम पर्यटन के लिए वनों का रूख करते है, क्योंकि घने पेड़ों के बीच हमारे मन को शान्ति मिलती हैं. मगर हम इसी तरह प्रकृति के दुश्मन बनकर मित्र रुपी पेड़ों को काटना जारी रखेगे तो हरा रंग देखने तथा हरियाली के दर्शन को आँखे तरस जाएगी.

सोचिये यदि पेड़ नहीं होते तो क्या हम अपना घर, घर में काम आने वाली लकड़ी की वस्तुएं उपयोग में ले पाते. क्या जून महीने की दोपहरी में छायादार वृक्षों की छाया जैसा आनन्द हमें कोई एयरकंडिशनर दे पाएगा.

पेड़ों का सुकून उनके हमारे घरों बगीचों एवं खेतों में लहलहाते समय ही मिलता हैं. हमें तमाम तरह के फल और फूल इन पेड़ों की ही देन हैं जो पाताल से जल सोखकर आम, केला, नारियल, सेब जैसे हजारों फल व सब्जियां मुफ्त में देकर हमारा पेट भरने का काम करते हैं.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि भगवान् ने पेड़ों को हमारा सच्चा मित्र बनाकर भेजा हैं. वे एक सच्चे मित्र की तरह हमारे सूखी जीवन के लिए अपना सब कुछ निस्वार्थ ही दे देते हैं.

हम निस्वार्थी होकर उन्ही पेड़ों को काटने जैसा पाप करते हैं. आज हमें संकल्प लेना चाहिए, कि आज के बाद कोई भी हरा पेड़ हम न काटेगे बल्कि हर साल नयें पेड़ लगाएगे.

पेड़ मनुष्य के मित्र निबंध Essay On Trees Our Best Friend In Hindi

वृक्षों का महत्व – वृक्ष और मानव दोनों ही प्रकृत्ति की सन्तान हैं. वृक्ष अग्रज है जो उन पर निर्भर मानव उनके अनुज है. हमारे जीवन में वृक्षों का सदा से ही महत्व रहा हैं. वृक्ष हमारे सच्चे मित्र हैं.

सुख दुःख के साथी हैं. इनका ह्रदय बड़ा उदार हैं. ये हमें देते ही देते हैं. हमसे बदले में केवल मित्रता की अपेक्षा रखते हैं. ये पर्यावरण के संरक्षक हैं. वृक्षों के अभाव में सुखी और सम्रद्ध जीवन की कल्पना असम्भव हैं.

वृक्षों के लाभ- वृक्षों का सामूहिक नाम वन या जंगल हैं. प्रकृति ने मनुष्य को अपार वन सम्पदा की अमूल्य भेट दी हैं. हमारे जीवन के लगभग हर क्षेत्र में वृक्षों की महत्वपूर्ण उपस्थिति हैं. वृक्षों से हमें अनेक लाभ हैं.

  • वृक्ष हमें सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का स्रजन करते हैं. मन की प्रसन्नता और शांति प्रदान करते हैं.
  • वृक्षों से हमें अनेक प्रकार के लाभदायक और आवश्यक पदार्थ प्राप्त होते हैं. ईधन, चारा, फल, फूल, औषधियाँ आदि अनेक वस्तुएं हैं.
  • अनेक उद्योग वृक्षों पर आश्रित हैं. फर्निचर उद्योग, भवन निर्माण उद्योग, खाद्य पदार्थ, तेल मसाले, अनाज आदि से सम्बन्धित उद्योग, औषधि उद्योग वृक्षों पर ही निर्भर हैं.
  • वृक्ष पर्यावरण को शुद्ध करते हैं. बाढ़ों को रोकते हैं. वर्षा को आकर्षित करते हैं. उपयोगी मिटटी के क्षरण को रोकते हैं.

वृक्षों का विकास- ऐसे निष्कपट, परोपकारी सच्चे मित्रों का विकास करना हमारा नैतिक ही नहीं लाभप्रद दायित्व भी हैं.

यदपि प्रकृति स्वयं वृक्षों का विकास करती हैं. किन्तु आज के उद्योग प्रधान और सुख साधनों पर केन्द्रित मानव जीवन ने वृक्षों के विनाश में ही अधिक योगदान किया हैं.

मानव समाज का विकास वृक्षों के विकास का शत्रु सा बन गया हैं. अतः हमें वृक्षों के विकास और संरक्षण पर अधिक ध्यान देना चाहिए.

वृक्षों का विकास अधिकाधिक वृक्षारोपण और वनों, उपवनों, पार्कों आदि के संरक्षण से ही संभव हैं. नई नई योजनाओं में वृक्षों की अविवेकपूर्ण और अंधाधुंध कटाई पर नियंत्रण आवश्यक हैं.

वृक्षों और वनों के साथ ही मानव जाति का कुशल क्षेम जुड़ा हुआ हैं. अतः वन संपदा का संरक्षण परम आवश्यक हैं. वृक्षारोपण और वृक्ष संरक्षण को एक अभियान के रूप में चलाना शासन का दायित्व हैं.

हमारा दायित्व- यदपि शासन और प्रशासन के स्तर से वृक्ष संरक्षण की दिशा में अधिक सक्रियता की आशा हैं. तथापि हमारा अर्थात समाज के प्रत्येक वर्ग का, यह दायित्व हैं कि वह अपनी अपनी क्षमता और संसाधनों से वृक्षमित्रों की सुरक्षा में तत्पर हो.

वृक्षों को हानि पहुचाने वालों की सूचना ngt राष्ट्रीय हरित न्यायिकरण को दे. राष्ट्रीय, धार्मिक तथा सामाजिक पर्वों, उत्सवों दिवसों आदि पर वृक्षारोपण कराए जाए, छात्र छात्राएं वृक्षारोपण में विशेष रूचि ले.

गृहिणिया घरों में गृह वाटिकाएं लगाने में रूचि ले. विवाह में गोदान नहीं, वृक्ष दान की परम्परा चलाए. समाज के प्रतिस्थित और प्रभावशाली महाशय विभिन्न आयोजनों में तथा मिडिया के माध्यम से वृक्षों की सुरक्षा और आरोपण की प्रेरणा दे.

पर उपकारी विरछ सौ, नाहिं बिरछ सौ मित्र पाथर मारें देत फल, तरु की नीति विचित्र

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पेड हमारे मित्र.

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पेड हमारे मित्र 

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मित्रता पर निबंध-Essay On Friendship In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)

मित्रता पर निबंध-essay on friendship in hindi.

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मित्रता पर निबंध 1 (100 शब्द)

मित्रता “अनमोल रत्न” के समान होते है। जीवन में सच्चा मित्र मिलना सौभाग्य से कम नहीं होता है। वह मनुष्य के सुख को बढ़ा देता है और उसके दुःख को बाँट लेता है। सच्चा मित्र मुश्किल घड़ी में अपने दोस्त का साथ देता है। सच्चा मित्र हो तो जिन्दगी के मुश्किल भरे पल भी सरल हो जाते है। भगवान् श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती की मिसाल सभी देते है।

मित्रता में कोई भेदभाव नहीं होता है। सच्चा मित्र रोशनी की भाँती अपने मित्र को सही राह दिखाता है। मुश्किल हालातों में सच्चा मित्र हमेशा साथ देता है और अपने मित्र को संभालता है। जीवन के मुश्किलों को सरल एक सच्चा मित्र बना सकता है। वह अपने मित्र का हमेशा भला चाहता और उसकी परवाह करता है।

मित्रता पर निबंध 2 (200 शब्द)

मानव कभी अपने पन से तो कभी मातृत्व भावों को जगाकर या अनुभव कर या प्रेमिक सम्बन्ध के सहारे जीवन जीता हैं। व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन तक ये सम्बन्धों कभी जेवर बनकर काम आते है तो कभी कभी बोझ बनकर इंसान को झुका देते हैं। ऐसे ही सम्बन्धों में मित्रता भी एक अहम सम्बन्ध हैं जो बालपन से आरम्भ होकर अंतिम साँस तक बनाई और निभाई जाती हैं।

किन्तु एक सच्चे मित्र की पहचान विपरीत समय आने पर ही होती हैं। बालपन की दोस्ती अधिक पवित्र, लोभ रहित तथा आनन्द से परिपूर्ण होती हैं। बालकपन की मित्रता मनभावन होती हैं किन्तु किशोरावस्था में यह गंभीर, दृढ तथा शांत स्वरूप धारण कर लेती हैं।

अक्सर एक आदर्श मित्र का भरोसा किसी पर कर देने से लोग मित्रता की कसोटी पर खरे नहीं उतर पाते हैं। जो मित्रता धन, दौलत, रूप, प्रतिभा आदि के वशीभूत होकर की जाती हैं।

