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मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध | Essay On My Favorite Teacher in Hindi,10 Lines (कक्षा-1 से 8 के लिए)

Essay On My Favorite Teacher in Hindi,10 Lines

मेरे प्रिय अध्यापक हिंदी निबंध | My Favourite Teacher Essay in Hindi :- शिक्षक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें शिक्षा के साथ-साथ एक महान नागरिक बने की की शिक्षा भी देते थे किसी भी बच्चों का पहले गुरु मां बाप के बाद शिक्षक ही उसका दूसरा गुरु होता है शिक्षक हम लोगों को समझ में अच्छे से जीवन यापन करने एवं आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं अच्छे एवं बुरे की पहचान करवाते हैं शिक्षक हमेशा हमें सही रास्ता पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं अर्थात एक विद्यार्थी को उसका सामाजिक विकास में शिक्षक का का महत्वपूर्ण योगदान होता है जैसे कि हम लोगों को पता है कोई भी इंसान शिक्षा के बिना अंधे के समान होता है अर्थात उसे किसी भी चीज की समझ नहीं होती है उसे लोग समाज में हीन भाव से देखते हैं |

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध (300 शब्द) | My Favourite Teacher Essay in Hindi

 प्रत्येक छात्रों के जीवन में उनका एक पसंदीदा शिक्षक होता है या रहा होगा और आज भी हम उनके संपर्क मैं रहते होंगे एवं उनके द्वारा दिए गए शिक्षा अर्थात ज्ञान का उपयोग अपने इस वर्तमान समय में करते हैं |

प्रस्तावना:

छात्र स्कूल के हो या कॉलेज के उनके जीवन में अपना एक पसंदीदा शिक्षक होता है  जिस शिक्षक के क्लास को छात्र बड़े रुचि के साथ पढ़ते हैं उनके क्लास के पढ़ाई को पढ़ने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं और साथ ही साथ उनके द्वारा जो क्लास लिए जाते हैं उसे क्लास का पढ़ाई को छोड़ना नहीं चाहते हैं स्कूल एवं कॉलेज में हमारे पसंदीदा शिक्षक जो हमें सिखाते हैं वह हमारे वास्तविक जीवन में काफी मदद करता है

मेरा फेवरेट टीचर | My Favourite Teacher

जब मैं कक्षा 4और 5 में था, उस समय मेरे प्रिय अध्यापक मेरे स्कूल के गिरधारी सिंह मेरा पसंदीदा शिक्षक थे | इनका पढ़ने का और समझने का तरीका ही बिल्कुल अलग था मेरे शिक्षक किसी छात्र को नर्मता और सरल तरीका  पढ़ाते थे  छात्र बड़ी आसानी पूर्वक समझ पाए थे मेरे शिक्षक गणित के काफी अच्छे शिक्षक थे वह गणित जैसे विषयों को प्रैक्टिकल के द्वारा बड़ी आसानी पूर्वक समझते थे जिससे पढ़ाई के क्षेत्र में मध्य वर्ग के छात्र भी बड़ी आसानी पूर्वक समझ जाते थे वह छात्रों को हमेशा अच्छी-अच्छी बातों का ज्ञान देते थे | वह अपने छात्रों को हमेशा अच्छे मार्क्स लाने के लिए प्रेरित करते थे |

जब कोई विषय पढ़ने या समझने में परेशानी होती थी तब तब मेरे शिक्षा उस विषय को समझने मैं हम लोगों का सहायता करते थे वह पढ़ाई के साथ-साथ हम लोगों को सही रास्ता में चलने के लिए अच्छी-अच्छी ज्ञान देते थे, जो अभी वर्तमान समय में हम लोगों इस ज्ञान का काम आता है एवं जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्र होते थे उनको भी आर्थिक रूप से सहायता प्रदान मेरे शिक्षक करते थे |

मेरे शिक्षक प्रत्येक सप्ताह जिस विषय पर पढाते थे उसे विषय से संबंधित टेस्ट सप्ताह के अंतिम दिन में लेते थे | और जो विद्यार्थी सबसे अच्छा मार्क्स लता था | उसे प्राइस के तौर पर चॉकलेट वितरण करते थे | मेरे शिक्षक पढ़ाई के दौरान कभी-कभी हम लोगों को छात्रों को हंसाने के लिए छोटे-छोटे चुटकुले बोलते थे | ताकि छात्रों को काफी खुशी महसूस होता था | यह सब के कारण वह हमारे पसंदीदा शिक्षक थे |

इस आर्टिकल के ऊपर दिए गए बातों को पढ़कर यह पता चलता है कि हम लोगों को हमेशा अपने शिक्षक का सम्मान करना चाहिए एवं उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को वर्तमान समय में उपयोग करना चाहिए और आज हम लोग जो कुछ भी है उनके कारण ही है इसलिए हम लोगों को अपने शिक्षक को धन्यवाद देना चाहिए |

मेरे प्रिय अध्यापक निबंध (500 शब्द) | Essay On My Favorite Teacher in Hindi

Mera Priya Adhyapak Nibandh in Hindi :- मैं अपने स्कूल में जिस कक्ष में पढ़ता था उस कक्षा का मैं बहुत कमजोर विद्यार्थी था मेरा इंग्लिश बहुत कमजोर था जिसके कारण मुझे इंग्लिश के कक्षा में बहुत डर लगता था क्योंकि मैं इंग्लिश के विषय में शिक्षा के द्वारा कई बार मार भी खाया हूं लेकिन लेकिन हमारे स्कूल में एक नए शिक्षक इंग्लिश के आए थे  जिनका नाम संतोष सिंह था अपना परिचय बड़ी नर्मता  के साथ कक्षा में दिए उनका पढ़ने का अंदाज बिल्कुल ही अलग था वह स्कूल के प्रत्येक छात्रों को एक समान देखते थे चाहे छात्र पढ़ाई में कमजोर हो चाहे तेज हो वह खास करके कमजोर छात्रों पर ज्यादा ध्यान देते थे एवं उनको पढ़ने के लिए  प्रोत्साहित करते थे| परीक्षा आने से पहले  हम लोगों को अच्छी तरह से गाइड करते थे ताकि हम परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ पास करें

परीक्षा से पहले एक्स्ट्रा क्लास देते थे |

मेरे पसंदीदा शिक्षक जब हम लोगों का परीक्षा नजदीक आता था तो हमारे शिक्षक हम लोग के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस की सुविधा प्रदान करते थे अगर किसी विद्यार्थी को किसी विषय संबंधित कोई समस्या है तो वह उसे एक्स्ट्रा क्लासेस में अपने विषय संबंधी समस्याओं का सुझाव लेते थे उनका पढ़ने का एवं समझने का तरीका इतना अच्छा था कि विद्यार्थी उनके क्लास को मिस नहीं करते थे |

पढाई के साथ स्टूडेंट्स के मनोरंजन का भी ख्याल रखती थी |

जैसे ही हम लोग का परीक्षा खत्म होता था हम लोगों के लिए मनोरंजन के लिए कई सारी व्यवस्था हमारे शिक्षक करते थे इस मनोरंजन में हमारे शिक्षक कई प्रकार के गेम का खेलने का व्यवस्था करते थे उनके अनुसार बच्चों को पढ़ के साथ-साथ खेलकूद भी करना जरूरी होता है कभी-कभी तो स्कूल के क्लास में ही मनोरंजन संबंधित एक्टिविटी हमारे शिक्षक करते थे इसलिए वह हमारे पसंदीदा शिक्षक थे

स्टूडेंट को मोटिवेट | Student Ko Motivate

जब कोई विद्यार्थी निराश होता था या डर के कारण उनसे कोई बात नहीं पूछ सकता था तो हमारे शिक्षक हम लोगों का आत्मविश्वास को बढ़ाते थे और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा देते थे वह हमेशा एक बात को कहते थे किसी भी  समस्या से  डर कर मत भागो उसे समस्याओं का सामना करो क्योंकि कोई भी समस्या आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं होती है अगर आप लोगों ने किसी कार्य करने के लिए एक लक्ष्य लिया है तो उस लक्ष्य को अपने मेहनत के द्वारा पूरा करो अगर आपको किसी कार्य में सफलता एक बार में नहीं मिलती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सफल नहीं हो पाएंगे आपको प्रयास करती रहनी चाहिए

सिर्फ आप लोगों को अपने लक्ष्य को  पूरा करने में ध्यान देना चाहिए चाहे उसके लिए जितनी भी मेहनत क्यों न करने पड़े क्योंकि ईमानदारी से मेहनत करने वाले लोगों को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता है इन सभी विचारों को सुनकर हम लोग विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है और हम लोग और ज्यादा मेहनत करने लगते हैं शिक्षकों को हमेशा विद्यार्थियों का मनोबल को बढाते रहना चाहिए क्योंकि अधिकतर शिक्षक ऐसे होते हैं कि छोटे-छोटे गलतियों पर विद्यार्थियों को डिमोटिवेट कर देते हैं जिसके कारण कई विद्यार्थियों को स्कूल नहीं जाने और पढ़ाई न करने का मन करता है |

यह भी पढ़ें:- Moral Stories in Hindi :-

  • 21+सर्वश्रेष्ठ नैतिक शिक्षाप्रद हिंदी में लघु कहानियां

2. बच्चों के लिए शिक्षाप्रद लघु नैतिक कहानियां

मेरे प्रिय अध्यापक निबंध (750 शब्द) | Essay On My Favourite Teacher in Hindi

शिक्षकों का अहमियत हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण है शिक्षकों को भगवान के रूप  में देखा जाता है शिक्षक मोमबत्ती की तरह हमारे जीवन में रोशनी लाते है रोशनी का अर्थ हुआ शिक्षा  के माध्यम से विद्यार्थियों को सही रास्ते पर चलने का राह दिखाए हैं शिक्षक अच्छे बुरे एवं अपने से बड़ों का सम्मान एवं अपने से छोटों का इज्जत करने  का ज्ञान हमें प्रदान किए हैं

अगर शिक्षक ना होते तो स्कूल भी नहीं होती और अगर स्कूल नहीं होती तो सभ्य समाज का निर्माण भी नहीं होता| विद्यार्थी अपने शिक्षक के बिना अधूरे होते शिक्षक केवल पढ़ाई संबंधित ज्ञान ही नहीं देते हैं बल्कि हमारे जीवन में अच्छे बुरे की पहचान करने की ज्ञान भी देते हैं साथ ही साथ हम लोगों को एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरणा भी शिक्षक के द्वारा मिलता है

स्कूलों एवं कॉलेज में कुछ ऐसे शिक्षक होते हैं जो काफी अच्छे पढ़ाते हैं और उनके अच्छे पढाने के कारण कारण विद्यार्थी उनके साथ घुल मिल जाते हैं और इस प्रकार व शिक्षक हम लोगों का प्रिय शिक्षक बन जाते हैं

विद्यार्थी अपनी शिक्षा पूरा करने में  शिक्षक के बिना असमर्थ है शिक्षकों के द्वारा पढ़ना एवं उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर  चलने की वजह से सफलता प्राप्त होती है हम लोगों के जीवन में शिक्षक का एक महत्वपूर्ण स्थान है इसलिए शिक्षकों को भगवान से ऊपर भी माना जाता है |

मेरा पसंदीदा शिक्षक अशोक प्रसाद थे इन्होंने मुझे कक्षा-8 से लेकर दसवीं तक इतिहास पढाते थे सबसे पहले कक्षा में उस विषय को छात्रों को पढ़ने के लिए बोलते थे फिर उसे विषय को छोटे-छोटे भागों में अच्छी तरह से समझाते थे इनका समझने का तरीका बिल्कुल सरल भाषा था जिसको समझने में आसानी होती थी |

उसके बाद अगर उसे विषय का अर्थात जिस विषय का पढ़ाई हो चुका है उस विषय से संबंधित प्रश्न विद्यार्थियों को करते थे जिससे विद्यार्थियों को उस विषय को याद रखने में काफी सहायता होती थी

वर्तमान समय में ऐसे शिक्षक मिलना है काफी मुश्किल की बात है जब उनका क्लास रहता था तो सभी विद्यार्थी उनके क्लास में मौजूद होते थे

वक्त के साथ परीक्षा लेना

मेरे पसंदीदा शिक्षक अशोक प्रसाद जिस पाठ को पढ़ा देते थे उसे पाठ से संबंधित परीक्षा सप्ताह के अंतिम दिन में लेते थे परीक्षा लेने का मुख्य उद्देश्य  यह होता था कि विद्यार्थी कितना तक इस पाठ को समझ सके हैं। और जिनका नंबर इस परीक्षा में काम आता था उन पर शिक्षक ज्यादा ध्यान देते थे ताकि अगली बार वह अच्छी तरह से समझ  सके |

सबके साथ समान व्यवहार | Equal Treatment

मेरे पसंदीदा शिक्षक कभी भी किसी के साथ भेदभाव नहीं करते थे | वह सभी को एक समान देखते थे | अगर कोई भी विद्यार्थी पढ़ने में कमजोर है और कोई विद्यार्थी पढ़ने में तेज है दोनों के साथ समान व्यवहार करते थे। वह सभी विद्यार्थियों को अच्छे से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे।

वह अपने कक्ष में सभी विद्यार्थियों का काफी ध्यान रखती थी वह रोटेशन के अनुसार प्रत्येक विद्यार्थियों को आगे बैठने का मौका देते थे।

नोट्स वितरण

एक अच्छे शिक्षक का पहचान यह होता है कि प्रत्येक अध्याय का नोट्स वितरण विद्यार्थियों में करना होता है। हम लोग किताब भी पढ़ सकते हैं लेकिन किताबों में लिखी गई भाषा को हमारे शिक्षक नोटिस के माध्यम से उसे सरल बनाकर लिखते हैं जिसको समझने में और पढ़ने में काफी आसानी होती है |

परीक्षा के लिए तैयारी

मेरे शिक्षक परीक्षा से कई दिन पहले परीक्षा की तैयारी करते थे इसके लिए उन्होंने कई वर्ष के पुराने प्रश्न पेपर को सुलझाने के लिए देते थे इससे हम लोग का आत्मविश्वास बढ़ता था और परीक्षा के समय कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता था और जो विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे नंबर चलाते थे उनको पुरस्कार भी देते थे।

अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन

जब कभी हम लोगों को इस विषय के बारे में समझ में नहीं आता था हम लोग का शिक्षक एक्स्ट्रा क्लास का प्रबंध करते थे वह इतना अच्छा पढाते  थे  और समझाते थे  कि कक्षा में हम लोग को अच्छी तरह से समझ में आ जाता था।

जीवन के अनुभव

हम लोगों के शिक्षक अपने जीवन से संबंधित अनुभव के बारे में बताते थे । कि हम लोग अपने जीवन में यही फैसला कर सके और सही मार्ग पर चल सके हमारा जिंदगी में जितनी भी कठिन से कठिन समस्या आए उसका सामना कर  सके ।

अतः हम लोग कह सकते हैं कि शिक्षक हम लोगों को अच्छे बुरे की पहचान करना सीखाते हैं  साथ  ही साथ संसार में चलने  के लिए एक योग्य इंसान एवं सम्मानित नागरिक बनाने के कार्य शिक्षक करते हैं। हम लोगों को अपने शिक्षक का हमेशा सम्मान करना चाहिए मैं अपने आप को काफी भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे एक अच्छा शिक्षक मिला।

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध | Download Mera Priya Adhyapak Essay in PDF Download

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी मैं आप लोगों को पीडीएफ फाइल के रूप में करवा रहे हैं इसको आप लोग डाउनलोड करके अपने मोबाइल में आसानी प्रयोग देख सकेंगे।

Download PDF:

मेरी प्रिय अध्यापिका पर निबंध | My Favorite Teacher Essay in Hindi 5 lines

my favourite teacher essay nibandh

मेरी प्रिय अध्यापिका पर निबंध 5 lines निम्न है:-

  • मेरी प्रिय अध्यापिका  समय मिलने पर गेम  खेलने का व्यवस्था करती थी | हैं और जीवन में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण बातों को बोलती थी।
  • मैं भी अपने अध्यापिका की तरह एक अच्छा इंसान बनना चाहता हूं।
  • जब कभी भी मैं कोई समस्या में फस जाता था तो मैं अपने अध्यापिका से कुछ समस्या का सलाह लेता था और वह हमें हमेशा अच्छी सलाह  देती थी।
  • मैं हमेशा अपने अध्यापिका का सम्मान करता हूं हम सभी को शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए। 
  •  मेरे शिक्षक बहुत ही सरल भाषा में पढ़ाती है ताकि सभी छात्रों को आसानी पूर्वक समझ सके।
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मेरा प्रिय शिक्षक निबंध हिंदी में 100 words | My Favourite Teacher Paragraph in Hindi

स्कूल हो या कॉलेज शिक्षक हमेशा हमें शिक्षा के साथ-साथ अच्छी-अच्छी ज्ञान देते हैं जो सामाजिक तौर पर हमारा काम आता है शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं

मेरे प्रिय शिक्षक क्लास 8 के मोहित शर्मा सर जी थे जो हिंदी विषय के साथ-साथ सभी विषयों को पढाते थे। मैं इंग्लिश विषय में काफी कमजोर था लेकिन मेरे प्रिय शिक्षक मोहित शर्मा जी जब आए तो मेरे इंग्लिश विषय को समझने में सुधार किया उनके पढाने की कला  इतनी अच्छी थी कि छात्र-छात्राओं को बड़ी आसानी पूर्वक समझ में आ जाती थी। वह हमेशा सभी विद्यार्थियों को एक समान देखते थे सभी के साथ अच्छा व्यवहार करते थे वह हम लोगों का स्कूली शिक्षा के साथ-साथ हमारे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को आर्थिक रूप  से मदद भी करते थे

मेरी प्रिय अध्यापक पर निबंध 10 Lines | Mera Priya Adhyapik Par Nibandh 10 Lines

Meri Priya Adhyapika Par Nibandh 10 Lines

  • मेरे प्रिय अध्यापक का नाम श्री राजन गुप्ता है।
  • मेरे प्रिय अध्यापक मेरी कक्षा में भूगोल के शिक्षक  हैं जिनका समझाने का तरीका सबसे अलग और आसान है।
  • मेरे प्रिय शिक्षक स्कूल के सभी छात्रों को एक समान मानते थे किसी भी एक छात्र पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं
  • मेरे प्रिय  शिक्षक एक शिक्षक के साथ ही साथ  एक अच्छे इंसान भी हैं वह गरीब वर्ग के छात्रों की बहुत मदद करते हैं।
  • मेरे प्रिय शिक्षक का  मेरे स्कूल से कुछ दूर में ही उनका घर था।
  • मेरे स्कूल के सभी छात्र/छात्राएं अपने शिक्षक का बहुत सम्मान करते हैं। और उनके कक्षा में आने से सभी शांत बैठ जाते हैं।
  • अगर कोई छात्र के द्वारा गलती करने पर हमारे प्रिय शिक्षक उनको ज्यादा दण्ड नहीं देते हैं बल्कि हम लोगों को प्यार से समझा देते हैं।
  • हम जो भी प्रश्न का उत्तर अपने शिक्षक से पूछते थे तो शिक्षक उसका उत्तर  बहुत ही शांत स्वभाव के साथ सरल भाषा में देते हैं।
  • मेरे प्रिय अध्यापक हमें बहुत मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं वह‌ छुट्टी बहुत कम लेते है।
  • मुझे अपने शिक्षक का विद्यार्थी होने पर बहुत गर्व है।

हमारे इस आर्टिकल में मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई है

मैं आशा करता हूं कि मेरे प्रिय अध्यापक पर जो निबंध लिखा हूं   यह आर्टिकल आप लोगों को काफी पसंद आया होगा ऐसे में आप लोगों के मन में इस आर्टिकल संबंधित कोई प्रश्न है तो तो आप हमारे कमेंट्स बॉक्स में आकर प्रश्न पूछे मैं आप लोगों को प्रश्नों का उत्तर जरूर दूंगा |

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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मेरे प्रिय शिक्षक निबंध | My Favorite Teacher essay in Hindi

by Editor January 6, 2019, 2:17 PM 4 Comments

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध | My Favorite Teacher essay in Hindi 

यदि माँ-बाप हमें जन्म देते हैं तो एक गुरु एक शिक्षक हमारे जीवन को सफल बनाते हैं। शिक्षक को ईश्वर से भी ऊंचा माना गया है। हमारा भविष्य एक शिक्षक ही बनाता है अतः उनके इस ऋण को हमें सदैव स्मरण रखना चाहिए। 

मेरे प्रिय शिक्षक पर यहाँ हम आपके लिए हिन्दी निबंध लेकर आए हैं। स्कूल में आपका भी कोई ना कोई प्रिय अध्यापक होगा। अपने प्रिय शिक्षक के बारे में निबंध की तैयारी आप यहाँ कर सकते हैं। 

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (150 शब्द) 

मेरे स्कूल में वैसे तो सभी शिक्षक बहुत अच्छे हैं लेकिन मेरे सबसे प्रिय शिक्षक आशीष सर हैं। आशीष सर ने बीएड तक की पढ़ाई की है और वे हमें हिन्दी विषय पढ़ाते हैं। वे समय के बड़े पाबंद हैं और नियमित समय पर विद्यालय उपस्थित हो जाते हैं। एक शिक्षक का स्वभाव विनम्र, शांत दयावान होना चाहिए वो सभी गुण मुझे उनके अंदर दिखाई देते हैं।

क्लास में पढ़ाते समय वो हमें हर चीज को विस्तार से समझाते हैं और कोई संशय होने पर उसका समाधान भी करते हैं। वे  हमें सदा अच्छी राह पर चलने का संदेश देते हैं और किसी विद्यार्थी के गलती करने पर उसे मारने-पीटने की वजाय उसे प्यार से समझाते हैं और उसे उसकी गलती का एहसास कराते हैं।

एक आदर्श शिक्षक कैसे होना चाहिए वो सभी गुण मुझे आशीष सर में दिखाई देते हैं। मेरे भविष्य को सँवारने में उनका योगदान मैं हमेशा स्मरण रखूँगा।

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (200 शब्द) 

एक आदर्श शिक्षक कैसा होना चाहिए इसका जीता-जागता उदाहरण हैं मेरे नवनीत सर। वे मेरे सबसे प्रिय शिक्षक भी हैं। उनका वो शांत स्वभाव, हसमुख चेहरा, विनम्रतापूर्ण व्यवहार और अथाह ज्ञान सभी को आकर्षित करता है। स्कूल में सभी विद्यार्थियों के वो चहेते हैं।

वे हमें कक्षा में अँग्रेजी विषय पर पढ़ाते हैं। अँग्रेजी का उन्हें बहुत अच्छा ज्ञान है। कक्षा में सभी विद्यार्थियों को वे आसान तरीके से पढ़ाते हैं। उनके समझाने का तरीका इतना सरल है की सभी को आसानी से हर बात समझ आ जाती है। उनके विषय का हर विद्यार्थी उत्तीर्ण होता है क्यूंकी वे हर विद्यार्थी पर मेहनत करते हैं।

नवनीत सर पढ़ाई के साथ-साथ हमें और भी अच्छी-अच्छी बातें बताते हैं। उनका मानना है की जीवन के प्रति हमें सदा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और मार्ग की कोई भी चुनौती आए उसका डटकर मुक़ाबला करना चाहिए।

नवनीत सर के जीवन में समय और अनुशासन का बड़ा महत्व है। उनका कहना है की जीवन में समय कभी भी व्यर्थ नहीं करना चाहिए, व्यक्ति को समय का पाबंद होना जरूरी है। साथ ही व्यक्ति का जीवन अनुशासित होना चाहिए।

स्कूल में खेल कूद में वो बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और हमें भी यही शिक्षा देते हैं की पढ़ाई के साथ-साथ खेल कूद भी जरूरी है।

नवनीत सर की जीवन के प्रति सकारात्मक सोच और उनका व्यवहार मुझे बेहद पसंद है और मैं भी उन्हीं की तरह का व्यक्तिव का धनी बनना चाहता हूँ।

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (300 शब्द) 

मेरे स्कूल में अनेक शिक्षक और शिक्षिकाएं हैं, जो बच्चों को अलग-अलग विषय का ज्ञान देते हैं। सभी शिक्षक बहुत अच्छे और हम सभी विद्यार्थियों के सम्माननीय हैं। सभी शिक्षकों में मेरे प्रिय शिक्षक उदित सर हैं जिनकी बहुमुखी प्रतिभा के सभी प्रशंसक हैं। उदित सर हमें इतिहास विषय के बारे में पढ़ाते हैं और कक्षा में पढ़ाते समय वे हमें इतिहास का समुचित ज्ञान देते हैं। किसी विद्यार्थी के समझ न आने पर हमारी हर शंका का समाधान भी करते हैं। कक्षा में पढ़ाने के साथ-साथ वे हमें कई अच्छी-अच्छी बातें भी समझाते हैं जैसे की – बड़ों का सम्मान करना, सुबह उठकर धरती के पैर छूना, अपनी गलती पर क्षमा मांगना और विनम्रता पूर्वक व्यवहार करना आदि। वे हमें इतिहास की बातों को समझाने के साथ ही प्रेरक कहानियां और अच्छे व्यक्तित्व वाले लोगों के जीवन के बारे में भी बताते हैं। कक्षा में किसी विद्यार्थी से गलती होने पर वे उसे प्यार से समझाते हैं, तो कभी-कभी डांट भी लगा देते हैं। मार-पीट के वो सख्त खिलाफ हैं।

