भारतीय वाद्य यंत्रों की जानकारी Indian musical instruments in Hindi

भारतीय वाद्य यंत्रों की जानकारी Indian musical instruments in Hindi

इस लेख में हम आपको भारतीय वाद्य यंत्रों की जानकारी Indian musical instruments in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

Table of Content

भारतीय वाद्य यंत्रों की जानकारी Indian musical instruments

भारतीय वाद्य यंत्रों की सूची indian musical instruments list  .

musical instruments essay on hindi

वीणा का प्रयोग शास्त्रीय संगीत में किया जाता है। यह सबसे प्राचीन वाद्य यंत्र माना जाता है। वैदिक साहित्य में वीणा का उल्लेख कई जगह मिला है। सरस्वती और नारद मुनि के हाथ में वीणा वाद्य यंत्र सदैव रहता था। यह माना जाता है कि अमीर खुसरो ने सितार की रचना वीणा और बैंजो को मिलाकर की थी। इस वाद्य यंत्र में 4 तार होते हैं। रूद्र वीणा और विचित्र वीणा वीणा के ही दूसरे रूप हैं।

musical instruments essay on hindi

यह एक लोकप्रिय वाद्ययंत्र माना जाता है। सितार को भारत का राष्ट्रीय वाद्य यंत्र भी कहते हैं। इस वाद्ययंत्र के द्वारा मन की भावनाओं को व्यक्त किया जाता है। हिंदू और मुसलमानों के वाद्य यंत्रों को मिलाकर सितार की रचना की गई है।

इसमें 1 से 5 तार हो सकते हैं। एक तार वाले सितार को “एकतारा”, दो तार वाले सितार को “दोतारा” इसी तरह 4 वाले सितार को “चहरतारा” और 5 तार वाले सितार को पचतारा कहते हैं।

musical instruments essay on hindi

तबला एक लोकप्रिय वाद्ययंत्र है। भारत में यह बहुत मशहूर है। यह वाद्य यंत्र दो भागों में होता है दाहिना तबला जिसे दाहिने हाथ से बजाते हैं और बाया तबला जिसे बाएं हाथ से बजाते हैं। तबले का आविष्कार 13वीं शताब्दी में महान भारतीय कवि और संगीतज्ञ अमीर खुसरो ने पखावज के दो टुकड़े करके किया था।

तबला शीशम की लकड़ी से बनाया जाता है। इसे बजाने के लिए हथेली और उंगलियों का प्रयोग किया जाता है। उस्ताद अल्लाह रखा खान, अहमद जान थिरकवा, उस्ताद जाकिर हुसैन , किशन महाराज प्रसिद्ध तबला वादक हैं।

musical instruments essay on hindi

ढोलक का नाम तो आपने सुना होगा। यह वाद्ययंत्र भारत के घर घर में है। शुभ अवसरों पर ढोलक बजाई जाती है। किसी परिवार में जब कोई बच्चा जन्म लेता है तो खुशहाली मनाने के लिए ढोलक बजाई जाती है।

होली शादी जैसे अवसरों पर ढोलक का प्रयोग खूब होता है। शीशम सागौन आम जैसी लकड़ियों को अंदर से खोखला करके दोनों किनारों पर चमड़ा चढ़ा देते है। यह दोनों हाथों से बजाई जाती है।

musical instruments essay on hindi

मशकबीन (बैगपाइप) का इस्तेमाल पाश्चात्य देशों में अधिक किया जाता है। इसकी धुन बहुत ही मधुर होती है। गणतंत्र दिवस समारोह में देश के जवान बैगपाइप को बजाकर मार्च करते है। सभी लोगों को इस वाद्य यंत्र की धुन पसंद आती है। इसकी धुन को सुनकर शाही एहसास होता है।

प्राचीन काल के राजा महाराजा अपने समारोह में इसका इस्तेमाल करते थे। इस वाद्ययंत्र का वजन 4 किलोग्राम के आस पास होता है। इसे बचाने के लिए बहुत शक्ति लगती है, इसलिए बजाने वाले व्यक्ति को पौष्टिक आहार खाना पड़ता है जिससे उसकी ताकत बनी रहे।

musical instruments essay on hindi

हमारे देश में बांसुरी एक लोकप्रिय वाद्य यंत्र है। मेलो बाजारों में भी कई बांसुरी बेचने वाले दिख जाते हैं। हिंदू धर्म में श्री कृष्ण भगवान भी बांसुरी बजाकर गोपियों को रिझाते थे। इसकी धुन अत्यंत मधुर होती है। यह बांस से बनाया जाता है।

बांसुरी में कुल 7 छेद बनाये जाते हैं। यह वाद्य यंत्र श्री कृष्ण भगवान का प्रिय वाद्य यंत्र था। इसे मुरली के नाम से भी जाना जाता है। हरिप्रसाद चौरसिया विश्व के प्रसिद्ध बांसुरी वादक हैं।

musical instruments essay on hindi

यह वाद्य यंत्र भी आजकल काफी मशहूर हो गया है। गिटार का विकास सितार से हुआ है। यह हल्की लकड़ी का बना होता है। इसमें 6 तार होते हैं। उंगलियों से तारों को छेड़कर धुन निकाली जाती है। इसका प्रयोग एकल गायन के लिए किया जाता है। आजकल इलेक्ट्रॉनिक गिटार थी काफी लोकप्रिय हो गया है।

musical instruments essay on hindi

इस वाद्य यंत्र को बेला भी कहते हैं। विश्व भर में यह वाद्य यंत्र काफी प्रसिद्ध है। वायलिन का आविष्कार इटली में किया गया था।

musical instruments essay on hindi

पियानो भी एक लोकप्रिय वाद्ययंत्र है। इसका आविष्कार 10 वीं शताब्दी में हुआ था। इसे महावाद्य भी कहते हैं। पियानो में कुल 88 स्वर होते हैं जो अष्टको में विभक्त होते हैं। 49 वा स्वर पिच ऐ कहलाता है जिसकी आवृति 440 प्रति सेकंड होती है। पियानो का प्रत्येक स्वर निश्चित होता है। प्रत्येक स्वर मूल स्वर और सन्नादी स्वरों के मेल से बनता है।

musical instruments essay on hindi

यह तांबे का बना वाद्य यंत्र है। इसे मुंह से बजाया जाता है। इसमें बहुत सी चाभियाँ लगी होती हैं जिसे बजाते वक्त दबाने से स्वर में भिन्नता आती है। सेक्सोफोन का आविष्कार बेल्जियन अडोल्फ़ सैक्स ने 1840 में किया था।

28 जून 1846 को उन्होंने इसका पेटेंट करवाया था। इस वाद्ययंत्र का इस्तेमाल शास्त्रीय संगीत में किया जाता है। सेना के समारोहों, मार्चिंग बैंड और विजय संगीत में भी सेक्सोफोन का इस्तेमाल किया जाता है।

musical instruments essay on hindi

इसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत में अधिक किया जाता है। यह गायकी प्रधान वाद्य यंत्र है। इसे गाने के साथ बजाया जाता है। सारंगी का अर्थ है 100 रंगों वाला। इसका आविष्कार 18 वीं शताब्दी में किया गया था। राग ध्रुपद जैसे कठिन राग को सारंगी के साथ गाने पर बहुत सुंदर स्वर निकलता है।

सारंगी के स्वर को शांति का स्वर माना जाता है। इस वाद्य यंत्र को बजाना बहुत ही कठिन है। मुस्लिम शासन काल में सारंगी का इस्तेमाल दरबार के कार्यक्रमो में किया जाता था।

musical instruments essay on hindi

शहनाई भारत का एक प्रसिद्ध वाद्य यंत्र है। इसका इस्तेमाल शादी विवाह के शुभ अवसर पर किया जाता है। इसका इस्तेमाल शास्त्रीय संगीत में अधिक किया जाता है। शहनाई के अंदर से पाइप होती है जिसका एक सिरा पतला और दूसरा सिरा चौड़ा होता है। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां विश्व के सर्वश्रेष्ठ शहनाई वादक हैं।

11 thoughts on “भारतीय वाद्य यंत्रों की जानकारी Indian musical instruments in Hindi”

this is really helpful in my project

Yes its very helpful in my music theory

Thanque so much this is so help full

This helped me a lot in my summer holiday homework

bango ke bare me

we will add soon, but not in this article, bango is not indian instrument, thanks for comment

I want information about tala,avandya , Susira and Ghana musical instruments

You different types of instrument name but there’s only few instruments instructions are there

It It was very helpful in my project thanks a lot

This is helpful for me

Leave a Comment Cancel reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

संगीत वाद्ययंत्र पर निबंध Essay on musical instruments in hindi

Essay on musical instruments in hindi.

दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से संगीत वाद्ययंत्र पर निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम इस लेख के माध्यम से  संगीत वाद्य यंत्र  के बारे में  जानकारी प्राप्त करते हैं ।

essay on musical instruments in hindi

वाद्ययंत्र के माध्यम से ही संगीत की ध्वनि निकाली जाती है । वाद्ययंत्र का जन्म मनुष्य की संस्कृति के साथ हुआ था । वाद्ययंत्र के द्वारा ही आज संगीत दुनिया में सुनाई दे रहा है । वाद्ययंत्र के द्वारा ही संगीत की दुनिया को ऊंचाइयां मिली  हैं । वाद्ययंत्र के बिना संगीत को सुरीला नहीं बनाया जा सकता था । जब से वाद्ययंत्र का प्रयोग संगीत की ध्वनि निकालने के लिए किया जाने लगा तब से हर संगीतकार ने संगीत को एक नई धुन दी है ।

संगीतकार के माध्यम से हमें जो सुरीला संगीत प्राप्त हुआ है । इसका सबसे बड़ा योगदान वाद्ययंत्र का है । वाद्ययंत्र का जो भी व्यक्ति शैक्षणिक अध्ययन करता है । उस अध्ययन को अंग्रेजी में ऑर्गेनो लोजी कहते हैं । वाद्ययंत्र के द्वारा ही एक अच्छे संगीत की रचना हुई थी । वाद्ययंत्र के द्वारा जिस संगीत की रचना हुई वह संगीत वाद्य संगीत कहलाता है । वाद्य संगीत के माध्यम से नृत्य , डांस जैसे लोकप्रिय मनोरंजन के साधन हम सभी को प्राप्त हुए है ।

