- क्वेश्चन पेपर
- सामान्य ज्ञान
- यूपीएससी नोट्स
- Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options.
- Click on the “Options ”, it opens up the settings page,
- Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page.
- Scroll down the page to the “Permission” section .
- Here click on the “Settings” tab of the Notification option.
- A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification.
- Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes.
NEP 2020 Highlights: नई शिक्षा नीति 2020 से स्कूल और उच्च शिक्षा में क्या बदलाव होंगे जानिए
New education policy 2020 highlights pdf download: भारत में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में उच्च शिक्षा को ध्यान में रखते हुए 29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति 2020 (nep 2020) को मंजूरी दे दी है।.
New Education Policy 2020 Highlights PDF Download: भारत में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में उच्च शिक्षा को ध्यान में रखते हुए 29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति 2020 ( NEP 2020 ) को मंजूरी दे दी है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से छात्रों और शिक्षाविदों के साथ साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। नई शिक्षा नीति 2020 में कब लागू होगी ? इस बारे में शिक्षा मंत्रालय ने कोई तिथि निर्धारित नहीं की है। नई शिक्षा नीति 2020 5 + 3 + 3 + 4 के मॉडल पर आधारित की गई है। अब कई लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि 5 + 3 + 3 + 4 मॉडल क्या है ? तो इस बारे में हम आपको विस्तार से आसान भाषा में 5 + 3 + 3 + 4 मॉडल के बारे में समझाएंगे। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति 2020 का प्रारूप/ड्राफ्ट के बारे में यूजीसी सचिव, प्रो रजनीश जैन ने नई शिक्षा नीति 2020 क्या है ? नई शिक्षा नीति के फायदे क्या हैं और नई शिक्षा नीति से रोजगार कैसे विकसित होगा ? इसपर विस्तार से नई शिक्षा नीति 2020 की व्याख्या की है। नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट/प्रारूप/मसौदा और नई शिक्षा नीति 2020 pdf in hindi भी डाउनलोड करें...
नई शिक्षा नीति 2020 का ड्राफ्ट व उद्देश्य केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधन विकास रमेश पोखरियाल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ( NEP 2020) की घोषणा की। इससे पहले 1 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति 2020 की समीक्षा की थी, जिसके लिए पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) के प्रमुख के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा मसौदा तैयार किया गया था। नई शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य व लक्ष्य "भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति" बनाना है। कोरोनावायरस महामारी के कारण इस वर्ष नया शैक्षणिक सत्र 2020-21 सितंबर-अक्टूबर में शुरू होगा। आइये जानते हैं नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से...
New Education Policy 2020 PDF (NEP 2020 PDF) In Hindi Download
New National Education Policy 2020 Breifing Live Updates
नई शिक्षा नीति 2020 में वोकेशनल स्टडीज हाल ही में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन, यूजीसी के सचिव, प्रो रजनीश जैन ने कहा कि उच्च शिक्षा के रोजगार के पहलू के लिए बहुत सारे साम्राज्य दिए गए हैं। उन्होंने एनईपी 2020 की शुरुआत के माध्यम से उच्च शिक्षा क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला। उनका यह भी मानना है कि शिक्षा नीति देश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण तरीका है। जैसा कि आप जानते हैं, पहले से ही बैचलर ऑफ वोकेशनल स्टडीज़ हैं। इस प्रकार के कोर्स 'बैचलर ऑफ वोकेशन' प्रोग्राम के तहत पहले से ही पेश किए जाते हैं। रोजगार के महत्व को ध्यान में रखते हुए, अन्य सभी सामान्य शिक्षा पाठ्यक्रमों में इंटर्नशिप के संदर्भ में व्यावसायिक प्रशिक्षण को स्नातक स्तर पर एकीकृत किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति 2020 से रोजगार उन्होंने बताया कि पहले साल से स्नातक स्तर के एकीकरण, डिग्री पाठ्यक्रमों के साथ द्वितीय वर्ष के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में किसी भी स्नातक छात्र के रोजगार में वृद्धि हो सकती है। उसके अनुसार एनईपी 2020 में महान संस्थागत सुधार, अकादमिक सुधार और साथ ही कई व्यावसायिक शिक्षा सुधार शामिल होंगे, क्योंकि यह विशेष रूप से उनके बारे में बात करता है। इस प्रकार की शिक्षा प्रणाली से भारतीय ज्ञान प्रणाली, भाषा, कला और संस्कृति का एकीकरण एक स्कूली पाठ्यक्रम में हो जाएगा।
नई शिक्षा नीति 2020 कोर्स पर फोकस उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान पर भी ध्यान केंद्रित करता है। यह सभी महत्वपूर्ण आयामों में जोर दे रहा है जो शिक्षाविदों का हिस्सा है, जो छात्र जीवन का हिस्सा है, जो संकाय का हिस्सा है और जो संस्थान का हिस्सा है। वह पाठ्यक्रमों की अवधि के भीतर लचीलेपन को बढ़ावा देने वाली नीति भी पाता है क्योंकि अब स्टडनेट्स के लिए उपलब्ध डिग्री विकल्पों के प्रकार में कई बदलाव हुए हैं।
