Class Topper Logo

जीवन में मेरे लक्ष्य पर 10 लाइन | 10 Lines on My Aim in Life in Hindi

' src=

10 Lines on My Aim in Life in Hindi : इस लेख में, मेरे जीवन के लक्ष्य के बारे में 10 लाइन प्रदान की हैं। यह आपके लिए सबसे अच्छी जगह है।

प्रत्येक व्यक्ति का जीवन में कोई न कोई लक्ष्य होता है। यदि कोई व्यक्ति बिना किसी निश्चित लक्ष्य के वर्षों में बढ़ता है, तो वह जीवन में सफल नहीं हो सकता। ऐसे व्यक्ति का जीवन बिना सीढ़ी के जहाज के समान होता है।

कुछ लोग जीवन में यश और कीर्ति की कामना करते हैं। कुछ का उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करना है। मैं हमेशा अपने लक्ष्य के अनुसार खुद को तैयार करता हूं। मैं शिक्षक बनकर अपने देश के गरीब लोगों को शिक्षित करना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि भगवान मेरे उद्देश्य को पूरा करेंगे।

10 Lines on My Aim in Life

Table of Contents

5 Lines on My Aim in Life in Hindi

Pattern 1  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, and 5 Students.

  • जीवन में प्रत्येक व्यक्ति का कोई न कोई लक्ष्य होता है।
  • मुइस्ट लोग भविष्य बनाने का लक्ष्य रखते हैं।
  • मेरा लक्ष्य जीवन में शिक्षक बनना है।
  • एक शिक्षक लोगों को अंधेरे में ले जाता है।
  • एक अच्छा शिक्षक राष्ट्र का वास्तविक निर्माता होता है।

short essay on goals in hindi

10 Lines on My Aim in Life in Hindi

Pattern 2  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 6, 7, 8, and 9 Students.

  • लक्ष्य के बिना जीवन व्यर्थ है।
  • अलग-अलग लोगों के जीवन में अलग-अलग उद्देश्य होते हैं। अधिकांश लोगों का लक्ष्य भविष्य बनाना होता है।
  • यदि कोई व्यक्ति बिना किसी निश्चित लक्ष्य के वर्षों में बढ़ता है, तो वह जीवन में सफल नहीं हो सकता।
  • मैं अपने जीवन में शिक्षक बनना चाहता हूं।
  • मेरे माता-पिता और शिक्षक हमेशा मुझे शिक्षण का महत्व बताते हैं।
  • मैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं।
  • सभी प्रतिभाशाली लोग अपनी प्रसिद्धि के लिए अपने शिक्षकों के आभारी हैं
  • कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सत्ता हासिल करना चाहते हैं और दूसरों पर अधिकार का प्रयोग करना चाहते हैं।
  • एक शिक्षक के रूप में मैं देश के लिए बेहतर तरीके से योगदान कर सकता हूं।
  • मैं अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने की पूरी कोशिश कर रहा हूं।

10 Lines on My Aim in Life in Hindi

Short Essay on My Aim in Life in Hindi

Pattern 3 –   10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for class 10,11 12, and Competitive Exams Students.

लक्ष्य के बिना जीवन व्यर्थ है। अलग-अलग लोगों के जीवन में अलग-अलग उद्देश्य होते हैं। अधिकांश लोगों का लक्ष्य भविष्य बनाना होता है। यदि कोई व्यक्ति बिना किसी निश्चित लक्ष्य के वर्षों में बढ़ता है, तो वह जीवन में सफल नहीं हो सकता।

मैं अपने जीवन में शिक्षक बनना चाहता हूं। मेरे माता-पिता और शिक्षक हमेशा मुझे शिक्षण का महत्व बताते हैं। मैं अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं। सभी प्रतिभाशाली लोग अपनी प्रसिद्धि के लिए अपने शिक्षकों के आभारी हैं

कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सत्ता हासिल करना चाहते हैं और दूसरों पर अधिकार का प्रयोग करना चाहते हैं।एक शिक्षक के रूप में मैं देश के लिए बेहतर तरीके से योगदान कर सकता हूं। मैं अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने की पूरी कोशिश कर रहा हूं।

Also Read –

10 Lines on My Aim in Life in English

Pattern 4 –   10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10,11 12, and Competitive Exams Students.

  • Life is meaningless without a goal.
  • Different people have different objectives in life. The goal of most people is to create a future.
  • If a person grows over the years without any definite goal, then he cannot be successful in life.
  • I want to become a teacher in my life.
  • My parents and teachers always tell me the importance of education.
  • I am working hard to fulfill my dreams.
  • All talented people are grateful to their teachers for their fame
  • There are some people who want to gain power and exercise authority over others.
  • As a teacher, I can contribute to the country in a better way.
  • I am trying my best to fulfill the purpose of my life.

10 Lines on My Aim in Life in Odia

Pattern 5 –   10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10,11 12, and Competitive Exams Students.

  • ଲକ୍ଷ୍ୟ ବିନା ଜୀବନ ଅର୍ଥହୀନ |
  • ଜୀବନରେ ବିଭିନ୍ନ ଲୋକଙ୍କ ଭିନ୍ନ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ଥାଏ | ଭବିଷ୍ୟତ ସୃଷ୍ଟି କରିବା ଅଧିକାଂଶ ଲୋକଙ୍କ ଲକ୍ଷ୍ୟ |
  • ଯଦି କ person ଣସି ନିର୍ଦ୍ଦିଷ୍ଟ ଲକ୍ଷ୍ୟ ବିନା ଜଣେ ବ୍ୟକ୍ତି ବର୍ଷ ବର୍ଷ ଧରି ବ ows େ, ତେବେ ସେ ଜୀବନରେ ସଫଳ ହୋଇପାରିବ ନାହିଁ |
  • ମୁଁ ମୋ ଜୀବନରେ ଶିକ୍ଷକ ହେବାକୁ ଚାହୁଁଛି |
  • ମୋର ପିତାମାତା ଏବଂ ଶିକ୍ଷକମାନେ ସର୍ବଦା ମୋତେ ଶିକ୍ଷାର ମହତ୍ତ୍ tell କୁହନ୍ତି |
  • ମୋର ସ୍ୱପ୍ନକୁ ପୂରଣ କରିବା ପାଇଁ ମୁଁ କଠିନ ପରିଶ୍ରମ କରୁଛି |
  • ସମସ୍ତ ପ୍ରତିଭାବାନ ବ୍ୟକ୍ତି ସେମାନଙ୍କର ଖ୍ୟାତି ପାଇଁ ସେମାନଙ୍କ ଶିକ୍ଷକମାନଙ୍କୁ କୃତଜ୍ଞ |
  • କିଛି ଲୋକ ଅଛନ୍ତି ଯେଉଁମାନେ ଶକ୍ତି ହାସଲ କରିବାକୁ ଏବଂ ଅନ୍ୟମାନଙ୍କ ଉପରେ କ୍ଷମତା ପ୍ରୟୋଗ କରିବାକୁ ଚାହୁଁଛନ୍ତି |
  • ଜଣେ ଶିକ୍ଷକ ଭାବରେ ମୁଁ ଏକ ଉନ୍ନତ ଦେଶରେ ଦେଶ ପାଇଁ ଅବଦାନ ଦେଇପାରେ |
  • ମୋ ଜୀବନର ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ପୂରଣ କରିବାକୁ ମୁଁ ଚେଷ୍ଟା କରୁଛି |

10 Lines on My Aim in Life in Telugu

Pattern 6 –   10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10,11 12, and Competitive Exams Students.

  • లక్ష్యం లేని జీవితం అర్థరహితం.
  • వేర్వేరు వ్యక్తులు జీవితంలో వేర్వేరు లక్ష్యాలను కలిగి ఉంటారు. చాలా మంది వ్యక్తుల లక్ష్యం భవిష్యత్తును సృష్టించడం.
  • ఒక వ్యక్తి ఏ నిర్దిష్ట లక్ష్యం లేకుండా సంవత్సరాలుగా ఎదుగుతుంటే, అతను జీవితంలో విజయం సాధించలేడు.
  • నా జీవితంలో నేను టీచర్‌ని కావాలనుకుంటున్నాను.
  • నా తల్లిదండ్రులు మరియు ఉపాధ్యాయులు ఎల్లప్పుడూ నాకు విద్య యొక్క ప్రాముఖ్యతను చెబుతారు.
  • నా కలలను నెరవేర్చుకోవడానికి కష్టపడుతున్నాను.
  • ప్రతిభావంతులైన వ్యక్తులందరూ వారి కీర్తి కోసం వారి ఉపాధ్యాయులకు కృతజ్ఞతలు తెలుపుతారు
  • అధికారాన్ని పొందాలని, ఇతరులపై అధికారం చెలాయించాలని కొందరు వ్యక్తులున్నారు.
  • టీచర్‌గా నేను దేశానికి మరింత మెరుగైన రీతిలో దోహదపడగలను.
  • నా జీవిత లక్ష్యాన్ని నెరవేర్చుకోవడానికి నా వంతు ప్రయత్నం చేస్తున్నాను.

10 Lines on My Aim in Life in Marathi

Pattern 7 –   10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10,11 12, and Competitive Exams Students.

  • ध्येयाशिवाय जीवन निरर्थक आहे.
  • वेगवेगळ्या लोकांची जीवनात वेगवेगळी उद्दिष्टे असतात. बहुतेक लोकांचे ध्येय भविष्य घडवणे हे असते.
  • जर एखादी व्यक्ती कोणत्याही निश्चित ध्येयाशिवाय वर्षानुवर्षे वाढत असेल तर तो जीवनात यशस्वी होऊ शकत नाही.
  • मला माझ्या आयुष्यात शिक्षक व्हायचे आहे.
  • माझे पालक आणि शिक्षक मला नेहमी शिक्षणाचे महत्त्व सांगतात.
  • माझी स्वप्ने पूर्ण करण्यासाठी मी खूप मेहनत घेत आहे.
  • सर्व प्रतिभावान लोक त्यांच्या प्रसिद्धीसाठी त्यांच्या शिक्षकांचे आभारी आहेत
  • काही लोक आहेत ज्यांना सत्ता मिळवायची आहे आणि इतरांवर अधिकार गाजवायचा आहे.
  • एक शिक्षक म्हणून मी देशासाठी अधिक चांगल्या पद्धतीने योगदान देऊ शकतो.
  • माझ्या जीवनाचा उद्देश पूर्ण करण्यासाठी मी सर्वतोपरी प्रयत्न करत आहे.

Last Word on My Aim in Life in Hindi

इस लेख में, मैंने मेरे जीवन के लक्ष्य के बारे में 10 लाइन प्रदान की हैं। यह आपके लिए सबसे अच्छी जगह है।

प्रिय बच्चों और छात्रों के लिए यह निबंध बहुत ही सरल और याद रखने में आसान है। ये टिप्स और ट्रिक्स छात्रों को जीवन में अपने उद्देश्य पर एक आदर्श निबंध लिखने में मदद करेंगे।

यह निबंध छात्रों को अपना होमवर्क करने में बहुत मदद करता है जो एक प्रभावी तरीका है। मुझे आशा है कि यह निबंध आपके लिए और आप की तरह बहुत उपयोगी है।

अन्य पोस्ट देखें –  Short Essay  /  10 Lines Essay .

नीचे टिप्पणी अनुभाग में किसी भी संबंधित प्रश्न या सुझाव को बेझिझक छोड़ें। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए मूल्यवान है! यदि आपको यह जानकारी दिलचस्प लगती है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करने में संकोच न करें, जो इसे पढ़ने का आनंद भी ले सकते हैं। साझा करना देखभाल है!

References Links:

  • https://en.wikipedia.org/wiki/Aim_in_Life
  • https://www.wikihow.com/Find-Your-Purpose-in-Life
  • https://www.vedantu.com/english/my-aim-in-life-essay

You must be logged in to post a comment.

short essay on goals in hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – My Aim In Life Essay

My Aim In Life Essay

हर किसी के जीवन के लक्ष्य अलग-अलग होते हैं, कोई किसी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है तो कोई किसी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाना चाहता है और नाम कमाना चाहता है, अर्थात लक्ष्य के द्धारा ही व्यक्ति एक सुखी जीवन का आनंद ले सकता है।

वहीं लक्ष्य एक अतिमहत्वपूर्ण विषय है, जिस पर कई बार स्कूलों में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में अथवा क्लास में बच्चों को “मेरे जीवन का लक्ष्य” पर निबंध (My Aim In Life Essay) लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में ‘मेरे जीवन का लक्ष्य’ पर अलग-अलग शब्दों में निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

My Aim In Life Essay

“मेरे जीवन का लक्ष्य” पर निबंध नंबर – My Aim In Life Essay

जाहिर है कि इस दुनिया में हर व्यक्ति की सोच और उसका लक्ष्य अलग होता है। कोई एक आदर्श शिक्षक बनकर शिक्षित समाज का निर्माण कर देश का कल्याण करना चाहता है, तो कोई इंजीनियर बनकर बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी करना चाहता है, तो कोई समाजसेवी बनकर समाज में फैली कुरोतियों को दूर करना चाहता है और जरूरतमंदों और असहायों की मद्द करना चाहता है।

सभी अपने सामर्थ्य और क्षमता के मुताबिक ही अपने-अपने लक्ष्यों का निर्धारण करते हैं, वैसे ही मैं जब भी किसी रोगी को दर्द से कराहता देखता हूं, या फिर जब किसी अस्वस्थ व्यक्ति की पीड़ा समझने की कोशिश करता हूं, तो अक्सर मेरे दिल और दिमाग में यही ख्याल आता है कि काश मै डॉक्टर होता तो इसकी मद्द कर पाता।

इसलिए मैने यह संकल्प लिया है कि मै डॉक्टर बनने के लिए पूरा प्रयास करूंगा और अपनी क्षमता शक्ति से अधिक मेहनत करूंगा ताकि मै एक सफल डॉक्टर बन सकूं।

आपको बता दूं कि मेरा अन्य लोगों की तरह डॉक्टर बनकर सिर्फ नोट छापने का कोई उद्देश्य नहीं है, बल्कि मैं डॉक्टर बनकर गंभीर रोगों से लड़ रहे गरीब और असहाय लोगों के काम आना चाहता हूं और एक स्वस्थ भारत के निर्माण में अपना सहयोग देना चाहता हूं।

वहीं कई लोग पैसे के अभाव में और कुछ मजबूरियों के चलते डॉक्टर की डिग्री हासिल नहीं कर सकते, लेकिन मैं अक्सर यही सोचता हूं कि अगर मै डॉक्टर बनने का निश्चय किया है तो किसी भी हालत में अपने लक्ष्य को पाकर ही रहूंगा और रोगों से लड़ रहे लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाऊंगा, इसके साथ ही पीडि़त लोगों को उनके रोगों को दूर भगाने के लिए सही सलाह दूंगा। साथ ही उन्हें यह भी बताऊंगा कि वे कैसे स्वस्थ जीवन जीएं।

उपसंहार –

जाहिर है कि ज्यादातर लोग अपने जीवन में बड़े-बड़े सपने देखते हैं और लक्ष्यों का निर्धारण करते हैं, लेकिन कुछ चुनिंदा लोग ही ऐसे होते हैं, जो अपने लक्ष्यों को पाने के लिए निरंतर कोशिश करते हैं, ऐसे लोग ही अपने लक्ष्यों का आसानी से हासिल कर लेते हैं।

इसलिए हमें अपने जीवन के लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए साथ ही इसे पाने के लिए निरंतर कोशिश भी करते रहना चाहिए। तभी हमारा जीवन सार्थक हो सकेगा।

Essay on Mere Jeevan ka Lakshya in Hindi

लक्ष्य को रखने वाला मनुष्य ही अपने जीवन में सही रास्ते पर चल सकता है और अपने परिवार और देश के विकास में सहयोग कर सकता है, वहीं लक्ष्यविहीन मनुष्य उस गेंदबाज की तरह होते हैं, जो गेंद तो फेंकते हैं लेकिन उसने सामने विकेट नहीं होते।

ऐसे मनुष्य को न तो समाज में कोई दर्जा मिलता है और न ही वह अपने जीवन में कभी आगे बढ़ सकता है, इसलिए हर किसी को अपने जीवन में लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए। वैसे ही मैं भी अक्सर एक शिक्षक बनने के बारे में सोचता हूं, और एक आदर्श शिक्षक बनना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है-

मेरे जीवन का लक्ष्य –

मेरे जीवन का लक्ष्य एक शिक्षक बनना है – जाहिर है कि एक शिक्षक, समाज और देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन कर उसे अपने जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने के काबिल बनाता है।

इसके साथ ही शिक्षक, शिष्य के अंदर सोचने-समझने की शक्ति विकसित करते हैं, और उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं, वहीं आज मै भी अपने टीचर की बदौलत ही इस काबिल बन पाया हूं कि अपने जीवन के लक्ष्यों का निर्धारण कर सकूं।

वहीं हो सकता है कि कुछ लोग मेरे शिक्षक बनने के इस लक्ष्य को छोटा समझें लेकिन अगर मुझे एक आदर्श शिक्षक बनने का मौका मिला तो यह मेरे लिए बहुत गर्व और सम्मान की बात होगी, क्योंकि मैं शिक्षक बनकर कई छात्रों का सही मार्गदर्शन कर उनके भविष्य को संवारना चाहता हूं, और विकसित राष्ट्र की नींव रखना चाहता हूं।

क्योंकि एक शिक्षक बनकर ही समाज और राष्ट्र के हित के लिए काम किया जा सकता है, शिक्षक, समाज को एक नई दिशा देता है, और विद्यार्थियों को एक नया जीवन प्रदान करता है, इसलिए शिक्षक को भगवान से ऊंचा दर्जा दिया गया है, वहीं इस संदर्भ में कबीर जी का यह दोहा भी काफी प्रसिद्ध है –

गुरु गोबिन्द दोनों खड़े, काके लागू पाय बलिहारी, गुरु आपने, जिन गोबिन्द दियो बताय॥

इसके अलावा भी कई महान कवियों और महान पुरुषों ने शिक्षकों के महत्व को अपने विचारों के माध्यम से व्यक्त किया है। जिसके बारे में गंभीरता से सोचते हुए मैने भी शिक्षक बनने का प्रण लिया है।

एक आदर्श शिक्षक बनने के लिए मै निरंतर प्रयासरत रहता हूं और मैं इसके लिए हिन्दी विषय से पीएचडी की पढ़ाई भी करना चाहता हूं, मै छात्रों को हिन्दी विषय के पूरी जानकारी देना चाहता हूं और मैं इसके हिन्दी साहित्य से लेकर व्याकरण तक का ज्ञान देना चाहता हूं।

इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को उनके कर्तव्यों का बोध करवाना चाहता हूं। और एक आदर्श शिक्षक बनकर समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहता हूं।

वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं कि शिक्षक बनकर सिर्फ चंद पैसे कमाना चाहते हैं, और विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन नहीं करते हैं, मैं इस तरह का शिक्षक बिल्कुल भी नहीं बनना चाहता हूं।

आपको बता दूं कि मेरे जीवन का लक्ष्य एक ऐसा शिक्षक बनना है, जो देश और समाज के कल्याण में काम आ सके और विद्यार्थियों के भविष्य को सुनहरा बना सके।

उपसंहार

शिक्षक को समाज में सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है, क्योंकि शिक्षक ही किसी भी व्यक्ति का उसके जीवन के लक्ष्यों को हासिल करने में मद्द करता है, और उसके अंदर सामाजिक, मानसिक, आध्यात्मिक ज्ञान देता है। इसलिए मेरे जीवन का लक्ष्य एक आदर्श शिक्षक बनना है।

  • How to achieve goals

Note: अगर आपको My Aim In Life Essay in Hindi अच्छी लगे तो जरुर Share कीजिये। Note:   E-MAIL Subscription करे और पायें My Aim In Life Essay and personality development in Hindi articles और Essay आपके ईमेल पर।

1 thought on “मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – My Aim In Life Essay”

' src=

Thanks for helping me

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Gyan ki anmol dhara

Grow with confidence...