वे कभी भी अपने विद्यार्थियों में भेदभाव नहीं करते। वे हमेशा विद्यार्थ‍ियों का उत्साह बढ़ाते हैं और खेल-कूद एवं पढ़ाई में समान रूप से ध्यान देने की सीख भी देते हैं।

उदित सर अपने हर विद्यार्थी की कमजोरी और उसकी प्रतिभा का जानते हैं। वे हमेशा हमारी कमजोरी को दूर कर हमारी प्रतिभा को प्रोत्साहित करते हैं। उनके इस प्रोत्साहन का ही परिणाम है, कि हम पढ़ाई के साथ-साथ, खेल-कूद और प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं।

वे सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं। गरीब लोगों की मदद के लिए वे हमेशा आगे रहते हैं। स्कूल में ऐसे कई विद्यार्थी हैं जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, ऐसे विद्यार्थियों की वे आर्थिक मदद भी करते हैं।

शिक्षक के बिना किसी शिष्य का जीवन नहीं बन सकता। माता पिता हमें जीवन देते हैं तो एक शिक्षक हमें जीवन जीना सिखाता हैं। मैं उदित सर का हमेशा ऋणी रहूँगा और मेरे हृदय में उनके लिए सदैव उच्च स्थान रहेगा।

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (500 शब्द) 

यदि माता-पिता बच्चों में संस्कार का सृजन करते हैं तो एक गुरु उनके भविष्य को संवारता है। गुरु (शिक्षक) का स्थान ईश्वर से भी बड़ा बताया गया है। मेरी स्कूल में भी सभी शिक्षक गुणी और स्वभाव के अच्छे हैं। सभी शिक्षकों में मेरे सबसे प्रिय शिक्षक सावित्री मैडम हैं जो हमें विज्ञान के विषय में पढ़ातीं हैं। उन्होने M.S.C तक की पढ़ाई की है।

वे हर रोज नियमित रूप से विद्यालय आतीं हैं। समय की बड़ी पाबंद हैं सावित्री मैडम इसलिए स्कूल में कभी भी देरी से नहीं पहुंचतीं। स्कूल में सभी के साथ उनका व्यवहार अत्यंत विनम्र है। सभी शिक्षक गण, प्रधानाचार्य और स्कूल में काम करने वाले अन्य कर्मचारी सावित्री मैडम की प्रशंसा करते नहीं थकते, उनकी बातें, व्यवहार और उनके ज्ञान की सभी प्रशंसा करते हैं। उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है कभी भी मैंने उन्हें क्रोध करते नहीं देखा।

अपनी कक्षा में वे सभी विद्यार्थियों के साथ समानता का व्यवहार करतीं हैं। पढ़ाते समय वे हर बात को बड़ी बारीकी से समझातीं हैं और कोई बात अगर समझ में नहीं आती तो उसे पुनः समझातीं हैं। कक्षा के पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों पर मैडम खास ध्यान रखतीं हैं। उनके पढ़ाने का ढंग सबसे अलग है, कठिन से कठिन विषय को बड़ी आसान और सरल भाषा में समझाने का तरीका उन्हें अच्छी तरह से आता है।

सावित्री मैडम बच्चों के साथ मार-पीट करने के सख्त खिलाफ हैं। इसलिए वे कभी भी किसी विद्यार्थी पर हाथ नहीं उठातीं। उनका मानना है हर बच्चे के अंदर कोई ना कोई कला होती है जिसे निखारने की आवश्यकता है।

वे हमेशा हमें यही शिक्षा देतीं हैं की हमारी जिस चीज में रुचि है वही काम करना चाहिए। क्लास में यदि कोई विद्यार्थी गलती करता हैं तो उसे मारने की वजाय मैडम उसे प्यार से उसकी गलती बतातीं हैं और भविष्य में ऐसी गलती ना करने के लिए समझातीं हैं।

सावित्री मैडम पढ़ाने के अलावा भी हमें जीवन के बारे में बहुत अच्छी-अच्छी बातें बतातीं हैं। एक व्यक्ति का जीवन कैसा होना चाहिए, उसकी क्या ज़िम्मेदारी होनी चाहिए ये सारा नैतिक ज्ञान भी हमें वो देतीं हैं।

हमारी मैडम गरीब बच्चों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहतीं हैं। जो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते उन्हें वे उन्हें पुस्तक, कपड़े आदि देकर और आर्थिक रूप से मदद भी करतीं हैं। उनका कहना है की देश का हर बच्चा शिक्षित होना चाहिए तभी देश का भविष्य सुरक्षित होगा।

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Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)

Essay on my teacher ( मेरे अध्यापक पर निबंध ).

Let’s start the Essay on My Teacher.. ..

Outlines of the Essay

  • Introduction ( परिचय )
  • My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा शिक्षक )
  • Her values ( उनका महत्व )
  • My teacher’s best things (मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें)

Conclusion of the Essay ( निबंध का निष्कर्ष )

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Introduction   ( परिचय )

It’s said, there’s no knowledge, no wisdom without your guru . There are books all around the world, we can easily have access to them, but the way and things that a teacher brings closer to our prism of perspective are way too far to compare with anything.

कहा जाता है कि बिना गुरु के किसी ज्ञान, किसी बुद्धिमता का कोई अस्तित्व नहीं होता है। दुनिया भर में हर जगह किताबें उपलब्ध हैं, हम आसानी से उन्हें पा सकते हैं, लेकिन एक अध्यापक जिस तरह से विचारों को हमारे सोचने- समझने के तरीके के सामने रखते हैं, वह अतुलनीय होता है।

Teachers enlighten our minds, closely associated with us remind us of things we could do with our lives, books and potentials. We might read out a thing from the book and completely understand it but that doesn’t suffice the presence of a teacher. We all require someone to guide.

अध्यापक हमारे दिमाग को तेज करते हैं। वे हमारे साथ रहकर हमें उन लक्ष्यों की याद दिलाते हैं जिन्हें हम अपने जीवन, पुस्तकों और क्षमताओं के सहारे पा सकते हैं। हम पुस्तक से किसी चीज़ को तो पढ़ सकते हैं और इसे पूरी तरह से समझ सकते हैं लेकिन एक अध्यापक की मौजूदगी को पूरा नहीं कर सकते है। हम सभी को किसी न किसी के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा अध्यापक )

I have various teachers in school, different teachers for every subject. I like all of them, all of them have a different way of teaching, talking, checking our notebooks and dealing with the subject. There are times I’m scared of telling people that I don’t get a few concepts in Mathematics, but I’m glad that I can go up to my teacher of Maths. He’s a nice person and tells me Maths is a tricky subject, but if I get the trick It would become easier.

मेरे स्कूल में कई अध्यापक हैं, विभिन्न विषयों के लिए विभिन्न अध्यापक हैं। मुझे वे सभी पसंद हैं, उन सभी के पढ़ाने, बातचीत करने, हमारी नोटबुक को चेक करने और किसी विषय के बारे में समझाने का एक अलग तरीका है। कई बार मैं लोगों को यह बताने से डरता हूं कि मुझे गणित (मैथ्स) की कुछ अवधारणाएं (कॉन्सेप्ट्स) नहीं आते, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं इसके बारे में जानने के लिए अपने मैथ्स के टीचर के पास जा सकता हूँ। वह एक अच्छे इंसान है और मुझे बताते हैं कि मैथ्स एक ट्रिकी विषय है, लेकिन अगर ट्रिक को समझ लिया जाए तो ये आसान लगने लगेगा।

Out of all the teachers, I like my English teacher the most. Her name is Divya. She is a new teacher in our school. She says, she has taught in many other schools of the city as well. She has come across various work cultures, new students, new people, new school buildings etc. She admits that she loves teaching and doesn’t regret to choose this profession, this is the only thing that doesn’t bore her.

सभी अध्यापकों में से, मुझे अपनी इंग्लिश की अध्यापक सबसे अधिक पसंद हैं। उनका नाम दिव्या है। वह हमारे स्कूल के लिए एक नई अध्यापक है, वह कहती हैं कि उन्होंने शहर के कई अन्य स्कूलों में भी पढ़ाया है, उनका विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों, नए स्टूडेंस, नए लोग, नए स्कूल बिल्डिंग आदि से मिलना हुआ है।वह स्वीकार करती है कि उन्हें पढ़ाना बहुत पंसद है और इस पेशे को चुनने के लिए पछतावा नहीं करती है, यह एकमात्र ऐसी चीज है जो उन्हें बोर नहीं करती है।

She comes up with new poems even out of our texts and explains them to us in great detail. She has got a great sense of humour. She plays games with us in the free period, she is very friendly and doesn’t let the teacher-student relationship barrier hurt the students.

यहाँ तक कि वह हमारे पाठ्यक्रम के बाहर से भी नई कविताओं को लेकर आती हैं और उन्हें हमें विस्तार से समझाती हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत अच्छा है। वह खाली समय में हमारे साथ गेम खेलती हैं, वह बहुत ही मिलनसार हैं और वह शिक्षक और विधार्थी के बीच की दूरी को बनाकर भी हमें सहज महसूस कराती हैं।

Her Nature ( उनका स्वभाव )

She’s very humble, friendly and interactive and that’s why everyone likes her. She accepts all of us with our imperfections as well, with our grammatical mistakes and spelling errors. She’s very open to new opinions and recommendations.

वह बहुत ही विनम्र, मिलनसार, विचार-विमर्श करने वाली (इंटरैक्टिव) हैं और इसी वजह से हर कोई उन्हें पंसद करता है। वह हमें हमारी सभी कमियों के बावजूद स्वीकार करती हैं, ग्रामर की गलतियाँ हों या फिर स्पेलिंग मिस्टेकस । वह नए विचारों और सुझावों का खुले दिल से स्वागत करती हैं।

She says, she has been an ardent reader since school and encourages us to do the same. She tells us that she wants to study more so that she can engage more in teaching and she could then come up with more diverse and better ideas. She says that Education is the most golden tool of growth and encourages us to learn as much as we can, from all the possible sources possible.

वह कहती हैं कि अपने स्कूल के समय से ही वह एक उत्साही पाठक (पढ़ने वाली) रही हैं और हमें भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वह हमें बताती हैं कि वह और अधिक पढ़ाई करना चाहती है ताकि टीचिंग के क्षेत्र में और अधिक काम कर सके और फिर ज्यादा विविधता और बेहतर विचारों के साथ पढ़ा सके। वह कहती हैं कि ‘शिक्षा’ विकास के लिए सबसे सुनहरा साधन है और यह हमें सभी मुमकिन स्रोतों (सोर्सज) से जितना संभव हो सके उतना सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है।

My Teacher’s best things ( मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें )

My Teacher’s best thing is her teaching style, her elegance, her interactivity, her openness to new ideas or thoughts. There are many other great things about her, I’m lucky having found her.

मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी चीज है उनके पढ़ाने का तरीका, उनकी शिष्टता, उनके बातचीत करने का तरीका, नई सोच और विचारों के प्रति उनका खुलापन। उसके बारे में कई अन्य अच्छी चीजें हैं, मैं उनका साथ पाकर भाग्यशाली समझता हूँ।

A teacher has very influential energy to pass with his/her students. Students are generally imitative, they imitate what their teachers do, we similarly follow our teachers’ ideas and paths. They’re true path guiders, their role is very crucial to one’s development and becoming one individual.

एक अध्यापक के पास अपने स्टूडेंटस को देने के लिए बहुत प्रभावशाली ऊर्जा होती है। स्टूडेंट सामान्यतः अनुसरण करने वाले होते हैं, उनके अध्यापक जो भी करते हैं वे उसका अनुसरण करते हैं, हम भी बिल्कुल इसी तरह अपने शिक्षक के विचारों और रास्तों पर चलते हैं। वे सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैं, उनकी भूमिका हमारे विकास में और हमारे व्यक्तित्व को बनाने में अति महत्वपूर्ण होती है।

I hope, you like this Essay on My Teacher.

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14 thoughts on “Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)”

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You are my favorite teacher in my life so far i have never seen a teacher like you in my hole life who is completely devoted to her childern even though i have no met you but i consider you my ideal i have got a lot to learn from your video sir i don’t have word to express thanks to you love you sir Amit Negi From Uttrakhand

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आपका आर्टिकल पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा. में अक्सर आपके ब्लॉग के न्यू आर्टिकल्स पढ़ती हूं जिससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. आपके सभी आर्टिकल से टॉपिक को पूरी तरह से समझने की पूर्ण क्षमता होती है. आप इसी तरह से हमें अपना ज्ञान देते रहे इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

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Dear Shivanee, Thank you so much for your kind words. As well, I personally checked your blogs (essays & history); you are doing a great job. Keep it up. All the best! – Aditya

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Thank you for your help ? I am So happy from Work ?……. Again Thank you So much ?

Thank you for your Help…… I am So happy from your Work….!!!!! Your Essay Reminds me of my English Teacher ………. Thank you So much ??

Anushka Chaudhary From Uttar Pradesh, India

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very nice essay .. thanks for sharing

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This is great for me I am class 8 student

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Bhot achcha

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Thank you sir

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मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध – My Favourite Teacher Essay In Hindi

  • 1 मेरे प्रिय शिक्षक (Best Teacher ) पर निबंध – My Favourite Teacher Essay In Hindi
  • 2.0.1 My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 200 Words )
  • 2.0.2 My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 400 Words )
  • 2.0.3 My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 1000 Words )
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मेरे प्रिय शिक्षक (Best Teacher ) पर निबंध – My Favourite Teacher Essay In Hindi

दोस्तों आज के इस लेख में हम मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध ( My Favourite Teacher Essay ) प्रस्तुत कर रहे है ! इस निबंध को कक्षा 2 से लेकर 12वी तक के विद्यार्थी यहाँ तक कि जो प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे है वह भी इसका use कर सकते है ! हम यहाँ मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध ( My Favourite Teacher Paragraph ) को 200 words , 400 words और 1000 words में प्रस्तुत कर रहे है ! तो आइये शुरू करते है – My Favourite Teacher Essay in Hindi / My Favourite Teacher Paragraph In Hindi / Essay on My Favourite Teacher In Hindi / Teacher Par Nibandh Hindi Me

My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 200 Words )

एक शिक्षक का हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है ! शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है जो हमारे जीवन को प्रकाशमय बनाता है ! मेरे विद्यालय में वैसे तो सभी शिक्षक अच्छे और मधुर स्वभाव के है लेकिन पवन जी सर उनमे से मेरे सबसे पसंदीदा टीचर है ! वह मेरे क्लास टीचर भी है !

पवन जी सर बहुत ही शांत स्वभाव , मृदुभाषी , मिलनसार और सभी छात्रों के साथ समान व्यव्हार रखने वाले है , इसी कारण स्कुल के सभी विद्यार्थियों और शिक्षको में वे बहुत ही लोकप्रिय है !

Also Read : शिक्षक दिवस पर निबंध !

वे हमें हिंदी विषय पढ़ाते है ! हिंदी विषय पर उनका ज्ञान बहुत अधिक और गहरा है ! वे हमें बहुत ही आसान और सरल तरीके से पढ़ाते है ! उनका पढाया हुआ सभी छात्रों को अच्छे से समझ में आ जाता है ! उनकी हिंदी विषय का रिजल्ट भी हर साल शानदार रहता है क्योंकि वे सभी छात्रों पर अधिक मेहनत करते है किसी विद्यार्थी के साथ कोई भेद – भाव नहीं करते है !

पवन जी सर हमें कक्षा में अपने विषय की पढाई के अलावा अन्य एक्टिविटी भी करवाते है जिससे सभी विद्यार्थियों का अच्छे से मनोरंजन भी हो जाता है ! इसके अलावा वे हमें सप्ताह में एक दिन मोटीवेट और जीवन को प्रेरित करने वाली बाते भी बताते है जो हमें जीवन को आगे बढ़ाने में बहुत ही हेल्प करती है !

पवन जी सर समय के बहुत बड़े पाबंद है और वे हमें हमेशा अनुशासन में रहने की सलाह देते है ! उनकी सकारात्मक सोच और सादगी भरा जीवन मुझे बेहद पसंद है भविष्य में मै भी उनके जैसा व्यक्तित्व रखने की कामना करता हूँ !

My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 400 Words )

मेरी सबसे पसंदीदा और बेस्ट टीचर मेरी कक्षा अध्यापिका है जिसका नाम है मीनाक्षी शर्मा ! वह विज्ञानं विषय की अध्यापिका है ! उसे विज्ञानं विषय का बहुत ही अच्छा नोलेज है क्योंकि वह दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा रही है ! उनकी पढ़ाने की शैली काफी शानदार है जिसके चलते स्कुल के सभी विद्यार्थी उनका बहुत सम्मान करते है !

मीनाक्षी शर्मा हमारे स्कुल के पास ही रहती है ! वह समय की बहुत पाबंद है और हमेशा स्कुल में समय पर आती है और अपने विद्यार्थियों को भी हमेशा समय पर आने की और अनुशासन में रहने की सलाह देती है ! स्कुल समय में वह कभी भी अपना पीरियड मिस नहीं करती है और हमेशा अपने स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए तैयार रहती है !

परीक्षा के दिनों में वह हमारी अलग से कक्षाए भी लेती है और जो कमजोर स्टूडेंट्स होते है उनकी वह बहुत हेल्प करती है ! उनकी विषय का रिजल्ट हर साल बहुत ही शानदार रहता है कभी कोई विद्यार्थी उनके विषय में फ़ैल नहीं होता है !

वह हमारे साथ बहुत ही मित्रवत व्यव्हार करती है जिसके चलते हमें कभी भी हमारी टीचर का डर नहीं लगता है ! स्कुल के सभी विद्यार्थी उनसे बेझिझक सवाल – जवाब पूछते है ! वह हमें पढाई के अलावा अच्छी – अच्छी बाते भी बताती है और सभी बच्चो से बहुत प्यार करती है और स्कुल के सभी बच्चे भी उनसे बहुत प्यार करते है !

वह सभी छात्रों को हमेशा प्रोत्साहित करती है कभी भी किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करती है ! वह हमें पढाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से भी प्रोत्साहित करती है !

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मीनाक्षी शर्मा मेरी सबसे पसंदीदा अध्यापिका होने के साथ – साथ वह हमारे स्कुल की उप – प्रधानाचार्या भी है ! मै उन्हें हर साल शिक्षक दिवस पर उन्हें ग्रीटिंग कार्ड देता हूँ और उनके जन्मदिवस पर उन्हें हर साल उज्जवल भविष्य की शुभकामनाये भी देता हूँ !

मीनाक्षी शर्मा हमारे स्कुल की सबसे मृदुभाषी और मिलनसार वाली शिक्षिका है ! वह हमेशा कर्म करने में विश्वास रखती है और अपने स्कुल और  छात्रों को बहुत प्यार करती है ! स्कुल के सभी अन्य टीचर और सभी विद्यार्थी भी उन्हें खूब प्यार और सम्मान करते है !

My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 1000 Words )

हम सभी जानते है कि एक शिक्षक का हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण योगदान होता है ! एक शिक्षक के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते , क्योंकि शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है जो हमें अंधकार से प्रकाश की और ले जाता है ! एक शिक्षक की बदोलत ही हम यह जान पाते है कि संसार में क्या सही है और क्या गलत है !

देखा जाए तो संसार में बहुत सी ज्ञान की किताबे है हम उन्हें पढ़कर भी ज्ञान प्राप्त कर सकते है , लेकिन एक शिक्षक जिस तरह से अपने ज्ञान , अनुभव , सोचने – समझने के तरीके आदि को हमारे सामने रखता है वह अतुलनीय है !

एक शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो हमें अपने लक्ष्यों को बनाने और उन्हें प्राप्त करने में हमारी मदद करते है ! माता – पिता के बाद एक शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है जो यह चाहता है कि उनके पढाये हुए स्टूडेंट्स उनसे भी ज्यादा कामयाब बने ! जब भी कोई शिक्षक अपने किसी स्टूडेंट्स को सफल होते हुए देखता है तो वह दिन उनके लिए सबसे गौरवान्वित महसूस करने वाला दिन होता है !

जीवन में सभी का कोई न कोई पसंदीदा शिक्षक जरुर होता है जो उन्हें ताउम्र याद रहता है ! मेरा भी एक बेस्ट टीचर है जिन्होंने अपने वयवहार , वाणी , सरलता उनके पढ़ाने की शैली आदि ने मुझे बहुत अधिक प्रभावित किया है !

वह अपने छात्रों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते है और किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करते है ! उनके पढ़ाने का  तरीका ही कुछ ऐसा है कि उन्हें स्कुल में हर छात्र सम्मान की नजर से देखता है !

मेरे प्रिय शिक्षक कौन है ?

वैसे तो स्कुल में देखा जाए तो सभी टीचर बहुत अच्छे है , लेकिन मेरे जो सबसे पसंदीदा ( Best Teacher ) अध्यापक है उसका नाम है श्रीमान प्यारेलाल जी सर ! वह भोतिक विज्ञानं  विषय के एक मंझे हुए अध्यापक है ! वह एक साधारण जीवन शैली में विश्वास रखते है ! सादा जीवन और उच्च विचार के वे धनी है !

प्यारेलाल जी सर का पढ़ाने का तरीका ही कुछ ऐसा है कि स्कुल के सभी विद्यार्थी उसके कायल है ! वह स्कुल में सभी विद्यार्थियों से समानजनक व्यवहार करते है और सभी विद्यार्थी भी उनका बहुत सम्मान करते है ! वह गरीब और कमजोर स्टूडेंट्स की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते है ! उनका सरल स्वभाव और व्यव्हार ही है जिसके कारण वह मेरे सबसे प्रिय अध्यापक है !

वह मेरे प्रिय शिक्षक क्यों है ?

मुझे मेरे अध्यापक प्यारेलाल जी सर का सरल , सोम्य , समय के पाबंद और अपने विषय पर मजबूत पकड़ ही मुझे उनका कायल बनाती है ! स्कुल के सभी विद्यार्थी उनकी शिक्षण शैली से बहुत प्रभावित है जिसके कारण वह हर जगह पहचाने जाते है !

भौतिक विज्ञानं को लेकर जो मेरे मन में डर था वो मेरे प्रिय अध्यापक ने चुटकियो में दूर कर दिया और इस विषय के प्रति मेरी रूचि को और बढ़ा दिया ! उनका पढ़ाने का तरीका ही कुछ ऐसा है कि स्कुल के सभी विद्यार्थी परीक्षा में उनके विषय में अच्छे अंक हासिल करते है !

प्यारेलाल जी सर जब भी कोई पाठ पढ़ाते है तो वे बहुत ही सरल तरीके से हमें समझाने का प्रयास करते है ! जब तक सभी छात्रों को वह पाठ समझ में नहीं आ जाता तब तक वह उसे समझाने का प्रयास करते है ! इसके बाद वह घर के लिए थोडा होम वर्क भी देते है और सप्ताहांत में हमारा टेस्ट भी लेते है जिससे उस विषय पर हमारी पकड़ मजबूत हो जाती है !

मेरे प्रिय अध्यापक मेरे आदर्श भी है

मेरे प्रिय अध्यापक श्रीमान प्यारेलाल जी सर को मै अपना आदर्श भी मानता हूँ ! वे एक ऐसे शिक्षक है जो पूरी ईमानदरी , निष्ठां और परिश्रम से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते है ! वह हमेशा अपने पेशे के साथ ईमानदार रहते है ! वह गरीब और कमजोर छात्रों को अपने घर पर ट्यूशन भी देते है और बदले में कोई फ़ीस भी नहीं लेते है !

इसके अलावा उनकी शिक्षण शैली कुछ ऐसी है जो उन्हें सभी से अलग बनाती है ! मेरे मन में भौतिक विज्ञानं विषय को लेकर जो डर था उसको दूर करने में मेरे प्रिय अध्यापक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ! मेरी हमेशा यह कोशिश रहेगी कि मै उनके आदर्शो पर चलू और एक अच्छा व्यक्ति बनू !

मेरे प्रिय अध्यापक मेरे प्रेरणास्त्रोत

मेरे प्रिय अध्यापक श्रीमान प्यारेलाल जी सर मेरे प्रेरणास्त्रोत भी है , क्योंकि वह स्कुल के किसी भी विद्यार्थी के साथ किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं करते है ! वह सभी विद्यार्थियों से बहुत ही नम्रता से बात करते है कभी भी उनकी गलतियों पर उन्हें डाँटते नहीं है बल्कि गलतियों से सीख लेकर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है ! स्कुल के सभी विद्यार्थी भी उनका बहुत आदर और सम्मान करते है !

वह हमेशा पढाई के अलावा अन्य एक्टिविटी भी करवाते है और अपने प्रेरित करने वाले विचारो से हमारा मार्गदर्शन भी करते है ! उनकी ज्ञान रूपी बाते हमें हमेशा मोटिवेट रखती जिसके चलते हम अपनी पढाई में अधिक फोकस कर पाते है !

मेरे प्रिय अध्यापक से मेरे रिश्ते

मेरे प्रिय अध्यापक श्रीमान प्यारेलाल जी सर से मेरा रिश्ता एक गुरु और शिष्य का ही नहीं है अपितु एक दोस्त जैसा भी है ! जब भी मुझे कोई निजी समस्या का सामना करना पड़ता है तो इसमें वे मेरी बहुत सहायता करते है !

मै शिक्षक दिवस पर हमेशा उन्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजता हूँ और जब भी उनका जन्म दिन आता है तो उन्हें उनके उज्जल भविष्य की शुभकामनाये भी देता हूँ !

एक शिक्षक के बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते है ! शिक्षक उस मोमबती की तरह होता है जो खुद जलकर लोगो के जीवन में उजाला लाता है ! बिना शिक्षा और शिक्षक के हम एक अच्छे समाज की कल्पना नहीं कर सकते ! शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है जो हमारे जीवन के अंधकार को मिटाकर ज्ञान रूपी मोती को भरता है !