नई शिक्षा नीति 2020 का मसौदा हाल ही में इसी तरह के विचार एनईपी, कस्तूरीरंगन के मसौदे के प्रमुख द्वारा दिए गए थे। उनके अनुसार, NEP 2020 की शुरुआत के बाद रोजगार में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि ये सभी 21 वीं सदी के कौशल को विकसित करने का हिस्सा हैं, क्योंकि शिक्षा युवाओं को इस प्रकार की चीजों को एम्बेड करती है, जो सम्मान के साथ होती हैं। 21 वीं सदी में जरूरत है जो संचार, रचनात्मकता, समस्या को सुलझाने और उस प्रकार की चीजों की है।
More EDUCATION NEWS News
Teachers Day 2024: शिक्षक, टीचर्स डे पर भाषण कैसे तैयार करें? देखें 100, 200 और 300 शब्दों के प्रारूप
How to Celebrate Teachers Day 2024: स्कूल में शिक्षक दिवस मनाने के लिए टॉप 10 आईडिया
IDBI Bank SCO Recruitment 2024: सहायक जीएम और प्रबंधक पदों के लिए आवेदन करें, वेतन 1.57 लाख तक
- Don't Block
- Block for 8 hours
- Block for 12 hours
- Block for 24 hours
- Dont send alerts during 1 am 2 am 3 am 4 am 5 am 6 am 7 am 8 am 9 am 10 am 11 am 12 pm 1 pm 2 pm 3 pm 4 pm 5 pm 6 pm 7 pm 8 pm 9 pm 10 pm 11 pm 12 am to 1 am 2 am 3 am 4 am 5 am 6 am 7 am 8 am 9 am 10 am 11 am 12 pm 1 pm 2 pm 3 pm 4 pm 5 pm 6 pm 7 pm 8 pm 9 pm 10 pm 11 pm 12 am
- IGNOU December TEE 2024
- AYUSH NEET PG Counselling 2024
- NEET PG Counselling
- UGC NET 2024
- MP NEET UG 2024
- BHU UG Admission 2024
- JEECUP 2024
- UP NEET UG 2024 Counselling
NEP 2020: आसान भाषा और इन 10 सवालों के जरिए समझें नई शिक्षा नीति
Link Copied
#4.सवाल: जो बच्चे अभी नर्सरी में हैं, उनको क्या करना है? उत्तर: जो बच्चे अभी नर्सरी में हैं, जरूर उनके अभिभावकों को 5+3+3+4 फॉर्मूला समझने में मुश्किल हो रही होगी। पहले यह बता दें कि अभी नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन नहीं हुआ है। इसलिए, सारे बदलाव इसके क्रियान्वयन के बाद होंगे। अभी जैसे चल रहा है, उसी तरह से चलेगा। लेकिन इसके लागू होने के बाद प्ले स्कूल के शुरुआती साल भी अब स्कूली शिक्षा में जुड़ेंगे। यह सबसे अहम बदलाव है। अब बच्चे 6 साल की जगह 3 साल की उम्र में फ़ॉर्मल स्कूल में जाने लगेंगे। अभी तक 6 साल की उम्र में बच्चे पहली क्लास मे जाते थे, नई शिक्षा नीति लागू होने पर भी 6 साल में बच्चा पहली क्लास में ही होगा। पर पहले के 3 साल भी फॉर्मल शिक्षा वाले होंगे। यानी कि प्ले-स्कूल के शुरुआती साल भी स्कूली शिक्षा में जुड़ेंगे।
5#.सवाल: जो अगले साल कॉलेज जाएंगे उनके लिए क्या? उत्तर: नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा में कई अहम बदलाव किए गए हैं। लेकिन ये बदलाव कब से लागू होंगे इसे लेकर अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। बारहवीं के बाद अभी जो विद्यार्थी कॉलेज जाएंगे, ऐसे में संभव है कि वो विद्यार्थी पुराने स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के हिसाब से ही दाखिला पाएंगे। दरअसल, नई शिक्षा नीति के हिसाब से अब ग्रेजुएशन में छात्र चार साल का कोर्स पढ़ेगें, जिसमें बीच में कोर्स को छोड़ने की गुंजाइश भी दी गई है। छात्र अगर कोर्स बीच में ही छोड़ देते हैं, तो उनको ड्रापआउट घोषित नहीं किया जाएगा।
5.# सवाल: उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति में क्या अहम बदलाव हुए हैं? विस्तार से बताएं। उत्तर: नई शिक्षा नीति में छात्र स्नातक में चार साल का पाठ्यक्रम पढ़ेंगे। इसमें भी विकल्प दिया गया है। जो विद्यार्थी ग्रेजुएशन के बाद नौकरी करना चाहते हैं एवं हायर एजुकेशन में नहीं जाना चाहते, उनके लिए तीन साल की डिग्री रखी गई है। वहीं, शोध में जाने वाले विद्यार्थियों के लिए चार साल की डिग्री रखी गई है। चार साल की डिग्री करने वाले विद्यार्थी एक साल में स्नातकोत्तर कर पाएंगे। अगर कोई छात्र इंजीनियरिंग कोर्स को दो साल में ही छोड़ देता है, तो उसे डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। पांच साल का संयुक्त ग्रेजुएट-मास्टर कोर्स लाया जाएगा। अगर चार साल के डिग्री कोर्स में कोई विद्यार्थी पहले साल में ही कॉलेज छोड़ देता है, तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा। जबकि दूसरे साल के बाद एडवांस सर्टिफिकेट और तीसरे साल के बाद छोड़ने पर डिग्री मिलेगी। अगर विद्यार्थी पूरे चार साल पढ़ेगा तो चार साल बाद की डिग्री उसे शोध के साथ मिलेगी। इसी तरह से पोस्ट ग्रेजुएट में तीन तरह के विकल्प होंगे। जिन्होंने तीन साल का डिग्री कोर्स किया है उनके लिए दो साल का मास्टर्स होगा। दूसरा- चार साल के डिग्री कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक साल का एमए होगा। तीसरा- पांच साल का इंटिग्रेडेट प्रोग्राम होगा जिसमें स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों एक साथ हो जाए।
6.# सवाल: नई शिक्षा नीति में एमफिल और पीएचडी के लिए क्या प्रावधान हैं? उत्तर- नई शिक्षा नीति में एमफिल को खत्म कर दिया गया है।अब पीएचडी के लिए चार साल की डिग्री शोध के साथ अनिवार्य होगी। 7.# सवाल: 5+3+3+4 फॉर्मेंट क्या है? उत्तर: नई शिक्षा नीति में 10+2 की जगह सरकार 5+3+3+4 का फॉर्मूला लाई है। इसमें 5 का अर्थ है कि तीन साल प्री-स्कूल के और उसके बाद के दो साल पहली और दूसरी कक्षा के। 3 का अर्थ है- तीसरी, चौथी और पांचवी कक्षा। इसके बाद के 3 का अर्थ है- छठी, सांतवीं और आठवीं कक्षा। आखिर वाले 4 का अर्थ है- नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा। यानी बच्चे अब तीन साल की उम्र में फॉर्मल स्कूल में जाने लगेंगे। छह साल की उम्र में बच्चा पहले की तरह की पहली कक्षा में होगा। दरअसल, नई व्यवस्था में प्ले-स्कूल के शुरुआती साल भी स्कूली शिक्षा में जोड़े गए हैं।
