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जल बचाओ पर भाषण

जल संरक्षण

हम जल बचाओ पर विभिन्न शब्द सीमाओं में स्कूल के विद्यार्थियों के लिए भाषणों की श्रृंखला प्रदान कर रहे हैं। इस तरह के जल बचाओ भाषण विद्यार्थियों के स्कूल में आयोजित किसी भी अवसर के दौरान भाषण प्रतियोगिता में बिना किसी डर के भाग लेने में मदद करेंगे। आप नीचे दिए गए किसी भी भाषण को अपनी जरुरत और आवश्यकता के अनुसार चुन सकते हैं:

जल बचाओ पर छोटे तथा बड़े भाषण (Short and Long Speech on Save Water in Hindi)

आदरणीय महानुभाव, अध्यापक एंव अध्यापिकाएं और मेरे प्यारे साथियों, सभी को मेरा सुप्रभात। मैं इस विशेष अवसर पर बहुत ही महत्वपूर्ण विषय जल बचाओ पर अपना भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, कैसे पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता के लिए पानी आवश्यक है। यह सभी (मनुष्य, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे और अन्य सूक्ष्म जीव) की आधारभूत आवश्यकता है। जल जीवन का अद्वितीय स्रोत है, यहाँ पानी के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

अन्य ग्रहों पर जीवन सिर्फ पानी के अभाव की वजह से संभव नहीं है। पृथ्वी अन्य ज्ञात खगोलीय पिंडों के बीच सबसे महत्वपूर्ण ग्रह मानी जाती है। पृथ्वी का लगभग तीन-चौथाई क्षेत्र पानी से घिरा हुआ है और आवासीय विश्व का लगभग 60-70% भाग को पानी घेरे हुये है। यह दिखाता है कि, पानी पृथ्वी पर नवीनीकृत स्रोत है क्योंकि यह पृथ्वी पर वाष्पीकरण और बारिश के माध्यम से पुनःउत्पादित और पुनःवितरित किया जाता है। यह हमारे दिमाग में एक सवाल को जन्म देता है कि यदि पानी नवीनीकृत स्रोत है तो फिर क्यों हम पानी के लिए चिन्तित हो रहे हैं और इसको संरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।

वास्तव, में पृथ्वी पर केवल 1% पानी है, जो हमारे लिए उपयोगी है। और अन्य पानी के स्रोत प्रयोग न करने योग्य पानी जैसे: समुद्र का पानी, जो 97% खारा होता है, 2% पानी जो ग्लेशियर और ध्रुवीय आइसकैंप के रुप में है। केवल 1% पानी ही हमारे लिए है, जिस पर पूरे विश्व की भारी जनसंख्या जीवन जीने के लिए निर्भर है। मृत्यु भोजन की कमी से ज्यादा पानी के अभाव में अधिक संभव है। यह फिर से हमारे मस्तिष्क में एक और सवाल उठाता है कि, हम जल बचाओ की आवश्यकता को इतनी देर से क्यों महसूस कर रहे हैं?

पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों का जीवन पानी पर निर्भर करता है, तब तो यह परिदृश्य बहुत बदतर हो जाएगा जब उपयोग करने योग्य पानी गंदा हो जाए या कम होना शुरु कर हो जाए। बाहर से देखने पर पानी साफ और पीने योग्य लगता है, उसमें उद्योगों, कारखानों, सीवर, जैसे आदि विभिन्न स्रोतों के माध्यम से हानिकारक और विषैले तत्वों का मिश्रण हो सकता है और यदि यह पशुओं, पेड़-पौधों या मनुष्य द्वारा निगल लिया जाए तो यह बीमारी और मृत्यु का कारण हो सकता है। कुछ सुझाव है, जो वास्तव में जल बचाने में मदद करेंगे:

  • माता-पिता को अपने बच्चों को जल बचाओ की आवश्यकता के बारे में बताना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों के लिए पानी के प्रयोग से चलने वाले खिलौने नहीं देने चाहिए।
  • सभी को पानी को संग्रहित करने वाले नियमों और अनुदेशों से अवगत होना चाहिए और उनका अपने क्षेत्र में कड़ाई से पालन करना चाहिए।
  • सभी नियोक्ताओं को अपने कार्यस्थल पर जल बचाओ के लिए सक्रिय रहना चाहिए और दूसरे नियोक्ताओं को भी अन्य प्रभावी तरीकों से जल बचाओ के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  • स्कूलों, कॉलेजों, कार्यस्थलों, कार्यालयों, संस्थानों, आदि पर उन्मुखीकरण मार्गदर्शन और प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक स्टार्टर (शुरुआत करने वाले) के लिए जल बचाओ के प्रति जागरूकता और सुझाव होने चाहिए।
  • जल बचाओ की तकनीकों को सभी मीडिया न्यूज चैनलों में जैसे: टीवी, अखबार, रेडियो, एफ.एम., समुदायों, खबरों, आदि में प्रोत्साहन के लिए दिखाया जाना चाहिए।
  • लोगों को अपने क्षेत्रों में टूटे पाइप, घूमकर छिड़काव करने वाला साधन, खुले हाईड्रेन्ट, बिना किसी रुकावट के कुएं से बहते हुये पानी आदि के बारे में सक्रियाता से (उनके मालिक, स्थानीय अधिकारी, जिले के जल प्रबंधन अधिकारियों) को सूचित करना चाहिए।
  • जल बचाओ जागरुकता को बहुत ज्यादा विकसित और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए विशेष रुप से स्कूलों में बच्चों को जागरुक करने के लिए, जिन्हें राष्ट्र का भविष्य कहा जाता है।
  • स्कूल के विद्यार्थियों को जल बचाओ के विषय पर प्रोजेक्ट तैयार करने या यह विषय डिबेट, चर्चा, निबंध लेखन या भाषण प्रतियोगिता में दिया जाना चाहिए।
  • इसे पर्यटन स्थल पर भी प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि पर्यटक और दर्शक भी इस विषय के बारे में जागरुक हों और जल बचाओ की आवश्यकता को जाने।
  • एक पढ़े-लिखे नागरिक होने के नाते हमें अपने दोस्तों, और पड़ौसियों को भी जल बचाओ के कार्यक्रमों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
  • सभी को जल बचाओ से संबंधित एक लक्ष्य बनाना चाहिए और दिन के अंत तक उसे सख्ती से पूरा करना चाहिए।

सभी शिक्षकों, मेरे प्यारे मित्रों और यहाँ उपस्थित सभी व्यक्तियों को सुबह की नमस्ते। जैसा कि हम सभी यहाँ इस अवसर को मनाने के लिए इकट्ठा हुये हैं, मैं जल बचाओ के विषय पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। आज-कल, हमारे चारों ओर उपयोगी पानी की कमी बहुत ही गंभीर विषय है जिस पर तत्कालिक आधार पर कार्य करने की आवश्यकता है। पृथ्वी का लगभग तीन चौथाई भाग पानी से घिरा हुआ है हालांकि, पृथ्वी पर फिर भी पीने योग्य पानी (केवल 1%) की कमी है।

पृथ्वी पर पीने योग्य पानी का स्तर गिरता जा रहा है और बहुत से औद्योगिक स्रोतों के कारण दिन प्रति दिन गंदा हो रहा है। यह बहुत गंभीर विषय है कि, हम धरती पर उपयोगी पानी को खत्म कर रहे हैं। प्रत्येक मनुष्य के शरीर में 75% पानी होता है जो यह स्पष्ट करता है कि पानी हमारे लिए एक प्राथमिक तत्व के रुप में कितना उपयोगी है और धरती पर जीवन के लिए जिम्मेदार है। पानी वाष्पीकरण और बारिश के माध्यम से पूरे विश्व में स्वंय को संचालित करता है।

पूरी तरह से विकसित एक मानव शरीर औसतन 42 लीटर पानी होता है हालांकि, बहुत कम मात्रा 2.7 लीटर की हानि होने पर डिहाइड्रेसन से पीड़ित हो जाता है। वह कमजोरी, चिड़चिड़ापन, थकान, चक्कर आना, घबराहट, सिर दर्द आदि महसूस करने लगता है। हमें घर में और घर के बाहर पानी बचाने और इसके संरक्षण करने की आदत को सुधारना चाहिए। ऐसे कुछ बिन्दू हैं जो घर से बाहर पानी बचाने में हमारी मदद कर सकते हैं:

  • हमें अपनी जरुरत और आवश्यकता के अनुसार पानी का प्रयोग करना चाहिए और अपने लॉन में कभी भी अत्यधिक पानी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इनमें प्रत्येक 5-7 दिन (गर्मी के मौसम में), प्रत्येक 10-14 दिन (सर्दी के मौसम में) और लगभग नहीं के बराबर बारिश के मौसम में पानी लगाने की आवश्यकता होती है।
  • हमें अपने लॉन में पानी विशेष रुप से सुबह या देर शाम को लगाना चाहिए क्योंकि कम तापमान के कारण और धीमी हवा की गति के कारण यह वाष्पीकरण द्वारा कम नहीं होता और पौधों द्वारा पूरी तरह से प्रयोग कर लिया जाता है।
  • हमें गलियों में, सड़कों पर या फुटपाथ पर पानी नहीं डालना चाहिए क्योंकि यह केवल पानी की बर्बादी है।
  • हमें सिंचाई के लिए पानी के कुशल तरीकों (माइक्रो और ड्रिप सिंचाई, शौकर, पानी का पाइप आदि) का प्रयोग करना चाहिए।
  • यदि लॉन में पेड़ों की कटाई ऊँची है तो, इन पौधों की जड़ें नीचे गहराई में जाकर और अधिक मिट्टी की नमी को पकड़ती हैं, इस तरह उन्हें बाहर से कम पानी की आवश्यकता होती है।
  • हमें अपने लॉन में कभी भी उर्वरकों का प्रयोग (या कभी-कभी जरुरत के अनुसार) नहीं करना चाहिए क्योंकि यह पानी की आवश्यकता को अधिक करता है।
  • छिड़काव या पानी का पाइप कभी भी खुला नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि वो लगभग 600 गैलन पानी कुछ घंटों में खत्म कर देते हैं।
  • कारों की धुलाई हरे गार्डन या लॉन में करनी चाहिए या फिर व्यवसायिक कार की धुलाई को पसंद करना चाहिए क्योंकि वो पानी को पुनःप्रयोग में लाते हैं।
  • हमें शो पीस के रूप में लॉन में फव्वारे की तरह सजावटी पानी की सुविधाओं से बचना चाहिए।
  • इसमें अलग-अलग स्विमिंग पूल में फिल्टर प्रणाली होनी चाहिए।
  • पेड़ों के लिए मलचिंग तकनीक (घास-पात से ढकना) को पौधों मे लम्बे समय के लिए मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए प्रयोग करना चाहिए।
  • हमें कुछ देशी और सूखा प्रतिरोधी पौधों, घासों, ग्राउंड कवर (धरातल से लगी हुई छोटी-छोटी घास) और झाड़ियों को लॉन में लगाना चाहिए क्योंकि उन्हें जीवित रहने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती।
  • घरों में पानी के पाइपों में किसी भी प्रकार का रिसाव नहीं होना चाहिए और रिसाव होने की स्थिति में नली वाशर को टंकी और पानी के पाइप के बीच में इस्तेमाल किया जा सकता है।