  • Computer Courses
  • Programming
  • Competitive
  • AI proficiency
  • Blog English
  • Calculators
  • Work With Us
  • Hire From GyaniPandit

Other Links

  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Refund Policy

जीवन में मेरा उद्देश्य पर निबंध 200, 500, शब्दों मे (My Aim In Life Essay in Hindi) 10 lines

short essay on goals in hindi

My Aim In Life Essay in Hindi – एक लक्ष्यहीन व्यक्ति एक जहाज की तरह है जो समुद्र पर अपना नियंत्रण खो चुका है। उद्देश्य को कुछ हासिल करने की दृढ़ इच्छा के रूप में परिभाषित किया गया है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य होना चाहिए। यह एक व्यक्ति को उसके करियर की दिशा को समझने में मदद करता है।

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ लक्ष्य होते हैं जिन्हें वह प्राप्त करना चाहता है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, उस व्यक्ति को कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है, और लक्ष्य/लक्ष्य व्यक्ति को समाज में अपना मूल्य प्राप्त करने में मदद करते हैं। एक व्यक्ति का परिवेश एक लक्ष्य या उद्देश्य को प्रेरित करता है। सही लक्ष्य का चुनाव व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जाता है। इसलिए एक सफल जीवन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करना और उसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करना बहुत महत्वपूर्ण है।

जीवन में मेरा उद्देश्य पर निबंध के बारे में 10 पंक्तियाँ (10 Lines about My Aim in Life Essay in Hindi)

  •  उद्देश्य एक लक्ष्य या उद्देश्य है जो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में होता है। यह एक व्यक्ति को निर्देशित करता है और उन्हें उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
  • प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्यों को निर्धारित करना चाहिए। यह उन्हें करियर पथ को समझने में मदद करता है और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
  • जीवन में एक लक्ष्य एक व्यक्ति को पर्याप्त खुशी और खुशी देता है और दूसरों के लिए सर्वोत्तम संभव तरीके से जीवन जीने के लिए एक अग्रणी उदाहरण प्रस्तुत करता है।
  • अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, आपको सही उद्देश्य निर्धारित करने और उन्हें छोटे-छोटे वर्गों में विभाजित करने और उन्हें बनाने के लिए एक समयरेखा तैयार करने की आवश्यकता है।
  • हासिल करने की प्यास रखने वाले व्यक्ति को सक्रिय होना चाहिए, असफलता को गले लगाना चाहिए, अच्छी तरह से संतुलित होना चाहिए और आत्मविश्वास के साथ लोगों को अपने लक्ष्यों के बारे में बताना चाहिए। सकारात्मक रहें और अपने लक्ष्यों पर नज़र रखें।
  • अपने आस-पास की सभी नकारात्मकता से बचें, दूसरों से जरूरत पड़ने पर मार्गदर्शन लें, प्रतिक्रिया और आलोचनाओं के लिए खुले रहें और अपना लक्ष्य निर्धारित करें।
  •  मेरे जीवन का उद्देश्य एक शिक्षक बनना है क्योंकि मैं इसे सभी व्यवसायों में सबसे अच्छा मानता हूं। एक शिक्षक अपने सर्वोत्तम संभव तरीके से अपने समाज और देश की सेवा करता है।
  • अपने लक्ष्य के रूप में, मैं युवा मन में सही शिक्षा प्रदान करना और परिष्कृत गुणों को विकसित करना चाहता हूं और उन्हें देश का पथप्रदर्शक बनाना चाहता हूं।
  • मैं स्कूल में छात्रों के लिए एक पारिवारिक माहौल बनाना चाहता हूं और अपने छात्रों को प्राचीन काल के गुरुओं के रूप में पढ़ाना चाहता हूं।
  • प्रेरित और केंद्रित रहने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी उपलब्धि की कल्पना करना और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करना।

इनके बारे मे भी जाने

छात्रों और बच्चों के लिए जीवन में मेरा उद्देश्य पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on My Aim In Life for Students and Kids in Hindi)

नीचे दो निबंध दिए गए हैं- एक लंबा, वर्णनात्मक निबंध और एक छोटा, संक्षिप्त निबंध। जीवन में मेरा लक्ष्य पर विस्तारित निबंध में 400-500 शब्द हैं। लंबा निबंध एक दिशानिर्देश है जो छात्रों को असाइनमेंट और परीक्षा में मदद करता है। जीवन में मेरा लक्ष्य पर लघु निबंध में 150-200 शब्द हैं और बच्चों और बच्चों को उनके क्लासवर्क के साथ मार्गदर्शन करता है।

जीवन में मेरा लक्ष्य 200 शब्दों पर लघु निबंध (Short Essay on My Aim in Life 200 Words in Hindi)

नीचे दिए गए मेरे उद्देश्य पर लघु निबंध कक्षा 1,2,3,4,5 और 6 के बच्चों और बच्चों के लिए है। निबंध बच्चों को उनके असाइनमेंट, समझने के अभ्यास और स्कूल की घटनाओं में मदद करता है।

हर व्यक्ति के जीवन में एक लक्ष्य होना चाहिए। एक लक्ष्य उन्हें अपने सपनों और लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है और उन्हें पहचान देता है। जो लोग अपने करियर की योजना नहीं बनाते हैं उनके जीवन का कोई उद्देश्य नहीं होता है। लक्ष्यहीन व्यक्ति बिना खंभे के भवन के समान होता है। वे शिकायत करते हैं, उछाले जाते हैं, और अक्सर अपने भाग्य को दोष देते हैं।

प्रत्येक व्यक्ति के अलग-अलग उद्देश्य होते हैं। जहां कुछ लोग वकील बनने की ख्वाहिश रखते हैं, वहीं कुछ डॉक्टर बनना चाहते हैं। कुछ अपने पसंदीदा अभिनेता के आधार पर अभिनेता बनने के लिए सिम लगाते हैं, जबकि कुछ शिक्षक बनने के लिए प्रभावित हो सकते हैं।

लोग अपने परिवेश के अनुसार अपने लक्ष्य अपनाते हैं। हमें अपना लक्ष्य तय करते समय बहुत सतर्क रहना चाहिए- कुछ लक्ष्य उचित होते हैं, जबकि कुछ आपको गुमराह करते हैं। व्यक्ति को बाधाओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उसे हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि तब तक कोशिश करनी चाहिए जब तक कि वे सफलता तक न पहुंच जाएं।

जीवन में मेरा उद्देश्य एक डॉक्टर बनना है और उन लोगों के लिए मुफ्त जांच करना है जो उन्हें वहन नहीं कर सकते। मैं जानता हूँ कि यह एक कठिन उद्देश्य है, लेकिन इसे पूरा करने के लिए, मुझे सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। एक डॉक्टर के रूप में मेरी सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि गाँव में मुफ्त चिकित्सा सुविधा का निर्माण करना है जिससे ग्रामीणों को मुफ्त चिकित्सा योजनाएँ प्रदान की जा सकें।

इस प्रकार, एक लक्ष्य होने से आपको केंद्रित रहने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। एक उचित योजना, सकारात्मक दृष्टिकोण और लक्ष्य का क्रियान्वयन आपको सफलता तक पहुंचने में मदद करेगा।

जीवन में मेरा लक्ष्य पर लंबा निबंध 500 शब्द (Long Essay On My Aim in Life 500 Words in Hindi)

मेरे उद्देश्य पर नीचे दिया गया लंबा निबंध प्रतियोगी परीक्षा के इच्छुक विद्यार्थियों और क्रमशः 6,7,8,9 और 10 कक्षा से संबंधित छात्रों के लिए है। निबंध छात्रों को उनके कक्षा असाइनमेंट, बोध कार्यों और यहां तक ​​कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन करता है।

एक उद्देश्य जीवन में एक लक्ष्य या उद्देश्य है – एक व्यक्ति जब युवा एक अंतरिक्ष यात्री, या नर्तक, या एक अभिनेता बनने का सपना देखता है। लक्ष्य आपको कोशिश करने में मदद करता है, या इसे हासिल करने की ख्वाहिश रखता है। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्राथमिक कदम सही उद्देश्य निर्धारित करना है; फिर, अपने लक्ष्य को छोटे-छोटे वर्गों में विभाजित करें और उन्हें बनाने के लिए एक समयरेखा तैयार करें। हालाँकि, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, आपको हर समय अंतराल पर चुनौतियों और बाधाओं को पार करना होगा।

एक लक्ष्यहीन व्यक्ति अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकता है और जीवन के रास्ते में ठोकर खाता है। प्रत्येक व्यक्ति का एक निश्चित लक्ष्य होना चाहिए। यह किसी व्यक्ति के जीवन में अर्थ या उद्देश्य देता है। जीवन में एक उद्देश्य एक व्यक्ति को खुशी और खुशी प्रदान करता है और दूसरों के लिए सर्वोत्तम संभव तरीके से जीवन जीने के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

अलग-अलग व्यक्तियों के जीवन में अलग-अलग लक्ष्य होते हैं। कुछ लोगों का लक्ष्य वकील बनना और असहायों को न्यायपूर्ण और सटीक प्रदान करना हो सकता है, जबकि अन्य शिक्षक बनने और समाज की मदद करने का प्रयास कर सकते हैं। जीवन में लोगों की धारणा या झुकाव के अनुसार उद्देश्य अलग-अलग होते हैं।

लक्ष्य प्राप्ति के उपाय

अपने लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए, आपको कुछ अपरिहार्य बिंदुओं को याद रखना होगा जो आपकी सफलता में सहायता करते हैं। अपने इरादों को हासिल करने की उत्सुकता रखने वाले व्यक्ति को सक्रिय, संतुलित, असफलता को गले लगाना चाहिए, सकारात्मक रहना चाहिए, अपने लक्ष्यों पर नज़र रखनी चाहिए और आत्मविश्वास के साथ सबको बताना चाहिए।

व्यक्ति को नकारात्मकता से बचना चाहिए, दूसरों से मार्गदर्शन लेना चाहिए, अपने लक्ष्यों के परिणाम की कल्पना करनी चाहिए, और प्रतिक्रिया के लिए खुला रहना चाहिए और अपना लक्ष्य रीसेट करना चाहिए।

जीवन में मेरा लक्ष्य

शिक्षा एक उभरता हुआ क्षेत्र है जो व्यक्ति को दुनिया बदलने की ताकत देता है। एक शिक्षक एक कुम्हार है जो जीवन भर व्यक्तियों को ढालता है। विलियन आर्थर वार्ड के अनुसार, एक असाधारण शिक्षक अपने छात्रों को पढ़ाता है, एक अच्छा शिक्षक अच्छी तरह से समझाता है, एक श्रेष्ठ शिक्षक प्रदर्शन करता है, जबकि सबसे उत्कृष्ट शिक्षक युवा मन को प्रेरित करता है।

जीवन में मेरा उद्देश्य एक शिक्षक बनना और युवा मन को प्रेरित करना है। मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि मैं एक शिक्षक बनने की इच्छा क्यों रखता हूं, और यह विकल्प जीवन के अनुभवों की एक श्रृंखला से निकला है। मेरा उद्देश्य इस सम्मानित पेशे का हिस्सा बनना है, और एक, छात्रों को प्रेरित करना है।

एक शिक्षक दुनिया की वांछित जरूरतों को बदलने और उसे बेहतर बनाने की क्षमता रखता है। वे एक छात्र के जीवन के कुछ पहलुओं को प्रभावित करते हैं। वे अपने शिक्षण के माध्यम से एक छात्र के जीवन को बना या बिगाड़ सकते हैं। मेरा उद्देश्य एक शिक्षक के रूप में मेरे उद्देश्य के रूप में व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों तरह की क्षतिपूर्ति प्राप्त करना है।

एक शिक्षक के रूप में मेरा लक्ष्य प्रत्येक छात्र को जीवन में एक बेहतर स्थान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना और प्रभावित करना है और उन्हें चुनौतीपूर्ण दुनिया के माध्यम से जीवित रहने के लिए पर्याप्त ज्ञान देना है। मेरा उद्देश्य हर बढ़ते छात्र को शामिल करना है और जरूरतमंदों के उत्थान के लिए उन्हें प्रभावित करना और समाज के उत्थान में योगदान देना है।

संक्षेप में, लक्ष्य रखने से व्यक्ति को बढ़ने और सफलता तक पहुँचने में मदद मिलती है। सफलता प्राप्त करने के लिए सकारात्मक दिमाग के साथ लक्ष्य निर्धारित करना और समय पर क्रियान्वित करना आवश्यक है।

  • My Best Friend Essay
  • My School Essay
  • pollution essay

जीवन में मेरा उद्देश्य पर निबंध अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

उद्देश्य क्या है एक उदाहरण दें.

एक उद्देश्य दिशा का एक उद्देश्य है जो आपको जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करता है। ऐम का एक उदाहरण कार या घर खरीदने के लिए पैसे बचाने की इच्छा है।

उद्देश्य अत्यधिक प्रासंगिक क्यों है?

जीवन में उद्देश्य महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें हमारे लक्ष्यों के लिए मार्गदर्शन करता है और उन्हें प्राप्त करने में हमारी सहायता करता है। सफल होने के लिए हमें Aim चाहिए; हमें कड़ी मेहनत करने की जरूरत है, खुशी और लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए सही नजरिया होना चाहिए।

कोई व्यक्ति जीवन में लक्ष्य कैसे प्राप्त कर सकता है?

एक व्यक्ति को सक्रिय होना चाहिए, असफलता को स्वीकार करना चाहिए, सकारात्मक रहना चाहिए, अच्छी तरह से संतुलित होना चाहिए और अपने लक्ष्यों पर नज़र रखनी चाहिए। व्यक्ति को आत्मविश्वास के साथ दूसरों को बताना चाहिए, नकारात्मक परिवेश से बचना चाहिए, बड़ों से मार्गदर्शन लेना चाहिए और आलोचनाओं के लिए खुला रहना चाहिए और गलत होने पर अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए।

  • Short Motivational Story In Hindi
  • Motivational stories
  • SELF IMPROVMENT
  • Miscellaneous
  • MOTIVATIONAL SPEECH FOR STUDENTS
  • पर्व एंव त्यौहार
  • Spiritual Story In Hindi
  • Paise Kaise Kamaye

अपने लक्ष्य को हासिल करने की 11 अचूक तरीके | Goal Setting Tips in Hindi Best 11

short essay on goals in hindi

              अपने Goal को हासिल करने की 11 अचूक तरीके 

Goal Setting Tips in Hindi | नमस्कार दोस्तों PositiveBate.com पर आपका स्वागत है। जीवन में Success हासिल करने के लिए (Goal) होना जरूरी होता है। यदि आपके जीवन में Goal होता है तो आप जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

क्योंकि goal ही हम सभी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।  आज के समय में goal तो हर किसी के पास होता है। लेकिन उस goal को कैसे हासिल करें ( apne lakshya ko kaise achieve kare ) के बारे में किसी को जानकारी नहीं होती है।.

  • जब भी कोई इग्नोर करें तो ये 10 बातें जान ले
  • पैर की मोच और छोटी सोच, कभी आगे नहीं बढ़ने देती है
  • सच्ची दोस्ती कैसी होनी चाहिए
  • जितनी बड़ी वजह होगी जीत भी उतनी बड़ी होगी
  • खुद से पढ़ाई करने के 7 रामबाण तरीके

इसी कारणवश ज्यादातर लोगों के पास Goal होने के बाद भी अपनी मंजिल को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। Goal Setting Tips in Hindi   Goal को प्राप्त करने के लिए किन-किन चीजों को फॉलो करना है। जिस इंसान को इन सभी बातों के बारे में पता होता है, वह इंसान आसानी से अपने Goal को प्राप्त कर लेता है।

short essay on goals in hindi

यदि आप भी अपने Goal ( Goal ) को हासिल करने में बार-बार असफल हो रहे है तो इस Artical (Post) में Goal हासिल करने की 11 Tips आपके साथ शेयर करने वाले हैं। जिसकी मदद से आप आसानी से अपने Goal को प्राप्त कर सकेंगे। 

(Goal) को प्राप्त करने के लिए इन 11 तरीको को अपनाये 

Goal Setting Tips in Hindi , दोस्तों जीवन में किसी भी बड़े से बड़े (Goal) को हासिल करने के लिए आप नीचे बताए गए 11 तरीकों को अपना सकते हैं। इन तरीकों की मदद से आप किसी भी परिस्थिति में और किसी भी हाल में अपने Goal को हासिल कर सकते हैं। 

1)- अपने Goal का चुनाव करें – 

यदि आप किसी भी ( Goal Setting Tips in Hindi ) को हासिल करना चाहते हैं तो,

  • सबसे पहले उस Goal का चुनाव करें। क्योंकि जब तक आप अपने लिए Goal का चुनाव नहीं करते हैं। तब तक आपको समझ नहीं आता है कि आपको जीवन में करना क्या है।
  • जैसे कि आपको किसी भी एक स्थान पर जाना है। लेकिन आपको उस स्थान का नाम नहीं पता है तो,आप कभी भी उस स्थान पर नहीं पहुंच सकते हैं लेकिन यदि आपको उस स्थान का नाम पता है और फिर चाहे रास्ते में कितनी भी समस्या क्यों ना आए,
  • आप धीरे-धीरे करके उस रास्ते तक पहुंच जाते हैं। ठीक उसी तरह से सबसे पहले आपको अपनी काबिलियत के अनुसार एक Goal का चुनाव करना चाहिए। उसके बाद आपको उस Goal को हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए। 

2)- क्या आप सच में Goal को पूरा कर सकते हैं – 

दोस्तों Goal तो हर इंसान के पास होता है लेकिन उस Goal को पूरा करने का दृढ़ संकल्प सिर्फ कुछ लोगों के पास ही होता है। यदि आप कोई भी ऐसा Goal Setting कर लेते हैं। जिसको हासिल करना भी संभव नहीं होता है ।

  • कठिनाइयों से लड़ना सीखे – जो लड़ेगा वही जीतेगा
  • आत्मविश्वास बढ़ाने के 11 अद्भुत तरीके
  • चतुर चालाक बनने के ये तरीके / 9 टिप्स अपनाये जिदंगी को कामयाब बनाये
  • मौका ज‍िंंदगी बदलने वाली कहानी
  • सफल लोगो की 7 प्रभावशाली आदतें

तो शायद आप गलत दिशा में कार्य कर रहे होते है। किसी भी Goal को आपको इस तरह से चुनना चाहिए। जिसको आप आगे चलकर हासिल कर सकते हैं।  आपको अपने Goal  के प्रति यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके अंदर इतनी काबिलियत है ।

short essay on goals in hindi

कि इस Goal को इतने समय में पूरा कर सकते हैं। आपके अंदर तीव्र इच्छा शक्ति होनी चाहिए और आपको खुद पर यह विश्वास होना चाहिए कि आप अपने दम पर आसानी से Goal को पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आपको खुद पर विश्वास नहीं है तो ,

आपको अपने लिए कोई ऐसा Goal Setting करना चाहिए। जिसको आप पूरा कर सकते हैं। इस दुनिया में ज्यादातर लोग अपने Goal को इसीलिए पूरा नहीं कर पाते हैं क्योंकि उनको खुद पर विश्वास नहीं होता है कि वे उस Goal को पूरा कर सकते हैं। 

3)- Goal को हासिल करने की योजना बनाये – 

एक बार जब आप अपने Goal का निर्धारण कर लेते हैं तो उस Goal को हासिल करने के लिए योजना बनाना बेहद ही जरूरी होता है। ज्यादातर लोग Goal Setting कर लेते हैं लेकिन उस Goal को पूरा करने की योजना नहीं बनाते हैं।

शायद इसी कारणवश उनका Goal कभी भी पूरा नहीं हो पाता है।  योजना की मदद से आपको Goal ( Lakshya Kaise Hasil Kare) हासिल करने में काफी ज्यादा मदद मिलती है। आपको सही दिशा मिलती है और आप

आसानी से अपने Goal पर काम भी कर सकते हैं। Goal को हासिल करने के लिए आपको हर दिन कार्य करना चाहिए। आपको हर दिन की योजना बनानी चाहिए। तब जाकर आप 1 दिन उस Goal को पूरा कर सकते हैं। 

4)- Expert की मदद जरूर ले – 

दोस्तों आपका Goal जिस भी Field के साथ होता है तो आपको उस Goal को हासिल करने के लिए उस Field के किसी भी Expert की मदद जरूर लेनी चाहिए। ताकि आपको सही मार्गदर्शन मिल सके।  दोस्तों ज्यादातर लोग Goal Setting कर लेते हैं लेकिन,

उस Goal को हासिल करने के लिए Expert की मदद नहीं लेते हैं, उनको लगता है कि उन्हें सब कुछ आता है और ऐसे लोग कभी भी अपने Goal को हासिल नहीं कर पाते हैं। क्योंकि उनका दिमाग बंद होता है। किसी भी नई जानकारी के लिए उनका दिमाग खुला नहीं होता है,

तो आपको ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना है। आपको चाहे अपने Field की कितनी भी जानकारी क्यों ना हो लेकिन आपको Expert की मदद जरूर लेनी चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप कम समय में अपने Goal को हासिल कर सकते हैं। 

5)- समय का सही सदुपयोग करें – 

Goal Setting करने का मतलब यह नहीं होता है कि आपने Goal हासिल कर लिया है। ज्यादातर लोग Goal Setting कर लेते हैं लेकिन उस Goal को पूरा करने के लिए उनके पास बिल्कुल भी समय नहीं होता है।उनका समय व्यर्थ की चीजों में बर्बाद हो रहा होता है।

तो ऐसे Goal का कोई फायदा नहीं होता है। आपको हर समय अपने Goal के प्रति सतर्क रहना चाहिए। आपको अपनी Field से Related नई नई चीजों को सीखते रहना चाहिए। आज के समय में चीजें तेजी के साथ में बदल रही है तो आपका पूरा,

short essay on goals in hindi

फोकस आपकी Field की चीजों पर होना चाहिए। इसके अलावा आपकी Field में जितने भी लोग कार्य कर रहे होते हैं। आपको उन पर भी ध्यान रखना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके सफल होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। 

6)- अपनी गलतियों से सीखते रहे – 

जब आप कोई भी कार्य करते हैं तो उस कार्य में गलतियां होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। यदि आप उन गलतियों से सीख लेते हो और वापस से उन गलतियों को नहीं दोहराते हैं तो आप अपने काम में धीरे-धीरे बेहतर होते चले जाते हैं।

आप वापस से उन गलती को जीवन भर नहीं दोहराते हैं। यदि आप कोई Business कर रहे हैं तो, आपकी टीम के सदस्यों से यदि कोई गलती हो जाती है, तो आपको  उनकी गलतियों पर निराश नहीं होना चाहिए। बल्कि उन गलतियों से सीख लेनी चाहिए और

खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए। यदि आप एक विद्यार्थी है तो सुबह से लेकर रात तक आपसे अनेकों गलतियां होती है तो आपको उन गलतियों को कोसना नहीं है। बल्कि उन गलतियों से सीख करके एक अच्छा विद्यार्थी बनने की कोशिश करनी चाहिए। 

7)- समय पर सभी कार्य करें – 

जिस इंसान में समय पर कार्य करने की आदत होती है। वह इंसान आज नहीं तो कल सफल जरूर बनता है। क्योंकि इस दुनिया में सिर्फ कुछ प्रतिशत ही लोग होते हैं जो समय पर सही कार्य को करते हैं और जो इंसान समय पर कार्य करता है।

 My-Goal-in-Life-Essay

उस इंसान को समय के महत्व के बारे में पता होता है।  समय पर कार्य को करने से आपके पास इतना समय लग जाता है कि आप उस कार्य को भी कर सकते हैं। आप बड़े से बड़े Goal को भी आसानी से हासिल कर सकते हैं। लेकिन यदि आपमें टालमटोल की आदत होती है तो,

आप बड़े से बड़े Goal को तो क्या आप किसी भी छोटे Goal को भी हासिल नहीं कर सकते हैं। क्योंकि Goal को हासिल करने के लिए एक 1 मिनट कीमती होता है। आप जितना ज्यादा अपने Goal को टालमटोल करते रहते हैं, उतना ही अपने Goal से दूर चले जाते है। 

8)- बड़े Goal को छोटे टुकड़े में बांट लें – 

जब आप किसी भी बड़े Goal का चुनाव करते हैं तो उस बड़े Goal को हासिल करना थोड़ा मुश्किल होता है .लेकिन मुश्किल कार्य को आसान बनाने के लिए आप उस Goal को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट सकते हैं और सबसे पहले एक Goal का निर्धारण करें और,

उस Goal को पूरा करने की कोशिश करें . यदि आप ऐसा करते हैं तो जब भी आप एक छोटे Goal  ( My Goal In Life Essay ) को हासिल करते हैं तो आपके अंदर Motivation होता है और आपको काम करने में भी आनंद आता है .फिर आपके आगे चाहे कितना भी बड़ा Goal क्यों ना हो,

आप उस Goal को धीरे-धीरे करके कठिनाइयों को पार करते हुए पूरा कर ही लेते हैं लेकिन यदि आप एक साथ बड़े Goal ( my goal in life ) को पूरा करने की कोशिश करते हैं तो आपके लिए यह मुश्किलों भरा हो सकता है .