8.#सवाल: 2030 तक हर जिले में उच्च शिक्षण संस्थान और नेशनल रिसर्च फाउंडेशन क्या है? उत्तर: नई शिक्षा नीति में शोध के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन स्थापित करने की बात कही गई है। उच्च शिक्षण संस्थानों को बहु विषयक संस्थानों में बदला जाएगा। 2030 तक हर जिले में एक उच्च शिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा। ऑनलाइन शिक्षा के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेट तैयार होगा, वर्चुअल लैब, डिजिटल लाइब्रेरी, स्कूलों, शिक्षकों और छात्रों को डिजिट संसाधनों से लैस किया जाएगा। कला, संगीत, शिल्प, खेल, योग, सामुदायिक सेवा जैसे सभी विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। अब छठी कक्षा से ही बच्चे को प्रोफेशनल और स्किल की शिक्षा दी जाएगी। स्कूल में ही बच्चे को नौकरी के जरूरी प्रोफेशनल शिक्षा दी जाएगी। पांचवीं तक और जहां तक संभव हो सके आठवीं तक मातृभाषा में ही शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। नेशनल एसेसमेंट सेंटर बनाया जाएगा जो बच्चों के सीखने की क्षमता का वक्त-वक्त पर परीक्षण करेगा।
9.#सवाल: यूजीसी को खत्म कर रेगुलेटरी बॉडी क्या है? उत्तर: नई शिक्षा नीति में यूजीसी, एनसीटीई और एआईसीटीई को खत्म करके एक रेगुलेटरी बॉडी बनाई जाएगी। हालांकि, अभी यह नहीं बताया गया है कि इस नियामक बॉडी का स्वरूप कैसा होगा। कॉलेजों को स्वायत्ता (ग्रेडेड ओटोनॉमी) देकर 15 साल में विश्वविद्यालयों से संबद्धता की प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम होगा। यह संस्थान के लिए अनिवार्य नहीं होगा। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी यह परीक्षा कराएगी।
10.# नई शिक्षा नीति में और क्या महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं? उत्तर- नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा में दस-दस बड़े सुधारों पर मुहर लगाई गई है। प्री-प्राइमरी शिक्षा के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार होगा। इसके तहत तीन से छह साल तक की आयु के बच्चे आएंगे। 2025 तक कक्षा तीन तक के छात्रों को मूलभूत साक्षरता तथा अंकज्ञान सुनिश्चित किया जाएगा। मिडिल कक्षाओं की पढ़ाई पूरी तरह बदल जाएगी। कक्षा छह से आठ के बीच विषयों की पढ़ाई होगी। फीस पर नियंत्रण के लिए तंत्र तैयार होगा।केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय और प्राइवेट विश्वविद्यालय के लिए एक ही नियम होगा। नई शिक्षा नीति में टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है।हर जिले में कला, करियर और खेल-संबंधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए एक विशेष बोर्डिंग स्कूल के रूप में 'बाल भवन' स्थापित किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है। विद्यार्थियों को स्कूल के सभी स्तरों और उच्च शिक्षा में संस्कृत को एक विकल्प के रूप में चुनने का अवसर दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति में विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अहम बिंदु
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय
- स्कूलों के लिए 10+2 की जगह 5+3+3+4 फॉर्मूला
- शिक्षा पर सरकारी खर्च 4.43% से बढ़ाकर जीडीपी का 6 % का लक्ष्य है।
- ग्रेजुएशन में 3-4 साल की डिग्री व एमफिल की अनिवार्यता खत्म
- छठी कक्षा से ही छात्रों को प्रोफेशनल और स्किल की शिक्षा
- दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को बनाया गया आसान
- पांचवीं कक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई
- UGC, NCTE और AICTE की जगह एक नियामक बॉडी
- उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम
- 2030 तक हर जिले में एक उच्च शिक्षण संस्थान
- ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर
- विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें शिक्षा समाचार आदि से संबंधित ब्रेकिंग अपडेट।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Please wait...
अपना शहर चुनें
Today's e-Paper
News from indian states.
- Uttar Pradesh News
- Himachal Pradesh News
- Uttarakhand News
- Haryana News
- Jammu And Kashmir News
- Rajasthan News
- Jharkhand News
- Chhattisgarh News
- Gujarat News
- Health News
- Fitness News
- Fashion News
- Spirituality
- Daily Horoscope
- Astrology Predictions
- Astrologers
- Astrology Services
- Age Calculator
- BMI Calculator
- Income Tax Calculator
- Personal Loan EMI Calculator
- Car Loan EMI Calculator
- Home Loan EMI Calculator
Entertainment News
- Bollywood News
- Hollywood News
- Movie Reviews
- Photo Gallery
- Hindi Jokes
Sports News
- Cricket News
- Live Cricket Score
Latest News
- Technology News
- Car Reviews
- Mobile Apps
- Sarkari Naukri
- Sarkari Result
- Career Plus
- Business News
- Europe News
- UP Board Result
- HP Board Result
- UK Board Result
- Utility News
- Bizarre News
- Special Stories
Other Properties:
- My Result Plus
- SSC Coaching
- Gaon Junction
- Advertise with us
- Cookies Policy
- Terms and Conditions
- Products and Services
- Code of Ethics
Delete All Cookies
फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल एप पर उपलब्ध है
अमर उजाला एप इंस्टॉल कर रजिस्टर करें और 100 कॉइन्स पाएं, केवल नए रजिस्ट्रेशन पर, अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज आपके व्हाट्सएप पर.
सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप
क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें
नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु, लक्ष्य: New Education Policy, NEP 2020 in Hindi
भारत के वर्त्तमान प्रधानमंत्री, शिक्षा नीति में संशोधन करके नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy 2020) लागु की है. नई शिक्षा नीति 5+3+3+4 पैटर्न पर आधारित है. इस नीति में पूर्व प्राथमिक स्तर यानि प्ले स्कूल की शिक्षा को जोड़ा गया है. अब आपके मन में सवाल होगा कि नई शिक्षा नीति, NEP 2020 Kya Hai? तो आज हम जानेंगे NEP 2020 in Hindi के बारे में. नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु,
Table of Contents
शिक्षा नीति किसे कहते है?
Education Policy को हिंदी में शिक्षा नीति कहते हैं. यह नीति बच्चों को उचित शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बनायीं जाती है. शिक्षा नीति केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाता है. शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था का पैटर्न तैयार किया जाता है.उस शिक्षा व्यवस्था के पैटर्न को पूरे देश में लागू किया जाता है. इसलिए इसे शिक्षा नीति कहा जाता है.
भारत में सबसे पहले 1968 में शिक्षा नीति बनायीं गयी थी. उसके बाद उसमें संशोधन करके नई शिक्षा नीति, 1986 लायी गयी. अब तक भारत की शिक्षा नीति में तीन बार संशोधन किया गया है. हाल ही में केंद्र सरकार शिक्षा नीति में संशोधन करके नई शिक्षा नीति, 2020 तैयार की है.
NEP 2020 Kya Hai?
नई शिक्षा नीति (NEP) 2020, भारत की नई शिक्षा नीति है जो 5+3+3+4 पैटर्न पर आधारित है. जिसे भारत सरकार ने 29 जुलाई 2020 को घोषित की है. 1986 में जारी हुई नई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया संशोधन है. भारत में कुल 34 वर्षों के बाद शिक्षा नीति में बदलाव करके New Education Policy 2020 तैयार किया गया है. उसमें भी अभी केवल शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार किया गया है, इसे लागु करने में कई वर्ष लग सकते हैं. यह शिक्षा नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है.
2020 की नई शिक्षा नीति के तहत ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ का नाम परिवर्तित करके केवल ‘शिक्षा मंत्रालय’ रखा गया है. पुरानी शिक्षा नीति के तहत 6 वर्ष की आयु में बच्चों को स्कूल में दाखिल किया जाता है.
नई शिक्षा नीति, 2020 के तहत 3 वर्ष की आयु में ही बच्चों को स्कूल में दाखिल किया जायेगा. नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पूर्व-प्राथमिक स्तर की शिक्षा को शामिल किया गया है. पूर्व-प्राथमिक स्तर की शिक्षा तीन वर्ष तक दी जाएगी, जिसमें बच्चों को प्ले स्कूल की तरह खेल-खेल में शिक्षा दिया जायेगा. बच्चों को किताब-कॉपी नहीं लेकर जाना होगा. इससे बच्चों को बस्ता का भारी वजन नहीं ढोना पड़ेगा.
NEP 2020 in Hindi, नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूलों में 10 +2 प्रोग्राम के स्थान पर 5 +3+3+4 प्रोग्राम को शामिल किया गया. इसी पैटर्न पर बच्चों को शिक्षा प्रदान किया जायेगा. अब आप सोच रहे होंगे कि ये 5+3+3+4 प्रोग्राम क्या है. इसका मतलब यह है कि नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा चार स्टेज में दी जाएगी. पांच वर्ष की शिक्षा फाउंडेशन स्टेज में, उसके बाद की तीन वर्ष की शिक्षा प्रिपरेटरी स्टेज, दूसरा तीन साल मिडिल स्टेज और अंतिम चार वर्ष सीनियर सेकेंडरी स्टेज में आएगा.
5 वर्ष-Foundation Stage (Pre-Primary और class 1, 2 तक)
शुरुआत की पांच वर्ष फाउंडेशन स्टेज कहलायेगा. इस स्टेज में प्री-प्राइमरी स्कूल (Play School) की शिक्षा तीन साल तक तथा कक्षा 1 और कक्षा 2 की पढाई होगी. पहले जहां सरकारी स्कूल में दाखिला 6 वर्ष में होता था, वहीँ अब 3 साल में ही बच्चों का नामांकन होगा. तीन वर्ष की आयु में बच्चों का नामांकन होगा. तीन साल तक पूर्व-प्राथमिक स्कूल की पढाई होगी औरदो साल कक्षा एक और दो कक्षा की पढाई होगी. इस स्टेज में बच्चों को परीक्षा नहीं देना होगा. शुरुआत के पांच वर्षों में परीक्षा नहीं होगा. इससे बच्चे में परीक्षा का भय, डर नहीं होगा.
3 वर्ष -Preparatory Stage (class 3, 4, 5)
फाउंडेशन स्टेज पूरी करने के बाद इस स्टेज में बच्चा तीन कक्षा में आएगा. इस स्टेज में बच्चा तीन साल तक रहेगा यानि कक्षा तीन, चार और कक्षा पांचवीं (कक्षा 3, 4, 5) तक की पढाई होगी. इस स्टेज तक बच्चों को मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान किया जायेगा. इसी स्टेज में बच्चे का एग्जाम शुरू होगा यानि कि कक्षा तीन से बच्चों को परीक्षा देनी होगी.