वाद्ययंत्र ही संगीत को सुरीला बनाता हैं । ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन समय से ही जब से मनुष्य ने अपने जीवन में मनोरंजन का अनुभव किया था , अपने जीवन को संस्कृति से जोड़ा था तभी से यह वाद्ययंत्र मनुष्य के साथ है । वाद्ययंत्र के माध्यम से मनुष्य ने अपने जीवन को संगीत दिया था । संगीत से मनुष्य को एक आनंद की अनुभूति होती है । उस आनंद की अनुभूति से मनुष्य अपने जीवन को सफलता की ओर ले जाता है ।

पिछले कुछ वर्षों पहले के जो संगीतकार थे वे सभी संगीतकार वाद्ययंत्र का ही प्रयोग करके अपनी आवाज को दुनिया तक पहुंचाते थे । जब हम उनकी सुरीली आवाज और वाद्ययंत्र की सुरीली तान को  सुनते थे तब हमें बड़ा ही आनंद आता था । वाद्ययंत्र ने मनुष्य को एक संगीत तो दिया ही है साथ में कई ऐसे संगीतकारों का जन्म भी हुआ है जिनके संगीत को आज तक हम सुनते आ रहे हैं । नृत्य के समय जो वाद्य यंत्र का उपयोग किया जाता है उसकी धुन से हमें अमृत रस प्राप्त होता है ।

जब कोई वाद्ययंत्र की धुन पर नृत्य करता है तब उसके पैर डांस करने लगते हैं । जिस तरह से यह दुनिया बदलती जा रही है उस तरह से वाद्ययंत्र भी लुप्त होते जा रहे हैं । बड़े-बड़े संगीतकार आज इलेक्ट्रिक यंत्रों के माध्यम से संगीत गा रहे हैं । पहले जब हम संगीत को सुनते थे । तब यह संगीत तबले , गिटार , बांसुरी एवं हारमोनियम के माध्यम से गाया जाता था । आज सभी संगीतकार इलेक्ट्रिक यंत्रों का उपयोग कर रहे हैं ।

वाद्ययंत्र को सभी संगीतकार , संगीत की देवी सरस्वती का दर्जा देते हैं , वाद्ययंत्र की पूजा करते हैं क्योंकि प्राचीन समय से लेकर आज तक हमें इतना अधिक सुरीला संगीत वाद्ययंत्र ने दिया है । संगीत को सुनकर हम अपने जीवन में आनंद महसूस करते हैं । सुरीला संगीत जब हमारे कानों में पड़ता है तब हमारा दिमाग शांत हो जाता है और हमारे अंदर अच्छे जीवन जीने की अनुभूति होती है ।

मां सरस्वती के हाथों में भी बीड़ा जैसा वाद्ययंत्र है । मां सरस्वती भी संगीत से प्रेम करती हैं । इसलिए मां सरस्वती को संगीत की देवी कहा जाता है । प्राचीन समय के संगीतकार बीड़ा के माध्यम से भगवान के भजन एवं तरह तरह के गीत गाया करते थे ।

  • जीवन में संगीत का महत्व “Importance of music in human life essay in hindi”
  • सरस्वती पूजा पर निबंध Saraswati Puja Essay in Hindi

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह बेहतरीन लेख संगीत वाद्य यंत्र पर निबंध essay on musical instruments in hindi आपको पसंद आए तो सब्सक्राइब अवश्य करें धन्यवाद ।

Related Posts

musical instruments essay on hindi

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

सप्त स्वर ज्ञान

वाद्य यंत्र के प्रकार वर्गीकरण Musical instrument’s Types- vadya yantra

वाद्य यंत्र के प्रकार तथा वर्गीकरण – यह देखें कि जब भारतीय शास्त्रीय संगीत की बात आती है, तो लोग मुखर संगीत कार्यक्रमों के बजाय वाद्य संगीत समारोहों में भाग लेने की ज्यादा संभावना रखते हैं। इस कारण से मैंने अपने इस अधयाय को ‘ भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों ‘ की खूबसूरत दुनिया में समर्पित करने की योजना बनाई है ।

विषय - सूची

वाद्य यंत्रों के प्रकार तथा वर्गीकरण / Musical Instruments Types and Classification.

संपन्न संगीत Complete MUSIC का मतलब क्या है ?

संपूर्ण जानकारी विस्तार से जानने के बाद संगीत वाद्य यंत्रो की अगर हम बात करें तो इनकी फेहरिस्त काफी लम्बी है। कई – कई तरह की भारतीय संगीत वाद्ययंत्र हैं और यदि मैं आपको उनमें से हर एक से परिचित करना चाहूं तो , मुझे लगता है कि मुझे ऐसा करने में उम्र लग जाएगी। हमें इस प्रकरण को इस “वाद्य यंत्र के प्रकार तथा वर्गीकरण” के अध्याय को समाप्त करने की भी आवश्यकता है। कहीं पर जाकर हमें अंततः इस लेख को समाप्त तो करना ही पड़ेगा। इसलिए मैं आपको उन उपकरणों से परिचित कराऊंगा जिनके भारतीय संगीत में अक्सर आने की संभावना है।

यदि आप संगीत के प्रति अपनी जानकारी बढ़ाने में इच्छुक हैं तो खुदको भारतीय शास्त्रीय संगीत में वाद्य यंत्र के विभिन्न प्रकार को समझने के लिए तैयार करें । आइये शुरू करते हैं, जानते हैं musical instrument classification के बारे में।

संगीत कला के प्रकार की भांति ही संगीत वाद्य यंत्रों के प्रकार को विभिन्न तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है। इसके सरलतम रूप में जाने के लिए हमें भारतीय संगीत के मामले में सबसे अधिक स्वीकार्य वर्गीकरण ऋषि भरत का नाट्यशास्त्र द्वारा प्रस्तावित है। जिसमें चार श्रेणियों का उल्लेख है।

चार श्रेणियों के वाद्य यंत्रों के प्रकार हैं – 1. तंतु वाद्य (String Instrument ) / CHORDOPHONES  (a) तत (with frets) वाद्य (b) वितत (without frets) वाद्य 2. सुषिर वाद्य ( Wind Instrument  ) / AEROPHONES  3. अवनद्ध वाद्य ( CHARMAJ  / DRUMS  / MEMBROPHONES  4. घन वाद्य ( IDIOPHONES )

वाद्य यंत्र के प्रकार तथा वर्गीकरण व परिभाषाएँ  

1. तंतु वाद्य (string instrument ) / chordophones , पहला प्रमुख वाद्ययंत्रों के प्रकार तथा वर्गीकरण की श्रेणी तंतु वाद्य की है ।.

पहला उपकरण जो उन्होंने कहा है, वह है तंतु वाद्य । ये वे वाद्य यन्त्र के प्रकार हैं जिनमें तार लगे होते हैं। पाश्चात्य संगीत अर्थात Western Music   में इन्हें कॉर्डोफोन्स (chordophones) कहा जाता है। तानपुरा जो भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक ड्रोन(Drone) वाद्ययंत्र है। यह केवल एक ऐसा वाद्ययंत्र है जो इसे एक एकल प्रदर्शन(Solo Performance) के लिए नहीं बजाया जा सकता है ।

इसके आगे तंतु वाद्य को “ तत् वाद्य अथवा तार वाद्य और नखज वाद्य ” में वर्गीकृत किया जा सकता है।

तत(frets) वाद्य

तत(frets) वाद्य – तत (frets) वाद्य वैसे वाद्यंत्र हैं जिसमे Frets होते हैं तथा जिन्हे हम अपने अँगुलियों के नाखूनों की मदद से बजाते हैं । तत् वाद्य यंत्र कौन-कौन से हैं ? तत (frets) वाद्य यंत्र के सबसे लोकप्रिय उदाहरण हैं – वीणा और सितार ।

तंतु वाद्य का एक और प्रकार है – वितत वाद्य

वितत (without frets) वाद्य

वितत वाद्य – ये वैसे वाद्य यंत्र हैं जिसमे frets   नहीं होते हैं । जैसे – सरोद

कुछ वाद्य बिना वितत (without frets) के वाद्ययंत्र होते हैं जो धनुषों (Bow) की मदद से बजाए जाते हैं। इसके लोकप्रिय उदाहरण हैं – सारंगी और वायलिन।

क्या किसी उपकरण को बिना नाखूनों द्वारा , बिना उँगलियों से क्लिक किए या वास्तव में बिना धनुष(Bow) की मदद के बिना बजाया जा सकता है? जवाब है – हां बिलकुल।

संतूर – जोकि एक तत वाद्य अथवा तार वाद्य यंत्र है, जिसे चम्मच के आकार के हथौड़े से प्रहार करके बजाया जाता है।

2. सुषिर वाद्य ( Wind Instrument  ) / AEROPHONES 

दूसरी प्रमुख वाद्य यंत्रों के प्रकार तथा वर्गीकरण की श्रेणी सुषिर वाद्य की है ।.

दूसरी प्रमुख वाद्य यंत्र के प्रकार की श्रेणी सुषिर वाद्य की है। पश्चिमी संगीत Western Music में इन्हे AEROPHONES कहा जाता है । सुषिर वाद्य ( Wind Instrument  ) / AEROPHONES   ऐसे वाद्ययंत्र होते हैं जिसे फूंक मारकर बजाया जाता है। वैसे सुषिर वाद्य यंत्र के नाम हैं उदहारण – शंख(Conch), जो एक प्राकृतिक सुषिर वाद्य यंत्र है। सबसे लोकप्रिय फूंक मारकर बजाया जानेवाला सुषिर वाद्य हैं – बांसुरी(Flute) । हिन्दुस्तानी बांसुरी जिसमे कोई भी रीड नहीं होती है। एक और वाद्ययंत्र है – शहनाई । शहनाई – यह एक ऐसा सुशिर वाद्य यंत्र है जिसमें दो रीड्स होते हैं।

कुछ समय बाद सामाजिक कार्य के दृष्टिकोण से एक नई श्रेणी सामने आई। इसमें ध्वनि का उत्पादन करने के लिए यंत्रवत् हवा को उड़ाने के लिए धौंकनी का इस्तेमाल किया गया । इसका एक उदहारण है – हारमोनियम ।

3. अवनद्ध वाद्य / चरमज वाद्य

तीसरी प्रमुख वाद्य यंत्रों के प्रकार तथा वर्गीकरण श्रेणी अवनद्ध वाद्य/ चरमज वाद्य की है ।.