9)- असफलता के लिए तैयार रहो – 

दोस्तों किसी भी कार्य में आपको Success और Failure दोनों मिल सकती है लेकिन यदि आप किसी भी कार्य की शुरूआत सिर्फ सफल होने के लिए करते हैं तो शायद आप उस कार्य को बीच में ही करना छोड़ देते हैं लेकिन,

यदि आपको पता होता है कि इस कार्य में मुझे असफलता भी मिल सकती है तो शायद आपके लिए उस Goal को प्राप्त करना आसान होता है। इस दुनिया में ज्यादातर लोग सिर्फ सफल होने के लिए कोई भी कार्य करते हैं।

लेकिन जब उनको असफलता  मिलती है तो उनके लिए उस कार्य को पूरा करना कठिन हो जाता है ,जैसे एक बच्चा जिसको चलना नहीं आता है। उसको पता नहीं होता है कि असफलता क्या होती है तो जब वो बच्चा चलने का प्रयास करता है तो वो बार-बार गिरता है।

लेकिन बार-बार गिरकर चलने की कोशिश करता है और 1 दिन चलने में कामयाब हो जाता है

10)- Goal प्राप्त करने के लिए सीखते रहे – 

दोस्तों यदि आप किसी भी Goal को हासिल करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको नियमित रूप से सीखते रहना चाहिए। यदि आप सीखना बंद कर देते हैं तो आप अटक जाते हैं। आपको आगे बढ़ने का कोई भी रास्ता नजर नहीं आता है लेकिन,

जो व्यक्ति हर समय सीखने के लिए तैयार रहता है, ज्ञान को प्राप्त करने की कोशिश करता रहता है। वह इंसान कम समय में अपने Goal को पूरा कर सकता है। आज आप अपनी Field में जिस भी स्थान पर पहुंचना चाहते हैं।

 my-goal-in-life

आपको उस स्थान पर पहुंचने के लिए नयी Skill सीखनी चाहिए। नए लोगों से बात करनी चाहिए और नई नई जानकारी एकत्रित करनी चाहिए। यदि आप हर समय सीखते रहते हैं तो आपके लिए किसी भी Goal को हासिल करना बेहद आसान होता है। 

11)- खुद पर विश्वास रखें – 

जब आप अपने लिए कोई भी Goal Setting करते हैं तो उस Goal को पूरा करने के लिए आपको खुद पर विश्वास होना चाहिए कि आप उस Goal को पूरा कर सकते हैं। यानी कि आपको किसी भी प्रकार का खुद के ऊपर डाउट नहीं होना चाहिए। यदि आपको खुद पर संदेह होता है तो,

आप अपने रास्ते से भटक सकते हैं। खुद पर आत्मविश्वास होने पर रास्ते में चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों ना आ जाए, आप उन मुश्किलों को पार करते हुए अपने Goal को हासिल कर ही लेते हैं। इसीलिए Goal को प्राप्त करने के लिए अपने अंदर आत्मविश्वास जागृत करें। 

निष्कर्ष(Moral)- 

आज हमने जाना है ” किसी भी Goal को कैसे हासिल करें, Goal Setting Tips in Hindi / Goal ko Kaise Hasil Kare ” उम्मीद करते हैं कि इस लेख में बताए गए सभी तरीके आपको जरूर पसंद आई होंगे और यदि आप इन सभी तरीकों को अपनाते हैं तो,

शायद आपके लिए भी किसी भी goal को पाना आसान हो सकता है। यदि आपको इस लेख apne lakshya ko kaise hasil kare में कोई भी तरीका अच्छा लगा तो हमको कमेंट करके जरूर बताएं क्योंकि आपके कमेंट हमको एक बेहतर लेख के लिए प्रेरित करते हैं।, इसके अलावा यदि आपके जीवन में किसी प्रकार की समस्या है तो हमको कमेंट करके बताएं। हम उस पर आपके लिए artical (post) जरूर लिखकर देंगे। तो मिलते है दोस्तों अगली बार तब तक के लिए ———stay happy नमस्‍कार——- .

पॉंज‍िट‍िव बातें 

  • अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 June 2023
  • कामयाबी पाने के लिये ये शानदार कहानी और 5 अचूक तरीके
  • सेठ जी की परीक्षा

New Articals:-

  • Student जीवन की समस्‍याएं और समाधान
  • स्मार्ट Student कैसे बने
  • सफल जीवन जीने के 11 नियम
  • Facebook से पैसे कैसे कमाए 2023 में
  • नये साल की 5 शानदार आदते जो आपको 2023 में सफल बना देंगी
  • New Year 2023 में लीजिए यह संकल्प और बनाए सुनहरा कल
  • आलस को दूर करने के 9 सफल तरीके
  • आकर्षण के नियम का इस्तेमाल कैसे करे?
  • सुबह जल्दी उठने के 7 चमत्‍कारी फायदें
  • सकारात्‍मक मान‍सिकता कैसे बनाये
  • स्वतंत्रता दिवस कोटस,स्‍टेटेस
  • स्‍वत्रंता द‍िवस एक भारतीय पर्व
  • घंमडी राजा की कहानी
  • जानिए खुश रहने के अचूक उपाय
  • पर्सनालिटी डेवलपमेंट के बेस्ट टिप्स 
  • ज‍िदंगी में कामयाब होने के 14 जादुई तरीके
  • टॉंप 25 स्‍टूडेटस मोटि‍वेशनल कोटस
  • भरोसा बेहतरीन हि‍दी कोटस
  • अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 June 2021
  • 4 लघु बेहतरीन माटि‍वेशनल कहानियॉं
  • भाई बहन के अटूट प्‍यार/ झगडे के कोटस
  • 14 श्रेष्‍ठ हिन्दी मोटिवेशनल किताबें

Readers’s Choice : 

  • आपकी क़ीमत  
  • अपने करीबी को वेलेंटाइन डे के दिन भेजे यह 20 शानदार शायरी
  • नये साल 2021 की दमदार शायरी
  • हैप्‍पी न्‍यू ईयर 2021 । नये साल के बेहतरीन कोटस
  • भारतीय होने पर गर्व कराता एक पर्व  
  • घर बैठे internet से पैसे कैसे कमाये?
  • राजा और लडकी की कहानी “जरूरत”
  • ज‍िदंगी का सबक एक कहानी
  • सूफी फकीर की जिदंगी बदल देने वाली कहानी
  • ज‍ि‍दंगी बेहद सफल लोगों की 7 आदते

Life Changing Stories:  

  • नकारात्मक व‍िचारों का समाधान
  • महानता के बीज
  • साधु (guru) की सीख
  • दिखावे का फल
  • सुखी जीवन के उपाय
  • भविष्य और अतीत कल्पित हैं
  • बाज और क‍िसान की कहानी
  • मेहनत का धन
  • मुट्ठी भर मेढक 
  • फलों के सेवन से फायदे
  • तीन गांठें भगवान बुद्ध प्रेरक कहानी 
  • साधु (guru) युवक और जादुई घडा
  • सफलता (safalta best tips hindi)का पैमाना

Best Of PositiveBate:

  • लुटेरा और सिंकदर की कहानी
  • सही योग्‍यता सही जगह
  • कुत्‍ते की वफादारी की कहानी
  • चार औरते और पुत्र की कहानी
  • रोने के 10 Best फायदे
  • जादुई बाज की कहानी

YouTube    :  PositiveBate

Blog          :  Positivebate.com

 E-mail       :  [email protected]

Instagram   : Positive.bate

Facebook   : Positive.bate.16

प्रि‍य दोस्तों यद‍ि आपके पास भी कोई प्रेरणादायक कहानी ,स्वंय के अुनभव ज‍िनके माध्‍यम से आप दूसरों की ज‍िदंगी बेहतर बनाने में अपना सहयोग देना चाहते है। तो अपनी कहानी अपने नाम के साथ [email protected] पर भेज दीज‍िऐं,आपकी कहानी आपके नाम के साथ प्रदृश‍ि‍त की जायेगी.

Share this:

Related articles more from author.

short essay on goals in hindi

तीन गांठे भगवान बुद्ध । Teen Ganthen Bhagwan Buddha best 1 । Gautam Buddha Story in Hindi best one

short essay on goals in hindi

डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती | Ambedkar Jayanti 2024 | Dr. Bhimrao Ambedkar Jayanti 2024

short essay on goals in hindi

अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है | Adhura Gyan Khatarnak Hota Hai Best 1

short essay on goals in hindi

शिंकजी का स्‍वाद । Shikanji Ka Swad best Motivational hindi story 1 । hindi moral story

short essay on goals in hindi

सफल होना है तो अवसर को पहचानिये I Avsar Ki Pehchan I Opportunity Best Hindi Motivational Stories

short essay on goals in hindi

Time किसी के लिए नहीं रूकता | Importance Of Time in Hindi Best 10

short essay on goals in hindi

मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता क्या करें? पढ़ाई में मन लगाने की 8 अचूक मंत्र । Smart Study Tips in Hindi Best 8

short essay on goals in hindi

सच्ची दोस्ती कैसी होनी चाहिए | True Friendship in Hindi Best 1 | Sacchi Dosti

short essay on goals in hindi

खुद से पढ़ाई करने के 7 रामबाण तरीके | Self Study Kaise Kare | Self Study Tips in Hindi Best 7

short essay on goals in hindi

स्मार्ट वर्क करने के 5 आसान तरीके | Smart Study Tips In Hindi | Smart Work Kaise Kare Best 5 Method

short essay on goals in hindi

इंग्लिश सीखने के 9 सबसे आसान तरीके | English Sikhne Ka Tarika | English Sikhane Ka Aasan Tarika best

short essay on goals in hindi

बच्चों की मोबाइल लत कैसे छुड़ाएँ । The Child Mobile Addiction Solution 3, 5 year Old, Students

short essay on goals in hindi

Life me Goal setting to sabse important hoti hai

short essay on goals in hindi

Thank Deepak Ji, Stay happy, keep with us.

Follow us on Instagram @https://www.instagram.com/positive_bate/

Editor picks.

short essay on goals in hindi

तीन गांठे भगवान बुद्ध । Teen Ganthen Bhagwan Buddha best 1 । Gautam...

short essay on goals in hindi

5 लघु बेहतरीन Life changing माटि‍वेशनल कहानियॉं । motivational story in...

short essay on goals in hindi

डिजिटल करेंसी कैसे काम करती है और कहाँ से मिलेगी पूरी...

Readers choice.

short essay on goals in hindi

जिंदगी बदलने वाले प्रेरणादायक विचार | Powerful Life Quotes...

UPI ID Kya Hoti Hai

यूपीआई आईडी(UPI id) कैसे बनाये? UPI ID Kya Hoti Hai...

short essay on goals in hindi

गुरू शि‍ष्‍य और चावल की कहानी । Guru Shishya Story in...

short essay on goals in hindi

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 June 2024। International yoga day 2024 in...

short essay on goals in hindi

झूठा प्यार क्या होता है झूठे प्यार 7 ट्रिक...

short essay on goals in hindi

Affiliate Marketing क्या होती है : Affiliate Marketing से पैसे कैसे...

short essay on goals in hindi

राबिया एक धार्मिक । Sufi Saint Rabia Basri Hindi । sufi...

short essay on goals in hindi

मन में अच्छे विचार कैसे लाये : जाने 8 बिल्कुल आसान...

short essay on goals in hindi

ब्लॉग पर ट्रैफिक बढ़ाने के Best 10 तरीके | Blog Par...

Popular posts.

short essay on goals in hindi

मौका ज‍िंंदगी बदलने वाली कहानी- Mauka Zindagi Badalne Wali Kahani best...

pritual-wolf- messing- story- in- hindi

वुल्‍फ मेसिंग । spritual wolf messing story in hindi I wolf...

short essay on goals in hindi

जीत के लिए जुनून चाहिए-Jeet ke liye junoon chahiye-jeet quotes in...

Popular category.

  • हिंदी सुविचार 73
  • Motivational stories 42
  • MOTIVATIONAL SPEECH FOR STUDENTS 37
  • पर्व एंव त्यौहार 23
  • सुप्रभात 22
  • Short Motivational Story In Hindi 21
  • Spiritual Story In Hindi 20
  • SELF IMPROVMENT 19
  • MOTIVATIONAL STORY IN HINDI 18

MOST POPULAR

short essay on goals in hindi

पेड़ च‍िड़ियाॅंं और बारिश । barish ped aur chidiya ki...

short essay on goals in hindi

दौलत के लालच I Daulat ka lalach I greed moral story...

short essay on goals in hindi

रक्षा बंधन 2020की हार्दिक शुभकामनाये । raksha bandhan 2021। happy raksha...

short essay on goals in hindi

लोगों की बात कभी द‍िल पर। Logo ki bat ko dil...

short essay on goals in hindi

अपने करीबी को वेलेंटाइन डे के दिन भेजे यह 20 शानदार...

short essay on goals in hindi

जिंदगी की परीक्षा ही वफादार। Jindgi Ke Pariksha Hi Vafadar

short essay on goals in hindi

सफल जीवन जीने के 11 नियम | Rules of Successful Life...

short essay on goals in hindi

सफलता का पैमाना । safalta ka paimana । success scale in...

short essay on goals in hindi

कुछ लोग तो आपसे नफरत। Kuch Log To Apse Nafrat Best...

short essay on goals in hindi

लुटेरा और सिंकदर की कहानी-lutera aur sikandar ke kahani best hindi

Negative Thinking in Hindi

नकारात्मक व‍िचारों का समाधान-Negative Thinking in Hindi । Negative Soch Se...

short essay on goals in hindi

खुशी प्राप्‍त करने के 8 तरीके-Khushi prapt karne ka 8 Upay...

kachua aur khargosh ki kahani

कछुआ और खरगोश” कहानी एक नये अन्दाज़ में। kachua aur khargosh...

short essay on goals in hindi

चरवाहा,लकडहारा और गुरू की सीख । charwaha,lakadhara aur guru ki kahani...

short essay on goals in hindi

घोडा एवं बकरा जिदगी में कामयाब होने की सीख देती कहानी।...

  • Terms and Conditions
  • Privacy Policy

short essay on goals in hindi

logo

  • September 13, 2022 Ben Stokes Quotes in Hindi | बेन स्टोक्स के बेहतरीन कथन
  • May 18, 2022 Shane Warne Quotes in Hindi | स्पिन के जादूगर शेन वॉर्न के बेहतरीन कथन
  • December 14, 2021 Harnaaz Sandhu Biography in Hindi | मिस यूनिवर्स हरनाज़ संधू का जीवन परिचय
  • December 10, 2021 General Bipin Rawat Biography in Hindi | जनरल बिपिन रावत की जीवनी
  • November 27, 2021 Suresh Raina Quotes in Hindi | सुरेश रैना के प्रसिद्ध कथन
  • August 19, 2021 Neeraj Chopra Biography in Hindi | नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय

Goals in life in Hindi | जीवन में लक्ष्य का होना कितना जरुरी है

  • November 2, 2018

goals

Goals in life

Friends, How important is it to have goals in life?

आप लोगों को अच्छे से याद होगा कि जब भी बचपन में कुछ पूछा जाता था कि “बताओ बड़े होकर क्या बनना है?”

then हमारा जवाब होता था “बड़े होकर doctor, engineer, teacher बनना है।”

Schools में भी जब हमें अपना introduction देना होता था then उसमें भी एक line हुआ करती थी,

कुछ सालों बाद जब दुनिया की थोड़ी समझ होने लगी तो certainly कुछ लोगों ने अपना goal change किया होगा।

लेकिन क्या उस चाह पर हम आज भी कायम हैं ? क्या हम अपने goals की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं ?

या फिर हमारी ज़िंदगी में कोई लक्ष्य ही नहीं है ।

बस “ज़िन्दगी जहाँ ले जाये उस ओर चलना है” वाली सोच है हमारी ?

So, आईये हम discuss करते हैं कि जीवन में लक्ष्य का होना कितना जरुरी है ?

जीवन में लक्ष्य का होना कितना जरुरी है | How important is it to have goals in life?

Let’s take an example of a cricket match.

ज़रा सोचिये, एक cricket match खेलने के लिए क्या जरुरी है?

एक bat का होना, एक ball का होना और cricket की practice होना।

But क्या बस इतना ही काफी है एक match खेलने के लिए?

एक cricket match खेलने के लिए सबसे ज़रूरी है एक मैदान का होना जहाँ हम क्रिकेट खेल सकें।

Similarly, हमारी life में भी सबसे ज़रूरी है एक मैदान अर्थात् एक goal, एक लक्ष्य का होना।

Now-a-days, हमारा mostly ध्यान होता है कि हम अच्छे से अच्छे schools, colleges में जाके पढ़ाई करें।

लेकिन बस इतना काफी नहीं है।

ये सब एक cricket match के equipment की तरह हैं। But जब तक कोई ground न हो इनका कोई फायदा नहीं।

Likewise, life में भी चाहे कितनी ही quality education पर हम ध्यान दें अगर कोई लक्ष्य ही नहीं हो तो हमारी education का कोई फायदा नहीं।

We are lucky enough

हमें अपने आप को lucky मानना चाहिए कि आज हमारे पास सारी साधनें हैं , devices हैं।

आज अगर हमारे मन में कोई भी doubt होता है then सबसे पहला ख्याल google का आता है।

Also, Internet की दरें भी affordable हैं।

10-15 साल पहले की बात करें then ये सारी सुविधाएँ न के बराबर थीं।

आज घर बैठे हम कोई भी book आसानी से पढ़ सकते हैं।

साथ ही parents, relatives, friends हैं जो हमेशा हमारी मदद के लिए तैयार रहते हैं।

जरूर पढ़ें: हमारे जीवन में सही वक़्त क्या है ?

Purpose of life

एक बार goal set कर लें तो life में जीने का एक purpose मिल जाता है हमें।

As a result, हम अपने goals की दिशा में बढ़ना शुरू कर देते हैं।

हर वो कदम जो हमें goals की ओर ले चले, वो कदम उठाना शुरू कर देते हैं।

Earl Nightingale  ने कहा है “People with goals succeed because they know where they are going.” यानी  “वो लोग जिनके पास लक्ष्य होता है वे सफल होते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि वे कहां जा रहे हैं।”

For example- अगर हम किसी project को करने के लिए कोई time decide करते हैं कि इस particular time तक हमें इस project को पूरा करना है।

Then हम उसे पूरा पूरा करने में लग जाते हैं। हर रोज़ कुछ न कुछ काम करते रहते हैं उस project को पूरा करने के लिए।

Finally, वो काम पूरा हो जाता है उस time limit में।

Similarly, life में भी अपने मंजिल को हासिल करने के लिए कुछ न कुछ करते रहते हैं।

Set your own goals

कई बार होता है कि हम दूसरों से अपने goals को set करने के लिए बोलते हैं।

अगर कोई हमें अपने experiences के आधार पे यह कह दे कि “इस क्षेत्र में कोई scope नहीं है तुम्हें ये करना चाहिए”।

Then, बिना कुछ सोचे समझे अपने goals को बदल देते हैं या उस ओर set कर लेते हैं जो बताया गया हो।

First of all, हमें अपनी interest पर ध्यान देना है कि किस field में हमें ज्यादा interest है और हम अपना 100% दे सकेंगे।

As well as हम किस काम को करने में enjoy करेंगे। यहाँ enjoyment से मतलब मज़ा करना नहीं बल्कि काम को enjoy करना है।

जैसे- अगर किसी को शुरू से ही teaching में interest रहा हो तो teaching करने में उसे मज़ा आएगा।

अगर उसे किसी और field में push कर दिया जाये for example engineering में तो भले ही life के 2-3 साल अच्छे से गुजारा कर लेगा But life के अगले 40-50 साल ख़ुशी से नहीं रह पायेगा।

Therefore, ज़रूरी है कि हम अपने goals खुद सेट करें।

हाँ suggestions जरूर ले सकतें हैं हम बड़ों की।

Focus on your goals

कई बार क्या होता है कि goals change होते रहते हैं। कोई definite goal नहीं होता हमारी life में।

अगर हम किसी cricketer को अच्छा खेलते हुए देखते हैं तो हमें cricketer बनने की इच्छा होती है।

Dancing shows में किसी को dance करते हुए देखते हैं तो dancer बनने की सोचते हैं।

Similarly, singing shows को देखकर singer बनने की इच्छा होती है।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक definite goal नहीं होता है।

हाँ, किसी को dance या singing पसंद है और उस field में अच्छा है तो वो इन्हें goals में तब्दील कर सकता है।

उस हिसाब से dancing या singing उसका definite and ultimate goal बन जाता है।

साथ ही हमें अपने goals पर कायम रहना है न की उन्हें change करते रहना है।

इसपे यही कहावत लागु होती है कि अगर हम दो नावों पर पैर रखेंगे तो डूब जायेंगे।

सिर्फ एक नाव पर concentrate करेंगे तो बाहर निकलने में सफल होंगे।

तो आइये, life को थोड़ा seriously लें और अपने goals की ओर कदम बढ़ाते रहें।

अगर अभी तक आपने अपना goal set नहीं किया है तो what are you waiting for?