युवावस्था में मित्रता का गुण बेहद कम हो जाता हैं जिन्हें भी मित्र बनाया जाता हैं बेहद सतर्कता के साथ यह सम्पन्न किया जाता हैं, क्योंकि इस उम्रः में पड़ी दोस्ती की नीव ताउम्र रहती हैं।

एक सच्चा मित्र अपने मित्र को हमेशा उचित कार्य करने की सलाह देता है। लेकिन इस विश्व में सच्चे मित्र को ढूँढ़ पाना बहुत कठिन है।

मित्रता पर निबंध 3 (300 शब्द)

भूमिका :  दोस्ती एक अनमोल रिश्ता है जिसके जैसा कोई नही है। मनुष्य अपने सम्पूर्ण जीवन में कई रिश्ते निभाता है। एक पुत्र या पुत्री, एक बाप, एक माँ, पति या पत्नी इत्यादि कई रिश्ते इंसान सामाजिक परिवेश में निभाता है। दोस्ती का रिश्ता ना जन्म से होता है और ना ही विवाह के बाद बाद होता है। यह रिश्ता अटूट विश्वास और प्रेम से आता है।

दोस्ती की परिभाषा हर व्यक्ति के जीवन को साकार करती है। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई शख्श हो जिसका कोई दोस्त ना हो। मित्रता या दोस्ती का सिलसिला स्कूल के दिनों से चलता है जो उम्र भर रहता है। बचपन से बुढ़ापे तक आपके दोस्त बनते रहते है।

मित्रता का महत्व :  दोस्ती एक अनमोल धन के भांति होती है जो समय आने पर आपकी मदद करता है। सच्ची मित्रता निःस्वार्थ होती है जिसमें किसी का कोई स्वार्थ नही छिपा होता है। मित्रता ना जाति देखती है और ना ही धर्म, वो केवल विश्वास और प्रेम की भूखी होती है। मित्रता किसी के भी बीच हो सकती है। चाहे वो किसी भी धर्म या जाति के मानने वाले हो। स्त्री पुरुष हो या लड़का लड़की हो, मित्रता की कोई बंदिश नही है। एक अमीर भी किसी गरीब का मित्र हो सकता है।

उपसंहार : सच्चे मित्र की कदर हमेशा करनी चाहिए। एक सच्चा मित्र जीवन में मानसिक संतुष्टि लाता है। वह हमारी खामियों को नज़र अंदाज़ करके हम जैसे है वैसे ही अपनाता है।  सच्चा मित्र सही माईनो में अनमोल रत्न और कीमती संपत्ति के भाँती होते  है।संपत्ति और धन को वापस पाया जा सकता है , लेकिन सच्चे मित्र की मित्रता खोने से वह वापस नहीं आती है।

मित्रता पर निबंध 4 (400शब्द)

भूमिका : जीवन में प्रगति करने और उसे सुखमय बनाने के लिए अनेक वस्तुओं और सुख साधनों की आवश्यकता पडती है। परंतु एक साधन मित्रता के प्राप्त होने पर सभी साधन अपने आप ही इकट्ठे हो जाते हैं। एक सच्चे मित्र की प्राप्ति सौभाग्य की बात होती है। मित्र वह व्यक्ति होता है जिसे कोई पसंद करे, सम्मान करे और जिससे प्रेम मिले।

मित्रता अमूल्य है :  मित्र बनाना सरल नहीं होता है। एक मनुष्य के अंदर कुछ विशेषताएं होनी जरूरी होती हैं। एक मनुष्य को अपने मित्र पर विश्वास करना चाहिए। एक मित्र को हमेशा अपने मित्र में दोष नहीं निकालने चाहिएँ। सच्ची मित्रता दोनों में ही समान होनी चाहिए। मित्रता का कोई मोल नहीं लगाया जा सकता है।

इंसान एक सामाजिक प्राणी है जिसे बंधन की आस होती है। यह बंधन प्रेम, विश्वास, जिम्मेदारी का होता है। दोस्ती भी एक विश्वास का बंधन है और जो सच्ची दोस्ती होती है, वह अटूट बंधन से युक्त होती है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो उम्र के बंधनों से परे होता है। समाज में जीवन व्यतीत करते हुए कई व्यक्ति आपके सम्पर्क में आते है जिनमे कोई सच्चा होता है तो कोई झूठा। यह आप पर निर्भर है कि सच्चे दोस्त की परख कैसे करते है।

सच्चे मित्र की पहचान :  बुरे लोग दोस्ती को तोड़ने का प्रयास करते है। यह जलनवश और बुराइवश लोगो के बीच दरार डालते है। ऐसे लोगो से हमे बचना चाहिए और हमें उनकी कही गयी बातों पर विश्वास नही करना चाहिए। अगर कभी भी दोस्ती में तल्खी आये तो आपस में बात करे। ऐसा नही है कि प्रत्येक दोस्त ही आपका सच्चा मित्र है।

कुछ दोस्त केवल स्वार्थ के कारण ही आपके मित्र बनते है। जब उनका स्वार्थ या काम पूरा हो जाता है तो मित्रता तोड़ लेते है। ऐसे धोखेबाज मित्रो से बचना चाहिए क्योंकि ऐसे दोस्त ही दोस्ती के पवित्र रिश्ते को बदनाम करते है। एक सच्चा दोस्त आपका शुभचिंतक होता है जो हमेशा आपकी भलाई की कामना करता है।

उपसंहार :  लोगों को हमेशा यही कामना होती है कि उनकी मित्रता उम्र भर चलती रहे जिंदगी में कभी भी ऐसा पल न हो जिसकी वजह से हमारी दोस्ती में कमी आये। मित्रता में हमेशा मित्र के उज्ज्वल भविष्य की कामना की जाती है। मित्रता वह खजाना होता है जिससे व्यक्ति किसी भी प्रकार की अच्छी वस्तु प्राप्त कर सकता है।

मित्रता पर निबंध 5 (500शब्द)

भूमिका :  मित्रता वह भावना होती है जो दो मित्रों के ह्रदयों को जोडती है। एक सच्चा मित्र नि:स्वार्थ होता है। वह जरूरत पड़ने पर अपने मित्र की हमेशा सहायता करता है। एक सच्चा मित्र अपने मित्र को हमेशा उचित कार्य करने की सलाह देता है। लेकिन इस विश्व में सच्चे मित्र को ढूँढ़ पाना बहुत कठिन है।

मित्रता का अर्थ :  मित्रता का शाब्दिक अर्थ होता है मित्र होना। मित्र होने का अर्थ यह नहीं होता है कि वे साथ रहते हो, वे एक जैसा काम करते हों। मित्रता का अर्थ होता है जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का शुभचिंतक हो अथार्त परस्पर एक-दूसरे के हित की कामना तथा एक-दूसरे के सुख, उन्नति और समृद्धि के लिए प्रयत्नशील होना ही मित्रता है।

मित्र बनाना एक कला :   मित्र बनाना एक विज्ञान है, मित्रता बनाए रखना भी एक कला होती है। जब मित्र एक-दूसरे के प्रति दयालु और सहनशीलता नहीं रखते हैं तो मित्रता का अंत हो जाता है। मित्रता का उद्देश्य सेवा करवाने की अपेक्षा सेवा करना होना चाहिए। मनुष्य को कोशिश करनी चाहिए कि वह ज्यादा-से-ज्यादा अपने मित्र की सहायता कर सके। मनुष्य को सच्चे और झूठे मित्र में अंतर करना आना चाहिए।

सच्चे मित्र की पहचान :  मित्रता आपसी विश्वास, स्नेह और आम हितों के आधार पर एक संबंध है। सच्चे मित्र की पहचान उसके अंदर के गुणों से होती है। जो व्यक्ति आपको सच्चे दिल से प्रेम करता है वहीं एक सच्चे मित्र की पहली पहचान होती है। एक सच्चा मित्र किसी से भी किसी भी बात को नहीं छिपाता है।

एक सच्चा मित्र कभी भी अपने दोस्त के सामने दिखावा नहीं करता है और न ही उससे झूठ बोलता है। एक सच्चे मित्र का विश्वास ही प्रेम का प्रमाधार होता है। एक सच्चा मित्र हमेशा अपने दोस्त को अवगुणों और कुसंगति से हमेशा दूर रहने की प्रेरणा देता है। एक सच्चा मित्र कभी-भी मित्रता में छल-कपट नहीं करता है।

एक सच्चा मित्र, मित्र के दुःख में दुखी और सुख में सुखी होता है। एक सच्चा मित्र हमेशा अपने मित्र के दुखों में अपने दुखों को भी भूल जाता है। एक सच्चा मित्र कभी-भी किसी-भी तरह के जातिवाद को अपने मित्रता के बीच नहीं आने देता है।