महानुभावों, मेरे आदरणीय अध्यापक एवं मेरे प्यारे साथी भाई-बहनों को सुप्रभात। मैं आज इस कार्यक्रम को मनाने के अवसर पर जल बचाओ के विषय पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। आशा है कि, आप सभी मेरे भाषण के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेंगे। जैसा कि हम सभी हमारे जीवन में पानी के महत्व के बारे में जानते हैं। पानी हमारे शरीर की लगभग सभी क्रियाओं जैसे: पाचन, उन्मूलन, आत्मसात, श्वसन, शरीर के तापमान को बनाए रखने, आदि कार्यों में शामिल होता है। यह हमारे शरीर की प्यास को कम करने में आवश्यक होता है। हम कुछ दिनों तक बिना भोजन के जीवित रह सकते हैं परन्तु बिना पानी के एक दिन से ज्यादा जीवन की कोई संभावना ही नहीं है।

धरती पर पीने योग्य पानी का स्तर केवल 1% है, जोकि बहुत कम है और अन्य पानी के स्रोत खारे व अधिक लवणता का स्तर लिए हुये हैं जो सजीवों के लिए प्रयोग रहित है। सभी के लिए शरीर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पानी की जरुरत है जैसे; पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, सूक्ष्म-जीव, मनुष्य आदि। क्या हम उस दिन की कल्पना कर सकते हैं यदि पीने योग्य पानी खत्म हो जाए या पूरी तरह से प्रदूषित हो जाए। हाँ, यही वो मुख्य सवाल है, जिसने सभी की आँखें खोल दी और सभी स्थानों जो हमसे संबंधित हैं जैसे; घर, आसपास के क्षेत्र, ऑफिस, स्कूल, कॉलेज आदि पर जल बचाओ शुरु कर दिया है।

हमें पीने योग्य पानी के अतिरिक्त खर्च के साथ ही साथ जल बचाओ की विभिन्न तकनीकों के द्वारा पानी को प्रदूषित होने से रोकना चाहिए। आज-कल, औद्योगिकीकरण और तकनीकी रुप से सुधरते संसार में, सुरक्षित पानी बड़े स्तर पर सैकड़ों टन विषाक्त पदार्थों और मिलावट के साथ (औद्योगिक कचरे से) प्रदूषित होता जा रहा है। गंदे पानी को स्वच्छ और जैविकरुप से सुरक्षित बनाने के लिए बहुत से जल बचाओ के उपाय प्रयोग किए जाते हैं हालांकि, बहुत बार ये परीक्षण के बाद भी कुछ रोगजनक बैक्टीरिया (जिराडिया और क्रिप्टोस्पोरिडियम) के पाये जाने के बाद विफल हो गए।

कभी-कभी जहरीले रसायन और अकार्बनिक खनिजों की उपस्थिति भी विभिन्न रोगों का कारण बनती है। बीमारियों से बचने के लिए बहुत अधिक संख्या में लोगों ने मिनरल वाटर पीना शुरु कर दिया है। यदि हम प्रतिदिन पीने योग्य पानी को ऐसे ही बरबाद और प्रदूषित करते रहेंगे, तो निश्चित ही वो दिन दूर नहीं जब हमें शुद्ध पानी (ऑक्सीजन युक्त, निशुल्क विषाक्त रसायन, रेडियोधर्मी और रासायनिक यौगिकों के रुप में लगे लेबल के साथ) प्राप्त होगा। यहाँ कुछ बिन्दू दिए गए हैं जिनका प्रयोग करके पीने योग्य पानी को बचाया जा सकता है।

  • हमें बिना किसी उद्देश्य के पानी को बरबाद नहीं करना चाहिए। अनावश्यक पानी के बहाव को रोकने के लिए सभी टंकियों को ठीक से बंद रखना चाहिए।
  • लॉन की सिंचाई में अतिरिक्त पानी को बरबाद नहीं करना चाहिए। क्योंकि लॉनों में गर्मी के मौसम में पानी की आवश्यकता 5वें या 7वें दिन और वहीं सर्दियों में 10वें से 14वें दिन पड़ती है।
  • लोगों को घर खरीदते समय लीकेज मुक्त घर को खरीदना चाहिए।
  • रिसाव करने वाली सभी टंकियों को जल्द से जल्द वासर को स्थान्तरित करने के माध्यम से ठीक कराना चाहिए क्योंकि इससे प्रतिवर्ष 2700 गैलन पानी का रिसाव होता है।
  • शौचालय टैंक के रिसाव को समय-समय पर टैंक पर खाद्य रंग का प्रयोग करने के द्वारा निरक्षण करना चाहिए (यदि कहीं भी रिसाव होगा तो इसके माध्यम से कुछ ही समय में प्रदर्शित हो जाएगा)।
  • शौचालय में कभी भी अधिक समय तक अनावश्यक रुप से फ्लश या शॉवर का प्रयोग नही करना चाहिए क्योंकि इससे अधिक पानी की हानि होती है।
  • लोगों को नहाने के लिए केवल आवश्यक पानी की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
  • हाथ धोते समय, मंजन करते समय या वेशिन पर मुँह धोते समय लोगों को अधिक पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए, इसके स्थान पर पानी के जग का इस्तेमाल करना या साबुन से हाथ धोते समय, ब्रश करते समय या चेहरा साफ करते समय टंकी को बन्द करके रखना ज्यादा अच्छा है।
  • जल बचाने के लिए स्वचलित डिशवाशर और कपड़े धोने की मशीन को तभी चलाना चाहिए जब वो पूरी तरह से भरी हो।
  • सभी को पीने योग्य पानी को लम्बे समय के लिए बार-बार टंकी खोलने के स्थान पर बड़े कंटेनर में रखना चाहिए।

सभी महानुभावों, अध्यापकों और मेरे प्यारे साथियों को नमस्ते। मैं आज इस महान अवसर पर यहाँ आप सभी के सामने जल बचाओ के विषय पर कुछ कहना चाहता/चाहती हूँ। मैं अपने कक्षा अध्यापक का/की बहुत आभारी हूँ जिन्होंने मुझे इस महान अवसर पर इस महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार रखने का मौका दिया। जल बचाओ वो तकनीक है, जिसके माध्यम से भविष्य के लिए विभिन्न प्रभावी तरीकों का प्रयोग करके पीने योग्य सुरक्षित पानी को संरक्षित किया जाता है। शुद्ध जल के प्रबंध को स्थायी संसाधन के रुप में पानी की मांग को पूरा करने से जीवन की रक्षा के लिए विभिन्न रणनीतियों और गतिविधियों की आवश्यकता है।

इस विशाल आबादी वाले संसार के लिए पीने के पानी का कम होना और विशेष रुप से लोगों की विनिर्माण और कृषि सिंचाई के लिए बढ़ती हुई आवश्यकताओं के लिए एक बहुत गंभीर विषय है। यह ऊर्जा के प्रयोग को कम करता है क्योंकि जल प्रबंधन को लगभग कुल ऊर्जा की खपत का लगभग 15% की आवश्यकता होती है। यह स्थानीय वन्य जीवन और पलायन जल-पक्षियों के निवास स्थान के संरक्षण के लिए भी आवश्यक है। यह बांधों के निर्माण की आवश्यकता या नदियों के दिशा परिवर्तन की आवश्यकता को भी कम करता है।

पीने योग्य ताजे पानी के संरक्षण के लिए हमें जल की हानि को रोकने, पानी की प्राकृतिक गुणवत्ता के खराब होने से रोकने और जल प्रबंधन के कार्यों को व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। स्थानीय स्तर पर पानी की समस्या को हल करने के लिए सरकार द्वारा बहुत से जल बचाओ के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कुछ सामान्य रणनीतियाँ जैसे सार्वजनिक पहुँच वाले अभियान, पानी का बाहरी उपयोग कम करना आदि हैं।

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि यदि सभी के लिए पानी का परिमाण किया जाए तो यह लगभग 20 से 40 प्रतिशत पानी की खपत को कम करेगा। पानी का परिमाणीकरण लोगों के बीच में जागरुकता लाने के लिए भी आवश्यक है क्योंकि परिमाणीकरण करने से सभी के द्वारा पानी के रिसाव की जाँच की जाएगी। इसका प्रभावी प्रयोग जल विभाग द्वारा समाज में प्रत्येक परिवार के द्वारा प्रयोग किए जाने वाले पानी की मात्रा को ज्ञात करने में किया जा सकता है। लोगों के द्वारा घरों में विभिन्न जल बचाने की तकनीकी वाले उपकरणों का प्रयोग करके जैसे; शौचालय में फ्लश, शॉवर, छिड़कने वाले साधन, फव्वारे, कपड़े धोने की मशीन, डिश वाशर आदि के द्वारा पानी की खपत को कम करना है।

घरेलू उपकरणों में जल बचाओ तकनीक जैसे कम प्रवाह वाले शॉवर (जिन्हें ऊर्जा प्रभावी शॉवर हैड भी कहा जाता है), कम फ्लश वाले शौचालय, शौचालय खाद, दोहरी फ्लश शौचालय (पारंपरिक शौचालय की तुलना में लगभग 67% कम पानी का उपयोग करता है), फैल्यूकेट एरिरेटर्स, कच्चे पानी का प्रयोग (शौचालय में समुद्र के पानी या गैर शुद्ध पानी का उपयोग), पानी का पुनः प्रयोग या पानी को रिसाइकिल करना, वर्षा जल संचयन, उच्च दक्षता के साथ कपड़े धोना, मौसम आधारित सिंचाई नियंत्रक, सभी जगह कम प्रवाह वाली टंकियाँ, जल वाष्पीकरण को रोकने के लिए ढके हुये स्विमिंग पूल, स्वचालित नल, पानी रहित कारों की धुलाई आदि बहुत बड़े स्तर पर पानी की खपत को कम करता है और यदि इसका प्रयोग दैनिक आधार पर किया जाए तो अधिक पानी बचाया जा सकता है। किसानों द्वारा कृषि में प्रयोग किए जाने वाले उपकरण भी जल बचाओ तकनीकी के होने चाहिए जिससे फसल की सिंचाई करते समय पानी की खपत को कम किया जा सके।

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  • Speech Writing /

Save Water Speech in Hindi : स्कूल में पानी बचाव पर इस तरह भाषण देने पर नहीं रुकेंगी तालियाँ

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  • Updated on  
  • December 3, 2024

Save Water Speech in Hindi

पानी, प्रकृति का सबसे अनमोल उपहार है, जिसके बिना जीवन की कल्पना भी असंभव है। हमारी पृथ्वी का 70% हिस्सा पानी से घिरा होने के बावजूद, पीने योग्य पानी की मात्रा लगातार घटती जा रही है। शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और बढ़ती जनसंख्या के कारण पानी की कमी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। ऐसे में, पानी की बचत हमारी जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि आज और आने वाली पीढ़ियों के लिए अनिवार्य कर्तव्य है और आज की तेजी से बदलती दुनिया में जल संकट एक गंभीर मुद्दा बन गया है। इसलिए, यह ब्लॉग छात्रों के लिए रचनात्मक और प्रेरणादायक पानी बचाव पर भाषण (Save Water Speech in Hindi) तैयार करने में मदद करेगा, जिससे वे स्कूल में अतिथियों, शिक्षकों और सहपाठियों के सामने प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रख सकें।

This Blog Includes:

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100 शब्दों में प्रभावी पानी बचाव पर भाषण (Save Water Speech in Hindi) देने के लिए यह प्रेरणादायक उदाहरण देखें –

माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों, नमस्ते! 