जिन्हें पाश्चात्य संगीत के अनुसार drums/membrophones कहा जाता है । इस प्रकार के वाद्य यन्त्र में जानवरों की त्वचा की एक परत होती है जो ध्वनि उत्पादन में मदद करती है। यह हथेलियों और अंगुलियों का उपयोग करके बजाया जाता है । उदहारण – कर्णाटिक वाद्य यंत्र जैसे मृदंगम और खंजीरा । हमारे पास और भी हिंदुस्तानी वाद्ययंत्र उदहारण के रूप में हैं । जैसे – पखावज और तबला । कुछ ऐसे भी वाद्य यन्त्र हैं जिसमे वाद्ययंत्र की त्वचा को छड़ी या हथौड़े से टकराकर बजाया जाता है । जैसे – ढ़ोल और चोघड़ा(Dhol और Chaughada) । अवनद्ध

4. घन वाद्य ( IDIOPHONES )

चौथा वाद्य यंत्रों के प्रकार तथा वर्गीकरण की श्रेणी घन वाद्य की है ।.

उन्हें वहाँ पश्चिमी संगीत के अनुसार idiophone कहा जाता है । इन उपकरणों का शरीर धातु तथा मिट्टी जैसी ठोस सामग्री से बना होता है । इन्हे मिलाने या tune करने की आवश्यकता नहीं होती है। इनका उपयोग साइड रिदम इंस्ट्रूमेंट्स के रूप में किया जाता है । घन वाद्य यंत्र कौन-कौन से हैं ? इन इंस्ट्रूमेंट्स के प्रमुख उदाहरण कर्नाटिक इंस्ट्रूमेंट्स जैसे घटम (ghatam) और मोरशिंग (morsing) । कुछ और उदहारण है मंजीरा और करताल ।

अगर आप निरीक्षण करते हैं तो आप पाते हैं कि Melodic Instrument या तो तंतु वाद्य या शुषिर वाद्य की श्रेणी में आते है । जबकि लयबद्ध वाद्ययंत्र (Rhythmic Instrument) यातो अवनध वाद्य या घन वाद्य की श्रेणी में आते हैं ।

वाद्य यंत्र के प्रकार तथा वर्गीकरण में हमें कुछ और वाद्ययंत्र को शामिल करने की आवश्यकता है – ये हैं –

Electronic Musical Instrument

आप यह भी पूछ सकते हैं कि सिंथेसाइज़र और इलेक्ट्रॉनिक तानपुरा जैसे उपकरणों के बारे में क्या कहा जाए ? इसे हम किस श्रेणी में रखेंगे ?

जवाब है – हम उन्हें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की श्रेणी में वर्गीकृत कर सकते हैं। मुझे यकीन है कि अगर ऋषि भरत आज अगर मौजूद होते तो शायद वो भी इसका वर्गीकरण बिलकुल ऐसे ही करते ।

आशा करता हूँ ,अब आप भारतीय वाद्य यंत्र के प्रकार , वर्गीकरण , वाद्ययंत्र की आवाज़ों के बारे में जान चुके होंगे ।

क्या आप जानते हैं ?????

प्राचीन काल में वीणा शब्द का उपयोग सभी मेलॉडिक इंस्ट्रूमेंट को दर्शाने के लिए किया जाता था । मानवीय आवाज को वीणा के प्रकार के रूप में माना जाता था और इन्हे कहा जाता था –

गात्र वीणा = Bodily Veena और दैवी वीणा = God  Gifted  Veena .

आज के इस अध्याय में इतना ही । आशा करता हूँ यह आपके लिए जानकारी भरा होगा । आपके संगीत के ज्ञान में कुछ बढ़ोतरी इस लेख के माध्यम से जरूर हुई होगी ।

इसे भी पढ़ें –

Musical Definition / संगीत से जुड़ी महत्वपूर्ण शब्द तथा उनकी परिभाषाएं

अगर आपको मेरी ये लेख “ वाद्य यंत्र के प्रकार तथा वर्गीकरण “ पसंद आयी हो तो इसे अपने परिवार , दोस्तों , पहचान वालों के बीच जरूर शेयर, Subscribe करें । इससे मुझे प्रोत्साहन मिलेगा आगे अच्छे लेख लिखने की प्रेरणा मिलेगी ।

शेयर करें सब्सक्राइब करें अपना प्यार बनाये रखें , जुड़े रहें आगे इस सफर में – धन्यवाद 🙏

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

HindiKiDuniyacom

संगीत पर निबंध (Music Essay in Hindi)

संगीत

संगीत सभी के जीवन में महान भूमिका निभाता है। यह हमें खाली समय में व्यस्त रखता है और हमारे जीवन को शान्त पूर्ण बनाता है। सुव्यवस्थित ध्वनि, जो रस की सृष्टि से उत्पन्न होती है, वह संगीत कहलाती है। संगीत के मोहन-सुर की मादकता का जीव जगत पर जो प्रभाव पड़ता है, वह किसी से छिपा नहीं है। संगीत हमारे जीवन में आन्तरिक और आवश्यक भूमिका निभाता है। संगीत विभिन्न प्रकार का होता है, जिनका हम अपनी आवश्यकता और जरूरत के अनुसार आनंद ले सकते हैं।

संगीत पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Music in Hindi, Sangeet par Nibandh Hindi mein)

संगीत पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

जीवन में खुश और व्यस्त रहने के लिए संगीत सबसे अच्छा तरीका है। इस व्यस्त, भीड़-भाड़ और भ्रष्ट संसार में, जहाँ हर कोई हरेक समय एक दूसरे को हानि पहुँचाना चाहता है, ऐसे कठिन समय में संगीत हमें खुश रखता है और हमारे मस्तिष्क को राहत प्रदान करने में मदद करता है। मैंने अपने वास्तविक जीवन में स्वयं यह महसूस किया है कि, संगीत वास्तव में, हमेशा खुश रखने में सहायता करने वाला एक साधन है।

संगीत का इतिहास और उद्भव

संगीत प्राचीन काल से ही प्रयोग में रहा है। सामवेद संगीत को समर्पित वेद है। इसमें संगीत के गुणों और प्रकारो का वर्णन है। भारत मुनि द्वारा रचित पंचम वेद, नाट्य शास्त्र भी संगीत का वर्णन है। संगीत अपने विराट रूप में प्राचीन काल से ही हमारे बीच विद्यमान है। सरस्वती को सुरो की देवी कहा जाता है। 

संगीत का महत्व

संगीत योग की तरह है जो हमें हमेशा खुश रखता है इसके साथ ही यह हमारे शरीर में हार्मोन का संतुलन भी बनाये रखता है। संगीत का हमारे स्वास्थ्य पर काफी अच्छा असर होता है यह हमारे शरीर को स्वस्थ तथा हमारे मन को शांत बनाये रखता है। संगीत हमें खुश रखता है और मस्तिष्क को राहत पहुँचाता है। मैंने भी अपने जीवन में इस बात को कई बार महसूस किया है कि संगीत हमें खुश रहने में भी काफी सहायता प्रदान करता है।

संगीत ध्यान और योग से अधिक है, क्योंकि यह हमारे शरीर और दिमाग दोनों को लाभ पहुँचाता है। हम पूरे दिन में कभी भी संगीत सुन सकते हैं, मध्यम आवाज में संगीत सुनना एक बहुत ही अच्छी आदत है। संगीत हमारी आत्मा का भोजन है। यह हमें सुकून देता है। हम सभी को इसके महत्व को समझने की आवश्यकता है।

इसे यूट्यूब पर देखें : Music Essay in Hindi

निबंध 2 (400 शब्द) – संगीत का शौक

पूरी मानव प्रजाति के लिए संगीत भगवान द्वारा दिया गया उपहार है। यह हमारे लिए एक आत्मीय कुंजी के समान है जो हमें मानसिक तथा शारीरिक स्वस्थ रुप से स्वस्थ बनाये रखने में हमारी सहायता करता है। संगीत वो लय है, जो बीते समय, पसंदीदा स्थानों, व्यक्तियों या उत्सवों आदि की सभी अच्छी यादों और सकारात्मक विचारों को लाता है। संगीत बहुत ही मधुर और वैश्विक भाषा है, जो सब कुछ शान्तिः से बताता है और हमारी सभी समस्याओं को हमसे बिना पूछे खत्म करता है।

मैं संगीत के प्रति बहुत प्रतिबद्ध हूँ और इसे अधिकतर सुनता हूँ। यह बहुत बड़े स्तर पर राहत प्रदान करते हुए मुझे खुश रखता है। संगीत सुनना मेरा शौक है और यह मेरे स्वस्थ और सुखी जीवन का रहस्य है। यह मेरे लिए भगवान का तोहफा है, जिसे मैं अपने भले के लिए प्रयोग करता हूँ और इसके साथ ही दूसरों को भी संगीत सुन कर इससे लाभ लेने की सलाह देता हूँ।

संगीत का शौक

मैं बचपन से ही अपने पिता के कारण संगीत सुनने का शौकीन होने के साथ ही अपने मित्रों के साथ संगीत प्रतियोगिता, चर्च, जन्मदिन समारोह, आदि अन्य स्थानों पर गायन में भाग भी लेता हूँ। संगीत मेरे जीवन का बहुत महत्वपूर्ण भाग है; मैं संगीत के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता। मेरे माता-पिता, विशेष रुप से मेरे पिता ने मुझे संगीत सीखने में बहुत प्रोत्साहित किया और मेरी इस आदत को एक अद्भुत पहचान दी।

संगीत बहुत ही आसान है; जिसे कोई भी किसी भी समय सीख सकता है हालांकि, इसे सीखने के लिए शौक, नियमित अभ्यास और अनुशासन की आवश्यकता है। मैं बंसी बजाना बहुत अच्छे से जानता हूँ, जिसके कारण मेरे मित्रों और साथियों के बीच में मेरी काफी प्रशंसा होती है। यह मेरे मस्तिष्क को शान्त करने का कार्य करता है। इसके साथ ही यह मुझे सकारात्मक विचारों से भी भरता है जो मेरे व्यक्तिगत जीवन में मेरी काफी सहायता करता है। इस तरह कहा जा सकता है कि, संगीत आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक शक्ति प्रदान करने के साथ ही मनुष्य में आत्मविश्वास को भी विकसित करता है।