उपसंहार :   मित्रता एक ऐसा रिश्ता होता है जिसे किसी अन्य रिश्ते से नहीं तोला जा सकता है। अन्य रिश्तों में हम शिष्टाचार की भावना से जुड़े होते हैं लेकिन मित्रता में हम खुले दिल से जीवन व्यतीत करते हैं। इसी वजह से मित्र को अभिन्न ह्रदय भी कहा जाता है।

मित्रता पर निबंध 6 (700 शब्द)

मित्रता वह भावना होती है जो दो मित्रों के ह्रदयों को जोडती है। एक सच्चा मित्र नि:स्वार्थ होता है। वह जरूरत पड़ने पर अपने मित्र की हमेशा सहायता करता है। एक सच्चा मित्र अपने मित्र को हमेशा उचित कार्य करने की सलाह देता है। लेकिन इस विश्व में सच्चे मित्र को ढूँढ़ पाना बहुत कठिन है।

मित्रता अमूल्य है :   मित्र बनाना सरल नहीं होता है। एक मनुष्य के अंदर कुछ विशेषताएं होनी जरूरी होती हैं। एक मनुष्य को अपने मित्र पर विश्वास करना चाहिए। एक मित्र को हमेशा अपने मित्र में दोष नहीं निकालने चाहिएँ। सच्ची मित्रता दोनों में ही समान होनी चाहिए। मित्रता का कोई मोल नहीं लगाया जा सकता है।

मित्रता का महत्व :  मित्रता का बहुत महत्व होता है। जब भी कोई व्यक्ति किसी अन्य के साथ स्वंय को परिपूर्ण समझे, उसके साथ उसकी मुसीबतों को अपना समझे, अपने गमों को उसके साथ बाँट सके। भले ही दोनों में खून का संबंध न हो, जातीय संबंध न हो और न ही इंसानी, सजीवता का संबंध लेकिन फिर भी वो भावनात्मक दृष्टि से उससे जुड़ा हुआ हो यही मित्रता का अर्थ होता है।

कई व्यक्ति ईश्वर से भी मित्रता करते हैं। वे सभी ईश्वर से अपने दिल की बातें करते हैं। वे भगवान से अपना सुख-दुःख कहकर अपना मन हल्का करते हैं। ईश्वर में आस्था ही ईश्वर से मित्रता कहलाती है। इन सब बातों का यह मतलब है कि मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो अकेला नहीं रह सकता है। उसे अपने दिल की बात कहने के लिए किसी-न-किसी साथी की जरूरत होती है फिर चाहे वो कोई इंसान हो, जानवर हो या फिर कोई निर्जीव सी वस्तु अथवा भगवान हो।

समाज में मनुष्य :  मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी होने की वजह से वह अकेला जीवन यापन नहीं कर सकता है। वह सदैव अपने आस-पास के लोगों से मेल-जोल रखने की कोशिश करता है। हर मनुष्य के जीवन में कई लोग संपर्क में आते हैं और कई लोग सहयोग का आदान-प्रदान भी करते हैं।

लेकिन संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति से प्रेम नहीं हो सकता है। प्रेम केवल उन व्यक्तियों से होता है जिनके विचारों में समानता होती है। ज्यादातर समान आयु, समान विचार, समान उद्योगों के लोगों के साथ ही मित्रता होती है। इसी तरह से मेरे भी उक्त दृष्टी से बहुत से दोस्त हैं। कुछ दोस्त हमारे आस-पास रहने वाले, हमारी उम्र के, और हमारे साथ पढने वाले विद्यार्थी होते हैं। इस तरह से मेरे भी बहुत से दोस्त हैं।

लोगों को हमेशा यही कामना होती है कि उनकी मित्रता उम्र भर चलती रहे जिंदगी में कभी भी ऐसा पल न हो जिसकी वजह से हमारी दोस्ती में कमी आये। मित्रता में हमेशा मित्र के उज्ज्वल भविष्य की कामना की जाती है। मित्रता वह खजाना होता है जिससे व्यक्ति किसी भी प्रकार की अच्छी वस्तु प्राप्त कर सकता है।

मित्रता पर निबंध 7 (1000 शब्द)

मित्रता का अर्थ : मित्रता का शाब्दिक अर्थ होता है मित्र होना। मित्र होने का अर्थ यह नहीं होता है कि वे साथ रहते हो, वे एक जैसा काम करते हों। मित्रता का अर्थ होता है एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का शुभचिंतक हो अथार्त परस्पर एक-दूसरे के हित की कामना तथा एक-दूसरे के सुख, उन्नति और समृद्धि के लिए प्रयत्नशील होना ही मित्रता है।

मित्रता सिर्फ सुख के ही क्षणों की कामना नहीं करती हैं। दुःख के पलों में भी मित्रता ढाल बनकर आती है और मित्र की रक्षा के लिए तत्पर होती है। मित्रता के लिए कोई भी नियम नहीं होता है अत: मित्रता किस से करनी चाहिए इस संबंध में निश्चित नियम निर्धारित नहीं हो सकते हैं।

अवस्था के अनुसार ही मित्रता हो सकती है जैसे बालक, बालक के साथ ही रहना और मित्रता करना पसंद करता है, युवक, युवक के साथ और वृद्ध व्यक्ति वृद्ध के साथ ही मित्रता करना पसंद करता है। प्राय: देखा जाता है कि पुरुष, पुरुष के साथ और स्त्रियाँ, स्त्रियों के साथ ही मित्रता करते हैं लेकिन यह भी एक अनिवार्य नियम होता है।

संक्षेप में कहा जा सकता है कि मित्र वह साथी होता है जिसे हम अपने सभी रहस्यों, संकटों और सुखों के साथी बनाते हैं। जिससे हम प्रवृत्तियों और आदतों से भिन्न होने पर भी प्यार करते हैं और उसे चाहते हैं। दोस्ती से एक मनुष्य को एक अच्छा दोस्त बनने, अच्छे वफादार दोस्त बनाने और आपकी दोस्ती को मजबूत रखने में मदद मिलेगी।

मित्रता का महत्व : मित्रता का बहुत महत्व होता है। जब भी कोई व्यक्ति किसी अन्य के साथ स्वंय को परिपूर्ण समझे, उसके साथ उसकी मुसीबतों को अपना समझे, अपने गमों को उसके साथ बाँट सके। भले ही दोनों में खून का संबंध न हो, जातीय संबंध न हो और न ही इंसानी, सजीवता का संबंध लेकिन फिर भी वो भावनात्मक दृष्टि से उससे जुड़ा हुआ हो यही मित्रता का अर्थ होता है।

एक राइटर को अपने कलम अपनी डायरी से भी वैसा ही लगाव होता है जैसा किसी मित्र से होता है। बचपन में छोटे बच्चों को अपने खिलौने से बहुत लगाव होता है वे उनसे बातें करते हैं, लड़ते हैं जैसे किसी मित्र के साथ उनका व्यवहार होता है वैसा ही व्यवहार वे उस खिलौने के साथ करते हैं।

समाज में मनुष्य : मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी होने की वजह से वह अकेला जीवन यापन नहीं कर सकता है। वह सदैव अपने आस-पास के लोगों से मेल-जोल रखने की कोशिश करता है। हर मनुष्य के जीवन में कई लोग संपर्क में आते हैं और कई लोग सहयोग का आदान-प्रदान भी करते हैं।

मित्रता अमूल्य है : मित्र बनाना सरल नहीं होता है। एक मनुष्य के अंदर कुछ विशेषताएं होनी जरूरी होती हैं। एक मनुष्य को अपने मित्र पर विश्वास करना चाहिए। एक मित्र को हमेशा अपने मित्र में दोष नहीं निकालने चाहिएँ। सच्ची मित्रता दोनों में ही समान होनी चाहिए। मित्रता का कोई मोल नहीं लगाया जा सकता है।

मित्र बनाना एक कला : मित्र बनाना एक विज्ञान है, मित्रता बनाए रखना भी एक कला होती है। जब मित्र एक-दूसरे के प्रति दयालु और सहनशीलता नहीं रखते हैं तो मित्रता का अंत हो जाता है। मित्रता का उद्देश्य सेवा करवाने की अपेक्षा सेवा करना होना चाहिए। मनुष्य को कोशिश करनी चाहिए कि वह ज्यादा-से-ज्यादा अपने मित्र की सहायता कर सके। मनुष्य को सच्चे और झूठे मित्र में अंतर करना आना चाहिए। एक झूठा मित्र हमेशा अपने स्वार्थ के लिए मित्रता करता है लेकिन ऐसी मित्रता अधिक दिनों तक नहीं टिकती है। ऐसे झूठे मित्रों से हमेशा सावधान रहना चाहिए।