आज मैं आप सभी से पानी बचाने की अपील करना चाहता हूँ। पानी हमारे जीवन का अहम हिस्सा है, और यह जीवन के लिए बेहद आवश्यक है। दुर्भाग्यवश, पानी की कमी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। अगर हम नल का पानी अनावश्यक रूप से बहने से रोकें, बारिश के पानी को संचित करें, और पानी का समझदारी से उपयोग करें, तो हम न केवल अपनी जरूरतों को पूरा कर पाएंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी इसे बचा पाएंगे। आइए, हम सब मिलकर पानी बचाने की शपथ लें। 

200 शब्दों में प्रभावी पानी बचाव पर भाषण (Save Water Speech in Hindi) देने के लिए यह प्रेरणादायक उदाहरण देखें –

माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों, सभी को नमस्कार! 

आज मैं यहाँ एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करने के लिए खड़ा हूँ – पानी की बचत। पानी हमारे जीवन का सबसे अनमोल और आवश्यक संसाधन है। बिना पानी के जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है। फिर भी, हम इसे बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पानी की कमी एक वैश्विक संकट बन चुका है, और इसे रोकने के लिए अब हमें जागरूक होना पड़ेगा।

हमें अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव करने होंगे। जैसे, जब हम ब्रश करते हैं तो नल को बंद रखें, जब बगीचे में पानी दें तो सही मात्रा में ही पानी का उपयोग करें, और बारिश के पानी को संचित करने की कोशिश करें। इसके अलावा, हमें समाज में पानी की अहमियत को समझाना होगा। “जल है तो जीवन है” – यह प्रसिद्ध स्लोगन हमें यह याद दिलाता है कि अगर जल नहीं बचा, तो जीवन भी संकट में आ सकता है।

आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम पानी बचाने के हर संभव प्रयास करेंगे, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस अमूल्य धरोहर का सही तरीके से उपयोग कर सकें।

400 शब्दों में प्रभावी पानी बचाव पर भाषण (Save Water Speech in Hindi) देने के लिए यह प्रेरणादायक उदाहरण देखें –

माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों,

आज मैं आप सभी के सामने एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक विषय “पानी बचाव” पर अपने विचार प्रस्तुत करने आया हूँ। पानी हमारे जीवन का आधार है, इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जल जीवन के लिए अमूल्य है, लेकिन दुर्भाग्यवश आज यह हमारे लिए एक गंभीर संकट बन चुका है।

हमारे दैनिक जीवन में कई ऐसे अवसर होते हैं जब हम अनजाने में पानी की बर्बादी कर देते हैं। कभी नल खुला छोड़ देना, तो कभी गाड़ी धोते समय अधिक पानी का इस्तेमाल करना, या फिर बगीचे में अधिक पानी देना, ये सभी हमारे द्वारा की जाने वाली बर्बादी के उदाहरण हैं। हमें इन आदतों को बदलना होगा, ताकि हम पानी की बचत कर सकें और इसे आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रख सकें।

पानी बचाने के कई सरल उपाय हैं जिन्हें हम अपनी दिनचर्या में आसानी से अपना सकते हैं। सबसे पहला और प्रभावी उपाय है वर्षा जल संग्रहण। बारिश के पानी को इकट्ठा करके हम उसे सिंचाई, बर्तन धोने और अन्य कार्यों में पुनः उपयोग कर सकते हैं। यह तरीका न केवल पानी बचाने में मदद करता है, बल्कि यह जलस्तर को भी बढ़ाता है।

इसके अलावा, हमें घरों में पानी के पुन: उपयोग के तरीकों को भी अपनाना चाहिए। जैसे, बाथरूम में इस्तेमाल किए गए पानी को बगीचे में सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सकता है। किचन के पानी को साफ करके इसका पुन: उपयोग भी एक अच्छा उपाय है।

कृषि और उद्योगों में भी जल संरक्षण के उपायों की आवश्यकता है। किसानों को ड्रिप इरिगेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना चाहिए, ताकि कम पानी में अधिक फसलें उगाई जा सकें। इसके अलावा, उद्योगों को भी पानी का पुन: उपयोग और रिसाइक्लिंग करने के उपायों को अपनाना चाहिए।

हम सभी का कर्तव्य है कि हम पानी की महत्ता को समझें और इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास करें। “जल है तो जीवन है” – यह स्लोगन हमें यह समझाता है कि अगर जल का सही उपयोग नहीं किया गया, तो हमारे जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

अंत में, मैं आप सभी से निवेदन करता हूँ कि आप जल की महत्ता को समझें और अपने दैनिक जीवन में पानी की बचत करें। हम सभी मिलकर इस अभियान में शामिल होकर जल संकट से निपट सकते हैं और अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए जल का संरक्षण कर सकते हैं।

500 शब्दों में प्रभावी पानी बचाव पर भाषण (Save Water Speech in Hindi) देने के लिए यह प्रेरणादायक उदाहरण देखें –

माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा नमस्कार।

आज मैं आप सभी के सामने एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय “पानी बचाव” पर अपने विचार प्रस्तुत करने आया हूँ। पानी हमारे जीवन का आधार है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जल जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि न केवल यह पीने के लिए, बल्कि कृषि, उद्योग और अन्य आवश्यकताओं के लिए भी जरूरी है। लेकिन दुख की बात है कि आज जल संकट हमारे सामने एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, और अगर हम इसे रोकने के लिए समय रहते कदम नहीं उठाते, तो भविष्य में हमें भीषण जल संकट का सामना करना पड़ेगा।

हमारे दैनिक जीवन में कई ऐसे अवसर होते हैं जब हम अनजाने में ही पानी की बर्बादी कर देते हैं। उदाहरण स्वरूप, नल खुले छोड़ देना, गाड़ी धोते समय पानी का अत्यधिक उपयोग करना, बगीचे में अधिक पानी देना, और स्नान करते समय पानी को व्यर्थ बहाना। इन आदतों को बदलने की जरूरत है। यदि हम रोज़मर्रा की जिंदगी में इन छोटी-छोटी आदतों में सुधार करें, तो हम जल की बचत कर सकते हैं।

वर्षा जल संग्रहण एक महत्वपूर्ण उपाय है जिससे हम पानी की बचत कर सकते हैं। हम वर्षा के पानी को इकट्ठा करके उसे बगीचे की सिंचाई, घर में पानी के अन्य कामों के लिए उपयोग कर सकते हैं। इससे न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि जलस्तर को भी बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा, हमें अपने घरों में पानी के पुन: उपयोग के तरीकों को अपनाना चाहिए। जैसे, बाथरूम और किचन का पानी पुन: प्रयोग करके हम बहुत सारी पानी की बचत कर सकते हैं।

कृषि और उद्योगों में भी जल की बचत के उपाय अपनाने होंगे। हमारे देश में कृषि सबसे बड़ा जल उपभोक्ता है, और हमें इस क्षेत्र में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीकों को अपनाकर हम कम पानी में अधिक फसलें उगा सकते हैं। उद्योगों में भी पानी की रिसाइक्लिंग और पुन: उपयोग के उपायों को अपनाना जरूरी है।

हमारे देश में कई ऐसे स्थान हैं जहां जल की भारी कमी है। वहाँ के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं। हमें उनकी पीड़ा को समझना होगा और जल की बर्बादी रोकनी होगी। जल का सही उपयोग करना हमारी जिम्मेदारी है। हमें जल की हर बूंद को सहेजना होगा और इसे व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए।

हमें यह समझना होगा कि जल का कोई विकल्प नहीं है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण संसाधन है, जिसे हम बिना किसी कारण के नष्ट नहीं कर सकते। अगर आज हमने पानी की बचत नहीं की तो भविष्य में हमें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। जल का संरक्षण केवल हमारे लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आवश्यक है। हम सभी को यह समझना होगा कि जल है तो जीवन है।

अंत में, मैं आप सभी से यही निवेदन करता हूँ कि आप जल की महत्ता को समझें और अपने दैनिक जीवन में पानी की बचत करें। हमें जल की सहेजने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी यह अमूल्य संसाधन प्राप्त हो। “जल है तो जीवन है” इस बात को हमेशा याद रखें।

1000 शब्दों में प्रभावी पानी बचाव पर भाषण (Save Water Speech in Hindi) देने के लिए यह प्रेरणादायक उदाहरण देखें –

माननीय अतिथिगण, प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा सादर नमस्कार।

आज मैं आप सभी के सामने एक अत्यंत महत्वपूर्ण और समय की आवश्यकता वाले विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए खड़ा हूँ, और वह है “पानी बचाव”। जैसा कि हम सभी जानते हैं, पानी हमारे जीवन का सबसे आवश्यक और अनमोल संसाधन है। इसके बिना जीवन की कल्पना करना भी संभव नहीं है। लेकिन, यह भी कड़वा सत्य है कि आज हम जिस जल संकट से जूझ रहे हैं, वह भविष्य में और भी गंभीर रूप ले सकता है। यह संकट केवल हमारे देश या हमारे शहर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।

हमारे दैनिक जीवन में बहुत सी आदतें हैं, जिनमें हम अनजाने में या लापरवाही से पानी की बर्बादी करते हैं। जैसे नल खुला छोड़ देना, गाड़ी धोने के दौरान पानी का अत्यधिक उपयोग, बिना आवश्यकता के बगीचे में पानी देना, और यहां तक कि स्नान करते समय पानी का अति प्रयोग करना। इस प्रकार की आदतें न केवल हमारे लिए बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक हैं। हमें इन आदतों को बदलने की आवश्यकता है।

“जल ही जीवन है” – यह प्रसिद्ध वाक्य हम सभी ने सुना है, लेकिन क्या हम सचमुच इसका मतलब समझते हैं? जल का कोई विकल्प नहीं है, और यह पृथ्वी पर एक सीमित संसाधन है। आज हम जिस पानी का इस्तेमाल करते हैं, वह कल हमारे बच्चों के लिए उपलब्ध नहीं हो सकता। अगर हम अपनी आदतें और व्यवहार नहीं बदलते, तो हम पानी की बर्बादी के कारण आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संकट पैदा कर देंगे।

हमें यह समझना होगा कि जल का हर एक स्रोत अमूल्य है। बारिश का पानी, नदी का पानी, तालाबों और झीलों का पानी – सभी का संरक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है। एक सरल उदाहरण लीजिए – हम जब बारिश होती है, तो बारिश का पानी व्यर्थ बहता हुआ दिखाई देता है। क्या हम इसे सहेजने के बारे में सोचते हैं? क्या हम उस पानी को इकट्ठा करने का कोई प्रयास करते हैं? वर्षा जल संचयन एक ऐसी तकनीक है जो हमें पानी की बचत करने में मदद कर सकती है। यदि हम वर्षा के पानी को संग्रहित करें, तो हमें अन्य जल स्रोतों पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे न केवल हमारे पानी का संकट कम होगा, बल्कि हमें भविष्य में जल स्तर बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