अपने life में goals को आज ही set कीजिये और पहला कदम लीजिये अपने लक्ष्य की ओर।

हो सके तो goals को note down कीजिये और हर वो कदम लेना start कर दीजिये जो आपको आपके goal, आपके मंज़िल की ओर ले चले।

Share this:

short essay on goals in hindi

Nikhil Kumar

Leave a reply cancel reply.

| Powered by WordPress | Theme by TheBootstrapThemes

Nibandh

मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध

ADVERTISEMENT

रूपरेखा : परिचय - बाल्यावस्था - लक्ष्य निर्धारित करना - व्यक्ति की रुचि और प्रतिभा - इंजीनियर बनने का उद्देश्य - ध्येय प्राप्ति भाग्य और पुरुषार्थ का प्रतीक - शिक्षकों एवं इंजीनियर का महत्व - उद्देश्य पूर्ति के लिए प्रयत्न - उपसंहार।

इस संसार में मनुष्य का महत्वकांक्षी होना एक स्वभाविक गुण होता है। हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ विशेष प्राप्त करने की इच्छा रखता है। मनुष्य अनेक प्रकार की कल्पनाएँ करता है। कल्पना तो सबके पास होती हैं लेकिन कल्पना को साकार करने की शक्ति और लगन केवल कुछ लोग ही पूरा कर पाते है।

सभी लोग महत्वकांक्षाओं का लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं। मनुष्य कभी भी बिना उद्देश्य के कोई काम नहीं करता है मनुष्य का हर कार्य सोद्देश्य पूर्ण होता है। कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को सामने रखकर ही कार्य करता है। हमारा जीवन एक यात्रा की तरह होता है। अगर यात्री को पता होता है कि उसे कहाँ पर जाना है तो वह अपने लक्ष्य की तरफ बढना शुरू कर देता है लेकिन जब यात्री को अपने लक्ष्य का ही पता नहीं होता है तो उसकी यात्रा निरर्थक हो जाती है। उसी तरह यदि एक विद्यार्थी को पता होता है कि उसे क्या बनना है तो वह उसी दिशा में प्रयत्न करना शुरू कर देता है और अपने लक्ष्य में सफल भी हो जाता है। जब एक विद्यार्थी का कोई उद्देश्य ही नहीं होता है तो वह अपने जीवन में कोई लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पता है और उसका जीवन एक आम जीवन बन के रह जाता है।

जीवन में बच्चें का प्रथम क्रिया खेलने-कूदने का होता है। जब बच्चा थोड़ा बड़ा होता है तो वह विद्यालय में प्रवेश करता है। उस समय में बच्चों को समझ आता है कि उसे जीवन में कुछ बनना है और उसके सामने अनेक लक्ष्य होते हैं। वह जैसे-जैसे लोगों के संपर्क में आता है वैसे-वैसे उसे अनेक लक्ष्य के बारे में पता चलता है और उसे कैसे पूरा किया जाए उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की उत्सुकता बढ़ने लगती है। कभी तो वह सोचने लगता है कि वह डॉक्टर बनेगा और कभी वह सोचने लगता है कि वह अध्यापक बनेगा और कभी इंजीनियर बनेगा, तो कभी ख्याल आता है कि वह वैज्ञानिक बनेगा।

अलग-अलग लोगों के अपने अलग-अलग सपने होते है और अपना लक्ष्य भी अलग-अलग होते हैं। कभी वह डॉक्टर बनकर रोगियों की सेवा करना चाहता है, कभी इंजीनियर बनकर इमारतें बनाना चाहता है, कभी नेता बनकर देश की सेवा करना चाहता है, कभी सैनिक बनकर देश की रक्षा करना चाहता है, कभी वैज्ञानिक बनकर देश का नाम रोशन करना चाहता है।

माता-पिता भी यह कल्पना करते हैं कि वे अपने बच्चे को यह बनायेंगे, वह बनायेंगे, उस पद पर देखना चाहेंगे लेकिन वास्तव में निर्णय तो बच्चों को खुद ही लेना पड़ता है कि उन्हें अपने जीवन में क्या बनना है। माता-पिता को बच्चों पर अपनी मर्जी नहीं थोपनी चाहिए बल्कि सलाह देना चाहिए। विद्यार्थीकाल मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह मानव जीवन की आधारशिला के बराबर होता है। यदि विद्यार्थी इस काल में अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित कर लेते हैं तो वे जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण बना लेता है और अपने देश और समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होता है।

जीवन और जागरण का, पृथ्वी के तमिल्लाच्छन्न पथ से गुजर कर दिव्य-ज्योति से साक्षात्कार करने का, अपने गुणों के विकास से आत्मा को उज्ज्वल करने का, दु:खी, पीड़ित, संत्रस्त मानव को शान्ति और सौख्य प्रदान करने का, लक्ष्य निर्धारित करना लक्षण है। कुछ आलसी लोग लक्ष्य निर्धारण को व्यर्थ समझते हैं। उनका विचार है कि शेखचिल्ली की भाँति ख्याली पुलाव पकाने से क्या लाभ ? जीवन में जो कुछ होना है, वह तो होगा ही। वास्तव में यह विचार कायरता का परिचायक है, निकम्मेपन की निशानी है। निर्धारित लक्ष्य मनुष्य की निश्चित मार्ग को ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है और व्यक्ति के मन में उत्साह का संचार करता है।

जीवन-लक्ष्य का निर्धारण करने में व्यक्ति की रुचि एवं प्रतिभा अहम कार्य करती है । विज्ञान के क्षेत्र में यशोपार्जन की महत्त्वाकांक्षा तभी की जा सकती है जब व्यक्ति को प्रतिभा तीर हो और वैज्ञानिक विषयों में अध्ययन का सामर्थ्य हो। यदि जीवन-लक्ष्य निर्धारित करने में इस सत्य का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो सफलता नहीं मिल सकेगी और जीवन में असफलता का मार्ग नजर आने लगेगा।

अथर्ववेद में कहा है, ' उन्नत होना और आगे बढ़ना प्रत्येक ज़ीवन का लक्ष्य है।' घर के वातावरण से भी जीवन-लक्ष्य निर्धारित करने में प्रेरणा मिलती है। मुझ पर यही बात लागू होती है। हमारा परिवार शिक्षित-जनों का परिवार है। मेरे पिताजी अध्यापक हैं। मेरा बड़ा भाई की भी दो-तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, मेरा मन इंजीनियर बनने की ओर प्रवृत्त है। हमारे यहाँ अनेक साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक पत्र-पत्रिकाएँ आती हैं। इसके अतिरिक्त बाल-पत्रिकाएँ, हास्य-पत्रिकाएँ सभी प्रकार की श्रेष्ठ पत्रिकाएँ, हमारे परिवार के सदस्य देखते हैं, पढ़ते हैं। इंडिया टुडे, पाँचजन्य की तो अनेक वर्षों को फाइलें हमारे घर में हैं। इस प्रकार के वातावरण में मेरा जीवन-लक्ष्य क्या हो सकता है, इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है।

मैं अक्सर अपने दोस्तों को बात करते हुए सुनता हूँ की वे क्या बनना चाहते हैं लेकिन मैंने तो पहले से ही अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। मेरा जीवन में एक ही लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर सफल इंजीनियर बनूंगा। मैं इंजीनियर बनकर देश और समाज को मजबूत बनाऊंगा और विश्व में अपने देश का नाम ऊँचा करूंगा।

कुछ विद्यार्थी इंजीनियर इसलिए बनना चाहते हैं क्यूंकि वे अधिक-से-अधिक धन कमा सकें लेकिन मेरा उद्देश्य यह नहीं है। मैं इंजीनियर बनकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहता हूँ। कुछ लोग अपने उद्देश्य को पाकर भी गलत रास्ते पर चल देते हैं वे अपने कर्तव्य को अच्छी तरह नहीं निभाते हैं। मैं अपने लक्ष्य पर पहुंचने के बाद अपने कर्तव्य से नहीं भटकूँगा। मैं ऐसा ज्ञान प्राप्त करना चाहता जिसे लोग पैसा के अभाव की वजह से प्राप्त नहीं कर पाते हैं। मैं इंजीनियर इसीलिए बनना चाहता हु की में देश के लोगों के जीवन में तकनीकी के माध्यम से सुधार ला सकूं।

ध्येय प्राप्ति प्रारब्ध और पुरुषार्थ का समन्वित प्रतिफलन है दोनों में एक ने भी प्रवंचना की, तो ध्येय प्राप्तिही असम्भव नहीं होगी, प्रत्युतजीवन- धारा ही बदल जाएगी । मोहनदास कर्मचन्द गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, राजेन्द्रप्रसाद बनने चले थे बैरिस्टर, न्यायविद्‌; प्रारब्ध ने झटका मारा, बन गए भारत-भाग्य विधाता। वायुयान चालाक-जीवन में मस्त राजीव के प्रारब्ध ने उसे प्रधानमंत्री पद प्रदान कर दिया। इसलिए जीवन में लक्ष्य को पूरा करने के लिए भाग्य और आपका प्रयास दोनों तय करता है कि आपका लक्ष्य सफलता पूर्वक प्राप्त होगा या नहीं होगा।

प्राचीनकाल के धार्मिक ग्रंथ भी घोषणा करते हैं कि दो वर्ग के मनुष्यों का समाज पर बहुत ज्यादा उपकार है तथा उनका हर समाज में होना जरुरी है। पहला वर्ग शिक्षकों का है जो लोगों के अंदर से अज्ञान को निकालकर ज्ञान का दीपक जलाकर उनके जीवन को सार्थक कर देते हैं। दूसरा वर्ग इंजीनियर का होता है जो देश के लोगों के जीवन में तकनीकी के माध्यम से सुधार लाकर मनुष्य के जीवन को सरल बनता है। शिक्षा देना और लोगों का जीवन से कष्ट दूरकर उनके जीवन में हर कार्य को सरल बनाना एक महत्वपूर्ण काम होते हैं और मैंने अपने जीवन के लक्ष्य के लिए इनमें से एक पवित्र लक्ष्य को चुन लिया है। कई इंजीनियर अपने समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को नहीं समझते हैं। वे अपना लक्ष्य सिर्फ धन कमाना मानते हैं। यह अपने देश और देश में रहने वाले निवासियों के साथ दुर्व्यवहार है।

मैं यह बात अच्छी तरह से जानता हूँ कि एक सफल इंजीनियर बनना आसान नहीं है इसके लिए बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है। मैंने अपने इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए अभी से प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। मेरे माता-पिता का आशीर्वाद सदैव मेरे साथ है। उनका भी सपना है कि मैं बड़ा होकर इंजीनियर बनूँ। मैं इंजीनियर बनकर लोगों के जीवन में तकनीकी के माध्यम से सुधार लाकर मनुष्य के जीवन को सरल बनाना चाहता हूँ। मैं अपने उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए बहुत कठिन परिश्रम करूंगा। मैं जब तक एक सफल इंजीनियर नहीं बन जाता तब तक चैन से नहीं बैठूँगा।

मेरी यह इच्छा है कि मैं अपने लक्ष्य को जल्द-से-जल्द सफलता पूर्वक पूरा करूं। मैं इस काम को पूरा करने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ समाज शिक्षक का भी सहयोग लूँगा। मुझे पता है कि यह काम इतना आसान नहीं है लेकिन मेरे दृढ निश्चय और संकल्प से सभी काम संभव हो सकते हैं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि वे मेरी लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करें। मुझे विश्वास है कि मेरे इंजीनियर बनने के लक्ष्य में मेरे गुरुजन, सहपाठी और मेरे माता-पिता मेरा साथ जरुर देंगे। मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कठिन-से-कठिन परिश्रम करूंगा और एक दिन में अपने लक्ष्य को पूरा कर के अपने परिवार, समाज और देश का नाम ऊँचा करूँगा।

Nibandh Category

  • अन्वेषण करें हमारे बारे में समुदाय विविध लेख श्रेणियाँ
  • श्रेणियाँ (categories) खोजें
  • विकिहाउ के बारे में
  • लॉग इन/ खाता बनाएं

कैसे जीवन के लिए लक्ष्य निर्धारित करें (How to Set Goals for Life in Hindi)

यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Guy Reichard . गाइ रेचर्ड एक एग्जीक्यूटिव लाइफ कोच और Coaching Breakthroughs के संस्थापक हैं जो एक प्रोफेशनल लाइफ और एग्जीक्यूटिव कोचिंग सेण्टर है और टोरंटो, ओन्टेरियो, कनाडा में स्थित है। वह लोगों के साथ अपने जीवन में अधिक अर्थ, उद्देश्य, शांति और तृप्ति पैदा करने के लिए काम करते है। गाई में 10 साल से अधिक की व्यक्तिगत विकास कोचिंग और लचीलापन प्रशिक्षण है, जिससे ग्राहकों को अपने प्रामाणिक स्वयं की खोज करने और अपने गहरे मूल्यों के साथ जुड़ने में मदद मिलती है। वह एडलर सर्टिफाइड प्रोफेशनल कोच (ACPC) है और इंटरनेशनल कोच फेडरेशन द्वारा मान्यता प्राप्त है। उन्होंने 1997 में यॉर्क विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में बीए और 2000 में यॉर्क विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) डिग्री प्राप्त की। यहाँ पर 22 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं। यह आर्टिकल २६,२३५ बार देखा गया है।

अधिकतर लोगों की लाइफ का एक सपना, एक विज़न होता है कि वे भविष्य में कौन और क्या बनना चाहते हैं | लगभग हर व्यक्ति की यह जानने में रूचि और महत्ता होती है कि वे अपनी लाइफ से क्या चाहते हैं | इसीलिए, एक ऐसा हासिल करने योग्य लक्ष्य बनाने की कोशिश करनी चाहिए जिसे कई सालों तक अथक परीश्रम करने के बाद हासिल किया जा सके | शुरुआत के बारे में जानना बहुत मुश्किल हो सकता है और आपको जिन चीज़ों को हासिल करने की उम्मीद होती है, वो भी असंभव लग सकती हैं | लेकिन अगर आप पहले से अच्छी तरह से तैयार होंगे तो आप भी अपनी लाइफ के लिए लक्ष्य निर्धारित करने में सक्षम होंगे जिससे आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए भरपूर काम कर सकें |

जीवन का लक्ष्य बनायें (Developing Life Goals in Hindi)

Step 1 सोचें कि आप क्या चाहते हैं:

  • एक पेन और कुछ पेपर लें और उन सभी चीज़ों के बारे में लिखे जो आपकी लाइफ में जरुरी हैं | इस स्टेज पर सामान्य रहने में को बुराई नहीं है लेकिन अस्पष्ट बने रहने की कोशिश न करें |
  • उदाहरण के लिए, आपके दिमाग में जो पहली चीज़ आयें, वो "ख़ुशी" हो तो यह अच्छी बात है | लेकिन इस टर्म को परिभाषित करने की कोशिश करें | आपके लिए "ख़ुशी" का क्या मतलब है? आप खुशहाल जीवन किसे कहेंगे ? [१] X रिसर्च सोर्स Morisano, D., Hirsh, J. B., Peterson, J. B., Pihl, R. O., & Shore, B. M. (2010). Setting, elaborating, and reflecting on personal goals improves academic performance. Journal of Applied Psychology, 95(2), 255.)
  • सोचें कि आप कैसी जिन्दगी जीने की इच्छा रखते हैं और क्या करने से आपको फील होगा कि आप दुनिया में कुछ अलग कर सकते हैं, इस तरह की चीज़ में आपकी रूचि भी हो |

Step 2 अपने बारे में लिखें:

  • आपको किस तरह समय बिताने में मजा आता है, उसके बारे में लिखने की कोशिश करें | आपको क्या करने में मजा आता है और क्या चीज़ आपको उत्साहित करती है, उसे लिखकर मंथन करना शुरू करें | [3] X रिसर्च सोर्स
  • खुद को ऐसी एक्टिविटीज या एक्सपीरियंस में सीमित न करें जो आपको प्रोडक्टिव या "उचित" लगती हैं | मंथन करने का मुख्य पॉइंट यह है कि जितना हो सके इस तरह के आइडियाज को ख़त्म करें और आपको अनुभव होगा कि आगे चलकर इस प्रोसेस में यह लिस्ट काफी उपयोगी साबित होगी |
  • ऐसी चीज़ों के बारे में लिखें जिनमे आपको रूचि है और/या आप उनके बारे में और ज्यादा सीखना चाहते हैं | क्या आपको साइंस में रूचि है? या फिर साहित्य में? म्यूजिक में? इनमे से कोई भी चीज़ आपको आजीवन काम-काज देती रहेगी |
  • अगर आप खुद में सुधार लाना चाहते हैं तो खुद के बारे में लिखें | क्या आप एक पब्लिक स्पीकर के रूप में अपनी स्किल डेवलप करना चाहते हैं? राइटर के रूप डेवलप करना चाहते हैं? एक फोटोग्राफर के रूप में डेवलप करना चाहते हैं? ये सभी चीज़ें आपको आजीवन लक्ष्य दे सकती हैं |

Step 3 अपने भविष्य की कल्पना करें:

  • आप हर रोज़ सुबह कितने बजे जागना चाहते हैं?
  • आप कहाँ रहना चाहते हैं? किस सिटी में? किस गाँव में? किस फॉरेन कंट्री में?
  • जब आप जागे तो आपको पास कौन होगा? क्या आपके लिए फैमिली बनाना जरुरी है? अगर ऐसा है तो शहर से बाहर लम्बी ट्रिप पर जाने की अपेक्षा रखने वाली जॉब आपके लिए बेहतर चॉइस नहीं होगी |
  • आप कितने पैसे कमाना चाहते हैं?
  • इन सवालों के जबाव आपके लिए एक सिंगल ड्रीम जॉब पाने के लिए पर्याप्त पॉइंट नहीं है लेकिन इनसे कुछ न कुछ नतीजा जरुर निकाला जा सकता है |

Step 4 अपने लक्ष्य स्पेसिफिक बनायें:

  • उदाहरण के लिए, इस पॉइंट पर आपको आईडिया आ सकता है कि आप साइंटिस्ट बनना चाहेंगे | यह एक अच्छी शुरुआत है | लेकिन अभी, आपको सोचना होगा कि आप किस तरह से साइंटिस्ट बनना चाहते हैं | क्या आप एक केमिस्ट बनना चाहते हैं? एक फिजिसिस्ट बनना चाहते हैं? या खगोल-विज्ञानी (astronomer) बनना चाहते हैं?
  • जितना हो सके, स्पेसिफिक रहें | इमेजिन करें कि आपने तय किया हो कि केमिस्ट बनना आपके लिए बिलकुल सही है | अब, खुद से पूछें कि आप इस फील्ड में किस तरह का काम करना पसंद करेंगे | क्या आप किसी प्राइवेट कंपनी के लिए काम करना चाहते हैं, नए प्रोडक्ट्स बनाना चाहते हैं? या आप किसी यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री पढ़ाना चाहते हैं?