शिक्षक ही हमें किताबी ज्ञान के अलावा अपने अनुभवो और ज्ञान के माध्यम से संसार का ज्ञान करवाता है ! एक अच्छा शिक्षक हमें अनुशासन के साथ सही दिशा में आगे बढ़ने में हमारा मार्गदर्शन करता है ! हमें हमेशा अपने शिक्षको का सम्मान करना चाहिए !

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मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध - My Favourite Teacher Essay In Hindi

Sabaasaanhai.com एक हिंदी Motivational ब्लॉग है ! इस  ब्लॉग  में रेगुलर  प्रेरणादायक  Stories, Biography, Quotes  प्रस्तुत  होगी  ! सफल और  आसान  लाइफ  जीने  के  लिए  क्या  जरुरी  है ! लाइफ  में  कोनसा  कदम  हमें ऊंचाइयों  पर ले जायेगा ! ऐसी  कहानिया  जो  पढ़कर  लाइफ  में  कुछ  करने  का  मन  हो , ऐसी  मोटिवेशनल  कहानिया बताई  जाएगी  ! जिस  वजह से  आप  कभी  भी  कामयाब  होने  की  उम्मीद  नहीं  छोड़ेंगे  और  success  के साथ  जुड़े रहेंगे !

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मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध | Essay on My Favourite Teacher in Hindi

नमस्कार आज का निबंध, मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध Essay on My Favourite Teacher in Hindi पर दिया गया हैं.

सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए विभिन्न शब्द सीमा में प्रिय शिक्षक पर निबंध दिया गया हैं. फेवरेट टीचर कौन है उनके साथ सम्बन्ध कैसे पढ़ाते है आदि बिन्दुओं पर यह आसान शोर्ट निबंध दिया गया हैं.

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध Essay on My Favourite Teacher in Hindi

Paragraph on my favourite teacher in english & hindi.

Today Here We Bring a Short Paragraph On My Favourite Teacher For Students And Kids In Hindi & English Language For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10th Students.

Various Length My Favourite Teacher Paragraph In 10 Line, 100, 200, 250, 300, 400, 500 Words Are About My Teacher Which I Most Like About Her Life, Education, Teaching Method, Hobby Character, Personality About My Favourite Teacher Short Essay Giving Blow.

I Read In Class VIII A. Shree a.n. Sharam Is My Favourite Teacher. He Is a Good Teacher. He Teaches Us English. He Is About Forty Years Old. He Always Wears Simple Dress.

He Is a Man Of Simple Nature. He Never Comes Late. He Is Punctual In His Work. He Is Hard Working. He Does Not Waste Time In The Class. His Method Of Teaching Is Very Interesting.

He Is Very Kind To All Of Us. He Is Always Helps The Students. He Loves All The Boys Very Much. We Also Respect Him Very Much. He Is A Good Sportsman Too.

मैं कक्षा 8 अ में पढ़ता हूँ. श्री ऐ एन शर्मा मेरे प्रिय अध्यापक हैं. वह एक अच्छे अध्यापक हैं. वे हमें अंग्रेजी पढाते हैं. वह लगभग चालीस वर्ष के हैं. वह हमेशा साधारण कपड़े पहनते हैं. वह सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं.

वह कभी देर से नही आते हैं. वह अपने समय के बेहद पाबन्द हैं. यह कठोर परिश्रमी हैं. वह कक्षा में समय नष्ट नही करते हैं. उनका पढाने का तरीका बहुत रुचिप्रद हैं. वह हम सबके प्रति बहुत दयालु हैं. वह हमेशा प्रसन्न रहते हैं.

वह कभी क्रोधित नही होते हैं. वह हमेशा विद्यार्थियों की मदद करते हैं. यह सब लड़को से प्रेम करते हैं. हम भी उनका बहुत आदर करते हैं. वह एक अच्छे खिलाड़ी भी हैं.

प्रिय अध्यापक पर निबंध – 1

मै राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ, मेरे विद्यालय में पन्द्रह अध्यापक है. श्री गंगाराम मेरे प्रिय अध्यापक है. वे हमारे कक्षाअध्यापक भी है. वे हमें हिंदी पढ़ाते है, उनकी आयु पैंतालिस वर्ष है.

वे लम्बें व गठीले शरीर के है. वे समय के बहुत पाबन्द है. उनका स्वभाव बहुत अच्छा है. वे सभी लोगो के साथ मधुर व्यवहार रखते है. वे छात्रों के प्रति स्नेह रखते है.

वे कक्षा में बहुत अच्छे ढंग से पढ़ाते है, उन्हें अपने विषय पर पूरा ज्ञान है. वे कमजोर छात्रों की विशेष रूप से मदद करते है. वे सभी छात्रों की समस्याओं का तुरंत समाधान कर देते है. हमारे प्रधानाध्यापक एवं अन्य अध्यापक भी उन्हें बहुत पसंद करते है.

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध – 2

मेरे प्रिय अध्यापक श्री देवीलाल जी है, जिन्होंने तीन साल तक गणित एवं दो सालों तक अंग्रेजी भाषा का अध्ययन करवाया था. वे जयपुर के ही रहने वाले है, वर्तमान में विद्यालय के पास ही एक कमरे में रहते है.

इन्होने राजस्थान विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की. वे प्रकृति से बेहद शांत व मधुर है. वे कक्षा के छोटे से छोटे व बड़े सभी छात्रों को अच्छी तरह संभालना जानते है.

उनकी अनूठी शिक्षण शैली मुझे बहुत याद आती है,. उनका पढाने का तरीका सबसे अलग व आकर्षक था. उन्होंने पढाई के साथ साथ जों नैतिक शिक्षाएं दी वो मुझे आज भी याद है.

उन्होंने गणित जैसे कठिन विषय को मेरे लिए बेहद सरल बना दिया था. फिलहाल में छठी कक्षा में पढ़ता हूँ पर मुझे अभी भी उनकी बहुत याद आती है.

अच्छे शरीर, चमकदार आंखों और गोरे बाल तथा अच्छी कद काठी वाले इंसान है. अभी भी जब कभी मुझसे कठिन सवाल हल नही होते है तो मैं उनके पास जाता हूँ.

जब भी वो कक्षा में आते थे तो उनका चेहरा मुस्कराता था. जब विद्यालय के खेल प्रशिक्षक उपस्थित नहीं होते थे. तब ये ही हमें अच्छे अच्छे खेल सिखाते थे.

वे बाहर से जितने नरम थे, कभी कभी बेहद कठोर भी बन जाते थे, समय पर कार्य न करने वाले तथा अनुशासनहीनता करने वालें कई छात्रों को वे दंडित करते थे.

कभी कभी वों कक्षा में हंसी मजाक भी किया करते थे. हमेशा हमारी कक्षा में उन्ही के विषय में छात्रों को सबसे अधिक अंक आते थे.

एक बार अच्छे अंक लाने पर मुझे भी उन्होंने चोकलेट दी थी, जो मुझे आज भी याद है. वों अच्छा पढाने के साथ ही घर पर कार्य करने के लिए होमवर्क भी दिया करते थे,. उनके उत्साही तथा विनम व्यक्तित्व के कारण देवीलाल जी मेरे सभी शिक्षकों में मुझे प्रिय है.

essay on my favourite teacher in hindi in 600 words

समाज में गुरु का स्थान -प्राचीन काल में हमारे समाज में गुरु का महत्व सर्वोपरि रहा हैं. गुरु, आचार्य, शिक्षक या अध्यापक ये सभी समानार्थी शब्द हैं.

अध्यापक एक ऐसा कलाकार होता हैं, जो अपने शिष्यों के व्यक्तित्व का निर्माण बड़ी सहजता और कुशलता से करता हैं. हमारे मन के अज्ञान को दूर कर उसमें ज्ञान का आलोक फैलाने वाला गुरु ही होता हैं.

परमात्मा का साक्षात्कार भी गुरु की कृपा से ही हो सकता हैं. इसी विशेषता के कारण कबीरदास आदि संत कवियों ने गुरु की कृपा से ही हो सकता हैं.

इसी विशेषता के कारण कबीरदास अदि संत कवियों ने गुरु की सर्वप्रथम वन्दना की और गुरु को ईश्वर से भी बड़ा बताया. वस्तुतः मानव जीवन का निर्माता हमारे समाज और राष्ट्र का निर्माता गुरु या अध्यापक ही होता हैं.

आदरणीय अध्यापक व्यक्तित्व और स्वभाव -मेरे प्रिय अध्यापक का व्यक्तित्व एवं स्वभाव अत्यंत प्रभावशाली हैं. इन अध्यापकजी का नाम ज्ञानप्रकाश शर्मा हैं.

इनका इकहरा बदन, गौर वर्ण, लम्बा कद और सुगठित शरीर, उन्नत नासिका बड़े कर्ण विवर एवं चौड़े कर्ण पुट आदि सभी अंग प्रत्यय प्रभावशाली एवं आकर्षक हैं.

अध्यापक जी हमारे विद्यालय में हिंदी के विरिष्ठ अध्यापक हैं. वे हमेशा धोती और खाकी कुर्ता पहनते हैं. ईश्वर में आस्था रखने वाले सरल आस्तिक हैं.

गुरूजी की वाणी बड़ी मधुर, स्नेहपूर्ण और स्पष्ट हैं. उनका स्थिर दृष्टि से देखना और गम्भीरता से बोलना बड़ा अच्छा लगता हैं.

मेरे अध्यापक जी का बाहरी व्यक्तित्व जितना आकर्षक है, उतना ही अच्छा उनका स्वभाव भी हैं. वे सभी छात्रों के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार करते हैं.

और छात्रों की बड़ी से बड़ी गलती पर भी क्रोध नहीं करते हैं. अपितु उन्हें क्षमा करके भविष्य में अच्छा आचरण करने को कहते हैं.

गुरूजी विनम्र सत्यवादी और मधुर भाषी हैं. विद्यालय के अन्य अध्यापकों एवं कर्मचारियों के प्रति उनका व्यवहार बहुत अच्छा हैं. उनमें श्रेष्ठ आदर्श अध्यापक के सभी गुण एवं विशेषताएं मौजूद हैं.

मेरे प्रिय अध्यापक का अनुकरणीय जीवन – मेरे प्रिय अध्यापक की दिनचर्या अनुकरणीय हैं. वे प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर नियमित रूप से भ्रमण के लिए जाते हैं.

फिर स्नानादि कर पूजा करते हैं और भोजन करके विद्यालय आ जाते हैं. विद्यालय की प्रार्थना सभा का संचालन वे ही करते हैं. प्रार्थना के बाद पांच मिनट के लिए वे प्रतिदिन नयें नयें विषयों को लेकर शिक्षापूर्ण व्याख्यान देते हैं.

तत्पश्चात वे अपने कालांशों में नियमित रूप से अध्यापन कराते हैं. पाठ का सार बतलाना, उससे संबंधित गृहकार्य देना, पहले दिए गये गृहकार्य की जांच करना, मौखिक प्रश्नोतर करना तथा अन्य संबंधित बातों का उल्लेख करना उनका पाठन शैली की विशेषताएँ हैं.

सायंकाल घर में आकर स्वाध्याय करते हैं. रविवार के दिन वे अभिभावकों से सम्पर्क करने की कोशिश करते हैं. तथा एक आध घंटा समाज सेवा में लगाते हैं. इस तरह अध्यापकजी की दिनचर्या नियमित और निर्धारित हैं.

अध्यापक जी का छात्रों पर प्रभाव – आदरणीय गुरूजी ज्ञानप्रकाश जी शर्मा का नाम सारे विद्यालय और सारे कस्बे में हर कोई जानता हैं.

छात्रों पर उनका काफी प्रभाव दिखाई देता हैं. छात्र उनसे आदरपूर्वक मिलते हैं. अपनी समस्याएं उनके सामने रखते हैं और उनसे शंकाओं का समाधान पाकर संतुष्ट हो जाते हैं.

छात्रों के प्रति गुरूजी का व्यवहार आत्मीयता से पूर्ण रहता हैं. गरीब और असहाय छात्रों की वे भरपूर सहायता करते हैं. वे अतीव अनुशासनप्रिय और सदाचारी व्यक्ति हैं. उनके आदर्श चरित्र से हम सभी प्रभावित रहते हैं.

उपसंहार – गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपणी गोविंद दियो बताय कबीर की इस उक्ति के अनुसार वे हमारे आदरणीय अध्यापक मेरे लिए आदर्श शिक्षक हैं.

और हमें ज्ञान प्रदान करने के साथ साथ सदाचरण के उपदेशक हैं. इन विशेषताओं से वे हमारे लिए सदैव वन्दनीय हैं.

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My Favourite Teacher Par Nibandh In Hindi My Best Teacher Short Essay

My Favourite Teacher Par Nibandh In Hindi | My Best Teacher Short Essay

दोस्तों इस पोस्ट में हम My Favourite Teacher पर हिंदी में निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं. उम्मीद है कि My Favourite Teacher Essay in Hindi आपका ज्ञान वर्धन अवश्य करेगा. हिंदी निबंध का हिंदी भाषा के अध्ययन में अपना ही एक महत्वपूर्ण स्थान है. तो आइये अब पढ़ते हैं My Favourite Teacher पर हिंदी में निबंध.  

मेरे पसंदीदा शिक्षक के गुण

दरअसल आपको यह बता दूँ कि मनीष सर लंबे और दिखने में काफी अच्छे हैं। वह 32 साल का है और बहुत अनुभवी है। उनके पढ़ाने का तरीका बेहतरीन है। वह सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखते हैं। उनके शानदार शिक्षण और विनम्र व्यवहार के लिए सभी छात्र उन्हें प्यार करते हैं। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में 9 वर्षों का अनुभव है, और उन्होंने गणित में स्नातकोत्तर किया है। वह जटिल गणितीय समीकरणों को आसानी से हल करता है।

समस्याओं को हल करने के अपने तरीकों को समझाने का उनका एक अनूठा तरीका है। इस तरह, वह सबसे जटिल समस्याओं को भी सरल बना देता है और सभी छात्रों के लिए इसे समझना बहुत आसान हो जाता है। उनके पास सभी पसंदीदा शिक्षक गुण हैं, और उनमें असाधारण मात्रा में धैर्य है, यही एक कारण है कि हर कोई उन्हें सबसे अच्छा शिक्षक मानता है। वह हर प्रश्न या संदेह को इतने धैर्य और स्पष्टता के साथ समझाते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि आप उन्हें अच्छी तरह से समझें।

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उनके पास अंग्रेजी का एक उत्कृष्ट आदेश है और वहां के अधिकांश शिक्षकों के विपरीत, जिनके लिए थोपना, सूत्र और प्रमेय लिखना महत्वपूर्ण है, वे जटिल समीकरणों को याद करने के बजाय तार्किक तर्क पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। वह बहुत अनुशासित और समय के पाबंद हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हम भी इन सिद्धांतों का पालन करें। वह समय के महत्व को समझता है और हमेशा समय पर आता है। उनके पास ऐसे कई प्रशंसनीय गुण हैं जो प्रशंसनीय हैं और उन छात्रों द्वारा अत्यधिक सराहना की जाती है जो इन गुणों को भी आगे बढ़ाना चाहते हैं।

वह बहुत उत्साही है लेकिन वह बहुत अधिक दबाव वाला नहीं है और हमें खुद निर्णय लेने की अनुमति देता है। वह अध्ययन और पाठ्येतर गतिविधियों के बीच संतुलन को पूरी तरह से समझता है और हमें दोनों के साथ ट्रैक पर रहने में मदद करता है। वह छात्रों के समग्र विकास में विश्वास करते हैं और इस प्रकार छात्रों को पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि एक शिक्षक छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत होता है क्योंकि वह हमें नेक मार्ग की ओर ले जाता है। लगभग हर छात्र अपने शिक्षक की प्रशंसा करता है, सूचकांक करता है और जीवन में उसके नक्शेकदम पर चलना चाहता है। मिस बबीता स्कूल में मेरी पसंदीदा शिक्षिका हैं जो हमें गणित पढ़ाती हैं। वह मेरी क्लास टीचर भी है और हर सुबह हमारी अटेंडेंस लेती है।

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वह छात्रों को गणित ओलंपियाड के लिए तैयार करता है ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके और वे गणित जैसे जटिल विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। उनके मार्गदर्शन में, कई छात्रों ने गणित ओलंपियाड में पुरस्कार जीते हैं, और यहां तक ​​कि मैंने भी कई गणित प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान हासिल करने के लिए उच्चतम अंक प्राप्त किए हैं। वह हमारे स्कूल के लिए एक संपत्ति है क्योंकि उसने सह-पाठ्यचर्या और शैक्षणिक पहलुओं सहित हमारे स्कूल की समग्र छवि को सुधारने में एक बड़ी भूमिका निभाई है और हम छात्र उसके लिए भाग्यशाली हैं।

वह कभी गंभीर नहीं दिखते क्योंकि उसका चेहरा मुस्कुराता है। वह हमें अपने बच्चों की तरह स्कूल में खुश रखते हैं। वह स्कूल में आयोजित किसी भी समारोह या प्रतियोगिता के दौरान स्कूल में सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखते हैं। वह सभी छात्रों से बहुत विनम्रता से बात करते हैं और स्कूल की किसी भी कठिन परिस्थिति को संभालना अच्छी तरह से जानते भी हैं।

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एक शिक्षक में विनम्र गुण होते हैं और वह अपने छात्रों को सफलता के शिखर पर पहुंचने का निर्देश देता है। एक शिक्षक रचनात्मक तरीकों का उपयोग करता है ताकि छात्रों को बेहतर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिल सके। शैक्षिक मूल्य प्रदान करने के अलावा, एक शिक्षक अपने छात्रों की क्षमता और योग्यता को जानता है और उन प्रतिभाओं को बाहर लाने में मदद करता है, इसलिए व्यक्तियों को अपने शिक्षकों को सही भावना से समझना चाहिए।

वह कभी भी बेकार के कामों में अपना समय बर्बाद नहीं करते हैं। वह अक्सर शेक्सपियर को उद्धृत करते हैं – बात करने वाले अच्छे कर्ता नहीं होते हैं। वह हमेशा कहते हैं कि काम ही पूजा है। इसलिए वह कभी भी बिना तैयारी या देर से क्लास में नहीं आता। उसे समय से पहले अपनी कक्षा से कभी प्यार नहीं होता।

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वह क्रिकेट के भी अच्छे खिलाड़ी हैं। वह हमेशा अपने छात्रों को खेल और खेलों में भाग लेने की सलाह देते हैं। वह एक अच्छे वक्ता भी हैं।

 जिस स्कूल में शिक्षक जैसा पढ़ाता है वह स्कूल भाग्यशाली होता है। मुझे उनका छात्र होने पर गर्व महसूस होता है। ऐसे शिक्षक अपने छात्रों के भाग्य का निर्माण करते हैं।

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My Favourite Teacher Essay in Hindi मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध

My Favourite Teacher Essay in Hindi मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध: आज हम प्रिय शिक्षक पर एक विस्तृत निबंध लिखने जा रहे हैं जो मुझे अपने प्रिय शिक्षक के बारे में अच्छी बातें।

संक्षिप्त में 10 लाइनें जिन कारणों से में उन्हें पसंद करता हूँ, जो छात्रों को न केवल उनके असाइनमेंट को तैयार करने में मदद करेगा बल्कि कुछ नया सीखने को मिलेगा , यह लेख है 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 और 9 वीं कक्षा के छात्रों को समर्पित है।

10 Lines on My Favourite Teacher Essay in Hindi: मेरे प्रिय शिक्षक पर 10 लाइनें

यहाँ हमने अपने प्रिय शिक्षक पर 10 पंक्तियों में सूचीबद्ध किया है, इन पंक्तियों से छात्रों को अपने पसंदीदा शिक्षक पर अपना निबंध लिखने में मदद मिलेगी।

  • श्री त्रिभुवन जोशी मेरे प्रिय शिक्षक हैं।
  • उनके पढ़ाने का तरीका बहुत ही सरल है की मुझे भौतिकी जैसे विषय भी आसान लगता है।
  • वह अपने काम और कर्तव्य के प्रति पुरे सजग और समय के पाबंद हैं।
  • वह जरूरतमंद छात्रों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
  • वह सरल जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत में विश्वास करता है।
  • वह अपने छात्रों को अपने बेटे की तरह मानते हैं।
  • उन्हें अपने ज्ञान पर बिल्कुल भी घमंड नहीं है, वह सभी से अच्छा व्यवहार रखते है। वह बैक-बाइटिंग यानी किसी की निंदा की तरह नहीं है।
  • श्री जोशी सख्त हैं अनुशाशन को लेके, लेकिन कठोर नहीं हैं। वह एक अच्छे खिलाड़ी भी हैं।
  • उन्हें अपने छात्र के प्रति गहरी सहानुभूति रखते है। वह प्रत्येक छात्र को व्यक्तिगत रूप से जानता है।
  • मैं भाग्यशाली हूं कि में इस तरह के एक विद्वान शिक्षक के सानिध्य में पढ़ने का मौका मिला।

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Short essay on my Favourite teacher मेरे प्रिय शिक्षक पर लघु निबंध

लगभग 200 शब्दों में निबंध, रूपरेखा के आधार पर परिचय, पोशाक, योग्यता, उनके व्यवहार के साथ शुरू होता है, जैसे आप उन्हें क्यों पसंद करते हैं?

परिचय (Introduction)

मेरे कक्षा शिक्षक का नाम श्री पी एल शर्मा है। वह मुझे अंग्रेजी पढ़ाते है। वह अंग्रेजी में एम ए (MA) हैं। वह बहुत ही ज्ञानी शिक्षक हैं।

पोशाक (Dress)

वह हमेशा अच्छे और साफ़ सुथरे कपड़े पहनते है। गर्मियों में वह आकस्मिक शर्ट और पैंट का उपयोग करता है। सर्दियों में, वह ब्राउन-सूट पहनना पसंद करते है। उनके जूते हमेशा अच्छी तरह से पॉलिश हैं।

गुण (Qualities)

वह अच्छे गुणों के व्यक्ति है। वह हमेशा अपने काम में नियमित और समय के पाबंद होकर करते हैं। वह कभी भी देरी से स्कूल नहीं आते है। वह कभी भी समय से पहले स्कूल नहीं छोड़ते है।

वह कभी भी समय का दुरुप्रोग नहीं करते, हर एक मिनट उनके लिए काम का है। वह एक ईमानदार शिक्षक हैं, कार्य के प्रति जागरूक और बहुत मेहनत करते हैं।

उनके पढ़ाने का तरीका बहुत दिलचस्प है। उन्हें अपने विषय का अच्छा ज्ञान है। वह अपने छात्र को प्यार और देखभाल के साथ सिखाते है। उनके कक्ष्या हर कोई छात्र मन लगाकर पढ़ाई करता है, कोई भी शैतानी नहीं करता।

व्यवहार (Behaviour)

उनका व्यवहार बहुत विनम्र है, छोटी-छोटी बातों पर कभी क्रोधित नहीं होते। उन्होंने कभी किसी के लिए कठोर शब्द का उपयोग नहीं करता है।

वह एक शांत स्वभाव के हैं। वह अपने छात्रों को फटकार नहीं लगते, कभी भी किसी की पिटाई नहीं की। वह अपने छात्रों को अपने बच्चों के सामान मानते हैं।

वह कमजोर छात्रों को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करते है। वह हमेशा कमजोर छात्रों की मदत के लिए हमेशा तैयार रहते है।

स्कूल प्रिंसिपल और बांकी शिक्षक भी उनका सम्मान और प्रशंशा करते है। वह स्वेच्छा से उनकी बात मानते है। वह स्कूल के हित में कुछ भी करने को तय्यार रहते है। वह स्कूल शिक्षा के इश्तर को बढ़ाने में अन्य शिक्षकों के साथ सहयोग करते है।

निष्कर्ष (Conclusion)

मैं अपने शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान रखता हूं। मेरे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है। मैं उन्हें स्कूल का सबसे अच्छा शिक्षक मानता हूँ।

वह एक अच्छे शिक्षक ही नहीं बल्कि एक अच्चछे खिलाड़ी (sportsperson) भी हैं, स्काउटिंग और बहस (debate) में भी भाग लेते हैं। उनके जैसे शिक्षक आज की तारिक में आसानी से नहीं मिलते।

Detailed My Favourite Teacher Essay in Hindi मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध

मेरे स्कूल के सभी शिक्षकों में, मेरे प्रिय शिक्षक है श्री भुवन जोशी, में उनका बहुत सम्मान करता हूँ। उनका व्यक्तित्व बहुत ही सरल हैं। वह स्मार्ट और काफी लम्भी चौड़ी व्पर्सनालिटी (Personality) है।

उन्हें राज्य में सर्वश्रेष्ठ रसायन विज्ञान शिक्षक के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है, हालांकि वे अंग्रेजी और गणित भी पढ़ा सकते हैं।

उन्होंने कार्य करते हुए, रसायन विज्ञान में एमएससी पास किया। वह अब हमारे स्कूल के प्रिंसिपल हैं, लेकिन अधिकांश प्रधानाचार्य इसके के विपरीत होते है।

उनका मानना ​​है कि यह कुशल शिक्षण वही है जो अपने छात्रों को उनके करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे। वह अभी भी शिक्षण के लिए अपना ज्यादातर समय समर्पित करते है।

उनके छात्र उनसे बहुत प्यार करते हैं क्यूंकि वह छात्रों की हर समस्या समाधान करते है। छात्र उनसे कई बार सवाल पूछते हैं, शायद ही कभी किसी छात्र को डांटा होगा।

उनके साथ काम करने वाले शिक्षकों के प्रति उनका व्यवहार भी उतना ही अच्छा है। वह हर किसी के कल्याण में गहरी दिलचस्पी लेते है। सभी शिक्षक उनका दिल से सम्मान करते हैं और उनके गुणों की प्रशंसा हैं।

वह नियमित रूप से शिक्षकों के कार्यों की जाँच करता है वह बिना नोटिस के सप्ताह में एक या दो बार हर कक्षा का निरीक्षण करते है। स्कूल में सभी अनुशासन का पालन करते है।

जब भी कोई शिक्षक अनुपस्थित या देर हो जाता है, फिर भी छात्र न ही शोर मचाते हैं और ना ही इधर उधर टहलते हैं। श्री जोशी स्कूल परिसर को साफ सुथरा रखने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और सभी को प्रेरित करते हैं।

उनका अपना जीवन हमारे लिए एक उदाहरण है। वह एक ऐसे व्यक्ति है जो अपने कर्तव्य को करने में विश्वास रखते है। उनका कार्य के प्रति समर्पण एक प्रेरणा हो सकता है सभी के लिए।

उनका मानना ​​है कि काम करने से किसी का नुकशान नहीं हुआ है, यह रोजमर्रा के कार्य ही है जो मनुष्य के शरीर और दिमाग को दुरुस्त रखता है।

उनका स्वास्थ्य उत्तम है और दूसरों को भी सलाह देते है कि, हम अपने शरीर पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए जितना कि हमारे मन पर।

वह उन छात्रों को पसंद नहीं करते जो किताबी-कीड़े होते है और हर किसी को नियमित व्यायाम करने और दैनिक खेलों पर ध्यान देना चाहिए।

हमारे स्कूल को खेल और एथलेटिक्स में बहुत प्रतिष्ठा और सम्मान मिला प्राप्त है। पिछले साल के टूर्नामेंट में, हमारे स्कूल ने वॉलीबॉल प्रतियोगिता को छोड़कर और सभी खेलों में ट्राफियां जीतीं।

फिर, वह एक अच्छे वक्ता भी है। स्कूल की मीटिंग्स और अन्य कार्यों में, हर तरह की गतिविधि में भाग लेने में हमेशा आगे रहते हैं और छात्रों को पहल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

संयुक्त शिक्षा निदेशक, दिल्ली, हर महत्वपूर्ण मामले में उनसे सुझाव लेते है। ये ऐसे गुण हैं जो उन्हें बाकी शिक्षकों से अलग बनाते हैं।

संक्षेप में, वह न केवल स्कूल में बल्कि शिक्षा विभाग में भी सबसे लोकप्रिय व्यक्ति हैं।

My Favourite Teacher Essay in Hinglish

My Favourite Teacher Essay in Hinglish; Mere Pasandeeda Shikshak Par Nibandh: Aaj Ham Shikshak Par Ek Vistrit Nibandh Likhane Ja Rahe Hain Jo Mujhe Apane Priy Shikshak Ke Baare Mein Achchhee Baaten Aur Sankshipt Mein 10 Lainen Jin Kaaranon Se Mein Unhen Pasand Karata Hoon, Jo Chhaatron Ko Na Keval Unake Asainament Ko Taiyaar Karane Mein Madad Karega Balki Kuchh Naya Seekhane Ko Milega, Yah Lekh Hai 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 Aur 9 Veen Kaksha Ke Chhaatron Ke Lie Samarpit Hai.