भारतीय संगीत

भारतीय संगीत प्राचीन काल से ही भारत में काफी लोकप्रिय है, इसे काफी समय से सुना तथा पसंद किया जाता है। इस संगीत का प्रारंभ वैदिक काल से भी पूर्व का है। इस संगीत का मूल स्रोत वेदों को माना जाता है। हिंदु परंपरा मे ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा ने नारद मुनि को संगीत वरदान में दिया था। भारतीय संगीत दुनिया भर में काफी प्रसिद्ध है। यह काफी शांति और सुकून प्रदान करने वाला है, भारतीय संगीत इतिहास में ऐसे महान कलाकारों का वर्णन है, जो अपने संगीत द्वारा पेड़-पौधों और प्रकृति को भी मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

संगीत बहुत ही शक्तिशाली माध्यम है और सभीतक काफी सकारात्मक संदेश पहुँचाता है। हमें संगीत द्वारा काफी सहायता मिलती है, संतीत हमारे जीवन को और भी अच्छा करने का कार्य करता है। संगीत की प्रकृति प्रोत्साहन तथा बढ़ावा देने की भी है, जो सभी नकारात्मक विचारों को हटाकर मनुष्य की एकाग्रता की शक्ति को बढ़ाने का कार्य भी करता है। संगीत वो वस्तु है जो हमारे सबसे प्रिय व्यक्ति के साथ की, सभी अच्छी यादों को पुनः ताजा करने में हमारी सहायता करता है।

निबंध 3 (500 शब्द) – मानव जीवन पर संगीत का प्रभाव

संगीत मेरे लिए आशीर्वाद है, क्योंकि इसने मेरे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। यह हमेशा हमारे लिए कुछ अच्छा ही करता है। संगीत मेरे लिए प्राण वायु आक्सीजन की तरह है, जो मुझे जीवन को और भी अच्छे से जीने में सहायता करता है। संगीत हमें स्वस्थ तथा शांत रहने में भी हमारी सहायता करता है। यह सत्य ही कहा गया है कि, बिना संगीत के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है क्योंकि संगीत के बिना हमारा जीवन बिल्कुल अधूरा हो जायेगा।

संगीत का प्रभाव

मेरे बचपन से लेकर मेरे बड़े होने तक, मैं बिना किसी आनंद और खुशियों के बहुत ही शान्त स्वभाव का व्यक्ति था। मेरे स्वभाव के कारण मुझसे कोई भी बात नहीं करता था। एक दिन मैं बहुत परेशान था और मेरे पिता ने मुझे देखा और मेरी समस्या के बारे में मुझसे पूछा। मेरी बातों को सुनकर उन्होंने मुझे संगीत स्कूल में प्रवेश लेने के लिए प्रोत्साहित किया और कम से कम एक घंटे संगीत सीखने की सलाह दी। मैंने उनकी सलाह मानी और उनकी सलाह के अनुसार कार्य किया, इसने एक महीने में ही मेरे जीवन में पूरी तरह से बड़ा बदलाव किया। मैं पहले की तरह नहीं रहा जैसा कि मैं संगीत सीखने से पहले था।

संगीत ध्यान की तरह है, यदि पूरी लगन और श्रद्धा के साथ इसका अभ्यास किया जाए, तो यह मानसिक स्वास्थ्य और एकाग्रता को सुधारता है। हम संगीत से जुड़े सत्य को नजर अंदाज नहीं कर सकते। यह बहुत ही शक्तिशाली है,जो हमारे तरह की भावनाओं तथा शक्ति को बढ़ाने का प्रयास करता है। संगीत एक ऐसा माध्यम है जो हमारी आत्मा तक को स्पर्श करता है और संसार से कभी भी खत्म नहीं किया जा सकता।

संगीत मानव जीवन का प्राण

संगीत एक निश्चित भौतिक प्रक्रिया है और जिस प्रकार प्रकृति और प्राणी जगत में प्रकाश और गर्मी का प्रभाव होता है। उससे उनके शरीर बढ़ते, पुष्ट और स्वस्थ होते हैं। उसी प्रकार संगीत  में भी तापीय और प्रकाशीय ऊर्जा होती है और वह प्राणियों के विकास में इतना महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है, जितना अन्न और जल।

पीड़ित व्यक्ति के लिए तो संगीत उस रामबाण औषधि की तरह है, जिसका श्रवण पान करते ही तात्कालिक शांति मिलती है। ध्वनि एक निश्चित भौतिक प्रक्रिया है और जिस प्रकार प्रकृति और प्राणी जगत में प्रकाश और गर्मी का प्रभाव होता है। उससे उनके शरीर बढ़ते, पुष्ट और स्वस्थ होते हैं। उसी प्रकार ध्वनि में भी तापीय और प्रकाशीय ऊर्जा होती है और वह प्राणियों के विकास में इतना महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है, जितना अन्न और जल। पीड़ित व्यक्ति के लिए तो संगीत उस रामबाण औषधि की तरह है, जिसका श्रवण पान करते ही तात्कालिक शांति मिलती है।

पूरी मानव प्रजाति के लिए संगीत भगवान द्वारा दिया गया उपहार है। यह आत्माशांति की कुंजी है जो हमें मानसिक और शारीरिक स्वस्थ बनाने में हमारी सहायता करता  है। संगीत वो लय है, जो बीते समय, पसंदीदा स्थानों, व्यक्तियों या उत्सवों आदि की सभी अच्छी यादों और सकारात्मक विचारों को लाता है। संगीत हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। और यह हमारी दैनिक जिंदगी का हिस्सा बन चुका है।

निबंध 4 (600 शब्द) – संगीत का सकारात्मक प्रभाव

बहुत से लोग विभिन्न उत्सवों और कार्यक्रमों पर संगीत सुनना और गाना बहुत पसंद करते हैं। कुछ लोग हरेक समय संगीत सुनते हैं जैसे: ऑफिस में, घर में, रास्ते में आदि। यह जीवन की सभी समस्याओं से दूर रखने में मदद करता है और समस्याओं के समाधान भी देता है। आजकल, बड़ी कम्पनियों में ऑफिसों में कर्मचारियों के काम करने के समय पर उनके मस्तिष्क को तरोताजा, शान्तिपूर्ण, एकाग्र, सकारात्मक विचारों वाला बनाने के साथ ही कर्मचारियों की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए धीमी आवाज में गाना चलाने का दौर चलन में है।

संगीत से प्रेम

मुझे संगीत से प्रेम अपने आनुवंशिक गुणों के कारण है क्योंकि मेरे पिताजी और दादाजी को संगीत का बहुत शौक था। मेरे घर में सुबह से शाम तक धीमी आवाज में संगीत चलता रहता है। मैं संगीत की धुनो के बारे में ज्यादा नहीं जानता, लेकिन मैं अकसर यात्रा या पढ़ाई के दौरान संगीत सुनना पसंद करता हूँ। साप्ताहिक अवकाश के दौरान, अपने परिवार के साथ घर या पिकनिक पर या अन्य किसी भी पसंदीदा जगह पर, हम नृत्य करते हैं, संगीत सुनते हैं और गाने गाकर छुट्टी का आनंद लेते हैं। संगीत मेरी आत्मा को छूता है और मुझे यह अहसास कराता है कि, मुझे इस संसार में कोई समस्या नहीं है।

संगीत का सकारात्मक प्रभाव

संगीत बहुत ही शक्तिशाली है और सभी भावनात्मक समस्याओं के लिए सकारात्मक संदेश पहुँचाता है और किसी से भी कुछ भी नहीं पूछता। यह एक प्रकार का मधुर संगीत है। हालांकि हमें सब कुछ बताता है और मनुष्यों से ज्यादा समस्याओं को साझा करता है। संगीत की प्रकृति प्रोत्साहन और बढ़ावा देने की है, जो सभी नकारात्मक विचारों को हटाकर मनुष्य की एकाग्रता की शक्ति को बढ़ता है। संगीत वो वस्तु है जो हमारे सबसे प्रिय व्यक्ति के साथ की, सभी अच्छी यादों को पुनः याद करने में मदद करता है। इसकी कोई सीमा, बाधा और नियम निर्देशिका नहीं है; इसे तो केवल लगन और श्रद्धा के साथ सुनने की आवश्यकता है।

जब भी हम संगीत सुनते हैं, यह हृदय और मस्तिष्क में बहुत अच्छी भावना लाता है, जो हमें हमारी आत्मा से जोड़ती है। यहीं जुड़ाव भगवान की सर्व शक्ति होता है। संगीत के बारे में किसी ने सही कहा है कि;“संगीत की कोई सीमा नहीं है, यह तो सभी सीमाओं से परे है।” और “संगीत जीवन में और जीवन संगीत में निहित है।” इससे प्रभावित होकर, मैंने भी संगीत और गिटार बजाना सीखना शुरु कर दिया है और यही आशा है कि, एक दिन बहुत अच्छा संगीतज्ञ बनूँगा।

जीवन में संगीत का महत्व

संगीत में काफी शक्ति होती है यह लोगों के मन में कई तरीके से जगह बनाता है। जहां ये काम को बना सकता है वह बिगाड़ भी सकता है। संगीत के सबके जीवन पर बहुत ही गहरा असर पड़ता है मनुष्य से लेकर पेड़-पौधे, जीव-जंतु आदि। वैज्ञानिक ने यह सिद्ध कर दिया है की संगीत के जरिये रोगों का उपचार भली-भांति किया जा सकता है। नेत्र रोग और ह्रदय रोग के उपचार में इसका प्रयोग बहुत सफल रहा है I संगीत के स्वरों से पाचन सम्बंधित बीमारियों का उपचार भी किया जाता है I जैसे-जैसे मनुष्य संगीत की स्वर लहरो में खोता चला जाता है, उसका ध्यान सब बातों से हट जाता है और वह सुकून महसूस करने लगता है।