Step 5 क्यों के बारे में सोचें:

  • उदाहरण के लिए, कहें, आपने अपनी लिस्ट में "सर्जन बनना" लिखा है | आप खुद से पूछें कि आप सर्जन क्यों बनना चाहते हैं और इसका आंकलन करें क्योंकि सर्जन बहुत पैसा कमाते हैं और काफी आदर भी पाते हैं | यह एक उपयुक्त कारण है | लेकिन, अगर आपको लगता है कि केवल यही एक कारण है तो आपको दूसरे कैरियर के बारे में सोचना चाहिए जिनसे इनके समान ही लाभ मिलें | सर्जन बनने के लिए बहुत सारी एजुकेशन की जरूरत होती है | इसमें कई घंटों तक लगातार पढने की जरूरत होती है | अगर ये चीज़ें आपको ज्यादा उचित न लगें तो दूसरे लक्ष्यों पर फोकस करें जिनसे धन और आदर सम्बन्धी समान लाभ मिल सकें |

उपलब्धि पाने के लिए प्लान बनायें (Making a Plan for Achievement in Hindi)

Step 1 अपने लक्ष्यों को रैंक दें:

  • सबसे जरुरी लक्ष्य या लक्ष्यों को तय करने से आपको यह निर्णय लेने में मदद मिल सकती हैं कि सबसे पहले किस लक्ष्य पर काम करना शुरू करना चाहिए |
  • आपको इस पॉइंट पर अपनी लिस्ट में से कुछ लक्ष्यों को हटाना भी पड़ सकता है | कुछ लक्ष्यों को एकसाथ हासिल नहीं किया जा सकता | उदाहरण के लिए, आप ऐसे डॉक्टर नहीं बन सकते हैं जो एक एस्ट्रोनॉट और एक फेमस रैप म्यूजिक आर्टिस्ट भी हो | इनमे से किसी भी लक्ष्य को हासिल करने में पूरी जिन्दगी गुजर जाती है | इन्हें एकसाथ हासिल कर पाना नामुमकिन होता है |
  • दूसरे लक्ष्य मिलकर अच्छा काम करेंगे | उदाहरण के लिए, अगर आप बियर बनाना चाहते हैं और रेस्टोरेंट खोलना चाहते हैं तो आप इन दोनों को मिलाकर एक नया लक्ष्य बना सकते हैं और एक पब (brew pub) खोल सकते हैं |
  • इस रेंकिंग प्रोसेस के पार्ट हर लक्ष्य के लिए आपके पर्सनल कमिटमेंट पर निर्भर करेगी | अगर आप केवल मॉडरेट कमिटमेंट रखते हैं, विशेषरूप से अगर आपकी लिस्ट में दूसरे ऐसे लक्ष्य भी हों जो ज्यादा जरुरी हों तो आप लॉन्ग-टर्म वाले लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते | [१०] X रिसर्च सोर्स Koestner, R., Lekes, N., Powers, T. A., & Chicoine, E. (2002). Attaining personal goals: Self-concordance plus implementation intentions equals success. Journal of Personality and Social Psychology, 83, 231–244.

Step 2 कुछ रिसर्च भी करें:

  • आपको कौन सी स्किल्स सीखनी होंगी?
  • कौन सी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन जरुरी है?
  • आपको किस तरह से रिसोर्सेज की जरूरत पड़ेगी?
  • इस प्रोसेस को पूरा करने में कितना समय लगेगा?

Step 3 सहायक लक्ष्य (subgoals) बनायें:

  • सहायक लक्ष्य बनाने से यह प्रोसेस मैनेजेबल बन जाएगी और अपने अल्टीमेट लक्ष्य तक पहुँचने के लिए आपको स्टेप-बाय-स्टेप प्लान बनाने में मदद मिलेगी | [9] X रिसर्च सोर्स
  • इन सहायक लक्ष्यों को जितना हो सके, औसत दर्जे के और वास्तविक बनायें | दूसरे शब्दों में कहें तो प्रत्येक लक्ष्य की एक स्पष्ट परिभाषा होनी चाहिए जिससे इन्हें हासिल करने के बाद बताना आसान बन सके | [10] X रिसर्च सोर्स
  • उदाहरण के लिए, अगर आपका लक्ष्य एक रेस्टोरेंट खोलना है तो आपके सहायक लक्ष्य में शामिल होंगे; कुछ मात्रा में पैसे इकट्ठे करना, लोकेशन खोजना, इंटीरियर डिजाईनिंग कराना, फर्निश्ड कराना, इंश्योरेंस कराना, कई तरह के परमिट और लाइसेंस लेना, कर्मचारियों की नियुक्ति करना और अंत में एक बड़ी ओपनिंग करना |
  • जब लॉन्ग-टर्म वाले लक्ष्यों पर काम करना हो तो यह फील करना बहुत आसान होता है कि आप कहीं नहीं भटकेंगे | हालाँकि, मैनेजेबल और स्पष्ट सहायक लक्ष्यों की लिस्ट के साथ आपको अपनी प्रोग्रेस देखना काफी आसान हो जाता है | इससे हार मानने का आवेग कम हो जाता है |
  • लॉन्ग-टर्म वाले लक्ष्यों (कई साल वाले), शॉर्ट टर्म वाले लक्ष्यों (कुछ महीने वाले), प्रोजेक्ट्स (कुछ सप्ताह वाले) और टास्क (कुछ दिनों वाली) वाले लक्ष्यों को विभाजित करने और स्ट्रेटेजी बनाकर हासिल करने की कोशिश करें | इसके लिए सॉफ्टवेर की प्लानिंग करना बेहतर होता है क्योंकि इससे आपको उत्तरदायी बने रहने, अपने प्रोजेक्ट्स को लिस्ट और आर्गनाइज्ड करने और सबसे जरुरी टास्क का सार निकालने और हर दिन प्लान्स बनाने में मदद मिल सकती है |

Step 4 टाइमलाइन बनायें:

  • डेडलाइन्स होने से अविलंबिता (urgency) की फीलिंग जुड़ने के कारण आप मोटिवेट होते रहेंगे | यह आपको कई बार अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उत्तरदायी भी बनाएगी, आपको अपनी लिस्ट की प्राथिमिकताओं से भटकने नहीं देगी | [11] X रिसर्च सोर्स
  • रेस्टोरेंट का उदाहरण लेते हुए, अगर आप तीन साल में 750,000 रूपये (10,000 डॉलर) बचाना चाहते हैं तो आप इसे हर महीने लगभग 20,800 रूपये (278 डॉलर) के रूप में ब्रेक कर सकते हैं | इससे आपको यह बात याद रखने में मदद मिलेगी कि हर महीने सच में पैसे अलग रखते जाना है, दूसरी चीज़ों में खर्च नहीं करना है |

Step 5 अवरोधों के लिए प्लान बनायें:

  • उदाहरण के लिए, इमेजिन करें कि आपने रिसर्च केमिस्ट बनना तय किया ई | आपने एक केमिस्ट्री के लिए एक टॉप स्कूल में ग्रेजुएशन लेने के लिए अप्लाई करने के बारे में निर्णय ले लिया है | लेकिन अगर आपको उसमे स्वीकृति ही न मिले तो क्या होगा? क्या आप कहीं और अप्लाई करेंगे? अगर ऐसा होता है तो आपको अपनी पहली चॉइस वाले स्कूल में स्वीकृति मिलने का इंतज़ार करने से पहले ही आपको दूसरा स्कूल भी अपनी लिस्ट में रखना पड़ेगा | अन्यथा आप सोच सकते हैं कि एक साल रूककर अगले साल फिर से अप्लाई करने का इंतज़ार कर लेते हैं | अगर सोचते हैं तो आप इस वर्ष के दौरान अपनी एप्लीकेशन को और ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए क्या करेंगे?

अपने लक्ष्य की ओर काम करें (Working Toward Your Goals in Hindi)

Step 1 सही वातावरण बनायें:

  • उदाहरण के लिए, अगर आप मेडिकल प्रोग्राम में प्रवेश करने जा रहे हैं तो आपको कई-कई घंटों तक लगातार पढाई करनी पड़ेगी और अपने काम में ध्यान लगाना होगा | अगर आप अपने किसी ऐसे दोस्त के साथ रहते हैं जो पूरे समय पार्टी करता रहता है तो वो आपको भी अपनी मौजमस्ती में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा इसलिए आपको कहीं और शिफ्ट होना पड़ेगा |
  • खुद को दूसरे लक्ष्य पर ध्यान देने वाले लोगों के आसपास रखने से आपको जिम्मेदार और प्रोत्साहित बने रहने में मदद मिल सकती है |

Step 2 काम पर जाएँ:

  • अगर आप नहीं जानते कि आपका पहला छोटा लक्ष्य कैसे पूरा होगा तो समझ जाएँ कि पहले छोटे लक्ष्य के रूप में यह काफी जटिल है | अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति उठाने वाले पहले कदम को समझ नहीं पा रहे हैं तो आपको और ज्यादा रिसर्च करने और/या इसे और छोटे-छोटे लक्ष्यों में बांटने की जरूरत पड़ेगी |
  • भविष्य में काम शुरू करने की डेट को कम से कम कुछ दिन पहले से सेट कर लें | अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति उत्साहित हैं तो उसका पूर्वानुमान ही आपको पहली स्टेप के लिए मोटीवेट करता रहेगा और आप उत्साह से काम करेंगे | [14] X रिसर्च सोर्स
  • अपने प्लान को एडजस्ट करने, सलाह लेने या अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरुरी कोई टूल्स लेने के लिए डेट शुरू करने से पहले थोडा रुक सकते हैं |

Step 3 अपने लक्ष्यों पर लगातार काम करते रहें:

  • कई लोग लक्ष्य निर्धारित करते हैं और फिर शुरुआती स्टेज में ही उस लक्ष्य में उत्साह के साथ, बहुत सारा समय और एनर्जी देते हैं | उत्साहित रहना अच्छी बात है लेकिन खुद को पहले कुछ सप्ताह या महीनों में उसमे झोंकने की कोशिश न करें | अगर आप कोई स्टैण्डर्ड भी सेट नहीं करते जिससे आप लम्बे समय तक उस काम को करने के काबिल नहीं बचेंगे | याद रखें, आपको इसमें लम्बी दौड़ लगनी है | यह रेस नहीं है बल्कि एक यात्रा है | [15] X विश्वसनीय स्त्रोत American Psychological Association स्त्रोत (source) पर जायें
  • अपने लक्ष्य के प्रति काम करने के लिए डेली रूटीन बनाने से नियमित प्रोग्रेस को सुनिश्चित किया जा सकता है | [16] X रिसर्च सोर्स उदाहरण के लिए, अगर आप केमिस्ट बनने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं तो हर दिन का एक विशेष हिस्सा अपनी क्लास में मिला होमवर्क करने के लिए सेट करें | जैसे, दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक | अपनी रिसर्च खिद करने के लिए दिन का कोई एक विशेष हिस्सा सेट करें जैसे 7:30pm से 9 pm तक | इन उद्देश्यों के लिए हमेशा इसी समय का तब तक इस्तेमाल करें जब तक आपको इस शिड्यूल से पूरी तरह से हटना न पड़े | लेकिन 9pm पर, रात में सोने के लिए इस रोक दें और रिलैक्स होने के लिए कुछ करें |
  • याद रखें, किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए, बहुत सारा समय और प्रयास से बचने का कोई उपाय नही होता | अपने लक्ष्य को पाने के लिए लम्बे समय तक अथक प्रयास करके खूब पसीना बहाना ही पड़ता है | [17] X रिसर्च सोर्स

Step 4 मोटीवेटेड रहें:

  • हासिल होने योग्य सहायक लक्ष्य आपके मोटिवेशन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं | अगर आप अपनी प्रोग्रेस फील करते हैं तो उत्साहित और वचनबद्द रहना काफी आसान हो जायेगा | [२१] X रिसर्च सोर्स Duckworth, A. L., Peterson, C., Matthews, M. D., & Kelly, D. R. (2007). Grit: perseverance and passion for long-term goals. Journal of personality and social psychology, 92(6), 1087.
  • इंसेंटिव बनाने के लिए बढ़त का इस्तेमाल करें | पॉजिटिव सुदृढ़ीकरण या बढ़त आपकी लाइफ में कुछ न कुछ अच्छा ही करती है | नकारात्मक बढ़त कुछ अनचाही चीज़ों को दूर ले जाती है | दोनों ही आपको मोटीवेटेड रखने में मदद कर सकती हैं | अगर आप खुद को अपने रेस्टोरेंट के लिए परमिट लेने के लिए एप्लीकेशन फाइल करने पर फोकस करने की कोशिश कर रहे हों औ नोटिस करें कि आपका ध्यान भटक रहा है तो खुद को इनाम दें | हो सकता है कि एप्लीकेशन का काम ख़त्म होने पर एक प्रोफेशनल मसाज से खुद को ट्रीट दे सकें | या फिर आप एक बार साप्ताहिक कामों को छोड़कर खुद को ज्यादा मोटीवेटेड फील करेंगे | इसके अलावा, सुदृढीकरण से आप अपनी टास्क से भटकेंगे नहीं | [19] X रिसर्च सोर्स
  • खुद को सहायक लक्ष्य पाने में असफल होने के लिए सजा देना उतना इफेक्टिव नहीं होता जितना सुदृढ़ीकरण वाले अच्छे व्यवहार से होता है | अगर आप खुद के लिए अप्रिय परिणाम बनाने के लिए विकल्प के रूप में चुनते हैं तो इनाम का इस्तेमाल भी करें | [20] X रिसर्च सोर्स

Step 5 अपनी प्रोग्रेस को ट्रैक करें:

  • इनमे से कोई भी चीज़ आपको उन सहायक लक्ष्यों को याद दिलाने में मदद करेगी जिन्हें आप पहले ही हासिल कर चुके हैं | ये अपने शिड्यूल पर खुद को टिकाये रखने के लिए भी आपको उत्तरदायी बनाये रखते हैं | [21] X विश्वसनीय स्त्रोत Association for Supervision and Curriculum Development स्त्रोत (source) पर जायें
  • नियमित रूप से एक डायरी में लिखने से उस स्ट्रेस और एंग्जायटी कम करने में मदद मिल सकती है जो लॉन्ग-टर्म वाले लक्ष्य के लिए संघर्ष करने की प्रोसेस के साथ आती हैं | [22] X रिसर्च सोर्स
  • लक्ष्य अक्सर जीवन के अनुभवों के साथ बदलते रहते हैं | कुछ सालों पहले तय किये गये रास्ते पर आँख बंद करके चलने की बजाय अपने लक्ष्य के बारे में नियमित रूप से सोचते हुए सचेत प्रयास करें | संशोधन करने में कोई बुराई नहीं होती |
  • ऐसे"नकारात्मक" लक्ष्य बनाने से बचें जो आपको उत्साहित करने की बजाय नापसंद हों | [23] X रिसर्च सोर्स उदाहरण के लिए, "ख़राब रिलेशनशिप में रहना बंद करें" आमतौर पर "सम्पूर्ण रिलेशनशिप को खोजने" की तुलना में कम इफेक्टिव होता है |

संबंधित लेखों

PC में हिंदी में टाइप करें (Type in Hindi on a PC)

  • ↑ Morisano, D., Hirsh, J. B., Peterson, J. B., Pihl, R. O., & Shore, B. M. (2010). Setting, elaborating, and reflecting on personal goals improves academic performance. Journal of Applied Psychology, 95(2), 255.)
  • ↑ http://www.fastcompany.com/3029765/work-smart/how-to-set-goals-for-the-life-you-actually-want
  • ↑ http://www.mindtools.com/page6.html
  • ↑ Austin, J. T., & Vancouver, J. B. (1996). Goal constructs in psychology: Structure, process, and content. Psychological Bulletin, 120, 338 –375.
  • ↑ Brunstein, J. C. (1993). Personal goals and subjective well-being: A longitudinal study. Journal of Personality and Social Psychology, 65, 1061–1070.
  • ↑ Koestner, R., Lekes, N., Powers, T. A., & Chicoine, E. (2002). Attaining personal goals: Self-concordance plus implementation intentions equals success. Journal of Personality and Social Psychology, 83, 231–244.
  • ↑ http://www.lifecoach-directory.org.uk/blog/2014/06/30/rediscover-your-motivation-and-set-achievable-goals-with-life-coach-directory/
  • ↑ http://us.reachout.com/facts/factsheet/putting-your-goals-into-action
  • ↑ http://www.goalsettingbasics.com/support-files/smart-instructions.pdf
  • ↑ http://www.connectionsacademy.com/blog/posts/2014-01-10/How-Students-Can-Achieve-Goals-by-Setting-Deadlines.aspx
  • ↑ http://theinvestingmindset.com/goal-setting-how-to-to-achieve-your-goals-in-7-steps
  • ↑ http://leavingworkbehind.com/how-to-set-goals/
  • ↑ http://zenhabits.net/the-ultimate-guide-to-motivation-how-to-achieve-any-goal/
  • ↑ http://www.apa.org/helpcenter/resolution.aspx
  • ↑ http://examinedexistence.com/why-having-a-daily-routine-is-important/
  • ↑ Duckworth, A. L., Peterson, C., Matthews, M. D., & Kelly, D. R. (2007). Grit: perseverance and passion for long-term goals. Journal of personality and social psychology, 92(6), 1087.
  • ↑ http://www.appliedbehavioralstrategies.com/reinforcement-101.html
  • ↑ http://www.mdaap.org/Bi_Ped_Brief_Interv_Behav_Modification.pdf
  • ↑ http://www.ascd.org/publications/educational-leadership/dec09/vol67/num04/When-Students-Track-Their-Progress.aspx
  • ↑ http://psychcentral.com/lib/the-health-benefits-of-journaling/
  • ↑ http://www.psychologytoday.com/blog/notes-self/201308/how-set-goals

विकीहाउ के बारे में

Guy Reichard

  • प्रिंट करें

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

सम्बंधित लेख.

PC में हिंदी में टाइप करें (Type in Hindi on a PC)

  • हमें कॉन्टैक्ट करें
  • यूज़ करने की शर्तें (अंग्रेजी में)
  • Do Not Sell or Share My Info
  • Not Selling Info

हमें फॉलो करें

short essay on goals in hindi

hindimeaning.com

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध-My Aim In Life Essay In Hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (my aim in life essay in hindi) :.

भूमिका : मनुष्य का महत्वकांक्षी होना एक स्वभाविक गुण होता है। हर व्यक्ति जीवन में कुछ विशेष प्राप्त करने की इच्छा रखता है। मनुष्य अनेक प्रकार की कल्पनाएँ करता है। वह खुद को ऊपर उठाने के लिए योजनाएँ बनाता है। कल्पना तो सबके पास होती हैं लेकिन कल्पना को साकार करने की शक्ति केवल किसी-किसी के पास ही होती है। सपनों में तो सभी घूमते हैं।

सभी लोग महत्वकांक्षाओं के मोती प्राप्त करना चाहते हैं। मनुष्य कभी भी बिना उद्देश्य के कोई काम नहीं करता है मनुष्य का हर कार्य सोद्देश्य पूर्ण होता है। एक मनुष्य भी बिना उद्देश्य के कोई काम नहीं करता है। कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को सामने रखकर ही कार्य करता है। हमारा जीवन एक यात्रा की तरह होता है।

अगर यात्री को पता होता है कि उसे कहाँ पर जाना है तो वह अपने लक्ष्य की तरफ बढना शुरू कर देता है लेकिन जब यात्री को अपने लक्ष्य का ही पता नहीं होता है तो उसकी यात्रा निरर्थक हो जाती है। उसी तरह यदि एक विद्यार्थी को पता होता है कि उसे क्या बनना है तो वह उसी दिशा में प्रयत्न करना शुरू कर देता है और अपने लक्ष्य में सफल भी हो जाता है। जब एक विद्यार्थी का कोई उद्देश्य ही नहीं होता है तो उसका जीवन उसको कहीं पर भी नहीं ले जाता है।

बाल्यावस्था की समस्या :  जब बच्चा छोटा होता है तो वह विद्यालय में प्रवेश करता है। उस समय में बच्चों के सामने अनेक लक्ष्य होते हैं। वह जैसे-जैसे लोगों के संपर्क में आता है वैसे-वैसे उस पर प्रभाव पड़ता है। कभी तो वह सोचने लगता है कि वह डॉक्टर बनेगा और कभी वह सोचने लगता है कि वह अध्यापक बनेगा और कभी इंजीनियर बनेगा।

अलग-अलग लोगों के लक्ष्य भी अलग-अलग होते हैं। कभी वह डॉक्टर बनकर रोगियों की सेवा करना चाहता है, कभी इंजीनियर बनकर इमारतें बनाना चाहता है, कभी नेता बनकर देश की सेवा करना चाहता है, कभी सैनिक बनकर देश की रक्षा करना चाहता है।

माँ-बाप भी यह कल्पना करते हैं कि वे अपने बच्चे को यह बनायेंगे, वह बनायेंगे लेकिन वास्तव में निर्णय तो बच्चों को खुद ही लेना पड़ता है। माँ-बाप को बच्चों पर अपनी मर्जी नहीं थोपनी चाहिए। विद्यार्थीकाल मनुष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह मानव जीवन की आधारशिला के बराबर होता है।

यदि विद्यार्थी इस काल में अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित कर लेते हैं तो वे जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण बना लेता है और अपने देश और समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होता है। सभी लोगों की इच्छाएं अलग-अलग होती हैं लेकिन कुछ ही लोगों की इच्छाएं साकार हो पाती हैं।

डॉक्टर बनने का उद्देश्य :  मैं अक्सर अपने दोस्तों को बात करते हुए सुनता हूँ की वे क्या बनना चाहते हैं लेकिन मैंने तो पहले से ही अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। मेरा जीवन में एक ही लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूंगा। मैं डॉक्टर बनकर देश और समाज की रोगों से रक्षा करूंगा।

कुछ विद्यार्थी डॉक्टर इसलिए बनना चाहते हैं जिससे वे अधिक-से-अधिक धन कमा सकें लेकिन मेरा उद्देश्य यह नहीं है। मैं डॉक्टर बनकर गरीबों और पीड़ितों की सेवा करना चाहता हूँ। कुछ लोग अपने उद्देश्य को पाकर भी गलत रास्ते पर चल देते हैं वे अपने कर्तव्य को अच्छी तरह नहीं निभाते हैं।

मैं अपने लक्ष्य पर पहुंचने के बाद अपने कर्तव्य से नहीं भटकूँगा। मैं ऐसा चिकित्सा ज्ञान प्राप्त करना चाहता जिसे लोग पैसा के अभाव की वजह से प्राप्त नहीं कर पाते हैं। मैं डॉक्टर इसलिए बनना चाहता हूँ जिससे मैं गरीब लोगों की रोगों से रक्षा कर सकूं।