दूसरा 3 वर्ष -Middle Stage (class 6, 7, 8)
पांचवीं कक्षा तक की पढाई पूरी करने के बाद बच्चा मिडिल स्टेज में आएगा. इस स्टेज में बच्चा कक्षा 6 में आएगा एवं तीन साल तक इसी स्टेज में रहेगा, यानि मिडिल स्टेज में बच्चा कक्षा छठी, सातवीं और आठवीं (Class 6-8) तक रहेगा. इस स्टेज में बच्चे को व्यावसायिक शिक्षा ( Vocational Training ) दिया जायेगा. जैसे, कंप्यूटर ट्रेनिंग, कोडिंग, सिलाई, बुनाई, बढई कार्य आदि का ट्रेनिंग दिया जायेगा. इस स्टेज में पढाई किसी भी भारतीय भाषा में दी जाएगी.
4 वर्ष -Secondary Stage (class 9, 10, 11, 12)
मिडिल स्टेज के बाद बच्चा सेकेंडरी स्टेज में जायेगा. यह स्टेज कक्षा नौवीं से बारहवीं तक का होगा. इस स्टेज में बच्चा 9 क्लास में आएगा, और बारहवीं कक्षा तक रहेगा. इसमें बच्चा जिस सब्जेक्ट की पढाई करना चाहता है, वह सब्जेक्ट रख सकता है. साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स इन सभी स्ट्रीम को हटा दिया गया है. Multiple subject का प्रावधान है, कोई भी स्ट्रीम नहीं होगा. बच्चा जो सब्जेक्ट पढना चाहता है, वह सब्जेक्ट रख सकता है. जैसे- अगर बच्चा को साइंस सब्जेक्ट अच्छा लगता है, तो एक साइंस का विषय, सामाजिक विज्ञान अच्छा लगता है, तो एक सामाजिक विज्ञान यानि इतिहास, भूगोल का विषय रख सकता है.
एग्जाम पैटर्न में परिवर्तन किया गया है. पहले 9 से 12 तक वार्षिक परीक्षा होती थी. नयी शिक्षा नीति के तहत नौ से बारहवीं कक्षा की परीक्षा सेमेस्टर में होगा. प्रत्येक छः महीने में एक सेमेस्टर की परीक्षा होगी. इस स्टेज में एक विदेशी भाषा यानि फॉरेन लैंग्वेज की शिक्षा दी जाएगी.
नई शिक्षा नीति 2020 के बारे में
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत ग्रेजुएशन डिग्री 4 वर्ष की होगी. प्रत्येक वर्ष के लिए अलग-अलग प्रमाण-पत्र दिया जायेगा. जैसे-
- 1 वर्ष की पढाई करने के बाद ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट दिया जायेगा.
- 2 साल पढाई करने के बाद ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रमाण पत्र दिया जायेगा.
- 3 वर्ष तक पढाई करने वाले को ग्रेजुएशन डिग्री मिलेगा.
- 4 वर्ष का स्नातक करने वाले को रिसर्च यानि शोध ग्रेजुएशन प्रमाण पत्र दिया जायेगा.
इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा. जैसे अगर कोई बच्चा एक साल स्नातक की पढाई करता है, तो उसे ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट दिया जायेगा. और दो वर्ष स्नातक की पढाई करता है, तो उसे ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्राप्त होगा.
उसके बाद अगर वह किसी कारणवश पढाई छोड़ देता है. उसके बाद फिर एक या दो वर्ष के बाद ग्रेजुएशन की पढाई पूरी करना चाहता है. तो उसे फिर से प्रथम वर्ष में एडमिशन नहीं लेना होगा. उसे सीधा स्नातक 3rd year में एडमिशन मिल जायेगा. क्योंकि पहले से उसके पास दो वर्ष का प्रमाण पत्र है.
अगर पीजी यानि Post Graduation की बात करें, तो यह 1/2 वर्ष का होगा. आप एक या दो वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं. लेकिन इसमें भी कुछ नियम है. जैसे- अगर आप तीन वर्ष का स्नातक डिग्री कोर्स किये है और आप पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहते हैं, तो आपको दो वर्ष का स्नातकोत्तर डिग्री करना होगा.केवल चार वर्षीय ग्रेजुएशन करने वालों को 1 वर्षीय स्नातकोत्तर में प्रवेश मिलेगा. 2020 की नयी शिक्षा नीति के तहत पीएचडी (PhD) कुल चार वर्ष की होगी.
NEP 2020 के लक्ष्य, उद्देश्य
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात 100 प्रतिशत करना.
- पाँचवीं कक्षा तक की शिक्षा मातृभाषा /स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध करवाना.
- मातृभाषा को कक्षा-8 और उससे आगे की शिक्षा के लिए प्राथमिकता देने का सुझाव दिया गया है.
- इस नीति के तहत 3 से 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के अंतर्गत रखा गया है.
- न्यू एजुकेशन पालिसी 2020 का उद्देश्य सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है.
- 2025 तक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा (3 से 6 वर्ष की आयु सीमा) को सार्वभौमिक बनाना.
- इसके अन्तर्गत शिक्षा क्षेत्र पर सकल घरेलू उत्पाद के 6% हिस्से को सार्वजनिक व्यय का लक्ष्य रखा गया है.
- देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए ‘भारतीय उच्च शिक्षा परिषद’ नामक एक एकल नियामक की परिकल्पना की गई.
इसे भी पढ़ें: आधुनिक युग में शिक्षा की भूमिका क्या है?