ऐतिहासिक और वर्तमान मित्रता में अंतर : हमारा इतिहास दोस्ती के उदाहरणों से भरा हुआ है। प्राचीन समय में सभी मनुष्यों में एकता होती थी। मनुष्य ज्यादा सामाजिक था इसीलिए मित्रता को सर्वोपरी रखता था। इसी कारण से उस समय में धोखा धड़ी जैसे अपराध नहीं होते थे। दोस्ती के बहुत से उदाहरण पौराणिक काल में भी मिलते हैं जैसे श्री कृष्ण और सुदामा की दोस्ती, राम एवं सुग्रीव की दोस्ती, पृथ्वी राज चौहान और चन्द्रवरदायी की मित्रता, महाराणा प्रताप और उनके घोड़े चेतक की दोस्ती आदि।

ये सभी ऐसे प्रमाण हैं जो आज हमें मित्रता का सही महत्व या मित्रता का अर्थ सिखाते हैं। लेकिन आज के समय में मित्रता की परिभाषा बिलकुल बदल गई है। पहले समय में दोस्ती को मरते दम तक निभाया जाता था लेकिन आज के समय में एक माह या दो माह से भी ज्यादा टिक नहीं पाती है।

सच्चे मित्र की पहचान : मित्रता आपसी विश्वास, स्नेह और आम हितों के आधार पर एक संबंध है। सच्चे मित्र की पहचान उसके अंदर के गुणों से होती है। जो व्यक्ति आपको सच्चे दिल से प्रेम करता है वहीं एक सच्चे मित्र की पहली पहचान होती है। एक सच्चा मित्र किसी से भी किसी भी बात को नहीं छिपाता है।

उपसंहार : मित्रता एक ऐसा रिश्ता होता है जिसे किसी अन्य रिश्ते से नहीं तोला जा सकता है। अन्य रिश्तों में हम शिष्टाचार की भावना से जुड़े होते हैं लेकिन मित्रता में हम खुले दिल से जीवन व्यतीत करते हैं। इसी वजह से मित्र को अभिन्न ह्रदय भी कहा जाता है।

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वृक्षारोपण पर निबंध (Vriksharopan Essay In Hindi)

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हमारे देश में नहीं अपितु पूरे विश्व में भी वनों का विशेष महत्व है। वन ही प्रकृति की महान शोभा के भंडार है। वनों के द्वारा प्रकृति का जो रूप खिलता है, वह मनुष्य को प्रेरित करता है।दूसरी बात यह है कि वन ही मनुष्य, पशु- पक्षी, जीव -जंतु आदि के आधार है। वन के द्वारा ही सब के स्वास्थ्य की रक्षा होती है।

एक वृक्ष दस पुत्रों के समान होता है। इसलिए वृक्ष हमारे जीवन का एक आधार है जो केवल थोड़ा सा पानी और सूर्य की किरणे मांगते हैं। बदले में फल, सब्जी और पेड़ों की मीठी छाव हमें प्रदान करते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि अपने पूरे जीवन में एक वृक्ष तो जरूर लगाएं।

अब प्रश्न है कि वृक्षारोपण की आवश्यकता क्यों होती है? इसके उत्तर में हम यह कह सकते हैं कि वृक्षारोपण की आवश्यकता इसलिए होती है, ताकि वृक्ष सुरक्षित रहे। उनके स्थान रिक्त न हो सके। क्योंकि अगर वृक्ष या वन नहीं रहेंगे तो हमारा जीवन शून्य होने लगेगा।

बांस की लकड़ी और घास से हमें कागज प्राप्त हो जाता है। जो हमारे कागज उद्योग का मुख्य आधार है। वनों की पत्तियां, घास, पौधे, झाड़ियां की अधिकता के कारण से भूमि का कटाव तीव्र गति से ना होकर मंद गति से होता है, या नहीं के बराबर होता है।

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‘वृक्ष की उपयोगिता’, इस विषय पर अपने विचार लिखिए। - Hindi

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‘वृक्ष की उपयोगिता’, इस विषय पर अपने विचार लिखिए।

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वृक्ष मनुष्यों के पुराने साथी रहे हैं। वृक्ष समस्त चराचर में व्याप्त मानव औरप्राणियों के लिए उपयुक्त हैं। पेड़ों की छाया धूप और वर्षा से उसकी मदद करती है। वृक्षों की शीतलता हमें उल्हासित कर देती हैं। पेड़ों की हरियाली मनुष्य का मन प्रसन्न करती है। वृक्ष मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। अनेक औषधीय वृक्षों से मनुष्यों को औषधियाँ मिलती हैं। वृक्ष वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड सोखते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे हमें साँस लेने के लिए शुद्ध वायु मिलती है। पेड़ों का सबसे बड़ा फायदा वर्षा कराने में होता है। जहाँ पेड़ों की बहुतायत होती है, वहाँ अच्छी वर्षा होती है। वृक्ष का हरहिस्सा वृक्ष की जड़े, तना, शाखा, पत्ते, पान, फूल, फल सब उपयोगी होते हैं।  इस तरह पेड़ हमारे लिए हर दृष्टि से उपयोगी होते हैं।

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कृति पूर्ण कीजिए :

कनुप्रिया की तन्मयता के गहरे क्षण सिर्फ - ____________

कनुप्रिया के अनुसार यही युद्ध का सत्य स्वरूप है - ____________

कनुप्रिया के लिए वे अर्थहीन शब्द जो गली-गली सुनाई देते हैं -____________

कारण लिखिए :

कनुप्रिया के मन में मोह उत्पन्न हो गया है।

आम की डाल सदा-सदा के लिए काट दी जाएगी।

‘कवि ने कनुप्रिया के माध्यम से आधुनिक मानव की व्यथा को शब्दबद्ध किया है’, इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग ८० से १०० शब्दों में लिखिए:

राधा की दृष्टि से जीवन की सार्थकता बताइए।

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:

नीचे की घाटी से
ऊपर के शिखरों पर
जिसको जाना था वह चला गया
हाय मुझी पर पग रख
मेरी बाँहों से
इतिहास तुम्हें ले गया!

सुनो कनु, सुनो
क्या मैं सिर्फ एक सेतु थी तुम्हारे लिए
लीलाभूमि और युद्धक्षेत्र के
अलंघ्य अंतराल में!

अब इन सूने शिखरों, मृत्यु घाटियों में बने
सोने के पतले गुँथे तारोंवाले पुल-सा
निर्जन
निरर्थक
काँपता-सा, यहाँ छूट गया-मेरा यह सेतु जिस्म
जिसको जाना था वह चला गया

(१) संजाल पूर्ण कीजिए: (२)

hindi essay vriksh hamare mitra

(२) पद्यांश में आए हुए निम्न शब्दों का चयन परिवर्तन कीजिए: (२)

  • बाँह - ______
  • सेतु - ______
  • लीला - ______
  • घाटी - ______

(३) ‘वृक्ष की उपयोगिता’ इस विषय पर अपने विचार ४० से ४५ शब्दों में लिखिए। (२)

कनुप्रिया की दृष्टि से जीवन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

अपनी जमुना में
जहाँ घंटों अपने को निहारा करती थी मैं
वहाँ अब शस्त्रों से लदी हुई
अगणित नौकाओं की पंक्ति रोज-रोज कहाँ जाती है?

धारा में बह-बहकर आते हुए टूटे रथ
जर्जर पताकाएँ किसकी हैं?

हारी हुई सेनाएँ, जीती हुई सेनाएँ
नभ को कँपाते हुए युद्ध घोष, क्रंदन-स्वर,
भागे हुए सैनिकों से सुनी हुई
अकल्पनीय अमानुषिक घटनाएँ युद्ध की
क्या ये सब सार्थक हैं?
चारों दिशाओं से
उत्तर को उड़-उड़कर जाते हुए
गृद्धों को क्या तुम बुलाते हो

(जैसे बुलाते थे भटकी हुई गायों को)

जितनी समझ तुमसे अब तक पाई है कनु,
उतनी बटोरकर भी
कितना कुछ है जिसका
कोई भी अर्थ मुझे समझ नहीं आता हैं

अर्जुन की तरह कभी
मुझे भी समझा दो
सार्थकता है क्या बंधु?
मान लो कि मेरी तन्मयता के गहरे क्षण
रँगे हुए, अर्थहीन, आकर्षक शब्द थे-
तो सार्थक फिर क्या है कनु?
पर इस सार्थकता को तुम मुझे
कैसे समझाओगे कनु?

