स्टीफन हॉकिंग की जीवनी Stephen Hawking Biography in Hindi

इस लेख में आप हिंदी में स्टीफन हॉकिंग की जीवनी (Stephen Hawking Biography in Hindi) पढ़ेंगे। इसमें स्टीफन हॉकिंग का परिचय, प्रारम्भिक जीवन, शिक्षा, उनकी बीमारी, शोध कार्य, निजी जीवन और मृत्यु इत्यादि के बारे में संक्षिप्त में जानकारी दी गई है।

Table of Content

दुनिया में दो प्रकार के लोग होते हैं, पहले वह जो मुश्किलों के आगे घुटने टेक देते हैं और दूसरे जो मुश्किलों को खुद के आगे झुकने पर मजबूर कर देते हैं। 

जिस समय स्टीफन हॉकिंग के जीवन की शुरुआत हुई थी, उसी दौर में वे एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए थे। जिसके कारण कुछ समय के अंदर ही उनका पूरा शरीर लकवा ग्रस्त हो गया था। 

यह वह दौर था जब कोई इंसान जीने की उम्मीद छोड़ देता है, लेकिन स्टीफन हॉकिंग थोड़े जिद्दी प्रकृति के थे जिन्होंने अपनी बीमारी को ढाल बनाकर जीवन में एक के बाद एक सफलताएं प्राप्त की।

उन्होंने तारों के विषय में दुनिया को बताया की जब तारे  पुराने हो जाते हैं, तबी यह ठंडे पड़ जाते हैं और अंत में वह ब्लैक होल का रूप लेते हैं। इसके अलावा सर स्टीफन हॉकिंग ने कई सिद्धांत विश्व के सामने पेश किए जिससे पूरे विज्ञान जगत को एक बड़ा लाभ पहुंचा।

स्टीफन हॉकिंग जन्म व प्रारंभिक जीवन Stephen Hawking Birth and Early Life in Hindi

उनका पूरा परिवार पढ़ाई लिखाई पर ज्यादा ध्यान देता था, जिसके वजह से स्टीफन हॉकिंग बचपन से ही दिन भर किताबों में ही खोए रहते थे। 

ज्ञानवर्धक किताबें स्टीफन हॉकिंग को एक वैज्ञानिक बनाने में बड़ी सहायक साबित हुई। कहा जाता है कि वे इतने ब्रिलियंट थे कि उन्होंने एक बार घर में खराब पड़ी हुई मशीन से एक छोटा सा कंप्यूटर बना दिया था। 

स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा Stephen Hawking’s Education in Hindi

स्कॉलरशिप की मदद से उन्होंने अपने लिए कई किताबें और अच्छे टीचर्स से ट्यूशन प्राप्त किया। स्कूल के बाद स्टीफन हॉकिंग भौतिक ने विज्ञान के विषय पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण की।

स्टीफन हॉकिंग की बीमारी Stephen Hawking’s Disease in Hindi

स्टीफन हॉकिंग की काबिलियत पर उनके माता-पिता के साथ सभी शिक्षकों को भी फक्र होता था। लेकिन अपने जीवन के सबसे मुश्किल भाग को देखना अभी बाकी था। स्टीफन हॉकिंग अपने स्कूल और कॉलेज में अच्छे नंबर से हमेशा आवल आते थे। 

लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। बीए ऑनर्स की पढ़ाई के दरमियान वह फर्स्ट ईयर सेकंड, ईयर में कई रिकॉर्ड बना चुके थे। लेकिन तीसरा साल आते ही उनकी तबीयत अचानक से खराब होने लगे।

कुछ दिनों के अंदर स्टीफन की दशा ऐसी हो गई कि वह बोलते बोलते अचानक से रुक जाते और चलते हुए अपने आप जमीन पर गिर कर बेहोश हो जाते थे। पहले तो लोग उनके बिगड़ते तबीयत की वजह को कमजोरी बताया। 

लेकिन जब डॉक्टर को दिखाया गया तब स्टीफन एक ऐसे गंभीर रोग एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) से ग्रसित पाए गए, जिसका उस समय में कोई भी इलाज नहीं था। इस बिमारी में मसल्स तथा नर्वस सिस्टम के बीच तालमेल बंद हो जाता है, जिससे पूरा शरीर धीरे-धीरे स्थिर पड़ने लगता है।

डॉक्टर ने यह भी कहा की उनके पास मात्र 2 वर्ष का समय बचा है, उसके बाद उनकी मौत हो जाएगी। स्टीफन ने कभी भी अपने बीमारी को अपने पढ़ाई के मार्ग का कांटा नहीं बनने दिया और कैसे भी करके 1965 में प्रॉपर्टीज ऑफ एक्स्पांडिंग यूनिवर्स के थीसिस से पीएचडी की डिग्री अपने नाम कर ली।

जो समय उनके करियर की शुरुआत का समय था, वहीं से उनकी जिंदगी बद से बदतर होना शुरू हो गई थी। स्टीफन हॉकिंग अपने इस रोग से दुखी तो बहुत हुए लेकिन उन्होंने हार न मानकर आगे बढ़ते रहने की ठान ली और आज उसका परिणाम दुनिया के सामने है। 

स्टीफन हॉकिंग का निजी जीवन Stephen Hawking’s Personal Life in Hindi

हालांकि किसी भी अपंग अपाहिज व्यक्ति के लिए एक अच्छा जीवनसाथी ढूंढ पाना बड़े भाग्य की बात होती है। वे जब प्रोफ़ेसर थे तब उनकी मुलाकात जेन वाइल्ड से हुई, जिसके बाद दोनों ने कुछ समय बाद शादी कर ली जिससे उनके 3 बच्चे हुए। आपसी मतभेद के कारण दोनों का तलाक हो गया। 

तलाक़ के कुछ सालों बाद ही स्टीफन और एलेन मेशन ने वर्ष 1995 में शादी कर ली। दुर्भाग्यवश यह रिश्ता भी अधिक समय तक नहीं चल पाया और 2016 में दोनों ने अलग रहने का फैसला कर लिया। 

स्टीफन हॉकिंग के शोध कार्य Stephen Hawking’s Research Work in Hindi

स्टीफन हॉकिंग ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी यहां पर अपना शोध काम जारी रखा। डिपार्टमेंट ऑफ़ अप्लाइड मैथमेटिक्स एंड थ्योरिटिकल फिजिकल में 1972 में उन्होंने अपनी सेवाएं प्रदान की। इसी दरमियान द लार्ज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ़ स्पेस टाइम नामक अपनी पहली एकेडमीक पुस्तक लिखी।

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध एकेडमिक गणित के लुकासियन प्रोफ़ेसर का पद 1979 में स्टीफन हॉकिंग को प्रदान किया गया जहां उन्होंने वर्ष 2006 तक अपनी सेवाएं प्रदान किया। 

ब्टॉप  डाउन थिअरी 2006

वर्ष 2006 में स्टीफन हॉकिंग ने टॉप डाउन कॉस्मोलॉजी के सिद्धांत को प्रस्तुत किया। ब्रह्मांड विज्ञान पर आधारित यह अनुसंधान में स्टीफन हॉकिंग ने कहा की ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण की शक्ति मौजूद है, जिसके कारण ही वह नवीनतम रचनाएं करता रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके पीछे किसी ईश्वरीय शक्ति का हाथ नहीं है।

ब्लैक होल सिद्धांत 1971 -74

नो हेयर थ्योरम ब्लैक होल पर आधारित थी। उन्होंने अपने अनुसंधान में बताया की ब्लैक होल में द्रव्यमान, चार्ज, कोणीय गति इत्यादि जैसी कई विशेषताएं मौजूद है। स्टीफन हॉकिंग के मुताबिक ब्लैक होल द्वारा विकरण का उत्सर्जन तब तक होता रहता है, जब तक की उसकी पूरी ऊर्जा नष्ट नहीं हो जाती। 

इस सिद्धांत को हॉकिंग विकिरण के नाम से जाना जाता है। 1971 में ब्लैक होल्स को शीर्षक बनाकर उन्होंने एक लेख लिखा। जिसके कारण सुप्रसिद्ध ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन पुरस्कार स्टीफन हॉकिंग को प्रदान किया गया।

कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी 1982

साल 1980 में पहली बार एलन गुथ ने सिद्धांत प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि ब्रह्मांड में महा विस्फोट के पश्चात आकाशगंगाओं का निर्माण होता है, जो बहुत ही शीघ्र फैल जाता है। स्टीफन हॉकिंग ने क्वांटम थ्योरी को भी प्रस्तुत किया। इस अनुसंधान के बाद स्टीफन हॉकिंग की प्रसिद्धि पूरे दुनिया में और भी बढ़ गई।

यूनिवर्स का वेव फंक्शन मॉडल  1983

वर्ष 1983 में स्टीफन हॉकिंग और जेम्स हार्टले ने साथ मिलकर हार्टले- हाकिंग स्टेट मॉडल प्रस्तुत किया। जिसमें यह बताया गया कि बिग बैंग के पहले समय शून्य था, अर्थात नहीं मौजूद था। इसलिए ब्रह्मांड के प्रारंभ की पूर्वधारणा गलत है। क्योंकि ब्रह्मांड में जगह या समय में कोई भी प्रारंभिक सीमा नहीं है।

सिंगुलेरिटी का सिद्धांत 1970

आइंस्टाइन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत से सहायता लेकर स्टीफन हॉकिंग ने 1970 के दशक में सिंगुलेरिटी सिद्धांत को प्रस्तुत किया। अपने इस अनुसंधान में उन्होंने बताया कि बिग बैंग होने का मुख्य कारण एक विशाल ब्लैक होल का पतन था। 1970 में प्रकाशित किए गए एक लेख में स्टीफन हॉकिंग ने कहा की ब्रह्मांड की उत्पत्ति ब्लैक होल के केंद्र से ही हुई है।

स्टीफन हॉकिंग के जीवन पर आधारित फिल्‍म Film Based on The Life of Stephen Hawking in Hindi

स्टीफन हॉकिंग जैसे महान विज्ञानिक सदियों में एक बार जन्म लेता है। इंसानो के इतिहास में आज तक जो संभव नहीं हो पाया वह स्टीफन हॉकिंग ने कर दिखाया है। 

उन्होंने दुनिया को स्वयं के ऊपर गर्व करने के लिए बहुत सारे मौके दिए हैं। जिस प्रकार स्टीफन हॉकिंग ने  मुश्किल परिस्थितियों में संघर्ष किया ऐसे परिस्थिति की कल्पना भी कोई सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता। 

स्टीफन हॉकिंग के पुरस्कार Stephen Hawking Awards in Hindi

स्टीफन हॉकिंग की मृत्‍यु stephen hawking’s death in hindi.

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Stephen Hawking Biography in Hindi: विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय

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  • Updated on  
  • जनवरी 4, 2024

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मशहूर व महान वैज्ञानिकों में से एक स्टीफन हॉकिंग किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है। उन्होंने अपनी काबिलियत के बल पर दुनिया को अपने ऊपर गर्व करने के कई बार अवसर दिए हैं। अपनी शारीरिक परेशानियों के बावजूद उन्होंने ऐसे काम किेए, जिसकी लोग बस कल्पना ही कर सकते हैं। उनकी कई खोज ऐसी की जो नामुमकिन सी लगती थी। आइए, ले चलते हैं आपको इनके जीवन सफ़र की ओर। जानिए Stephen Hawking Biography in Hindi में उनके बारे में।

The Blog Includes:

जीवन की सफल शुरुआत (stephen hawking biography in hindi ), शिक्षा में बनाया कीर्तिमान, कैसे बिगड़ी थी सेहत, स्टीफन हॉकिंग का बेमिसाल करियर, स्टीफन हॉकिंग की महत्वपूर्ण खोजें, stephen hawking in hindi के पुरस्कार और सम्मान, स्टीफन हॉकिंग का निजी जीवन, स्टीफन हॉकिंग द्वारा लिखीं पुस्तकें, द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग, स्टीफन हॉकिंग के अद्भुत विचार.

Stephen Hawking Biography in Hindi

Stephen Hawking Biography in Hindi में स्टीफन हॉकिंग का जन्म इंग्लैंड में 8 जनवरी 1942 में हुआ था। हॉकिंग ने जब जन्म लिया था, स्टीफन के पिता एक चिकित्सा शोधकर्ता थे, उनका नाम फ्रेंक था। वहीं इनकी माता का नाम इसोबेल था और जो चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में एक सचिव थीं। हॉकिंग के पिता के 3 बच्चे और थे. स्टीफन हॉकिंग एक संपन्न परिवार से थे।

स्टीफन जब आठ वर्ष के थे तब उनके परिवार वाले सेंट अल्बान में आकर रहने लगे और यहां के ही एक स्कूल में स्टीफन का दाखिला करवा दिया गया। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद स्टीफन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और यहां पर इन्होंने भौतिकी (Physics) विषय पर अध्ययन किया। कहा जाता है कि स्टीफन को गणित में रुचि थी और वो इसी विषय में अपनी पढ़ाई करना चाहते थे। लेकिन उस वक्त ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में गणित नहीं था. बाद में उन्होंने फिजिक्स को चुना।

फिजिक्स में प्रथम श्रेणी में डिग्री हासिल करने बाद इन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी आगे की पढ़ाई की। साल 1962 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में डिपार्टमेंट ऑफ एप्लाइड मैथेमैटिक्स एंड थ्योरिटिकल फिजिकल (डीएएमटीपी) में इन्होंने ब्रह्माण्ड विज्ञान पर रिसर्च किया। Stephen Hawking Biography in Hindi में शिक्षा के बल पर ही स्टीफन हॉकिंग ने इतनी ख्याति प्राप्त की।

Stephen Hawking Biography in Hindi

1963 में 21 वर्षीय स्टीफन हॉकिंग की सेहत बिगड़ने लगी थी। स्टीफन की बिगड़ती हालत देख उनके पिता उन्हें अस्पताल ले गए जहां पर उनकी जांच की गई और जांच में पाया गया कि स्टीफन को एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (amyotrophic lateral sclerosis (ALS) नामक बीमारी है। इस बीमारी के कारण शरीर के हिस्से धीरे-धीरे कार्य करना बंद कर देते हैं और इस बीमारी का कोई भी इलाज नहीं है। उस वक्त स्टीफन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन उन्होंने अपनी इस बीमारी को अपने सपनों के बीच नहीं आने दिया। बीमार होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई को पूरा किया और 1965 में उन्होंने अपनी पीएचडी की डिग्री हासिल की। पीएचडी में इनके थीसिस का शीर्षक ‘प्रॉपर्टीज ऑफ एक्सपांडिंग यूनिवर्स‘ था।

कैंब्रिज से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी हॉकिंग इस कॉलेज से जुड़े रहे और इन्होंने एक शोधकर्ता के रूप में यहां कार्य किया। जानिए, Stephen Hawking Biography in Hindi में कैसा रहा उनका करियर।

  • 1972 में डीएएमटीपी में बतौर एक सहायक शोधकर्ता अपनी सेवाएं दी और इसी दौरान इन्होंने अपनी पहली अकादमिक पुस्तक, ‘द लाज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ स्पेस-टाइम’ लिखी थी।
  • 1974 में इन्हें रॉयल सोसायटी (फैलोशिप) में शामिल किया गया।
  • 1975 में डीएएमटीपी में बतौर गुरुत्वाकर्षण भौतिकी रीडर के तौर पर भी कार्य किया।
  • 1977 में गुरुत्वाकर्षण भौतिकी के प्रोफेसर के रूप में भी यहां पर अपनी सेवाएं दी। 1979 में इन्हें कैम्ब्रिज में गणित के लुकासियन प्रोफेसर (Lucasian Professor) नियुक्त किया गया था, जो कि दुनिया में सबसे प्रसिद्ध अकादमी पद है और इस पद पर इन्होंने साल 2006 तक कार्य किया।

Stephen Hawking Biography in Hindi में उनके द्वारा 6 महत्वपूर्ण खोजें की गयी है जो इस प्रकार है-

सिंगुलैरिटी का सिद्धांत (Theory of Singularity) – 1970

आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत भी सिंगुलैरिटी के बारे में बताते हैं। उनका सिद्धांत यह है कि टाइम और स्पेस में किसी भी भारी पिंड की वजह से जो झोल पड़ जाता है, वही गुरुत्वाकर्षण है। फिर हॉकिंग को शोध के दौरान पता चला कि बिग-बैंग दरअसल ब्लैक होल का उलटा पतन ही है। उन्होंने पेनरोज़ के साथ मिलकर 1970 में एक शोधपत्र प्रकाशित किया और दर्शाया कि सामान्य सापेक्षता का अर्थ ये है कि ब्रह्मांड ब्लैक होल के केंद्र (सिंगुलैरिटी) से ही शुरु हुआ होगा।

ब्लैक होल का सिद्धांत – 1971-74

  • पहले सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल का कुल सतह क्षेत्र कभी भी छोटा नहीं होगा। इसे Hawking area theorem के रूप में भी जाना जाता है।
  • एक अन्य सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल गर्म होता है। लेकिन यह शास्त्रीय भौतिकी का एक विरोधाभास है जिसमें कहा गया है कि ब्लैक होल से गर्मी का विकीर्ण नहीं होता हैं।
  • एक और ब्लैक होल का सिद्धांत है “no hair” theorem। जिसमें कहा गया है कि ब्लैक होल में विशेषताएं हो सकती है; उनका द्रव्यमान (mass), कोणीय गति (angular momentum) और चार्ज (charge)।
  • ब्लैक होल विकिरण का उत्सर्जन करता है, जो तब तक जारी रख सकते हैं जब तक कि वे अपनी ऊर्जा को समाप्त नहीं करते और वाष्पन करते हैं। इसे हॉकिंग विकिरण भी कहा जाता है।
  • जनवरी 1971 में, उन्होंने “ब्लैक होल्स” नामक अपने निबंध के लिए प्रतिष्ठित ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन पुरस्कार जीता था।

कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी – 1982

यह सिद्धांत साल 1980 में एलन गुथ (Alan Guth) द्वारा दिया गया था और वह था कि भौतिक कोस्मोलोजी में, कॉस्मिक इन्फ्लेशन वह सिद्धांत है जिसमें ब्रह्मांड महाविस्फोट के बाद शीघ्र ही फैल जाता है। इसके अलावा, हॉकिंग पहले वैज्ञानिक है जिन्होंने क्वांटम में उतार-चढ़ाव (quantum fluctuations) की गणना की है।

4. यूनिवर्स का वेव फ़ंक्शन पर मॉडल – 1983

स्टीफन हॉकिंग गुरुत्वाकर्षण के एक क्वांटम थ्योरी की स्थापना में रुचि रखते थे लेकिन जेम्स हार्टले (James Hartle) के साथ उन्होंने 1983 में हार्टले-हॉकिंग स्टेट (Hartle-Hawking state) मॉडल प्रकाशित किया था। यह सिद्धांत कहता है कि समय महाविस्फोट (Big Bang) से पहले मौजूद नहीं था और इसलिए ब्रह्मांड की शुरुआत की अवधारणा अर्थहीन है। ब्रह्मांड में समय या स्थान मंं कोई प्रारंभिक सीमा नहीं होती है।

5. स्टीफन हॉकिंग की ब्रह्मांड विज्ञान पर आधारित टॉप-डाउन थ्योरी – 2006

थॉमस हर्टोग (Thomas Hertog) के साथ उन्होंने 2006 में एक सिद्धांत “top-down cosmology” को प्रस्तावित किया जिसमें कहा गया है कि ब्रह्मांड में एक अनूठी प्रारंभिक अवस्था नहीं थी, लेकिन कई संभावित प्रारंभिक स्थितियों की अतिपवित्रता शामिल थी। हॉकिंग का कहना है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है इसलिए वह नई रचनाएँ कर सकता है उसके लिए उसे ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता नहीं है।

स्टीफन हॉकिंग के पास 13 डिग्रियां थीं। Stephen Hawking Biography in Hindi में जानते हैं उन्हें प्राप्त पुरस्कार और सम्मान।

  • 1966 में स्टीफन हॉकिंग को एडम्स पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद इन्होंने 1975 में एडिंगटन पदक और 1976 में मैक्सवेल मेडल एंड प्राइज मिला था।
  • हेइनीमान पुरस्कार (Heineman Prize) हॉकिंग को 1976 में मिला था। इस पुरस्कार को पाने के बाद इन्हें 1978 में अल्बर्ट आइंस्टीन मेडल भी मिला था।
  • 1985 में हॉकिंग को आरएएस गोल्ड मेडल और 1987 डिराक मेडल ऑफ द इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल भी दिया गया था। इसके बाद 1988 में इस महान वैज्ञानिक को वुल्फ पुरस्कार भी दिया गया था।
  • 1989 में प्रिंस ऑफ अस्टुरियस अवार्ड भी हॉकिंग ने अपने नाम किया था। इस अवार्ड को मिलने के कुछ समय बाद इन्होंने एंड्रयू जेमेंट अवार्ड (1998), नायलोर पुरस्कार और लेक्चरशिप (1999) भी दिया गया था।
  • 1999 में जो अगला पुरस्कार इन्हें मिला था उसका नाम लिलाइनफेल्ड पुरस्कार (Lilienfeld Prize) था और रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट की तरफ से इसी साल इन्हें अल्बर्ट मेडल भी दिया गया था।
  • ऊपर बताए गए अवार्ड के अलावा इन्होंने कोप्ले मेडल (2006), प्रेसिडेंटियल मेडल ऑफ फ्रीडम (2009), फंडामेंटल फिजिक्स प्राइज (2012) और बीबीवीए फाउंडेशन फ्रंटियर्स ऑफ नॉलेज अवार्ड (2015) भी दिया गया हैं।

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1965 में हॉकिंग ने जेन वाइल्ड से शादी कर ली थी। जेन और हॉंकिग के कुल तीन बच्चे थे और इनके नाम रॉबर्ट, लुसी और तीमुथियस है। 1995 में हॉकिंग ने दूसरी शादी इलेन मेसन से की थी।

स्टीफन हॉकिंग ने कई किताबें लिखी थीं और उनकी ये किताब अंतरिक्ष के विषय में ही लिखी गई थीं। Stephen Hawking Biography in Hindi में हम जानेंगे उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों के बारे में।

  • ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’– हॉकिंग द्वारा लिखी गई सबसे पहली किताब थी. यह बिग बैंग और ब्लैक होल के विषय पर आधारित थी और 1988 में प्रकाशित हुई ये किताब 40 भाषाओं में उपलब्ध है।
  • ‘द यूनिवर्स इन ए नटशेल’ – यह 2001 में प्रकाशित की गई थी और हॉकिंग द्वारा लिखी गई इस किताब को 2002 में एवेंटिस प्राइस ऑफ साइंस बुक्स मिला था।
  • “द ग्रैंड डिज़ाइन”- यह 2010 में प्रकाशित हुई थी और इस किताब में भी अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारी दी गई थी. ये काफी सफल किताब साबित हुई थी।
  • ‘ब्लैक होल और बेबी यूनिवर्स’ – यह 1993 में आई थी और इस पुस्तक में हॉकिंग द्वारा ब्लैक होल से संबंधित लिखे गए निबंधों और व्याख्यानों का जिक्र था।
  • 2011 में हॉकिंग ने बच्चों के लिए ”जॉर्ज और द बिग बैंग” लिखी थी।

द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग

2014 में हॉकिंग पर एक मूवी बनाई गई थी, जिसका नाम नाम “द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग’। इस फिल्म में उनकी जिंदगी के संघर्ष को दिखाया गया था और बताया गया था कि किस तरह से इन्होंने अपने सपनों के पूरा किया था। इसे हॉलीवुड के डायरेक्टर जेम्स मार्श ने डायरेक्ट किया था।

स्टीफन हॉकिंग का निधन 14 मार्च 2018 को 76 वर्ष की आयु में हुआ था।

Stephen Hawking Biography in Hindi में हम जानेंगे हॉकिंग के वो महत्वपूर्ण विचार जो आपको ज़िन्दगी जीने का एक नया ढंग देंगे।

  • “ऊपर सितारों की तरफ देखो अपने पैरों के नीचे नहीं। जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो और आश्चर्य करो कि क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाए हुए है। उत्सुक रहो।”
  • “चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।”
  • “मैंने देखा है वो लोग भी जो ये कहते हैं कि सब कुछ पहले से तय है, और हम उसे बदलने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते, वे भी सड़क पार करने से पहले देखते हैं।”
  • “बुद्धिमत्ता बदलाव के अनुरूप ढलने की क्षमता है।”
  • “विज्ञान केवल तर्क का अनुयायी नहीं है, बल्कि रोमांस और जूनून का भी।”
  • “यदि आप हमेशा गुस्सा या शिकायत करते हैं तो लोगों के पास आपके लिए समय नहीं रहेगा।”
  • “अतीत, भविष्य की तरह ही अनिश्चित है और केवल सम्भावनों के एक स्पेक्ट्रम के रूप में  मौजूद है।”

साल 2001 की जनवरी में स्टीफन हॉकिंग भारत आए थे और यह 16 दिन का दौरा था। इस दौरे से लौटने के बाद उन्होंने अपनी भारत यात्रा को शानदार बताया था।

स्टीफन हॉकिंग को मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी थी। इस बीमारी में मनुष्य का नर्वस सिस्टम धीरे-धीरे खत्म हो जाता है और शरीर के मूवमेंट करने और कम्युनिकेशन पावर समाप्त हो जाती है।

स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल की भौतिकी पर काम किया था। उन्होंने प्रस्तावित किया कि ब्लैक होल उप-परमाणु कणों का उत्सर्जन करेंगे जब तक कि वे अंततः विस्फोट न करें। उन्होंने सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबें भी लिखीं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम: फ्रॉम द बिग बैंग टू ब्लैक होल्स (1988) थी।

स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड में फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग दंपत्ति के घर में हुआ था।

उनकी पत्नी का नाम जेन विल्डे था।

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देवांग मैत्रेय

स्टडी अब्रॉड फील्ड के हिंदी एडिटर देवांग मैत्रे को कंटेंट और एडिटिंग में आधिकारिक तौर पर 7 वर्षों से ऊपर का अनुभव है। वह पूर्व में पोलिटिकल एडिटर-रणनीतिकार, एसोसिएट प्रोड्यूसर और कंटेंट राइटर/एडिटर रह चुके हैं। पत्रकारिता से अलग इन्हें अन्य क्षेत्रों में भी काम करने का अनुभव है। देवांग को काम से अलग आप नियो-नोयर फिल्म्स, सीरीज व ट्विटर पर गंभीर चिंतन करते हुए ढूंढ सकते हैं।

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Aaj maine inki story ko padha mujhe acha laga kahte Hain na jab insaan ke maan kuch karne ja jajba ho to koi viklangta aur koi paise ki Kami nhi dekhta Dr Bheem Rao ambedkar ji ke baad aapko dil se I salute you sir

Kaphi full jankari best……

आपका धन्यवाद, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।

बहुत अच्छा लेख है जिससे हम सभी एक महान वैज्ञानिक के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। आपको धन्यवाद।।

आपका आभार, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।

बहुत सही जानकारी दी है स्टीफन हॉकिंग के बारे में ..

हमारे लेख को सराहने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। इसी तरह के आकर्षक ब्लॉग के लिए हमारी वेबसाइट पर बनें रहें।

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स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen hawking biography in hindi

  • Post author: HariOm
  • Post published: March 20, 2021
  • Post category: Hindi Biographies

नमस्कार दोस्तों, जैसे कि आपको टाइटल से पता चल गया होगा कि इस लेख में आप महान एवं अदभुत वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen hawking biography in hindi के बारे में पढने जा रहे हैं। इसके अलावा हमारे द्वारा इस लेख में सर स्टीफन से जुडी सभी प्रकार की छोटी-बड़ी जानकारी दी गई है। हम उम्मीद करते हैं कि आप इस लेख को अंत तक पढ़कर सर स्टीफन हॉकिंग से जुडी सभी प्रकार की जरूरी जानकारी को जरूर पढेंगें।

बता दें कि सर स्टीफन का एक समय पर शरीर का कोई भी बाहरी हिस्सा काम नहीं करता था। जिस कारण वह चल और बोल नहीं सकते थे और शारीरिक रूप से आम इंसानों की तरह काम नहीं कर सकते थे लेकिन फिर भी वह जीना चाहते थे। यानिकी पूर्ण-रूप से विकलांग होने के बावजूद स्टीफन हॉकिंग (Stephen hawking in hindi) ने साबित कर दिया कि यदि इंसान की ख़ुद पर पूर्ण-विश्वास और इच्छा-शक्ति हो तो वह कुछ भी कर सकता है। इसी विकलांगता के साथ हॉकिंग ने अपने जीवन-काल में ब्रहमांड के कई अकल्पनीय रहस्यों से परदा उठाया।

बेजान शरीर लिए व्हीलचेयर पर बैठे सर हॉकिंग ने कहा था – “मुझे मौत से कोई डर नहीं लगता लेकिन मुझे मरने की भी कोई जल्दी नहीं है क्योंकि मरने से पहले ज़िन्दगी में मुझे बहुत कुछ करना बाकी है । ”

स्टीफन हॉकिंग
डॉ. स्टीफन विलियम हॉकिंग
फ्रैंक हॉकिंग
इसोबेल एलीन हॉकिंग
8 जनवरी, 1942 (ऑक्सफ़ोर्ड, यूनाइटेड किंगडम)
जेन वाइल्ड (1965-1995), ऐलेन मेसन (1995-2006)
तीन (रोबर्ट हॉकिंग, लूसी हॉकिंग और टिमोथी हॉकिंग)
ब्रिटिश
सेंट अलबन्स स्कूल, भौतिकी में ग्रेजुएशन (यूनिवर्सिटी कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड) 1962, भौतिकी में डोक्टरेट – Ph.D (ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज़) 1966
ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम
ख़गोल वैज्ञानिक या कोस्मोलॉजिस्ट, भौतिक वैज्ञानिक और लेखक
भौतिक विज्ञानी, ब्रहमांड विज्ञानी और एक लेखक
मोटर न्यूरोन या ALS (एम्योट्रोफिल लेटरल स्क्लेरोसिस)
14 मार्च, 2018 (कैम्ब्रिज़, यूनाइटेड किंगडम)

स्टीफन हॉकिंग का शुरूआती जीवन – Stephen hawking early life in hindi

स्टीफन विलियम हॉकिंग के शुरूआती जीवन की बात करें तो स्टीफन का जन्म 8 जनवरी, 1942 को यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के ऑक्सफ़ोर्ड शहर में हुआ था। इनके जन्म के दौरान दूसरा विश्व-युद्ध चल रहा था; इसी कारण इनके माता-पिता को हाईगेट (Highgate) शहर से ऑक्सफ़ोर्ड मे जाकर बस गए थे।

इनके पिता का नाम फ्रैंक हॉकिंग (Frank Howking) जोकि एक डॉक्टर थे और माँ इसोबेल एलीन हॉकिंग (Isobel Eileen Hawking) जोकि एक गृहणी थीं। इनके अलावा स्टीफन के तीन भाई-बहन और थे।

हॉकिंग जब ‘ कैम्ब्रिज़ विश्वविधालय’ में डोक्टरेट की पढाई कर रहे तो विश्वविधालय के एक प्रोग्राम के दौरान उनकी मुलाकात जेन वाइल्ड (Jane Wilde) से हुई। जेन एक साहित्य (Literature) की छात्रा थी जबकि हॉकिंग ‘ ख़गोल भौतिकी’ (Astrophysics) के छात्र थे।

इसके अलावा इन दोनों की भगवान (ईश्वर) प्रति बिलकुल अलग-अलग राय थी। जिसमे जेन भगवान में विश्वास करती थी तो वहीँ स्टीफन का भगवान में बिलकुल भी विश्वास नहीं था। इसके बाबजूद भी दोनों में दोस्ती हो गई और बाद में प्रेम भी हो गया।    

कॉलेज के दौरान एक दिन जब स्टीफन को अपने शरीर में शून्यता महसूस हुई और वह कॉलेज में ही बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया; उस दौरान स्टीफन को पता चला कि उन्हें ‘ मोटर न्यूरोन’ नामक ला-इलाज बीमारी है। जिसके कारण आने वाले समय में उनके शरीर की माशपेशियों का का नियंत्रण उनके कण्ट्रोल से बाहर हो जायेगा। 

बता दें कि इस बीमारी का पता चलने के बाद स्टीफन ने जेन से अलग होने के फैसला कर लिया था लेकिन जेन स्टीफन से बहुत प्यार करती थी। और जब जेन को स्टीफन की बीमारी के बारे में पता चला तो जेन जोकि स्टीफन से बहुत प्यार करती थीं, इसीलिए उन्होंने स्टीफन से शादी करने का फैसला कर लिया।

इसके बाद इन दोनों ने 14 जुलाई, 1965 को शादी कर ली। शादी के कुछ समय बाद इन दोनों के एक बेटा हुआ; जिसका नाम इन्होंने रोबर्ट हॉकिंग (Robert Hawking) रखा था। इसी दौरान स्टीफन डोक्टरेट के लिए अपनी थीसिस (Thesis) पर काम करते रहे और उन्होंने सफ़लतापूर्वक अपनी डोक्टरेट की उपाधि हाशिल कर ली।

लेकिन स्टीफन का शरीर बीमारी के कारण कमज़ोर होता चला गया। इसके कुछ समय बाद उन्होंने चलने की ताक़त भी खो दी, जिसके बाद जेन स्टीफन के लिए एक व्हीलचेयर ले आयीं; जिससे कि उन्हें चलने-फिरने में आसानी हो सके।

समय बीतता रहा और स्टीफन के दूसरे बच्चे के रूप एक बेटी पैदा हुई; जिसका नाम उन्होंने लूसी हॉकिंग (Lucy Hawking) रखा था। लेकिन धीमे-धीमे स्टीफन का शरीर साथ छोड़ता चला गया।

बता दें कि जेन वाइल्ड डॉ. स्टीफन और अपने बच्चों के साथ बहुत व्यस्त हो गईं थीं। जिस कारण जेन को अपनी डोक्टरेट के लिए थीसिस पूरी करने का बिलकुल भी समय नहीं मिलता था।

इसी दौरान जेन की मुलाक़ात जोनाथन (Jonathan) से हुई जोकि एक म्यूजिक टीचर थे। जिसके बाद जोनाथन स्टीफन के घर आकर उनके बच्चों को पियानो (Piano) सिखाने लगे और स्टीफन के परिवार की भी मदद करने लगे।

जोनाथन का डॉ. स्टीफन के परिवार के साथ काफी समय गुजारने के बाद वह जेन के बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। इसके कुछ समय के बाद जेन के तीसरे बेटे टिमोथी हॉकिंग (Timothy Hawking) का जन्म हुआ। टिमोथी के जन्म के बाद लोग कहने लगे कि यह स्टीफन हॉकिंग का नहीं वल्कि जोनाथन का बेटा है। लेकिन जेन के मुताबिक यह तीसरा बेटा डॉ. स्टीफन का ही बेटा था।

इसके बाद स्टीफन अपने सौध कार्यों में लगातार व्यस्त रहे लेकिन एक बार डॉ. स्टीफन बहुत बीमार (निमोनिया) हो गए। जिसके बाद उन्हें की बहुत गंभीर परिस्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया। हॉकिंग की स्थिति में सुधार के लिए उनकी पत्नी (जेन) के कहने पर डॉक्टर्स ने स्टीफन के गले में छेद कर दिया। जिसके बाद डॉ. स्टीफन ने बोलने और मुँह से भोजन करने की क्षमता को खो दिया था।