Leave a Comment Cancel reply
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का संक्षिप्त विवरण
केंद्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020’ ( National Education Policy- 2020 ) को मंज़ूरी दी है। नई शिक्षा नीति 34 वर्ष पुरानी ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986’ [National Policy on Education (NPE),1986] को प्रतिस्थापित करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020, 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है। वर्ष 1968 और 1986 के बाद यह भारत की तीसरी शिक्षा नीति है। NEP-2020 के तहत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र पर देश की जीडीपी के 6% हिस्से के बराबर निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
- अध्यक्ष : सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक पूर्व इसरो प्रमुख पद्म विभूषण डॉ. के कस्तूरीरंगन
- समिति : कस्तूरीरंगन समिति
- समिति का गठन : जून, 2017 में किया गया तथा मई, 2019 में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा’ कैबिनेट को प्रस्तुत किया गया।
- मंजूरी : 29 जुलाई, 2020 को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल द्वारा इसे मंजूरी मिली।
शिक्षा मंत्रालय
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development- MHRD) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय’ कर दिया गया है। 1985 से पहले यह मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय ही था जिसे 1985 में बदलकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) कर दिया गया था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य शिक्षा की पहुँच, समानता, गुणवत्ता, वहनीय शिक्षा और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देना है।
- छात्रों को जरूरी कौशलों एवं ज्ञान से लैस करना और विज्ञान, टेक्नोलॉजी, अकादमिक क्षेत्र और इण्डस्ट्री में कुशल लोगों की कमी को दूर करते हुए देश को ज्ञान आधारित सुपर पॉवर के रूप में स्थापित करना है।
- शिक्षा नीति में छात्रों में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करना।
- भाषाई बाध्यताओं को दूर करने, दिव्यांग छात्रों के लिये शिक्षा को सुगम बनाने आदि के लिये तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देने पर बल देना।
स्कूली शिक्षा में सुधार
नई शिक्षा नीति में वर्तमान में सक्रिय 10+2 के शैक्षिक मॉडल के स्थान पर शैक्षिक पाठ्यक्रम को 5+3+3+4 प्रणाली के आधार पर विभाजित करने की बात कही गई है।
5 | फाउण्डेशन स्टेज | 3 से 6 वर्ष | आँगनबाड़ी |
फाउण्डेशन स्टेज | 6 से 8 वर्ष | नर्सरी (प्री प्राइमरी) | |
3 | प्राथमिक शिक्षा | 8 से 11 वर्ष | कक्षा 3 से 5 |
3 | मध्यम स्तर | 11 से 14 वर्ष | कक्षा 6 से 8 |
4 | अंतिम स्तर | 14 से 18 वर्ष | कक्षा 9 से 12 |
शिक्षण प्रणाली में सुधार:
- उच्चतर शिक्षा संस्थानों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, अनुसंधान एवं सामुदायिक भागीदारी उपलब्ध करवाने के लिए उच्च साधन सम्पन्न एवं बहु विषयक संस्थानों में रूपान्तरित किया जाएगा।
- पहले सरकारी स्कूलों में प्री स्कूलिंग नहीं होती थी, बच्चा 6 वर्ष की आयु से पढ़ना प्रारम्भ करता था लेकिन अब 3 वर्ष से ही शिक्षा ECCE (Early Childhood Care and Education) द्वारा प्रारम्भ (ऑगनबाड़ी के माध्यम से)।
- पहले जहाँ कक्षा 11 से विषय चुन सकते थे अब छात्रों को कक्षा 9 से विषय चुनने की आजादी रहेगी।
- कक्षा 9 से 12 की पढ़ाई में किसी विषय के प्रति गहरी समझ तथा बच्चों की विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाकर जीवन में बड़े लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में बदलाव कर अब वर्ष में दो बार (सेमेस्टर प्रणाली द्वारा) ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव फॉर्मेट में परीक्षा आयोजित की जाएँगी ।
- NEP-2020 के तहत मिड-डे मील के साथ नाश्ता देने की भी बात कही गई है। सुबह के समय पोषक नाश्ता अधिक मेहनत वाले विषयों की पढ़ाई में लाभकारी हो सकता है।
उच्च शिक्षा (Higher Education)
- एक वर्ष की पढ़ाई पर – सर्टिफिकेट
- दो वर्ष की पढ़ाई पर – डिप्लोमा
- तीन या चार वर्ष पर – डिग्री
- एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट – इसमें विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों से प्राप्त अंकों या क्रेडिट को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जाएगा तथा अलग-अलग संस्थानों में छात्र के प्रदर्शन के आधार पर प्रमाण-पत्र दिया जायेगा।
- जो छात्र हायर एजुकेशन में नहीं जाना चाहते उनके लिए ग्रेजुएशन डिग्री 3 साल की है किन्तु शोध अध्ययन करने वालों के लिए ग्रेजुएशन डिग्री अब 4 साल की होगी।
- पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में एक साल बाद पढ़ाई छोड़ने का विकल्प रहेगा तथा पाँच साल का संयुक्त ग्रेजुएट-मास्टर कोर्स लाया जाएगा।
- कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) – उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एग्जाम होगी जिसे राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी कराएगी। संस्था के लिए यह प्रवेश एग्जाम अनिवार्य नहीं है।
- केन्द्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय और प्राइवेट विश्वविद्यालय के लिए अलग-अलग नियम हैं, अब सबमे एक समान नियम बनाया जाएगा।
- अंतर्राष्ट्रीयकरण – भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों को अपने परिसर अन्य देशों में स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा साथ ही विश्व के चुनिंदा विश्वविद्यालयों( शीर्ष 100 में से) को भारत में संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC ), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) और नेशनल काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (NCTE)को समाप्त कर रेगुलेटरी बॉडी बनाई जाएगी।
शिक्षकों से सम्बंधित सुधार:
- नेशनल मेंटरिंग प्लान- इससे शिक्षकों का उन्नयन किया जाएगा।
- शिक्षकों को प्रभावकारी एवं पारदर्शी प्रक्रियाओं के जरिए भर्ती किया जाएगा तथा पदोन्नति भी अब योग्यता (शैक्षणिक प्रशासन व समयसमय पर कार्य प्रदर्शन का आकलन) आधारित होगी।
- शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा वर्ष 2022 तक राष्ट्रीय प्रोफेशनल मानक (NPST) तैयार किया जाएगा।
- प्रत्येक स्कूल में शिक्षक-छात्रों का अनुपात (PTR)30 : 1 से कम हो तथा सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित बच्चों की अधिकता वाले क्षेत्रों के स्कूलों में यह अनुपात 25 : 1 से कम हो।
- प्रत्येक शिक्षक से अपेक्षित होगा कि वह स्वयं व्यावसायिक विकास (पेशे से सम्बन्धित आधुनिक विचार, नवाचार और खुद में सुधार करने) के लिए स्वेच्छा से प्रत्येक वर्ष 50 घण्टों का सतत् व्यावसायिक विकास (CPD) कार्यक्रम में हिस्सा लें।