शब्द, शब्द, शब्द, .............
मेरे लिए सब अर्थहीन हैं
यदि वे मेरे पास बैठकर
तुम्हारे काँपते अधरों से नहीं निकलते
शब्द, शब्द, शब्द, .............
कर्म, स्वधर्म, निर्णय, दायित्व........
मैंने भी गली-गली सुने हैं ये शब्द
अर्जुन ने इनमें चाहे कुछ भी पाया हो
मैं इन्हें सुनकर कुछ भी नहीं पाती प्रिय,
सिर्फ राह में ठिठककर
तुम्हारे उन अधरों की कल्पना करती हूँ
जिनसे तुमने ये शब्द पहली बार कहे होंगे

1. कृति पूर्ण कीजिए:   (2)

कनुप्रिया के अनुसार यही युद्ध का सत्य स्वरूप हैं:  

  • ____________

2. कृति पूर्ण कीजिए:  (2)

  • कनुप्रिया कनु से इनकी तरह सब कुछ समझना चाहती है सार्थकता-
  • कनुप्रिया की तन्मयता के गहरे क्षण -
  • कनुप्रिया के लिए अर्थहीन शब्द जो गली -गली सुनाई देते हैं -
  • कनुप्रिया के लिए वे सारे शब्द तब अर्थहीन है - 

3. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर 40 से 50 शब्दों में लिखिए: (2)

'युद्ध से विनाश एवं शांति से विकास होता है' - इस विषय पर अपने विचार लिखिए।

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

सुनो कनु, सुनो
क्या मैं सिर्फ एक सेतु थी तुम्हारे लिए
लीलाभूमि और युद्धक्षेत्र के
अलंघ्य अंतराल में !
अब इन सूने शिखरों, मृत्यु घाटियों में बने
सोने के पतले गुँथे तारोंवाले पुल-सा
निर्जन
निरर्थक
काँपता-सा, यहाँ छूट गया - मेरा यह सेतु जिस्म
- जिसको जाना था वह चला गया

घाट से आते हुए
कदंब के नीचे खड़े कनु को
ध्यानमग्न देवता समझ, प्रणाम करने
जिस राह से तू लौटती थी बावरी
आज उस राह से न लौट

उजड़े हुए कुंज
रौंदी हुई लताएँ
आकाश पर छाई हुई धूल
क्या तुझे यह नहीं बता रही
कि आज उस राह से
कृष्ण की अठारह अक्षौहिणी सेनाएँ
युद्ध में भाग लेने जा रही हैं !

आज उस पथ से अलग हटकर खड़ी हो
बावरी !
लताकुंज की ओट
छिपा ले अपने आहत प्यार को
आज इस गाँव से

1. निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लिखिए।   (2)

  • उपर्युक्त पद्यांश में प्रयुक्त एक सुंदर वृक्ष का नाम लिखिए।
  • कृष्ण की कितनी सेनाएँ युद्ध में भाग लेने जा रही है ?
  • सेतु के दोनों छोर कौन से हैं?
  • कृष्ण की सेनाएँ कौनसे मार्ग से जा रही हैं ?

2. उत्तर लिखिए।    (2)

राधा का सेतु जिस्म ऐसा है .....

3. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर 40 से 50 शब्दों में लिखिए:   (2)

“वृक्ष की उपयोगिता" इस विषय पर अपने विचार लिखिए।

'कनुप्रिया' में अवचेतन मन में बैठी राधा चेतनावस्था में स्थित राधा को संबोधित करती है।” इस बात को स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

दुख क्यों करती है पगली
क्या हुआ जो
कनु के ये वर्तमान अपने,
तेरे उन तन्मय क्षणों की कथा से
अनभिज्ञ हैं
उदास क्यों होती है नासमझ
कि इस भीड़-भाड़ में
तू और तेरा प्यार नितांत अपरिचित

छूट गए है,
गर्व कर बावरी !
कौन है जिसके महान प्रिय की
अठारह अक्षौहिणी सेनाएँ हों?

अच्छा, मेरे महान कनु,
मान लो कि क्षण भर को
मैं यह स्वीकार लूँ
कि मेरे ये सारे तन्मयता के गहरे क्षण
सिर्फ भावावेश थे,
सुकोमल कल्पनाएँ थीं
रँगे हुए, अर्थहीन, आकर्षक शब्द थे-

मान लो कि
क्षण भर को
मैं यह स्वीकार लूँ
कि
पाप-पुण्य, धर्माधर्म, न्याय-दंड
क्षमा-शीलवाला यह तुम्हारा युद्ध सत्य है।

1. निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर लिखिए:   (2)

  • कनुप्रिया को गर्व क्यों करना चाहिए?
  • कनुप्रिया को उदास क्यों नहीं होना चाहिए?
  • कृति पूर्ण कीजिए। कनुप्रिया की तन्मयता के गहरे क्षण सिर्फ ______।

2. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए -   (2)

  • तन्मयता - ______
  • सुकोमल - ______
  • नितांत - ______
  • अनभिज्ञ - ______

3. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर 40 से 50 शब्दों में लिखिए:    (2)

प्राचीनकाल एवम्‌ आधुनिक काल कीं सेनाओं के बारे में अपना मत स्पष्ट कीजिए।

'मेरा यह सेतु-रूपी शरीर काँपता हुआ निर्जन और निरर्थक रह गया है।'- इसे 'कनुप्रिया' के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

भगवान की सर्वश्रेष्ठ उपासना के रूप में इसे प्रतिष्ठित किया गया है:

निम्नलिखित काव्य पंक्तियों को पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:

यह आम्रवृक्ष की डाल
उनकी विशेष प्रिय थी
तेरे न आने पर
सारी शाम इसपर टिक
उन्होंने वंशी में बार-बार
तेरा नाम भरकर तुझे टेरा था-

आज यह आम की डाल
सदा-सदा के लिए काट दी जाएगी
क्योंकि कृष्ण के सेनापतियों के
वायुवेगगामी रथों की
गगनचुंबी ध्वजाओं में
यह नीची डाल अटकती है
और यह पथ के किनारे खड़ा
छायादार पावन अशोक वृक्ष

आज खंड-खंड हो जाएगा तो क्या-
यदि ग्रामवासी, सेनाओं के स्वागत में
तोरण नहीं सजाते
तो क्या सारा ग्राम नहीं उजाड़ दिया जाएगा?

(१) कारण लिखिए: (२)

  • आम्रवृक्ष की डाल सदा के लिए काट दी जाएगी - ______
  • छायादार अशोक वृक्ष खंड-खंड हो जाएगा - ______

(२) उचित मिलान कीजिए: (२)

(१) वृक्ष टहनी
(२) ग्राम राह
(३) पथ गाँव
(४) डाल पेड़

(३) ‘युद्ध के दुष्परिणाम’ इस विषय पर अपने विचार ४० से ५० शब्दों में लिखिए। (२)

निम्नलिखित काव्य पंवितियाँ पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

घाट से आते
हुए कदंब के नीचे खड़े कनु को
ध्यानमग्न देवता समझ, प्रणाम करने
जिस राह से तू लौटती थी बावरी
आज उस राह से न लौट
उजड़े हुए कुंज
रौंदी हुई लताएँ
आकाश पर छाई हुई धूल
क्या तुझे यह नहीं बता रही
कि आज उस राह से
कृष्ण की अठारह अक्षौहिणी सेनाएँ
युद्ध में भाग लेने जा रही हैं !
आज उस पथ से अलग हटकर खड़ी हो बावरी !
लताकुंज की ओट
छिपा ले अपने आहत प्यार को।

(१) कारण लिखिए :    (२)

  • राधा को उस राह से ना लौटने के लिए कहा - ______
  • राधा को पथ से हटकर खड़े होने को कहा - ______

(२) उचित मिलान कीजिए :   (२)

(१) ध्यानमग्न राधा
(२) बावरी प्यार
(३) अक्षौहिणी देवता
(४) आहत सेनाएँ

(३) "वर्तमान युग में युद्ध नहीं शांति चाहिए'' इस विषय पर अपने विचार ४० से ५० शब्दों में लिखिए।   (२)

"राधा ने चरम तन्मयता के क्षणों में डूबकर जीवन की सार्थकता पाई है," इस कथन को स्पष्ट कौजिए।

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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Vriksh-Hamare Jeevan ka Adhar”, “वृक्ष : हमारे जीवन के आधार”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students.

वृक्ष : हमारे जीवन के आधार

Vriksh-Hamare Jeevan ka Adhar

क्या आपने कभी कल्पना की है कि यदि धरती पर वृक्ष न हों, तो क्या होगा? ऐसी कल्पना कर भी असंभव लगता है। वृक्ष हमारे जीवन के आधार हैं। वृक्ष हमें प्राणवायु देते हैं, जिसके बिना किसी भी प्राणी का जीवित रहना असंभव है। इन्हीं से हमें फल, सब्जी, लकड़ी, कपड़े, दवाई आदि मिलते हैं। प्राचीन काल में वृक्षों को देवता के रूप में पूजा जाता था। आज भी पीप केला तलसी आदि वृक्षों की पूजा की जाती है। वृक्ष न केवल हमें भोजन, कपड़ा, ऑक्सीजन आदि देते हैं, बल्कि वर्षा लाने में भी सहायक होते हैं। जिन क्षेत्रों में वृक्ष नहीं होते या कम ह हैं. वहाँ वर्षा भी नहीं के बराबर होती है। इसके विपरीत जहाँ वृक्ष अधिक होते हैं, वहाँ वर्षा अधिक होती है। वृक्षों की हरियाली हमारे तन-मन को शांति प्रदान करती है। गरमी के मौसम मे कड़ी धूप में ये हमें छाया प्रदान करते हैं। ये गंदी वायु लेकर हमें स्वच्छ वायु देते हैं। इसी कारण प्रदूषण की मात्रा में भी कमी आती है। वृक्ष निस्वार्थ रूप से सभी को अपना सर्वस्व दे देते हैं हमें भी वृक्षों का उतना ही ध्यान रखना चाहिए, जितना कि वे हमारा रखते हैं। हमें वृक्षों काटना नहीं चाहिए, बल्कि अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाने चाहिए।

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Plss post drawing of vraksh Kata jivan ghata. And post an essay also on it??????. Thank you , this is very helpful.