मैं उन्हें स्वस्थ रहने के लिए अनेक प्रकार के तरीके बताऊंगा जैसे- वे किस प्रकार जीवन-यापन करें, स्वास्थ्य और संतुलित भोजन के महत्व को समझें, किस प्रकार रोगों से खुद की रक्षा करें इन सब में मैं अपना पूरा योगदान दूंगा। मैं डॉक्टर बनकर अपने देश और समाज की सेवा करना चाहता हूँ।

शिक्षकों एवं डॉक्टर का महत्व :  प्राचीनकाल के धार्मिक ग्रंथ भी घोषणा करते हैं कि दो वर्ग के मनुष्यों का समाज पर बहुत ज्यादा उपकार है। पहला वर्ग शिक्षकों का है जो लोगों के अंदर से अज्ञान को निकालकर ज्ञान का दीपक जलाकर उनके जीवन को सार्थक कर देते हैं।

दूसरा वर्ग डॉक्टर या चिकित्सक का होता है जो रोगी के रोगों को दूर करके उसे नया जीवन देता है। शिक्षा देना और रोगियों का इलाज करना दोनों ही पवित्र काम होते हैं और मैंने अपने जीवन के लक्ष्य के लिए इनमें से एक पवित्र लक्ष्य को चुन लिया है।

हमारे देश में जितने भी लोग डॉक्टरी की परीक्षा में पास होते हैं वे नगरों या शहरों में अपने अलग क्लीनिक खोल लेते हैं और धन जमा करना शुरू कर देते हैं और विदेशों की तरफ भागते है। ऐसे डॉक्टर कभी भी समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को नहीं समझते हैं।

वे अपना लक्ष्य सिर्फ धन कमाना मानते हैं। आज के समय में नगरों में ऐसे असंख्य नर्सिंग होम खुल चुके हैं। यहाँ पर जो डॉक्टर काम करते हैं वे मरीजों को गुमराह कर रहे हैं। यह अपने देश और देश में रहने वाले निवासियों के साथ विश्वासघात है।

ग्रामीणों के उपचार की आवश्यकता :  मैं दूसरे लोगों की तरह नगर में क्लीनिक न खोलकर नगर से दूर गाँव में एक छोटा सा अस्पताल स्थापित करूं जिससे गाँव के लोगों को रोगों से बचने और रोग से मुक्त होने की सुविधा मिल सके। मैं रोगियों से पैसे लूटने की जगह उनसे केवल उतने ही पैसे लूँगा जिससे अस्पताल सुचारू रूप से चल सके।

जो लोग गरीब और अभावग्रस्त होंगे उनका इलाज मैं मुफ्त में करूंगा। मैं भी एक गाँव का रहने वाला हूँ। मैंने कई बार गाँव के लोगों को दवा और इलाज के अभाव की वजह से मरते हुए देखा है और देख रहा हूँ। मैं डॉक्टर बनकर उन लोगों की सेवा करना चाहता हूँ जो न ही तो बड़े डॉक्टर को मोटी फीस दे सकते हैं और न ही मरीज को बड़े नगरों में ले जा सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की अधिक-से-अधिक जरूरत है। हम अक्सर रेडियो, समाचार पत्र और अखबारों में पढ़ते हैं कि हर साल हजारों लोग कुपोषण का शिकार हो रहे है और उन्हें ठीक इलाज न मिलने की वजह से उनकी मौत हो जाती है इस बात को पढकर बहुत दुःख होता है।

उद्देश्य पूर्ति के लिए प्रयत्न :  मैं यह बात अच्छी तरह से जानता हूँ कि एक सफल डॉक्टर बनना आसान नहीं है इसके लिए बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है। डॉक्टर के ह्रदय में मरीजों के प्रति दया, करुणा, और सहानुभूति की भावना होना बहुत ही जरूरी होता है। मैंने अपने इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए अभी से प्रयास करने शुरू कर दिए हैं।

मेरे माता-पिता का आशिर्वाद सदैव मेरे साथ है। उनका भी सपना है कि मैं बड़ा होकर डॉक्टर बनूँ। मैं डॉक्टर बनकर सही अर्थों में उन लोगों को पाठ पढ़ाना चाहता हूँ जो लोगों से पैसे कमाने के लिए डॉक्टर बनते हैं। मैं किसी ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे नर्सिंग होम की स्थापना करना चाहता हूँ जिसमें गरीब और अभावग्रस्त लोगों का उचित फीस पर इलाज कर सकूं।

आज के समय में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बहुत जरूरत है। यह काम भारत सरकार कर रही है लेकिन उसकी अपनी सीमाएं हैं। मैं अपने उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए बहुत कठिन परिश्रम करूंगा। मैं जब तक डॉक्टर नहीं बन जाता तब तक चैन से नहीं बैठूँगा।

उपसंहार :   मेरी यह इच्छा है कि मैं अपने लक्ष्य को पूरा करूं। मैं इस काम को पूरा करने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ समाज-सेवा संस्थाओं का भी सहयोग लूँगा। मैं कोशिश करूंगा कि गाँव में स्थित मेरा नर्सिंग होम गाँव के लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकें।

Related posts:

  • परीक्षाओं में बढती नकल की प्रवृत्ति पर निबंध-Hindi Nibandh
  • प्रातःकाल का भ्रमण पर निबंध-Paragraph On Morning Walk In Hindi
  • ई-कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध
  • भारत के गाँव पर निबंध-Essay On Indian Village In Hindi
  • डॉ मनमोहन सिंह पर निबंध-Dr. Manmohan Singh in Hindi
  • मानव और विज्ञान पर निबंध-Science and Human Entertainment Essay In Hindi
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध-Hindi Essay on Paradhi Supnehu Sukh Nahi
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध
  • ईद पर निबंध-Essay On Eid In Hindi
  • लोकमान्य गंगाधर तिलक पर निबंध-Bal Gangadhar Tilak In Hindi
  • प्रदूषण पर निबंध-Essay On Pollution In Hindi
  • दशहरा पर निबंध-Essay On Dussehra In Hindi
  • बाल दिवस पर निबंध-Essay On Children’s Day In Hindi
  • मेक इन इंडिया पर निबंध-Make In India Essay In Hindi
  • हॉकी पर निबंध-Hockey In Hindi
  • कुत्ते पर निबंध-Essay On Dog In Hindi
  • जवाहर लाल नेहरु पर निबंध-Essay On Jawaharlal Nehru In Hindi
  • मेरी माँ पर निबंध-My Mother Essay In Hindi
  • Hindi Nibandh For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 And 8
  • Beti Bachao Beti Padhao In Hindi-बेटी बचाओ बेटी पढाओ से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें

मेरा जीवन लक्ष्य | Paragraph on my Aim of My Life in Hindi

short essay on goals in hindi

मेरा जीवन लक्ष्य | Paragraph on my Aim of My Life in Hindi!

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का कोई न कोई लक्ष्य होना आवश्यक है । यदि बालक आरंभ से किसी लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाए तो उसके भावी जीवन के रास्ते सरल हो जाते हैं ।

उसके जीवन में भटकाव की संभावना कम हो जाती है । परंतु किसी लक्ष्य को निर्धारित करने से पूर्व हमें अपनी क्षमताओं का पूरा-पूरा ज्ञान होना चाहिए । आज के प्रतियोगी युग में लोगों को अपना स्वप्न साकार करने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ता है । नेता बनने के लिए राजनीति के दाँव-पेंच सीखने पड़ते हैं ।

धनवान बनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है तथा व्यापारिक कौशल की भी आवश्यकता होती है । कुछ लोग अपने ईमान को बेचकर धनवान बनते हैं तो कुछ गरीबों का रक्त चूसकर । डॉक्टर इंजीनियर वैज्ञानिक या अधिकारी बनने के लिए अध्ययनरत रहना पड़ता है ।

बहुत से लोग भाग्यवादी होते हैं तथा उनका भाग्य ही उन्हें किसी मंजिल तक पहुँचा देता है । इस तरह विभिन्न व्यक्ति अपने ढंग से अपने लक्ष्य का निर्धारण करता है । मेरा जन्म एक साधारण परिवार में हुआ है । मेरे पिताजी की एक छोटी सी दुकान है ।

इस दुकान की कमाई से ही घर का खर्च चलता है । मैं जहाँ रहता हूँ वहाँ अनेक परिवारों के लोग मुकदमों में फँसे हैं । जमीन मकान और दुकान को लेकर मेरे पड़ोसी आपस में झगड़ते रहते हैं और बिना सोचे-समझे एक-दूसरे पर मुकदमा ठोंक देते हैं । फिर आरंभ होता है तारीखों का सिलसिला और कचहरी का चक्कर ।

ADVERTISEMENTS:

इस अंतहीन सिलसिले के परिणाम में दावेदारों की मेहनत की कमाई लुट जाती है । फैसला वर्षों बाद आता है लेकिन तब तक दोनों पक्ष बरबाद हो चुके होते हैं । इन स्थितियों ने मुझे वकील बनने की प्रेरणा दी है । मैं एक वकील बनकर समाज के दबे-कुचले शोषित और गरीब लोगों की मदद करना चाहता हूँ ।

मैं सच्चे और ईमानदार लोगों का केस लड़कर उन्हें न्याय दिलाना चाहता हूँ । वकील बनकर मैं न्यायिक व्यवस्था की खामियों को यथासंभव दूर करने का प्रयास करूँगा । कहा जाता है कि न्याय मिलने में देरी अन्यायी का साथ देने के बराबर है ।

इसलिए मैं चाहूँगा कि मुकदमा लंबा न खिंचे और लोगों को शीघ्र न्याय मिले । एक वकील के रूप में मैं अपराधियों बलात्कारियों तथा हत्यारों का कभी साथ नहीं दूँगा तथा पीड़ित व्यक्तियों की ओर से लड़कर उन्हें उचित न्याय दिलवाऊंगा । ग्रामीण गरीब प्राय: एक-दूसरे पर व्यर्थ का मुकदमा करते हैं ।

ऐसे लोगों को मैं आपस में सुलह करने की सलाह दूँगा । बहुत से वकील इन भोले-भाले व्यक्तियों के केस को बहुत लंबा खींचते हैं तथा अपनी जेब भरते रहते हैं । इन व्यर्थ के मुकदमों के कारण ही न्याय मिलने में देरी होती है तथा अदालतों में बहुत से मुकदमे लंबित पड़े रहते हैं ।

एक वकील के पेशे को चुनने के पीछे मेरा उद्देश्य यह भी है कि लोग न्याय को बिकाऊ न समझें । बहुत से अपराधी धन और प्रभाव के बल पर मुकदमा जीत जाते हैं क्योंकि इनके खिलाफ कोई भी गवाही देने से डरता है । मैं ऐसे अपराधियों के षड्‌यंत्र को बेनकाब कर कानून की मदद करना चाहूँगा ।

Related Articles:

  • मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध |Essay on My Aim of Life in Hindi
  • जीवन का परम लक्ष्य पर निबंध | Essay on The Ultimate Aim of Life in Hindi
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबन्ध | Essay on Aim of My Life in Hindi

Hindi gurukul

शिक्षा, कैरियर, मोटिवेशन, रिलेशनशिप और पैसे कमाने के तरीक़ों के बारे में आधारित ब्लॉग

short essay on goals in hindi

Importance of Goal Setting in Hindi।जीवन में लक्ष्य का होना क्यों जरूरी है

Jeevan me lakshya ka mahatva। जीवन में लक्ष्य का महत्व.

जीवन में कामयाबी हासिल करने के लिए और आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य निर्धारित करना सबसे जरूरी कार्य होता है। जब भी सफलता को हासिल करने की बात आती है तो सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी होता है क्योंकि बिना लक्ष्य के आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं।

इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक तो वो होते हैं, जिनके पास कोई ना कोई लक्ष्य होता है और दूसरे वे होते हैं, जिनके पास कोई लक्ष्य नहीं होता है। 

जिनके पास कोई लक्ष्य नहीं होता है, ऐसे लोग अपने जीवन को और समय को बर्बाद करते रहते हैं और उन लोगों के अंदर ना तो कुछ करने की और ना ही आगे बढ़ने की इच्छा होती है लेकिन जिसके पास जीवन में कोई ना कोई लक्ष्य होता है, उनके अंदर आगे बढ़ने की इच्छा होती है और जब आपके पास कोई ना कोई लक्ष्य होता है तो वह लक्ष्य को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करता है और आपको सफलता के मार्ग पर भी लेकर चलता है। 

इसलिए अगर आप भी सफल लोगों की सूची में आना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने लिए कोई ना कोई लक्ष्य जरूर निर्धारित करें।

जब भी लक्ष्य निर्धारित करने की बात आती है तो लोगों के मन में अक्सर यह सवाल जरूर आता है कि लक्ष्य क्या होते हैं और इनको हासिल करना क्यों जरूरी होता है? अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल चल रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर है। आज के इस लेख के अंदर हम आपको बताने जा रहे हैं कि जीवन में लक्ष्य का होना क्यों जरूरी है , तो चलिए जानते हैं –

Importance of Goal setting in Hindi-jeevan me lakshya ka hona Kyo zaroori hai Hindi

लक्ष्य क्या होते हैं? (What are the Goals)

जब भी लक्ष्यों की बात आती है तो इसकी परिभाषा हर इंसान के लिए अलग-अलग होती है। जैसे कि अगर आप एक विद्यार्थी हैं तो आपका लक्ष्य है, परीक्षा के अंदर अच्छे नंबरों से पास होना और अगर आप कहीं पर जॉब करते हैं तो आपका लक्ष्य होता है अच्छे से अच्छा कार्य करना जिससे आपको अच्छे पैसे मिल सके और अगर आप एक बिजनेसमैन हैं तो आपका लक्ष्य होता है कि ज्यादा से ज्यादा अपने प्रोडक्ट को बेचा जाए और अच्छे पैसे कमाए जाए।

कहने का मतलब है कोई भी एक ऐसा कार्य जिसको हम हासिल करके अपना कोई ना कोई लक्ष्य पूरा कर पाते हैं और हर इंसान के लिए अलग-अलग होते हैं और हर इंसान का तरीका उन सभी लक्ष्यों को पूरा करने का भी अलग अलग होता है।

अब तक हमने बात की है कि जीवन में कामयाबी को हासिल करने के लिए एक इंसान के लिए लक्ष्य निर्धारित करना कितना जरूरी होता है और हमने बात की है कि लक्ष्य क्या होते हैं और आगे अब हम इस लेख के अंदर आपके साथ बात करने वाले हैं कि एक इंसान के लिए लक्ष्य क्यों जरूरी होते हैं?

जीवन में लक्ष्य का होना क्यों जरूरी होता है। Why is it important to have a goal in life?

अब हम आपके साथ उन तरीकों के बारे में बात करने वाले हैं, जिनकी मदद से आप जान सकते हैं कि जीवन में लक्ष्य का होना क्यों जरूरी होता है और अगर आपने अभी तक अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है तो मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगर आप इस लेख को पूरा पढ़ते हैं तो आप अपने लिए कोई न कोई लक्ष्य जरूर निर्धारित कर लेंगे। इसलिए इस लेख को बड़े ही ध्यानपूर्वक पढ़ें –

1- जीवन में सही Direction में आगे बढ़ने के लिए –

आज इस लेख के अंदर हम बात कर रहे हैं कि लक्ष्य निर्धारित करना क्यों जरूरी होता है? क्या आपको लगता है कि आप बिना लक्ष्यों के अपने दैनिक जीवन के कार्यों को पूरा कर सकते हैं और जीवन में किसी भी प्रकार की कामयाबी को हासिल कर सकते हैं क्योंकि कामयाबी को हासिल करने के लिए एक मंजिल का होना बहुत ही जरूरी होता है।

जिस तरह से जब आप सुबह उठते हैं तो आपको पता होता है कि आपको ऑफिस के लिए जाना है और अगर आप एक विद्यार्थी हैं तो आपको पता होता है कि आप को स्कूल जाना है लेकिन अगर आपको पता ही ना रहे कि आप को स्कूल जाना है और ऑफिस जाना है तो क्या आप कभी भी वहां पर पहुंच सकते हैं।

जब आपको पूरी तरह से क्लियर होता है कि आपकी मंजिल कहां पर है तो आप रास्ते अपने आप ही बना लेते हैं और एक ना एक दिन अपनी मंजिल पर पहुंच जाते हैं।

ठीक उसी तरह से जब आप अपने लिए कोई ना कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं, उसको हासिल करने के लिए उस दिशा में कार्य करते हैं तो आपको एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती है।

बहुत से लोग कभी भी अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित ही नहीं करते हैं और हमेशा दूसरों को और समय को दोष देते रहते हैं। ऐसे लोग जीवन में कभी भी सफलता को हासिल नहीं कर सकते हैं। इसलिए दूसरों को दोष देना बंद करें और सबसे पहले अपने लिए कोई ना कोई लक्ष्य जरूर निर्धारित करें।

अगर आप अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं करते हैं तो भविष्य के अंदर आपके पास पछतावा के अलावा और कुछ भी नहीं रहता है और आपके पास खुद को कोसने के अलावा और कुछ भी नहीं रहेगा। इसलिए भविष्य को अच्छा बनाने के लिए अपने लिए लक्ष्य निर्धारित जरूर करें।

2 – अपनी एनर्जी का सही जगह पर सदुपयोग करने के लिए –

इंसान के पास सबसे अधिक बुद्धि होती है इसलिए इंसान को प्रकृति का सबसे बुद्धिमान प्राणी माना जाता है क्योंकि मनुष्य के पास सोचने की शक्ति होती है और जब मनुष्य किसी भी कार्य को सोच सकता है तो उस कार्य को पूरा भी कर सकता है। 

ठीक उसी तरह से अगर आप किसी भी कार्य को सोच सकते हैं तो उस कार्य को कर भी सकते हैं लेकिन शुरुआत में आपको सोचना होता है और बाद में उस कार्य को करना होता है।

जब आप अपने लिए कोई ना कोई लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं तो आपको पूरी तरह से स्पष्ट हो जाता है कि आपको अब इस दिशा में आगे बढ़ना है और इस कार्य को पूरा करना है। 

अब उस कार्य को पूरा करने के लिए आपको एनर्जी की जरूरत होती है क्योंकि बिना एनर्जी कि आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं क्योंकि किसी भी कार्य को जब आप करते हैं तो उसके अंदर बहुत सारी चुनौतियां आती है और आपको संघर्ष करना पड़ता है। उस संघर्ष से पार पाने के लिए आपको ऊर्जा की जरूरत होती है जो आपको लक्ष्य के माध्यम से मिलता है।

जब आप अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आप को सही दिशा में कार्य करना पड़ता है और उसके लिए आपको ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जब आपके पास ऊर्जा होती है तो आप किसी भी कार्य के ऊपर फोकस कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।

जैसे-जैसे आप सफलता की तरफ आगे बढ़ते हैं वैसे-वैसे आपकी एनर्जी का लेवल बढ़ता चला जाता है और आपके अंदर धीरे-धीरे समय के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ने लग जाता है और जब आत्मविश्वास बढ़ता है तो सफलता आपसे दूर नहीं रहती है।

क्या आपने यह पढ़ा-

  • ओवेरथिंकिंग से कैसे बचे? ज़्यादा सोचना कैसे बंद करें?
  • अपने सच्चे प्यार को कैसे भूलें? किसी को भूलना हो तो क्या करें?
  • स्मार्ट वर्क कैसे करें? 5 बेहतरीन टिप्स।
  • खुद को हमेशा मोटिवेट रखने के 5 अद्भुत तरीक़े।

3 – अपनी काबिलियत पहचान सकते हैं

जब भी आप अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो आप अपनी काबिलियत को पहचान सकते हैं और आप पहचान सकते हैं कि आप उस कार्य के अंदर कितना प्रयास कर रहे हैं और कितना आप अपने लक्ष्य से दूर है और कितने समय के अंदर आप अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं? इस तरह के सभी सवालों के जवाब आपको मिल जाते हैं।

जब आप अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं जैसे कि अगर आप एक विद्यार्थी है तो आप निर्धारित करते हैं कि आपको दिन में 6 घंटे पढ़ना है और आप इस लक्ष्य के माध्यम से आसानी से माप सकते हैं कि आप कितना पढ़ते हैं और कितना समय आप अपनी पढ़ाई को दे रहे हैं।

आप कितना अपने लक्ष्य से दूर है और इस तरह से आप अपने कार्य की गणना भी कर सकते हैंऔर आप पता लगा सकते हैं कि आपको कितना प्रयास और करने की जरूरत होती है। जिससे आपके कार्य की प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है और आप लक्ष्य के करीब पहुंचते चले जाते हैं।

निष्कर्ष(Conclusion) –

आज के इस लेख के अंदर हमने आपके साथ बात की है कि जीवन में लक्ष्य का होना क्यों जरूरी है । साथ ही साथ हमने बात की है कि लक्ष्यों का क्या मतलब होता है। इस दुनिया में हर इंसान की चाहत होती है कि वह एक सफल इंसान बने और समाज के अंदर अपनी एक अच्छी पहचान बनाये। लेकिन ये चाहत बहुत ही कम लोगों की पूरी होती है क्योंकि लोग अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं करते हैं और जो लोग अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं, उनमें से बहुत से लोग उन लक्ष्य को पूरा करने के लिए मेहनत नहीं करते हैं।

लेकिन जो लोग अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं और सही दिशा में उस लक्ष्य के प्रति कार्य करते हैं तो उन लोगों को सफलता जरूर मिलती है। इसलिए अपने लिए लक्ष्य निर्धारित जरूर करें।

आशा करते हैं कि आप को इस लेख के माध्यम से importance of goal setting in hindi के बारे में कुछ अच्छी जानकारी सीखने को मिली हो। अगर आपको इस लेख की जानकारी अच्छी लगी तो इसको अपने दोस्तों और फ़ैमिली के साथ ज़रूर शेयर करें। धन्यवाद!