वहीं दूसरी ओर, जल पुनर्चक्रण भी एक महत्वपूर्ण कदम है। हम अपने घरों में पानी का पुन: उपयोग करने के तरीकों को अपनाकर भी जल बचा सकते हैं। जैसे, बाथरूम और किचन का पानी पुनः उपयोग करके हम बहुत सारा पानी बचा सकते हैं। जब भी हम गाड़ी धोते हैं या बगीचे में पानी देते हैं, तो हमें पानी को पुनः प्रयोग में लाने के बारे में सोचना चाहिए।

कृषि और उद्योगों में भी जल की बचत के उपाय अपनाने होंगे। भारत में कृषि सबसे बड़ा जल उपभोक्ता है, और हमें यहाँ भी बदलाव की आवश्यकता है। ड्रिप इरिगेशन जैसी जल बचत तकनीकों को अपनाकर हम कम पानी में अधिक फसलें उगा सकते हैं। इसके अलावा, सिंचाई के समय हमें पानी की सही मात्रा का उपयोग करना चाहिए और कृषि में अन्य जल संरक्षण उपायों को भी बढ़ावा देना चाहिए। उद्योगों में भी जल पुनर्चक्रण और जल उपयोग के तरीके सुधारे जा सकते हैं।

हमारे देश के कई हिस्सों में पानी की भारी कमी है। वहाँ लोग पानी के लिए तरसते हैं। उदाहरण के तौर पर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में जल संकट गहरा है। वहाँ के लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमें उनकी इस स्थिति को समझने की आवश्यकता है और जल की बचत को अपनी जिम्मेदारी माननी चाहिए। यदि हम अब भी जल का सदुपयोग नहीं करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को हमें बहुत बड़ा नुकसान होगा।

पानी की बचत केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारे सामाजिक और आर्थिक जीवन से भी जुड़ा हुआ है। अगर हम पानी की बचत करेंगे तो इसका सकारात्मक असर हमारे समाज पर भी पड़ेगा। इससे हमारे जल स्रोत सुरक्षित रहेंगे और जल संकट के प्रभाव को कम किया जा सकेगा।

अब सवाल उठता है, हम अपने व्यक्तिगत जीवन में पानी बचाने के लिए क्या कर सकते हैं? सबसे पहले तो हमें अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा। जैसे नल को बंद करना, गाड़ी धोते समय बाल्टी का उपयोग करना, बगीचे में पानी देने के लिए टपकन (drip irrigation) तकनीक का उपयोग करना, और शॉवर की जगह बाल्टी का उपयोग करना। इसके अलावा, जब भी हम कहीं बाहर जाएं, तो हमें पानी के सही उपयोग की आदत डालनी चाहिए।

हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने आस-पास के लोगों को भी पानी की बचत के बारे में जागरूक करें। अगर हर एक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे, तो हम सब मिलकर एक बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।

हमारे देश की सरकार और कई गैर सरकारी संगठन भी जल संरक्षण के लिए कई कदम उठा रहे हैं, लेकिन हम सभी को इस प्रयास में शामिल होना होगा। “जल ही जीवन है” इस विचार को हमें केवल शब्दों तक सीमित नहीं रखना है, बल्कि इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा।

अंत में, मैं आप सभी से यही निवेदन करता हूँ कि जल के महत्व को समझें और अपनी आदतों में बदलाव लाकर जल की बचत करें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जल को सहेजें और आने वाली पीढ़ियों के लिए इस अनमोल संसाधन को बचाकर रखें। जल बचाना न केवल हमारे लिए, बल्कि पूरे पृथ्वी के लिए आवश्यक है।

पानी बचाव पर भाषण (Save Water Speech in Hindi) तैयार करने के लिए कुछ टिप्स इस प्रकार हैं –

  • पानी बचाव के महत्व और इससे जुड़े आंकड़े जुटाएं।
  • श्रोताओं का ध्यान खींचने के लिए एक प्रेरणादायक उद्धरण या किस्सा शामिल करें।
  • पानी की बर्बादी के कारण, इसके प्रभाव और बचत के उपायों पर चर्चा करें।
  • यदि आपने खुद पानी बचाने के कोई उपाय अपनाए हैं, तो उन्हें साझा करें।
  • श्रोताओं को प्रेरित करने के लिए एक सकारात्मक संदेश के साथ भाषण समाप्त करें।

पानी बचाने के लिए सबसे पहला कदम है नल को बंद करना। कई बार हम ब्रश करते वक्त या हाथ धोते वक्त नल खुला छोड़ देते हैं, जो पानी की बर्बादी का कारण बनता है। गाड़ी धोते समय भी बहुत से लोग अत्यधिक पानी का उपयोग करते हैं, लेकिन यदि बाल्टी का उपयोग किया जाए तो पानी बचाया जा सकता है। बगीचे में सिंचाई करते समय टपकन प्रणाली का उपयोग करना एक और अच्छा उपाय है, जिससे पानी सीधे पौधों की जड़ों में पहुंचता है और कोई बर्बादी नहीं होती। इसके अलावा, हमें शॉवर की बजाय बाल्टी से स्नान करना चाहिए, जिससे पानी की खपत कम होती है। घर में पानी का पुनः उपयोग भी एक अच्छा उपाय है, जैसे वॉश बेसिन या बाथरूम का पानी पुनः उपयोग करना। इन सभी उपायों को अपनाकर हम पानी की बचत कर सकते हैं।

वर्षा जल संग्रहण एक प्रभावी तरीका है जिससे हम पानी की बचत कर सकते हैं। इसे करने के लिए, सबसे पहले छतों और अन्य सतहों पर पानी इकट्ठा करने के लिए पाइप और गड्ढों का उपयोग किया जाता है। वर्षा के पानी को एकत्र करने के लिए पाइपों को छत से जोड़कर उसे एक टैंक में भेजा जाता है। इस संग्रहित पानी का उपयोग कृषि, बगीचे की सिंचाई, और घरेलू कामों के लिए किया जा सकता है। वर्षा जल संग्रहण न केवल जल संकट को कम करने में मदद करता है, बल्कि यह पानी का एक स्थायी और प्राकृतिक स्रोत प्रदान करता है।

पानी की बर्बादी के कई कारण हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख कारण नल को बिना उपयोग के खुले छोड़ देना है। ऐसा अक्सर तब होता है जब हम ब्रश करते हैं, हाथ धोते हैं या बर्तन धोते हैं। इसके अलावा, गाड़ी धोते समय अत्यधिक पानी का उपयोग भी एक आम समस्या है। बगीचे में सिंचाई के दौरान भी बहुत से लोग अधिक पानी देते हैं, जो कि बेवजह होता है। अन्य कारणों में पानी के गलत उपयोग की आदतें, जैसे बिना किसी आवश्यकता के लगातार पानी छोड़ना, शामिल हैं। इन सभी कारणों को समझकर हमें अपनी आदतों को बदलने की आवश्यकता है और पानी की बर्बादी को रोकना होगा।

कृषि में पानी की बचत के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। सबसे प्रभावी उपाय ड्रिप इरिगेशन है, जिसमें पानी सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचता है, जिससे पानी की खपत कम होती है और अधिकतम लाभ मिलता है। स्प्रिंकलर प्रणाली का उपयोग भी सिंचाई के लिए एक अच्छा तरीका है, जो पानी का समान रूप से वितरण करता है और बर्बादी को रोकता है। इसके अलावा, मल्चिंग एक प्रभावी तकनीक है, जिससे मिट्टी को ढकने से पानी की वाष्पीकरण दर कम होती है और मिट्टी में नमी बनी रहती है। सिंचाई के समय का सही चयन भी जरूरी है ताकि अधिक पानी की खपत से बचा जा सके।

घर में पानी की बचत के लिए कई उपकरण उपलब्ध हैं, जो हमारी पानी की खपत को कम करने में मदद कर सकते हैं। वॉटर-एफिशिएंट फिटिंग्स का उपयोग करें, जैसे कम पानी वाली शावर और सिंक, जो पानी का उपयोग नियंत्रित करते हैं। फ्लशिंग सिस्टम में पानी की बचत के लिए कम फ्लश वाले उपकरणों का उपयोग करें, जो आवश्यक पानी ही उपयोग करते हैं। पानी का माप करने के लिए वॉटर मीटर का उपयोग किया जा सकता है, जिससे हम जान सकते हैं कि कितनी पानी की खपत हो रही है। घरों में पानी के पुनर्चक्रण के लिए फिल्टरेशन सिस्टम भी स्थापित किया जा सकता है, जिससे गंदा पानी साफ होकर पुनः उपयोग के लायक बन जाता है। इन उपकरणों का उपयोग करके हम घर में पानी की बचत कर सकते हैं।

स्कूल में पानी बचाने के लिए कई उपाय अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहले, स्कूल में पानी पुनर्चक्रण की व्यवस्था की जा सकती है, जिससे उपयोग किए गए पानी को फिर से उपयोग में लाया जा सके। छात्रों और शिक्षकों को पानी की बचत के महत्व के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे खुद भी पानी बचाने के उपाय अपनाएं। छात्रों को यह सिखाया जा सकता है कि नल बंद करना एक सरल और प्रभावी उपाय है। स्कूल के बगीचों के लिए टपकन प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है, जिससे पानी का उपयोग अधिक प्रभावी तरीके से हो। इन उपायों को लागू करने से स्कूल में पानी की खपत को कम किया जा सकता है।

विकासशील देशों में पानी की कमी के कई कारण हैं। सबसे पहला कारण अत्यधिक जनसंख्या वृद्धि है, जिसके कारण पानी की खपत अधिक हो रही है। इसके अलावा, इन देशों में वर्षा की अनियमितता है, जिससे जल स्रोतों में कमी होती है। जल प्रबंधन की कमी भी एक बड़ा कारण है, जिससे पानी का उचित उपयोग नहीं हो पाता। जल स्रोतों का प्रदूषण, जैसे नदी और तालाबों में कचरा डालना, पानी की गुणवत्ता को खराब करता है। कृषि में पानी का अति उपयोग भी इन देशों में जल संकट का कारण बनता है। इन समस्याओं को हल करने के लिए हमें जल स्रोतों का सही प्रबंधन, जल पुनर्चक्रण, और पानी की बचत के उपायों को अपनाना होगा।

पानी बचाओ का नारा है “जल है तो जीवन है”, जो हमें यह समझाता है कि जल जीवन का आधार है। यदि हम जल का सही उपयोग नहीं करेंगे, तो भविष्य में हमें जल संकट का सामना करना पड़ेगा। यह नारा लोगों को जल के महत्व के प्रति जागरूक करता है और इस बात को समझाता है कि पानी की हर बूंद अमूल्य है। हमें इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, क्योंकि जल ही जीवन की सबसे बुनियादी आवश्यकता है।