संगीत योग की तरह है। यह हमें खुश रखता है और हमारे शरीर में हार्मोनल संतुलन को भी बनाये रखता है। इसके साथ ही यह शरीर व मस्तिष्क को राहत देने का भी कार्य करता है। जिसके कारण यह शारीरिक और मानसिक रुप से हमारे शरीर को स्वस्थ बनाये रखने में हमारी सहायता करता है। यह हमें मोटापे तथा मानसिक समस्याओं से भी बचाने का कार्य करता है। मैं संगीत बहुत पसंद करता हूँ और हर सुबह संगीत सुनना मुझे काफी पसंद है। संगीत हमारे हृदय के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है और यह एक अच्छी नींद प्राप्त करने में भी हमारी सहायता करता है।

Music Essay in Hindi

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

संगीत पर निबंध (Essay On Music in Hindi) 100, 200, 250, 300, 500, शब्दों में -10 lines

Essay On Music in Hindi – संगीत आवाज़ों, वाद्ययंत्रों या दोनों के माध्यम से लय, माधुर्य और सामंजस्य के तत्वों का उपयोग करके विचारों और भावनाओं को महत्वपूर्ण ध्वनि रूपों में व्यक्त करने की कला है। संगीत हर किसी के जीवन में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यह हमें खाली समय में व्यस्त रखता है और हमारे जीवन को शांतिपूर्ण बनाता है। संगीत को तनाव और चिंता को कम करने में मदद करने के लिए भी जाना जाता है। एक विशेष प्रकार का संगीत सुनना अवसाद के इलाज और तनाव से राहत दिलाने में उपयोगी साबित हुआ है। आम तौर पर छात्रों को संगीत विषय पर विशेष रूप से निबंध लिखने के लिए कुछ कार्य मिलते हैं। हमने छात्रों को उनके कार्य को पूरा करने में मदद करने के लिए संगीत पर बहुत ही सरल और आसान निबंध प्रदान किया है।

संगीत निबंध 10 पंक्तियाँ (Music Essay 10 Lines in Hindi) 100 – 150 Words

  • 1) संगीत एक आनंददायक ध्वनि उत्पन्न करने की कला है जो हमारे कानों को सुकून देती है।
  • 2) जैज़, पॉप, शास्त्रीय, लोक आदि विभिन्न प्रकार के संगीत हैं।
  • 3) संगीत तनाव को कम करता है और हमारे मूड को बेहतर बनाता है।
  • 4) अलग-अलग संगीत हैं जो हमारे अलग-अलग मूड और घटनाओं के अनुरूप हो सकते हैं।
  • 5) संगीत भी प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत है।
  • 6) संगीत अपना मनोरंजन करने का एक अच्छा तरीका है।
  • 7) संगीत किसी स्थान की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने के लिए जिम्मेदार है।
  • 8) कई लोग संगीत को अपना करियर चुनकर अपनी प्रतिभा दिखाते हैं।
  • 9) आनंद के अलावा संगीत चिकित्सा का उपयोग कुछ बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है।
  • 10) लोग वर्कआउट, उत्सव, पूजा आदि के दौरान संगीत सुनना पसंद करते हैं।

संगीत पर निबंध 200 शब्द (Essay on Music 200 words in Hindi)

हर किसी के जीवन में खुश और व्यस्त रहने के लिए संगीत सबसे अच्छा विकल्प है। इतनी व्यस्त, भीड़-भाड़ वाली और भ्रष्ट दुनिया में जहां हर कोई किसी को भी कभी भी चोट पहुंचाना चाहता है, संगीत हमारे कठिन समय में हमें खुश करने और हमारे मन को बहुत राहत देने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। मुझे अपने वास्तविक जीवन में एहसास हुआ कि संगीत हमेशा खुश रहने का एक बड़ा साधन है।

संगीत ध्यान और योग से भी बढ़कर है क्योंकि यह शरीर और दिमाग दोनों को बहुत फायदा पहुंचाता है। हम पूरे दिन कभी भी संगीत सुन सकते हैं। संगीत सुनना बहुत अच्छी आदत है. मैं आमतौर पर अपने अध्ययन के समय और विशेष रूप से अपनी परीक्षाओं के दौरान संगीत सुनता था। इससे मुझे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में बहुत मदद मिलती है और वास्तव में इससे मुझे अच्छे परिणाम मिलते हैं और मुझे अपने विषयों में पूरे अंक मिलते हैं।

मैं हर सुबह आध्यात्मिक संगीत सुनता हूं क्योंकि मेरे पिता सुबह 5 बजे मेरे कमरे में संगीत शुरू करते हैं। वह मेरी बहुत परवाह करता है और जब मुझे संगीत सुनने से मदद मिलती है तो वह खुश हो जाता है। वह मुझसे हमेशा कहते हैं कि संगीत सुनना एक शक्ति है जो भगवान ने आपको दी है, इसे कभी बंद न करें। यह एक शक्तिशाली उपकरण है जो आपकी एकाग्रता शक्ति को बढ़ाएगा और आपको हमेशा आगे बढ़ने और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करेगा।

संगीत पर निबंध 250 शब्द (Essay on Music 250 words in Hindi)

कला और सांस्कृतिक गतिविधि का एक सेट जो ध्वनि को अपने माध्यम के रूप में उपयोग करता है उसे संगीत के रूप में जाना जाता है। विभिन्न स्थानों का संगीत उस स्थान की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है। संगीत हमारे कानों को शांति भी देता है। यह हमें खुशी देता है और हमें सक्रिय रखता है। यहां हम संगीत से संबंधित कुछ विषयों पर चर्चा करेंगे जिसमें संगीत का अर्थ, इसकी परिभाषा, प्रकार और इसका महत्व भी शामिल होगा।

शाब्दिक अर्थ

संगीत पुराने फ्रांसीसी शब्द ‘म्यूजिक’ से लिया गया है। संगीत का शाब्दिक अर्थ है ‘वाद्ययंत्रों पर गाए जाने या बजाए जाने के लिए एक पैटर्न में ध्वनियों की व्यवस्था’।

1992 की संक्षिप्त ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने संगीत को “रूप, सद्भाव और भावना की अभिव्यक्ति की सुंदरता उत्पन्न करने के लिए स्वर या वाद्य ध्वनियों (या दोनों) के संयोजन की कला” के रूप में परिभाषित किया है।

संगीत के प्रकार

कुछ लोकप्रिय प्रकार के संगीत नीचे दिए गए हैं:

  • शास्त्रीय संगीत
  • म्यूज़िकल थिएटर
  • हिप हॉप संगीत
  • विद्युत संगीत

संगीत का महत्व

संगीत हर किसी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लगभग हर कोई अपने मूड के मुताबिक संगीत सुनना पसंद करता है। मूड के अनुसार संगीत सुनने से लोग ठीक हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, जब हम खुश होते हैं, तो हम कुछ सुखद संगीत का आनंद लेते हैं और जब हम दुखी होते हैं तो हम कुछ उदास संगीत पसंद करते हैं। मूड के अनुसार संगीत सुनने से लोगों को बुरी या खुश स्थिति से लड़ने में मदद मिलती है और साथ ही यह हमें स्थिति का आनंद लेने में भी मदद करता है। संगीत हर किसी के जीवन का बहुत जरूरी हिस्सा है। ऐसा कहा जाता है कि ‘संगीत के बिना एक दिन बर्बाद हुए दिन के समान है।’

संगीत हमारे दैनिक जीवन का एक हिस्सा है और यह हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है। एक थेरेपी के रूप में संगीत हमारी बहुत मदद करता है।

संगीत पर निबंध 300 शब्द (Essay on Music 300 words in Hindi)

संगीत मेरे लिए वरदान है क्योंकि इसने मेरे जीवन में एक महान भूमिका निभाई है। यह हमेशा देता है और बिना किसी सीमा और दिशानिर्देशों का पालन किए कभी नहीं लेता है। संगीत मेरे लिए ऑक्सीजन की तरह है जिसे मैं सांस लेता हूं। यह मुझे खुश रखता है और स्वस्थ रखता है।’ सच ही कहा गया है कि संगीत के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। संगीत के बिना जीवन सूर्य और चंद्रमा के बिना पृथ्वी के समान है। बचपन से लेकर जवान होने तक, मैं बिना किसी खुशी और प्रसन्नता के एक शांत व्यक्ति था।

मुझे हमेशा अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहना या अकेले रहना पसंद था। स्वभाव के कारण कोई भी मुझसे बात नहीं कर रहा था। एक दिन मैं बहुत तंग आ गया था और मेरे पिता ने मुझ पर ध्यान दिया और मेरी समस्याएँ पूछीं। उन्होंने संगीत विद्यालय में प्रवेश लेने और प्रतिदिन एक घंटा कुछ संगीत सीखने के लिए प्रेरित किया। मैंने उसका अनुसरण किया और ऐसा किया, महीनों बाद इसने मेरे जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया और लगभग मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। मैं ऐसा नहीं रहा कि मैं पहले संगीत सीख रहा था।

संगीत ने मुझे शांतिपूर्ण मन, मानसिक संतुष्टि, मानसिक स्वास्थ्य दिया, मेरी एकाग्रता का स्तर बढ़ाया, मेरे दिमाग को बहुत सारे सकारात्मक विचारों से भर दिया और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे संगीत के कारण मेरे दोस्त मेरी ओर आकर्षित होने लगे। मेरे पिता ने मुझसे कहा था कि, जब भी तुम जीवन में ऊब जाओ तो हमेशा इस संगीत की मदद लो, यह निश्चित रूप से तुम्हें बाहर निकालेगा और सफलता की ओर ले जाएगा। तब तक मैं संगीत सुनता हूं और जब भी मैं अकेला होता हूं या अपने दोस्तों के साथ संगीत प्रस्तुत करता हूं।

संगीत ध्यान की तरह है, अगर इसका अभ्यास रोजाना जुनून और भक्ति के साथ किया जाए तो यह एकाग्रता और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है। हम संगीत के बारे में सच्चाई से बच सकते हैं; यह बहुत शक्तिशाली और संभावित चीज़ है जो किसी की भी भावना को जगा देती है। यह आत्मा को छूता है और ब्रह्मांड से कभी लुप्त नहीं हो सकता।

संगीत पर निबंध 500 शब्द (Essay on Music 500 words in Hindi)

संगीत मानव जीवन के विभिन्न क्षणों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह व्यक्ति के जीवन में खुशियां और आनंद फैलाता है। संगीत जीवन की आत्मा है और हमें असीम शांति देता है। विलियम शेक्सपियर के शब्दों में, “यदि संगीत प्रेम का भोजन है, तो बजाओ, मुझे इसकी अधिकता दो; वह अधिकता, भूख खराब हो सकती है, और इस प्रकार मृत्यु हो सकती है। इस प्रकार, संगीत हमें अपनी आत्मा या वास्तविक स्व से जुड़ने में मदद करता है।

संगीत क्या है?