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

HindiKiDuniyacom

जीवन में सफलता का महत्त्व पर निबंध (Importance of Success in Life Essay in Hindi)

क्या यह बात सच नहीं है कि इस दुनिया में हर कोई अपने जीवन में सफल होने का प्रयास करता है। मैंने अपने जीवन में आज तक ऐसा कोई व्यक्ति नहीं देखा जो असफलता की इच्छा रखता हो। आपने एकलव्य का नाम अवश्य सुना होगा जो कि एक शूद्र जाती से था। महान महाकाव्य महाभारत में एकलव्य की कहानी कड़ी मेहनत का एक बड़ा उदहारण है, जिसने अपनी कड़ी मेहनत के कारण बिना किसी गुरु के संरक्षण में अपनी सफलता को साबित किया। जब गुरु द्रोणाचार्य ने एकलव्य को धनुर्विद्या को सीखाने से मना कर दिया था, तब एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य के इनकार करने के बावजूद भी उसने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ निश्चय के साथ खुद को एक सफल धनुर्धर साबित किया। इस निबंध के द्वारा मैंने सफलता के वास्तविक अर्थ और हमारे जीवन में सफलता के महत्त्व से आपको अवगत कराने की कोशिश की है। यह विद्यार्थियों को उनके अध्ययन में काफी सहायक होगा।

जीवन में सफलता का महत्त्व पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essay on Importance of Success in Life in Hindi, Jivan mein Safalta ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)

सफलता का महत्व पर निबंध – 1 (250-300 शब्द).

सफलता जीवन का मूल है। हम सभी जीवन में आगे बढ़ना चाहते है। एक निर्धन व्यक्ति अमीर बनाना चाहता है। एक बीमार व्यक्ति स्वस्थ होना चाहता है। एक बेरोजगार को नौकरी चाहिए। सभी किसी न किसी स्तर पर सफलता प्राप्त करना चाहते है। जीवन में आर्थिक और मानसिक स्वतंत्रता हमारी सफलता का मानक है। हमें केवल पैसे या विलासिता को जीवन का लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए।

सफलता की परिभाषा

सभी के लिए सफलता के अपने मायने होते है। जीवन में विकास करना ही सफलता है। आप जिस स्तर पर है, उससे आगे बढ़ना ही सफलता है।मगर सच्ची सफलता वही है जो हमें सुख, प्रसन्नता और शांति की तरफ लेकर जाये। अगर आगे बढ़ने हमें जीवन में सुख का अनुभव होता है, तो वह सफलता है।

सफलता के सूत्र और महत्व

सफलता प्राप्त करने के अनेक सूत्र है। आप जिस भी स्तर पर है, उस स्तर के अनुसार आप सफलता का सूत्र गढ़ सकते है। हमें शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को मजबूत बनाना होगा। जीवन में आने वाली विपत्तियों के लिए तैयार रहना होगा। सफलता प्राप्त करना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सफलता हमारे जीवन को नई दिशा देती है। सफलता हमें स्वतंत्र बनाती है।

हम सभी को जीवन में सफलता को अपना लक्ष्य बनाना चाहिए। सफलता हमें संपन्न, प्रसन्न और नई ऊर्जा प्रदान करता है। हम एक बहते हुए नदी की तरह बन जाते है जो सदा स्वतंत्र रूप से बहती रहती है। संघर्षहमारे जीवन की सफलता को सार्थक बनाते है।

जीवन में सफलता का महत्त्व पर दीर्घ निबंध (1500 शब्द)

सफलता एक ऐसी चीज है जो हमारे जीवन को सार्थक बनाती है। जीवन में यह सीढ़ी का वह उच्चतम बिंदु है जहां हम सभी पहुंचना चाहते है। हम सभी ने सांप सीढ़ी का खेल अवश्य ही खेला होगा इस खेल में कई बार हमें साप काट लेते है, नहीं तो हम आसानी से अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते। ठीक इसी प्रकार हमारी सफलता की कहानी है। सफलता की उच्चतम सीढ़ी तक पहुंचने के लिए हर कदम चुनौतियों से भरी होती है। हमें अपने जीवन में सफल होने के लिए इन सभी चुनौतियों का सामना करने और इन चुनौतियों से पार पाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

सफलता क्या है ?

सफलता एक ऐसा शब्द है, जो चार अक्षरों से मिलकर बना है, जिसे हम बहुत ही आसानी से लिख सकते है। लेकिन असल में इसे प्राप्त करना बहुत ही मुश्किल होता है। इस दुनिया में हर किसी का कोई सपना या लक्ष्य होता हैं, जिसे पाने के लिए वह ईमानदारी से मेहनत करता है। जीवन में किसी लक्ष्य को लेकर सपने देखना अच्छी बात है और उस लक्ष्य की प्राप्ति ही हमारी सफलता होती है। सफलता एक ऐसी चीज है जिसे हम अपने जीवन के लक्ष्य प्राप्ति के रूप में परिभाषित करते है। सफलता वह चीज है जो जीवन में हम पाना चाहते है। असली सफलता केवल अच्छे काम करने में है और बुरे कामों में कोई सफलता नहीं होती है।

हमें अपने सपने साकार करने के लिए कड़ी मेहनत और अपने समय का सही उपयोग करने की जरूरत है। सफलता केवल उन्हें ही मिलती है जो इसके काबिल होते हैं। लोग अपने सपनों को साकार करने के लिए अपने समय का सही इस्तेमाल और कड़ी मेहनत और उसी के अनुसार काम करते हैं। असफलता भी सफलता का ही एक हिस्सा है। हमें अपनी असफलता से निराश होने की जरुरत नहीं है, बल्कि हमें अपनी असफलता से सीखने की जरुरत है। हमने कहां गलतियां की है उसे पहचान कर उसे ठीक करने की जरुरत है।

इससे हमने जो गलतियां की है उस गलती को हम सही कर सकते है। सफलता के मायने सबके लिए अलग-अलग होते हैं। किसी के लिए यह एक अच्छी स्थिति तो किसी के लिए अधिक सम्पत्ति या धन प्राप्ति करना है। मेरे अनुसार वास्तविक सफलता वो चीज है जिसे आप अपने सपने के रूप में देखते हैं और आप उसे पाना चाहते हैं। सफलता आपके लिए अपने लक्ष्य तक पहुंचना है, यही आपको असली खुशी और संतुष्टि देता है। सभी लोगों के लक्ष्य भिन्न होते हैं, जैसे की नृत्य, गायन, डॉक्टर, खेल, पढाई इत्यादि सबके अपने अलग लक्ष्य और उनकी प्राप्ति होती हैं।

सफलता के लिए आवश्यक कारक

  • अपना लक्ष्य तय करें

हम सभी के जीवन में एक लक्ष्य होना बहुत ही आवश्यक है। बिना लक्ष्य के जीवन का कोई मूल्य नहीं है। जीवन में एक लक्ष्य का होने से हमें अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने और पूरा करने के बारे में सोचने में मदद मिलती है।

  • समय प्रबंधन

जीवन में सफलता प्राप्त करने का यह सबसे महत्वपूर्ण कारक है। एक बार समय बीत जाने के बाद उस समय को वापस नहीं लाया जा सकता। इस संसार में सबकुछ एक निश्चित समय पर किया जाना बहुत ही आवश्यक है, इसलिए हमें अपने समय के महत्व को समझने की आवश्यकता है। हमें अपने समय के महत्त्व को ध्यान में रखकर उसी के अनुसार काम करना चाहिए। ताकि हमें एक सुखी और सफल जीवन की प्राप्ति हो सके।

इस दुनिया में हर किसी को एक प्रेरणा की जरूरत होती है और हर व्यक्ति का कोई न कोई प्रेरणा श्रोत अवश्य ही होता है। जो हमें अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने और सही रास्ते पर चलने में मदद करता है। यह एक ऐसी उत्प्रेरक शक्ति है जो हमारे अंदर एक जोश और एक चिंगारी उत्पन्न करते है। यह हमें अपनी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करने के लिए हमें एक सकारात्मक ऊर्जा देते है और यही हमें उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमेशा ही प्रेरित करते है।

  • कठोर परिश्रम

सफल होने की प्रक्रिया में ईमानदारी से कड़ी मेहनत का कोई और विकल्प नहीं होता है। दुनिया में ऐसे बहुत से लोग है जो अपनी किस्मत के बहुत धनि और और प्रतिभाशाली दिमाग के साथ ही पैदा होते हैं। लेकिन उन्हें भी अपने लक्ष्य प्राप्ति और सफल होने के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। कड़ी मेहनत को सफलता की एक कुंजी के रूप में देखा जा सकता है, इसकी जगह कोई अन्य नहीं ले सकता।

सफलता – एक चरणबद्ध प्रक्रिया

सफलता एक ऐसी चीज है जिसे किसी शॉर्टकट तरीके से प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसे प्राप्त करने के लिए बहुत ही कड़ी मेहनत, समर्पण, प्रेरणा, लगन, इत्यादि के साथ दृढ निश्चय की भी आवश्यकता होती है। सफलता केवल उन लोगों के हाथ आती है जो अपने दृढ़ निश्चय के साथ अपने लक्ष्य का पीछा करते हैं। इसका लाभ वे लोग कभी नहीं उठा सकते जो केवल अपने लक्ष्य में सफल होने का सपना देखते हैं और उसे पाने के लिए कुछ नहीं करते।

एक अच्छा सीखने वाला और श्रोता जो समय के महत्त्व को समझता है और अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करता है तभी उसे सफलता का फल मिलता है। सफलता एक चरणबद्ध प्रक्रिया है जिसमें बहुत ही धैर्य की आवश्यकता होती है। इसके लिए सबसे पहले हमें अपने जीवन के लक्ष्य को तय करना होगा। लक्ष्य तय करने के साथ ही हमें उसके अनुसार ही कड़ी मेहनत और लगन से कार्य करना होगा। निश्चित रूप से यह हमें अपने जीवन में सफल एवं खुशहाल बनने में मदद करेगा।

एक चींटी – सफलता के उदहारण के रूप में

क्या आपने कभी किसी चींटी को भोजन का टुकड़ा ले जाते हुए देखा है? कई बार वो जो खाना ले जाती है वो कई गुना भारी होता है कि वह खाना बीच में ही गिर जाती हैं। इसके बावजूद भी चींटियां कभी निराश नहीं होती हैं और फिर से वो उसे ले जाने की कोशिश में लग जाती हैं। मुझे लगता है कि यह कड़ी मेहनत का एक सबसे अच्छा उदहारण है, जो हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।

सफलता का सफर इतना आसान नहीं होता है जितना कि हमें देखने या सुनने में लगता है। सफलता को पाने में हमें कई असफलताओं का भी सामना करना पड़ता है। हमें इस असफलता से बिना हार माने अपना लक्ष्य पूरा होने तक बार-बार खुद को प्रेरित करने की जरुरत है। केवल प्रेरणा ही है जो हमें अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। कुछ सकारात्मक विचार और ऊर्जा के साथ बार-बार प्रयास करने की कला ही वह सबक है जो हमें इस छोटे से जिव से सीखने को मिलती हैं।

सफलता हमारे जीवन में किस प्रकार महत्वपूर्ण है ?

हम सभी अपने जीवन में कुछ न कुछ हासिल करने के लिए काम करते हैं। सभी के लक्ष्य अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन सबकी मंजिल एक ही होती है और वो है अपने लक्ष्य में सफल होना। हमारे लिए अपने जीवन के लक्ष्य में सफल होना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि यह हमें समाज में एक अच्छी पहचान और सम्मान दिलाती है। सफलता हमें अपने जीवन में अधिक आत्मविश्वासी और हमारे जीवन को खुशहाल बनाती है। यह हमें एक आतंरिक संतुष्टि प्रदान करती है क्योंकि सफलता प्राप्ति का अर्थ है, वह चीज प्राप्त करना जो जीवन में प्राप्त करना चाहते हैं और जो हम जीवन में बनना चाहते हैं।

यह एक मनुष्य जीवन के अस्तित्व के लिए बहुत ही आवश्यक और महत्वपूर्ण है। यह हमारे लिए विभिन्न अवसरों के द्वार खोलता है। सफलता ही हमें अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। हम अपने जीवन में कभी भी बिना प्रेरणा या प्रोत्साहन के बिना नहीं जी सकते है। सफलता एक ऐसी चीज है जो हमारे जीवन को सार्थक और हमें आशावादी बनाती है। सफलता ही वही चीज है जो हमें हमारे जीवन की सही राह दिखाती है और उसपर आगे बढ़ने के लिए और प्रेरित करती है। दुनिया के सफल लोग समाज के अन्य लोगों के लिए एक उदहारण के रूप में हैं।

हमेशा से ही ऐसा कहा जाता है कि हमें जीवन में कुछ पाने के लिए कुछ त्याग भी करना पड़ता है। यह बात सफलता प्राप्त करने में बिल्कुल सही सिद्ध होती है। हमें अपने जीवन में सफलता की प्राप्ति के लिए जीवन में अपनी आलसी व्यवहार और जीवन की सारी विलासिता को त्यागने की जरुरत है। एक बार जब जीवन में सफलता को प्राप्त कर लेते हैं तो आप खुद में इसका परिणाम आपके अंदर खुशी और एक अलग प्रकार की अनुभूति के रूप में देखते है।

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

Leave a comment.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

short essay on goals in hindi

  • Hindi Current Affairs
  • English Currrent Affairs
  • Counselling & Mentorship
  • Offline Coaching
  • We’re Hiring

5 कहानियाँ जो आपको अपने लक्ष्य तक ले जाने को मजबूर कर देगी

short motivational story in hindi for success

1. सफलता का रहस्य - सुकरात

sukrat motivational story in hindi

एक बार एक व्यक्ति ने महान Philosopher सुकरात से पूछा कि “सफलता का रहस्य क्या है?” – What is the secret of success?

सुकरात ने उस इंसान को कहा कि वह कल सुबह नदी के पास मिले, वही पर उसे अपने प्रश्न का जवाब मिलेगा।

जब दूसरे दिन सुबह वह व्यक्ति नदी के पास मिला तो सुकरात ने उसको नदी में उतरकर, नदी गहराई की गहराई मापने के लिए कहा।

वह व्यक्ति नदी में उतरकर आगे की तरफ जाने लगा| जैसे ही पानी उस व्यक्ति के नाक तक पहुंचा, पीछे से सुकरात ने आकर अचानक से उसका मुंह पानी में डुबो दिया। वह व्यक्ति बाहर निकलने के लिए झटपटाने लगा, कोशिश करने लगा लेकिन सुकरात थोड़े ज्यादा Strong थे। सुकरात ने उसे काफी देर तक पानी में डुबोए रखा।

कुछ समय बाद सुकरात ने उसे छोड़ दिया और उस व्यक्ति ने जल्दी से अपना मुंह पानी से बाहर निकालकर जल्दी जल्दी साँस ली।

सुकरात ने उस व्यक्ति से पूछा – “जब तुम पानी में थे तो तुम क्या चाहते थे?”  व्यक्ति ने कहा – “जल्दी से बाहर निकलकर सांस लेना चाहता था।”

सुकरात ने कहा – “यही तुम्हारे प्रश्न का उतर है। जब तुम सफलता को उतनी ही तीव्र इच्छा से चाहोगे जितनी तीव्र इच्छा से तुम सांस लेना चाहते है, तो तुम्हे सफलता निश्चित रूप से मिल जाएगी।”

2.अभ्यास का महत्त्व

short essay on goals in hindi

प्राचीन समय में विद्यार्थी गुरुकुल में रहकर ही पढ़ा करते थे।. बच्चे को शिक्षा ग्रहण करने के लिए गुरुकुल में भेजा जाता था।  बच्चे गुरुकुल में गुरु के सानिध्य में आश्रम की देखभाल किया करते थे. और अध्ययन भी किया करते थे।

वरदराज को भी सभी की तरह गुरुकुल भेज दिया गया।  वहां आश्रम में अपने साथियों के साथ घुलने मिलने लगा।

लेकिन वह पढ़ने में बहुत ही कमजोर था।  गुरुजी की कोई भी बात उसके बहुत कम समझ में आती थी। इस कारण सभी के बीच वह उपहास का कारण बनता है।

उसके सारे साथी अगली कक्षा में चले गए लेकिन वो आगे नहीं बढ़ पाया। गुरुजी जी ने भी आखिर हार मानकर उसे बोला, “बेटा वरदराज! मैने सारे प्रयास करके देख लिये है।  अब यही उचित होगा कि तुम यहां अपना समय बर्बाद मत करो।  अपने घर चले जाओ और घरवालों की काम में मदद करो।”

वरदराज ने भी सोचा कि शायद विद्या मेरी किस्मत में नहीं हैं। और भारी मन से गुरुकुल से घर के लिए निकल गया गया।  दोपहर का समय था। रास्ते में उसे प्यास लगने लगी।  इधर उधर देखने पर उसने पाया कि थोड़ी दूर पर ही कुछ महिलाएं कुएं से पानी भर रही थी। वह कुवे के पास गया।

वहां पत्थरों पर रस्सी के आने जाने से निशान बने हुए थे,तो उसने महिलाओ से पूछा, “यह निशान आपने कैसे बनाएं।” तो एक महिला ने जवाब दिया, “बेटे यह निशान हमने नहीं बनाएं। यह तो पानी खींचते समय इस कोमल रस्सी के बार बार आने जाने से ठोस पत्थर पर भी ऐसे निशान बन गए हैं।”

वरदराज सोच में पड़ गया।  उसने विचार किया कि जब एक कोमल से रस्सी के बार-बार आने जाने से एक ठोस पत्थर पर गहरे निशान बन सकते हैं तो निरंतर अभ्यास से में विद्या ग्रहण क्यों नहीं कर सकता।

वरदराज ढेर सारे उत्साह के साथ वापस गुरुकुल आया और अथक कड़ी मेहनत की।  गुरुजी ने भी खुश होकर भरपूर सहयोग किया।  कुछ ही सालों बाद यही मंदबुद्धि बालक वरदराज आगे चलकर संस्कृत व्याकरण का महान विद्वान बना। जिसने लघुसिद्धान्‍तकौमुदी, मध्‍यसिद्धान्‍तकौमुदी, सारसिद्धान्‍तकौमुदी, गीर्वाणपदमंजरी की रचना की।

शिक्षा(Moral): दोस्तो अभ्यास की शक्ति का तो कहना ही क्या हैं।. यह आपके हर सपने को पूरा करेगी। अभ्यास बहुत जरूरी है चाहे वो खेल मे हो या पढ़ाई में या किसी ओर चीज़ में। बिना अभ्यास के आप सफल नहीं हो सकते हो। अगर आप बिना अभ्यास के केवल किस्मत के भरोसे बैठे रहोगे, तो आखिर मैं आपको पछतावे के सिवा और कुछ हाथ नहीं लगेगा। इसलिए अभ्यास के साथ धैर्य, परिश्रम और लगन रखकर आप अपनी मंजिल को पाने के लिए जुट जाए।

3. अभिनव बिन्द्रा: जिद और जुनून ने दिलाया गोल्ड

ओलम्पिक में भारत को गोल्ड मेडल मिलने से हर भारतवासी खुशी से झूम उठा। बिन्द्रा की ज़िद और जुनून ने उन्हें इस मुकाम पर पहुँचाया है। बैंकॉक में हुए वर्ल्ड शूटिंग चैम्पियनशिप में बिन्द्रा की टीममेट रहीं इण्टरनेशनल शूटर श्वेता चौधरी ने कहा कि बिन्द्रा ने जो कहा, वह कर दिखाया। श्वेता मामूली अन्तर से ओलम्पिक टीम में जगह बनाने में नाकाम रहीं। श्वेता ने बताया कि बिन्द्रा ओलम्पिक गोल्ड के लिए पिछले चार साल से अनवरत मेहनत कर रहे थे। बिन्द्रा ने जो कहा, वह कर दिखाया।

ऐसे बदली दुनिया, श्वेता बताती हैं कि एथेन्स ओलम्पिक के बाद अभिनव के व्यवहार में चेन्ज आया। एथेन्स ओलम्पिक में पदक हासिल न करने के बाद ही उन्होंने निश्चय कर लिया था कि वह अगला मौका (बीजिंग ओलम्पिक) नहीं गंवाएँगे। एक स्मरण सुनाते हुए श्वेता ने कहा कि बैंकॉक में वर्ल्ड चैम्पियनशिप के दौरान जब भारतीय टीम के अन्य शूटर शाम को शहर घूमने गए थे, बिन्द्रा जिम में एक्सरसाइज कर रहे थे। शायद अभिनव को एथेन्स ओलम्पिक में पदक नहीं जीतने का सदमा ऐसा लगा कि उनके व्यवहार में काफी परिवर्तन आ गया। उसके बाद से वह रिजर्व रहने लगे। इसके पहले वह साथियों के बीच आकर हँसी-मजाक करते थे। इसके बाद वह लगातार विदेशों में जाकर प्रैक्टिस करते रहे।

अभिनव बिन्द्रा: जिद और जुनून ने दिलाया गोल्ड

श्वेता ने बताया कि बिन्द्रा ने स्वयं ही अपने लिए प्राइवेट कोच, पादकलॉजिस्ट व फिजियो नियुक्त किया था। इसके बावजूद, छोटी प्रतियोगिताओं में उनके मेडल न जीतने पर कई बार उनकी आलोचना भी हई, परन्तु उनको जानने वाले जानते थे कि अभिनव में वह क्षमता है, जो वक्त आने पर बड़ी प्रतियोगिता में अवश्य दिखेगा। उनका टारगेट ओलम्पिक ही था।

4. भारत रत्न प्राप्त डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के एक गाँव धनुषकोडी में हुआ था। इनके पिता, मछुआरों को किराए पर नाव देते थे। कलाम ने अपनी पढ़ाई के लिए धन की पूर्ति हेतु अखबार बेचने का कार्य भी किया। डॉ. कलाम ने जीवन में अनेक चुनौतियों का सामना किया। उनका जीवन सदा संघर्षशील रहने वाले एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसने कभी हार नहीं मानी तथा देशहित में अपना सर्वस्व न्योछावर करते हुए, सदा उत्कृष्टता के पथ पर चलते रहे। 71 वर्ष की आयु में भी वे अथक परिश्रम करते हुए भारत को सुपर पावर बनाने की ओर प्रयासरत थे।

भारत रत्न डॉ. अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति बने। वे भारत रत्न से सम्मानित होने वाले तीसरे राष्ट्रपति हैं। भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक, डॉ. कलाम ने देश को ‘अग्नि’ एवं ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलें देकर, चीन एवं पाकिस्तान को इनकी रेंज में लाकर, दुनिया को चौंका दिया।

एक बार एयरफोर्स के पायलेट के साक्षात्कार में 9वें नम्बर पर आने के कारण (कुल आठ प्रत्याशियों का चयन करना था) उन्हें निराश होना पड़ा था।

वे ऋषिकेश बाबा शिबानन्द के पास चले गए एवं अपनी व्यथा उन्हें सुनाई।

बाबा ने उन्हें कहा :-

Accept your destiny and go ahead with your life. You are not destined to become an Airforce Pilot. What you are destined to become is not revealed now but it is predetermined. Forget this failure, as it was essential to lead you to your existence. Become one with yourself, my son. Surrender yourself to the wish of God.