कुछ समय बाद डॉ स्टीफन की पत्नी जेन बहुत व्यस्त होने लगी। इसी कारण स्टीफन हॉकिंग की देख-रेख के लिए एक नर्स को नियुक्त किया गया; जिसका नाम एलेन मेसन (Elaine Mason) था और वह हर समय स्टीफन के साथ रहती थी। नर्स एलेन डॉ. स्टीफन को स्पेल्लिंग बोर्ड की सहायता से बोलने में मदद करती थी और इन दोनों के एक दूसरे के साथ बहुत अधिक समय गुजारने के बाद यह दोनों बहुत जल्द घुल-मिल गए थे।  

स्पेल्लिंग बोर्ड के बाद जल्द ही डॉ. स्टीफन के लिए वॉइस सिंथेसाइजर का प्रबंध कर दिया गया। जिसकी सहायता से स्टीफन अपने हाथ में मौजूद रिमोट से स्क्रीन पर टाइप कर सकते थे , जिससे कि वह टेक्स्ट को रोबोटिक फॉर्म कि वॉइस में बदल देता था। जिससे कि लोग स्टीफन को सुन सकते थे।

जिसके बाद स्टीफन ने एक किताब (A Brief history of time) लिखी जोकि अंतराष्ट्रीय लेवल पर बेस्ट सेलर रही थी।

इस किताब की सफलता के बाद ‘सयुंक्त राज्य अमेरिका’ ने स्टीफन को पुरुष्कार के लिए अपने देश बलाया। जिसके बाद स्टीफन ने यह बात अपनी पत्नी को बताई और साथ में उन्होंने यह भी बताया कि वह अपनी नर्स एलेन को भी अमेरिका ले जाना चाहते हैं। जिसके बाद जेन को लगा कि मेरा और स्टीफन के बीच पति-पत्नी का रिश्ता पहले जैसा नहीं रहा मतलब जेन समझ गईं कि अब हमारी शादी नाम-मात्र की ही रह गई है।

इस घटना के बाद दोनों दुखी हुए क्योंकि उन दोनों को भी मालूम था कि अब यही सच है और कुछ दिनों के बाद दोनों ने तलाक लेने का फैसला कर लिया था।

इसके बाद जेन ने जोनाथन से शादी कर ली और अपनी डोक्टरेट भी पूरी कर ली, वहीं डॉ. स्टीफन ने अपनी नर्स एलेन से शादी कर ली थी। बता दें कि तलाक के बाद भी जेन और उनके बच्चे डॉ. स्टीफन से जुड़े रहे थे।

स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा – Stephen hawking education in hindi

हॉकिंग (Stephen Hawking) ने शुरूआती पढाई सेंट अलबन्स स्कूल से की थी। स्टीफन ने अपने कई इंटरव्यू में माना था कि वह शुरूआती पढाई में एक कमजोर छात्र थे और वह 8 साल की उम्र तक पढना भी नहीं सीख पाए थे और यूनिवर्सिटी में जाने तक वह एक आलसी छात्र थे।

लेकिन एक आलसी छात्र होने के बाबजूद भी स्टीफन को स्कूली दिनों में अलबर्ट आइंस्टीन कहा जाता था क्योंकि वह स्पेस-टाइम और यूनिवर्स के बारे बचपन से ही ग़जब की जानकारी रखने लग गए थे।

स्कूलिंग ख़तम करने के बाद स्टीफन ने स्कॉलर से दाखिला लेकर यूनिवर्सिटी कॉलेज (ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय) में भौतिकी में ग्रेजुएशन पूरा किया।

इसके बाद स्टीफन डॉक्टरेट (Ph.D.) के लिए ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज़ में आ गए। जहाँ इन्हें पहली बार अपनी ALS मतलब ‘ एम्योट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस’ बीमारी के लक्षण दिखे। लेकिन इन्होने इस बीमारी को दर-किनार कर 1966 में भौतिकी में डोक्टरेट (पीएचडी) पूरी कर ली।  

आपको बता दें कि अपने पढाई पूरी करने तक स्टीफन हॉकिंग अन्य छात्रों की तरह ही जानकारी रखते थे न कि वह वैज्ञानिक तौर पर जानकारी रखते थे। लेकिन इस बीमारी के बारे में पता चलने के बाद इनके परिवार और पत्नी के सहयोग (सपोर्ट) के कारण इन्होने अपना समय पूरी तरह से पढाई को समर्पित कर दिया।

स्टीफन की इसी महनत के कारण आज इन्हें पूरी दुनिया इनकी अदभुत खोजों और वैज्ञानिक तौर पर महत्वपूर्ण योगदान के कारण महान वैज्ञानिक के रूप में जानती है।

स्टीफन हॉकिंग की खोजें – Stephen hawking invention in hindi

महान वैज्ञानिक एवं कोस्मोलोजिस्ट स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) ने अपने जीवन-काल में कई खोजें की। जिसमे कि बिग-बेंग थ्योरी की खोज जो बताती है कि हमारे ब्रह्माण्ड (ग्रहों, सोरमंडल और आकाश-गंगा) का जन्म कैसे हुआ था? मतलब इन्होने बिग-बेंग सिद्धात के द्वारा यह बताया था कि समय (Time) कैसे शुरू हुआ था?

इसके अलावा इन्होने दुनिया को ब्लैक हॉल जैसी सम्भावना से वाकिफ़ कराया और गणना कर सिद्ध भी किया कि ब्लैक-हॉल का सिद्धांत एग्जिस्ट (मौजूद) करता है। जिसमे स्टीफन ने ब्लैक हॉल को क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics) के द्वारा अध्यन किया और इसी कारण इन्होने ‘हॉकिंग रेडिएशन प्रक्रिया’ की भी ख़ोज की। इनके अलावा इन्होने दुनिया को समय यात्रा (Time Travel) करने का विचार और कई अन्य खोजें और सिद्दांत दिए।

स्टीफन हॉकिंग की किताबें – Stephen hawking hindi book

सर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking)  ने अपने जीवन-काल में कई किताबें लिखीं, लेकिन सबसे ज्यादा ख्याति उन्हें अपनी पहली किताब ‘ ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम (A Brief History of Time from The Big Bang to Black holes)’ से मिली। जोकि इन्होंने 1988 में प्रकाशित की; जिसमे हॉकिंग ने विज्ञान के प्रति अपने विचार बहुत ही सरलता से रखे थे। इस किताब ने विज्ञान की दुनिया में तहलका मचा दिया था क्योंकि इससे पहले किसी भी वैज्ञानिक ने विज्ञान को इस लेवल पर आज तक नहीं समझाया था।

यह किताब अपने समय की बेस्ट सेलर रही थी और इसने कई सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। इस किताब की आज तक तकरीबन 10 करोड़ कॉपीज बेकी जा चुकी हैं।

इस किताब के प्रकाशित होने के बाद डॉ हॉकिंग ने कहा था कि मेरा हमेशा से सपना था कि मैं विज्ञान पर ऐसी किताब लिखूं; जिसे आम लोग भी बहुत ही आसानी से समझ सकें।

‘ ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम किताब के प्रकाशित होने के बाद स्टीफन ने कहा था कि इस किताब के पब्लिश होने के बाद मेरा वर्षों पुराना सपना पूरा हो गया।

बता दें कि स्टीफन ने यह किताब अपने पूरी तरह से अपंग होने के बाद लिखी थी। यह किताब कोस्मोलोजी पर आधारित है; जिसमे उन्होंने समय की शुरुआत कहाँ से हुई ? बिग-बेंग थ्योरी और ब्लैक-हॉल जैसे विषयों को समझाया है।

इसके अलावा स्टीफन हॉकिंग की कुछ मशहूर किताबों की बात करें तो इसमें –

  • ब्लैक होल्स एंड बेबी उनिवेर्सेस एंड अदर एसेज – 1993
  • द यूनिवर्स इन ए नटशैल – 2001
  • ऑन द शोल्डर ऑफ़ जाईन्ट्स – 2002
  • गॉड क्रिएटेड द इन्टेज़र्स – 2005
  • माय ब्रीफ हिस्ट्री – 2013
  • ब्रीफ आंसर टू द बिग क्वेशन्स – 2018 

स्टीफन हॉकिंग को कौन सी बीमारी थी – Stephen hawking disease in hindi

महान वैज्ञानिक सर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) जिन्होंने ब्रहमांड के रहस्यों को समझने में दुनिया की बहुत मदद की थी। जिनका जीवन एक आम इंसान की तरह तो बिलकुल भी नहीं रहा क्योंकि वह 21 वर्ष की आयु मे मोटर न्यूरोन (Motor neurone) या ALS मतलब A myotrophic L ateral S clerosis नामक ला-इलाज बीमारी से पीड़ित हो गए थे।

इस बीमारी के बारे में पता चलने के बाद डॉक्टर्स ने स्टीफन के परिवार को बताया था कि स्टीफन लगभग 2 से 3 वर्ष ही जीवित रह सकते हैं। लेकिन इस बीमारी से डरने के बजाय स्टीफन ब्रहमांड को समझने के लिए अपनी पढाई और सौध-कार्यों में जुट गए।

बता दें कि इस बीमारी से पीड़ित रोगी का उसकी माशपेशियों से नियंत्रण छूटने लगता है और धीरे-धीरे वह अपंग हो जाता है और अंततः उसकी म्रत्यु हो जाती है।

लेकिन स्टीफन ने अपनी द्रढ इच्छा-शक्ति से डॉक्टर्स को गलत साबित कर दिया और इस बीमारी के पता चलने के बाद वह 50 साल से भी ज्यादा जीवित रहे। हालांकि धीरे-धीरे वह इस बीमारी के कारण पूरी तरह से अपंग हो गए लेकिन उनका दिमाग एक आम इन्सान से कई गुना ज्यादा ताक़तवर बना रहा। 

जब हॉकिंग (Stephen Hawking) का शरीर इस बीमारी के कारण (एक गले की सर्जरी) पूरी तरह से विकलांग हो गया था तब वह न बोल सकते थे और न ही लिख सकते थे। इसके बाबजूद उन्होंने कई किताबे लिखीं, वैज्ञानिक खोजें की और दुनियाभर में लोगों को संबोधित किया । यह सभी चीजें इन्होंने स्पीच सिंथेसाइज़र की मदद से की क्योंकि स्पीच सिंथेसाइज़र उनकी स्पीच जेनेरेटिंग डिवाइस था। जिसकी मदद से वह अपनी गाल की माशपेशियों के कंपन्न के द्वारा शब्दों को टाइप करते थे। इस तकनीक में अधिक विकास होने के कारण वह लोगों से बात भी कर पाते थे।

स्टीफन हॉकिंग की मूवी – Stephen hawking hindi movie

सर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) की मूवी की बात करें तो इनके जीवन पर आधारित 2015 में ‘ द थ्योरी ऑफ़ एवरीथिंग (The Theory of Everything)’  मूवी बनी थी। डॉ. स्टीफन के जीवन पर आधारित यह मूवी लोगों के बीच काफ़ी सफल रही क्योंकि दुनियाभर के लोगों को इस मूवी के माध्यम से हॉकिंग के जीवन को समझने का मौका मिला था।

स्टीफन हॉकिंग की म्रत्यु कब हुई – Stephen hawking death in hindi

स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) के चलने-फिरने में असमर्थ होने के बाबजूद भी उन्होंने दुनियाभर का भ्रमण किया और लोगों को संबोधित किया । दुनियाभर में मशहूर कोस्मोलिस्ट और भौतिक-शास्त्री और एक वैज्ञानिक सर स्टीफन हॉकिंग का 14 मार्च, 2018 सुबह को 76 वर्ष की आयु मे कैंब्रिग (Cambridge), यूनाइटेड किंगडम में निधन हो गया।

विज्ञान के क्षेत्र में अधिक योगदान देने वाले महान वैज्ञानिक सर स्टीफन विलियम हॉकिंग को दुनिया कभी नहीं भूल पाएगी और वह आज भी वैज्ञानिक-जगत में अमर हैं।

स्टीफन हॉकिंग के द्वारा की गईं भयानक भविष्यवाणियाँ

विज्ञान जगत में महान योगदान देने वाले डॉ. स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणियों की बात करें तो यह एक दम सच लगती हैं और इस सच को झुटलाना बहुत मुश्किल है।

डॉ. स्टीफन (Dr. Stephen Hawking) का जीवन अन्य लोगों से जुड़ने के लिए पूरी तरह से टेक्नोलॉजी और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर निर्भर था। जिसमे स्टीफन की व्हीलचेयर पूरी तरह से आधुनिक थी। इसके बाबजूद भी स्टीफन ने कहा कि अत्यधिक तकनीक और AI (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) एक दिन मानव-जाति का अंत का कारण बन सकती है।

अपनी भविष्यवाणियों में सर स्टीफन हॉकिंग ने कहा था –

  • हॉकिंग इस बात से पूरी तरह सहमत थे कि प्रथ्वी से दूर दूसरे ग्रहों और अनंत ब्रहमांड में अनैकों जीव (एलियन) हो सकते हैं। जिसमें उन्होंने यह भी कहा था कि हमें एलियन से संपर्क करने की कोशिश बिलकुल भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह प्रथ्वी-वासियों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
  • हॉकिंग ने दुनिया के अंत के बारे में बात करते हुए कहा था कि दुनिया का अंत जलवायु-परिवर्तन , बढती जनसँख्या , परमाणु युद्ध और AI मतलब आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसे कारणों से होगा।
  • हॉकिंग ने भविष्यवाणी करी थी कि प्रथ्वी का अंत आपस में हुए परमाणु युद्दों के द्वारा भी हो सकता है।
  • हॉकिंग ने कहा था कि भविष्य में प्रथ्वी पर AI या आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (रोबोट्स) का कब्ज़ा होगा। और यदि यह हुआ तो मानव AI से कभी नहीं जीत सकता है। क्योंकि वह कहते थे कि मानव द्वारा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का बहुत अधिक विकास करने के बाद AI ख़ुद को बेहतर बनाने में लग जाएगी। इसके बाद यह इंसानों के साथ ठीक वही व्यवहार करेगी जोकि आज हम खुद से कम बुद्धि वालों (जानवर, मशीन आदि) के साथ करते हैं।
  • हॉकिंग के मुताबिक 600 वर्षों के अंतराल में प्रथ्वी का तापमान बहुत अधिक बढ जाएगा और प्रथ्वी पर अम्लीय वर्षा होगी। जिसके बाद प्रथ्वी जीवन जीने योग्य नहीं रह जाएगी। जिस कारण मजबूरन मावन-बस्ती को किसी अन्य गृह पर जाकर बसना ही होगा और इसी कारण हमें दूसरे ग्रहों पर बसने की तैयारी अभी से कर देनी चाहिए।

इन भयंकर जलवायुवीय-परिवर्तन से लेकर एलियन-आक्रमण तक सभी बाते सच लगती हैं। बता दें कि समय के साथ इन सभी बातों पर मानव द्वारा गौर नहीं किया गया तो जीवन का अंत होना लगभग तय है।

इसे भी जाने: दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवनी?

स्टीफन हॉकिंग के बारे में कुछ रोचक तथ्य – Interesting facts about Stephen hawking in hindi

  • महान स्टीफन हॉकिंग (Stephen hawking in hindi) कहते थे कि “म्रत्यु निश्चित है लेकिन जन्म और म्रत्यु के बीच कैसे जीना है? वह केवल हम पर निर्भर करता है।“
  • स्टीफन जोकि शारीरिक रूप से विकलांग होने के बाबजूद अपने आत्मविश्वास के बल पर दुनिया के सबसे अनूठे वैज्ञानिक बने जो सामान्यतया सभी लोगों को दर्शाता है कि यदि अपने काम के प्रति अधिक महनत की जाए तो आप जरूर सफ़ल होते हैं।
  • स्टीफन हॉकिंग का शरीर पूरी तरह से अपंग हो चुका था। इसी कारण वह बेजान शरीर के साथ व्हीलचेयर रहते थे लेकिन उनका दिमाग एक आम इंसान से कई गुना ज्यादा ताक़तवर था।
  • स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) के जन्म और म्रत्यु के साथ एक रोचक सयोंग जुड़ा हुआ है। जिसमे जिस दिन महान वैज्ञानिक गैलिलियो गेलीली (Galileo Galilei) की म्रत्यु हुई थी; उसके पूरे तीन सौ वर्ष बाद हॉकिंग (Stephen Hawking) का जन्म था। और दूसरा सयोंग मे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) के जन्म-दिन वाले दिन हॉकिंग की म्रत्यु हुई थी।   
  • हॉकिंग हमेशा कहते थे कि हम जिस पर भी चाहे उस पर विश्वास करने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं। जिसमे मेरा स्पष्ट विचार है कि कोई ईश्वर (भगवान) नहीं है और न ही ईश्वर ने ब्रहमांड बनाया है और न ही यह हमारा भाग्य लिखता है।
  • प्रोफ़ेसर हॉकिंग की विचारधारा को दुनियाभर में मौजूद कई धार्मिक गुरु बिलकुल भी समर्थन नहीं करते थे क्योंकि उनकी विचारधारा हॉकिंग की विचारधारा से बिलकुल भी मेल नहीं खाती थी।  
  • हॉकिंग कहते थे कि इसमें कोई मत (विचार) नहीं होना चाहिए कि यह ब्रहमांड कैसे बना? लेकिन यह साफ़ है कि इसे केवल विज्ञान के द्वारा ही समझा जा सकता है।
  • उन्होंने (Stephen Hawking) हमेशा कहा कि प्रथ्वी पर मौजूद मानवजाति के बजूद को भौतिकी के सिद्धांतो का आभार मानना चाहिए न कि ईश्वर (भगवान) जैसी किसी सत्ता का यकीन करना चाहिए।  
  • जब कोई व्यक्ति सर स्टीफन हॉकिंग से मिलने जाता था तो वह यह सोचता था कि वह एक ऐसे विकलांग (मरगिल्ले) व्यक्ति से मिलने जा रहा है, जिसे केवल दिमाग ही कहा जा सकता है। लेकिन जब वह हॉकिंग के सामने पहुँचता था तो उसका विचार पूरी तरह से बदल जाता था क्योंकि हॉकिंग को किसी की मदद, सहानुभूति और दया की जरूरत नहीं पड़ती थी वल्कि व्हीलचेयर पर बैठकर स्टीफन सभी काम खुद कर सकते थे।  
  • स्टीफन को दुनियाभर में अनैकों सम्मान और मानद-उपाधियों से सम्मानित किया गया था।