Mere Priya Shikshak Par 10 Lains

Yahaan Hamane Apane Priy Shikshak Par 10 Panktiyon Mein Soocheebaddh Kiya Hai, In Panktiyon Se Chhaatron Ko Apane Pasandeeda Shikshak Par Apana Nibandh Likhane Mein Madad Milegee.

  • Shree Tribhuvan Joshee Mere Priy Shikshak Hain.
  • Unake Padhaane Ka Tareeka Bahut Hee Saral Hai Kee Mujhe Bhautikee Jaise Vishay Bhee Aasaan Lagata Hai.
  • Vah Apane Kaam Aur Kartavy Ke Prati Pure Sajag Aur Samay Ke Paaband Hain.
  • Vah Jarooratamand Chhaatron Kee Madad Ke Lie Hamesha Taiyaar Rahate Hain.
  • Vah Saral Jeevan Aur Uchch Vichaar Ke Siddhaant Mein Vishvaas Karata Hai.
  • Vah Apane Chhaatron Ko Apane Bete Kee Tarah Maanate Hain.
  • Unhen Apane Gyaan Par Bilkul Bhee Ghamand Nahin Hai, Vah Sabhee Se Achchha Vyavahaar Rakhate Hai. Vah Baik-Baiting Yaanee Kisee Kee Ninda Kee Tarah Nahin Hai.
  • Shree Joshee Sakht Hain Anushaashan Ko Leke, Lekin Kathor Nahin Hain. Vah Ek Achchhe Khilaadee Bhee Hain.
  • Unhen Apane Chhaatr Ke Prati Gaharee Sahaanubhooti Rakhate Hai. Vah Pratyek Chhaatr Ko Vyaktigat Roop Se Jaanata Hai.
  • Main Bhaagyashaalee Hoon Ki Mein Is Tarah Ke Ek Vidvaan Aur Gudee Shikshak Hoon.

Mere Priy Shikshak Par Laghu Nibandh

Lagabhag 200 Shabdon Mein Nibandh, Rooparekha Ke Aadhaar Par Parichay, Poshaak, Yogyata, Unake Vyavahaar Ke Saath Shuroo Hota Hai, Jaise Aap Unhen Kyon Pasand Karate Hain?

Parichay : Mere Kaksha Shikshak Ka Naam Shree Pee El Sharma Hai. Vah Mujhe Angrejee Padhaate Hai. Vah Angrejee Mein Em E (Ma) Hain. Vah Bahut Hee Gyaanee Shikshak Hain.

Poshaak : Vah Hamesha Achchhe Aur Saaf Suthare Kapade Pahanate Hai. Garmiyon Mein Vah Aakasmik Shart Aur Paint Ka Upayog Karata Hai. Sardiyon Mein, Vah Braun-Soot Pahanana Pasand Karate Hai. Unake Joote Hamesha Achchhee Tarah Se Polish Hain.

Gun : Vah Achchhe Gunon Ke Vyakti Hai. Vah Hamesha Apane Kaam Mein Niyamit Aur Samay Ke Paaband Hokar Karate Hain. Vah Kabhee Bhee Deree Se Skool Nahin Aate Hai. Vah Kabhee Bhee Samay Se Pahale Skool Nahin Chhodate Hai. Vah Kabhee Bhee Samay Ka Duruprog Nahin Karate, Har Ek Minat Unake Lie Kaam Ka Hai. Vah Ek Eemaanadaar Shikshak Hain, Kaary Ke Prati Jaagarook Aur Bahut Mehanat Karate Hain.

Unake Padhaane Ka Tareeka Bahut Dilachasp Hai. Unhen Apane Vishay Ka Achchha Gyaan Hai. Vah Apane Chhaatr Ko Pyaar Aur Dekhabhaal Ke Saath Sikhaate Hai. Unake Kakshya Har Koee Chhaatr Man Lagaakar Padhaee Karata Hai, Koee Bhee Shaitaanee Nahin Karata.

Vyavahaar : Unaka Vyavahaar Bahut Vinamr Hai, Chhotee-Chhotee Baaton Par Kabhee Krodhit Nahin Hote. Unhonne Kabhee Kisee Ke Lie Kathor Shabd Ka Upayog Nahin Karata Hai. Vah Ek Shaant Svabhaav Ke Hain. Vah Apane Chhaatron Ko Phatakaar Nahin Lagate, Kabhee Bhee Kisee Kee Pitaee Nahin Kee. Vah Apane Chhaatron Ko Apane Bachchon Ke Saamaan Maanate Hain. Vah Kamajor Chhaatron Ko Kadee Mehanat Karane Ke Lie Protsaahit Karate Hai. Vah Hamesha Kamajor Chhaatron Kee Madat Ke Lie Hamesha Taiyaar Rahate Hai.

Skool Principal Aur Baankee Shikshak Bhee Unaka Sammaan Aur Prashansha Karate Hai. Vah Svechchha Se Unakee Baat Maanate Hai. Vah Skool Ke Hit Mein Kuchh Bhee Karane Ko Tayyaar Rahate Hai. Vah Skool Shikshya Ke Ishtar Ko Badhaane Mein Any Shikshakon Ke Saath Sahayog Karate Hai.

Nishkarsh : Main Apane Shikshakon Ke Prati Pyaar Aur Sammaan Rakhata Hoon. Mere Man Mein Unake Lie Bahut Sammaan Hai. Main Unhen Skool Ka Sabase Achchha Shikshak Maanata Hoon. Vah Ek Achchhe Shikshak Hee Nahin Balki Ek Achchachhe Khilaadee (Sportspairson) Bhee Hain, Skauting Aur Bahas (Daibatai) Mein Bhee Bhaag Lete Hain. Unake Jaise Shikshak Aaj Kee Taarik Mein Aasaanee Se Nahin Milate.

Mera Priy Shikshak Par Nibandh

Mere Skool Ke Sabhee Shikshakon Mein, Mere Priy Shikshak Hai Shree Bhuvan Joshee, Mein Unaka Bahut Sammaan Karata Hoon. Unaka Vyaktitv Bahut Hee Saral Hain. Vah Smaart Aur Kaaphee Lambhee Chaudee Vparsanaalitee (Pairsonality) Hai. Unhen Raajy Mein Sarvashreshth Rasaayan Vigyaan Shikshak Ke Roop Mein Pratishthit Kiya Gaya Hai, Haalaanki Ve Angrejee Aur Ganit Bhee Padha Sakate Hain.

Unhonne Kaary Karate Hue, Rasaayan Vigyaan Mein Emesasee Paas Kiya. Vah Ab Hamaare Skool Ke Principal Hain, Lekin Adhikaansh Pradhaanaachaary Isake Ke Vipareet, Unaka Maanana Hai Ki Yah Kushal Shikshan Vahee Hai Jo Apane Chhaatron Ko Unake Kariyar Mein Aage Badhane Ke Lie Prerit Kare. Vah Abhee Bhee Shikshan Ke Lie Apana Jyaadaatar Samay Samarpit Karate Hai.

Unake Chhaatr Unase Bahut Pyaar Karate Hain Kyoonki Vah Chhaatron Kee Har Samasya Samaadhaan Karate Hai. Chhaatr Unase Kaee Baar Savaal Poochhate Hain, Shaayad Hee Kabhee Kisee Chhaatr Ko Daanta Hoga.

Unake Saath Kaam Karane Vaale Shikshakon Ke Prati Unaka Vyavahaar Bhee Utana Hee Achchha Hai. Vah Har Kisee Ke Kalyaan Mein Gaharee Dilachaspee Lete Hai. Sabhee Shikshak Unaka Dil Se Sammaan Karate Hain Aur Unake Gunon Kee Prashansa Hain.

Vah Niyamit Roop Se Shikshakon Ke Kaaryon Kee Jaanch Karata Hai Vah Bina Notis Ke Saptaah Mein Ek Ya Do Baar Har Kaksha Ka Nireekshan Karate Hai. Skool Mein Sabhee Anushaasan Ka Paalan Karate Hai.

Jab Bhee Koee Shikshak Anupasthit Ya Der Ho Jaata Hai, Phir Bhee Chhaatr Na Hee Shor Machaate Hain Aur Na Hee Idhar Udhar Tahalate Hain. Shree Joshee Skool Parisar Ko Saaph Suthara Rakhane Ke Lie Hamesha Taiyaar Rahate Hain Aur Sabhee Ko Prerit Karate Hain.

Unaka Apana Jeevan Hamaare Lie Ek Udaaharan Hai. Vah Ek Aise Vyakti Hai Jo Apane Kartavy Ko Karane Mein Vishvaas Rakhate Hai. Unaka Kaary Ke Prati Samarpan Ek Prerana Ho Sakata Hai Sabhee Ke Lie.

Unaka Maanana Hai Ki Kaam Karane Se Kisee Ka Nukashaan Nahin Hua Hai, Yah Rojamarra Ke Kaary Hee Hai Jo Manushy Ke Shareer Aur Dimaag Ko Durust Rakhata Hai.

Unaka Svaasthy Uttam Hai Aur Doosaron Ko Bhee Salaah Dete Hai Ki, Ham Apane Shareer Par Bhee Utana Hee Dhyaan Dena Chaahie Jitana Ki Hamaare Man Par. Vah Un Chhaatron Ko Pasand Nahin Karate Jo Kitaabee-Keede Hote Hai Aur Har Kisee Ko Niyamit Vyaayaam Karane Aur Dainik Khelon Par Dhyaan Dena Chaahie.

Hamaare Skool Ko Khel Aur Ethaletiks Mein Bahut Pratishtha Aur Sammaan Mila Praapt Hai. Pichhale Saal Ke Toornaament Mein, Hamaare Skool Ne Voleebol Pratiyogita Ko Chhodakar Aur Sabhee Khelon Mein Traaphiyaan Jeeteen.

Phir, Vah Ek Achchhe Vakta Bhee Hai. Skool Kee Meetings Aur Any Kaaryon Mein, Har Tarah Kee Gatividhi Mein Bhaag Lene Mein Hamesha Aage Rahate Hain Aur Chhaatron Ko Pahal Karane Ke Lie Protsaahit Karate Hain.

Sanyukt Shiksha Nideshak, Dillee, Har Mahatvapoorn Maamale Mein Unase Sujhaav Lete Hai. Ye Aise Gun Hain Jo Unhen Baakee Shikshakon Se Alag Banaate Hain.

Sankshep Mein, Vah Na Keval Skool Mein Balki Shiksha Vibhaag Mein Bhee Sabase Lokapriy Vyakti Hain.

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मेरे शिक्षक पर निबंध (My Teacher Essay in Hindi)

पहले के समय में हमारे देश में शिक्षक को इस तरह का सम्मान दिया जाता था, परन्तु आज के समय में शिक्षक और छात्र दोनो ही बदल गये है। पहले के समय में शिक्षण एक पेशा ना होकर एक उत्साह और एक शौक का कार्य था, पर अब यह मात्र एक आजीविका चलाने का साधन बनकर रह गया है। लेकिन मुझे लगता अभी भी सब कुछ खत्म नही हुआ है। जब भी मैं छात्रों को शिक्षक दिवस मनाते हुए देखता हूँ मैं काफी भावुक हो जाता हूँ और इसके साथ ही काफी प्रसन्न भी महसूस करता हूँ। यह सब देखकर मुझे लगता है अभी भी हमारे दिलो में शिक्षको के लिए विशेष स्थान है।

शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य | मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध

मेरे शिक्षक पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Teacher in Hindi, Mere shikshak par Nibandh Hindi mein)

मेरे शिक्षक पर निबंध – 1 ( 250 – 300 शब्द).

इस बात से को इनकार नही कर सकता है कि स्कूल के पहले दिन से लेकर कालेज के आखिरी दिन तक वह हमें पढ़ाते है हमारी कमियां खोजते है और हमें शिक्षा देते है। इसके अलावा वह हमारे व्यक्तित्व का भी निर्माण करते है अगर संक्षिप्त में कहे तो वह हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं।

शिक्षक हमारे भविष्य के निर्माता

वैसे तो कई रिश्ते है जिनका हमारे ह्रदय में विशेष स्थान होता है और मुझे विश्वास है कि उनमें से एक है शिक्षक का रिश्ता जो हमारे लिए सबसे प्रिय है। खासतौर से वह जो हमारे साथ सख्ती से पेश आते थे और हमें गलतियों पर सजा दिया करते थे।

जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते है यह नफरत प्रेम में बदल जाता है, क्योंकि हम अपने पेशे में डांट का महत्व महसूस करते है। कबीर दास ने शिक्षक के कार्य को नीचें के पंक्तियो में बखूबी समझाया है।

“गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट, अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट”

उपर के पंक्तियों में कबीर दास जी कहते है कि शिक्षक एक कुम्हार के तरह है और छात्र पानी के घड़े के तरह जो उनके द्वारा बनाया जाता है और इसके निर्माण के दौरान वह बाहर से घड़े पर चोट करता है और इसके साथ ही सहारा देने के लिए अपना एक हाथ अंदर भी रखता है।

इसलिए मैं अपने शिक्षक को इतना प्रेम करता हूँ (खासतौर से उनका जो मुझे ज्यादे डांटते थे)। वो वह व्यक्ति थे जो मेरे भविष्य निर्माण के लिए जिम्मेदार है।

जब मैं एक छात्र था, तब मैं एक अंग्रेजी लेखक बनना चाहता था। जब यह बात मैंने अपने दोस्तो और माता-पिता को बताया तो वह मुझ पर हंसने लगे क्योकि मेरी अंग्रेजी काफी खराब थी। मेरे शिक्षक हमेशा डांटते और सजा दिया करते थे पर मैनें कभी अपना धैर्य नही खोया। यह उनके मार्गदर्शन और मेहनत का फल ही जिससे कि मैं एक अंग्रेजी शिक्षक और लेखक बन पाया। पहले मैं उनके द्वारा मुझसे कड़ाई बरतने पर मुझे काफी बुरा लगता था, पर अब मैं उन्हे धन्यवाद देता हूँ क्योंकि उनके कड़ाई और मेरे उपर किये गये मेहनत का फल मुझे प्राप्त हुआ।

तो आपको भी अपने कड़ाई बरतने वाले शिक्षको की बातो का बुरा नही मानना चाहिए, क्योंकि वह आपको वो बनायेंगे जो आप बनना चाहते हो। दूसरे शब्दो में कहे तो वह आपके भविष्य के निर्माता है।

Meri Teacher par nibandh – 2 (400 शब्द)

यह सच है कि हमारे माता-पिता हमारे पहले शिक्षक है। वह हमें काफी कुछ सिखाते है, इस बात इन्कार नही किया जा सकता है, पर हमारी असली शिक्षा तब शुरु होती है जब हम स्कूल जाते है। जहा हम अपने शिक्षको द्वारा ज्ञान प्राप्त करना शुरु करते हैं। शिक्षक एक व्यक्ति के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व

एक शिक्षक एक मार्गदर्शक, गुरु, मित्र होने के साथ ही और कई भूमिकाएं निभाते है, जिनके बारे में हम सोच भी नही सकते है। यह विद्यार्थी के उपर निर्भर करता है, कि वह अपने शिक्षक को कैसे परिभाषित करता है। संत तुलसी दास के ने इसे नीचे के पंक्तियों में बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया है।

“जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी”

उपर के पंक्तियों में संत तुलसी दास ने बताया है कि भगवान/गुरु एक व्यक्ति को वैसे ही नजर आयेंगे जैसा कि वह सोचेगा। उदहारण के लिए अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण को अपना मित्र मानते थे, वही मीरा बाई भगवान श्रीकृष्ण को अपना प्रेमी ठीक इसी प्रकार से यह शिक्षक के उपर भी लागू होता है।

मेरे नर्सरी शिक्षक – मेरे सब कुछ

मेरे नर्सरी शिक्षक के व्यक्तित्व में कुछ जादू सा था, मैं उन पर आंख मूंदकर भरोसा करता था। मैं उनके साथ के अपने इस रिश्ते को बयान नही कर सकता पर हाँ मैं यह अवश्य कह सकता हूँ कि यह कई रिश्तो का मिश्रण था।

मेरे प्राइमरी (प्राथमिक) शिक्षक – मेरे गुरु

ऐसा कहा जाता है कि एक इमारत की नींव मजबूत हो तो इमारत मजबूत होती है, और व्यक्ति जितने चाहे उतनी मंजिले उसमें जोड़ सकता है लेकिन अगर नींव कमजोर हो तो ऐसा करना काफी खतरनाक होता है। मैं काफी भाग्यशाली था जो मुझे इतने अच्छे प्राथमिक शिक्षक मिले जिन्होंने मेरे जीवन में चरित्र और शिक्षा की नींव रखी और इसी मजबूत नींव के वजह से आज मैं इस मुकाम पर पहूँच पाया हूँ।

मेरे माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक – मेरे अनुशासन कर्ता

आज मेरे अंदर जो भी अनुशासन है वह मेरे माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक के द्वारा ही दी गयी है। वह मुझे डांटा करते थे, मुझ पर चिल्लाया करते थे और मुझे मेरे सीमा तक पहूँचाते थे। जब मैं विद्यालय में था, तब मुझे उनकी बातो का काफी बुरा लगता था, पर अब मैं इस बात को समझ चुका हूँ कि यह सब उन्होंने मेरे भलाई के लिए किया।

मेरे सेंकडरी और हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक – मेरे दोस्त

किसी ने सच ही कहा कि जब बेटे/बेटी के जूते उनके माता पिता या शिक्षक के जूते के बराबर हो जाये तो वह दोस्त बन जाते है। मैं अपनी हर व्यक्तिगत बाते अपने शिक्षको के साथ बांटा करता था, जिससे वह इन बातो में मेरा मार्गदर्शन किया करते थे। यह उनका मार्गदर्शन ही था, जो मैं किशोरावस्था के कई समस्याओं से बच गया।

एक शिक्षक हमारे जीवन में एक अभिनेता की तरह कई भूमिकाएं निभाता है, जो हमारी जीवन में हमारे लिए मददगार साबित होती है। जिनसे हमें एक बेहतर व्यक्ति एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा मिलती हैं।

निबंध – 3 (500 शब्द)

मेरे लिए यह बताना काफी मुश्किल है कि एक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का क्या महत्व है, क्योंकि हम में ज्यादेतर लोगो की वह एक पूरी दुनिया ही होते है। वह लोग काफी सौभाग्यशाली होते है, जिन्हे अच्छे शिक्षक मिलते है।

शिक्षक का हमारे जीवन में महत्व

एक पैदा हुए बच्चे का दिमाग बिल्कुल खाली होता है, हम कह सकते है यह एक खाली स्लेट की तरह होता है और इस स्लेट पर एक शिक्षक जो भी सिखाता है वह उस बच्चे का व्यक्तित्व बन जाता है।

हमें शिक्षा देने वाले

एक शिक्षक का मुख्य लक्ष्य छात्रों को ज्ञान देना होता है। वह अपने छात्रो को सबसे अच्छे तरीके से सीखाने का प्रयास करता है और उनके जरुरत के हिसाब से खुद को ढालता है। इसके साथ ही एक शिक्षक को कई बार काफी कम संसाधनो या बिल्कुल ना के बराबर के संसाधनो के साथ विद्यार्थियों को पढ़ाना होता है जैसे की सरकारी विद्यालयों में जो वाकई में एक चुनौती का कार्य होता हैं।

कई बार एक शिक्षक को अपन वित्तीय जरुरतो को पूरा करने के लिए काफी लम्बे समय तक कार्य करना होता है क्योंकि एक शिक्षक को काफी कम वेतन मिलता है। इसके साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए एक शिक्षक को उस विषय में नोट बनाने और अन्य जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार से हम कह सकते है कि एक शिक्षक का कार्य काफी कठिन कार्य होता है।

शिक्षक एक चरित्र निर्माता

किताबी ज्ञान देने के अलावा एक शिक्षक बच्चों को नैतिक ज्ञान भी देते हैं। जो कि कई बार औपचारिक रुप से होता है तो कई बार साधरण रुप से, जब मैं एक बच्चा था तो एक बार मैने अपने एक दोस्त से बिना पूछे उसका रबड़ ले लिया और उसे लौटाना भूल गया। इस पर मेरे दोस्त ने मेरे शिक्षक से जा कर कह दिया कि मैने उसका रबड़ चुराया है। इस बात पर मैं रोने लगा और कहा मैं उससे पूछना भूल गया था, मैंने चोरी नही की, इस बात पर मेरे शिक्षक ने मुझसे कहा की “मैं तुम्हारी बात पर यकीन करता हूँ, लेकिन तुम्हे दूसरे की वस्तु लेने से पहले पूछना चाहिए था” तब से लेकर आज तक उनके इस बताये गए पाठ को मैं कभी नही भूला।

छोटी-छोटी चीजे जो विद्यालयों में सिखायी जाती है, जैसे कि तमीज, झूठ ना बोलना,  हमेशा धन्यवाद और कृपया कहना, कक्षा में आने पर या कुर्सी पे बैठने से पहले आज्ञा लेना आदि, भले ही यह चीजे काफी छोटी प्रतीत होती हो पर मेरा यकीन मानिए यह छोटी चीजे आसानी से परिस्थितियों को तोड़ और जोड़ सकती है।

शिक्षक एक पथ प्रदर्शक और एक गुरु

जब मैं 10वीं कक्षा में था, तो मुझे समझ नही आ रहा था कि मुझे कौन सा विषय चुनना चाहिए विज्ञान या वाणिज्य, मैं जितने लोगो से सलाह लेता उतना ही ज्यादे भ्रमित हो जाता। अंत में इस विषय में मैने अपने शिक्षक से सलाह ली और “उन्होंने मुझसे कहा अपने दिल की बात सुनो तुम्हे अपना उत्तर मिल जायेगा” और वास्तव में मुझे मेरा उत्तर मिल गया।

एक शिक्षक एक दोस्त

मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि कोई व्यक्ति कितना भी प्रतिभासाली क्यों ना हो, अगर वह भावनात्मक रुप से अच्छा नही है तो वह अच्छा प्रदर्शन नही कर सकता है। अगर एक छात्र अपने शिक्षक को अपना मित्र मान ले तो मेरा विश्वास मानिए वह अपने भावनात्मक बाधाओं को आसानी से पार कर जायेगा।