संगीत एक सुखद ध्वनि है जो धुनों और सामंजस्य का संयोजन है और जो आपको सुकून देती है। संगीत का तात्पर्य विभिन्न संगीत वाद्ययंत्रों की सहायता से ऐसी सुखद ध्वनियाँ रचने की कला से भी हो सकता है। जो व्यक्ति संगीत जानता है वह संगीतकार है।

संगीत में सरगम, राग, ताल आदि शामिल हैं। संगीत न केवल वह है जो मनुष्यों से बना है, बल्कि वह है जो प्रकृति में मौजूद है। क्या आपने कभी झरने या बहती नदी की आवाज़ सुनी है? क्या आप वहां संगीत सुन सकते हैं? इस प्रकार, हर चीज़ में संगीत होता है। यहां, मैं महानतम संगीतकारों में से एक, वोल्फगैंग अमाडेस मोजार्ट की एक पंक्ति उद्धृत करना चाहूंगा, “संगीत सुरों में नहीं है, बल्कि उनके बीच के मौन में है।”

संगीत का महत्व:

संगीत में व्यक्ति को भावनात्मक और मानसिक रूप से स्वस्थ करने के महान गुण हैं। संगीत ध्यान का एक रूप है। संगीत बनाते या सुनते समय व्यक्ति अपनी सारी चिंताएँ, दुःख और दर्द भूल जाता है। लेकिन, अच्छे संगीत की सराहना करने के लिए, हमें अपना संगीत स्वाद विकसित करने की आवश्यकता है। यह उद्धृत किया जा सकता है कि द्वापर युग में, गोपियाँ भगवान कृष्ण की बांसुरी से निकलने वाले संगीत से मंत्रमुग्ध हो जाती थीं। वे स्वयं को उसके प्रति समर्पित कर देंगे। साथ ही शोध से यह भी साबित हुआ है कि जो पौधे संगीत सुनते हैं वे अन्य पौधों की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ते हैं।

संगीत की जादुई शक्तियाँ:

इसमें चिंता, अवसाद, अनिद्रा आदि जैसे रोगों को ठीक करने की शक्ति है। संगीत की शक्ति का प्रमाण तानसेन द्वारा राग मेघ मल्हार गाकर और राग दीपक द्वारा दीपक जलाकर बारिश लाने की किंवदंतियों से लगाया जा सकता है। यह एकाग्रता में सुधार करने में भी मदद करता है और इस प्रकार छात्रों के लिए बहुत मददगार है।

संगीत जीवन का सार है. हर उस चीज़ में संगीत है जिसमें लय है। हमारी श्वास की भी एक लय होती है। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि प्रत्येक मनुष्य या जीवित प्राणी में संगीत है। संगीत लोगों तक हर तरह की भावनाएं पहुंचाने की क्षमता रखता है। संगीत भी ईश्वर से जुड़ने का बहुत सशक्त माध्यम है। हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि संगीत ईश्वर की पूजा करने और अपनी आत्मा से जुड़ने का सबसे शुद्ध रूप है।

संगीत निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: (FAQs)

प्र.1. संगीत को सार्वभौमिक भाषा क्यों कहा जाता है.

उत्तर.1. संगीत को सार्वभौमिक भाषा के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह कोई सीमा नहीं जानता। यह भाषा, धर्म, देश आदि की बाधाओं से परे स्वतंत्र रूप से बहती है। कोई भी व्यक्ति अपनी उम्र की परवाह किए बिना संगीत का आनंद ले सकता है।

प्र.2. भारत में संगीत की विभिन्न शैलियाँ क्या हैं?

उत्तर.2. भारत विविधताओं का देश है। इस प्रकार, इसमें संगीत की अनेक शैलियाँ हैं। उनमें से कुछ हैं शास्त्रीय, पॉप, ग़ज़ल, भजन, कर्नाटक, लोक, ख्याल, ठुमरी, कव्वाली, भांगड़ा, द्रुपद, दादरा, धमार, बंदिश, बैठक गाना, सूफी, इंडो जैज़, ओडिसी, तराना, सुगम संगीत, भावगीत, आदि।

Dil Se Deshi

भारतीय संगीत पर निबंध | Essay on Indian Music in Hindi

Essay on Indian Music in Hindi

भारत के शास्त्रीय अथवा भारतीय संगीत पर निबंध (500 शब्दों में) | Essay on Indian Music (Indian Classical and Hindustani Music) in Hindi

भारतीय संगीत पर निबंध (Essay on Sangeet in Hindi)

संगीत सुखद ध्वनि (स्वर या वाद्य) है जो हमें सद्भाव और उच्चतर आनंद का अनुभव करने के लिए प्रेरित करता है. संगीत मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है. भारतीय संगीत की न केवल देश के भीतर बल्कि पूरे विश्व में एक विशेष महत्व परिभाषित करता हैं. भारतीय संगीत का पारंपरिक स्वरूप पूरे युग में जीवंत है और इसने देश में न केवल आम लोगों का मनोरंजन किया है, बल्कि इसके दुनिया भर में प्रेमी हैं.

संगीत ललित कलाओं में से एक है. कला के अन्य रूपों की तरह, इसमें रचनात्मक और तकनीकी कौशल और कल्पना की शक्ति की आवश्यकता होती है चूंकि नृत्य रंगों की गति और चित्रकारी की एक कलात्मक अभिव्यक्ति है, उसी प्रकार संगीत ध्वनियों का है. जिस प्रकार आँखों के लिए एक सुंदर दृश्य है, सुगंध नाक के लिए है, स्वादिष्ट पकवान तालू(Palate) के लिए है और कोमल स्पर्श त्वचा के लिए है, उसी स्थान पर संगीत कानों के लिए है.

भारतीय संगीत में क्षेत्रीय शैली भी हैं, लेकिन मूल एकता यानी रागों और ताल की अवधारणा समान रूप से प्रचलित है. कोई आश्चर्य नहीं कि भारत का दुनिया के अन्य हिस्सों में संगीत के पैटर्न पर प्रभाव है. अफगानी संगीत, फ़ारसी संगीत, रूसी संगीत और यहाँ तक की पश्चिमी संगीत भी भारतीय रागों और ताल का प्रभाव दिखाई पड़ता हैं.

भारतीय संगीत भारत के शास्त्रीय नृत्यों और नाटकों के लिए सबसे उपयुक्त है. नृत्य अपने आप में एक्शन, गीत, माइम और लय को जोड़ती है. एक शास्त्रीय नृत्य, जैसे भारतीय शास्त्रीय संगीत का ताल अवधारणा पर प्रभुत्व है. इसलिए नृत्य में संगीत का महत्व बहुत अच्छा है.

भारतीय संगीत माधुर्य पर आधारित है. इसे राग और ताल अवधारणाओं पर बनाया गया है. शास्त्रीय संगीत की दो प्रमुख प्रणालियां हैं, हिंदुस्तानी प्रणाली और कर्नाटक प्रणाली. उनके बीच मतभेद उनकी सैद्धांतिक नींव की तुलना में अधिक व्यवहार में हैं. सबसे प्रसिद्ध भरत का नाट्य शास्त्र और सारंगदेवा का संगीत हैं. दोनों प्रणालियों ने बड़ी आत्मसात शक्ति दिखाई देती है. उन्होंने एक-दूसरे को परस्पर प्रभावित भी किया है. हिंदुस्तानी प्रणाली पूरे भारत के उत्तर और पूर्व में प्रचलित है, जबकि डेक्कन के ऊपरी आधे हिस्से में फारसी प्रभाव अधिक है.

Essay on Indian Music in Hindi

सबसे प्रसिद्ध भारतीय संगीत वाद्य यंत्र वीणा है. इसे महाकाव्यों और अन्य प्राचीन पुस्तकों में देखा जाता है. इसे विद्या की देवी सरस्वती का वाध्य बताया गया है. इसमें दो बड़े तुम्बी और सात तारों पर चढ़ा हुआ एक फ्लैट-बोर्ड होता है. यंत्र को तारों के एक विक्षेपण द्वारा बजाया जाता है, जिसे दाहिने हाथ से बजाया जाता है और बायीं ओर से तैयार किए गए नोटों द्वारा बजाया जाता है. अन्य तारयुक्त वाद्ययंत्र में सितार है. यह माना जाता है कि 14 वीं शताब्दी में कवि अमीर खुसरो द्वारा तैयार किया गया था.

बांसुरी भगवान कृष्ण से जुड़ा पवन वाद्य यंत्र है. दक्षिण में नागास्वरम और उत्तर में विवाह और त्योहारों जैसे शुभ अवसरों पर इसका वादन (शहनाई के रूप में) किया जाता हैं. दक्षिण भारत में मंदिरों के जुलूसों के लिए नागाश्वरम अपरिहार्य है. लोक और जनजातीय संगीत में कई प्रकार के सींग और बगलों का उपयोग किया जाता है. पश्चिमी प्रकार के पीतल के उपकरण केवल सैन्य और पुलिस बैंड में प्रचलित हैं.

अमीर खुसरो, स्वामी हरिदास, तानसेन, बैजू बावरा, सदारंग, श्रंगार और मोहम्मद शाह रंगीले उत्तर भारतीय प्रणाली के अधिक प्रसिद्ध संगीतकार रहे हैं. प्रसिद्धि के दक्षिणी संगीतकारों में पुरूरिंडासा, त्यागराज, मुथुस्वामी, दीक्षितार, शास्त्री, स्वामी तिरुनल, अन्नामचार्य और क्षत्रराज शामिल हैं.