स्टीफन हॉकिंग के विचार – Stephen hawking hindi quotes | Stephen hawking thoughts in hindi

“इंसान की प्रयास करने की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए क्योंकि जब तक ज़िन्दगी है तब तक उम्मीद है।”
“कुछ भी हमेशा के लिए मौजूद नहीं रहता है।”
“शायद भगवान हो सकता है! लेकिन ब्रहमांड को केवल विज्ञान के द्वारा ही समझा जा सकता है।”
“ब्रहमांड से बड़ा और पुराना कुछ भी नहीं है।”
“यदि आप ब्रहमांड को समझने की ओर अग्रसर होते तो समझलें कि आप इसे नियंत्रित करने जा रहे हैं।”
“बुद्दिमत्ता अनुकूल परिवर्तन होने की क्षमता है।”
“यदि आपको हमेशा गुस्सा और शिकायत रहती है तो समझलें कि लोगों के पास आपके लिए बिलकुल भी समय नहीं है।”
“महिलाएं एक पहेली सामान होती हैं।”
“मुझे पता है कि मेरे पास बर्बाद करने के लिए बिलकुल भी समय नहीं है।”
“मुझे मालूम है कि कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आएगा लेकिन मैं एक नास्तिक हूँ।”

FAQs – अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर – महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का पूरा नाम डॉ स्टीफन विलियम हॉकिंग था।

उत्तर – स्टीफन हॉकिंग को मोटर न्यूरोन या ALS (एम्योट्रोफिल लेटरल स्क्लेरोसिस) नामक बीमारी थी।

उत्तर – सर स्टीफन हॉकिंग ने भौतिकी में स्नातक एवं भौतिकी में ही डॉक्टरेट यानिकी Ph.D की थी।

उत्तर – सर स्टीफन हॉकिंग ने अधिक विकशित टेक्नोलॉजी और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस द्वारा मानव-जाति को खतरा, जलवायु-परिवर्तन, बढ़ती जनसँख्या एवं अन्य ग्रहों पर रह रहे संभवत: एलियन्स द्वारा खतरों की संभावना जतायी थी ।

निष्कर्ष: The Conclusion

इस लेख में इतना ही जिसमे हमने स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen hawking biography in hindi के अलावा स्टीफन हॉकिंग की कहानी (Stephen hawking story in hindi), स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा (Stephen hawking hindi education), स्टीफन हॉकिंग की खोज (Stephen hawking hindi invention), स्टीफन हॉकिंग के सिद्धांत (Stephen hawking theory), स्टीफन हॉकिंग की किताबें (Stephen hawking books in hindi), स्टीफन हॉकिंग की बीमारी (Stephen hawking disease in hindi), स्टीफन हॉकिंग की म्रत्यु (Stephen hawking death in hindi), स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणी (Stephen hawking prediction) और स्टीफन हॉकिंग से जुड़े रोचक तथ्यों (Stephen hawking interesting facts in hindi), Stephen hawking quotes in hindi को भी विस्तारपूर्वक समझाया है।

यदि इस लेख को यहाँ तक पूरा पढने के बाद इस लेख से सम्बंधित आपका किसी भी प्रकार का सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके अवश्य बताएँ। इसके अलावा यदि आपको यह ब्लॉग पोस्ट जानकारीपूर्ण लगी हो और कुछ नया सीखने को मिला हो तो इसे अन्य लोगों के साथ भी नीचे दिए गए बटन्स के माध्यम से जरूर शेयर करें।

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स्टीफन हॉकिंग की प्रेरणादायी जीवनी | Stephen Hawking Biography in Hindi

Stephen Hawking Biography & Life History in Hindi / स्टीफन हॉकिंग, एक विश्व प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक विज्ञानी, ब्रह्माण्ड विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान केन्द्र (Centre for Theoretical Cosmology) के शोध निर्देशक हैं। स्टीफन हाकिंग एक ऐसा नाम है जिन्होंने शारीरिक रूप से विकलांग होने के बावजूद अपने आत्मविश्वास के बल पर विश्व का सबसे अनूठा वैज्ञानिक बनाया है जो विश्व में ना केवल अदभुत लोगो बल्कि सामान्य लोगो की प्रेरणा बने है। उन्हें लुकासियन प्रोफेसर ऑफ मैथेमेटिक्स भी कहा जाता है। नब्बे फीसदी विकलांग होने के बावजूद उनकी क्षमता का लोहा पूरी दुनिया मानती है।

Stephen Hawking Biography

स्टीफन हॉकिंग का परिचय – Stephen Hawking Biography in Hindi

स्टीफन विलियम हॉकिंग (Stephen William Hawking)
8 जनवरी 1942
ऑक्सफोर्ड, इंग्लैण्ड
14 मार्च 2018
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पेरिमीटर इंस्टिट्यूट फॉर थ्योरेटिकल फिजिक्स
फ्रेंक हॉकिंग
इसाबेल हॉकिंग
जेन वाइल्ड, इलियाना मेसन
ब्रितानी

शारीरिक रूप से विकलांग होने के बावजूद जीने की चाह ने उन्हें एक महान व्यक्ति के रूप में दुनिया के सामने ला दिया जिसका कोई मुकाबला नही है। महान् वैज्ञानिक स्टीफन विलियम हॉकिंग मोटर न्यूरॉन डिजीज से पीड़ित होकर भी न्यूटन और आइंस्टाइन की बिरादरी में शामिल हो गए हो गये। आज समाज में ऐसे कम ही लोग मिलते हैं, जिन्होंने अपनी इंद्रियों पर विजय पाई हो।

स्टीफन हॉकिंग का जन्म – Stephen Hawking Born 

विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी सन् 1942 मे इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड शहर में एक अच्छे शिक्षित परिवार फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग दंपत्ति के यहाँ हुआ, गौरतलब है कि विश्व के एक अन्य महान वैज्ञानिक गलीलियो गेलीली और स्टीफन हॉकिंग की जन्म तिथि एक ही है। बचपन से ही हॉकिंग असीम बुद्धिमत्ता से भरे हुए थे जो लोगो को चौका देती थी। हॉकिंग अपने पिता फ्रेंक द्वारा लिए एक दत्तक पुत्र और अपनी दो बहनों में सबसे बड़े थे। उनके पिता डॉक्टर थे और माँ एक हाउस वाइफ थीं। स्टीफन हॉकिंग की बुद्धि का परिचय इसी बात से लगाया जा सकता है की बचपन में लोग उन्हें “आइंस्टीन” कह के पुकारते थे।

स्टीफन हॉकिंग का बचपन – Early Life of Stephen Hawking

द्वितीय विश्व युद्ध का समय आजीविका अर्जन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था और एक सुरक्षित जगह की तलाश में उनका परिवार ऑक्सफोर्ड आ गया। हॉकिंग की शुरुआती शिक्षा यही से हुई।आप को यह जानकार अचरज होगा कि जो Stephen Hawking आज इतने महान ब्रह्मांड विज्ञानी है, उनका स्कूली जीवन बहुत उत्कृष्ट नहीं था। बचपन से ही स्टीफन गणित विषय में गहरी रूचि थी वे शुरू में अपनी कक्षा में औसत से कम अंक पाने वाले छात्र थे, किन्तु उन्हें बोर्ड गेम खेलना अच्छा लगता था।

उन्होंने बचपन मे ही गणितीय समीकरणों को हल करने के लिए कुछ लोगों की मदद से पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के हिस्सों से कंप्यूटर बना दिया था। लेकिन उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। खैर उस समय गणित विषय न होने के कारण उन्होंने आगे की पढाई भौतिकी विषय लेकर शुरू की और आगे जा के भारतीय वैज्ञानिक “जयंत नार्लीकर “ के सलाह से उन्होंने अपने मनपसंद विषय गणित को ध्यान में रख कर कोस्मोलोजी विषय का चयन किया। उन्होंने अपनी पी.एच.डी के लिए ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की परीक्षा पास की और अपनी आगे की पढाई शुरू की।

स्टीफन हॉकिंग का विकलांगता और खोज – Stephen Hawking Career

स्टीफन हॉकिंग जब 21 साल के थे तो एक बार छुट्टिय मानाने के लिए अपने घर पर आये हुए थे, वो सीढ़ी से उतर रहे थे की तभी उन्हें बेहोशी का एहसास हुआ और वो तुरंत ही नीचे गिर पड़े। उन्हें डॉक्टर के पास ले जायेगा शुरू में तो सब ने उसे मात्र एक कमजोरी के कारण हुई घटना मानी पर बार-बार ऐसा होने पर उन्हें बड़े डोक्टरो के पास ले जाया गया, जहाँ ये पता लगा कि वो एक अनजान और कभी न ठीक होने वाली बीमारी से ग्रस्त है जिसका नाम है Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) । इस बीमारी में शारीर के सारे अंग धीरे धीरे काम करना बंद कर देते है। और अंत में श्वास नली भी बंद हो जाने से मरीज घुट घुट के मर जाता है।

उस समय, डॉक्टरों ने कहा कि स्टीफन हॉकिंग दो वर्ष से अधिक नहीं जी पाएंगे और उनकी जल्द ही मृत्यु हो जाएगी। लेकिन हॉकिंग ने अपनी इच्छा शक्ति पर पूरी पकड़ बना ली थी और उन्होंने कहा की मैं 2 नहीं 20 नहीं पूरे 40 सालो तक जियूँगा। उस समय सबने उन्हें दिलासा देने के लिए हाँ में हाँ मिला दी थी, पर आज दुनिया जानती है की हॉकिंग ने जो कहा वो कर के दिखाया। अपनी इसी बीमारी के बीच में ही उन्होंने अपनी पीएचडीपूरी की और अपनी प्रेमिका जेन वाइल्ड से विवाह किया तब तक हॉकिंग का पूरा दाहिना हिस्सा ख़राब हो चूका था वो stick के सहारे चलते थे। धीरे-धीरे हॉकिंग की शारीरिक क्षमता में गिरावट आना शुरू हो गयी। उन्होंने बैसाखी का इस्तेमाल शुरू कर दिया और नियमित रूप से व्याख्यान देना बंद कर दिया। उनके शरीर के अंग धीरे धीरे काम करना बंद हो गये और उनका शरीर धीरे धीरे एक जिन्दा लाश समान बन गया।

लेकिन उन्होंने इन सब चीजों पे ध्यान न देकर अपनी विज्ञान की दुनिया पे ही ध्यान दिया। बीमारी बढ़ने पर उन्हें व्हील चेयर की जरूरत हुई, उन्हें वो भी दे दी गयी और उनकी ये चेयर तकनिकी रूप से काफी सुसज्जित थी।जब हर किसी ने आशा खो दी तब स्टीफन अपने अटूट विश्वास और प्रयासों के दम पर इतिहास लिखने की शुरुआत कर चुके थे| उन्होंने अपनी अक्षमता और बीमारी को एक वरदान के रूप में लिए। उनके ख़ुद के शब्दों में “वह कहते हैं,

“मेरी बिमारी का पता चलने से पहले, मैं जीवन से बहुत ऊब गया था। ऐसा लग रहा था कि कुछ भी करने लायक नहीं रह गया है।”

बावजूद इसके कि स्टीफन हॉकिंग का शरीर एक जिन्दा लाश की तरह हो गया था लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी| वे यात्राएं करते है, सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेते है और आज लगभग 74 वर्ष की उम्र में निरंतर अपने शोध कार्य में लगे हुए है। उन्होंने विश्व को कई महत्वपूर्ण विचारधाराएँ प्रदान की और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना अतुल्य योगदान दिया।

उन्होंने ब्लैक होल का कांसेप्ट दुनिया को दिया, उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन का विचार भी दुनिया को दिया। और उनकी लिखी गयी किताब “A BRIEF HISTORY OF TIME“ ने दुनिया भर के विज्ञान जगत में तहलका मचा दिया। उनके ख़ुद के शब्दों में

”हालांकि मैं चल नहीं सकता और कंप्यूटर के माध्यम से बात करनी पड़ती है, लेकिन अपने दिमाग से मैं आज़ाद हूँ।“

स्टीफन हॉकिंग का विवाह – Personal Life of Stephen Hawking

हॉकिंग ने पहली सादी अपनी प्रेमिका जेन वाइल्ड से 1965 मे किए जिन्होने 1995 मे तलाक़ दे दिया हॉकिंग की दूसरी शादी ऐलेन मैसन से 1995 मे हुवी जिन्होंने उन्हें 2006 में तलाक दिया। कहा जाता है उनकी पहली पत्नी जेन वाइल्ड बहुत धार्मिक थी जबकि हॉकिंग हमेशा से भगवान के अस्तित्व को चुनौती देते थे। जिसके कारण दुनिया भर में हॉकिंग की काफी किरकिरी भी हुई लेकिन इन सब से दूर हॉकिंग अपनी खोजो पे आगे बढ़ते गये और दुनिया को बता दिया की अपंगता तन से होती है मन से नहीं।

स्टीफन हॉकिंग का IQ – Stephen Hawking IQ

स्टीफन हॉकिंग का IQ 160 है जो किसी जीनियस से भी कहीं ज्यादा है। उन्होंने 2007 में अंतरिक्ष की सैर भी की। जिसमे वो शारीरिक तौर पे “फिट“ पाए गए। आज उन्हें भौतिकी के छोटे बड़े कुल 12 पुरस्कारों से नवाज़ा जा चूका है। लेकिन आज भी वो बस अपनी इच्छा शक्ति के दम पे अपनी जिन्दगी जिए जा रहे है और हमारी यही दुआ है की वो ऐसे ही लंबी जिंदगी जीते रहे और हमे नयी खोजों से अवगत कराते रहें।

“हम ख़ुद को मुश्किलों से घिरा पाकर निराशावादी नज़रिया लेकर मृत्यु का इंतज़ार कर सकतें या जीने की इच्छा और चुनौतियों को स्वीकार कर ख़ुद को अपने सपनों के प्रति समर्पित करके एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सकते है|”

स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु – Stephen Hawking Death in Hindi

विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने 76 की उम्र में अंतिम सांस ली। एक परिवार के प्रवक्ता के मुताबिक, 14 मार्च 2018 की सुबह सुबह अपने घर कैंब्रिज में ‘हॉकिंग की मृत्यु हो गई थी। उनके परिवार ने उनके दुःख व्यक्त करने वाले एक बयान जारी किया था।

ये भी जाने :-

  • स्टीफन हॉकिंग के अनमोल विचार
  • वेंकटरामन रामकृष्णन जीवनी
  • कैसे बालों को लंबा और घना बनाएँ: नुस्खे
  • भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता
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10 thoughts on “स्टीफन हॉकिंग की प्रेरणादायी जीवनी | stephen hawking biography in hindi”.

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महान वैज्ञानिक को श्रद्धा सुमन अर्पित

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Great Men. Is Article ko padhke motivate ho gaya

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  • Alexander III of Macedon – was a king of the ancient Greek kingdom of Macedon / सिकंदर या अलेक्जेंडर द ग्रेट 
  • Jalal-ud-din Muhammad Akbar – was the third Mughal emperor / जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर
  • Subhas Chandra Bose – an Indian nationalist / सुभाष चन्द्र बोस
  • Vikram Ambalal Sarabhai – an Indian Physicist and Astronomer / विक्रम साराभाई
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स्टीफन हॉकिंग जीवनी - Stephen Hawking biography in Hindi

Stephen Hawking – Theoretical Physicist, Cosmologist, and Author / स्टीफन हॉकिंग

स्टीफन हॉकिंग जीवनी – Stephen Hawking biography in Hindi – महान और अद्भुत वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का कहना है–

“मुझे मौत से डर नहीं लगता लेकिन मुझे मरने की भी कोई जल्दी नहीं है क्योंकि मरने से पहले जिंदगी में बहुत कुछ करना बाकी है|”

Albert Einstein-German-born Theoretical Physicist/अल्बर्ट आइंस्टीन – 32 Thoughts Isaac Newton – English physicist and mathematician / इसाक न्यूटन

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स्टीफन विलियम हॉकिंग की प्रेरणादायक जीवनी | Stephen Hawking Biography in Hindi

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“ मुझे मौत से कोई डर नहीं लगता, मगर मुझे मरने की भी कोई जल्दी नहीं है। क्योंकि मरने से पहले भी जिंदगी में बहुत कुछ करना बाकी है। ” ये कहना था महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का! स्टीफन विलियम हॉकिंग (Stephen William Hawking) के शरीर का कोई भी अंग काम नहीं करता था, वो न चल सकते थे और न ही बोल सकते थे लेकिन फिर भी वह जीना चाहते थे। स्टीफन का कहना था कि “ मृत्यु तो निश्चित है लेकिन जन्म और मृत्यु के बीच कैसे जीना चाहते हैं वह हम पर निर्भर करता है। ” चाहे जिन्दगी कितनी भी कठिन हो लेकिन आप निरंतर कुछ न कुछ करके सफल हो सकते हैं।

स्टीफ़न हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग के घर में हुआ था। परिवार की वित्तीय बाधाओं के बावजूद, माता पिता दोनों की शिक्षा ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में हुई। जहाँ फ्रेंक ने आयुर्विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की और इसाबेल ने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। वो दोनों द्वितीय विश्व युद्ध के आरम्भ होने के तुरन्त बाद एक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में मिले जहाँ इसाबेल सचिव के रूप में कार्यरत थी और फ्रेंक चिकित्सा अनुसंधानकर्ता के रूप में कार्यरत थे।