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loved the essay. I would appreciate it if you could shorten it for me. Thankyou very much for your cooperation and kindness.

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वृक्ष हमारे मित्र अनुच्छेद Paragraph on ped hamare mitra in hindi

Vriksh hamare mitra par anuched.

दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं पेड़ हमारे मित्र हैं पर हमारे द्वारा लिखा गया यह अनुच्छेद, आप इसे जरूर पढ़ें और हमारे द्वारा लिखित इस पैराग्राफ से अपने स्कूल की परीक्षाओं की तैयारी करें तो चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस आर्टिकल को

Paragraph on ped hamare mitra in hindi

पेड़ हमारे मित्र होते हैं क्योंकि पेड़ हमारे साथ मित्रता जैसा व्यवहार करते हैं जिस तरह से एक मित्र हर परिस्थिति में हमारा साथ देता है, वह जीवन में हमारी बहुत मदद करता है, हमारे सुख-दुख का साथी होता है उसी तरह पेड़ पौधे भी हमारे इस तरह के मित्र होते हैं वह जीवन में हमारी बहुत ही मदद करते हैं और सुख दुख में हमारा साथ निभाते हैं।

आजकल हम देख रहे हैं कि पेड़ पौधे हमें गर्मियों में छाया प्रदान करते हैं, हमें ऑक्सीजन देते हैं, फल फूल देते हैं एक तरह से हमारे सच्चे मित्र हैं।

  • पेड़ हमारे मित्र पर कविता Vriksh hamare mitra hai poem in hindi

दोस्तों मेरे द्वारा लिखा गया पैराग्राफ Paragraph on ped hamare mitra in hindi आप अपने दोस्तों में शेयर कर रहे हैं और हमें सब्सक्राइब करें धन्यवाद।

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hindi essay vriksh hamare mitra

kamlesh kushwah

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वृक्ष हमारे मित्र" पर हिंदी निबंध | Essay On vruksha Hamare Mitra In Hindi

वृक्ष हमारे मित्र" पर हिंदी निबंध | essay on  vruksha hamare mitra in hindi .

नमस्कार  दोस्तों आज हम वृक्ष हमारे मित्र" इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। मानव और वृक्षों का सदा साथ रहा है। आदि मानव वनों में वृक्षों के आश्रय में ही रहता था। हमारे ऋषि-मुनि भी वनों में रहकर ही तप करते थे। उनका जीवन पूरी तरह वृक्षों पर ही निर्भर था। 

वृक्ष मनुष्य को तरह-तरह के स्वादिष्ट फल देते हैं। वे रंग-बिरंगे फूल भी देते हैं। फूलों से हार बनते हैं। हरे पत्तों और फूलों से तोरण बनाए जाते हैं। जड़, छाल, पत्ते दवा बनाने के काम आते हैं। नीम के पेड़ को तो वैद्य ही कहा जाता है। नीम और बबूल के दातून दाँतों को साफ करते और उन्हें मजबूत भी बनाते हैं। 

नारियल के फल के कई उपयोग हैं। नारियल का तेल बालों के लिए उत्तम माना जाता है। वृक्ष सदा मनुष्य का उपकार ही करते रहे हैं। उनसे मनुष्य को घर बनाने की लकड़ी मिलती है। फर्नीचर भी लकड़ी से बनता है। लकड़ी से हल और नाव बनाई जाती है। बैलगाड़ी बनाने में लकड़ी का उपयोग किया जाता है। 

वृक्षों के कारण वायुमंडल शुद्ध बनता है। वे वायु प्रदूषण की रोकथाम करते हैं। वक्षों द्वारा छोड़ी हुई प्राणवायु लेकर ही हम जीवित रहते हैं। वृक्षों की हरियाली हमारे जीवन को हरा-भरा बनाए रखती है। वैशाख-जेठ की तपती दोपहरी में वृक्षों की शीतल छाया लोगों को बड़ा सुख देती है।

इस प्रकार हम पर वृक्षों के अनंत उपकार हैं। वृक्ष हमारे लिए अपने जीवन का बलिदान कर देते हैं। सचमुच, वृक्ष हमारे सच्चे मित्र हैं। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।

वृक्ष पर अनुच्छेद | Paragraph on Trees in Hindi

hindi essay vriksh hamare mitra

वृक्ष पर अनुच्छेद | Paragraph on Trees in Hindi!

वृक्षों में जीवधारियों के प्राण बसते हैं । यदि वृक्षों से होनेवाले लाभों के बारे में सोचा जाए तो यह कथन पूरी तरह सही लगता है । वृक्ष जीवसमुदाय को फल, फूल, पत्ती लकड़ी और अनेक प्रकार के उपयोगी द्रव्य प्रदान करते हैं । वे सुखद घनी छाया से पथिकों को आह्‌लादित कर देते हैं । पक्षी, वानर, गिलहरी आदि जीव वृक्षों पर शरण लेते हैं । वृक्ष धरती की हरियाली एवं शोभा बढ़ाते हैं । ये प्राणवायु छोड्‌कर सारे संसार का भला करते हैं । ये वर्षाकारक हैं । भूमि का क्षरण और बाढ़ रोकने में वृक्षों सा मददगार कोई नहीं । वृक्षों से रबड़, गोंद, लाख, दातुन, जड़ी–बूटी आदि उपयोगी पदार्थ प्राप्त होते हैं । वृक्ष समुदाय जंगली जीवों की शरणस्थली होते हैं । जंगली जीव भी पेड़-पौधों की रक्षा में अपना योगदान देते हैं । वृक्षों का मूल्य नहीं आँका जा सकता। अतएव वृक्षों का संरक्षण एवं संवर्धन बहुत आवश्यक हो जाता है । धरती पर जितने अधिक वृक्ष होंगे, इसकी सुंदरता और गुणवत्ता में उतनी ही वृद्धि होगी ।

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Hindi Essay on “Mitrata ” , ”मित्रता” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

मित्रता बड़ा अनमोल रत्न

Best 5 Essays on “Mitrata”

निबंध नंबर – 01

     जीवन की सरलता के लिए मित्र की आवश्यकता – ‘मित्रता’ का तात्पर्य है – किसी के दुःख-सुख का सच्चा साथी होना | सच्चे मित्रों में कोई दुराव-छिपाव नहीं होता | वे निश्छल भाव से अपना सुख-दुख दुसरे को कह सकते हैं | उनमें आपसी विश्वास होता है | विश्वास के कारण ही वे अपना ह्रदय दुसरे के सामने खोल पाते हैं |

     मित्रता शक्तिवर्धक औषधि के समान है | मित्रता में नीरस से कम भी आसानी से हो जाते हैं | दो मित्र मिलकर दो से ग्यारह हो जाते है |

     जीवन-संग्राम में मित्र महत्वपूर्ण – मनुष्य को अपनी ज़िंदगी के दुःख बाँटने के लिए कोई सहारा चाहिए | मित्रता ही ऐसा सहारा है | एडिसन महोदय लिखते हैं – ‘मित्रता ख़ुशी को दूना करके और दुःख को बाँटकर प्रसन्नता बढ़ाती है तथा मुसीबत कम करती है |’

     सच्चे मित्र की परख और चुनाव – विद्वानों का कहना है कि अचानक बनी मित्रता से सोच-समझकर की गई मित्रता अधिक ठीक है | मित्र को पहचानने में जल्दी नहीं करनी चाहिए | यह काम धीरे-धीरे धर्यपूर्वक कारण चाहिए | सुकरात का बचन है- ‘ मित्रता करके में शीघ्रता मत करो, परंतु करो तो अंत तक निभाओ |’

     मित्रता समान उम्र के, समान स्तर के, समान रूचि के लोगों में अधिक गहरी होती है | जहाँ स्तर में असमानता होगी, वहाँ छोटे-बड़े का भेद होना शुरू हो जाएगा |

     सच्ची मित्र वाही है जो हमें कुमार्ग की और जाने से रोके तथा सन्मार्ग की प्रेरणा दे | सच्चा मित्र चापलूसी नहीं करता | मित्र के अवगुणों प्र पर्दा भी नहीं डालता | वह कुशलता-पूर्वक मित्र को उसके अवगुणों से सावधान करता है | उसे सन्मार्ग पर चलने में सहयोग देता है |