भारत का संगीत इतिहास काफी गौरवशाली है. कुछ पश्चिमी प्रभावों के बावजूद, भारतीय संगीत कभी भी अपनी सामग्री और संरचना के गुणों के कारण चमक रहा हैं. वर्तमान फिल्म और रैप संगीत युवाओं को अधिक से अधिक प्रभावित कर रहा है लेकिन शास्त्रीय संगीत विषय जनता के बीच लोकप्रियता का आनंद लेते रहते हैं.

इसे भी पढ़े :

  • राजा हरिश्चंद्र की कथा
  • कवि प्रदीप की जीवनी
  • संतोष आनंद का जीवन परिचय

Leave a Comment Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

35+ वाद्य यंत्रों के नाम चित्र सहित

इस लेख में वाद्य यंत्रों के नाम चित्र सहित (Musical Instruments Names in Hindi) जानेंगे। यहां पर हमने वाद्य यंत्र के नाम के साथ ही उनके बारे में विवरण भी लिखा है, जिससे आपको इनके बारे में और भी ज्यादा जानने में आसानी होगी।

Musical Instruments Names in Hindi

कई बड़ी-बड़ी प्रतियोगी परीक्षा में भी इन वाद्य यंत्रों के नाम के बारे में (musical instruments in hindi) पूछा जाता है। वाद्य यंत्रों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को बहुत समस्या आती है।

वाद्य यंत्रों के नाम चित्र सहित (Vadya Yantra ke Naam)

तारयुक्त वाद्ययंत्रों के नाम.

  • बुलबुल तरंग
  • दोतार, दोतारा
  • गोट्टुवाद्यम् , चित्रवीणा
  • सरस्वती वीणा
  • विचित्र वीणा
  • गोपीचन्द, गोपीयन्त्र, खमक
  • शास्त्रीय सारंगी

तबला सबसे प्रसिद्ध वाद्य यन्त्र है।

तबला, वीणा, सरोद, हरमोनियम, शहनाई, पखावज, सितार, बांसुरी आदि प्रमुख भारतीय वाद्य यंत्र है।

तबला, शहनाई, वीणा, पखावज, सितार, प्लकवाज, सरोद, हर्मोनियम, बांसुरी, संतूर।

म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के बारे में जानना हर विद्यार्थी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हर तरह की परीक्षा में वाद्ययंत्र के नाम जरुर पूछे जाते हैं।

इस लेख में वाद्य यंत्रों के नाम हिंदी में (musical instruments names) फोटो सहित जाने है। उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।

Rahul Singh Tanwar

Leave a Comment जवाब रद्द करें

essayonhindi

100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh

  • महान व्यक्तित्व

विशिष्ट पोस्ट

लोहड़ी पर निबंध | essay on lohri in hindi, सितार पर निबंध | essay on sitar in hindi.

  • खुद पर निबंध
  • मेरा सपना पर निबंध
  • मेरा अच्छा दोस्त पर निबंध
  • बचपन पर निबंध
  • मेरा गाँव पर निबंध

Paragraph, Essay and Speech on “Indian Musical Instruments” Paragraph for Class 9, Class 10, Class 12 Class and Graduate Exams.

Indian Musical Instruments

The beginnings of musical instruments In India can be found in implements and functions of ordinary life. For instance, pots and other vessels were beaten upon as drums. Some of the instruments have often multiple functions the conch (sankh) was in ancient times blown to announce victory in a battle and it is used in religious functions even today. Indian musical instruments provide us historical information on the socio-religious traditions of a people, geographical distribution of the flora and fauna and soon. That only some communities use a kind of instrument indicates the social taboos prevalent in earlier times. The kind of material used to prepare an instrument in a particular region tells us about the flora and fauna of that place. Study of music and evolution of any musical theory or grammar would be impossible without these instruments. This is because vocal sounds cannot be measured directly; the various features of the instruments are necessary to study the various aspects of music. The growth or decline in the use of different instruments has a deep Impact on the development of music.

 About 500 instruments, including those used in folk and classical music, are known to man. Classifications of musical instruments have been done in many ways. But the one prevalent worldwide today was formulated by Bharata (lived between 2nd B.C and 4th A.D) in Natyasastra

Drums, also avanaddha vadya (covered instruments) or membranophones are  the hollow instruments have originated from cooking, storing pots. They are covered with skin and are almost always used as rhythmic accompaniments in music and dance. The most primitive drum was a pit covered with skin. Later drums were made of earth and wood. Drums are classified in many ways depending upon their shapes, structure, the positions in which they are placed while playing.

Frame (open) drums have a circular, wooden or metal frame covered with skin on one side. The most common class is the tribal folk daff (also dafli or dappu) which includes the ghera (Rajasthan), tappattai, tappate/ tappata in the south, the chengu (Orissa). Other frame drums include the simplest soorya pirai and the chandra pirai of the south; the khanjari (of the north) or kanjira (of the south).

Drums with two faces (like the gna of Laddakh) might have been wooden and cylindrical at the beginning. Cylindrical drums, generally called the dholak when small and the dhole when large (though these terms may refer to barrel-shaped drums as well), include the ancient bheri and the popular chenda of Kerala. Many bifacial drums are classed under ‘mridanga’”the mridangam of south India, the pakhavaj of Hindustani classical music, the pung (Manipur) the sri khole (West Bengal), the barrel-shaped tavil of south India. The barrel-shaped mridangam is the only drum used in Karnatak musical concerts (the suddha maddalam is played for dances such as Kathakali). Its left face”the toppi, a plain membrane”is simpler than the right valan talai and the faces are constructed differently. The right face has the soru, a black mixture, fixed to it permanently while the toppi has a paste of soft dough stuck to it just before the actual playing begins. The wooden pakhavaj, described in the Ain-i-Akbari, is a single, barrel-shaped drum with moveable cylindrical blocks for gross tuning. Its plaits are struck by the hammer to effect pitch modifications. The paste is applied to the pakhavaj in a manner resembling that of the application in the case of the mridangam. But the syahi is used instead of the soru. Its major gharanas are that of Nath Dwara and of Kudau Singh (19th century).

Two-faced drums include the wasted or hourglass drums (the damatu or budbudke or kudukuduppe). These include the nga chung of the Tibetan region, the tudi of the south, the highly-developed eddakka or idakka (Kerala).

There are the surahi-shaped drums (the Kashmiri tumbaknari, the jamukku of Tamil Nadu, the burra of Andhra) and the conical dundubhi which includes the dhumsa of the Santals, the nissan of Orissa, and the folk drum, nagara, of north India. The tabla” contro­versial in origin”has become very popular over the years and has taken over from the pakhavaj especially in khyal singing owing to its comparatively softer and sweeter sound. It is actually a pair of drums”the right tabla proper of wood where the paste is loaded in the centre and the left dagga or duggi (also, bayan). The tabla is associated with the Delhi gharana, the Ajrada gharana, and an eastern branch influenced by the pakhavaj.

Friction drums like the burburi of south India are rare in the country.

Wind Instruments also sushira vadya (hollow instruments) or aerophones, vibration of air columns produces sound in these musical instruments. They can be classed as instruments using no mechanical parts to produce or control the sound and those using vibrators (reeds).

To the first category belong the trumpets, earliest of which were animal horns, played by using the lips to regulate the air. While in the simple (primitive) trumpets, air is directly blown, there are others where a mouthpiece is used to aid the playing lips. There are side-blown trumpets and end-blown trumpets, like the horns and conches. The horns, ancient in origin, feature in folk/tribal music and include the singe of the Bhils, the kohuk of the Marias, the reli-ki of the north-east, the deer-horn singi of Uttar Pradesh, the south Indian C-shaped trumpet of brass/copper, kombu and the S-shaped kombu (like the banke, bankya, bargu, ran-singha, narsingha, turi. The Indian sankh or conch shell is a shell trumpet now used in folk music/dance and in worship. The primitive straight trumpets include tutari, bhongal of Maharashtra, kahal (Orissa), bhenr (UP), the thunchen of the northern Himalayas and the peninsular tiruchinnam. The flute is said to have been brought by the Aryans. It is generally made of bamboo. The most common is the horizontal flute which lends itself excellently to the pitch modifications of Indian music. The air is blown into a small hole near its blocked end. The end-blown flutes have plain ends (the fifli of the north-east, the narh of Rajasthan) or beak-like narrow openings (the bansuri and the algoza”actually a pair of beak flutes). The Indian flutes go by the name of murali, bansi, vamst, pillankuzhal”in Tamil Nadu, pillanagrovi”in Andhra, kolalu”in Karnataka”as well.

Wind instruments with vibrators (reeds) may be single-reed or two-reed instruments, or free-reed instruments. While in the first type the reed beats against the hole edges and only regulates the current of air, in the latter the reed, which does not touch the sides of the hole, produces the sound. Single-reed instruments include the been (Pungi), the tarpo (also, ghonga or dobru or khongada), the tatti or mashak (the Indian bagpipe), the Assamese pepa. The major double-reed pipes are the nagasvaram, an important instrument in Karnatak music, and the sophisticated shehnai, with which is associated the name of Bismillah Khan. Both the instruments have only recently become concert instruments. There is also the mukhaveena, the sundri, the naferi, the ottu. The main among the free-reed instruments”which are rare”is the harmonium. Notes are produced when air trapped by the bellows rushes out through a narrow opening on pressing the keys. There is also the khung (rusem) of east India.

Stringed Instruments – The numerous tala vadya or chordophones of various types, many of which can be traced to primitive cultures, can be classed into drones, rhythmic instruments which do not create melody; polychords wherein a string corresponds to every note in producing melody; monochords or fingerboard instruments”a single string can produce the whole melody though there may be many strings on an Instrument.

The common and simple drones are the tun tune (a folk instrument), the gopi yantra (of Bengal, Orissa), the jamadika (Andhra), the premtal, the buang played by the Oriya Santals. The well-developed drones include the single-stringed ek tar or eka nada, the tamboori, and the four-stringed tamboora or tanpoora. It is famous for its rich sound quality which depends upon the positioning of the jeevan or javari”the thread on the bridge under the strings. The polychords (also, veena”referred to in the Vedas and identified by some with the Dravidian yazh) are the most primitive stringed instruments and mainly comprise the harps and lyres”said to have never existed in India. The harps are referred to in the ancient books depicted in the ancient monuments and music of the earliest times depended upon them. Though generally arched with a resonator and an arm (danda), there are also the box-type (dulcimer type) harps which have no arm. Chief among them is the santoor, specific to Kashmir, which has a large number of strings played with thin sticks. There is also the small svaramandal.