स्टीफ़न हॉकिंग बचपन से ही बहुत Intelligent थे। उनकी बुद्धि का पता इस बात से लगाया जा सकता है कि बचपन में लोग उन्हें Einstein कहकर बुलाते थे। उन्हें Mathematical Subjects में बहुत दिलचस्पी थी। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पुराने Electronics उपकरणों से Computer बना डाला था। मात्र 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने University of Oxford में दाखिला ले लिया था। Oxford में पढ़ाई के दौरान उन्हें अपने दैनिक कार्यों को करने में दिक्कत महशूश होने लगी थी। एक बार वह छुट्टियों में घर आये हुए थे तभी सीढ़ियों से उतरते समय अचानक वह बेहोश हो गए। पहले तो लोगों को लगा कि ये सब कमजोरी की वजह से है, लेकिन बार-बार ऐसा होने के कारण जब Check Up करवाया गया तो पता चला कि उन्हें Neuron Motor Disease नामक कभी न ठीक होने वाली बीमारी है। इस बीमारी में मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली सारी नसें धीरे-धीरे कार्य करना बंद कर देतीं हैं, और इसके साथ ही मनुष्य का शरीर अपंग हो जाता है और धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है।

Doctors का कहना था कि स्टीफन अब दो वर्ष तक और जी सकते हैं क्योंकि आने वाले दो सालों में उनका पूरा शरीर कार्य करना बंद कर देगा। डॉक्टर की बात सुनकर स्टीफन को काफी सदमा लगा, लेकिन उन्होंने उसी समय ये फैसला लिया कि वो ऐसे नहीं मर सकते और अपनी बीमारी को दरकिनार करके वह पूरी तरह से अपने वैज्ञानिक खोज में लग गए। उनकी मेहनत रंग लायी और कुछ ही दिनों में उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैलने लगी। लेकिन बीमारी बढ़ने के साथ ही उनका शरीर भी उनका साथ छोड़ता जा रहा था। अब उनका बांयां हिस्सा पूरी तरह से काम करना बंद कर चुका था। बीमारी बढ़ने के बाद अब उन्हें Wheel Chair का सहारा लेना पड़ा। लेकिन अब उनका पूरा शरीर काम करना बंद कर चुका था। लेकिन उनके दिमाग ने काम करना बंद नहीं किया था। उन्होंने अपने आपको Computer से Connect कर रखा था। अब उनके अंगों (हाँथ, आंख या Mind) में जो भी हरकत होती थी या वह कुछ बोलना चाहते थे, वो सब उस कंप्यूटर के द्वारा पता चल जाता था कि वह क्या बोलना चाहते हैं।

धीरे-धीरे बीमारी बढ़ रही थी लेकिन हॉकिंग मौत को मात देते जा रहे थे। उन्होंने ब्लैक होल का कांसेप्ट (Concept of Black Hole) और Hawking Radiation का महान विचार दुनिया को दिया। उन्होंने अपने विचारों को सरल भाषा में समझाने के लिए एक किताब लिखी जिसका नाम है A Brief History of Time . इस किताब ने संपूर्ण विश्व के विज्ञानं जगत में तहलका मचा दिया।

दोस्तों, Stephen Hawking एक ऐसा Unique नाम जिन्होंने शाब्दिक दिव्यांगता के बावजूद दुनिया को दिखा दिया कि अगर आपका आत्मविश्वास और इरादा पक्का है, तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको सफल होने से रोक नहीं सकती है।

महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने 14 मार्च 2018 को 76 वर्ष की उम्र में इस दुनियाँ को सदैव के लिए अलविदा कह दिया।

By Dushyant Kumar

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stephen hawking short biography in hindi

विश्व प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग

स्टीफन विलियम हॉकिंग एक विश्व प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी, ब्रह्माण्ड विज्ञानी, लेखक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैधांतिक ब्रह्माण्ड विज्ञान केंद्र (Centre For Theoretical Cosmology) के शोध निर्देशक है। स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग थ्योरी की समझाने में अहम योगदान दिया है। उनके विकिरण (रेडिएशन) को हम हॉकिंग रेडिएशन भी कहते है।

विश्व प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग – Stephen Hawking Biography in Hindi

Stephen Hawking

स्टीफन हॉकिंग के बारेमें – Stephen Hawking Information in Hindi

स्टीफन विलियम हॉकिंग ( )
8 जनवरी 1942
ऑक्सफ़ोर्ड, इंग्लैंड
इसोबेल
फ्रैंक
14 मार्च 2018

प्रारंभिक जीवन –

स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड में हुआ था। उनके पिता का नाम फ्रैंक और माता का नाम इसोबेल था, उनकी माता स्कॉटिश थी। स्टीफन के पिता एक चिकित्सा संशोधक के रूप मे काम करते थे, वही उनकी माता चिकित्सा अनुसंधान केंद्र मे एक सचिव तौर पर कार्यरत थी। यही उनकी मुलाकात हुई और आगे उन्होने शादी कर ली, जिनको कुल चार संताने हुई थी।

जिसमे स्टीफन, फिलिपा, मेरी, एडवर्ड ऐसे चार भाई बहन शामिल थे, इसमे एडवर्ड को स्टीफन की माता पिता ने गोद लिया था। शुरू से ही स्टीफन एक मेधावी छात्र के रूप मे उभर कर सामने आये थे, उनकी शिक्षा की प्रती रुची देख उनका दाखिला अच्छे विद्यालय मे किया गया।

शिक्षा – 

उम्र के आठवे साल मे सेंट अल्बान के एक पाठशाला मे स्टीफन का दाखिला किया गया था, जहा उन्होने प्राथमिक शिक्षा पुरी की। आगे की पढाई पुरी करने के लिये महज १७ साल की उम्र मे स्टीफन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय मे दाखिला लिया, जहा उन्होने भौतिक विज्ञान मे पढाई पुरी की।

वैसे तो स्टीफन का आत्याधिक झुकाव गणित विषय की पढाई मे था, पर उस समय ऑक्सफोर्ड मे गणित विषय नही हुआ करता था। इसलिये भौतिक विज्ञान मे प्रथम श्रेणी मे स्नातक की पढाई पुरी कर, आगे स्टीफन ने केंब्रीज विश्वविद्यालय मे दाखिला लिया।

Stephen Hawking Education

यहा से उन्होने अप्लाइड मैथेमेटिक्स तथा थ्योरेटिकल फिजिकल मे ब्रम्हांड संशोधन संबंध पर कार्य किया।

असाध्य बिमारी के बारे मे जानकारी –

स्टीफन हॉकिंग की आंखो मे अनेक सपने थे तथा वो विज्ञान मे बहूत आगे तक संशोधन पर कार्य करना चाहते थे। शुरुवात मे जहा वो आम लोगो की तरह जीवन जिते थे, उसमे कुछ दिनो बाद उन्हे परेशानी मेहसूस होने लगी तथा उनकी तबियत खराब रहने लगी।

जब वे २१ साल की उम्र के थे तो अचानक सिढियो से गिर पडे थे, और बेसुध हो गये। उनके पिता उन्हे इलाज के लिये अस्पताल ले गये तो डॉक्टरो द्वारा बताया गया की स्टीफन को एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (Amyotrophic Lateral Sclerosis – ALS) नाम की बिमारी है।

इस बिमारी का कोई भी इलाज मौजूद नही था, तथा इस तरह के बिमारी मे धीरे धीरे शरीर के सभी अंग लकवा ग्रस्त होकर पुरी तरह काम करना बंद कर देते है। कई सालो से उन्हें ये बीमारी जकड़ी हुई थी, इस बीमारी के चलते उन्हें बोलने में भी काफी परेशानी होती थी। इसी वजह से वे स्पीच जनरेटिंग डिवाइस का उपयोग करते थे।

इस तरह की मुश्किलो को झेलते हुये भी, स्टीफन का शिक्षा और संशोधन के प्रती ध्यान कभी भी कम नही हुआ। इसके विपरीत उन्होने संशोधन मे अधिक रुची लेना शुरू किया था, जिसमे विश्व को उन्होने कुछ महान संशोधन दिये।

शादी शुदा जिंदगी और संतान के बारे मे जानकारी – 

स्टीफन हॉकिंग ने जीवन मे दो बार शादी की थी, जिसमे उनकी पहली पत्नी का नाम जेन वाईल्ड था। जब स्टीफन की तबियत के बारे मे पता चला तो, जेन ने स्टीफन का शुरुवाती दिनो काफी अच्छी तरह से खयाल रखा। १९६५ मे स्टीफन और जेन की शादी हुई, जिसमे इनको तीन संताने हुई इसमे रॉबर्ट, लुसी और तिमूथियस शामिल है।

पर आगे साल १९९५ मे जेन और स्टीफन के बिच तलाक हो गया, साल १९९५ मे स्टीफन ने इलेन मेसन से दुसरी शादी की जो साल २०१६ तक चली, और २०१६ मे स्टीफन और इलेन के बिच तलाक हुआ। इस तरह स्टीफन हॉकिंग का शादी शुदा जीवन भी उतार चढाव भरा रहा।

एक संशोधक के तौर पर कार्य – 

स्टीफन हॉकिंग ऐसे पहले व्यक्ति थी जिन्होंने ब्रह्माण्ड को समझने की थ्योरी विकसित की थी। इसमे उन्होने ब्रम्हांड को नियान्त्रित करने वाले नियम पर उनके साथी रॉजर पेनरोस के साथ मिलकर कार्य किया था।

इस विषय पर अथक संशोधन पर कुछ तथ्यपूर्ण निष्कर्ष हॉकिंग ने खोजे जिसमे उन्होने बताया की,” अंतरीक्ष और समय की निर्मिती ब्रम्हांड के जन्म के साथ हुई है, और अंततः ये सभी ब्लैक होल के भीतर समाहित होकर समाप्त हो जायेंगे”। इसके साथ हॉकिंग ने आईन्स्टाइन के रिलेटिविटी थ्योरी पर भी कार्य किया, जिसका उपयोग उन्हे ब्लैक होल पर कार्य के दौरान हुआ। क्वांटम पर कार्य करते हुये उन्होने बयान दिया था की,” ब्लैक होल कभी भी शांत नही हो सकता, हर वक़्त वहा से कुछ विकिरण का उत्सर्जन होता रहता है”।

हॉकिंग के इन अविष्कारो ने दुनियाभर मे काफी ज्यादा चर्चा को बटोरा, तथा विज्ञान जगत और आम जनता इस विषय की ओर आत्याधिक आकर्षित हो गई थी।

प्रमुख उपलब्धीया एवं कार्य – 

Stephen Hawking

  • साल १९७९ मे स्टीफन हॉकिंग को केंब्रीज विश्वविद्यालय मे गणित विषय के लुकॅसियन प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त किया गया था, जो के दुनिया का सबसे प्रसिध्द शिक्षा अकादमी का पद होता है। इस पद पर कई सालो पहले अल्बर्ट आईनस्टाईन पढाया करते थे, साल २००६ तक हॉकिंग इस पद पर कार्यरत थे।
  • साल १९६५ मे स्टीफन हॉकिंग ने “प्रॉपर्टीज ऑफ एक्सपैंडिंग यूनिवर्स” विषय मे पीएचडी की उपाधी हासिल की थी।
  • १९७५ से केंब्रीज विश्वविद्यालय मे गुरुत्वाकर्षण भौतिकी के प्रोफेसर के रूप मे सेवा देना शुरू किया।
  • हॉकिंग के पास कुल १३ मानद डिग्रीया थी।

वैश्विक स्तर पर उन्होंने बहुत से अभियानों में अपना सहयोग भी दिया है। स्टीफन हॉकिंग रॉयल सोसाइटी ऑफ़ आर्ट्स के सम्माननीय सभासद है, साथ ही धर्माध्यक्षीय विज्ञान अकादमी के जीवनपर्यंत सदस्य है,अपनी थ्योरी के चलते जल्द ही उन्हें कमर्शियल सफलता भी मिली।

उनके द्वारा लिखित किताब “ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम” उस समय की सबसे ज्यादा समय तक बिकने वाली किताब बनी, उस समय वह किताब लगभग रिकॉर्ड 237 हफ्तों तक चली।

“मै अभी और जीना चाहता हु।”

ये कथन किसी और के नहीं बल्कि विश्व के महान वैज्ञानिको में से एक स्टीफन हॉकिंग के है। जो उन्होंने अपने पिछले जन्मदिन पर कहे थे, जिसे सुन दुनिया एक पल के लिये अचंभित सी रह गयी थी। आज उन्हें भौतिकी के छोटे-बड़े कुल 12 पुरस्कारों से नवाजा जा चूका है।

पुरस्कार – 

  • १९६६ में – एडम्स पुरस्कार।
  • सन १९७५ – एडिंग्टन पदक।
  • १९७६- मैक्सवेल मेडल तथा हेइनीमान पुरस्कार।
  • अल्बर्ट आईनस्टाईन पुरस्कार १९७८ में दिया गया।
  • सन १९८५ मेंआरएएस गोल्ड मेडल।
  • १९८७ में डीराक मेडल ऑफ द इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल।
  • साल १९८८ में स्टीफन हॉकिंग को वूल्फ पुरस्कार।
  • साल १९८९- प्रिन्स ऑफ ऑस्टुरिअस।
  • स्टीफन हॉकिंग को एंड्रयू जेमेंट अवार्ड साल १९९८ में दिया गया।
  • साल १९९९ – नायलॉर पुरस्कार, लिलाइंफेल्ड पुरस्कार, अल्बर्ट मेडल – रॉयल सोसायटी ऑफ आर्ट।
  • साल २००६ – कोप्ले अवार्ड।
  • अमेरिका का सर्वोच्च पुरस्कार ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ भी स्टीफन हॉकिंग को साल २००९ मे दिया गया था।

Stephen Hawking Awards

  • साल २०१२ – फंडामेंटल फिजिक्स पुरस्कार।
  • साल २०१५ – बिबिवीए फौंडेशन फ्रंटीएर्स ऑफ नॉलेज पुरस्कार।

किताबे – 

Stephen Hawking Books

  • “ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम”
  • ” द युनिवर्स इन अ नटशेल”
  • “द ग्रैंड डिजाईन”
  • “ब्लैक होल अँड बेबी यूनिवर्स”

मृत्यु – 

अपनी आयु का एक बडा अवधी स्टीफन हॉकिंग ने व्हील चेयर पर गुजारा, जिसमे युवा अवस्था से हुये असाध्य बिमारी से झुझते हुये उनका उम्र के ७६ वे साल मे निधन हो गया।

14 मार्च 2018 को यह महान वैज्ञानिक इस दुनिया को छोड़ कर चले गए।

जवाब: २१ वर्ष।

जवाब: “ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम”।

जवाब: बिग बैंग, ब्लैक होल थ्योरी।

जवाब: ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’।

जवाब: गणित तथा भौतिक विज्ञान।

जवाब: १३।

जवाब: जेन वाईल्ड और इलेन मेसन।

जवाब: केंब्रीज विश्वविद्यालय मे स्टीफन हॉकिंग गणित विषय को पढाने के लिये लुकासिअन प्रोफेसर पद कार्यरत थे, जो की शिक्षा अकादमी का प्रसिद्ध पद होता है।

जवाब: “द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग” ये मूवी साल २०१४ मे स्टीफन हॉकिंग के जीवन के उपर बनी है।

जवाब: ७६ वे साल मे।

6 thoughts on “विश्व प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग”

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स्टीफन हॉकिंग एक महान इन्सान, जो दुनिया को बहुत कुछ सिखाकर चले गये,

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Stephen Hawking Biography in Hindi | स्टीफन हॉकिंग की जीवनी

Stephen Hawking Biography in Hindi | स्टीफन हॉकिंग ब्रिटन के विश्व विख्यात भौतिक विज्ञानी थे। स्टीफन कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एक सैधांतिक ब्रह्मांड विज्ञान के शोध डिरेक्टर भी थे। उन्होंने ब्लैक होल और बिग थ्योरी की उत्पति में महान कार्य किया है।

Stephen Hawking Biography in Hindi

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  • नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग
  • जन्म 8 जनवरी 1942
  • जन्मस्थान ऑक्सफ़ोर्ड, इंग्लैंड
  • पिता फ्रैंक हॉकिंग
  • माता इसोबेल हॉकिंग
  • पत्नी ऐलेन मेसन
  • पुत्र टिमोथी हॉकिंग, रॉबर्ट हॉकिंग
  • पुत्री लुसी हॉकिंग
  • व्यवसाय सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी
  • पुरस्कार राष्ट्रपति पदक
  • नागरिकता ब्रिटिश

भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking Biography in Hindi)

स्टीफन हॉकिंग ब्रिटन के विश्व विख्यात भौतिक विज्ञानी थे। स्टीफन कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एक सैधांतिक ब्रह्मांड विज्ञान के शोध डिरेक्टर भी थे। उन्होंने ब्लैक होल और बिग थ्योरी की उत्पति में महान कार्य किया है। उनके द्वारा शोधा गया रेडिएशन को आज लोग हॉकिंग रेडिएशन नाम से जनता है। साथ में स्टीफन ने ब्रह्मांड को आसानी से समझने के लिए एक सरल थ्योरी भी डेवलप की थी।

प्रारंभिक जीवन (Stephen Hawking Early Life)

स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8th जनवरी साल 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड में हुआ था। उनके पिता का नाम फ्रैंक हॉकिंग था, और वह एक चिकित्सक के व्यवसाय से जुड़े हुए थे। और उनकी माताजी का नाम इसोबेल हॉकिंग था, और वह भी चिकित्सा खोज संस्था में एक सचिव के पद पर कार्यरत थी। स्टीफन के मातापिता नॉर्थ लंदन में रहता था। लेकिन विश्वयुद्ध के चलते कुछ दिक्कत के कारण वह लंदन में रहने लगे।

शिक्षा (Stephen Hawking Education)