जल संरक्षण के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, हमें वर्षा के पानी को इकट्ठा करने की प्रणाली को अपनाना चाहिए। वर्षा जल संचयन से हम पानी को बचा सकते हैं और उसका पुन: उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, घर में पानी का उपयोग करते समय नल को बंद रखना चाहिए, जैसे कि जब हम ब्रश करते हैं या बर्तन धोते हैं। शॉवर के बजाय बाल्टी से स्नान करना भी एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें पानी की खपत कम होती है। गाड़ी धोते समय पानी की बर्बादी से बचने के लिए बाल्टी का उपयोग करें। बगीचे में पानी देने के लिए टपकन प्रणाली (drip irrigation) का प्रयोग करें, जिससे पानी की कम खपत होती है। खेती में भी जल के सही उपयोग के लिए स्प्रिंकलर और ड्रिप इरिगेशन जैसी प्रणालियों का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, जल पुनर्चक्रण प्रणाली (water recycling) का प्रयोग करना चाहिए, जिससे पानी का पुनः उपयोग किया जा सके। हमें अपने आस-पास के लोगों को भी पानी बचाने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि यह मुहिम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। जल की बचत को जीवन का हिस्सा बनाकर ही हम जल संकट से बच सकते हैं।

पानी की बचत करने के लिए सबसे पहले हमें नल को खुला छोड़ने से बचना चाहिए। घर के हर सदस्य को पानी के महत्व को समझाकर उन्हें इसे बचाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। ब्रश करते वक्त और बर्तन धोते वक्त नल बंद रखने से बहुत पानी बचाया जा सकता है। गाड़ी धोने के लिए पानी की बर्बादी को रोकने के लिए बाल्टी का इस्तेमाल करें। शॉवर के बजाय बाल्टी से स्नान करें, क्योंकि शॉवर से ज्यादा पानी बर्बाद होता है। बगीचे में पानी देने के लिए टपकन प्रणाली का उपयोग करें, जो पानी की खपत को काफी कम करता है। वर्षा के पानी को संग्रहित करना एक शानदार तरीका है जिससे हम पानी की बचत कर सकते हैं। जल पुनर्चक्रण प्रणाली को घरों और उद्योगों में अपनाना चाहिए ताकि पानी का पुनः उपयोग हो सके। अगर हम कृषि में ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर का इस्तेमाल करें तो पानी की बचत हो सकती है। इस तरह के उपायों को अपनाकर हम अपने दैनिक जीवन में पानी की बचत कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए जल का संरक्षण कर सकते हैं।

“जल है तो जीवन है” यह जल बचाने का मूल मंत्र है, जो हमें यह समझाता है कि पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जल के महत्व को समझकर ही हम इसका सही उपयोग कर सकते हैं। अगर हम जल का बर्बादी करने से बचें और इसे बचाने के उपायों को अपनाएं, तो हम न केवल अपनी बल्कि आने वाली पीढ़ियों की भी मदद कर सकते हैं। यह मंत्र हमें प्रेरित करता है कि हम जल के संरक्षण के प्रति जिम्मेदार बनें और जल संकट को हल करने के लिए कदम उठाएं।

जल की सुरक्षा के लिए सबसे पहले हमें जल के स्रोतों का संरक्षण करना चाहिए। नदियाँ, तालाब, झीलें और अन्य जल स्रोत हमारे जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन्हें प्रदूषण से बचाने के लिए हमें इन स्थानों पर कचरा नहीं फेंकना चाहिए और जल को साफ रखने के लिए कदम उठाने चाहिए। वर्षा जल संग्रहण प्रणाली को अपनाकर हम वर्षा के पानी को बचा सकते हैं और उसे भविष्य में उपयोग में ला सकते हैं। जल पुनर्चक्रण की प्रक्रिया को घरों, उद्योगों और कृषि में लागू करके हम जल की बचत कर सकते हैं। हमें जल का जिम्मेदारी से उपयोग करना होगा और इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि जल के प्राकृतिक स्रोतों की रक्षा की जा सके। जल की सुरक्षा केवल एक व्यक्ति या देश की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम सभी का प्रयास होना चाहिए।

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उम्मीद है कि यह ब्लॉग छात्रों को पानी बचाव पर भाषण (Save Water Speech in Hindi) लिखने में मदद करेगा। स्पीच राइटिंग से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

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जल बचाओ पर भाषण | Save Water Speech in Hindi For students

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  • 1 जल बचाओ भाषण – 1 -Save Water Speech in Hindi
  • 2 जल बचाओ भाषण – 2 – Short Speech On Save Water In Hindi
  • 3 जल बचाओ भाषण – 3-Long Speech On Save Water In Hindi
  • 4 जल बचाओ भाषण – 4

जल बचाओ भाषण – 1 -Save Water Speech in Hindi

महानुभावों, आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्रिय साथियों को सुप्रभात। मैं आज इस विशेष अवसर पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय “पानी बचाओ” पर भाषण देना चाहता हूं। साथ ही सभी जानते हैं कि पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता के लिए पानी किस प्रकार महत्वपूर्ण है। यह सभी (मनुष्य, पशु, पौधे और अन्य सूक्ष्मजीव) की सबसे बुनियादी जरूरत है। जल जीवन का अनुपम स्रोत है, जल के बिना हम यहां जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। अन्य ग्रहों पर जीवन केवल जल के अभाव के कारण संभव नहीं है। इसे अन्य ज्ञात खगोलीय पिंडों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। पृथ्वी का लगभग तीन-चौथाई भाग जल से आच्छादित है और यह जीवित विश्व का लगभग 60-70% है। ऐसा लगता है कि पानी पृथ्वी पर अंतहीन अक्षय स्रोत है क्योंकि यह पूरे पृथ्वी पर वाष्पीकरण और बारिश के माध्यम से पुनर्जीवित और पुनर्वितरित होता है। हमारे मन में यह सवाल उठता है कि अगर पानी अक्षय स्रोत है तो हमें पानी की चिंता क्यों करनी चाहिए और इसे बचाने का प्रयास करना चाहिए।

दरअसल, धरती पर सिर्फ 1% पानी है जो हमारे इस्तेमाल के लायक है। और अन्य जल निकायों में हमारे लिए अनुपयोगी पानी है जैसे 97% खारा समुद्री पानी, 2% पानी ग्लेशियरों और ध्रुवीय बर्फ की टोपी के रूप में। हमारे लिए यहां केवल 1% पानी है जिस पर पूरी दुनिया में एक बड़ी आबादी जीवित रहने के लिए निर्भर है। भोजन के अभाव में पानी के अभाव में मृत्यु अधिक संभव है। हमारे मन में एक बार फिर यह सवाल उठता है कि हम पानी की बचत और संरक्षण की आवश्यकता को समझने में इतनी देर क्यों कर रहे हैं। चूँकि पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव का जीवन जल पर निर्भर है, इसलिए यदि उपयोगी जल गंदा हो जाता है या कम होने लगता है तो स्थिति और खराब हो जाएगी। बाहर से ताजा और पीने योग्य दिखने वाला पानी उद्योगों, कारखानों, सीवर आदि जैसे विभिन्न स्रोतों के माध्यम से हानिकारक और जहरीले तत्वों के साथ मिश्रित हो सकता है और जानवरों, पौधों या मनुष्यों द्वारा निगले जाने पर बीमारी और मृत्यु का कारण बन सकता है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो वास्तव में हमें पानी बचाने में मदद करेंगे:

माता-पिता को अपने बच्चों को जल संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक करना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों को मनोरंजक पानी के खिलौने (जिनके लिए पानी की निरंतर धारा की आवश्यकता होती है) खरीदने से बचना चाहिए।

सभी को पानी की कमी के नियमों और प्रतिबंधों से अवगत होना चाहिए और अपने क्षेत्र में सख्ती से पालन करना चाहिए।

प्रत्येक कर्मचारी को अपने स्वयं के कार्यस्थल पर जल संरक्षण के लिए सक्रिय होना चाहिए और अपने नियोक्ता को अन्य प्रभावी तरीकों से जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

स्कूलों, कॉलेजों, कार्यस्थलों, कार्यालयों, संस्थानों आदि में ओरिएंटेशन मैनुअल और प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक स्टार्टर के लिए जल संरक्षण जागरूकता और सुझाव होना चाहिए।

प्रत्येक समाचार माध्यम जैसे टीवी, समाचार पत्र, रेडियो, एफएम, सामुदायिक समाचार पत्र, बुलेटिन बोर्ड, बैनर आदि पर जल संरक्षण तकनीकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

लोगों को अपने क्षेत्र में (अपने मालिक, स्थानीय अधिकारियों, जिले के जल प्रबंधन) को टूटी हुई पाइप, गलत छिड़काव, खुले हाइड्रेंट, खाली बहने वाले कुओं आदि के माध्यम से पानी के नुकसान से संबंधित किसी भी समस्या की रिपोर्ट करने के लिए अधिक सक्रिय होना चाहिए।

जल संरक्षण जागरूकता को अत्यधिक विकसित किया जाना चाहिए और विशेष रूप से स्कूलों में जागरूक बच्चों को बढ़ावा देना चाहिए अर्थात राष्ट्र का भविष्य।

स्कूली छात्रों को जल संरक्षण पर प्रोजेक्ट तैयार करने का काम सौंपा जाना चाहिए या किसी प्रतियोगिता जैसे वाद-विवाद, चर्चा, निबंध लेखन या भाषण पाठ के दौरान यह विषय दिया जाना चाहिए।

इसे पर्यटन स्तर पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि पर्यटक और आगंतुक जल संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक और समझ सकें।

शिक्षित नागरिक होने के नाते हमें अपने मित्रों और पड़ोसियों को जल के प्रति जागरूक समुदाय में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

सभी को पानी की बचत से संबंधित कार्य करना चाहिए और दिन के अंत तक सख्ती से पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।

जल बचाओ भाषण – 2 – Short Speech On Save Water In Hindi

महानुभावों, आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तों को एक बहुत ही सुप्रभात। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यहां एक साथ आने का मकसद क्या है। मैं प्राकृतिक संसाधनों के विषय पर भाषण देना चाहूंगा। मैं अपने कक्षा शिक्षक का बहुत बहुत आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे इस विशेष अवसर पर यहाँ भाषण देने का इतना अच्छा अवसर दिया। प्राकृतिक संसाधन इस धरती पर प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज हैं और हमें यहां जीवन के आसान अस्तित्व के लिए ईश्वर के उपहार के रूप में दिए गए हैं। विश्व भर में संपूर्ण मानव बिरादरी की प्रगति विभिन्न साधनों में विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करती है। हालाँकि, मानव प्राकृतिक संसाधनों का गलत तरीके से उपयोग कर रहा है जो निश्चित रूप से हमें भविष्य में सभी प्राकृतिक संसाधनों की कुल कमी से पीड़ित होने के लिए प्रेरित करता है। हम संसाधनों का उपयोग केवल अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कर रहे हैं, बिना उन्हें पुन: उत्पन्न किए। प्राकृतिक संसाधन जैसे पानी, पेड़, जंगल, मिट्टी, कोयला, बिजली, तेल, गैस, परमाणु ऊर्जा, खनिज, वनस्पति, वन्य जीवन आदि किसी भी राष्ट्र के समुचित विकास के लिए बहुत आवश्यक हैं।