शिक्षक हमारे शुभचिंतक

कुछ व्यक्ति ऐसे होते है, जो आपको कभी धोखा नही देते है। उनमें से एक है आपके शिक्षक, इससे कोई फर्क नही पढ़ता है कि आप उनके विषय में क्या सोचते है वह हमेशा ही आपके शुभ चिंतक रहेंगे।

ऐसा ही एक वाकया मैं आप लोगो के सामने रखना चाहूँगा, जब मैं स्कूल में था। हमारे एक गणित के शिक्षक थे जो हमेशा हमारे साथ काफी कड़ाई के साथ पेश आते थे, वह अक्सर हमे डांटते थे और पिटाई भी किया करते थे। दूसरे शब्दो में कहे तो उन्होंने हमारा जीना मुश्किल कर दिया था। एक दिन इन सब बातो को लेकर हमारा धैर्य जवाब दे गया और हममे उनकी मोटरसाईकल में आग लगा दी, जिसके बाद इस मामले की एफ.आई.आर दर्ज हुई और जब हमारे एक सहपाठी को धमकाया तो उसने कुछ लोगो के नाम बता दिये और जब पुलिस उन लड़को को गिरफ्तार करने आयी तो हमारे गणित के शिक्षक ने अपनी शिकायत वापस ले ली।

हम में से किसी ने भी ऐसा सोचा भी ना था, हम उनके पास गये और उनसे क्षमा मांगी और उनसे पूछा कि उन्होंने अपनी शिकायत वापस क्यों ले ली उन्होंने जो कहा अब वह मैं आपको बताने जा रहा हूँ, उन्होंने कहा “एक विद्यार्थी के रुप में आपसे गलतियां होती है और मेरा काम है उन्हे ठीक करना, लेकिन मैं तुम लोगो को ऐसी सजा नही दे सकता जो तुम्हारा भविष्य खराब कर दे और तुम्हे एक अपराधी बना दे, इसलिए मैने अपनी शिकायत वापस ले ली।” उनकी इस बात पर हम काफी रोये और अपने इस किये के लिए उनसे माफी मांगी, वास्तव में यही शिक्षक का असली चरित्र होता है।

अंत में मैं यहि कहूंगा कि एक शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो हमें सही मायनों में एक पूर्ण इंसान बनाता है।

निबंध – 4 (600 शब्द)

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, हम एक समय में कई भूमिकाएं निभाते है। जैसे कि हम एक बेटे हो सकते है, या माता, पिता, भाई, पति, दोस्त, बास, कर्मचारी आदि जैसे रिश्तो में एक ही समय पर बंधे हो सकते है। हर एक रिश्ते का क्षेत्र और सही रुप से निर्धारित होता है पर कुछ ऐसे रिश्ते होते है जो काफी जटिल होते है और इन्हे शब्दो में बयान नही किया जा सकता है। देखा जाये तो यह कई रिश्तो का मिश्रण होते है, कुछ ऐसा ही रिश्ता एक छात्र और शिक्षक का भी होता है। इस रिश्ते को परिभाषित करना काफी कठिन है क्योंकि शिक्षक हमारे जीवन में कई महत्वपूर्ण किरदार निभाते है।

शिक्षक और विद्यार्थी का रिश्ता

  • एक विशेष रिश्ता (एक नर्सरी के छात्र और उसके शिक्षक के मध्य)

मुझे इस बात का पुरा भरोसा है कि आप सबको भी यही लगता होगा की एक नर्सरी के छात्र का उसके शिक्षक/शिक्षिका के साथ एक ऐसा विशेष संबंध होता है, जिसे परिभाषित नही किया जा सकता है। मेरे पास इसके लिए सिर्फ एक ही शब्द है वो है जादुई, अगर वह मुझसे कुछ करने के लिए कहा करती थी, तो मैं कभी मना नही कर पाता था। एक बार मैंने उनसे मासूमियत से पूछा “मैडम क्या आप मुझे पसंद करती हैं?” इस पर उन्होंने मुझे जवाब दिया कि “हाँ बिल्कुल” उस दिन मुझे काफी प्रसन्न्ता हुई।

एक दिन कुछ कारणों से मैं नाराज हो गया और घर पर खाना नही खा रहा था। मेरे माता-पिता ने हर कोशिश की पर उन्हें कोई कामयाबी नही मिली, अंत में मेरे पिता जी ने मेरे स्कूल टीचर को फोन किया और मुझे उनसे बात करने के लिए कहा। उन्होंने मुझसे कहा कि “धीरेन्द्र………” मैंने तुरंत जवाब दिया “हाँ मैम मैं बिल्कुल भी गुस्सा नही हूँ और अभी खाना खा लूंगा और अपना होमवर्क भी करुंगा………” उनका मुझ पर कुछ इस तरह का प्रभाव था।

अब एक शिक्षक के तौर मैं भी अपने छोटे-छोटे छात्रों के साथ कुछ वैसा ही रिश्ता बनाने का प्रयास करता हूँ। अब इसमें मुझे सफलता मिलेंगी या नही यह चर्चा का विषय हो सकता है, पर मैं अपने तरफ से हमेशा ही एक अच्छा शिक्षक बनने का प्रयास करुंगा।

  • एक आर्मी कैडेट और उसके प्रशिक्षक का रिश्ता

जब मैं छठवीं कक्षा में था तब मैंने एन.सी.सी में शामिल हुआ था। मुझे याद है कि हमारे प्रशिक्षक एक सख्त इंसान थे और हम उन्हे गब्बर पुकारा करते थे। आज मेरे अंदर जो भी अनुशासन और संघर्षशीलता है वह उन्ही के बदौलत है। उन्होंने हमे बचने के तरीके और कई चीजे सिखायी। हमारे बीच का यह रिश्ता डर पे टिका हुआ था। यह बिल्कुल शोले फिल्म के गब्बर सिंह के आतंक के तरह था।

वह जब भी चिल्लाया करते थे “लड़को क्या तुम भूखो हो?”  हम जवाब दिया करते थे “नही सर”, इसके बाद वह फिर से पूछा करते थे “क्या तुम थके हो” और फिर से जवाब दिया करते थे “नही सर”। अब मैं जब भी थका महसूस करता हूँ मुझे उनकी वह चिल्लाहट याद आ जाती है और मेरा शरीर फिर से स्फूर्ति से भर जाता है।

  • किशोर छात्रों और उनके शिक्षकों के मध्य का रिश्ता

किशोरावस्था का समय जिदंगी का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है। सामान्यतः इस समय में शिक्षक और छात्र का रिश्ता समझ, प्रेम और आकर्षण पर टिका होता है। किशोरावस्था के बच्चो को संभालने के लिए एक शिक्षक के लिए यह सबसे जरुरी होता है कि वह काफी परिपक्व हो, नही तो इस बात की ज्यादे संभावना है कि हर चीज उलट-पुलट हो जायेगी।

यह उम्र ऐसी होती है जब मनुष्य के मन में विद्रोह भरा होता है। मेरा मतलब है कि एक किशोर को कोई काम करने से जितना भी रोका जाता है वह उसके प्रति उतना ही ज्यादे ही आकर्षित होता है। इसलिए एक अच्छे शिक्षक के लिए यह काफी आवश्यक है कि कड़ाई भी काफी सोच-समझ करे क्योंकि ज्यादे कड़ाई भी  चीजो को बिगाड़ सकती है।

जब मैं आठवीं कक्षा में था, तो मेरी अंग्रेजी काफी खराब थी। इसलिए मैं सही उत्तर नही लिख पाता था। एक दिन मेरे अंग्रेजी के अध्यापक ने मुझे बुलाया और उनके हाथ में मेरी साहित्य की एक कापी थी मुझे लगा कि आज मुझे फिर से डांट पड़ने वाली है या फिर उससे भी बुरा मेरे माता-पिता को बुलाया जायेगा। लेकिन भगवान का शुक्र था कि ऐसा कुछ भी नही हुआ, उन्होंने मुझसे विनम्रता से मेरी समस्या के बारे में पूछा पर मैं डर के मारे इस विषय में उन्हे कुछ बता नही पाया। जब मुझे लगा कि वह मुझे नही डाटेंगी तब मैने उन्हे अपनी समस्या के बारे में बताया उसके बाद उन्होंने मुझ पर काफी मेहनत की और आज यह उन्हीं के मेहनत तथा मेरे दृढ़ इच्छाशक्ति का नतीजा है, जिससे मेरी अंग्रेजी काफी सुधर गयी। इस पुरे घटना को आपको का बताने का मतलब यह है कि अगर वह मुझे डांटती या सजा देती, तो मुझे इस बात का पूरा भरोसा है परिस्थितियां विपरीत हो जाती।

मैं भी अपने छात्रों के साथ ऐसा ही करने का प्रयास करता हूँ, पर कई बार परिस्थितियां काफी पेचीदा हो जाती है। उदाहरण के लिए, एक बार मेरी एक छात्रा ने मुझसे पुछा “सर मैं आपको कैसी लगती हूँ” इस पर मैने हसते हुए कहा “तुम एक अच्छी लड़की हो।”

अंत में मैं यही कहूँगा की एक शिक्षक और छात्र का रिश्ता दुनिया भर के सबसे अच्छे रिश्तो में से एक है, क्योंकि यह कई रिश्तो का मिश्रण होता है।

Essay on My Teacher

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शिक्षक पर निबंध

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – हमें शिक्षकों का आदर इसलिए करना चाहिए क्योंकि वो हमें ज्ञान देते हैं।

उत्तर – शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो सीखने की प्रक्रिया में छात्रों की सहायता करता है।

उत्तर – हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम ने कहा था कि ‘शिक्षण एक महान पेशा है’।

उत्तर – जो शिक्षक अपने स्वार्थ के लिए काम नहीं करते और छात्रों की मदद के लिए तैयार रहते हैं वे अच्छे शिक्षक होते हैं।

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10+ माझा आवडता शिक्षक निबंध मराठी | My Favorite Teacher Essay in Marathi

My Favorite Teacher Essay in Marathi : शिक्षक ही अशी व्यक्ती आहे जी ज्ञान, मूल्ये, सद्गुण प्रदान करते आणि शाळेत विद्यार्थ्यांना प्रेरणा देते. एक शिक्षक आपल्या जीवनात गुरु, पालक, शिक्षण प्रशिक्षक, आणि मार्गदर्शक अशा अनेक उल्लेखनीय भूमिका बजावतो आणि आपल्याला जीवनातील यशाचा मार्ग दाखवतो.

येथे, आम्ही “माझा आवडता शिक्षक निबंध” मुलांसाठी आणत आहोत जेणेकरून ते इयत्ता १ ते १२ च्या विद्यार्थ्यांसाठी शिक्षकावरील My Favorite Teacher Essay In Marathi हा निबंध वाचू शकतील. आम्हाला आशा आहे की माझा आवडता शिक्षक निबंध मराठी हा तुमच्या मुलांना माझ्या आवडत्या शिक्षिकेवर निबंध लिहिण्यास मदत करेल आणि तो/ती त्याच्या/तिच्या भावना योग्य प्रकारे व्यक्त करू शकेल.

माझा आवडता शिक्षक

माझा आवडता शिक्षक निबंध मराठी – My Favorite Teacher Essay in Marathi

Table of Contents

माझा आवडता शिक्षक निबंध १० ओळी – 10 Lines on My Teacher in Marathi

  • माझ्या आवडत्या शिक्षिकेचे नाव श्रीमती निकिता आहे.
  • ती माझी वर्गशिक्षिका आहे आणि रोज आमची हजेरी घेते.
  • तिचे व्यक्तिमत्व कठोर असले तरी ती स्वभावाने खूप काळजी घेणारी आणि दयाळू आहे.
  • ती खूप शिस्तप्रिय आणि वक्तशीर आहे आणि नेहमी वेळेवर वर्गात येते.
  • ती आम्हाला मराठी विषय शिकवते आणि अनेक मनोरंजक कथा सांगते.
  • आम्ही दररोज आमच्या वर्गात येण्यापूर्वी आणि बाहेर जाण्यापूर्वी माझे शिक्षक आम्हाला प्रेमाने आवाज देतात.
  • शाळेतील कोणत्याही कार्यक्रमात किंवा स्पर्धेदरम्यान ती आम्हाला खूप चांगले मार्गदर्शन करते.
  • ती आम्हाला अभ्यास करायला शिकवते आणि आमच्या वर्गमित्रांमध्ये गोष्टी सामायिक करायला शिकवते आणि आम्हाला दररोज खूप गृहपाठ देत नाही.
  • ती आम्हाला आमच्या अभ्यासात मदत करते आणि सर्व विद्यार्थ्यांसाठी हा एक मनोरंजक शिकण्याचा अनुभव बनवते.
  • माझे वर्ग शिक्षक हे मार्गदर्शकासारखे आहेत जे आम्हाला नियमितपणे आमच्या अभ्यासात चांगले करण्यास प्रवृत्त करतात.

माझा आवडता शिक्षक निबंध १० ओळी-10 Lines on My Teacher in Marathi

माझा आवडता शिक्षक निबंध मराठी – My Favorite Teacher Essay In Marathi

[ मुद्दे : वर्गशिक्षक – आवडते शिक्षक – शिकवणे उत्तम – खूप पाठांतर पाठ्यपुस्तकाबाहेरची उदाहरणे – नीटनेटका पोशाख – सुंदर हस्ताक्षर – अन्य उपक्रमांमध्ये सहभाग – सर्वांशी समानतेने वागणे.]

सगळ्या शिक्षकांमध्ये मला आमचे वर्गशिक्षक श्री. देसाई सर खूप आवडतात. आमच्या वर्गातल्या सर्व मुलांचे ते आवडते शिक्षक आहेत.

देसाई सर आम्हांला मराठी आणि इतिहास हे विषय शिकवतात. ते तल्लीन होऊन शिकवतात. त्यांचे शिकवणे आम्हां सर्वांना खूप आवडते. त्यांचे पाठांतर खूप चांगले आहे. कविता शिकवताना पाठ्यपुस्तकाबाहेरची कविताही वर्गात म्हणून दाखवतात. शिकवताना शब्दांच्या गमतीही सांगतात. इतिहास शिकवताना इतिहासातील खूप महत्त्वाचे प्रसंग सांगतात. त्यामुळे ते शिकवत असताना आम्ही गुंग होऊन जातो.

देसाई सरांचा पोशाख नीटनेटका असतो. त्यांचे हस्ताक्षर सुरेख आहे. ते फळ्यावर लिहितात, तेव्हा फळा सुंदर दिसतो. त्यांना वर्गातील सर्व मुलांची नावे पाठ आहेत. ते सर्व उपक्रमांमध्ये आम्हांला मार्गदर्शन करतात. ते सर्वांशी समानतेने वागतात.

माझा आवडता शिक्षक निबंध मराठी-My Favorite Teacher Essay In Marathi

माझे आवडते शिक्षक निबंध मराठी लेखन – Maze Avadte Shikshak Nibandh Marathi

लहान मूल एक मातीचा गोळा असते. त्याला आकार देण्याचे काम आई, वडील आणि गुरुवर्य करत असतात. मला माझ्या आईवडिलांप्रमाणेच घडविण्याचे कार्य माझ्या गुरूवर्यांनी केले. ते माझे गुरुवर्य म्हणजे सीताराम पाटील!

मी चौथीच्या वर्गात शिकत होते. त्यावेळी माझ्या आयुष्याला अचानक कलाटणी मिळाली. सीताराम पाटील यांच्या रुपाने ज्ञानाचा नवा खजिनाच सापडला. हरहुन्नरीपणा, शिस्तबद्धता आणि अष्टपैलुत्व लाभलेले शिक्षक सीताराम पाटील आम्हाला मनापासून आवडू लागले. त्यांच्यात लपलेला कलाकार आम्हाला आवडू लागला.

गुरुजींनी भूमितीचा तास चार भिंतीच्या आत कधीच घेतला नाही. अंगणात, शेताच्या बांधावर जाऊन आम्ही भूमितीच्या संकल्पना शिकलो. गुरुजी रामायणातल्या, महाभारतातल्या गोष्टी सांगायला लागले म्हणजे आम्ही त्या गोष्टींतच हरवून जायचो गुरुजींच्या कार्यानुभव, चित्रकला आणि शारीरिक शिक्षणाच्या तासाला कधीच कंटाळा येत नसे. कविता, गाणी साभिनय सादर करायला लागले म्हणजे आम्ही मंत्रमुग्ध होऊन जायचो.

गुरुजींनी शाळेसाठी, माझ्यासाठी, शाळेतील प्रत्येक विद्यार्थ्यासाठी खूप कष्ट सोसले. त्यांच्या कार्याची दखल महाराष्ट्र शासनाने आणि भारत सरकारने घेतली. १९८७ साली भारतातील शिक्षण क्षेत्रातील सर्वोच्च पुरस्कार त्यांना मिळाला. माझ्या गुरुजींना राष्ट्रपती पुरस्कार मिळाला आणि आम्ही विद्यार्थी धन्य झालो.

Maze Avadte Shikshak Nibandh Marathi-माझे आवडते शिक्षक निबंध मराठी लेखन

माझी वर्गशिक्षिका निबंध मराठी – My Teacher Essay in Marathi

मी पाचवीचा विद्यार्थी आहे. आम्हाला एक वर्गशिक्षिका आहे. त्या खूप सुंदर आणि सुडौल आहेत. त्याचं नाव सरस्वती सहगल आहे. फारच जीव ओतून शिकवतात शिस्तभंग केल्यावर त्या आम्हाला थोडीफार शिक्षा पण करतात. त्या नेहमी हसत राहातात. कधी-कधी आम्हाला त्या फारच रोमाचंक गोष्टी पण सांगतात.

सरस्वती मॅडम अविवाहीत आहेत आणि फारच मनमिळावू आहेत. त्या आम्हाला इंग्रजी शिकवतात. पहिला तास त्यांचाच असतो. सर्वप्रथम त्या आमची हजेरी घेतात. नंतर काय शिकवणार आहेत त्याची कल्पलना देतात. त्यानंतर शिकवायला सुरूवात करतात. त्यांचे अक्षर पण खूप सुंदर आहे. गीत पण त्या खूप फार गोड गातात त्या देखील आमच्यासोबतच शाळेत बसने ये-जा करतात. आम्ही सर्वजण त्यांचा खूप आदर करतो.

मला त्यांच्यापासून खूप प्रेरणा मिळते. मला देखील त्यांच्यासाखं शिक्षक व्हावं वाटतं. शिक्षकाला राष्ट्रनिर्माता म्हटल्या जाते. त्याची अनेक कारणं आहेत. माझे आई-बाबा सरस्वती मॅडमला चांगले ओळखतात. शिक्षक-पालक बैठकीत ते त्यांना भेटतात. त्या पण आईबाबांचं खूप कौतूक करत असतात. मला वाटतं की त्यांनी आमच्या घरी जरूर यावं.

My Teacher Essay in Marathi-माझी वर्गशिक्षिका निबंध मराठी

माझे आवडते शिक्षक निबंध इन मराठी – Short Essay on My Favourite Teacher in Marathi

माझ्या वर्गशिक्षिका विजया नाईक आहेत. त्या खूप हुशार आहेत. त्यांचा आवाज अतिशय गोड आहे. त्या कधीच आमच्यावर रागावत नाहीत. त्या आम्हाला छान छान गोष्टी सांगतात.

त्या आम्हाला सतत स्वच्छतेबद्दल सांगतात. अवघड गोष्टी सोप्या करून शिकवतात. त्या गोड आवाजात गाणी व कविता म्हणून दाखवितात. त्या आम्हाला सहलीला घेऊन जातात. त्या म्हणतात, स्मुले म्हणजे देवाघरची फुले. त्यांना मुले खूप आवडतात.

आमचे गुरुजी निबंध मराठी – Majhe Avadte Shikshak Nibandh

मी इयत्ता पाचवीचा विद्यार्थी आहे. श्री. जोशी हे आमचे वर्गशिक्षक आहेत. आमचे गुरुजी सडपातळ व गोरेपान आहेत. त्यांचा चेहरा फार करारी आहे. त्यामुळे त्यांना बघितले की प्रथम थोडीशी भीती वाटते. त्यांचा पोशाख बुशकोट व पॅन्ट असा साधासुधा आहे. त्यांचा स्वभाव प्रेमळ आहे.

आमचे गुरुजी आम्हाला गणित विषय शिकवतात. त्यांचे गणित विषयाचे ज्ञान फार चांगले आहे. विषय सोपा करून शिकवण्याची त्यांची पद्धत फार चांगली आहे. कधी कधी ते. आकड्यांच्या गंमती सांगतात व कोडी घालतात. त्यामुळे गणित ह्या विषयाची आवड निर्माण झाली. अभ्यासाची टाळाटाळ केलेली मात्र त्यांना आवडत नाही. पण सर्व विद्यार्थ्यांवर त्यांचे प्रेम आहे. आमचे जोशी गुरुजी मला फार आवडतात.

आमचे गुरुजी निबंध मराठी-Majhe Avadte Shikshak Nibandh

माझे वर्गशिक्षक निबंध मराठी – Adarsh Shikshak Nibandh in Marathi

माझ्या वर्गशिक्षिकांचे नाव आहे जया सहस्त्रबुद्धे. त्या खूप चांगल्या आहेत. मी ह्याच वर्षी ह्या शाळेत प्रवेश घेतला त्यामुळे नवी शाळा कशी असेल ह्याचे दडपण माझ्या मनावर आले होते परंतु सहस्त्रबुद्धेबाईंचा हसरा चेहरा पहिल्या दिवशीच पाहिला आणि मनावरचे सगळे दडपण निघून गेले.

बाई खूप प्रेमळ आहेत. त्या सर्व विषय समरस होऊन शिकवतात. आम्हाला गृहपाठही खूप जास्त देत नाहीत.

त्यांचे वर्गातील सर्व मुलांकडे चांगले लक्ष असते. कुणी जास्त दिवस शाळेत आले नाही तर त्यांना काळजी वाटते. आम्हाला त्या अभ्यासक्रमाबाहेरच्या कविता आणि गोष्टीही सांगतात. जी मुले कमी गुण मिळवतात त्यांच्याकडे त्या जास्त लक्ष देतात. त्या मुलांना काय कळत नाही ते समजावून घेतात आणि त्यांना ते पुन्हा पुन्हा समजावून देतात.

शिस्त पाळावी, अक्षर चांगले काढावे, स्वच्छता पाळावी ह्या गोष्टी त्या आम्हाला शिकवतात. माझ्या चांगल्या अक्षराचे बाईंना खूप कौतुक वाटते. मला त्यांनी वगांची मॉनिटर केले आहे.

आमच्या वर्गाच्या हस्तलिखित मासिकाच्या तयारीसाठी आम्ही मुले बाईंच्या घरी गेलो होतो. बाईंचे घरही नीटनेटके आहे.

बाईंचा मला आधार वाटतो. शाळा सोडल्यावरही मी बाईंना कधीही विसरणार नाही.

माझे आवडते शिक्षक या विषयावर निबंध – Maze Avadte Shikshak Nibandh Marathi

मुलांना शाळेत जावेसे वाटण्यासाठी त्यांची वर्गशिक्षिका खूप प्रेमळ असणे फार गरजेचे असते असे मला वाटते. मुले दिवसाचे सहा ते सात तास शाळेत असतात. त्यांच्यावर त्यांच्या वर्गशिक्षिकेचा खूपच प्रभाव पडतो. कित्येक मुले तर शाळेतल्या बाई सांगतील तसेच वागतात. म्हणून मग कधीकधी आईसुद्धा शाळेतल्या बाईंना म्हणते की ,” टीचर, तुम्ही जर ह्याला सांगितले तरच त्याला ते पटेल. माझे काही ऐकतच नाही तो.”

सानेगुरूजींनी म्हटले आहे की ” करील रंजन जो मुलांचे, जडेल नाते प्रभूशी तयाचे.” आमच्या वर्गशिक्षिका नाडकर्णीबाई अगदी तशाच आहेत.

त्या आम्हाला अजिबात ओरडत नाहीत किंवा मारतसुद्धा नाहीत. परंतु त्या वर्गात असल्या की आम्हालाच गडबड करावीशी वाटत नाही. त्या आम्हाला मराठी हा विषय शिकवतात. त्यांचे शिकवणे इतके मन लावून असते की अगदी ‘ढ’ तला ‘ढ’ मुलगासुद्धा त्यांच्या तासाला कान देऊन ऐकतो.

त्या आम्हाला फक्त पुस्तकापुरतेच शिकवत नाहीत तर त्याशिवाय त्या आम्हाला वेगवेगळ्या गोष्टी सांगतात. कविता म्हणून दाखवतात. आमच्या शाळेत पुस्तकांची पेटी आहे. ही पेटी आठवड्यातून एकदा त्या वर्गात आणतात आणि आम्हा मुलांना त्यातली पुस्तके घरी न्यायला सांगतात. घरी वाचायला नेलेल्या पुस्तकातील काय काय आवडले ह्याबद्दल आम्ही वर्गात चर्चा करतो. आम्हा मुलांना वाचनाची आवड लावण्याचे सगळे श्रेय मी आमच्या नाडकर्णीबाईंनाच देईन.

कुणाला कमी गुण मिळाले किंवा तो नापास झाला तर बाईंना खूप वाईट वाटते. माझे हस्ताक्षर चांगले नव्हते तेव्हा बाईंनी माझ्या मागे लागून लागून माझे अक्षर चांगले घोटून घेतले म्हणूनच ते चांगले झाले आहे. .