स्टीफन के बचपन के दिन उनके मातापिता सेंट अल्बान में रहने के लिए आ गए और इसी शहर के एक स्कूल में उनकी प्रारंभिक शिक्षा शुरु हुई। अपनी प्रारंभिक शिक्षा खत्म करने के बाद स्टीफन ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और इस यूनिवर्सिटी में उन्होंने भौतिकीशास्त्र पर अपना ध्यान केंद्रित किया।

कुछ समय बाद भौतिकीशास्त्र के पहली वर्ग में डिग्री प्राप्त की। और इसके बाद आगे की पठाई के लिए उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। साल 1962 में उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ एप्लाइड मैथेमैटिक्स एंड थ्योरिटिकल फिजिकल में ब्रह्मांड विज्ञान पर खोज करना शुरू किया।

1963 में खराब हुई सेहत (Stephen Hawking Health Deteriorated in 1963)

21 वर्ष की आयु में साल 1963 के बाद में स्टीफन की तबियत धीरे धीरे खराब होती दिखी। उनकी तबियत ख़राब देखकर उनके पिता ने उनको अस्पताल ले गया और सभी जाँच के बाद डॉक्टर को पाया गया की उनको 'Amiotrophic Lateral Sclerosis' नामक रोग की बीमारी हुई है।

इस बिमारी के चलते डॉक्टर बताया की इस बीमारी का फ़िलहाल कोई उपाय नहीं है। और इस बीमारी के कारन उनका हिस्सा धीरे धीरे कार्य करना बंध कर देगा। उनकी इस बीमारी के समय स्टीफन कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे। लेकिन उनकी बीमारी ने उनके पठाई के हौसलों पर असर नहीं होने दिया, और अपनी पढाई पूर्ण की। बाद में उन्होंने साल 1965 में PhD की डिग्री प्राप्त की।

शादी (Stephen Hawking Marriage)

स्टीफन को एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस की भीमारी हुई थी, जिस दिन उनको यह बीमारी की जानकारी हुई उसी दिन उनकी मुलाकात जेन वाइल्ड से हुई थी। और साल 1965 में इन दोनों ने शादी कर ली। स्टीफन के इस बुरे वक्त में भी जेन ने उनका बहोत साथ निभाया और उनका हौसला बढ़ाया। बाद में इन दोनों जोड़े को तीन बच्चे हुए, जिसके नाम रॉबर्ट, लुसी और तीमुथियस है। स्टीफन और जेन की यह शादी 30 साल तक चली। बाद में कुछ दिक्कत के चलते साल 1995 में इन दोनों ने तलाक ले लिया। जेन से तलाक के कुछ समय बाद इसी साल में स्टीफन ने ऐलेन मेसन से शादी कर ली। लेकिन स्टीफन की यह शादी भी 2016 में तूट गई।

प्रोफेशनल करियर (Stephen Hawking Career)

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में से अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद भी स्टीफन इसी कॉलेज में वह एक शोधकर्ता के रूप में जुड़े रहे। साथ में उन्होंने साल 1972 में DAMTP में एक सहायक शोधकर्ता के रूप में अपना कार्य चालू रखा और इसी समय में उन्होंने अपनी प्रथम पुस्तक 'द लाज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ स्पेस-टाइम' भी लिखी थी। कुछ साल के बाद साल 1974 में वह रॉयल सोसायटी से जुड़ गया।

वही उन्होंने साल 1975 में DAMTP में गुरुत्वाकर्षण भौतिकी रीडर के लिए कार्य किया और बाद में साल 1977 में वह गुरुत्वाकर्षण भौतिकी के प्राध्यापक के लिए कार्य भी किया। इनके शोधकर्ता कार्य के लिए साल 1979 में उनको कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में ही गणित के प्राध्यापक नियुक्त कर दिया गया। यह पद विश्व में सबसे विख्यात अकादमी का पद माना जाता है और इस जगह पर उन्होंने साल 2006 तक कार्य किया।

स्टीफन हॉकिंग की खोज (Stephen Hawking Inventions)

स्टीफन हॉकिंग ने ब्रह्मांड को पूरी तरह से जानने के लिए उनके साथी रोजर पेनरोस के साथ मिलकर ब्रह्मांड पर खोज करना शुरु कर दिया। कई समय के बाद उनको सफलता मिली और यह साबित किया की ब्रह्मांड के समय से ही अंतरिक्ष और समय की शुरूआत हुई है, और यह ब्लैक होल के अंदर नाश होंगे। Stephen Hawking Biography in Hindi

हॉकिंग ने अल्बर्ट आइंस्टीन का आपेक्षिकता सिद्धांत का उपयोग करके यह निश्चित किया की, ब्लैकहोल पूर्णता से स्थिर नहीं हैं, बल्कि उत्सर्जन प्रसारण करता है। साथ में हॉकिंग ने यह भी साबित किया की ब्रह्मांड की कोई हद नहीं है, साथ में यह भी बताया की ब्रह्मांड की शुरुआत कब हुई और कैसे हुई भी टेक्नोलॉगी और विज्ञान के जरिए निश्चित हो सकता है।

स्टीफन हॉकिंग की किताबें (Stephen Hawking Books)

( 1 ) ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम (Stephen Hawking A brief history of Time) : 1988 में प्रकाशित किताब 'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' उनके द्वारा लिखी गई प्रथम किताब थी। यह किताब बिगबैंग और ब्लैक होल पर आधारित थी और तक़रीबंध 40 से ज्यादा भाषाओं में मौजूद है।

( 2 ) द यूनिवर्स इन ए नटशेल (Stephen Hawking The Universe in a Nutshell) : 2001 में प्रकाशित 'द यूनिवर्स इन ए नटशेल' उनके द्वारा लिखी गई किताबो में से बेस्ट है और इस कियाब को साल 2002 में एवेंटिस प्राइस ऑफ साइंस बुक्स अवार्ड भी मिला था।

( 3 ) द ग्रैंड डिज़ाइन (Stephen Hawking The Grand Design) : साल 2010 में 'द ग्रैंड डिज़ाइन' नाम की किताब का प्रकाशन किया और उनकी पहली किताब के भाती यह इस किताब भी ब्रह्मांड के विषय पर आधारित है। इस किताब हॉकिंग पूरी दिनया में प्रसिद्ध हो गया।

( 4 ) ब्लैक होल और बेबी यूनिवर्स (Stephen Hawking Black Hole and Baby Universe) : 1993 में स्टीफन हॉकिंग द्वारा 'ब्लैक होल' पुस्तक का विमोचन किया गया और इस किताब में उनके द्वारा ब्रह्मांड में ब्लैक होल के विषय पर लिखा गया था और ब्लैक होल से जुड़े कई प्रसंगो का वर्णन किया गया है।

( 5 ) जॉर्ज और द बिग बैंग (Stephen Hawking George and the Big Bang) : स्टीफन हॉकिंग ब्रह्मांड और ब्लेक हॉल से विषयो प्र कई किताबो लिखने के बाद साल 2011 में उन्होंने बच्चों के लिए 'जॉर्ज और द बिग बैंग' किताब भी लिखी थी।

पुरस्कार और सम्मान (Stephen Hawking Awards)

  • 1966 में उनको एडम्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • 1976 में मैक्सवेल मॉडल एंड प्राइस मिला।
  • 1978 में अल्बर्ट आइंस्टीन मॉडल मिला।
  • 1985 में हॉकिंग को RAS गोल्ड मेडल मिला।
  • 1988 में उनको वुल्फ पुरस्कार मिला।
  • 1989 में उनको प्रिंस ऑफ अस्टुरियस अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • 1999 में नायला पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • 2006 में कोप्ले मेडल से सम्मानित किया गया।
  • 2009 में प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम मिला।
  • 2012 में उनको फंडामेंटल फिजिक्स प्राइस मिला।
  • 2015 में बीबीवीए फाउंडेशन फ्रंटियर ऑफ नॉलेज अवार्ड से सम्मानित किया गया।

मृत्यु (Stephen Hawking Death)

स्टीफन हॉकिंग एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस बीमारी के कारण कई सालो से बीमारी के चलते इन्होंने व्हील चेयर अपना पूरा जीवन लगभग 53 साल के आसपास बिताए थे। उम्र के साथ उनकी दिक्कत भी बढ़ने लगी थी लेकिन वहीं 60 साल की उम्र में 14 मार्च 2018 को एक महान वैज्ञानिक की मृत्यु हो गई।

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स्टीफन हॉकिंग की जीवनी – Stephen Hawking Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको स्टीफन हॉकिंग की जीवनी – Stephen Hawking Biography Hindi के बारे में बताएगे।

स्टीफन हॉकिंग की जीवनी – Stephen Hawking Biography Hindi

स्टीफन हॉकिंग प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक वैज्ञानिक थे। उन्होने 1962 में उन्होने भौतिक विज्ञान की डिग्री ली।

1963 में कैब्रिज विश्वविद्यालय में ब्रह्मांड विज्ञान में रिसर्च की।

इसी साल उन्हे एंयोट्रोफिक लैटरल सेलेरोसिस नाम की बीमारी हो गई, जिसमें अंग धीरे –  धीरे काम करना बंद कर देते है।

1974 में रॉयल सोसायटी के सबसे कम उम्र के सदस्य बने।

1988 में उनकी पुस्तक ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम प्रकाशित हुई।

उन्होने ब्लैक होल्स और बिग बैंग सिद्धान्त को समझाने में अहम भूमिका निभाई है।

स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड में हुआ था। उनका पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग था। उनके पिता का नाम फ्रेंक हॉकिंग था, स्टीफन के पिता एक चिकित्सा शोधकर्ता के रूप में कार्य करते थे तथा उनकी माता का नाम इसोबेल था और जो चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में बतौर एक सचिव के रूप में काम करती थी।

उनकी पत्नी का नाम जेने वाइल्ड, एलेन मेसन है 1995 में स्टीफन हॉकिंग को उनकी पहली पत्नी जेन वाइल्ड ने तलाक दे दिया। इस तलाक की वजह उनके नास्तिकता सम्‍बंधी विचारों को माना जाता है। वे तर्कशील वैज्ञानिक थे और अपने तर्कों से ईश्‍वर की सत्‍ता को चुनौती देते रहते थे, जो जेन वाइल्‍ड को पसंद नहीं थे।

इसके बाद इलियाना मेसन नामक नर्स से उनकी दूसरी शादी हुई। लेकिन यह शादी भी लम्‍बी नहीं चली और 2007 में फिर उनका तलाक हो गया। तथा उनके बच्चों के नाम लूसी, रॉबर्ट और टिम है।

स्टीफन हॉकिंग ने अपनी शुरुआती शिक्षा सेंट एलबेंस स्कूल में की।

फिर वे ऑक्सफोर्ड के यूनिवर्सिटी कॉलेज चले गए।

उनकी रुचि बचपन से गणित में थी, लेकिन पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे।

चूंकि उनके पिता खुद एक डॉक्टर थे और इसीलिए वे ऐसा चाहते थे। पर संयोगवश उनकी आगे की पढ़ाई भौतिकी विषय में हुई क्योंकि उन दिनों कॉलेज में गणित की पढ़ाई उपलब्ध नहीं थी और धीरे-धीरे इसी विषय से कॉस्मोलॉजी सेक्शन में पढ़ाई की।

उन्होने 1962 में उन्होने भौतिक विज्ञान की डिग्री ली। 1963 में कैब्रिज विश्वविद्यालय में ब्रह्मांड विज्ञान में रिसर्च की। इसी साल उन्हे एंयोट्रोफिक लैटरल सेलेरोसिस नाम की बीमारी हो गई, जिसमें अंग धीरे –  धीरे काम करना बंद कर देते है।

करियर  – स्टीफन हॉकिंग की जीवनी

1974 में रॉयल सोसायटी के सबसे कम उम्र के सदस्य बने। उन्होंने अपने रिसर्च का ज्यादातर समय ब्लैक होल और स्पेस-टाइम के सिद्धान्तों पर शोध में बिताया। इस संबंध में उन्होंने कई पत्र भी प्रकाशित किए जिससे वैज्ञानिक दुनिया में उनका एक बड़ा नाम हुआ। उनकी सबसे प्रसिद्ध खोज थी जब उन्होंने साबित किया था कि ब्लैक होल से भी कुछ मात्रा में रेडिएशन निकलती है जिसे उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन कहा।

साल 1998 में उनकी किताब A brief History of Time प्रकाशित हुई। इस किताब में उन्होंने महाविस्फोट का सिद्धांत (Big Bang Theory) और ब्लैक होल के बारे में लिखा है। हॉकिंग भौतिक विज्ञान के कई अलग-अलग लेकिन समान रूप से मूलभूत क्षेत्र जैसे गुरुत्वाकर्षण, ब्रह्मांड विज्ञान, क्वांटम थ्योरी, सूचना सिद्धांत और थर्मोडायनमिक्स को एक साथ ले आए थे। क्या आप जानते हैं कि 2014 में स्टीफन हॉकिंग की प्रेरक जिंदगी पर आधारित फिल्म ‘द थिअरी ऑफ एवरीथिंग’ रिलीज हुई थी।

स्टीफन हॉकिंग द्वारा की गई महत्वपूर्ण खोज –

  • सिंगुलैरिटी का सिद्धांत (1970) – आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत भी सिंगुलैरिटी के बारे में बताते हैं। हालांकि हॉकिंग के शोध के दौरान पता चला कि बिग-बैंग दरअसल ब्लैक होल का उलटा पतन ही है।
  • ब्लैक होल का सिद्धांत (1971-74) – स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल को लेकर कई शोध किए। उनके पहले सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल का कुल सतह क्षेत्र कभी भी छोटा नहीं होगा। एक अन्य सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल गर्म होता है।
  • कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी (1982) – यह सिद्धांत साल 1980 में एलन गुथ (Alan Guth) द्वारा दिया गया था। बाद में उन्होंने बताया कि पदार्थ के वितरण में कम बदलाव होता है अर्थात इन्फ्लेशन के दौरान यह ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं के प्रसार को जन्म दे सकता है।
  • यूनिवर्स का वेव फंक्शन पर मॉडल (1983 )- स्टीफन हॉकिंग गुरुत्वाकर्षण के एक क्वांटम थ्योरी की स्थापना में रुचि रखते थे, लेकिन जेम्स हार्टले के साथ उन्होंने 1983 में हार्टले-हॉकिंग स्टेट मॉडल प्रकाशित किया था। यह सिद्धांत कहता है कि समय महाविस्फोट से पहले मौजूद नहीं था और इसलिए ब्रह्मांड की शुरुआत की अवधारणा अर्थहीन है।
  • टॉप-डाउन थ्योरी (2006) – हॉकिंग का कहना है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है इसलिए वह नई रचनाएँ कर सकता है उसके लिए उसे ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता नहीं है।
  • ऊपर सितारों की तरफ देखो अपने पैरों के नीचे नहीं। जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो और आश्चर्य करो की क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाये हुए है। उत्सुक रहो।चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।
  • मैंने देखा है वो लोग भी जो ये कहते हैं कि सब कुछ पहले से तय है, और हम उसे बदलने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते, वे भी सड़क पार करने से पहले देखते हैं।
  • बुद्धिमत्ता बदलाव के अनुरूप ढलने की क्षमता है।
  • विज्ञान केवल तर्क का अनुयायी नहीं है, बल्कि रोमांस और जूनून का भी।
  • यदि आप हमेशा गुस्सा या शिकायत करते हैं तो लोगों के पास आपके लिए समय नहीं रहेगा।अन्य विकलांग लोगों के लिए मेरी सलाह होगी , उन चीजों पर ध्यान दें जिन्हे अच्छी तरह से करने से आपकी विकलांगता नहीं रोकती , और उन चीजों के लिए अफ़सोस नहीं करें जिन्हे करने में ये बाधा डालती है। आत्मा और शरीर दोनों से विकलांग मत बनें।
  • अतीत, भविष्य की तरह ही अनिश्चित है और केवल सम्भावनों के एक स्पेक्ट्रम के रूप में मौजूद है।
  • हम अपने लालच और मूर्खता के कारण खुद को नष्ट करने के खतरे में हैं। हम इस छोटे, तेजी से प्रदूषित हो रहे और भीड़ से भरे ग्रह पर अपनी और अंदर की तरफ देखते नहीं रह सकते।

पुरस्कार – स्टीफन हॉकिंग की जीवनी

  • उन्हे 1978 में अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार से नवाजा गया।
  • 1988 में वॉल्फ प्राइज़ से सम्मानित किया गया।
  • 1989 में प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवाडर्स से नवाजा गया।
  • 2006 में कोप्ले मेडल से सम्मानित किया गया।
  • 2009 में उन्हे प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • स्टीफन हॉकिंग को 2012 में विशिष्ट मूलभूत भौतिकी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • The Large Scale Structure of Space-Time – 1973
  • General Relativity; an Einstein Centenary Survey – 1979
  • Is the End in Sight for Theoretical Physics? An Inaugural Lecture Stephen Hawking – 1980
  • A Brief History of Time – 1988
  • The Illustrated a Brief History of Time – 1988
  • Black Holes and Baby Universes and Other Essays – 1993
  • Hawking on the big bang and black holes – 1993
  • The Nature of Space and Time – 1996
  • The Universe in a Nutshell – 2001
  • On the Shoulders of Giants (book) – 2002
  • The Future of Spacetime – 2002
  • The Theory of Everything: The Origin and Fate of the Universe – 2004
  • A Briefer History of Time – 2005
  • God Created the Integers – 2005
  • A Breif History of Time and the Universe in a Nutshell Stephen Hawking – 2007
  • George’s Secret Key to the Universe – 2007
  • George’s Cosmic Treasure Hunt – 2009
  • The Grand Design – 2010
  • The Dreams That Stuff Is Made Of: The Most Astounding Papers of Quantum Physics and How They Shook the Scientific World Stephen Hawking – 2011
  • George And The Big Bang – 2011
  • My Brief History – 2013
  • George and the Unbreakable Code – 2014
  • George and the Blue Moon – 2016
  • Black Holes: The Reith Lectures – 2016
  • Properties of Expanding Universes – 2017
  • Brief History/Universe BindUp International-PROP-EXP Stephen Hawking – 2017
  • Brief Answers to the Big Questions – 2018
  • Unlocking the Universe

हॉकिंग को असली प्रसिद्धी उनकी पुस्तक ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ (A Briefer History of Time) से मिली। 1988 में उनकी पुस्तक ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम प्रकाशित हुई। पुस्तक का पहला संस्करण 1988 में प्रकाशित हुआ और लगातार 237 सप्ताह तक संडे टाइम्स का बेस्ट सेलर रहने के कारण इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस में शामिल किया गया।

इस पुस्तक की एक करोड़ प्रति बिकी और 40 अलग-अलग भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ।

मृत्यु – स्टीफन हॉकिंग की जीवनी

स्टीफन हॉकिंग की 14 मार्च 2018 को मृत्यु हो गई।

इसे भी पढ़े – गिप्पी ग्रेवाल की जीवनी – Gippy Grewal Biography Hindi

Sonu Siwach

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स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को बताए थे ये सिद्धांत, इस बीमारी थे पीड़ित

दुनिया के जाने माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का निधन आज ही के रोज हुआ था. आइए जानते हैं उन्होंने दुनिया को क्या-क्या बताया है..