प्राकृतिक संसाधन ऊर्जा के रूप हैं या भौतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक आर्थिक आदि जैसे विभिन्न पहलुओं में लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं। सभी प्राकृतिक संसाधन हमें जीवन के विभिन्न साधनों में लाभान्वित करते हैं और साथ ही पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में महान भूमिका निभाते हैं। ग्रह। प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं जिन्हें नवीकरणीय संसाधन और गैर-नवीकरणीय संसाधन कहा जाता है। वे संसाधन जिन्हें प्राकृतिक चक्रों द्वारा वापस प्राप्त किया जा सकता है, नवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं। हालाँकि, वे संसाधन जिन्हें प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा फिर से वापस नहीं लाया जा सकता है, उन्हें गैर-नवीकरणीय संसाधन कहा जाता है। मछली, पानी, जंगल, जंगल, फसल, चमड़ा, मिट्टी, सौर ऊर्जा, लकड़ी के उत्पाद आदि जैसे नवीकरणीय संसाधनों का पुनरुत्पादन किया जा सकता है। गैर-नवीकरणीय संसाधन सीमित हैं और इन्हें पुन: उत्पन्न नहीं किया जा सकता है जैसे धातु (जैसे लोहा, जस्ता) , तांबा, आदि), जीवाश्म ईंधन (जैसे कोयला, तेल जमा, आदि), खनिज, लवण (जैसे फॉस्फेट, कार्बोनेट, नाइट्रेट, आदि), पत्थर और बहुत कुछ। एक बार जब हम अपने जीवन में गैर-नवीकरणीय संसाधनों को खो देते हैं, तो हम इसे वापस नहीं पा सकते क्योंकि यह हमेशा के लिए चला गया। गैर-नवीकरणीय संसाधन पुन: प्रयोज्य और गैर-पुनर्नवीनीकरण योग्य हो सकते हैं। एल्यूमीनियम, तांबा, पारा, आदि के अयस्क पुनर्चक्रण योग्य गैर-नवीकरणीय संसाधन हैं और

पृथ्वी पर हमारे जीवन को संभव बनाने के लिए ऐसे सभी प्रकार के प्राकृतिक संसाधन बहुत आवश्यक हैं। इसलिए, हमें दोनों प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और संरक्षण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए।

जल बचाओ भाषण – 3-Long Speech On Save Water In Hindi

महानुभावों, मेरे आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्रिय साथियों को सुप्रभात। इतना अच्छा अवसर मनाते हुए मैं आज पानी बचाओ विषय पर भाषण देना चाहूंगा। आशा है कि आप सभी मेरी मदद करेंगे और मुझे अपने भाषण के उद्देश्यों को पूरा करने देंगे। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में पानी का क्या महत्व है। पानी हमारे शरीर में लगभग सभी प्रक्रियाओं में शामिल होता है जैसे कि पाचन, उन्मूलन, आत्मसात, श्वसन, शरीर का तापमान बनाए रखना आदि। हमारे शरीर की प्यास को दूर करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। हम भोजन के बिना कई दिनों तक जीवित रह सकते हैं लेकिन पानी के बिना एक दिन से अधिक जीने की कल्पना नहीं कर सकते। पृथ्वी पर उपयोगी पेयजल (केवल 1%) का स्तर बहुत कम है और अन्य पानी खारा है और जीवित प्राणियों के लिए उपयोगी नहीं है। शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पौधों, जानवरों, सूक्ष्मजीवों, मनुष्य आदि जैसी हर चीज के लिए पानी की आवश्यकता होती है। क्या हम कल्पना करते हैं कि अगर एक दिन में पीने का पानी खत्म हो जाए या प्रदूषित हो जाए तो क्या होगा। हां, यह मुख्य प्रश्न है जिसने सभी की आंखें खोल दी हैं और हम अपने घर, आसपास के क्षेत्र, कार्यालय, स्कूल, कॉलेज आदि हर जगह पर पानी बचाने लगे हैं।

हमें जल संरक्षण की विभिन्न तकनीकों का पालन करके अपने पीने के पानी को अतिरिक्त खर्च के साथ-साथ प्रदूषित होने से बचाना है। आजकल, तकनीकी सुधार और औद्योगीकरण की दुनिया में, सैकड़ों टन विषाक्त पदार्थों और अशुद्धियों (औद्योगिक कचरे के रूप में) के साथ मिश्रित होकर सुरक्षित पानी दैनिक आधार पर एक बड़े स्तर तक प्रदूषित हो रहा है। गंदे पानी को साफ और बैक्टीरियोलॉजिकल रूप से सुरक्षित बनाने के लिए कई जल उपचारों का उपयोग किया जाता है, हालांकि कई बार परीक्षण के बाद कुछ रोगजनक बैक्टीरिया (जियार्डिया और क्रिप्टोस्पोरिडियम) की उपस्थिति के कारण वे अप्रभावी साबित हुए हैं। कभी-कभी जहरीले रसायनों और अकार्बनिक खनिजों की उपस्थिति भी विभिन्न बीमारियों का कारण बनती है। बीमारियों से बचने के लिए बड़ी संख्या में लोग मिनरल वाटर पीने लगे हैं। यदि हम नियमित रूप से अपने पीने के पानी को नष्ट और गंदा करते हैं, तो निश्चित रूप से एक दिन जल्द ही हमें शुद्ध पानी (ऑक्सीजन समृद्ध, मुक्त विषाक्त पदार्थ, रेडियोधर्मी और रासायनिक यौगिकों के रूप में लेबल) मिलेगा। पीने के पानी को बेहतर तरीके से बचाने में मदद करने के लिए यहां कुछ बिंदु दिए गए हैं:

हमें बिना उद्देश्य के पानी को बहाकर बर्बाद नहीं करना चाहिए। अनावश्यक जल निकासी से बचने के लिए सभी नलों को ठीक से बंद कर देना चाहिए।

बेवजह लॉन की सिंचाई कर पानी बर्बाद न करें। गर्मियों में लॉन को हर 5 से 7 दिन में पानी की जरूरत होती है जबकि सर्दियों में हर 10 से 14 दिन में।

लोगों को यह सत्यापित करना चाहिए कि घर खरीदते समय घर लीक-मुक्त है।

सभी टपकने वाले नलों को वाशर बदलकर जल्द ही ठीक किया जाना चाहिए क्योंकि इससे प्रति वर्ष लगभग 2,700 गैलन पानी की हानि हो सकती है।

टैंक में फूड कलरिंग का उपयोग करके समय-समय पर टॉयलेट टैंक के रिसाव की जाँच की जानी चाहिए (यदि रिसाव होता है तो यह कुछ ही मिनटों में दिखाई देगा)।

शौचालय को कभी भी फ्लश न करें या अनावश्यक रूप से लंबे समय तक शॉवर का उपयोग न करें क्योंकि इससे पानी की भारी कमी हो सकती है।

लोगों को नहाने या कपड़े धोने के लिए आवश्यक मात्रा में ही पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।

हाथ धोते समय, दांतों को ब्रश करते समय या बेसिन पर चेहरा धोते समय पानी को नष्ट न करें, मग पानी का उपयोग करना अच्छा है या साबुन से हाथ रगड़ते समय, दांत साफ करते समय या चेहरा धोते समय नल को बंद रखें।

पानी बचाने के लिए पूरी तरह से लोड होने पर ही स्वचालित डिशवॉशर और कपड़े धोने वाले को संचालित किया जाना चाहिए।

सभी को पीने के पानी को हर बार नल चलाने की बजाय बड़े बर्तन में ज्यादा देर तक रखना चाहिए।

जल बचाओ भाषण – 4

महानुभावों, आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तों को एक बहुत ही सुप्रभात। मैं आज इस महान अवसर पर जल बचाओ विषय पर भाषण देने आया हूं। मैं अपने कक्षा शिक्षक को इस दिन एक महत्वपूर्ण विषय पर भाषण देने का इतना बड़ा अवसर देने के लिए धन्यवाद कहना चाहता हूं। जल संरक्षण विभिन्न प्रभावी उपायों का पालन करके भविष्य में उपयोग के लिए स्वच्छ और शुद्ध पानी को बचाने की तकनीक है। एक स्थायी संसाधन के रूप में ताजे पानी के प्रबंधन के लिए पानी की सभी मांगों को पूरा करके जीवन की रक्षा के लिए विभिन्न रणनीतियों और गतिविधियों की आवश्यकता होती है। दुनिया भर में इस विशाल आबादी और विशेष रूप से विनिर्माण और कृषि सिंचाई में पानी के लिए लोगों की बढ़ती आवश्यकता के लिए ताजे पेयजल के स्तर को कम करना बहुत गंभीर मुद्दा है। आने वाली पीढ़ियों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जल संरक्षण जरूरी है। यह ऊर्जा के उपयोग को कम करता है क्योंकि जल प्रबंधन के लिए कुल बिजली खपत का लगभग 15% की आवश्यकता होती है। यह स्थानीय वन्यजीवों और प्रवासी जलपक्षी के लिए आवास संरक्षण में भी शामिल है। यह अन्य बांधों या पानी के डायवर्जन इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की आवश्यकता को कम करता है।

ताजे पीने के पानी के संरक्षण के लिए हमें पानी की कमी को कम करने, प्राकृतिक जल की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाने से बचने और जल प्रबंधन प्रथाओं में सुधार करने की आवश्यकता है। स्थानीय स्तर पर (नगरपालिका जल उपयोगिताओं या क्षेत्रीय सरकारों) पानी से संबंधित सामाजिक समस्याओं को हल करने के लिए सरकार द्वारा कई जल संरक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। कुछ सामान्य रणनीतियाँ हैं जैसे सार्वजनिक पहुँच अभियान, बाहरी पानी के उपयोग को कम करना आदि।

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार, यह अनुमान है कि अगर सभी के लिए पानी की पैमाइश की जाए तो इससे पानी की खपत 20 से 40% तक कम हो जाएगी। जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए जल मीटरिंग भी आवश्यक है कि मीटरिंग निश्चित रूप से कहीं भी पानी के रिसाव की पहचान और स्थानीयकरण करेगी। यही वह कारगर उपाय है जिसके प्रयोग से जल विभाग समाज के प्रत्येक परिवार द्वारा पानी के उपयोग पर आसानी से निगरानी रख सकता है। घर में पानी की खपत करने वाले विभिन्न उपकरणों जैसे टॉयलेट फ्लश, शावर, स्प्रिंकलर, फव्वारे, वॉशिंग मशीन, डिश वाशर आदि में लोगों द्वारा कम पानी की खपत की जानी चाहिए।

घरेलू उपकरणों में पानी की बचत करने वाली तकनीक होनी चाहिए जैसे लो-फ्लो शावर हेड्स (जिसे एनर्जी एफिशिएंट शावर हेड्स भी कहा जाता है), लो-फ्लश टॉयलेट, कम्पोस्टिंग टॉयलेट, डुअल फ्लश टॉयलेट (पारंपरिक शौचालयों की तुलना में लगभग 67% कम पानी का उपयोग करता है) , नल जलवाहक, कच्चा पानी फ्लशिंग (समुद्र के पानी या गैर-शुद्ध पानी का उपयोग करने वाले शौचालय), पानी का पुन: उपयोग या पानी का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन, उच्च दक्षता वाले कपड़े धोने वाले, मौसम-आधारित सिंचाई नियंत्रक, बाग़ का नली नोजल, हर जगह कम प्रवाह वाले नल , पानी के वाष्पीकरण को कम करने के लिए कवर स्विमिंग पूल, स्वचालित नल, पानी कम मूत्रालय, पानी कम कार धोने, आदि पानी की खपत को काफी हद तक कम कर देता है और सभी घरों में दैनिक आधार पर उपयोग किए जाने पर अधिक पानी बचा सकता है। किसानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कृषि उपकरण भी पानी की बचत करने वाली तकनीक के होने चाहिए ताकि फसलों की सिंचाई करते समय पानी की खपत कम हो सके।

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जल संरक्षण का महत्व

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By विकास सिंह

water conservation essay in hindi

जल संरक्षण क्यों जरूरी है?