     सच्चा मित्र मिलना सौभाग्य की बात – यह सत्य है कि सच्चा मित्र हर किसी को नहीं मिलता | विश्वासपात्र मित्र एक खजाना हैजो किसी-किसी को ही मिलता है | अधिकतर लोग तो परिचितों की भीड़ में अकेले रहते हैं | दख-सुख में उनका कोई साठी नहीं होता | जिस किसी को अपना एक सह्रदय मित्र मिल जाए, वह स्वयंक को सौभाग्यशाली समझे |

निबंध नंबर – 02

मित्रता : निस्वार्थ भाव

मनुष्य सामाजिक प्राणी है। समाज के बिना उसका जीवन नहीं चलता। समाज में रहते हुए उसे अपने सुख – दुःख को कहने – सुनने, भावनाओं का आदान – प्रदान   करने तथा अपने कार्यो को सम्पादित करते में दूसरों की सहायता की आवश्यकता पड़ती है। उसे ऐसे व्यक्ति की भी आवश्यकता पड़ती है जो उसके सुख – दुःख में उसका हाथ बटा सके, जिसे वह अपने मन की बात बिना किसी संकोच से कह सके, जो कठिनाइयों और बाधाओं में उसका साथ दे, जो सही समय पर उसे सही दिशा की और प्रवृत्ति कर सके तथा जिस पर वह पूरा विश्वास कर सके। ऐसे व्यक्ति ही ‘मित्र’ कहलाता है।

भर्तहरि ने मित्र के गुणों का वर्णन करते हुए कहा है कि एक अच्छा मित्र पाप से बचाता है, अच्छे कामों में लगता है, मित्र के दोषों को छिपाता है और उसके गुणों को प्रकट करता है, विपत्ति के समय साथ देता है और समय पड़ने में उसे सहायता भी करता है। पर ऐसा मित्र मिलना आसान नहीं। जिस व्यक्ति को भी ऐसा मित्र मिल गया मानो उसके जीवन में एक बहुत बड़ी निधि पाली। तुलसीदास ने भी कहा है –

” धीरज धर्म मित्र अरु नारी अपाद काल परखिए चारी “

सच्चे मित्र की पहचान तो विपत्ति पड़ने पर ही होती है। सच्चा मित्र तो जीवन का सबसे बड़ा सहारा है। मित्र के चुनाव में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इसलिए सुकरात ने मनुष्य को सलाह दी है – “मित्रता करने में शीघ्रता मत करो, पर करो तो अंत तक निभाओ।” केवल बहरी चमक – दमक, वाक पटुता, आर्थिक सम्पनता आदि देखकर ही किसी को मित्र बनाना उचित नहीं। सच्ची मित्रता का आधार मित्र का चरित्र तथा आचरण होता है जिसकी परख एकदम नहीं की जा सकती इसलिए किसी को मित्र बनाए से पूर्व धैर्यपूर्वक निर्णय लेना चाहिए।

जीवन रुपी संग्राम में मित्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। वेसे तो कृष्ण और सुदामा की, कर्ण और दुर्योधन की मित्रता के उदाहरण भी दिए जाते हैं। कृष्ण राजा थे तो सुदामा दीं ब्राह्मण। कर्ण महादानी तथा उत्तम चरित्रवान व्यक्ति थे तो दुर्योधन महाअहंकारी, ईर्ष्यालु, क्रोधी तथा जिद्दी। फिर भी मित्रता की कसौटी पर मित्रता के ये दोनों उदाहरण खरे उतरे। महाभारत के युद्ध से पूर्व श्री कृष्ण ने कर्ण से प्रस्ताव किया कि यदि वह दुर्योधन को त्याग पांडवों के पक्ष में आ जाए, तो उसे राज गद्दी पर बिठा दिया जायेगा तथा पांडव उसकी आज्ञा का पालन करेंगे। इस प्रस्ताव को सुनकर कर्ण ने जो उत्तर दिया, वह उसकी सच्ची मित्रता का परिचयक था उसने कहा –

‘मित्रता बड़ा अनमोल रत्न, कब इसे तोल सकता है धन। सुरपुर की तो है क्या बिसात, मिल जाये अगर बैकुंठ हाथ। कुरुपित के चरणों में धर दूँ,

जब मनुष्य पर मुसीबत के बदल जाते हैं, चारों ओर से निराश का अहंकार दृष्टिगोचर होता है तो केवल सच्चा मित्र ही सुके लिए आशा की किरण बनकर सामने आता है।

आजकल की मित्रता प्रायः स्वार्थवश होती है। जबकि व्यक्ति के पास – दौलत और एश्वर्य के साधन होते हैं तो उनके लोग उससे मित्रता करने की लालायित रहते है, परन्तु विपत्ति पड़ने पर कोई विरला ही साथ देता है और वही सच्चा मित्र कहलाता है। रहीम कवि ने कहा है –

कहि रहीम संपति सगे, बनन बहुत बहुरीत विपत्ति कसोटी जे करे, ते ही साचे मीत ।

निष्कर्ष: सच्चा मित्र वह कवच है जो विपत्ति में हमारी रक्षा करता है, वह  संजीवनी है जो देन्ये और निराशा की स्थिति में उत्साह का संचार करती है, एक सघन शीतल छायादार वृक्ष है जो विषय परिस्थितीयों में भी शीतलता प्रदान करता है, विश्वास की आधारशिला है तथा उन्नति का सोपान है। जो मित्र विपत्ति में साथ न दे, उसे तो देखना भी पाप है। गोस्वामी तुलसीदास ने कहा है –

‘जे न मित्र दुःख होहि दुखरी । तिन्हहि विलोकत मारी ।

निबंध नंबर – 03

मित्रता अनमोल धन है। इसकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती है। हीरे-मोती या सोने-चाँदी से भी नहीं। मैत्री की महिमा बहुत बड़ी है। सच्चा मित्र सुख और दुख में समान भाव से मैत्री निभाता है। जो केवल सुख में साथ होता है, उसे सच्चा मित्र नहीं कहा जा सकता। साथ-साथ खाना-पीना, सैर, पिकनिक का आनंद लेना सच्ची मित्रता का लक्षण नहीं। सच्चा मित्र तो दीर्घकाल के अनुभव से ही बनता है। सच्ची मित्रता की बस एक पहचान है और वह है विचारों की एकता। विचारों की एकता ही इसे दिनोंदिन प्रगाढ़ करती है। सच्चा मित्र बड़ा महत्त्वपूर्ण है। जहाँ थाह न लगे, वही बाँह बढ़ाकर उबार लेता है। मित्रता करना तो आसान है, लेकिन निभाना बहुत ही मुश्किल । आज मित्रता का दुरुपयोग होने लगा है। लोग अपने सीमित स्वार्थों की पूर्ति के लिए मित्रता का ढोंग रचते हैं। मित्र जो केवल काम निकालना जानते हैं, जो केवल सुख के साथी हैं और जो वक्त पड़ने पर बहाना बनाकर किनारे हो जाते हैं, वे मित्रता को कलंकित करते हैं। मित्रता जीवन का सर्वश्रेष्ठ अनुभव है। वह एक ऐसा मोती है, जिसे गहरे सागर में डूबकर ही पाया जाता है। मित्रता की कीमत केवल मित्रता ही है। सच्ची मित्रता जीवन का वरदान है। यह आसानी से नहीं मिलती। एक सच्चा मित्र मिलना सौभाग्य की बात होती है। सच्चा मित्र मनुष्य की सोई किस्मत को जगा सकता है और भटके को सही राह दिखा सकता है। मित्रता व्यक्ति के लिए एक प्रकार से ईश्वर का वरदान ही है।

निबंध नंबर – 04

भूमिका – खशहाली में दोस्त बनते हैं लेकिन मुश्किलें उनके असली रूप को दिखाती हैं। इसलिए हमें मित्रता किन-किन लोगों के साथ करनी चाहिए, अच्छे मित्र म कौन-कौन से गण होने चाहिएँ. मित्रता का उद्देश्य क्या होना चाहिए, क्या मित्रता सोच समझकर करनी चाहिए या फिर बिना सोचे समझे किसी भी अनजान से दोस्ती कर लेनी चाहिए. सच्ची मित्रता की क्या पहचान है आदि प्रश्न महत्त्वपूर्ण हैं। नवयुवको को यदि सच्चा मित्र मिल जाए तो उनका जीवन सफल हो जाता है। हमारा जीवन मित्रों के सम्पर्क से बहुत अधिक प्रभावित होता है, इसलिए मित्रों के चुनाव करते समय हमें अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