प्रतीकात्मक फोटो

  • 14 मार्च 2020,
  • (अपडेटेड 14 मार्च 2020, 10:26 AM IST)

stephen hawking short biography in hindi

दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक स्टीफन हॉकिंग का निधन आज ही रोज 76 साल की उम्र में 14 मार्च 2018 को हुआ था. 21 साल की उम्र में स्टीफन हॉकिंग एक भयानक बीमारी की चपेट में आ गए थे. जिसके बाद उनके डॉक्टरों ने कह दिया था कि वो दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे, लेकिन 50 से ज्यादा साल जीने के दौरान हॉकिंग ने अपने डॉक्टरों की भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया था.

आपको बता दें, वे अपनी शारीरिक अक्षमता के बावजूद विश्व के सबसे बड़े वैज्ञानिक थे. उन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी थी. इस बीमारी में मनुष्य का नर्वस सिस्टम धीरे-धीरे खत्म हो जाता है और शरीर के मूवमेंट करने और कम्यूनिकेशन पावर समाप्त हो जाती है. स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था.

स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था. उन्होंने अपने जीवन में स्पेस-टाइम को लेकर कई शोध किए. उन्होंने कई सिद्धांतों को समझाया है, जिसमें बिंग बैंग थ्योरी और ब्लैक होल थ्योरी आदि शामिल है. उनकी जिंदगी पर आधारित एक फिल्म 'द थिअरी ऑफ एवरीथिंग' भी रिलीज हुई थी.

आइए जानते हैं उनके कुछ शोध के बारे में...

ब्लैक होल का सिद्धांत (1971-74)- स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल को लेकर कई शोध किए. उनके पहले सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल का कुल सतह क्षेत्र कभी भी छोटा नहीं होगा. एक अन्य सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल गर्म होता है.

कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी (1982)- यह सिद्धांत साल 1980 में एलन गुथ (Alan Guth) द्वारा दिया गया था. बाद में उन्होंने बताया कि पदार्थ के वितरण में कम बदलाव होता है अर्थात इन्फ्लेशन के दौरान यह ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं के प्रसार को जन्म दे सकता है.

यूनिवर्स का वेव फंक्शन पर मॉडल (1983)- स्टीफन हॉकिंग गुरुत्वाकर्षण के एक क्वांटम थ्योरी की स्थापना में रुचि रखते थे, लेकिन जेम्स हार्टले के साथ उन्होंने 1983 में हार्टले-हॉकिंग स्टेट मॉडल प्रकाशित किया था. यह सिद्धांत कहता है कि समय महाविस्फोट से पहले मौजूद नहीं था और इसलिए ब्रह्मांड की शुरुआत की अवधारणा अर्थहीन है.

टॉप-डाउन थ्योरी (2006)- हॉकिंग का कहना है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है इसलिए वह नई रचनाएं कर सकता है उसके लिए उसे ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता नहीं है.

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स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen Hawking Biography in Hindi

August 13, 2023 by Editor Leave a Comment

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Stephen Hawking एक महान भौतिकविज्ञानी, लेखक और विचारवंत थे जिनका जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। उनके पिता फ़्रैंक हॉकिंग एक तकनीकी अधिकारी और माता ईज़ाबेल हॉकिंग एक वित्तीय सहायक थीं। उनका बचपन और शैक्षिक जीवन बहुत सामान्य था, लेकिन उनके अद्भुत ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने उन्हें दुनिया के सबसे प्रमुख भौतिकविज्ञानियों में से एक बना दिया।

जन्म स्थान ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड
शिक्षा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से गणित और भौतिक विज्ञान में डिग्री
करियर कैंब्रिज विश्वविद्यालय में क्वांटम भौतिकविज्ञान के क्षेत्र में शोधार्थी
विकासशील वर्ष 1963-2018
महत्वपूर्ण काम ब्लैक होल के रेडिएशन का सिद्धांत, ब्रैन और ब्रह्मांड के रहस्यों पर शोध
विशिष्टता एमीलिय रोबिन्सन प्राइमरी स्कूल में पहली शिक्षा, दुर्ग दिन आरएल विद्यालय में अध्ययन
पुरस्कार पद्म भूषण (1983), एल्बर्ट इयनस्टीन पुरस्कार (1978), ग्रेविटी मेडल (2015)

Stephen Hawking Biography in Hindi

स्टीफन हॉकिंग जन्म, परिवार और शिक्षा (Stephen Hawking Birth, Family and Education)

Stephen का जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। उनके पिता का नाम फ़्रैंक हॉकिंग था जो एक तकनीकी अधिकारी थे, और माता का नाम ईज़ाबेल हॉकिंग था जो वित्तीय सहायक थीं। स्टीफन के परिवार में एक भाई और बहन थे। उनके भाई का नाम एडवर्ड और बहन का नाम मैरीन था। उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें हमेशा समर्थन और प्रेरणा दी जो उन्हें उनके जीवन के कठिन समय में आगे बढ़ने के लिए मजबूत बनाया।

शिक्षा की बात करें, स्टीफन हॉकिंग ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में फिजिक्स पढ़ना शुरू किया। उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरू की, जहां उन्हें भौतिकशास्त्र में दिलचस्पी हुई। उनके शैक्षिक योग्यता और अद्भुत वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण, उन्हें विभिन्न विश्वविद्यालयों से छात्रवृत्ति मिली और उन्होंने भौतिकशास्त्र में उच्चतम शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने डॉक्टरेट किया और विश्वविद्यालय से विशिष्ट सम्मान भी प्राप्त किया।

स्टीफन हॉकिंग करियर (Stephen Hawking Career)

स्टीफन हॉकिंग का करियर भौतिकशास्त्र और कॉस्मोलॉजी के क्षेत्र में उन्होंने विश्वभर में उच्च प्रतिष्ठा हासिल की थी। उनके करियर की शुरुआत में उन्हें कई अवसर मिले जिनसे उन्होंने अपने दृढ़ शोधी वैज्ञानिक होने की पहचान बनाई। यहां कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी है:

1. ब्लैक होल की सिद्धांत की खोज: स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल के रिडियसियुन और सम्मान्य भौतिकी के बीच संबंध स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने ब्लैक होल के चक्रवर्ती भौतिक विश्व में भौतिकशास्त्रीय गणना के नए तरीके और सिद्धांत विकसित किए।

2. बिग बैंग के सिद्धांत में योगदान: हॉकिंग के साथी वैज्ञानिक रॉजर पेनरोज और फ्रेड हॉयल ने बिग बैंग के सिद्धांत में योगदान दिया, जिसमें उन्होंने ब्रह्मांड की उत्पत्ति के संबंध में नए विचार प्रस्तुत किए।

3. समय-धारा का सिद्धांत: स्टीफन हॉकिंग के सिद्धांतों में समय-धारा की एक महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने ब्रह्मांड के उत्पन्न होने के पीछे अस्तित्व में समय की महत्वपूर्ण भूमिका को समझा। इससे पूर्व समय को केवल एक अवधि माना जाता था, लेकिन हॉकिंग के द्वारा समय का एक नया संदर्भ स्थापित किया गया।

4. बेस्टसेलर पुस्तकें और व्याख्यान: स्टीफन हॉकिंग के लेखन और व्याख्यान ने उन्हें विश्वभर में लोकप्रिय बनाया। उनकी पुस्तक “ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम” और “ए स्कीम ऑफ़ द अनिवर्स” ने विज्ञान के जगत में धूम मचाई। उनके विशेष व्याख्यानों ने लोगों को विज्ञान के क्षेत्र में उत्साहित किया और उनके अद्भुत विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने में मदद की।

5. विश्वविद्यालयों और संस्थानों में प्रसिद्धि: स्टीफन हॉकिंग को विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने अपने विद्यार्थियों और छात्रों को उनसे शिक्षा प्राप्त करने के लिए बुलाया।

स्टीफन हॉकिंग की पत्नी (Stephen Hawking wife)

स्टीफन हॉकिंग की पत्नी का नाम जेनी विल्ड हॉकिंग था। उन्होंने 1965 में शादी की थी, जब वे अपने कॉलेज के दिनों में थे। शादी के बाद जेनी ने स्टीफन के साथ उनके विज्ञानिक यात्रा में उन्हें साथ दिया।

जेनी ने अपने पति के साथ उनके शारीरिक दिक्कतों का सामना किया और उन्हें उनके जीवन के हर कदम पर साथ दिया। उनकी बड़ी मदद से ही स्टीफन हॉकिंग ने अपने शोधी और विज्ञानिक करियर को समर्थन और प्रेरणा से जिंदा रखा।

स्टीफन हॉकिंग शारीरिक दिक्कतों से सामना

स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन के बाद मॉटर न्यूरोन रोग (एमएलए) से सामना किया। यह एक गंभीर रोग है जिसमें सेंट्रल नर्वस सिस्टम के भीतर न्यूरोन (नर्व सेल्स) की क्षति होती है जिससे शारीरिक दिक्कतें हो सकती हैं। इस रोग के कारण, स्टीफन हॉकिंग के शरीर के विभिन्न हिस्सों का नियंत्रण कम हो गया था।

एमएलए के कारण स्टीफन हॉकिंग की शारीरिक दिक्कतें बढ़ती गईं। उनकी चाल, बोलने की क्षमता, और हाथों की गतिविधियां प्रभावित हो गईं। उनके शरीर में कमजोरी होने के कारण वे सामान्य तरीके से चलने या बोलने में समर्थ नहीं थे।

इसके बावजूद, स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन में अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया और विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान जारी रखा। उन्होंने विशेष उपकरणों का उपयोग करके अपने विचारों को संबोधित किया और लोगों को विज्ञान और ब्रह्मांड के रहस्यों के पीछे की खोज में प्रेरित किया।

भौतिकशास्त्रीय योगदान

स्टीफन हॉकिंग भौतिकशास्त्र के क्षेत्र में अपने अनमोल योगदान के लिए विख्यात हैं। उनके विज्ञानिक योगदान ने विश्वभर में उच्च सम्मान और प्रशंसा हासिल की। यहां कुछ महत्वपूर्ण भौतिकशास्त्रीय योगदान हैं:

1. ब्लैक होल के रिडियसियुन और भौतिक संबंध: स्टीफन हॉकिंग के योगदान में सबसे महत्वपूर्ण था ब्लैक होल के रिडियसियुन (Hawking Radiation) का सिद्धांत। उन्होंने ब्लैक होल के पास विद्यमान धारिता के बारे में सिद्धांत स्थापित किया, जिसमें ब्लैक होल के पास विद्यमान वैक्यूम में एक उत्पादक जोड़ के कारण विद्युत धारिता बनी रहती है। इससे ब्लैक होल से बाहर फोटों के उत्पन्न होने की संभावना हुई जिसे हॉकिंग रेडिएशन के नाम से जाना जाता है।

2. ब्रह्मांड का प्रारंभ: हॉकिंग के साथी वैज्ञानिक रॉजर पेनरोज के साथ वे ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में नए सिद्धांत प्रस्तुत करने में योगदान दिया। इनके सिद्धांतों के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति एक बिग बैंग के माध्यम से हुई, और यहां समय का आदि हुआ। इससे पूर्व ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में विज्ञानिक समझ थी, लेकिन हॉकिंग के सिद्धांत ने इसे नए दृष्टिकोण से देखा।

3. क्वैंटम वैक्यूम में बाधाओं के सिद्धांत: स्टीफन हॉकिंग के ने क्वैंटम वैक्यूम में बाधाओं (barriers) के सिद्धांत को प्रस्तुत किया। इसके अनुसार, क्वैंटम वैक्यूम में नानोस्केल बाधाओं के कारण एक प्रतिस्पर्धी अणु भौतिक विश्व के अंतर्गत विद्यमान रह सकता है। यह सिद्धांत उन्हें ब्रह्मांड की संरचना और विकास के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।

स्टीफन हॉकिंग ने अपने भौतिकशास्त्रीय योगदानों के माध्यम से विज्ञान की दुनिया में नए दरवाज़े खोले और ब्रह्मांड की रहस्यमयी दुनिया को समझने में मदद की। उनके सिद्धांतों ने विज्ञान के शिखरों को छूने में मदद की और उन्हें विज्ञानिक समुदाय में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया।

विदेशी भ्रमण और विचारधारा Stephen Hawking Biography in Hindi

स्टीफन हॉकिंग ने विदेशी भ्रमण किए बिना भी विश्वभर में अपनी विचारधारा को प्रसारित किया। उन्होंने अपने शोध, लेखन और व्याख्यानों के माध्यम से वैज्ञानिक समुदाय में अपनी पहचान बनाई। हॉकिंग ने भौतिकशास्त्र के क्षेत्र में अपने नए सिद्धांतों को प्रस्तुत करके विश्वभर में चर्चा का विषय बनाया।

उनकी विचारधारा का मुख्य फोकस था ब्रैन, ब्लैक होल, ग्रेविटेशन, और ब्रह्मांड के रहस्यों पर। उन्होंने ब्रैन के कार्य की विस्तृत अध्ययन किया और उसमें क्वांटम तथा कोस्मोलॉजी के सिद्धांतों को संयोजित किया। उनके द्वारा ब्लैक होल के रिडियसियुन का सिद्धांत विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ और उन्हें भौतिकशास्त्र के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक बना दिया।

स्टीफन हॉकिंग के विचार Stephen Hawking Biography in Hindi

स्टीफन हॉकिंग एक महान भौतिकविज्ञानी थे और उनके विचारधारा वैज्ञानिक समुदाय को प्रभावित करते रहे हैं। उनके विचार निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर केंद्रित थे:

1. ब्रैन और ब्रह्मांड के रहस्य: हॉकिंग ने ब्रैन के कार्य और उसके रहस्यों का अध्ययन किया और इसे क्वांटम फिजिक्स, कॉस्मोलॉजी और भौतिकविज्ञान के साथ जोड़कर ब्रह्मांड की उत्पत्ति और उसके कारणों को समझने का प्रयास किया। उनके विचारों में ब्रह्मांड के रहस्य को खोजने की उत्सुकता दिखाई देती थी और वे इसे धरोहरी रूप से विश्वभर में उपलब्ध कराने के लिए काम करते रहे।

2. ब्लैक होल और हॉकिंग रेडिएशन: स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल के रहस्यों के पर्दाफाश के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने ब्लैक होल की भावना और उसके चारित्रिक विशेषताओं पर विचार किया। उन्होंने इसके साथ ही हॉकिंग रेडिएशन का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जो ब्लैक होल से फोटों के उत्पन्न होने का सिद्धांत है।

3. धरोहरी सिद्धांत: हॉकिंग ने धरोहरी सिद्धांत का प्रवर्तन किया, जो क्वांटम वैक्यूम में बाधाओं के कारण क्वांटम अणु को प्रतिस्पर्धी विश्व से जुड़े रहने की संभावना को सुझाता है। इससे पूर्व, भौतिकवादी वैज्ञानिक सिद्धांतों में यह समझना मुश्किल था कि विद्युत धारिता क्यों विद्युतीय विकीर्णन के साथ एक विशिष्ट मान का होती है।

4. विश्वविद्यालयों में शोध: हॉकिंग ने विश्वभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोध किया और उनके सिद्धांतों को लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय के साथ नई उपलब्धियों को साझा करने के लिए सेमिनार, कार्यशाला, और व्याख्यान आयोजित किए।

स्टीफन हॉकिंग के विचार और सिद्धांत भौतिकविज्ञान में अद्भुत योगदान रखते हैं और उन्हें विश्वभर के लोगों के बीच एक प्रेरणा स्त्रोत के रूप में स्थान मिलता है। उनके विचारधारा ने भौतिकविज्ञान के नए सारे मुद्दे और रहस्यों को समझने के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त किया।

स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणी

स्टीफन हॉकिंग एक महान भौतिकविज्ञानी थे, लेकिन भविष्यवाणी करना वैज्ञानिकों के लिए संभव नहीं होता। वैज्ञानिक भविष्यवाणी का मूल अभिप्रेत विज्ञान के आधार पर किया जाता है जिसमें पूर्वानुमान और आधारभूत तत्वों के साथ सिद्धांतों का उपयोग होता है। हॉकिंग के द्वारा किए गए शोध और योगदान ने भौतिकविज्ञान में बड़े उधार किए हैं, लेकिन भविष्यवाणी करना उनकी क्षमता से बाहर है। स्टीफन हॉकिंग ने भौतिकविज्ञान के क्षेत्र में ब्रेन-ब्रह्मांड और ब्लैक होल के रहस्यों पर अपनी शोधों के माध्यम से महत्वपूर्ण ज्ञान दिया। उन्होंने भौतिकविज्ञान को एक नए स्तर पर ले जाने का संघर्ष किया और उनके विचारधारा ने विज्ञान के शिखरों को छूने में मदद की।