- शिक्षकों को गैर-शिक्षण गतिविधियों (जटिल प्रशासनिक कार्य, Mid Day Meal) से सम्बन्धित कार्यों में शामिल न करने का सुझाव।
- ECCE शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए NCERT द्वारा 6 माह (जो आँगनबाड़ी कर्मचारी 10 +2 या अधिक योग्यता) एवं 1 वर्ष (जो कर्मचारी कम शैक्षणिक योग्य) का डिप्लोमा कार्यक्रम कराया जाएगा।
- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा NCERT के परामर्श के आधार पर ‘अध्यापक शिक्षा हेतु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा’ [National Curriculum Framework for Teacher Education (NCFTE), 2021] का विकास किया जाएगा।
- वर्ष 2030 तक शिक्षण कार्य (अध्यापन) के लिये न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत बी.एड. डिग्री का होना अनिवार्य किया जाएगा।
- संविदा शिक्षक रखने की बजाय नियमित शिक्षक भर्ती करने पर जोर।
शैक्षणिक भाषा से सम्बंधित सुधार:
- इस नीति में भारतीय भाषाओं में पढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया गया है। इसमें तीन भाषा फॉर्मूला यानी कि हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषाओं में पढाई करवाई जाएगी।
- NEP-2020 के तहत कक्षा-5 तक की पढ़ाई मातृभाषा/ स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में करवाई जाएगी। जिससे अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता (मैक्याले पद्धति) समाप्त होगी।
- स्कूली और उच्च शिक्षा में छात्रों के लिये संस्कृत और अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं का विकल्प उपलब्ध होगा परन्तु किसी भी छात्र पर भाषा के चुनाव को थोपा नहीं जायेगा।
- ई-पाठ्यक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किए जाएंगे। वर्चुअल लैब विकसित की जा रही है और एक राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फ़ोरम (NETF) बनाया जा रहा है।
- बधिर छात्रों के लिये राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पाठ्यक्रम सामग्री विकसित की जाएगी तथा भारतीय संकेत भाषा (Indian Sign Language- ISL) को पूरे देश में मानकीकृत किया जाएगा।
- छठी कक्षा से वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके तहत इच्छुक छात्रों को छठी क्लास के बाद से ही इंटर्नशिप करवाई जाएगी।
- 9वीं कक्षा से विद्यार्थी को विदेशी भाषाओं को भी सीखने का विकल्प मिलेगा।
- भारतीय भाषाओं के संरक्षण और विकास के लिये एक “भारतीय अनुवाद और व्याख्या संस्थान” तथा “फारसी, पाली और प्राकृत भाषा के लिये राष्ट्रीय संस्थान” स्थापित किया जायेगा।
भारत उच्च शिक्षा आयोग
- भारत उच्च शिक्षा आयोग (Higher Education Commission of India -HECI) को सम्पूर्ण उच्च शिक्षा के सर्वोच्च निकाय के रूप में गठित किया जायेगा। इसमें मेडिकल और कानूनी शिक्षा को शामिल नहीं किया जाएगा।
- वर्ष 2040 तक सभी वर्तमान उच्चतर शिक्षा संस्थानों (HEI) का उद्देश्य अपने आपको बहु-विषयक संस्थानों के रूप में स्थापित करना होगा।
- वर्ष 2030 तक प्रत्येक जिले में या उसके समीप कम से कम एक बड़ा बहु-विषयक उच्चतर शिक्षा संस्थान स्थापित किया जायेगा।
- विनियमन हेतु- राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामकीय परिषद (National Higher Education Regulatory Council- NHERC)
- मानक निर्धारण- सामान्य शिक्षा परिषद (General Education Council- GEC)
- वित पोषण- उच्चतर शिक्षा अनुदान परिषद (Higher Education Grants Council-HEGC)
- प्रत्यायन- राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (National Accreditation Council- NAC)
- नई शिक्षा नीति में एमफिल (MPhil) को समाप्त किया जायेगा।
- Ph.D के लिए 4 वर्षीय ग्रेजुएशन फिर एम.ए. उसके बाद Mphil) की अनिवार्यता समाप्त कर दी जाएंगी।
- राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) – राष्ट्र में गुणवत्तापूर्ण अनुसन्धान को सही रूप में उत्प्रेरित और विकसित करने के लिए तथा सभी प्रकार के वैज्ञानिक एवं सामाजिक अनुसंधानों पर नियंत्रण रखने के लिए NRF का गठन।
स्कॉलरशिप पोर्टल व खुला विधालय योजना
- SC,ST और OBC के सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर स्कॉलरशिप पोर्टल का निर्माण किया जाएगा। स्कॉलरशिप प्रदान कर स्कूल न आने वाले बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा।
- IIT और IIM की तरह Multidisciplinary Education and Research University (MERUS) की स्थापना की जाएगी।
- देश के जो युवा किसी संस्था में नियमित रूप से अध्ययन नहीं कर सकते उन्हें NIOS (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग) और राज्यों के ओपन स्कूलों द्वारा चलाए जा रहे ODL (ओपन एण्ड डिस्टेंस लर्निंग) कार्यक्रम से जोड़ कर पढ़ाया जाएगा।
- NIOS (राष्ट्रीय खुला विद्यालय संस्थान)- कक्षा तीन, पाँच और आठ के लिए ओपन लर्निंग की व्यवस्था की जाएगी। ऐसे स्थान जहाँ विद्यालय तक आने के लिए छात्रों को अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। वहाँ जवाहर नवोदय विद्यालयों के स्तर की तर्ज पर निःशुल्क छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा।
- NEP-2020 में जेंडर इंक्लूजन फण्ड और वंचित इलाकों के लिए विशेष शिक्षा क्षेत्र की स्थापना पर जोर।
परिक्षण तथा मूल्यांकन
- 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षाएँ जारी रहेंगी, बोर्ड और प्रवेश परीक्षाओं की मौजूदा प्रणाली में सुधार किया जाएगा। छात्र परीक्षा देने के लिए अपने विषयों में से कई विषय चुन सकेंगे।
- छात्रों को वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी जिससे बोर्ड परीक्षाओं के ‘उच्चतर जोखिम’ पहलू को समाप्त किया जा सके ।
- विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा सम्पूर्ण देश में एक समान होगी इसे राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा साल में 2 बार करवाया जाएगा।
- परख – छात्रों के मूल्यांकन के लिये मानक-निर्धारक निकाय के रूप में ‘परख(PARAKH) नामक एक नए ‘राष्ट्रीय आकलन केंद्र (National Assessment Centre) की स्थापना की जाएगी।
- 360° Assesment – छात्र का रिपोर्ट कार्ड 360° Assesment के आधार पर उसके व्यवहार, अन्य पाठ्य सहगामी क्रियाओं तथा मानसिक क्षमताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया जायेगा। जिसमे मूल्यांकन स्वयं छात्र, शिक्षक एवं सहपाठियों द्वारा किया जायेगा।
National Education Policy 2020
Download English PDF
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
डाउनलोड हिंदी PDF
NEP 2020: An Effort Towards Transforming India's Education Landscape
- This person is not on ResearchGate, or hasn't claimed this research yet.