वर्गाचे हस्तलिखित मासिक तयार करताना आम्हाला बाईंची खूप मदत झाली. आम्ही त्यांच्या घरी जाऊन मासिकातला मजकुर लिहित होतो. तेव्हा त्यांनी स्वतः बनवलेला लाडू आणि चिवडा आम्हाला खायला दिला होता.

अशा आमच्या वर्गशिक्षिका आम्हाला खूप आवडतात.

माझी वर्गशिक्षिका निबंध मराठी – Essay on Teacher in Marathi

आजच्या शिक्षण पद्धतीमध्ये एका वर्गातील विद्यार्थ्यांकडून निरनिराळ्या विषयांचा अभ्यास शिक्षक करवून घेतात. विद्यार्थी त्यामुळे बऱ्याच शिक्षकांच्या संपर्कात येतात. विद्यार्थी-विद्यार्थिनींच्या मनावर शिक्षक शिक्षिकांचा प्रभाव पडल्याशिवाय राहत नाही. परंतु त्यांचा सर्वात जास्त संबंध आपल्या वर्गशिक्षिकेशी येतो. वर्गशिक्षिका रोज विद्यार्थ्यांची उपस्थिती घेतात. प्रत्येक विद्यार्थ्यांची संपूर्ण माहिती त्यांना असते.

श्रीमती सरोज जोशी माझ्या वर्गशिक्षिका आहेत. भरपूर उंची असणाऱ्या प्रभावी व्यक्तिमत्त्वाच्या, गोरा रंग, मोठे डोळे, दाट लांब केस असणाऱ्या जोशी बाईंचे वय ३५ वर्षांचे असावे. त्या प्रेमळ आहेत पण बेशिस्त, उद्धट विद्यार्थ्यांना रागावण्यास किंचितही मागेपुढे पाहत नाहीत. त्या आम्हाला संस्कृत शिकवितात. भाषेवर त्यांचे पूर्ण प्रभुत्व आहे. व्याकरण शिकविण्यात त्यांचा हातखंडा आहे. शिकविताना खूप उदाहरणे देतात, त्यामुळे विषय पूर्ण स्पष्ट होतो. श्लोकांचा अर्थ समजावून सांगताना त्याला पर्यायी मराठी कविता सांगतात. प्रत्येक विद्यार्थ्याच्या व्यक्तिगत अडचणीही त्या सोडवितात. रिकाम्या वेळात जेव्हा इतर शिक्षिका गप्पा मारत बसतात तेव्हा जोशीवाई वया तपासतात किंवा एखादे पुस्तक वा वर्तमानपत्र वाचतात.

आमच्या या वर्गशिक्षिका सांस्कृतिक कार्यक्रमाच्या संचालिका आहेत. शाळेच्या सांस्कृतिक कार्यक्रमांत भाग घेण्यास त्या विद्यार्थ्यांना प्रोत्साहित करतात. शाळेत सगळे त्यांना मान देतात. मुख्याध्यापक पण त्यांच्या कामाची प्रशंसा करतात. त्या सुंदर कविता करतात. त्या मासिकात, वर्तमानपत्रात प्रकाशित होतात. त्यांच्या कविता मला अतिशय आवडतात.

त्यांच्या विषयात विद्यार्थी पैकीच्या पैकी गुण मिळवितात, इतकेच नव्हे तर प्रावीण्य मिळवून शाळेला गौरव प्राप्त करून देतात. अशा या जोशीबाई मला खूप आवडतात. त्याच्याविषयी मला आदर वाटतो. मी माझ्या या वर्गशिक्षिकेमुळे इतकी प्रभावित झाले आहे की मला शिक्षिका बनण्याचीच इच्छा आहे.

माझा आवडता शिक्षक निबंध – Essay on Teacher in Marathi

मुलांना शाळेत जावेसे वाटण्यासाठी त्यांचे शिक्षक खूप प्रेमळ असणे फार गरजेचे असते असे मला वाटते. कारण मूल जेव्हा घरातून बाहेरच्या जगात जाते तेव्हा सर्वप्रथम ते शाळेत जाते.शाळेतच त्याला बाह्य जगाचे दर्शन घडते. हे दर्शन घडताना आईवडिलांचा हात सुटलेला असतो. अशा वेळेस जर माथ्यावर चांगल्या शिक्षकांचा हात असला तर मूल आपले व्यक्तिमत्व उत्तम घडवू शकते. आम्ही मुले दिवसाचे सहा ते सात तास शाळेत असतो.

आमच्यावर आमच्या शिक्षकांचा खूपच प्रभाव पडतो. कित्येक बालवाडीतील मुले तर शाळेतल्या बाई सांगतील तसेच वागतात. म्हणून मग कधीकधी आईसुद्धा शाळेतल्या बाईंना म्हणते की ,” टीचर, तुम्ही जर ह्याला सांगितले तरच त्याला ते पटेल.माझे काही ऐकतच नाही तो.”

सानेगुरूजींनी म्हटले आहे की ” करील रंजन जो मुलांचे, जडेल नाते प्रभूशी तयाचे.” आमचे पाटकर सर अगदी तसेच आहेत.

ते आम्हाला अजिबात ओरडत नाहीत, मारत तर नाहीतच. परंतु ते वर्गात असले की आम्हालाच गडबड करावीशी वाटत नाही. ते आम्हाला गणित हा विषय शिकवतात. त्यांचे शिकवणे इतके मन लावून असते की अगदी ‘ढ’ तला ‘ढ’ मुलगासुद्धा त्यांच्या तासाला कान देऊन ऐकतो.

ते आम्हाला फक्त पुस्तकापुरतेच शिकवत नाहीत तर त्याशिवाय ते आम्हाला वेगवेगळी कोडी घालतात. गणितातील वेगवेगळ्या क्लृप्त्या शिकवतात. काही मुलांना गणित हा विषय खूप कठीण वाटतो. अशा वेळेस ते शाळा सुटल्यावर त्यांचा वेगळा वर्ग घेतात. त्यामुळे सरांबद्दल सर्व मुलांना खूप आदर वाटतो. कित्येक मुले म्हणतात की पाटकर सरांनी आमचे गणित घेतले म्हणून आम्ही ह्या विषयात उत्तीर्ण झालो. शालेय शिक्षण संपल्यावरही मुले सरांकडे जातात आणि आपल्या प्रगतीबद्दल सांगतात तेव्हा सरांना आनंदाने गहिवरून येते.

कुणाला कमी गुण मिळाले किंवा तो नापास झाला तर सरांना खूप वाईट वाटते. सरांना मुलांबद्दल वाटणारी कळकळ आम्हा मुलांच्या काळजाला भिडते म्हणूनच सर आम्हा सर्वांना खूप आवडतात.

म्हणूनच मला वाटते की शिक्षक होण्यासाठी आपला विषय नीट आला पाहिजे हे तर आहेच, पण त्या शिवाय ती व्यक्ती चांगली माणूस असली पाहिजे, तिच्या मनात मुलांविषयी आस्था आणि कळकळ असली पाहिजे. कारण उद्याचे नागरिक घडवण्याचे कार्य ती व्यक्ती करीत असते. आमचे पाटकर सर अगदी असेच आहेत.

माझा आवडता शिक्षक निबंध मराठी लेखन – Essay on Teacher in Marathi

शिक्षक हा राष्ट्राचा निर्माता असतो आणि आपल्या भविष्याला दिशा दाखवतो. अध्यापन हा एक उदात्त व्यवसाय आहे. ते आपले शिक्षित करतात आणि एक जबाबदार नागरिक बनण्यास मदत करतात.

मी विद्यार्थी आहे आणि शाळेतील माझ्या आवडत्या शिक्षिका अनिता मॅडम आहेत. त्यांचे पूर्ण नाव अनिता ठक्कर आहे. ती आमची वर्गशिक्षिका आहे आणि आम्हाला इंग्रजी शिकवते. ती खूप गोड, आनंदी आणि दयाळू आहे.

ती खरोखर छान शिकवते. ती शिकवते तेव्हा आम्ही गप्प बसतो. ती खात्री करून घेते की आम्हाला विषय चांगला समजला आहे. आम्हाला कोणताही विषय समजला नाही तर ती पुन्हा खूप छानपणे समजावून सांगते. तिची शिकवण्याची आणि सादरीकरणाची कौशल्ये खरोखर चांगली आहेत. म्हणूनच प्रत्येक अध्याय समजून घेणे सोपे आहे. मी तिचा क्लास कधीच चुकवत नाही.

शिक्षक आपल्याला मार्गदर्शन करते आणि चांगल्या सवयी शिकवते. ती कडक पण सुंदर आहे. म्हणूनच आम्ही तिला खूप आवडतो आणि आम्हाला तिच्या वर्गात जायला आवडते.

कधी कधी ती आम्हाला किस्सेही सांगते. कोणत्याही खास प्रसंगी ती आम्हाला केक आणि चॉकलेट देते. आम्ही आमच्या वाढदिवसाला मॅडमसाठी केक देखील आणतो. मागच्या वर्षी आम्ही तिचा वाढदिवसही साजरा केला होता. मी तिला माझे एक रेखाचित्र भेट दिले. ती खरच खुश होती.

प्रत्येक शिक्षक ही राष्ट्राची खरोखरच मोठी संपत्ती आहे. अनिता मॅडम यांनी शिकवल्यामुळे आम्ही खूप भाग्यवान आहोत. आम्हाला आमच्या वर्गशिक्षकाचा अभिमान आहे. तिचे बरेच विद्यार्थी आज यशस्वी आहेत. भविष्यात तिचे यशस्वी विद्यार्थी व्हावे अशी आमची इच्छा आहे.

मला वाटते की सर्वोत्तम शिक्षक ही आपल्यासाठी देवाची देणगी आहे. अनिता मॅडम सारख्या चांगल्या शिक्षिका मिळाल्याबद्दल आम्ही नेहमी देवाचे आभार मानतो.

माझे आवडते शिक्षक या विषयावर निबंध

माणसाचा पहिला गुरू आई आणि दुसरा गुरू शिक्षक. शिक्षक म्हटले की शाळा, वर्ग, खडू, फळा आणि शिस्त आठवतात. आमच्या शाळेतही ह्या सगळ्या बाबी आहेत. पण प्रेम आणि ज्ञान ह्या गोष्टींचा संगम होतो तो आमच्या शाळेत.

आईची माया आणि सानेगुरूजी आठवतात ते आम्हाला आमचे श्री. देसाई सर यांच्यात.

माझे आवडते शिक्षक श्री. देसाई सर यांचा पोशाख अगदी साधा. पण साधी राहणी उच्च विचारसरणी. त्यांच्या मिशा पाहिल्या की शिवाजीमहाराजांसारखे करारी वाटतात ते. शरीरानेही मजबूत आहेत. पण नारळाच्या आतील भागाप्रमाणे ते प्रेमळ, शुद्ध व चांगले आहेत. रागहा शब्दच त्यांच्या कोशात नाही. ते कधीही कोणालाही मारीत नाहीत.

मराठी, हिंदीच्या कविता ते गाताना रफीसारखे वाटतात. तर इतिहास शिकविताना वाटते की खरंच युद्धच चालू आहे. गणितात त्यांची सोपी पद्धत, उदाहरणे, सराव यामुळे गणितासारखा अवघड विषय हातचा मळ वाटतो.

ते खेळ शिकविताना मात्र कडक होऊनच शिकवितात. ते खोखो खूप चांगले खेळतात. त्यांची शिकवण म्हणजे स्सत्य बोला, वेळेचे पालन करा. म्हणजे माणसाची प्रगती होते. म्हणून श्री. देसाई सर मला खूप आवडतात.

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FAQ: माझा आवडता शिक्षक निबंध

प्रश्न १. मला माझे शिक्षक का आवडतात?

उत्तर- शिक्षक नेहमी हसतमुख आणि विद्यार्थ्यांशी प्रेमळ असतात. त्यांची मैत्रीपूर्ण पद्धत वर्गातील सगळ्यांनाच आवडते. ते खूप छान शिकवतात आणि विषय समजून सांगतात. शिक्षक शिकवण्यात खूप उत्साही असतात आणि जेव्हा आम्ही त्यांना वर्गात प्रश्न विचारतो तेव्हा ते आमच्या सर्व शंका दूर कर

प्रश्न २. आम्ही शिक्षकांचे कौतुक का करतो?

उत्तर- शिक्षक आपल्या विद्यार्थ्यांसाठी अथक परिश्रम घेतात. शिक्षक हे सर्जनशीलतेचे अखंड स्त्रोत आहेत. शिक्षक त्यांच्या विषयातील तज्ञ असतात. शिक्षक जे करतात त्याबद्दल ते उत्कट असतात. शिक्षकांचा शिक्षणातील समानतेवर विश्वास आहे. शिक्षक विद्यार्थ्यांना परीक्षेच्या पलीकडे जीवनासाठी तयार करतात.

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माझे आवडते शिक्षक निबंध My Favourite Teacher Essay in Marathi

My Favourite Teacher Essay in Marathi – Maze Avadte Shikshak Nibandh in Marathi शिक्षक निबंध मराठी माझे आदर्श शिक्षक निबंध अर्थातच खालील ओळींचा अर्थ असा होतो की, गुरूंना ब्रह्मासारखे (निर्माता) मानले जाते. कारण, त्याने तुमच्यात परिवर्तनाची प्रक्रिया सुरू केली आणि तुम्हाला योग्य दिशेने नेले. जगातील नकारात्मक प्रभावापासून गुरु तुमचे रक्षण करतो आणि तुमच्या प्रगतीस मदत करतो, म्हणून गुरु विष्णू (रक्षक) मानला जातो. गुरूंना शिव (विध्वंसक) मानले जाते. कारण, त्याने आपल्या दुःखाचा नाश केला आणि तिथूनच कर्मबंध हटविण्याचा मार्ग सुद्धा मोकळा केला. वास्तविक पाहता, आत्मा म्हणून गुरू हा परमब्रह्मांचा अवतार आहे.

गुरूर्ब्रह्मा , गुरूर्विष्णुः , गुरूर्देवो महेश्वरः गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥

गुरुर ब्रह्मा: गुरु ब्रह्मा (निर्माता) सारखा आहे.

गुरूर विष्णु: गुरु विष्णू (संरक्षक) सारखा आहे.

गुरूर देवो महेश्वरा: गुरु हा भगवान महेश्वर (विध्वंसक) सारखा आहे.

गुरु: साक्षात्: खरा गुरू, डोळ्यांसमोर आहे.

परब्रह्म: सर्वोच्च ब्राह्मण.

गुरुवे नम:  त्या एकालाच: मी त्या खर्‍या गुरुला.

माझे आवडते शिक्षक निबंध मराठी – My Favourite Teacher Essay in Marathi

माझा आवडता शिक्षक निबंध.

कुंभार ज्याप्रमाणे मातीच्या गोळ्याला आकार देवून त्यापासून सुंदर मडकी घडवतात, त्याचप्रमाणे विद्यार्थ्यांच्या व्यक्तिमत्वाला सुरेख असा आकार देवून त्यांना यशस्वी बनवण्याचे महान कार्य शिक्षक करत असतात. आई ही प्रत्येकाचा पहिला गुरु असते. पण, त्यानंतर मात्र प्रत्येक पाल्याला घडवण्याचे काम शिक्षकच करतात.

माझ्या आई – वडिलांप्रमाणेच मला घडवण्याचे काम माझ्या गुरूंनी केले. त्यातील मला सर्वात जास्त भावलेले व्यक्तिमत्त्व म्हणजे माझे आवडते शिक्षक होनगेकर सर. माझं बारावीच शिक्षण गावी पुर्ण झाल्यानंतर, मी पुढील शिक्षणासाठी कोल्हापूरला जायचं ठरवलं होत. कोल्हापुरात वसलेलं, उच्च प्रतिष्ठेच, नामांकित असलेलं, जिथं ज्ञानाची गंगा वाहते अस तेजोमय आणि सर्वश्रेष्ठ महाविद्यालय म्हणजे’ विवेकानंद कॉलेज, कोल्हापूर’.

  • नक्की वाचा: माझा आवडता संत निबंध

माझी आणि होनगेकर सरांची गाठभेट इथचं पडली. खरंतर , होनगेकर सर म्हणजे आमच्या महाविद्यालयाचे प्राचार्य महोदय होते. अत्यंत प्रेमळ, मनमिळावू, शिस्तप्रिय आणि मैत्रीपूर्ण असा त्यांचा स्वभाव होता. मी तेराविमध्ये असताना आमच्या वर्गावर त्यांचा इंग्रजी हा शिकवण्याचा विषय होता. अस्खलित स्वरूपाचं त्यांचं इंग्रजी सगळ्यांनाच आवडायचं.

वर्गात आल्यावर पहिल्यांदा ते सगळ्या विद्यार्थ्यांची विचारपूस करायचे, विद्यार्थ्यांशी त्यांचं मैत्रीचं नात तर होतच पण, त्याला अजून पाण्यासारख निर्मळ आणि भिंतीसारख भक्कम बनवण्यासाठी ते नेहमी प्रयत्न करायचे.

ते आमच्या वर्गावर लेक्चर द्यायला आले की सगळ्यात जास्त आनंद मला व्हायचा. त्यांचं लेक्चर कधीच संपू नव्हे ,ते असच अखंड चालावं अशी मनात इच्छा व्हायची. त्यांनी विचारलेल्या प्रश्नांची उत्तरे मी पटापट देत असायची.त्यामुळे, त्यांनाही मी आवडती झाली होती. शिवाय, अनेक राज्यस्तरीय वकृत्व स्पर्धा वेगवेगळया ठिकाणी आयोजित केल्या जायच्या.

त्यावेळी, मी त्याच्यात भाग घेत असायचे. अशी एकही स्पर्धा मी सोडली नाही की ज्याच्यात माझा प्रथम क्रमांक आला नाही. त्यामुळे, माझ्याबरोबर माझ्या कॉलेजचही नाव नावारूपाला येऊ लागलं होत. कॉलेजचे प्राचार्य म्हणून होनगेकर सरांना माझा खूप अभिमान वाटे. असच एकेदिवशी पुण्याजवळील बारामती या ठिकाणी राज्यातील प्रत्येक महाविद्यालयातील कोणतेही दोन विद्यार्थी याप्रमाणे राज्यस्तरीय  ‘युथ आयकॉन’ स्पर्धा आयोजित करण्यात आली होती.

  • नक्की वाचा: माझा आवडता मित्र निबंध

माझ्या महाविद्यालयातून माझी आणि नंदिनी नावाच्या एका मुलीची निवड करण्यात आली होती, स्पर्धेला जायच्या आदल्या दिवशी होनगेकर सरांनी मला ऑफिसमध्ये बोलवलं, त्यावेळी त्यांनी मला पाजलेल ज्ञान – अमृत मी कधीही माझ्या आयुष्यात विसरू शकत नाही . ऑफिसमध्ये प्रवेश करताना मी त्यांची परवानगी घेतली आणि ऑफिसमध्ये प्रवेश केला.

आत जाताच मला त्यांचा अभिमानानं आनंदमय झालेला चेहरा दिसला , त्यांचा चेहरा पाहून मला खूप छान वाटलं होत. आता ते माझ्याशी काय बोलणार याची मी आतुरतेने वाट पाहत होते. सरांनी मला मायेनं जवळ घेतलं आणि बोलायला सुरुवात केली. ते बोलले, “बाळ तेजल आपलं महाविद्यालय खूप प्रसिद्ध आणि उच्चशिक्षणाच माहेरघरच आहे, आता आपल्या महाविद्यालयाच नाव अजून नावारूपाला आणण्याची तुला संधी मिळाली आहे, त्या संधीच तू सोन कर.

आता हे स्पर्धेबद्दल, महाविद्यालयाबद्दल झालं. पण, आयुष्यात तुला खूप मोठं देखील व्हायचं आहे, त्यासाठी मी आता ज्या गोष्टी तुला सांगणार आहे त्या लक्ष देऊन ऐक;”अस बोलून त्यांनी मला ती अमूल्य तत्व सांगायला सुरुवात केली, त्यातील पहिले तत्व म्हणजे;

  • नक्की वाचा: शिक्षक दिन भाषण मराठी

१) काम असो अभ्यास असो वा कोणतीही चांगली गोष्ट ती नेहमी मन लावून , आनंदान कर. जर, ती गोष्ट तू कर्तव्य किंवा जबाबदारी म्हणून केलीस तर ती गोष्ट यशस्वी होईल पण, त्यातून तुला आनंद, समाधान नाही भेटणार. त्यामुळे, ती गोष्ट तू मनापासून आणि स्वतःच्या आनंदासाठी कर.

२) दुसरे तत्व – कामात रहा , रिकामी डोकं हे सैतानाच घर असत . नको ते विचार, विनाकारण नैराश्य हे रिकामी बसलेल्या माणसांनाच येत. त्यामुळे, नेहमी कामात रहा. कामात बदल म्हणजे विश्रांती. जर तुला एकच काम करून कंटाळा आला आणि तुला जर विश्रांती घ्यावी वाटली तर तू कामात बदल कर.

३) तिसरे तत्व – आनंद आणि सुख यांच्यामागे कधीच धावू नकोस, कारण ते क्षणभंगूर आहेत. त्यामुळे, तू या दोन गोष्टींच्या मागे लागण्यापेक्षा प्रत्येक गोष्टीत समाधान शोधण्याचा प्रयत्न कर. जेणेकरून तू आयुष्यात कधीच दुःखी नाही होणार .

४) चौथे तत्व – स्वतःशी प्रामाणिक रहा आणि एखाद्या गोष्टीत जर यश मिळाले नाही तर, निराश न होता अपयश पचवायला शिक. स्वतःमधील वेगळेपणासाठी लढ आणि आयुष्यात येणाऱ्या प्रत्येक मर्यादांवर मात कर.

५) पाचवे तत्व – सगळ्यात महत्वाच म्हणजे आयुष्यात कोणताही निर्णय ठामपणे घ्यायला शिक आणि घेतलेला निर्णय बरोबरच आहे हे सगळयांना सिध्द करून दाखव.

अशी अनेक तत्वे त्यांनी मला सांगितली. त्यांचा एक एक शब्द जसा कानावर पडत होता, तसा माझ्यातील स्वतःबद्दलचा आत्मविश्वास वाढत होता. शेवटी, सगळ सांगितल्यानंतर त्यांनी मला स्पर्धेसाठी शुभेच्छा दिल्या आणि मी वर्गात जायला निघाले. बाहेर निघतानाच मी एक आदर्श व्यक्तिमत्त्व मनात तयार करून निघत होते. शेवटी, स्पर्धेचा दिवस उजाडला होत.

होनगेकर सरांनी दिलेल् पाठबळ सोबत घेऊन मी स्पर्धेला उतरले. मी पूर्ण तयारीनिशी या स्पर्धेत उतरले होते. त्यामुळे, आत्मविश्वास तर होताच. मी माझ्या आयुष्यात तेरावीपर्यंत केलेल्या कर्तुत्वाच  व्यवस्थित सादरीकरण केलं. मी सादरीकरण करत असताना समोर बसलेले सर्वजण एकटक नजरेने आणि खूप कौतुकाने माझ्याकडे पाहत होते, ते पाहून मला अजुन उमेद यायची.

एकदाची स्पर्धा झाली आणि निकालाचा दिवस आला. माझ्यापेक्षा होनगेकर सरांना खूप विश्वास होता की मी नक्की ‘युथ आयकॉन’ होणार, शेवटी सरांच्या मनातील इच्छा पूर्ण झाली आणि मी महाराष्ट्राची ‘युथ आयकॉन’ बनले . तो दिवस माझ्या आयुष्यातील खूप अनमोल असा दिवस होता.

स्पर्धा संपवून कोल्हापुरात परत आल्यावर, होनगेकर सरांनी माझ खूप कौतुक केलं आणि माझा सत्कार कार्यक्रम देखील आयोजित केला. त्यानंतर, सरांची आणि माझी चांगली मैत्री झाली. सर आणि मी नेहमी दुपारचं जेवण एकत्र करू लागलो. माझा हॉस्टेल मधील डब्बा सर अगदी आवडीने खायचे. एवढ्या मोठ्या महाविद्यालयाचे प्राचार्य असूनही त्यांना कधीच त्याचा गर्व नव्हता.

त्यांच्या वागण्यात, बोलण्यात आणि राहण्यात खूप साधेपणा होता. पण, त्यांचे विचार मात्र खूप महान होते.

  • नक्की वाचा: माझा आवडता छंद निबंध

होनगेकर सर हे फक्त इंग्रजीचे शिक्षक किंवा महाविद्यालयाचे प्राचार्य नव्हते तर, ते एक उत्तम कलाकार देखील होते. इंग्रजीमधील कोणताही धडा किंवा कविता ते कृतीसह शिकवत होते, त्यामुळे विद्यार्थ्यांना शिकताना मजा वाटायची आणि शिकवलेल लक्षातही रहायचं. पुस्तकातील धडे ते इतके तन्मयतेने शिकवायचे की आजही ते धडे मला तोंडपाठ आहेत.

त्यांचे हस्ताक्षर इतके सुंदर आणि मोत्यासारखे होते की फळ्यावर ते काही लिहायला गेले की त्यांचं अक्षर छापल्यासारख दिसायचं. त्यांचे व्यक्तिमत्त्व अगदी अष्टपैलू होते. त्यांना इंग्रजीशिवाय गणित, इतिहास, मराठी हे विषयदेखील खूप आवडायचे. होनगेकर सर आम्हाला इंग्रजी हा विषय शिकवत असताना आम्हाला अन्य विषयांचं महत्त्व देखील समजावून सांगायचे.