स्वच्छ, ताजा पानी एक सीमित संसाधन है। दुनिया में हो रहे सभी गंभीर सूखे के साथ, मीठे पानी की सीमित आपूर्ति हमारे सबसे कीमती संसाधनों में से एक बन रही है। पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके बिना, हम में से कई बीमार हो जाते और यहां तक कि मौत भी हो जाती।

पृथ्वी का लगभग 70% हिस्सा पानी से बना है, इसके बावजूद दुनिया के कई हिस्सों में साफ पानी की कमी है। पानी का संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पर्यावरण की रक्षा करते हुए पानी को शुद्ध और स्वच्छ रखता है।

पानी का संरक्षण करने का अर्थ है कि हमारे पानी की आपूर्ति का बुद्धिमानी से उपयोग करना और जिम्मेदार होना। जैसा कि प्रत्येक व्यक्ति आजीविका के लिए पानी पर निर्भर करता है, हमें सीखना चाहिए कि पानी की हमारी सीमित आपूर्ति को कैसे शुद्ध रखें और प्रदूषण से दूर रहें। हमारी जल आपूर्ति को सुरक्षित और शुद्ध रखने से आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी की रक्षा होगी।

बहुतों का मानना है कि हमारी जल आपूर्ति अनंत है। हालांकि, हमारी आपूर्ति इसके विपरीत है। यह महत्वपूर्ण है कि हमें आपके पानी को प्रदूषित नहीं करना चाहिए क्योंकि बहुतों को यह पता ही नहीं है कि पानी कितना महत्वपूर्ण और दुर्लभ है। पृथ्वी की पानी की ताजा आपूर्ति का केवल 2% बर्फ के टुकड़ों और ग्लेशियरों में बंद है, जबकि पृथ्वी का 97.5% पानी खारा है।

पानी के संरक्षण में जल प्रदूषण से बचना शामिल है। इसके लिए रणनीतियों का उपयोग आवश्यक है जिसमें अपव्यय को कम करना, पानी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाना रोकना और जल प्रबंधन में सुधार करना शामिल है। आबादी को अपने पास मौजूद पानी को बचाना होगा और आने वाले वर्षों के लिए पर्याप्त आपूर्ति प्रदान करनी होगी।

जल संरक्षण के महत्वपूर्ण कारण ये हैं:

1. इसके अनेक उपयोग हैं

हम अपने जीवन के हर दिन पानी का उपयोग करते हैं। यह लगभग हर चीज में आवश्यक है जो हम करते हैं। हमें पीने, स्नान करने, खाना पकाने, कपड़े धोने और अन्य अनगिनत गतिविधियों के लिए पानी की आवश्यकता होती है। निचला रेखा: हमें उन गतिविधियों और आदतों के लिए पानी की आवश्यकता होती है जिनका हम नियमित रूप से उपयोग करते हैं। अगर हम अपने शरीर को स्वस्थ, स्वच्छ और बाकी सब कुछ जारी रखना चाहते हैं – तो हमें पानी का संरक्षण करना चाहिए।

2. कृषि उगाने में मदद करता है

फल और सब्जियां, साथ ही साथ अन्य उपज, पानी बढ़ने की आवश्यकता होती है। लेकिन यदि क्षेत्र सूखे से पीड़ित है, तो भोजन कैसे बढ़ेगा? यह स्थायी जीवनयापन को एक कठिन चुनौती बना सकता है क्योंकि सूखे से पीड़ित क्षेत्र बेकार हो जाएंगे क्योंकि किसी भी प्रकार के पौधे विकसित नहीं हो पाएंगे।

3. यह हमारे पारिस्थितिकी तंत्र और वन्य जीवन की रक्षा करता है

मनुष्य पृथ्वी पर एकमात्र प्रजाति नहीं है जिसे जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। वास्तव में, इस ग्रह पर प्रत्येक प्रजाति को जीवित और जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी के बिना, जलीय जीवन जीवित रहने का कोई मौका नहीं होगा। यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि हम पानी को बचाए रखें जो हमारे स्थायित्व के लिए आवश्यक है।

4. कम पानी के उपयोग का मतलब अधिक बचत है

पानी की बचत करके, यह हमें अधिक पानी बचाने की अनुमति देता है, विशेष रूप से हमारे पानी के बिल पर। बुनियादी जल संरक्षण युक्तियों का अभ्यास करके, आप हर साल सैकड़ों और हजारों पानी बचा सकते हैं। कम पानी का उपयोग करें, और आपको पानी कंपनी से कम पैसा वसूला जाएगा।

5. पानी की आपूर्ति सीमित है

वर्तमान में, ताजा पानी पहले से ही सीमित है। उपलब्ध पानी के 70% में से, केवल 0.03% ताजा पानी है। हर दिन, जनसंख्या में वृद्धि के लिए, पहले से ही सीमित मात्रा में पानी कम करना। जल संरक्षण के हमारे भविष्य को बचाने के लिए, हमें अपने सीमित संसाधनों का संरक्षण करना सीखना चाहिए।

6. पानी का संरक्षण करने से भी ऊर्जा की बचत होती है

केंद्रीय सुविधा से पानी पंप करने के लिए उपकरण चलाने के लिए उच्च मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पानी बचाने से ऊर्जा की बचत होगी और आपके कार्बन पदचिह्न कम होंगे।

हम घर पर स्मार्ट विकल्प बनाकर पानी की बचत शुरू कर सकते हैं। हमें ऐसे उपकरणों का उपयोग करना चाहिए जो सबसे अधिक पानी और ऊर्जा कुशल हों। सरल जल संरक्षण युक्तियों का उपयोग करके पानी के उपयोग को आधे से अधिक कम करने में मदद मिल सकती है। थोड़े से प्रयास से ही सारे फर्क पड़ सकते हैं। यहां तक कि पानी की बचत के पहले महीने में ही पानी के बिलों में कमी करने से भी आपको फायदा होगा।

जल संरक्षण के फायदे

1. सूखे से बचाव.

भले ही आबादी और उद्योग की वृद्धि के कारण ताजे जल स्रोतों की हमारी जरूरत हमेशा बढ़ रही है, लेकिन हमारे पास आपूर्ति निरंतर बनी हुई है। भले ही पानी अंततः पानी के चक्र के माध्यम से पृथ्वी पर लौटता है, यह हमेशा एक ही स्थान पर, या एक ही मात्रा और गुणवत्ता में वापस नहीं आता है। हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले पानी की मात्रा को कम करके, हम भविष्य के सूखे वर्षों से बेहतर रक्षा कर सकते हैं।

2. यह हमारे पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद करता है

आपके पानी के उपयोग को कम करने से घरों, व्यवसायों, खेतों और समुदायों को संसाधित करने और इसे वितरित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा कम हो जाती है, जो बदले में, प्रदूषण को कम करने और ईंधन संसाधनों के संरक्षण में मदद करती है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

आप इस पोस्ट में जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi पढेंगे। साथ ही पानी बचाने के आवश्यकताओं और उपायों के बारे में भी हमने विस्तार से बताया है। यह लेख हमें जल के महत्व को समझाता है। इसको हमने स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए 1500+ शब्दों मे लिखा है।

आईये शुरू करते हैं – जल संरक्षण पर निबंध हिन्दी में

Table of Contents

प्रस्तावना Introduction

ईश्वर ने हमें पांच महत्वपूर्ण तत्व दिए हैं जल, वायु, अग्नि, आकाश, और पृथ्वी। कभी कल्पना की है कि इन पांच तत्वों में से एक तत्व ना रहे तो क्या होगा? जी हाँ ! हर एक तत्व का एक अलग महत्व है जिसमे से जल का एक बहुत ही अनमोल महत्व है। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘जल ही जीवन है’।

जल संरक्षण क्या है? What is Conservation of Water in Hindi?

स्वच्छ और पेयजल का व्यर्थ बहाव ना करते हुए उसको सही तरीके से उपयोग में लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं। जल के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। 

पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी है जिसका 96.5 प्रतिशत नमकीन या समुद्री पानी है और मात्र 3.5 प्रतिशत ही पीने लायक पानी है। इससे यह साफ़ पता चलता है कि आने वाले वक्त में मनुष्य के लिए जल का कितना बड़ा अभाव होने वाला हो। इसलिए हमें आज से ही जल संरक्षण का कार्य शुरू करना होगा।

जल संरक्षण का काम किसी नेता या सरकारी संस्थान का काम नहीं है। इसे हमें घर-घर से शुरू करना होगा। अगर हम शुरू करेंगे तो धीरे-धीरे हमें देख कर हमारे आसपास के लोग और आने वाली पीढ़ी भी सीखेंगे।

जल संरक्षण का महत्व Importance of Water Conservation in Hindi

हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। पृथ्वी पूरे ब्रह्मांड में मात्र एक ऐसा ग्रह है जहां पानी और जीवन आज की तारीख तक मौजूद है।

पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़- पौधे, जीव- जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।

आईये एक-एक करके जानते हैं हमें जल संरक्षण की ज़रुरत क्यों है?

जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है? Why to Conserve Water in Hindi?