Discover the world's research
- 25+ million members
- 160+ million publication pages
- 2.3+ billion citations
- Sunita Khatak
- J M Basantia
- Recruit researchers
- Join for free
- Login Email Tip: Most researchers use their institutional email address as their ResearchGate login Password Forgot password? Keep me logged in Log in or Continue with Google Welcome back! Please log in. Email · Hint Tip: Most researchers use their institutional email address as their ResearchGate login Password Forgot password? Keep me logged in Log in or Continue with Google No account? Sign up
IMAGES
VIDEO
COMMENTS
राष्ट्रीय शिक्षा नीशि 2020
New Education Policy 2020 PDF In Hindi: भारत में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में उच्च शिक्षा को ध्यान में रखते हुए 29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को मंजूरी दी गई। नई शिक्षा ...
Impact of New Education Policy 2020 on Higher Education
नई शिक्षा नीति 2020
नई शिक्षा नीति, 2020
Nep 2020:आसान भाषा और इन 10 सवालों के जरिए समझें नई ...
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए 21वीं सदी के लक्ष्यों और सतत् विकास लक्ष्य 4 (SDG4 ...
NEP-2020 के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में 'सकल नामांकन अनुपात' (Gross Enrolment Ratio) को 26.3% (वर्ष 2018) से बढ़ाकर 50% तक करने का लक्ष्य रखा गया है, इसके साथ ही ...
NEP 2020 in Hindi, नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूलों में 10 +2 प्रोग्राम के स्थान पर 5 +3+3+4 प्रोग्राम को शामिल किया गया.
NEP-2020 के तहत मिड-डे मील के साथ नाश्ता देने की भी बात कही गई है। सुबह के समय पोषक नाश्ता अधिक मेहनत वाले विषयों की पढ़ाई में लाभकारी हो ...
SDG-4 is the goal for education. Its goal is to make sure that everyone gets the same quality. It wants to get more money invested in the development of young children. With changes to primary education, NEP 2020 would reach its goals, which are in SDG 2030, describe a plan for early childhood development.
Policy 2020: A Review Dr.Mohan Kumar H.S faculty in sociology, University evening college, UOM,Mysuru Abstract The National Education Policy 2020 (NEP 2020), which was approved by the Union Cabinet of India on 29 July 2020, outlines the vision of India's new education system.[1] The new policy replaces the previous National Policy on
New Education Policy 2020 of India: A Theoretical Analysis
नई रा ीय श ा नी त , 2020 क े तहत वष 2030 त क सकल ना मांकन अनुा प त (Gross Eurolment Ratio-GER) क ो 100% ल ा ने का ल य रखा गया है।. नई श ा नीत के अंतगत क व रा य सरकार के ...
The NEP 2020 is going to affect all the stakeho lders in one way o r other, m ost direc t affect is on the s tudents a nd teacher s. If w e co nsider the educa tion pa ttern o ld times 10+ 2 ...
ABSTRACT: The National Education Policy (NEP) 2020 marks a significant paradigm shift in the Indian education landscape, emphasizing the importance of a skills-centric approach over rote memorization. This paper explores the key aspects of NEP 2020, its educational reforms, and its role in transitioning India's education system towards a focus ...
राष्ट्र 1य शिक्षा नशि 2020 4 समस्या-समाधान और ताशकणक एव c रचनात्मक ूप से सोचना सीखें, शवशवध शवषयो c के बीच अ cतसंब cधो c को
Graduation with research. In NEP 2020 offers 1 year or 2 year master's degree after graduation. 1 year master's degree for those who have completed 4 year graduation and 2 year master degree for those who have completed 3 year graduation course. NEP 2020 proposed Higher Education Commission of India (HECI) a single wide umbrella regulatory
Analysis of NEP - 2020's Aspirations and Challenges . Manoj Sharma . Lecturer, Veena Memorial College of Education, Padewa, Karauli . Abstract: The National Education Policy (NEP) 2020 in India focuses on reforming teacher education programs to meet the changing needs of school education and the global landscape (Sharma & Mittal, 2023).
[हिन्दी] National Education Policy (NEP) 2020 MCQ ...
the education system. W ith the objective of creating a nation. which is more prod uctive and co hesive, the government of India. announced the newest National E ducation Policy (NEP 2020) as. a ...
NEP 2020 Actionable Points. NEP 2020 Introduction-nep-2020-p-3-nep. 1. The aim must be for India to have an education system by 2040 that is second to none. NEP 2020 Introduction-nep-2020-p-3-nep-2. 2. With equitable access to the highest-quality education for all learners regardless of social or economic background.