प्रत्यक्ष प्रात्यक्षिक, प्रशिक्षणे करून त्यांनी आम्हाला व्यावहारिक ज्ञान आत्मसात करून दिलं. आमच्या सरांसोबत ते दिवस कसे पटपट गेले हे काळाच्या ओघात कधी कळलच नाही.

आमच्या महाविद्यालयात बाहेरच्या गावचे आणि खेड्यातील अनेक मुल – मुली लांबून शिकायला यायचे. त्यांच्याकडे रहायला, खायला पुरेसे पैसे नसायचे. अशावेळी, होनगेकर सरांनी अनेक गोर – गरीब विद्यार्थ्यांना वेळोवेळी आर्थिक मदत केली.

  • नक्की वाचा: माझा आवडता प्राणी निबंध

शिवाय, त्यांच्या पालकांशी प्रत्यक्षात बोलून त्यांना बहुमोल मार्गदर्शन दिलं आणि बिकट आर्थिक परिस्थीतीमुळे मुलांची शिक्षणं बंद करू नका अस सांगितलं. होनगेकर सरदेखील गरीब कुटुंबातून वाढल्यामुळे त्यांना त्याची जाणीव होती. सामान्य नोकरीपासून ते इतक्या उच्च महाविद्यालयाचा प्राचार्य होण्याचा त्यांचा प्रवास खूप मोठा आणि कष्टी होता.

त्यांना अनेक संकटांना, समाजातील विकृत प्रवृत्तीच्या माणसांना सामोरे जावं लागलं होत. तरीही, हार न मानता त्यांनी त्यांच्या आयुष्यात यशाचा मार्ग गाठला होता.

कोणतीही अपेक्षा न करता ते मनापासून ज्ञान दानाचे पवित्र असे कार्य करत होते. आज होनगेकर सरांच काम आणि कर्तृत्व आठवल की थक्क व्हायला होत. अस वाटते की इतकं उदार अंतःकरणाने काम करण्याची क्षमता त्यांच्यामध्ये कुठून आली असेल? त्यांनी मला फक्त पुस्तकी ज्ञान दिले नाही तर, माझ्या आयुष्याला आकार देण्याचे असे मोलाचे काम त्यांनी केले आहे.

आपण जर सध्या अलीकडच्या शाळा आणि महाविद्यालयांकडे वळून पाहिलं तर, लक्षात येईल की आजचे शिक्षक फक्त जे विद्यार्थी किंवा विद्यार्थिनी हुशार आहेत त्यांच्याकडे जास्त लक्ष देत आहेत. त्यामुळे, इतर मुलामुलींकडे दुर्लक्ष होत आणि त्यांची प्रगती न होता त्यांची अधोगती व्हायला सुरुवात होते.

खरंतर, ही पद्धत आजकाल सगळीकडे पहायला मिळते. आजचे शिक्षक फक्त तयार मूर्तीला रंग देण्याचं काम करत आहेत. पण, खरा आदर्श शिक्षक तोच असतो जो दगडाला आकार देवून, त्याची मूर्ती घडवून त्याला आकार देतो आणि शेवटी रंग देऊन सगळ्यांसमोर प्रदर्शित करतो. कोणताही विद्यार्थी जन्मतःच हुशार किंवा बुद्धिनिष्ठ नसतो.

त्याला हुशार, बुद्धिनिष्ठ, कर्तव्यनिष्ठ आणि आदर्श अस व्यक्तिमत्त्व बनवण्यासाठी शिक्षकांनीच प्रयत्न करायचे असतात. आई – वडील आपल्या मुलांना बोलायला, चालायला, धावायला शिकवतात पण, ध्येयापर्यंत नेण्यासाठीचा मार्ग एक गुरूच त्याच्या शिष्याला दाखवू शकतो.

” कळलंच नाही सर मला , काय लिहावं तुमच्यावरती! कार्यही तुमचे महान तेवढेच , नि तेवढीच तुमची कीर्ती! “

आमचे होनगेकर सर हे असेच आदर्श गुरु आहेत. वर्गातील जी मुल अभ्यासात कमजोर होती, त्यांच्याकडे विशेष लक्ष देवून, सरांनी त्यांना इतर हुशार मुलांप्रमाणे परिपूर्ण बनवण्यासाठी अतोनात प्रयत्न केले होते. त्यांनी वर्गातील सर्व मुलांना त्यांच्या यशाचा मार्ग दाखविला आणि ध्येयापर्यंत पोहचण्यासाठी आवश्यक ती सर्व मदत सुद्धा केली. सरांनी कधीच विद्यार्थ्यांमध्ये हुशार- मठ्, गरीब – श्रीमंत, उच्च – नीच असा भेदभाव  केला नाही.

ते सगळ्यांशी समानतेने वागायचे. महाविद्यालयातील इतर शिक्षकांशी ही त्यांची वागणूक समतेची आणि समानतेची असायची. एखाद्या वेळी जर महाविद्यालयातील शिक्षक किंवा शिक्षिका गैरहजर असतील तर, त्यादिवशी होनगेकर सर त्या शिक्षकाच लेक्चर ज्या वर्गावर असेल ते चुकू न देता स्वतः त्या वर्गावर लेक्चर घ्यायचे जेणेकरून विद्यार्थ्यांचं त्या विषयाचं नुकसान होऊ नये.

  • नक्की वाचा: माझे गाव निबंध

यावरून, लक्षात येईल की त्यांची शिक्षणाबद्दलची आस किती होती! अभ्यासाव्यतिरिक्त त्यांनी आम्हां सर्व विद्यार्थ्यांना चांगले संस्कार ही दिले. मी एक गोष्ट खूप खात्रीने सांगू शकते, आमच्या महाविद्यालयातील प्रत्येक विद्यार्थी जरी आज मोठ्या हुद्द्यावर नसला तरी, प्रत्येक विद्यार्थी हा आज एक उत्तम नागरिक असेल हे खरे.

विद्यार्थ्यांमध्ये लपलेला राजहंस ते स्वतः शोधून काढायचे आणि त्या कौशल्याचा विकास करण्यासाठी ते सर्व बाजूंनी विद्यार्थ्यांना प्रोत्साहित करायचे. शब्दांनी ज्ञान वाढवणारे, जगण्यातून जीवन घडवणारे, मुल्यातून तत्व शिकवणारे, विद्यार्थ्यांना योग्य दिशा दाखवणारे गुरु म्हणजे आमचे होनगेकर सर.

” तुम्ही आयुष्यभर प्रयत्न केले , आदर्श विद्यार्थी घडावेत म्हणून. थोडा मी ही प्रयत्न केला , त्यात माझ ही नावं यावं म्हणून.”

प्रत्येक विद्यार्थ्याच्या आयुष्यामध्ये शिक्षकाला अमूल्य असे स्थान असते. आम्हां विद्यार्थ्यांच्या चिमुकल्या पंखात ताकद देण्याचे आणि आकाशाला गवसणी घालण्यासाठी आवश्यक असणारे सामर्थ्य देण्याचे काम होनगेकर सरांनी केले होते. होनगेकर सरांना फक्त शिक्षणामध्येच रस नव्हता तर, बाहेरच्या जगाकडे पण त्यांचं खूप लक्ष होत.

समाजकार्यात तर ते अग्रेसर होते. अनेक वेळी ते महाविद्यालयातील विद्यार्थ्यांना तसेच, ज्या मुलांना शाळेमध्ये, कॉलेजमध्ये जावून शिकणं परवडत नाही त्यांना ते फुकट पुस्तक वाटायचे. याशिवाय, ज्यावेळी कोल्हापुरात हवा प्रदूषण वाढत होत तेंव्हा त्यांनी स्वतः कॉलेजला येताना सायकल घेऊन यायला सुरुवात केली.

ते नेहमी सायकलवरचा प्रवास करून कॉलेजला येत होते. त्यांचा हा आदर्श घेऊन महाविद्यालयातील इतर शिक्षक तसेच, विद्यार्थी – विद्यार्थिनी ही कॉलेजला सायकलवरून किंवा पायी यायला लागले.

होनगेकर सर महाविद्यालयात स्नेहसंमेलन, क्रिडा स्पर्धा, विज्ञान प्रदर्शन, एकांकिका यांसारखे अनेक कार्यक्रम राबवत असत. शिवाय जे विद्यार्थी स्पर्धापरीक्षेचा अभ्यास करायचे त्यांच्यासाठी वर्षातून महाविद्यालयामार्फत स्पर्धा आयोजित केल्या जायच्या. त्यांना अभ्यास करण्यासाठी उमेद मिळावी, त्यांच्यात जिद्द निर्माण व्हावी यासाठी नामांकित अधिकारी देखील बोलवले जायचे.

  • नक्की वाचा: मोबाईल शाप कि वरदान निबंध

अनेक प्रसिध्द उद्योगपती, खेळाडू, कलाकार, अभिनेता – अभिनेत्री यांसारख्या अनेक व्यक्तींना महाविद्यालयात दरवर्षी आमंत्रित केले जायचे. मी त्यांना कधीच निवांत बसताना पाहिलं नाही. ते काहींना काही करतच असत. त्यांनी स्वतःच आत्मचरित्र पुस्तक देखील लिहल आहे. या पुस्तकात त्यांनी आपल्या आयुष्यातील प्रवासाची मांडणी अत्यंत साध्या, सरळ आणि रेखीव शब्दात केली आहे.

मी जेंव्हा त्यांचं आत्मचरित्र वाचत होते, तेंव्हा माझ्या डोळ्यातून अश्रु वाहत होते. इतकं समोरच्या वाचणाऱ्या व्यक्तीच्या मनावर प्रभाव टाकणार त्यांचं आत्मचरित्र आहे.

शिक्षक कविता मराठी

” तुम्ही नाही केलीत एल. एल. बी. कायद्याच्या जगातील कधी . पण , जीवनाच्या कायद्यातील पद्धत , सर , तुमची मात्र होती खूपच साधी ! तुम्ही बोललेले शब्दानं शब्द , रामबाण प्रमाणे खरे ठरत होते . जीवनाच्या या रणांगणात मात्र , लढण्याचे सामर्थ्य देत होते ! “

अशा माझ्या आवडत्या आणि महान शिक्षकाला कॉलेजच्या कार्यालयात काम करत असताना अचानक पॅरालिसीस अटॅक आला. तरीही, माझे होनगेकर सर न चुकता कॉलेजला यायचे, त्यांचा कॉलेजमध्ये ठरलेला दिनक्रम करायचे. त्यांनी आपल्या दिनक्रमात कधीच खंड पडू दिली नाही.

पण, काही दिवसांतच त्यांचे निधन झाले आणि तेंव्हाच खरा त्यांच्या कार्यात खंड पडला. खरंच, मी खूपच नशीबवान होते की अशा महान व्यक्तिमत्व असलेल्या शिक्षकाची मी आवडती विद्यार्थिनी होते. त्यांचं अचानक अस जाणं म्हणजे माझ्यासाठी खूप मोठा धक्का होता. आज जरी सर माझ्यासोबत नसले तरी त्यांनी दिलेली शिकवण, त्यांनी दिलेले धडे, त्यांचे विचार, अमृतापेक्षा महान असलेले त्यांचे ज्ञान आजही माझ्यासोबत आहे; जे नेहमी मला होनगेकर सर सोबत असल्याची जाणीव करून देतात.

” सर , तुमच्याविषयी खूप लिहायचं होत , माझ्या आयुष्याच्या डायरीत. पण , आज अक्षरच सापडेनासे झाले सर , तुम्हीच शिकवलेल्या बाराखडित! “

अशा महान गुरूला माझा कोटी कोटी प्रणाम!

              – तेजल तानाजी पाटील

                  बागीलगे , चंदगड.

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Essay on My Favourite Teacher

iit-jee, neet, foundation

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Essay on My Favourite Teacher: There is no doubt that teachers play a significant role in our lives. They are the ones who nurture and shape our minds, helping us to become the best versions of ourselves. They teach us the importance of hard work and discipline, and instill in us a love for learning.

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Without teachers, we would be lost. They are the guides who help us navigate through the challenges of life, and their impact extends far beyond the classroom. They are the unsung heroes who make a difference in the lives of their students every day. Teachers are the foundation of our society, and their importance cannot be overstated. They play a vital role in shaping the future of our world. Thank you, teachers, for everything you do.

In this article, we have come up with some sample formats on essay on favourite teacher. You find both short and long essays on the same here.

Long and Short Essay on Favourite Teacher in English

Below we are giving essay on my favourite teacher for your information and knowledge.

These My Favourite Teacher Essay are written in simple and easy English so that they can be memorized easily and presented when required.

After going through the essays you will be able to describe the qualities of your favourite teacher, why is he/she your favourite and how does s/he has transformed you.

You can use My favorite Teacher essays on occasions like Teachers Day or similar events.

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My Favourite Teacher Essay in 100 words

My favorite teacher is Rajani mam. She is my class teacher too and takes attendance daily in the morning. Teacher is a strict teacher however very funny and caring in nature. She is very disciplined and punctual. She does her all the works and projects related to the class at right time without getting late. I like her very much as she tries very easy ways to teach us good things. We enjoy her class. She teaches us English subject. Teacher makes us laugh by telling lots of jokes in between when she teaches. She also guides us very well during any school or inter-school competition of dance, sports, academic, etc. Teacher teaches us to share things in class among our colleagues such as lunch or other needed things.

 My my Favourite Teacher Essay

My Favourite Teacher Essay 150 words

My favourite teacher is my class teacher. Her name is Nisha Gupta. She takes our attendance and teaches us Hindi, Maths and Art subject. Teacher is well educated and taken higher studies from the Banaras Hindu University. She follows very easy and effective teaching strategies to teach us all the subjects. I never miss her class and attend daily.

I like the way she teaches us as we do not need to study that subject at home again. We become very clear about the topic she teaches us in the classroom. After clearing the concept of topic, she gives us some exercises in the class and also home work for the home. Next day, she asks questions related to the yesterday topic and then start another topic.

In spite of the subjects, she teaches us good ethics and etiquette also to make us strong by character. May be; she will not be our teacher in next class however; her teachings will always be with us and show us way to difficult situations. She is very caring and loving in nature. Teacher has been the gold medalist in the university she got her higher education. She would always be my best teacher.

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My Favourite Teacher Essay 200 words

Ms. Geeta Goswami is my favourite teacher in the school. I study in class 4 th standard and she teaches me EVS (Environmental Studies). She is a good teacher. Teacher cares us a lot and teaches using easy ways. She never takes study very serious and teaches us with entertaining activities. Teacher always comes at right time in the class and never misses her class. We enjoy her class very much as she makes us happy too. Teacher loves me very much as I am her very disciplined and ideal student. I follow her all the orders and do my class work and home work in neat and clean manner daily.

I never become late or absent in her class. She motivates us to always follow right path in the life even we have to face much difficult situations. Teacher tells us that we never become hopeless in difficult situations and search some easy ways to get out of them. She also tells us that never think negative and always think positive as it always happens what we think and do. Teacher describes very well about all the topics of EVS. She wants us to talk in English in her class. She goes to her home with us in the school bus where we enjoy a lot by singing songs and reciting poems in the bus.

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Essay on Favourite Teacher in 250 words

My favorite teacher was Mr. Sunil Dutt who taught me English and Maths for 2 years when I was in class 3 rd and 4 th standard. He was from Varanasi however living in the vicinity of the school. Teacher took his higher studies from the Banaras Hindu University. He was very polite and kind in nature. Teacher knew well about how to handle small children in the class. I still remember him for his unique style of teaching.

What he taught to me, I still remember very well as he has made my Maths concepts very clear. Currently I am studying in class 5 th standard however still miss him very much. I meet him occasionally whenever I need to solve some tough questions of my Maths subject. He looks very smart with good physique, sparkle eyes and blond hair. I like his good personality and polite nature.

Teacher always smiled when entered to the classroom and first asked to us about our well-being. He also assisted us in the sports whenever our sports teacher was absent. Teacher has smiling face however very strict in the study. He always punished to the students who were with incomplete home works. Teacher is famous for making lots of fun during the class time however students get good marks in his subjects.

He is a teacher with good skills of teaching, friendly nature, good sense of humor, patient and easygoing. I am one of the obedient students of him. Sometimes he gave us chocolates on doing well in the class tests and exams. He never gave us lots of assignments at home. He is very enthusiastic and also always motivated us for doing our best in the study.

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Take free test

My Favourite Teacher Essay 300 words

Mrs. Rashmi is my favourite teacher of 6 th standard in the school. She teaches us Hindi and Computer subjects in the class. She has very unique personality. Teacher is quite fatty but calm in nature. I always give her a greeting card on the teacher’s day every year. I also wish a good luck on her birthday. She is used to of reciting some jokes in between while taking class in order to make fun and draw our attention towards study. I am not so good in the Hindi subject however do very well in the Computer. She helps me a lot to improve my Hindi language. After taking the class, she always gives some questions to learn and ask for next day.

She takes us to the Computer lab to make us more clear and sure about the Computer. Teacher wants to keep quiet in her class when she teaches. She never leaves her weak students unclear about what she has taught. She makes everyone very clear about any topic and motivates us to ask questions in her class. Teacher never start next topic until we all understand the last one very well. She is very caring and loving in nature as she takes care of all students in the class. No one quarrel or fight in her class. She makes seating rotation of the students on weekly basis so that no one remains weak and unhappy. My all friends like her class and attend daily.

She supports some weak students by giving them over time outside the class. Teacher also helps us to solve the problems other than the study. Teacher promotes us to take part in the sports or other competitions organized in the school. She looks good with her smiling face and supporting nature. She helps us to get prepared for the event celebrations in the school such as Independence Day , Republic Day , Gandhi Jayanti , Teacher’s Day , Mother’s Day , etc. Sometimes, when topics over, she shares with us about her struggle period of the life in order to encourage us towards study. She is very friendly and easygoing teacher. We never fear with her however respect her a lot.

Essay on Favourite Teacher in 400 words

My favorite teacher is my science teacher. Her name is Mrs. Sanjana kausik. She lives near to the school campus. She is the best teacher of school and liked by my all friends as she teaches very well. No one feels boring in her class as she makes some fun also. I like her strategies of teaching in the class. She asks us to go through the topic from home what she will teach in the class next day. Teacher teaches that topic in the class and asks many questions to get clear. She also asks questions about the same topic on next day. In this way, we get very clear about a particular topic. She takes test after teaching two or three topics. Teacher loves the teaching profession and also teaches us with enthusiasm and passion.

She is very friendly to us and never makes us fear from her. We ask her any question related to the subject in the class or her cabin without any fear. Teacher watches the activity of each and every student while teaching in the class and punishes the naughty ones. She tells us to concentrate on the study and always follow things what your teacher says in the class if you really want success in the life. She never makes partiality between weak and brilliant students in the class. Teacher supports a lot to her weak students and requests to brilliant students also to help their weak colleagues. She tells us to be passionate about our study and aim of the life.

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She is very encouraging teacher, encourages us not only in study however also in the extracurricular activities. Teacher cheers personally to the student doing well in the school whether in academic or sports activities. She gives free tuition to her weak students at her home for one hour. Each student does very well in the science subject both in the class tests and exams. She is also the Vice-Principal of the school. So, she performs her all the responsibilities very well. She takes care of the cleanliness and greenery in the school campus.

She never looks serious as she has a smiling face. Teacher keeps us happy in the school like her own kids. She takes care of all the arrangements in the school during any event celebration or competitions organized in the school. She talks to all the students very politely and knows well to handle any difficult situation of the school.

My Favourite Teacher 10 Lines

My Teacher, Mrs. Anaya

  • Mrs. Anaya is my favorite teacher at Sunflower School. Here’s why I like her so much:
  • Every morning, she greets us with a big, warm smile. It makes my day bright!
  • She teaches us Math and English. But she makes it fun, like telling a story.
  • Mrs. Anaya went to a big school called Rosewood University. But she talks to us in simple words, so we understand everything.
  • She doesn’t just teach from books. She tells us to be good people and to be kind to our friends.
  • During break time, many of us stay in the class. We love hearing her tell funny stories.
  • If I don’t understand something, she helps me. She wants all of us to do well.
  • Sometimes, she tells jokes. We all laugh a lot!
  • Mrs. Anaya also tells us to play games and join fun school contests. She claps the loudest when we win!
  • I remember everything she teaches because she is so kind and fun.

I hope Mrs. Anaya is my teacher every year. She is the best!

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My Favourite Teacher Essay 10 Lines

  • Miss Ruby is my favourite teacher at Green Valley School.
  • She wears pretty dresses and always has a shiny pin in her hair.
  • Her room is filled with colorful charts and funny drawings.
  • Every morning, she sings a hello song with us.
  • Miss Ruby teaches us Science and Drawing.
  • I love when she shows us how plants grow from tiny seeds.
  • She has a big fish tank in our classroom with colorful fish.
  • We all get turns to feed them, and it’s so much fun!
  • During story time, she makes funny voices for each character.
  • If we do our work well, she gives us shiny star stickers.
  • Miss Ruby also reads us stories from big, colorful books.
  • She helps if we find any word hard to read or spell.
  • Sometimes, she plays the guitar, and we all sing along.
  • She tells us to always say ‘please’ and ‘thank you.’
  • Miss Ruby says being kind is the most important lesson.
  • On Fridays, we have a fun quiz, and she gives candies to everyone.
  • I once drew her picture, and she put it on the classroom door.
  • She loves all animals and tells us stories about her cat, Whiskers.
  • Miss Ruby always listens if we have something to say.
  • I hope to be in her class next year too because she makes school the best!

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FAQs on My Favourite Teacher

How do i write about my favorite teacher.

Begin by describing their qualities, teaching style, and how they made an impact on you. Use specific examples or stories to highlight your favorite teacher's unique attributes.

What is your favorite teacher?

Everyone has a different opinion, but a favorite teacher is often one who is caring, understanding, and makes learning engaging.

What is special about my teacher?

What's special about your teacher is their ability to inspire, motivate, and understand each student's unique needs and strengths.

What makes a Favourite teacher?

A favorite teacher possesses qualities like patience, knowledge, enthusiasm, and the ability to connect with students on a personal level.

What is a teacher best line?

A teacher's best line might be something like, I believe in you, which showcases their faith in a student's abilities.

How do I feel special to my teacher?

You might feel special to your teacher when they acknowledge your efforts, give personal feedback, or go the extra mile to help you succeed.

What makes a teacher happy?

A teacher is often happy when they see their students succeed, engage actively in lessons, and show respect and enthusiasm for learning.

Why am I thankful for my teacher?

You might be thankful for your teacher because of the knowledge they impart, the support they provide, and the positive impact they've had on your personal and academic growth.

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माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध my favourite teacher essay in marathi

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध my favourite teacher essay in marathi :- नमस्कार मंडळी ! शिक्षक हे प्रत्येकाच्या आयुष्यात खूपच खास असतात. कारण प्रत्येकाचे आयुष्य घडवण्यामागे आई वडील नंतर जर कुणी व्यक्ती असेल तर तो म्हणजे शिक्षक असतो. प्रत्येक व्यक्तीसाठी एखादा तरी शिक्षक आदर्श असतोच जो की त्याला सर्वात जास्त आवडत असतो.

आजच्या या पोस्टमध्ये मी तुमच्यासाठी माझे आवडते शिक्षक (my favourite teacher essay in marathi) या विषयावर सुंदर शब्दात निबंध लिहून दिला आहे. यात वेगवेगळ्या शब्दात दोन तीन निबंध लिहून दिलेले आहेत. त्यातील निबंध तुम्हाला नक्कीच आवडतील.

Table of Contents

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध वर १० ओळी ( 10 lines on my favourite teacher essay in marathi)

१) श्री धापसे सर हे माझे आवडते शिक्षक आहेत. ते इतिहास हा विषय शिकवतात.

२) धापसे सर स्वभावाने खूपच गरीब आणि शांत आहेत. ते आम्हाला कधीही मारत नाहीत.

३) धापसे सर खूपच उंच आहेत व त्यांचे वय ३० वर्ष जवळपास आहे.

४) धापसे सर खूपच छान इतिहास विषय शिकवतात.

५) ते शिकवताना इतिहासात घडलेला प्रत्येक प्रसंग प्रत्यक्ष आमच्या डोळ्यासमोर आणतात.

६) ते आमच्याकडून इतिहास या विषयाची खूप छान तयारी करून घेतात.

७) धापसे सर इतिहासात मास्टर आहेत. त्यांना इतिहास या विषयाची खूपच सखोल माहिती आहे.

८) ते आमच्याकडून वेळोवेळी गृहपाठ देखील करवून घेतात.

९) शिकवताना ते इतिहासातील प्रत्येक प्रसंग अगदी सखोलपणे स्पष्ट करतात. त्यांना शिकवलेली प्रत्येक गोष्ट माझ्या लगेच लक्षात बसते.

१०) इतिहास या विषयाची माझ्या मनातील भीती श्री धापसे सर यांच्या मुळेच निघून गेली. म्हणून मला ते खूप आवडतात.

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध my favourite teacher essay in marathi ( २०० शब्दात )

श्री वसंत शिंदे सर हे माझे आवडते शिक्षक (my favourite teacher essay in marathi) आहेत. मला ते इंग्रजी हा विषय शिकवतात. शिंदे सर इंग्रजी विषयामध्ये खूपच हुशार आहेत. शिवाय ते खडखड इंग्रजी देखील बोलतात.

ते शिकवताना नेहमी आमच्याशी इंग्रजी भाषेत संवाद साधण्यात मग्न असतात. त्यांचे प्रयत्न असते की प्रत्येक विद्यार्थ्याला इंग्रजी हा विषय समजावा. त्यासाठी ते प्रयत्न देखील करतात. त्यांच्या मते इंग्रजी शब्द हे इंग्रजी भाषेचा पाया आहेत. त्यामुळे तुम्हाला जर इंग्रजी भाषा लिहायला आणि बोलायला शिकायची असेल तर तुम्हाला जास्तीत जास्त इंग्रजी शब्दार्थ पाठ करावे लागतील.