The monochords or fingerboard instruments may be plucked or bowed. Plucked ones include zithers, in which the resonator is fixed below the fingerboard. Typically Indian, the zithers include fretless ones”the most prim­itive bamboo zither or gintang, the ancient alapini veena, the eka tantri or Brahma veena, the vichitra veena of Hindustani music”and fretted instruments, mainly the kinnari of the middle ages and its descendant, Rudraveena. Unlike the zithers, in the lutes the resonator extends to form the fingerboard. Of the short-necked lutes, chief is the sarod. It is a fretless, wooden lute with narrow bridge and strings, plucked with the triangular ‘java’. Ali Akbar Khan and Amjad Ali Khan feature among the eminent sarod players. There is also the kacchapi, rabab of the north-west, svarabat (svaragat) and sur singar. The long-necked lutes include the Sarasvati Veena, the chief among veenas, which holds a supreme status in Karnatak music. It is the only instrument on which all the three”svara, raga and tala – can be played. Like this veena, the sitar (from Persian seh-tar) holds an exalted place in Hindustani music. It is said to have been invented by Amir Khusrau (13th century). The wooden lute has live metal wires for playing ragas, a couple of drone strings, the chikari, and a set of thin wires, the tarab. The famous Ravi Shankar is associated with this instru­ment. A popular long-necked, fretless lute is the gottuvadyarn (Mahanataka veena), the only Karnatak music instrument to have the resonating strings”tarab. The bowed monochords have not achieved the status of the plucked ones in India. Those which are held with the fingerboard above and the resonator below include the sarinda, the kamaitcha and the sarangi. The sarangi’s uniqueness lies in the finger-technique used by the player”the ‘finger nails’ are used to stop the fingers! The bowed instruments held with the sound box above and the fingerboard below include all local forms of the violin”the Ravana hatta or Ravana hasta veena of Rajasthan and Gujarat, the kingri of the Pradhans in Andhra and Maharashtra, the kenra and the banam (Orissa), the pena (Manipur), the veena kunju of the Pulluvans (Kerala).

Solids – The ghana vadya or idiophones are often believed to be the earliest musical instruments known by man. They are mainly rhythm keepers as they are not developed enough to produce the definite pitches which are important for melody. Pots used as idiophones include the matki, noot, gagri and the ghatam, which is played In Karnatak music concerts. Made of special clay, it is capable of producing a variety of sounds. The jaltarang, a set of water-filled porcelain cups struck with bamboo sticks, is used in orchestras. Ankle bells”the ghungroo, the gejje; plates such as the north Indian thali, jagte (jagante) of Karnataka and Andhra, the semmankalam of Tamil Nadu, the chennala. (chenkala) of Kerala, the Rajasthani sree mandal (a number of plates); sticks like the dandiya (Gujarat), kolu, of south India; and varieties of slit drums”the Assamese songkong, the north-eastern tak dutrang, Katola of Madhya Pradesh”feature among idiophones.

The Indian Orchestra – Though the orchestra has never existed in India, instrumental groups such as the kutapa”explained by Bharata in Natyasastra, melam of south India (the nayyandi melam, for instance), the pancha vadya ensemble of Kerala have been there. In recent years, the music in Indian films has been orchestrated to a certain extent.

Related posts:

  • Paragraph, Essay and Speech on “Directive Principles of State Policy in The Indian Constitution” Paragraph for Class 9, Class 10, Class 12 Class and Graduate Exams.
  • Paragraph, Essay and Speech on “Money Bills in Indian Parliament under Indian Constitution” Paragraph for Class 9, Class 10, Class 12 Class and Graduate Exams.
  • Essay, Paragraph, Speech on “Major South Indian Rivers” Essay for Class 9, Class 10, Class 12 Class and Graduate Exams.
  • Essay, Paragraph, Speech on “Madonna : A Musical Ledged” Essay for Class 9, Class 10, Class 12 Class and Graduate Exams.
  • Essay, Paragraph, Speech on “Governor of an Indian States” Essay for Class 9, Class 10, Class 12 Class and Graduate Exams.
  • Essay, Paragraph, Speech on “Legislative Assembly (Vidhan Sabha) in an Indian State” Essay for Class 9, Class 10, Class 12 Class and Graduate Exams.
  • Essay, Paragraph, Speech on “Regionalism in Indian Politics” Essay for Class 9, Class 10, Class 12 Class and Graduate Exams.
  • Essay, Paragraph, Speech on “Mother Goddess in Indian Religion” Essay for Class 9, Class 10, Class 12 Class and Graduate Exams.

About The Author

' src=

NotesEra.com is an one stop destination of Notes (Class 10, 11 and 12), Essays, Stories, Poems and Science Projects etc. Website provides authentic information and notes from experts. We provide Educational Information specifically from Class 1st to 12th. Science Projects are available in simplified form with Pictures.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

IMAGES

  1. Music in Hindi

    musical instruments essay on hindi

  2. Essay on Bansuri in hindi / बांसुरी पर निबंध/ Hindi Essay on Flute / Bansuri par nibandh

    musical instruments essay on hindi

  3. Musical Instruments names in Hindi & English With Pictures

    musical instruments essay on hindi

  4. वाद्य यंत्रों के नाम Musical Instruments Names In Hindi

    musical instruments essay on hindi

  5. सितार का इतिहास तथा ट्यूनिंग History And Tuning Of Sitar Musical

    musical instruments essay on hindi

  6. हिन्दी में वाद्य यंत्रों के नाम (Musical Instruments names in hindi)

    musical instruments essay on hindi

VIDEO

  1. Musical Instruments Names in Hindi

  2. 5 lines on Violin for preschool and kindergarten kids #essay #shortnotes

  3. 20 Musical Instruments name in hindi and english

  4. Indian Musical Instruments: Notes of Heritage for UPSC Aspirants

  5. Musical Hands Sampler

  6. All Musical Instruments Name In Hindi and English 🥁🎺

COMMENTS

  1. भारतीय वाद्य यंत्रों की जानकारी Indian musical instruments in ...

    इस लेख में हम आपको भारतीय वाद्य यंत्रों की जानकारी Indian musical instruments in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

  2. प्रसिद्ध वाद्य यंत्र और उनके वादक के नाम और वाद्य यंत्र के प्रकार

    प्रसिद्ध वाद्य यंत्र और उनके वादक (Famous musical instruments and their players in Hindi) विशेष रूप से एक दूसरे से संबंधित हैं। पूरी दुनिया में हमने विभिन्न उस्तादों को उनकी संगीतमय प्रस्तुतियों के माध्यम से लाइव देखा है। आइए नीचे दी गई तालिका के माध्यम से कुछ सबसे महत्वपूर्ण संगीत वाद्ययंत्रों और उनके वादकों के बारे में जानने में आपकी मदद करें:

  3. संगीत वाद्ययंत्र पर निबंध Essay on musical instruments in hindi

    संगीतकार के माध्यम से हमें जो सुरीला संगीत प्राप्त हुआ है । इसका सबसे बड़ा योगदान वाद्ययंत्र का है । वाद्ययंत्र का जो भी व्यक्ति शैक्षणिक अध्ययन करता है । उस अध्ययन को अंग्रेजी में ऑर्गेनो लोजी कहते हैं । वाद्ययंत्र के द्वारा ही एक अच्छे संगीत की रचना हुई थी । वाद्ययंत्र के द्वारा जिस संगीत की रचना हुई वह संगीत वाद्य संगीत कहलाता है । वाद्य संगी...

  4. वाद्य यंत्र के प्रकार वर्गीकरण Musical instrument’s Types ...

    वाद्य यंत्रों के प्रकार तथा वर्गीकरण / Musical Instruments Types and Classification. वाद्य यंत्र के प्रकार तथा वर्गीकरण व परिभाषाएँ 1. तंतु वाद्य (String Instrument ) / CHORDOPHONES

  5. संगीत पर निबंध (Music Essay in Hindi)

    संगीत पर छोटा व बड़ा निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विध्याथियो के लिए। Short and Long Essay on Music in Hindi Language.

  6. संगीत पर निबंध (Essay On Music in Hindi) 100, 200, 250, 300 ...

    Essay On Music in Hindi – संगीत आवाज़ों, वाद्ययंत्रों या दोनों के माध्यम से लय, माधुर्य और सामंजस्य के तत्वों का उपयोग करके विचारों और भावनाओं को महत्वपूर्ण ध्वनि रूपों में व्यक्त करने की कला है। संगीत हर किसी के जीवन में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यह हमें खाली समय में व्यस्त रखता है और हमारे जीवन को शांतिपूर्ण बनाता है। संगीत को तनाव और चिंता ...

  7. भारतीय संगीत पर निबंध | Essay on Indian Music in Hindi

    भारत के शास्त्रीय अथवा भारतीय संगीत पर निबंध (500 शब्दों में) | Essay on Indian Music (Indian Classical and Hindustani Music) in Hindi. संगीत सुखद ध्वनि (स्वर या वाद्य) है जो हमें सद्भाव और उच्चतर आनंद का अनुभव करने के लिए प्रेरित करता है. संगीत मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है.

  8. 35+ Musical Instruments Names | वाद्य यंत्रों के नाम चित्र सहित

    इस लेख में वाद्य यंत्रों के नाम चित्र सहित (Musical Instruments Names in Hindi) जानेंगे। यहां पर हमने वाद्य यंत्र के नाम के साथ ही उनके बारे में विवरण भी लिखा है, जिससे आपको इनके बारे में और भी ज्यादा जानने में आसानी होगी।.

  9. सितार पर निबंध | Essay On Sitar In Hindi - essayonhindi

    भारतीय संगीत में इस वाद्य यंत्र ( Musical instrument) का महत्वपूर्ण स्थान हैं. निबंध, स्पीच, अनुच्छेद के रूप में यहाँ सितार के बारे में जानकारी दी हैं.

  10. Paragraph, Essay and Speech on “Indian Musical Instruments ...

    Indian musical instruments provide us historical information on the socio-religious traditions of a people, geographical distribution of the flora and fauna and soon. That only some communities use a kind of instrument indicates the social taboos prevalent in earlier times.