हालांकि, उनके शोध और सिद्धांतों का अभ्यास और विश्लेषण विज्ञान को एक नया दिशा देने में महत्वपूर्ण है। स्टीफन हॉकिंग के द्वारा प्रस्तुत किए गए विचार और उनके शोधों का अध्ययन विज्ञानिक समुदाय के लिए नए रहस्यों और समस्याओं को हल करने में सहायक साबित हो सकता है।

Stephen Hawking Biography in Hindi, Wiki, Height, Age, Family, Facts

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स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen Hawking Biography In Hindi

Stephen Hawking Biography In Hindi

स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय, जन्म,  शिक्षा,  करियर, शादी,  पुरस्कार, मृत्यु , कई किताबें लिखी गई, नेटवर्क ( Stephen Hawking Biography In Hindi, Birth, career , Marriage , Awards, Death, Books net worth)

Stephen Hawking Biography In Hindi : नमस्कार दोस्तों, आज की इस लेख में हम दुनिया के ऐसे महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के बारे में बताएंगे। जिनके बारे में जानकारी आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होगा।

मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने विज्ञान के क्षेत्र में काफी ज्यादा योगदान दिया है। अपनी काबिलियत के दम पर उन्होंने कई ऐसे कारनामे भी किए हैं। की दुनिया को अपने ऊपर गर्व करने के लिए उन्होंने कई बार आप सर दिए हैं।

वैसे तो इस महान वैज्ञानिक का जीवन काफी कठिनाइयों से भरा हुआ था लेकिन अपने दम और मेहनत के 7 वैज्ञानिक बनने का सपना भी पूरा किया था। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में ऐसे अनगिनत योगदान दिए हैं। जिनके बारे में जितना भी बताया जाए उतना कम है।

उनके योगदान के चलते हैं सब चीजों की भी खोज हुई है जिसकी वर्तमान समय में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। उन्होंने अपने जन्मदिन पर कहा था कि “ मैं अभी और जीना चाहता हूं” यह कथन विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का है।

जिसे सुनने के बाद पूरा विश्व एक पल के लिए अचंभित हो गया. स्टीफन हॉकिंग की भौतिक के क्षेत्र में बात की जाए तो उन्हें  12 बड़े पुरस्कारों से नवाजा गया है आइए हम आपको ले चलते हैं इनके जीवन सफर की ओर जानिए कुछ महत्वपूर्ण बातें अतः आपसे अनुरोध है कि इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

Table of Contents

नामस्टीफन हॉकिंग 
पूरा नामस्टीफन विलियम हॉकिंग
जन्म8 जनवरी, 1942
जन्म स्थानकैम्ब्रिज, इंग्लैंड
  मृत्यु14 मार्च 2018 (76 वर्ष)
मृत्यु का स्थानकैम्ब्रिज, यूनाइटेड किंगडम
  0ccupationविज्ञानक, लेखक
बीमारीमोटर न्यूरॉन 
नागरिकतासेंट अलबंस स्कूल, भौतिकी में ग्रेजुएशन , 
कुल बच्चे3
आइक्यू लेवल 160
शिक्षा ब्रिटिश
कुल संपत्ति$20 मिलियन

स्टीफन हॉकिंग का जन्म ( Stephen Hawking birth ) 

स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 में इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। इनका पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग है। जब स्टीफन हॉकिंग का जन्म हुआ था। तब दुनिया में द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था लंदन में स्टीफन हॉकिंग के माता-पिता का घर हुआ करता था। 

फ्रेंक हॉकिंग उनके पिता का नाम था। जो चिकित्सा शोधकर्ता के रूप में काम करते थे। उनकी माता का नाम इसोबेल था। और वह भी बताओ और सचिव के रूप में चिकित्सा अनुसंधान संस्था में काम करती थी।

चिकित्सा अनुसंधान संस्था में काम करते समय इनके माता-पिता की मुलाकात हुई थी। जिसके बाद उन्होंने शादी कर ली और इनके को चार बच्चे थे जिनका नाम फिलीपा, स्टीफन, मेरी, एडवर्ड  था एडवर्ड इनके द्वारा  लिया गया गोद बेटा था उनकी दो पत्नी थी जिनका नाम जेने वाइल्ड, एलेन मेसन था।

स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा (Stephen Hawking’s education)

स्टीफन हॉकिंग जब 8 वर्ष के थे तब उनके परिवार वाले सैंडल 1 में आकर रहने लगे और यहीं पर स्टीफन हॉकिंग की शुरुआती शिक्षा सेंट एलबेंस स्कूल में की थी। उसके बाद वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय में दाखिला करवा लिया था।

जब इन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एडमिशन करवाया था। तब यह मैच 17 वर्ष के थे।उनकी रूचि बचपन से गणित में थी। लेकिन उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। क्योंकि उनके पिता खुद चिकित्सा अनुसंधान संस्था में काम करते थे इसी के कारण वे चाहते थे कि स्टीफन हॉकिंग डॉक्टर बने।

जब स्टीन हॉकिंग ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एडमिशन करवाया था। जब वह गणित विषय उपलब्ध नहीं था तो उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई भौतिक विषय से की और धीरे-धीरे इसी विषय में कॉस्मोलॉजी सेक्शन में इन्होंने पढ़ाई की थी और उसके बाद 1962 में इन्होंने भौतिक विज्ञान की डिग्री प्राप्त कर ली।

भौतिक विज्ञान की डिग्री लेने के बाद इन्होंने आगे की पढ़ाई कैंब्रिज विश्वविद्यालय से की और 1963 में इन्होंने ब्रह्मांड विज्ञान में रिसर्च अनुसंधान किया। संयोगवश इसी साल उन्हें एक बीमारी हो गई जिसका नामएंयोट्रोफिक लैटरल सेलेरोसिस था इस बीमारी के कारण इनकी अंग धीरे-धीरे काम करना बंद  कर देते हैं।

स्टीफन हॉकिंग का करियर (Stephen Hawking career)

दोस्तों अब हम बात करते हैं स्टीफन हॉकिंग की करियर की कैसे उन्होंने इतने संघर्षों के बावजूद इस मुकाम तक पहुंचे कैम्ब्रिज से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने शोधकर्ता के रूप में कार्य किया था। साल 1972 में डीएएमटीपी मैं सहायक शोधकर्ता के रूप में अपनी सेवा दी थी।

वह रॉयल सोसायटी के सबसे कम उम्र के सदस्य थे। उन्होंने अपना अधिक समय ब्लैक होल और space-time की सिद्धांतों पर शोध के लिए बताया था और अपने इसी शोध के संबंध में उन्होंने कई पत्र प्रकाशित किए। जिससे विज्ञानिक की दुनिया में उनका एक बड़ा नाम हुआ। 

हालांकि उनके जीवन की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध खोज यह थी। कि उन्होंने साबित कर दिया था कि ब्लैक होल में कुछ मात्रा में  रेडिएशन निकलती है जिसे उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन कहा था।

स्टोरी ऑफ टाइम उनके द्वारा सन 1998 को पुस्तक  प्रकाशित हुई थी इस किताब  मैं उन्होंने मां विस्फोट का सिद्धांत और ब्लैक होल के बारे में बड़े ही  सरल और सुंदर शब्दों में लिखा था। 

स्टीफन हॉकिंग की पत्नी (Stephen Hawking Wife)

जब स्टीफन हॉकिंग को अपनी बीमारी का पता चला तो उसी साल उनकी मुलाकात  जैन वाइल्ड से हुई और  इस विपरीत परिस्थिति में जैन वाइल्ड ने स्टीफन हॉकिंग का साथ दिया और इन दोनों ने साल 1965 में शादी कर ली स्टीफन हॉकिंग और जैन वाइल्ड के कुल 3 बच्चे थे। जिनका नाम लूसी,  रॉबर्ट और तीमुथियस था।

आपको बता दूं यह शादी की जोड़ी ज्यादा दिन नहीं चली लगभग 3  साल साथ रहने के बाद मैं साल 1995 में फॉकिंग और जैन का तलाक हो गया  हॉकिंग ने तलाक लेने के बाद ऐलेन मेसन से शादी कर ली और इन दोनों की जोड़ी भी साल 1995 से 2016 तक चली इस प्रकार स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन में दो शादी की थी।

स्टीफन हॉकिंग का परिवार | Stephen Hawking Family

नामस्टीफन हॉकिंग
पिता का नामफ्रेंक हॉकिंग
माता का नामइसोबेल हॉकिंग
पत्नी का नामजेन वाइल्ड (1965-1995)

स्टीफन हॉकिंग के पुरस्कार (Stephen Hawking Awards)

11978अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार
21988वॉल्फ प्राइज़
31989प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवाडर्स 
42006कोप्ले मेडल
52009प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम अवॉर्ड
62012विशिष्ट मूलभूत भौतिकी

स्टीफन हॉकिंग की खोज (Stephen Hawking Discoveries)

11970सिंगुलैरिटी का सिद्धांत
21971 – 1974ब्लैक होल का सिद्धांत
31982कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी
41983यूनिवर्स का वेव फ़ंक्शन पर मॉडल
51988ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ उनकी प्रसिद्ध किताब

स्टीफन हॉकिंग की कुल संपत्ति  (Stephen Hawking Net Worth)

आपको बता दूं कि एक रिपोर्ट के मुताबिक स्टीफन हॉकिंग पर कुल $20 मिलियन की संपत्ति है उनका इंग्लैंड में कैम्ब्रिज शहर में एक खुद का घर है यह सभी संपत्ति उन्हें  अपनी मेहनत के दम पर कमाई है पुरस्कारों किताबों ,नए-नए इस कार के जरिए कमाई है।

स्टीफन हॉकिंग पर बनीं फिल्म ( Stephen Hawking’s Life Movie )

दोस्तों आपको यह सुनकर बहुत ही ज्यादा अटपटा लग रहा होगा की स्टीफन हॉकिंग के ऊपर फिल्म बनी लेकिन यह सत्य है कि 2014 में दुनिया के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के ऊपर एक मूवी बनी जिसका नाम “ द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग ” था। इस मूवी में स्टीफन हॉकिंग इन्हें कैसे अपने मेहनत और संघर्षों के कारण अपने सपनों को पूरा किया इस दृश्य को इस मूवी में दिखाया गया है।

इस तरह उन्हें कड़ी मेहनत और परिश्रम करके इस मुकाम को हासिल किया था और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर कैसे लोग अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं इस मूवी में बड़े ही सरल ढंग से बातों का उल्लेख किया गया।

स्टीफन हॉकिंग के विचार (Stephen Hawking Quotes)

दोस्तों अब हम आपको स्टीफन हॉकिंग के विचारों के बारे में बताएंगे उनके  द्वारा कहे गए सभी विचार आज की युवा पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है आइए जानते हैं उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष करने के बाद   कई ऐसी बातें बोली है जो हमारे लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है आइए जानते है

  • वे कहते हैं कि जीवन दुर्भाग्यपूर्ण होगा यदि  उसमें रोचक और रोमांस भरा ना हो तो।
  • वे कहते हैं कि अज्ञानता का कोई दुश्मन नहीं है जबकि दुश्मन वह भ्रम है कि जो यह कहे कि मुझे सब कुछ आता है। 
  • आप यदि अपने जीवन में हमेशा दूसरों की बुराई करते हैं तो  दूसरों के पास आपके लिए समय नहीं रहेगा। 
  • बुद्धिमान व्यक्ति समय के साथ अपने आप को बदल लेता है। 

स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु ( Stephen Hawking death )

दोस्तों काफी लंबे समय से स्टीफन हॉकिंग स्वास्थ्य नहीं थे। हालांकि हमने आपको बताया था। कि उनको जब यह बीमारी पता चली तब उनकी उम्र 21 साल थी। लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने इस बीमारी को अपने सपने के बीच नहीं आने दिया।

एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस बीमारी के कारण उन्हें अपने जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने 53 साल व्हीलचेयर पर बिताए थे और आखिरकार काफी संघर्षों के बाद 14 मार्च 2018  लंदन जैसे देश में इनका निधन हो गया और पूरी दुनिया को अलविदा करके चले गए।

आपको बता दें स्टीफन हॉकिंग का निधन जरूर हो गया है। लेकिन दुनिया आज भी उन्हें महान वैज्ञानिक के रूप में याद करती है। क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में इतना संघर्ष किया है जो आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।

Q. स्टीफन हॉकिंग का निधन कब हुआ था?

14 मार्च 2018 (76 वर्ष)

Q. स्टीफन हॉकिंग भारत कब आए थे?

साल 2001 की जनवरी में स्टीफन हॉकिंग भारत आए थे

Q. स्टीफन हॉकिंग की वाइफ का क्या नाम था?

उनकी पत्नी का नाम जेन विल्डे था।

Q. स्टीफन का जन्म कब हुआ था ?

8 जनवरी, 1942

Q. स्टीफन स्टीफन को कौन सी बीमारी थी

मोटर न्यूरॉन

Q. स्टीफन का जन्म स्थान कहां है ?

कैम्ब्रिज, इंग्लैंड

अंतिम शब्दों में

दोस्तों इस लेख में हमने आपको  विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के बारे में बताया है उन्होंने अपने जीवन में इतना संघर्ष किया है कि ऐसा संघर्ष शायद ही कोई कर पाए जब वह 21 साल के थे।

तब उनको बहुत बड़ी बीमारी हो गई थी और इस बीमारी को ना देखते हुए उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया इस लेख में हमने आपको उनके जीवन से जुड़ी बहुत सी बातें हो का उल्लेख किया है।

हमारे द्वारा Stephen Hawking Biography In Hindi के बारे में बताया है आशा करते हैं यह लेख आपको बहुत अच्छा लगा होगा इसी प्रकार की और भी कुछ जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट जरुर करें और ऐसा भी जानकारी आप अपने मित्रों को जरुर शेयर करें। 

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  1. स्टीफन हॉकिंग

    Stephen Hawking CH CBE; १९८० में नासा में हॉकिंग: जन्म: स्टीवन विलियम हौकिंग 8 जनवरी 1942 ऑक्सफोर्ड, इंग्लैण्ड: मृत्यु: 14 मार्च 2018 (उम्र 76) आवास

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    स्टीफन विलियम हॉकिंग (Stephen William Hawking) के शरीर का कोई भी अंग काम नहीं करता था, वो न चल ... Stephen Hawking Biography in Hindi . By Dushyant Kumar Feb17,2024 #stephen hawking disease name #stephen hawking ki jivani "मुझे ...

  11. भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग

    स्टीफन हॉकिंग के बारेमें - Stephen Hawking Information in Hindi. पूरा नाम (Name) स्टीफन विलियम हॉकिंग ( Stephen Hawking) जन्म (Birthday) 8 जनवरी 1942. जन्मस्थान (Birthplace) ऑक्सफ़ोर्ड ...

  12. 8 जनवरी जन्मदिन विशेष: महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के बारे में 10 खास

    stephen hawking. जन्म- 8 जनवरी 1942 . निधन- 14 मार्च 2018 . stephen hawking: महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 फरवरी 1942 को हुआ और 76 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो ...

  13. Stephen Hawking Biography in Hindi

    प्रारंभिक जीवन (Stephen Hawking Early Life) स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8th जनवरी साल 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड में हुआ था। उनके पिता का नाम फ्रैंक हॉकिंग था, और वह एक ...

  14. Stephen Hawking Biography In Hindi

    This video is about Stephen Hawking Biography In Hindi.This inspirational And Motivational Story is about Stephen Hawking.Stephen Hawking was born on January...

  15. Stephen Hawking Biography

    स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय, Stephen Hawking Biography in Hindi, स्टीफ़न हॉकिंग का जन्म ८ जनवरी १९४२ को फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग के घर में हुआ। परिवार वित्तीय बाधाओं के बावजूद,

  16. स्टीफ़न हॉकिंग की ग़ज़ब दास्तां

    स्टीफ़न हॉकिंग की ग़ज़ब दास्तां. विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक और ...

  17. स्टीफन हॉकिंग की जीवनी

    स्टीफन हॉकिंग की जीवनी - Stephen Hawking Biography Hindi. स्टीफन हॉकिंग प्रसिद्ध ब्रितानी भौतिक वैज्ञानिक थे। उन्होने 1962 में उन्होने भौतिक विज्ञान की ...

  18. स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को बताए थे ये सिद्धांत, इस बीमारी थे पीड़ित

    दुनिया के जाने माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का निधन आज ही के रोज हुआ था. आइए जानते हैं उन्होंने दुनिया को क्या-क्या बताया है.

  19. Stephen Hawking Biography in Hindi

    स्टीफन हॉकिंग की सम्‍पूर्ण जीवनी - Stephen Hawking Biography in Hindi. Stephen Hawking Biography in Hindi. प्रसिद्ध भौतिक और ब्रह्माण्ड विज्ञानी, अदम्‍य जिजीविषा के धनी और ...

  20. Stephen Hawking Biography in Hindi

    स्टीफन हॉकिंग जन्म, परिवार और शिक्षा (Stephen Hawking Birth, Family and Education) Stephen का जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। उनके पिता का नाम ...

  21. PDF Stephen Hawking (Hindi)

    आरंिभक जीवन दूसरेमहायु Í के दौरान 8 जनवरी, 1942 को mटीफन हॉ ôकंग का ज `म _आ। उनके माता-िपता "र vक एवंइसोबेल क ñ ि mथित सामा `य थी। दोन ऑ Mसफोड Eम vपढ़ेथे। जनवरी

  22. Stephen Hawking Biography in Hindi

    Unveil the extraordinary life of Stephen Hawking with our engaging biography in Hindi! From his groundbreaking work in theoretical physics to his inspiring battle with ALS, this friendly narrative ...

  23. स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय

    Stephen Hawking Biography In Hindi : नमस्कार दोस्तों, आज की इस लेख में हम दुनिया के ऐसे महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के बारे में बताएंगे। जिनके बारे में ...