  • मनुष्य जल के बिना जीवित नहीं रह सकता है। यह पानी बचाने का सबसे बड़ा कारण है।
  • शहरी क्षेत्रों में लोगों को पानी की बहुत किल्लत होती है। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है और बढती जनसंख्या है। परन्तु जिस प्रकार आज सरकार ने पानी का बिल लेना शुरू कर दिया है और बाजारों में पीने का पानी तेज़ी से बिक रहा है यह साफ़ पता चलता है की पेयजल में तेज़ी से कमी आ रही है।
  • पीने का पानी कम होने के कारण लोग अशुद्ध पानी का सेवन कर रहे हैं जिसके कारण मनुष्य को बड़ी-बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • बड़े-बड़े किसान अधिक लोभ के कारण ज्यादा-ज्यादा से बोरेवेल खुदवा रहे हैं जिससे वे भू-जल का ज्यादा भाग गर्मियों के महीने में कृषि के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसका सीधा असर पृथ्वी के जल स्तर पर पड़ रहा है और कुछ वर्षों की अच्छी खेती के बाद उनकी धरती बंजर होते जा रही है।
  • मनुष्य को पानी की आवश्यकता हर क्षेत्र में है जैसे पीने, भोजन बनाने, स्नान करने, कपड़े धोने, फसल उगाने, आदि के कार्य में।
  • जल की कमी से प्रकृति का संतुलन बुरी तरह से बिगड़ते जा रहा है जो पृथ्वी के हर जीव को संकट की और लेते जा रहा है।

जल संकट के कारण Reasons of Water Crisis in Hindi

  • हमारे देश में औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और खनिज संपदा का बड़ी मात्राओं में विद्रोहन तथा कल कारखानों के विषैले रासायनिक अवशिष्टओ का उत्सर्जन होने से जल संकट निरंतर बढ़ रहा है इससे ना तो खेती-बाड़ी के लिए पर्याप्त पानी मिल पा रहा है और ना ही पेयजल की आपूर्ति हो पा रही है।

जल संकट के प्रभाव Effects of Water Crisis in Hindi

जल संकट के कारण तालाब सरोवर एवं कुएं सूख रहे हैं, नदियों का जलस्तर घट रहा है और जमीन का जलस्तर भी लगातार कम होते जा रही है, जिसके कारण अनेक प्रकार के जीव जंतु एवं पादपों का अस्तित्व मिट गया है, खेतों की उपज घट गई है और वन भूमि सूख रही है तथा धरती का तापमान लगातार बढ़ते जा रहा है। इस तरह से जल संकट का दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है।

जल संरक्षण के उपाय How to Conserve Water in Hindi?

  • फ़ैक्टरी व कारख़ानों से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित किया जाना चाहिए जिससे वह अशुद्ध पानी, शुद्ध पानी के जल स्रोतों से ना मिल जाये।
  • समरसेबल पंप से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है। हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना की हमें जरूरत है।
  • सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए पानी की टंकियों को ऑटोमेटिक करना चाहिए जिससे शुद्ध जल की बर्बादी ना हो सके।
  • हम सभी को जागरूक नागरिक की तरह जल संरक्षण का अभियान चलाते हुए बच्चों और महिलाओं में जागरूकता लानी होगी। स्नान करते समय हमें शावर टब का प्रयोग ना करके बाल्टी में पानी लेकर नहाना चाहिए जिससे हम बहुत जल बता सकते हैं।
  • रसोई में जल की बाल्टी या टब में बर्तन साफ करें तो पानी बहुत बचाया जा सकता है।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू किये जाने जाने चाहिए।
  • गांव कस्बों और नगरों में छोटे बड़े तालाब बनाकर वर्षा जल का संरक्षण किया जाए।
  • नगरों और महानगरों में घरों कि नालियों में पानी को गड्ढा बनाकर एकत्रित किया जाए और पेड़ पौधे की सिंचाई के काम में लाया जाए तो साफ पानी की बचत की जा सकती है।
  • यदि प्रत्येक घर के छत पर वर्षा जल का भंडार करने के लिए एक या दो टंकी बनाया जाए और उन्हें मजबूत जालिया फिल्टर कपड़े से ढक दिया जाए तोहर नगर में जल संरक्षण किया जा सकेगा।
  • घरों मुहल्लों और सार्वजनिक पार्कों स्कूलों अस्पतालों दुकानों मंदिरों आदि में नली की टोटियां खुली या  टूटी रहती है, तो अनजाने ही प्रतिदिन हजारों लीटर जल बेकार हो जाता है। इस बर्बादी को रोकने के लिए नगर पालिका एक्ट में टोंटियों की चोरी को दंडात्मक अपराध बनाकर, जागरूकता भी बढ़ानी होगी।
  • विज्ञान की मदद से आज समुद्र के खारे जल को पीने लायक बनाया जा रहा है। गुजरात के आदि नगरों और प्रत्येक घर में पीने के जल के साथ-साथ घरेलू कार्यों के लिए खारे जल का प्रयोग करके शुद्ध जल का संरक्षण किया जा रहा है। इसे बढ़ावा देना चाहिए।
  • गंगा तथा यमुना जैसी बड़ी नदी की सफाई करना बहुत जरूरी है। बड़ी नदियों के जल का शोधन करके पेयजल के रूप में प्रयोग किया जा सके। शासन प्रशासन को लगातार सक्रिय रहना होगा।
  • जंगलों को काटने से हमें दोहरा नुकसान हो रहा है। पहला यह कि वाष्पीकरण ना होने से वर्षा नहीं हो पाती है तथा भूमिगत जल सूख जाता है। बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकीकरण के कारण जंगल और वृक्षों के अंधाधुन काटने से भूमि की नामी लगातार कम होते जा रही है, इसीलिए वृक्षारोपण लगातार किया जाना चाहिए।
  • पानी का दुरुपयोग हर स्तर पर कानून के द्वारा प्रचार माध्यमों से प्रचार करके तथा विद्यालयों में पर्यावरण प्रदूषण की तरह जल संरक्षण विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ाकर रोका जाना जरूरी है। अब समय आ गया है कि केंद्रीय और राज्यों की सरकारों जल संरक्षण को नए विषय बनाकर प्राथमिक से उच्च स्तर तक नई पीढ़ी को बताने का कानून बनाएं।

जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Conservation of Water in Hindi

  • स्वच्छ  और पेयजल का व्यर्थ बहाव न करते हुए उसको सुनिश्चित तरीके से उपयोग मे लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं।
  • हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए।
  • धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है।
  • पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़ पौधे, जीव जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें।
  • हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।
  • पेयजल की कमी होने से लोग इसका उपयोग कम से कम करें। शुद्ध जल कम होने के कारण लोगों को बड़ी बड़ी बीमारियां शुरू हो जाएगी।
  • धरती के अंदर जल का स्तर कम होने से धरती बंजर होने लगेगी और धीरे-धीरे करके चटकना शुरू कर देगी जो भूकंप जैसे हालातों को बढ़ावा देती है।
  • फैक्ट्री व कारखाने से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित कर दिया जाना चाहिए, जिससे साफ पानी गंदा ना हो।
  • समरसेबल पंपों से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है, हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना हमें जरूरत है।

निष्कर्ष Conclusion

अंत में बस में कहूँगी –

जल है तो जीवन है और जीवन है तो पर्यावरण है पर्यावरण से धरती है और धरती से हम सब हैं

जल को जीवन का आधार मानकर समाज में नई जागृति लाने का प्रयास किया जाए। अमृत जल जैसा जनजागरण किये जाए। जल चेतना की जागृति लाने से जल संचय एवं जल संरक्षण की भावना का प्रयास होगा तथा इससे धरती का जिवन सुरक्षित रहेगा।

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi) आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से बताइये और हमारे साथ जुड़े रहें।

2 thoughts on “जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi”

Fantastic and very nice

Very very fantastic essay on conservation of water

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जल संरक्षण पर निबंध- Essay on Water Conservation in Hindi

In this article, we are providing an Essay on Water Conservation in Hindi जल संरक्षण पर निबंध | Nibandh। Essay in 200, 300, 500 words For Class 7,8,9,10,11,12 Students. जल संरक्षण का महत्व Speech & Importance of Water Conservation in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध- Essay on Water Conservation in Hindi

speech on conservation of water in hindi

Jal Sanrakshan Essay in Hindi | Save Water Essay ( 500 words )

भूमिका

पृथ्वी का 70% हिस्सा पानी से ढका है लेकिन पीने और अन्य उपयोगों के लिए पानी केवल 2.5% है। पृथ्वी पर जल एक सबसे मूल्यवान संसाधन है क्योंकि सभी जीवित प्राणियों को जीवित रहने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। आधुनिक उद्योगिक विकास के परिणामस्वरूप जल प्रदूषण के साथ-साथ इसकी अधिक खपत भी होती है। 

जल संरक्षण क्या है ? What is water conservation in Hindi

जल संरक्षण का सीधा सा मतलब है कि हमें पानी का उपयोग समझदारी से करना चाहिए और पानी की कमी में योगदान नहीं करना चाहिए। जल पृथ्वी पर जीवन का सबसे आवश्यक तत्व है। यह जीविका की पहली आवश्यकता है। जल संरक्षण आजकल एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि हम इंसान पानी का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं और इसे अनावश्यक रूप से बर्बाद कर रहे हैं।

जल संरक्षण क्योँ जरुरी है? Why is water conservation important in Hindi

हम खाना पकाने से लेकर बिजली उत्पादन तक पूरी तरह से पानी पर निर्भर हैं। यह हमारे जीवन में एक अभिन्न भूमिका निभाता है और हमें प्रकृति के इस अनमोल उपहार के संरक्षण के तरीके खोजने चाहिए। पानी की खपत को कम करके और विभिन्न प्रयोजनों के लिए अपशिष्ट जल को पुन : उपयोग करके हम जल संरक्षण की दिशा में पहला कदम उठा सकते हैं। कृषि सिंचाई , सफाई और कई अन्य चीजें अपशिष्ट जल का उपयोग करके की जा सकती हैं। भारत में कृषि लोगों का मुख्य व्यवसाय है और इसलिए हम फसल की कटाई के लिए वर्षा पर बहुत अधिक निर्भर हैं। कृषि काफी हद तक पानी की कमी और जलवायु पर निर्भर करती है। इसलिए , विभिन्न जल संरक्षण विधियों से किसानों को अवगत कराना आवश्यक है ताकि वे जल का विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग कर सकें। 

जल संरक्षण कैसे कर सकते हैं? how can we conserve water in Hindi

यहाँ कुछ चीजें हैं जो हम जल संरक्षण लिए कर सकते हैं। सबसे पहले , हमें बौछार या टब का उपयोग करने के बजाय स्नान के लिए बाल्टी का उपयोग करने की आवश्यकता है। एक और चीज जो हम कर सकते हैं वह है बिजली का उपयोग कम करना क्यूंकि बिजली उत्पादन करने वाले बिजली संयंत्र बहुत अधिक पानी की खपत करते हैं इसलिए यदि हम कम बिजली का उपयोग करते हैं तो हम अंततः हमारे लिए पानी बचा रहे हैं।

वर्षा जल संचयन पानी को बचाने के लिए सबसे प्रभावी और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है। अगर हम बारिश का पानी इकट्ठा करते हैं , तो होने वाले जल संकट से छुटकारा पाया जा सकता है। हम नहरों , तालाबों , जलाशयों , टैंकों आदि को बनाकर वर्षा जल का भंडारण कर सकते हैं। हम इस संग्रहित पानी का घरेलू उपयोग , उद्योगों और कृषि कार्यों के लिए कर सकते हैं। हम गाँवों , शहरों के आसपास तालाबों का निर्माण कर सकते हैं , बड़ी नहरों का निर्माण कर सकते हैं और पानी से प्रभावित क्षेत्रों को राहत प्रदान कर सकते हैं।

निष्कर्ष

पानी दुनिया में एक सीमित विश्वसनीय स्रोत है , यह हमेशा के लिए उपलब्ध नहीं रहेगा। हमें पानी की कमी को हलके में नहीं लेना चाहिए क्योंकि पानी की कमी का खाद्य उत्पादन , कृषि क्षेत्र , हमारे स्वास्थ्य और हमारी अर्थव्यवस्थाओं पर बहुत प्रभाव पड़ सकता है।

# jal sanrakshan ka mahatva # जल संरक्षण का महत्व क्या है

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