शिंदे सर दररोज इंग्रजी तासिकेच्या शेवटी आम्हाला पाठ करण्यासाठी १० इंग्रजी शब्द देतात. पाठ न झाल्यास ते आम्हाला शिक्षा देखील करतात. मी नेहमी सर्व शब्द सर्वांच्या अगोदर पाठ करतो. त्यामुळे सर मला नेहमी शाबासकी देतात.

माझे इंग्रजी पूर्वी फारच कच्चे होते. मला इंग्रजी अजिबातच समजायचे नाही. पण शिंदे सर आम्हाला इंग्रजी हा विषय शिकवण्यासाठी आल्यापासून मला आता इंग्रजी चांगले जमत आहे. ते खूप छान इंग्रजी विषय शिकतात. प्रत्येकाला समजावे यासाठी ते इंग्रजी वाक्यांचे अगदी सोप्या मराठी भाषेत रूपांतर करून समजावून सांगतात. त्यामुळे प्रत्येक विद्यार्थ्याला इंग्रजी सहज समजते.

शिंदे सर आमच्याकडून इंग्रजी लिखाणाची देखील चांगलीच तयारी करवून घेतात. ते आम्हाला इंग्रजी व्याकरण शिकवतात. तसेच आमच्याकडून इंग्रजी निबंध देखील लिहून घेतात. नंतर निबंधात झालेली चूक आम्हाला समजावून सांगतात व त्या ठिकाणी कोणता योग्य शब्द येईल ते पण सांगतात.

श्री वसंत शिंदे सरांमुळे माझ्या इंग्रजी वाचण्यात आणि लिहिण्यात खूप बदल झाला आहे. त्यामुळे मला शिंदे सर खूप आवडतात.

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध my favourite teacher essay in mrathi ( ३०० शब्दात )

प्रत्येक व्यक्तीच्या मनात शिक्षकाचे विशेष स्थान असते. प्रत्येक व्यक्ती शाळेत शिक्षकाकडून मिळालेली शिदोरी आयुष्यभर आपल्यासोबत वागवत असतो. प्रत्येक शिक्षक आपला विद्यार्थी एक आदर्श विद्यार्थी बनावा यासाठी प्रयत्न करत असतो. त्यासाठी ते शिक्षक त्या विद्यार्थ्यावर सर्व संस्कार करत असतो.

त्यामुळे शिक्षकांना विद्यार्थी जीवनाचा शिल्पकार म्हणून ओळखले जाते. खरंच शिक्षक हे विद्यार्थांच्या जीवनाचे शिल्पकार असतात. कारण विद्यार्थांच्या यशामध्ये शिक्षकाचा मोलाचा वाटा असतो.

माझ्याही आयुष्यात असेच एक शिल्पकार शिक्षक माझ्यासाठी आदर्श आहेत. त्यांचं नाव श्री कालिदास कदम सर आहे. ते आम्हाला इयत्ता दहावीच्या वर्गाला संस्कृत विषय शिकवायचे. त्यांनी लावलेली आम्हाला शिस्त आणि आमच्यावर केलेले संस्कार आजही मला भावी आयुष्यात खूप महत्वाचे ठरत आहेत.

  • माझी शाळा मराठी निबंध

आज सर रिटायर्ड झाले आहेत. मी ही इंजिनिअर म्हणून एका चांगल्या कंपनीमध्ये कार्यरत आहे. पण आजही मी सरांना विसरू शकलो नाही. त्यांचे वर्गातील सर्व अनुभव आजही माझ्या मनात जिवंत आहेत. त्यांनी आम्हाला लावलेली शिस्त, आम्हाला केलेली शिक्षा आजही मला आठवते.

मी श्री व्यंकटेश विद्यालय मध्ये इयत्ता दहाविमध्ये शिकत होतो. त्यावेळी श्री कालिदास कदम सर आम्हाला संस्कृत विषय शिकवायचे. ते स्वभावाने खूप शांत आहेत पण खूपच शिस्तप्रिय देखील आहेत. त्यामुळे त्यांना वर्गात बेशिस्तपणा जमत नसे. त्यांच्या तसिकेला आम्हाला शिस्तेचे पालन करावे लागे.

सर संस्कृत विषयात खूप हुशार आहेत. त्यांचा अनेक संस्कृत ग्रंथाचा मुखपाठ अभ्यास आहे. ते संस्कृत विषय शिकवताना प्रत्येक प्रसंगाचे प्रमाण त्यांच्याकडे असायचे. ते उदाहरण देऊन आम्हाला संस्कृत मधील प्रत्येक गोष्ट सांगायचे.

मी संस्कृतमध्ये फारच कच्चा होता. त्यामुळे मी सरांचा खूप जास्त मार खाल्ला आहे. पण त्यांच्या त्या मारामुळेच आणि शिक्षेमुळे च आज मी आयुष्यात सफल आहे .

मला संस्कृत वाचायला अजिबात जमत नसे. पण सरांनी मला शब्दांची फोड करून संस्कृत कसे वाचायचे मला शिकवले . त्यामुळे मला आजही संस्कृत वाचायला उत्तम जमते. संस्कृत वाचायला देखील मी त्यांच्याकडूनच शिकलो आहे, पण त्यासाठी मी त्यांचा खूप मार देखील खाल्ला आहे.

आम्हाला संस्कृत विषयामध्ये सुभाषिते असायची आणि ती सुभाषिते परीक्षेत जशास तसे लिहिण्यास यायची . त्यामुळे सर सुरुवातील ती सुभाषिते त्यांचा अर्थ सांगून आम्हाला शिकवायचे. नंतर आमच्याकडून ती सुभाषिते मुखपाठ करून घ्यायचे.

आजही मला त्यातील काही सुभाषिते मूखपाठ आहेत. मला वेळ मिळेल तेंव्हा ते गुणगुणत असतो. पण ते गुणगुणत असताना श्री कालिदास कदम सरांची आठवण मात्र नक्कीच होते.

आज सर रिटायर्ड झाले आहेत. मी आजही प्रत्येक गुरू पौर्णिमेच्या दिवशी सरांच्या घरी जातो. त्यांचा आशीर्वाद घेतो. सर खरंच माझ्या जीवनाचे शिल्पकार आहेत असे मला वाटते. कारण त्यांनी मला खूपच चांगल्या गोष्टी शिकवल्या, शिस्त लावली, त्यांनी माझ्यावर संस्कार केले. त्यांच्यामुळेच आज मी एका चांगल्या कंपनीमध्ये उच्च पदी कार्यरत आहे.

सर माझ्यासाठी नेहमीच आदर्श राहतील. मी त्यांना कधीही विसरू शकणार नाही.

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध my favourite teacher essay in mrathi (५०० शब्दात)

मी श्री शिवछत्रपती विद्यालय, परभणी येथील शाळेत आहे. माझी शाळा खूपच सुंदर आहे आणि शाळेतील सर्व शिक्षक देखील खूपच प्रेमळ आहेत. ते खूपच छान शिकवतात.

मला माझ्या शाळेतील सर्व शिक्षक आवडतात पण श्री प्रदीप धनावडे सर हे मला सर्वात जास्त आवडतात. ते सर्वात जास्त आवडण्याचे कारण ही तसेच आहे. प्रदीप धनावडे सर आम्हाला गणित हा विषय शिकवतात. गणित शिकवण्याची त्यांची शैली फारच उत्तम आहे. त्यांनी शिकावलेलं गणित मला लगेच समजत.

श्री धनावडे सर हे मूळचे सातारा जिल्ह्यातील आहेत पण त्यांची नौकरी इथे आमच्या शाळेत असल्यामुळे ते आमच्याच शहरात किरायाने राहतात. त्यांना दोन मुले आणि एक छोटीशी मुलगी आहे. त्यांचे वय जवळपास ४०-४५ च्या आसपास असावे.

श्री धनावडे सरांचा स्वभाव खूपच कडक आहे. ते फारच कडक शिस्तीचे आहेत. त्यांना वर्गात शिकवताना अत्यंत शांत वातावरण लागते. वर्गात शिकवताना जर कुणी विद्यार्थी बोलत असेल तर सर त्याला लगेच शिक्षा करतात शिवाय खूप रागावतात देखील. त्यामुळे गणिताच्या तासाला बोलण्याची कुणाचीही हिंमत होत नाही. सर्व विद्यार्थी अगदी शांतपणे गणिते समजून घेतात.

असे असले तरीही श्री धनावडे सरांच्या तासाला कधीच कंटाळा येत नाही. कारण त्यांची गणित शिकवण्याची शैलीच अशी आहे की अगदी कंटाळवाणा वाटणारा गणित विषय देखील तळागाळातील विद्यार्थांना समजतो. शिवाय ते गणित शिकवताना बोर होऊ नये म्हणून मध्ये मध्ये विनोदी चुटकुले देखील सांगत असतात.

मी मात्र सरांचा नेहमीच आवडता विद्यार्थी असे. कारण सरांनी फळ्यावर दिलेले कोणतेही गणित मी वर्गात सर्वात पहिले सोडवून दाखवत असे. तसेच सरांनी दिलेला गृहपाठ देखील सर्वात अगोदर पूर्ण करीत असे.

गणिताची तयारी चांगली व्हावी आणि प्रत्येक मुलगा गणितात पास व्हावा यासाठी सर खूप प्रयत्न करीत असतात. त्यासाठी ते आमचे एक्स्ट्रा क्लास घेऊन गणिताचा सराव करून घेतात. शिवाय खूप सारे गणिते गृहपाठ देखील देतात. सर्वांना तो गृहपाठ पूर्ण करावाच लागतो.

जर एखाद्या विद्यार्थ्याने गृहपाठ केला नाही तर श्री धनावडे सर शिक्षा तर करतातच पण त्याला एक दिवस त्यांच्या तासिकेला देखील बसू देत नाहीत. कारण त्यांचे मत असते की, ” मी जर एवढं जीव तोडून शिकवत असेल तर तुम्हाला देखील मेहनत घ्यावी लागेल, मी सांगेल तेव्हढा गृहपाठ पूर्ण करावाच लागेल.”

श्री धनावडे सर गणित विषयामध्ये शाळेला नेहमीच १००% निकाल मिळवून देतात. मागच्या वर्षी त्यांच्या दोन दहावीच्या विद्यार्थांना गणित विषयात १०० पैकी १०० गुण मिळाले होते आणि दहावीचे सर्व विद्यार्थी देखील गणित विषयात पास झाले होते. त्यामुळे त्यांचा शाळेत सत्कार करण्यात आला होता.

या वर्षीही शाळेला गणित विषयात १००% निकाल मिळवून देणार अशी त्यांनी आमचे मुख्यद्यपक श्री देशमुख सर यांना ग्वाही दिली आहे. त्यासाठी ते खूप मेहनत घेत आहेत.

सरांची एक विशेष बाब म्हणजे सर कधीही समोर बसणाऱ्या हुशार विद्यार्थ्यांना जास्त लक्ष देत नाहीत. सरांचे सर्वात जास्त लक्ष मागच्या बाकावर बसणाऱ्या विद्यार्थ्याकडे असते. कारण सरांचे असे मत आहे की समोर बसणारे विद्यार्थी अगोदरच हुशार असतात. ते सांगितलं तेव्हढा गृहपाठ वेळेवर करतात. त्यामुळे त्यांच्याकडे विशेष लक्ष देण्याची आवश्यकता नसते.

पण जे विद्यार्थी मागच्या बाकावर बसतात. त्यांच्याकडे जास्त लक्ष देणे गरजेचे असते. कारण नापास होण्याची त्यांची शक्यता असते. म्हणून सर मागच्या बाकावर बसणाऱ्या विद्यार्थांना अगदी त्यांच्या जवळ जाऊन गणित समजून सांगतात. त्यांना समजल्याशिवाय सर पुढचा भाग देखील घेत नाहीत.

त्यामुळेच सरांच्या वर्गातील सर्व विद्यार्थी गणित विषयात पास होतात आणि शाळेला १००% निकालही मिळवून देतात.

सर वर्गातील सर्वांना बरोबर घेऊन चालतात. त्यांची ही बाब मला सर्वात जास्त चांगली वाटते. शिवाय त्यांच्यामुळे माझा गणिताचा पाया देखील खूप पक्का झाला आहे.

मी पूर्वी गणित विषयात अगदी साधारण होतो पण आज मला सरांमुळे कोणतेही गणित सुटते. त्यामुळे श्री धनावडे सर मला खूप आवडतात. ते सर्व विद्यार्थांना गणित हा कंटाळवाणा वाटणारा विषय अगदी सहज समजावा म्हणून खूप मेहनत घेतात.

टीप : मित्रानो आजच्या पोस्टमध्ये मी तुम्हाला माझा आवडता शिक्षक मराठी निबंध (my favourite teacher essay in marathi) यावर २०० शब्दात, ३०० शब्दात आणि ५०० शब्दात असे तीन निबंध लिहून दिले आहेत. ते सर्व निबंध तुम्हाला नक्कीच उपयुक्त ठरतील.

तसेच मी माझे आवडते शिक्षक (my favourite teacher essay in marathi) या विषयावर १० ओळीचा निबंध देखील लिहून दिला आहे. हा निबंध इयत्ता पहिली ते पाचवी पर्यंतच्या विद्यार्थासाठी उत्तम आहे. तुम्हाला हे निबंध कसे वाटले कसे वाटले कमेंट करून नक्की कळवा.

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  • My Favourite Teacher Essay In English for Students and Children

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500+ Words Essay on My Favourite Teacher

Teachers play an essential role in our life as an ideal teacher is responsible for the development of the students. Teachers play a vital role in creating a strong foundation of basic knowledge, not only regarding subjects but also for life. It is mostly what we learn at school that helps us throughout our lives when we have to make important decisions and perform other crucial tasks. 

Having a particular teacher that you are especially comfortable with can be a massive advantage as it can help you move through your school years in an easier way. A good teacher can also act as a mentor, guiding you all through your life, even apart from just academics.

I am a student of 10th Class of a reputed private school. There are many great teachers in my school but everyone has that one teacher they are especially grateful to. Likewise, my favourite teacher is Mr Manish Khandelwal Sir. Manish Sir teaches us Maths, and he has a really attractive personality. He is very polite and humble and we all the students love him. He is also a person trusted the most by parents and teachers, as he constantly strives in creating a balanced environment in working hard at academics and having fun doing so.

Qualities of My Favorite Teacher

Manish Sir is tall and quite good looking. He is 32 years old and very experienced. His way of teaching is excellent. He believes in simple living and high thinking. All the students love him for his superb way of teaching and humble behaviour. He has an experience of 9 years in education, and he has done masters in Mathematics. He easily solves complicated mathematical equations. 

He has a unique way of explaining his methods of solving problems. This way, he makes even the most complex of problems look simple and makes it very easy to understand for all students. He has all favourite teacher qualities in him, and has an exceptional amount of patience, which is one of the reasons why everyone considers him as the best teacher. He explains every question or doubt with so much patience and clarity and makes sure you understand them thoroughly. 

He has an excellent command of English and unlike most teachers out there for whom writing impositions, formulas and theorems are important,  he focuses more on logical reasoning rather than memorising complicated equations. He is very disciplined and punctual and ensures that we follow these principles as well. He understands the importance of time and always comes on time. He possesses many of such appreciable qualities which are commendable and highly appreciated by students who want to pursue these qualities as well. 

He is very enthusiastic but he is not too pushy and allows us to make the decisions on our own. He perfectly understands the balance between study and extracurricular activities and helps us stay on track with both. He believes in the overall development of the students and thus encourages students to participate in extracurricular activities. 

He prepares students for Maths olympiads so that their confidence can be boosted and they excel in a complex subject like Maths. Under his guidance, many students have won prizes in Maths olympiads, and even I have scored the highest marks securing the first position in many Maths competitions. He is an asset to our school as he has played a massive role in improving the overall image of our school including co-curricular and academic aspects and we students are fortunate to have him.

What Makes Him My Favourite Teacher?

Manish Sir is my favourite teacher because he is very humble, kind and polite. I love his way of teaching. He loves all students and doesn't believe in punishing them. He focuses more on conceptual clarity than burdening students with excessive homeworks. He never scolds students and never expresses his concerns in the form of anger. Instead, he talks to the students personally in a calm manner, in a way that helps us improve and wants to put in more effort. 

He asks students to be honest with him and always gives equal attention to all the students. He never makes fun of any students and gives extra attention to the weak students. Whenever a student fails to understand any question or equation, he puts extra effort to make him understand, and never tends to lose patience. He calmly explains no matter how many times he has to repeat the same question or statement. He is focused on making us understand every concept with utmost clarity and that is the reason why all students love him.

One of my most favourite qualities of Manish sir is that he keeps track of every student in the class; how they are performing or what are the things they are good at. He constantly keeps an eye out for everyone in the class and helps them to improve themselves and guides them throughout the learning process. He is one of the best teachers in our school who keeps constantly motivating their students and  guiding them in all spheres of life. Manish sir is especially known for not showing even the tiniest amount of favouritism. He treats all his students with an equal amount of fondness and love and cares for every one of us deeply.

He is very experienced and full of life. He tends to keep the entire class on a positive note and never exhibits any behaviour that deteriorates other people. He is concerned about people’s feelings and never hurts anybody. He is very sober and has a great sense of humour. His mathematical knowledge is very vast. Apart from being good at mathematics, he also preaches the importance of having sound knowledge in English and literature. 

He loves reading books and always encourages students to spare some time to read novels instead of doing mindless activities like watching tv or playing video games. He also advises us to get more physical activity and play with other people our age and interact more as it would improve communication. He advises students to pursue their hobbies or interests. He understands students' problems and always provides them with a helping hand. He explains everything with examples and makes every concept so interesting to learn for students. 

We students love to attend his class because he is very understanding. He covers each topic in detail and gives his full attention in class. He would be the first one to notice if even a single student loses track or starts dozing off. He would just suggest an alternative method or a simpler explanation instead of blaming the student for not paying enough attention to the class. He knows how to draw students' attention in class. He never assigns us too much homework, and after class, he provides us with regular assignments to assess our understanding of a particular topic. 

The assignments are often designed to be more informative and research-oriented rather than just making us write down questions or paragraphs from the book and memorise them. By actually going through related articles and books, we gain a greater amount of knowledge and this way, we tend to remember what we learn for a long time as well.  

In case if any student fails to do the assignment or performs poorly in a particular chapter, he doesn't shout at them but instead makes them understand the concept again. This way, we students understand that whatever he is doing is for our own benefit and we tend to work harder to improve ourselves. These are a few of the things he does that makes him different from the other teachers and appears approachable to everyone around him. I have never seen a humble and polite teacher like him, and one day I will try to be like him in my career.

Manish Sir is not just a great teacher but also my ideal person. He has all the favourite teacher qualities, and everyone loves him. I am lucky to be his student, and I will always follow his principles in my life. Even after leaving this school, he will remain my favourite teacher, and I will never forget him. I will always remember what he has taught me through example, and I will try to be a great person like him in the future.

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FAQs on My Favourite Teacher Essay In English for Students and Children

1. Why should one refer to Vedantu?

All the reading materials at Vedantu are curated by the subject-matter experts who have years of experience in the respective field. The content is well - researched and compiled into easy readable format for the benefit of students. Students can refer to these resources with ease and learn things at their own pace. Most importantly all the content on Vedantu is provided for free and it can be easily downloaded into PDF from both the website and mobile application of Vedantu.

2. How can I download reading material from Vedantu?

Accessing material from Vedantu is extremely easy and student-friendly. Students have to simply visit the website of  Vedantu and create an account. Once you have created the account you can simply explore the subjects and chapters that you are looking for. Click on the download button available on the website on Vedantu to download the reading material in PDF format. You can also access all the resources by downloading the Vedantu app from playstore. 

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My Favourite Teacher Essay in English [100, 120, 150, 200, 250 Words]

My Favourite Teacher Essay in English: Teaching is a noble profession. We all have our favourite teachers in life. In this article, you are going to learn how to write a paragraph or an essay on my favourite teacher in English.  Here, we’ve provided 5 essays or paragraphs on this topic (100, 120, 150, 200, and 250 words). This article will be helpful for the students from class 1 to class 12. So, let’s begin.

Table of Contents

My Favourite Teacher Essay: 100 Words

Rajkumar sir is my favourite teacher. He teaches us English in our school. He has a smiling face. He is truthful and honest. He explains his lessons in a very simple and nice way. He is a punctual and disciplined teacher. He gives full attention to each and every student. He tells us interesting stories from time to time.

Rajkumar sir is like a teacher who motivates us to do well in our studies regularly. He never gets angry when we make mistakes. He tries to solve all our queries. He teaches us good habits and moral values. He is a nation builder. Such ideal teachers are the pride of a nation.

My Favourite Teacher Essay in English

My Favourite Teacher Paragraph: 120

My favourite teacher is Riya madam. She teaches us Science as a subject. She has a unique way of teaching. She gives examples from real life situations to make his lessons interesting. She is the master of her subject. She uses question answer method and enables the pupils to discover things for themselves. I used to be very weak in science. But due to his teaching, I improved a lot in science. She keeps perfect discipline everywhere. She advises us to follow the path of truth and goodness. She works with a sense of devotion and dedication.

Along with studies, she teaches us good ethics and moral values to develop our personality. Her life lessons provide us the strength to deal with any kind of problem in our lives. I am grateful for having such a teacher in my life.

paragraph on my favourite teacher in English

Also Read: 10 lines on My Favourite Teacher

Essay on My Favourite Teacher: 150 Words

The teacher I like most is Raman sir. He is the teacher of mathematics in our school. From the first day, all the students in the class felt very close to him because of his friendly behaviour with all of us.

He is polite and sweet natured. He is very hard-working. He loves his youngers and respects his elders. He himself is a model of good conduct. He guides us on the right path in order to make us useful and sensible citizens.

The subject of mathematics seemed very complex and difficult to me from the beginning. But he explained mathematical problems, geometry, everything so easily that I started to get very good marks in mathematics. He makes mathematics so interesting to us.

What particularly attracted me was his wide knowledge and keen interest in diverse matters. He wants his children to learn with understanding. He does not depend only on bookish knowledge. He, sometimes, also takes us out for a visit to some interesting places. A teacher, like him, could be seldom found. He shall remain an inspiration to me.

my teacher essay and paragraph

Essay on Favourite Teacher : 200 Words

In course of my student life, I came across many good teachers. Amongst them were brilliant scholars and great teachers. But in Sri Pankaj Mukherjee, I found not only a teacher with all the good qualities but also a friend, a philosopher and a guide. Although he loved everyone, I was his favourite student. Untiring in his zeal, he had great love for all students even the naughty ones. He was never unhappy even for a moment.

Though English was his favourite subject, he was equally strong in other subjects too and could go on giving notes on them with equal ease. He explained everything so lucidly that all the subjects he taught proved to be interesting. His doors were always open to us. He sympathised with us whenever we were in difficulty. He was a strict disciplinarian but he had a soft corner for all of us.

He also encouraged us to take part in sports and games and even participated in certain games with us. In short, he was more than a teacher to us. I admire him and still remember him because he was an ideal teacher in all respects.

Also Read: My School Paragraph in English

My Teacher Essay/Paragraph: 250 Words

Sh. M.P. Sharma is my favourite teacher. He teaches us English. He is our class teacher too.

He wears simple clothes. Generally he wears pant and shirt. But in winter he wears coat and pant. He looks very smart in his dress. He wears leather shoes. They are always bright.

He is M.A, M.Ed. in English. He is an expert teacher. He is the master of his subject. His teaching method is very easy and unique. Everyone praises his teaching method. Every student understands it easily. He explains all the lessons slowly so that all the students can understand the lessons well. No one make any trouble in his class. Even the most mischievous student in the class listens to his lectures carefully. If a student faces difficulty to understand any topic, he explains it to him at a different time after the school holidays.

He has many qualities. He believes in simple living and high thinking. His nature is very fine. He loves every student. He is very honest. He is sincere to his duty. He is friendly to all. To him work is worship. He has high character. His thoughts are always high. He inspires his pupils to conduct themselves well in life.

He is a true and ideal Guru for me. He is the nation builder in true sense. This is why I like him very much.

Read More: 1. Paragraph on My Aim in Life  2. Paragraph on Discipline 3. Paragraph on Early Rising

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Essay on My Favourite Book

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My Favourite Book Essay - Essay on My Book/My Favorite Book/My Best Book in English

I have read many books written by different authors, but the Ramayana is my favourite book. It is a holy book. It is a sacred book of the Hindus. I love Dharmik Books to read and also interested to know the hindus cultures.

I feel happy on reading about the death of proudly Ravana and his relatives. We should follow the victory example of Lord Rama, Lakshman, Bhibhisan, Bharat, Hanuman and all Sena. A great- wise man wrote them. His name is Saint Tulsi Das.

It has been translated into many languages. He provided a key to all problems in life. This book was given to me as a present by my uncle.

I like to read and re-read them many times. Many of them I remember very well. I like to tell them to my friends and my younger brother and sister.

It makes me successful in every walk of life. I am lucky to have it. In short, it is a source of knowledge, wisdom and light.

  • Authors : A person who writes a novel, poem, essay, etc.
  • Favourite: a person or thing popular with the public.
  • Translated : to turn from one language into another.

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    It makes me successful in every walk of life. I am lucky to have it. In short, it is a source of knowledge, wisdom and light. Word Meanings: Authors : A person who writes a novel, poem, essay, etc. Favourite: a person or thing popular with the public. Translated : to turn from one language into another.