जब हम बाजार से कोई भी वस्तु खरीदने के लिए जाते हैं तो सबसे पहले उसकी जाँच परख करते हैं परन्तु मित्र बनाते समय हम कोई भी जाँच परख नहीं करते। किसी की चाल ढाल देखकर, किसी की मीठी-मीठी बातें सुनकर हम उसी को अपना सच्चा मित्र मान बैठते हैं और इसके लिए मनुष्य को कई बार धोखा भी हो जाता है। बिना किसी के गुण-दोष परखे, मित्र बना लेना उचित नहीं है विश्वास पात्र मित्र ही हमें सही जीवन निर्वाह करने में सहायता देते हैं। ऐसी ही मित्रता का प्रयत्न प्रत्येक नवयुवक को करना चाहिए।

मित्र के चुनाव पर सतर्कता बहुत ही आवश्यक है। सही मित्र के चुनाव की उपयुक्तता पर ही उसके जीवन की सफलता निर्भर करती है क्योंकि संगति का प्रभाव हमारे आचरण पर भी पड़ता है। जैसी ही हमारी संगत होगी वैसे ही हमारे संस्कार भी होंगे। कई बार क्षण भर का कुसंग भी मनुष्य के पतन का कारण बन जाता है। अत: मनुष्य को चाहिए ऐसे लोगों के साथ कभी मित्रता न करे जो विषयी, दुराचारी, पापी या नास्तिक हैं। इस संसार में सच्चा मित्र तो केवल एक ही मिल जाए तो बहुत है, दो मिल जाएं तो बहुत अधिक हैं और तीन तो मिल ही नहीं सकते। संसार में केवल मित्रता ही ऐसी चीज़ है जिसकी उपयोगिता के सम्बन्ध में दो मत हो ही नहीं सकते।

आमतौर पर एक ही स्वभाव वाले व्यक्तियों में मित्रता होती है। कहा भी गया है कि एक ही जाति के पक्षी इक्ट्ठे उड़ते हैं (Birds of feather flock together)। परन्तु कई बार देखने में यह भी आया है कि दो व्यक्तियों के स्वभाव, व्यवसाय और रूचियों के भिन्न होने पर भी मित्रता हो जाती है। प्राय: छात्रावस्था के युवकों में मित्रता की धुन सवार रहती है। मित्रता उनके हृदय में बात-बात में उमड़ पड़ती है। यह मित्रता उनको जीवन भर भूलती नहीं। छात्रावस्था की मित्रता में कितनी जल्दी रूठना या मनाना होता है किसी को पता नहीं चलता। कृष्ण और सुदामा की मित्रता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

सच्चे मित्र का कर्त्तव्य है कि वह उच्च और महान् कार्यों में अपने मित्र को इस प्रकार सहायता दे कि वह अपने सामर्थ्य से भी अधिक कार्य सम्पन्न कर सके। एक सच्चे मित्र का यह भी कर्तव्य है कि वह उचित मन्त्रण द्वारा अपने मित्र के अन्दर विवेक जागृत करे। सुख दु:ख में उसका पूरा सहयोग करे। एक सच्चे मित्र को अपने मित्र के लिए हमेशा ही अपने सुखों का त्याग करके भी अपनी मित्रता निभानी चाहिए क्योंकि दोस्ती त्याग मांगती है एवं परीक्षा भी लेती है। स्वार्थ की भावना दोस्ती की नींव को हिलाकर रख देती है। सच्चे दोस्त कभी भी अपने दोस्तों का नुक्सान नहीं चाहते। सच्ची दोस्ती जितना लेती है उससे ज्यादा देती है और दुःख में भी मजबूत स्तभ की तरह टिकी रहती है।

कुछ लोग तब तक ही अच्छे दोस्त रहते हैं जब तक जीवन में सुख और मज़ा जिन तक आपके पास पैसे हैं तब तक सभी आपको अपना मित्र मानते हैं और अति आपके पास पैसे नहीं है तो फिर तो मित्र सीधे मुँह आपसे बात भी नहीं करेंगे। पदोसी के घर आना-जाना, उससे मिलना-जुलना, उठना-बैठना, लेन-देन यह सब तब तक रहती है जब तक सुविधा रहती है। सुविधा खत्म हो गई तो दोस्ती भी खत्म होजाती है। व्यक्ति को ऐसे मित्रों से सावधान रहना चाहिए। ऐसी दोस्ती मतलब की दोस्ती होती है जिसमें कोई न कोई मतलब छिपा हुआ होता है।

सच्ची मित्रता एक दूसरे के विश्वास पर आधारित होती है। जो एक-दूसरे की इज्जत और प्रशंसा करते हैं और वे उसी के हिसाब से काम करते हैं। अच्छे कामों का बदला हमें अच्छे दोस्तों के रूप में मिलता है। आपसी विश्वास और भरोसा हर दोस्ती की बुनियाद है। इसलिए हमें अच्छा दोस्त पाने के लिए स्वयं भी एक सच्चे मित्र बनकर रहना चाहिए।

मनुष्य को अपने विवेक से काम लेना चाहिए। मित्रता करते समय बड़ी ही सावधानी बरतनी चाहिए। सच्चा मित्र अपने मित्र को पापों से दूर रखता है, उसे अच्छे हितकर कार्यों में लगाता है, उसके गुप्त रहस्यों को छिपाए रखता है और उसके गुणों को उजागर करता है। आपत्ति में भी उसका साथ नहीं छोड़ता और आवश्यकता पड़ने पर उसे धन भी देता है। प्रकृति जानवरों को अपने मित्र पहचानने की सूझ-बूझ दे देती है इसलिए मनष्य को भी चाहिए कि वह मित्र बनाते समय अपनी पूरी सूझ-बूझ का परिचय दे। अन्त में हम कह सकते हैं कि ऐसे लोगों से दोस्ती करें जिनकी सोच सकारात्मक हो, ऐसे दोस्त न केवल आपकी परेशानी को सुलझाने में मदद करेंगे बल्कि उद्देश्य की पूर्ति के लिए भी सहायक सिद्ध होंगे।

निबंध नंबर – 05

संकेत बिंदु – मित्रता क्या है ? इसका महत्त्व – सच्ची मित्रता – अच्छे मित्र , बुरे मित्र की पहचान – मित्रता से लाभ

छात्रावस्था में मित्रता की धुन सवार होती है। यह मित्रता हृदय में उमड़ी पड़ती है। इसमें मधुरता एवं अनुरक्ति का भाव प्रबल होता है। मित्र पर विश्वास भी देखने योग्य होता है। भविष्य के संबंध में लुभाने वाली कल्पनाएँ मन में रहती हैं, जिससे वह अपने जीवन-युद्ध में बड़े ही सुख और शांति के साथ विजय प्राप्त करता है।

मानव जीवन में मित्रता से कई बहुत बड़े लाभ हैं। मित्र से बढ़कर समाज में सुख और आनंद देने वाला दूसरा कोई नहीं होता। मित्र के सम्मुख ही व्यक्ति अपने हृदय को खोल कर रख सकता है। सच्चा मित्र दु:ख का साथी होता है। वह विपत्ति काल में हमें धैर्य बंधाता है। उसके सहयोग से निराश मन में भी आशा की ज्योति चमक उठती है।

मित्र के चुनाव में हमें सावधानी बरतनी चाहिए। कई व्यक्ति अपना स्वार्थ साधने के लिए मित्र बनते हैं। ऐसे मित्रों से परे रहने में ही भलाई है। ऐसा व्यक्ति आगे तो मीठे वचन बोलता है, पर पीछे से मन में कुटिलता रखता है। तुलसीदास जी ने बताया है-

आगे कह मृदु वचन बनाई। पाछे अनहित मन कुटिलाई॥ जाकर चित्त अहि सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहि भलाई। ”

कई व्यक्तियों का कहना है कि मित्रता के लिए स्वभाव और आचरण की समानता आवश्यक है, परंतु दो भिन्न प्रकृति के मनुष्यों में भी बराबर प्रीति और मित्रता रही है। राम धीर और शांत प्रकृति के थे, जबकि लक्ष्मण उग्र स्वभाव के थे, पर दोनों भाइयों में प्रगाढ़ संबंध थे। उन दोनों की मित्रता खूब निभी। समाज में विभिन्नता देखकर व्यक्ति एक-दूसरे के प्रति खुब आकर्षित होते हैं। नीति विशारद अकबर मन बहलाने के लिए बीरबल की ओर देखता था।

सच्चा मित्र शिक्षक की भाँति होता है। वह अपने मित्र को सन्मार्ग की ओर उन्मुख करता है। ऐसे समय में मित्र का मार्गदर्शन ही कल्याणकारी सिद्ध होता है। मित्र परस्पर एक-दूसरे को विवेक एवं शक्ति प्रदान करते हैं। मित्र की पहचान विपत्ति काल में ही होती है-

“ धीरज धर्म मित्र अरु नारी आपत्ति काल परखिए चारी। “

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