बाबा शिवानन्द का कहने का अर्थ यह था कि असफलता से निराश होने की आवश्यकता नहीं। यह असफलता आपकी दूसरी सफलताओं के द्वार खोल सकती है। तुम्हें जीवन में कहाँ पहुँचना है, इसका पता नहीं। आप कर्म करो, ईश्वर पर विश्वास करो।

short essay on goals in hindi

डॉ. कलाम का जीवन, हर उस नवयुवक के लिए आदर्श प्रेरणा स्रोत है, जो अपने जीवन में एक असफलता मिलने पर ही निराश हो जाते हैं। डॉ. कलाम ने अपने सारे जीवन में नि:स्वार्थ सेवा कार्य किया। उनका राष्ट्र प्रेम और उनका देशभक्ति का ज़ज्बा हर भारतीय के लिए सबक एवं प्रेरणा का पुंज है और हमेशा रहेगा।

5. महान् गणितज्ञ रामानुजन: धुन के पक्के

short essay on goals in hindi

रामानुजन का जन्म एक गरीब परिवार में 22 दिसम्बर, 1887 को तमिलनाडु के इरोड़ कस्बे में हुआ था। उनके पिता एक साड़ी की दुकान पर क्लर्क का काम करते थे। रामानुजन के जीवन पर उनकी माँ का बहुत प्रभाव था। जब वे 11 वर्ष के थे, तो उन्होंने SL Loney द्वारा लिखित गणित की किताब की पूरी मास्टरी कर ली थी। गणित का ज्ञान तो जैसे उन्हें ईश्वर के यहाँ से ही मिला था। 14 वर्ष की उम्र में उन्हें मेरिट सर्टीफिकेट्स एवं कई अवार्ड मिले।  वर्ष 1904 में जब उन्होंने टाउन हाईस्कूल से स्नातक पास की, तो उन्हें के. रंगनाथा राव पुरस्कार, प्रधानाध्यापक कृष्ण स्वामी अय्यर द्वारा प्रदान किया गया।

वर्ष 1909 में उनकी शादी हुई, उसके बाद वर्ष 1910 में उनका एक ऑपरेशन हुआ। घरवालों के पास उनके ऑपरेशन हेतु पर्याप्त राशि नहीं थी। एक डॉक्टर ने उनका मुफ्त में यह ऑपरेशन किया था। इस ऑपरेशन के बाद रामानुजन नौकरी की तलाश में जुट गए। वे मद्रास में जगह-जगह नौकरी के लिए घूमे। इसके लिए उन्होंने ट्यूशन भी किए। वे पुनः बीमार पड़ गए।

इसी बीच वे गणित में अपना कार्य करते रहे। ठीक होने के बाद, उनका सम्पर्क नेलौर के जिला कलेक्टर-रामचन्दर राव से हुआ। वह रामानुजन के गणित में कार्य से बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने रामानुजन की आर्थिक मदद भी की।

वर्ष 1912 में उन्हें मद्रास में चीफ अकाउण्टेंट के ऑफिस में क्लर्क की नौकरी भी मिल गई। वे ऑफिस का कार्य जल्दी पूरा करने के बाद, गणित का रिसर्च करते रहते, इसके बाद वे इंग्लैण्ड चले गए। वहाँ उनके कार्य को खूब प्रशंसा मिली। उनके गणित के अनूठे ज्ञान को खूब सराहना मिली।

वर्ष 1918 में उन्हें ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज का फेलो (Fellow of Trinity College Cambridge) चुना गया। वह पहले भारतीय थे, जिन्हें इस सम्मान (Position) के लिए चुना गया।

बहुत मेहनती एवं धुन के पक्के थे। कोई भी विषम परिस्थिति, आर्थिक कठिनाइयाँ, बीमारी एवं अन्य परेशानियाँ उन्हें अपनी ‘धुन’ से नहीं डिगा सकीं। वे अन्ततः सफल हुए।

आज उन्हें विश्व के महान् गणितज्ञों में शुमार किया जाता है। 32 वर्ष की छोटी उम्र में ही इस प्रतिभाशाली व्यक्ति का देहावसान हो गया। दुनिया ने एक महान गणितज्ञ को खो दिया।

आपको हमारी ये “Real life Inspirational Stories in Hindi / Motivational Stories” कैसी लगी? कमेंट में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें!

23 comments.

Great story 😊 Thank you Sir 😊🙏🙏

बहुत ही अच्छी और ऊर्जावान बनाने वाली कहानियां है गुरु को प्रणाम

Dil dimag KO Choo Gya

Thank you sir for this motivational story . This story inspires youth like us to fight against our situation and move forward and serve the country.

सर हम इन कहानियों से आगे बढ़ने के लिए motivate किया गया कि हम कभी हार ना माने और निरंतर प्रयास करते रहे

धन्यवाद सर 🙏

Thank you so much sir for this motivational stories.

One of the best motivational story sir . Me. Isse. Jaroor. Seekhunga. Or. Mahnat. Karunga.

Aap. Hme. Aashiir baad de ki hm apnne life me mammy papa. Ko. Garv mahshoos kra. Paye Thankyou sir

All stories incredible .

Outstanding Sir

Really inspiring and life changing stories..

Such an inspirational story 😊 Ess story ko read krne kae badh tao motivation kae sath sath bhoot kush sikhne ko milta hai Salute such a great legends 🙏

Very very nice motivation and Story Dear sirji

Thank u sir….really these stories motivated me…and helps to achieve my goal.

The best inspiration stories Thanks🙏🙏

Stories is the very interesting.we will be try to practical In own life of these stories.

Bilkul dil ko chune bali Thanks for this content

Please sir motivational stories group pr dala kre jisse ki students me Naya jazba,Josh ,umang aata he *Very superb motivational stories*

Thank you sir for this great motivation.

Dear Sir, मैं आपके चैनल के दवारा पिछले 2 महीने से जुड़ा हुआ हूँ। जिससे मुझे पढ़ाई तथा खुद को बेहतर बनाने की और जिज्ञाशा बढ़ गयी है। बहुत कुछ का सलूशन मिल जाता है, और आगे जरूर मिल जायेगा। लेकिन एक बात बहुत समय से। ..

Feeling …… मुझे टेक्नोलॉजी और सोशल साइंस के बारे में बहुत जानना और किसी को बताना बहुत अच्छा लगता है। इसी वजह से हम ऑफलाइन क्लास लेते हैं।

Request ….. क्या आप एक ऐसा वीडियो बना सकते है जिसमे आप ये बताएं की गवर्मेंट नौकरी (UPSC, SSC, BANK, Etc) करते समय हम क्या – क्या काम या टीचर के रूप में काम कर सकते हैं की नहीं। इसपर वीडियो बनाने की कस्ट कर सकते हैं।

bhut achi story bna te he

Leave a comment Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Any questions? Contact Our Support Team

Timings : 10AM to 6PM

footer_logo

Ankit Kumar Avasthi, 6/41, N.E.B. Housing Board, Alwar (Raj.) Pin: 301001 Landmark: In front of Saniya Hospital, on 160 Feet Road

  • Call: +91 7878158882
  • Email: [email protected]
  • Counselling/ Mentorship Program
  • Current Affairs
  • FAQ’s
  • Privacy Policy
  • Refund/Cancellation Policy
  • Shipping Policy
  • Student Support
  • Terms And Conditions
  • Testimonials
  • We’re Hiring

QUICK LINKS

short essay on goals in hindi

Copyright © 2024 Ankit Inspired India. All Rights Reserved. | Sitemap | Designed By: Bytegrow Technologies

मोटिवेशनल स्टोरी जो आपका जीवन बदल देंगी

Motivational Story in Hindi: हमारी जिन्दगी का दूसरा नाम ही मुसीबत है। हमारे जीवन में मुसीबतें आती ही रहती है। कोई इन मुसीबतों से हार मान लेता है तो कोई इसका डट कर सामना करता है।

बहुत से लोग इन मुसीबतों से टूट जाते हैं और उन्हें ऐसे मोटिवेशन की जरूरत पड़ती है, जिसके कारण वह इन मुसीबतों का बिना किसी डर से सामना करे सके।

short essay on goals in hindi

आज हम यहां पर मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स (motivational story for students in hindi) शेयर कर रहे हैं। इन मोटिवेशनल स्टोरी से आपके जीवन में कुछ नया करने का जोश जागेगा। इन मोटिवेशनल कहानी से जीवन में बहुत कुछ करने की प्रेरणा मिलेगी।

हमने यहां पर जो inspirational story in hindi शेयर की है, ये मोटिवेशन स्टोरी है तो छोटी लेकिन इन छोटी सी कहानियों के पीछे बड़ी सीख छीपी हुई है। जिसे हमें अपने जीवन में जरूर उतारना चाहिए।

तो आइये जानते हैं हमारे जीवन को प्रेरणा से भर देने वाली जीवन आधारित मोटिवेशनल कहानी।

मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी (Motivational Story in Hindi)

इंतिजार का फल.

“सब्र का फल मीठा होता हैं।”

आपने इस मुहावरे को जरूर सुना होगा। चलिए आज हम इस कहानी से जानते हैं कि इसका मतलब क्या होता है। इस कहानी में बताया गया है कि तारों को कैसे ईर्ष्या का भाव उत्पन्न होता है और श्री नारद मुनि उनको कैसे इस मुहावरे का अर्थ समझाते हैं। यह अत्यधिक सुंदर और प्रेरणादायक कहानी है। आप इसे पूरा जरुर पढ़े।

जब सूरज अस्त हो रहा होता है तब हल्की-हल्की संध्या से उत्पन्न होती है और चारों तरफ शांत वातारण जैसा एक अंधेरा सा छा जाता है। सभी जीव-जंतु, पशु-पक्षी अपने निवास स्थान को जाने लगते हैं और हल्की हल्की हवा चलने लगती है। हम जब आसमान की ओर देखते हैं तो सूर्य अस्त होता रहता है तभी आसमान में तारे टिमटिमाने लगते है।

कुछ तारे अत्यधिक चमकीले होते हैं परंतु कुछ कम चमकीले होते हैं। अधिक चमकीले वाले तारों पर हमारी नजर जल्दी पहुंचती है परंतु कम चमकीले वाले तारों पर हमारी नजर बहुत कम ही जाती है। इसलिए हम उन पर ध्यान नहीं दे पाते और उनकी सुंदरता फीकी पड़ जाती है।

परंतु उन सब में से एक ऐसा तारा होता है, जो अधिक चमकीला होता है। जिसके आने से पूरा आसमान जगमगा जाता है। वह इतना सुंदर और चमकीला होता है कि उसके जगमगाते ही लोगों के चेहरे पर खुशी आ जाती है, उसे हम स्वाति नक्षत्र के नाम से जानते हैं।

अत्यधिक चमकीला और सुंदर होता है, जिसके आने से लोग खुश हो जाते हैं, इसीलिए बाकी के नक्षत्र स्वाति नक्षत्र से इर्ष्या करते हैं और अपनी इस ईर्ष्या की कथा को श्री नारद मुनि को बताते हैं।

नारद मुनि उन सभी तारों को समझाते हुए कहते हैं कि देखो जो भी सब्र करता है, उनकी कीर्ति संसार में होती है और मुझे प्रतीत होता है कि आप लोगों में धैर्य नहीं हैं। इसीलिए आप लोग संध्या काल में होते ही तुरंत जगमगाने लगते हैं।

लेकिन स्वाति नक्षत्र अत्यधिक समय के बाद आसमान में निकट आता है तभी उसकी प्रतिस्पर्धा इतनी अधिक होती है।

तभी सभी लोग के चेहरे पर मुस्कान आती। इसीलिए कहा जाता है कि हमें सब्र करना चाहिए क्योंकि उसका फल मीठा होता है।

यदि तुम देर में आसमान में टिमटिमाते होते तो तुम्हारा भी महत्व होगा और तुम्हें भी लोग अलग नाम से जानेंगे। नारद मुनि द्वारा समझाई गई बात सभी तारों को समझ में आ गई।

सब्र का फल मीठा होता है, यह बात हम सब जानते हैं और इसे हम लोगों ने महसूस भी किया है। मैं हमेशा अपने कार्य को पूरा करने के बाद उसके परिणाम के इंतजार में उतावला हो जाता हूं या फिर अपने आने वाले कार्य को पूरा करने के लिए उतावला हो जाता हूं, जिससे मेरा आने वाला कार्य बिगड़ जाता है।

परंतु मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए, मुझे सब्र करना चाहिए। उस परिणाम का या उस आने वाले कार्य का जिससे मैं उस कार्य को अच्छे से समाप्त करूं और उसका परिणाम भी अच्छा हो।

हम जानते हैं जल्दी में लगाया हुआ निशाना हमेशा अपने गोल से बाहर जाता है। हमें धैर्य पूर्वक उस निशाने को भेजना चाहिए तभी हमें जीवन में सफलता मिलेगी। हमें किसी भी कार्य को धैर्यपूर्वक करना चाहिए तभी सफलता के दरवाजे खुलते हैं।

धैर्य ही ऐसा शस्त्र है, जो विकट परिस्थितियों में मनुष्य के मस्तिष्क का संतुलन बनाए रख सकता है और उसको आगे आने वाली चुनौतियों को से निपटने के लिए नए मार्ग को बतला सकता है।

बड़े-बड़े महात्मा और महापुरुषों के द्वारा भी बताया गया है कि हमें भी किसी कार्य में सफलता पानी है तो उसे चिंता मुक्त होकर करना चाहिए और सब्र रखना चाहिए। परिणाम की सफलता अवश्य मिलेगी।

टाइम मोटिवेशनल स्टोरी

हमारी जिंदगी छोटे-छोटे समय के भागों में बटीं हुई है, हमारी जिंदगी में कई दिन, कई घंटे, कई मिनट और कई सेकंड होते हैं। परंतु कुछ लोग इसी समय में उस मुकाम को हासिल कर जाते हैं, जिसकी उन्हें चाह होती है। वे समय का सदुपयोग करते हैं और अपने जीवन में सफल हो जाते हैं।

एक गांव में एक गरीब आदमी रहता था, उसके घर में उसकी पत्नी और उसकी एक बेटी और एक छोटा बेटा था। उसकी पत्नी दूसरों के घर में काम करके अपने परिवार का खर्च चलाती थी, उसका पति जिसका नाम रामू था।

रामू दिन भर नशे में डूबा रहता था और दूसरों के साथ अपना समय बर्बाद किया करता था। कहीं इधर ताश के पत्ते खेलता दिखता था तो कहीं उधर लोगों के दरवाजे बैठकर गपशप मारा करता था। अपने परिवार का ख्याल उसे बिल्कुल नहीं था।

उसके माता-पिता ने उसकी शादी करा कर गलती कर दी थी। बेचारी उसकी पत्नी दिन रात काम कर-कर अपने बच्चों का पेट पालती थी। यदि उसकी पत्नी एक भी दिन काम पर न जाए तो उसके बच्चे भूखे रह जाते थे। इसीलिए उसकी पत्नी प्रत्येक दिन दूसरों के वहां काम करती थी।

लेकिन रामू को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता था। उसे बस अपना समय बर्बाद करके हंसी मजाक और पत्ते खेलने में बहुत मजा आता था।

शाम को शराब पीकर घर आकर जोर-जोर से अपनी पत्नी को चिल्लाता था। कई बार उसने अपनी पत्नी को मारा भी लेकिन अब उसकी पत्नी करें भी तो क्या, वह तो अपने बच्चों को छोड़कर नहीं जा सकती थी।

रामू को जो कोई भी समझाता था कि रामू कुछ कार्य करा करो, पैसे कामया करो, अपने परिवार का खर्च तो उठाओ, तुम्हारे दो बच्चे हैं, तुम्हारी पत्नी है, उनकी देखभाल करो, ऐसे अपना समय क्यों बर्बाद करते हो।

रामू उसके ऊपर बिगड़ जाता था और कहता तुम्हें इससे लेना देना क्या। मैं कुछ भी करूं यह मेरा जीवन है। मैं तुम्हारे घर में खाता हूं क्या?

इसके कारण कोई भी गांव का सदस्य इससे इस विषय में बात ही नहीं करता था। वह सुबह खाकर निकल जाता था और रात में शराब पीकर आता और अपनी बीवी के ऊपर गुस्सा करता था, ऐसा ही कुछ दिनों तक चलता रहा।

कुछ दिनों बाद संसार में एक ऐसी बीमारी ने जन्म लिया, जो मानव जाति के लिए अत्यधिक खतरनाक थी। चारों तरफ उस बीमारी का कहर था।

आप सब जानते होंगे मैं कोरोना वायरस की बात कर रहा हूं। जब सरकार द्वारा लॉकडाउन लगा दिया गया था तब चारों तरफ लोगों का एक दूसरे के वहां आना जाना बंद हो गया था। सारे कार्य, सारी फैक्ट्रियां, सारी गाड़ियां इत्यादि बंद हो गए थे।

अब रामू का परिवार भूखा मरने लगा था। क्योंकि उसकी पत्नी जो रोज कमाने जाती थी, वह अब किसी के घर इसी कारण नहीं जा पाती थी कि कहीं इस बीमारी की वजह मैं न हो जाऊं, लोग उसे अब काम पर बुलाना बंद कर दिए थे।

उसके परिवार में अनाज का एक दाना भी नहीं पता था, ना उसके घर में कुछ पैसे थे। अब वह क्या करता, उसका छोटा बेटा भी बीमार हो गया था।

उसके बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी तब रामू को समझ आया कि अपने परिवार को ध्यान देना चाहिए। उसने बच्चे को अस्पताल ले जाने का सोचा, परंतु उसके पास पैसे नहीं थे। उसने गांव वालों से पैसे मांगने गया।

गांव वालों ने कहा पहले कहने पर तो हम लोगों को ही जली कटी सुना देते थे, अब इस लॉकडाउन में हमारे पास कहां से पैसा आए, यही कहकर वह लौटा देते थे।

रामू अत्यधिक परेशान था। अब करें तो भी क्या करें। वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता था। एक पूरा दिन बीत गया, उसके बेटे की तबीयत और भी ज्यादा खराब हो गई।

तभी किसी तरह उसकी पत्नी ने जहां काम करती थी, वहां से कुछ पैसे जुटा कर लाई और अब रामू अपने बच्चे को हॉस्पिटल ले जाने की तैयारी की।

रामू अपने बच्चे को लेकर गांव के बाहर एक अस्पताल में पहुंचा। रामू दौड़ता हुआ डॉक्टर के पास गया, उसने कहा मेरे बच्चे को बचा लीजिए। डॉक्टर साहब ने सारे इंस्ट्रूमेंट लगाकर लगा कर चेक किया तब उसका बेटा मर चुका था।

डॉक्टर साहब ने यह बात रामू से कहां यदि तुम अपने बच्चे को 10-15 घंटे पहले ले आते तो मैं तुम्हारे बच्चे को बचा लेता। मुझे बहुत दुखी होकर कहना पड़ रहा है कि मैं तुम्हारे बच्चे को बचाना सका।

यह सुनकर रामू के पैरों तले के नीचे से जमीन खिसक गई, वह रोने लगा। उससे कहने लगा यह सब मेरी गलती है, मैंने जीवन में कुछ नहीं किया। सिर्फ अपने समय को बर्बाद किया है।

यदि आज मेरे पास पैसे हो जाते हैं तो मैं अपने बेटे को हॉस्पिटल जल्दी ला पाता और मेरा बेटा बच जाता। मैंने अपने जीवन में समय को बहुत बर्बाद किया है। लेकिन आज मुझे समय को अहमियत पता चल गयी है।

तो हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए, उसका सदुपयोग करना चाहिए तभी हमें अपने जीवन मे सफलता मिल सकती है।

इस कहानी में अगर रामू पहले से काम करता होता तो उसके पास पैसे होते और अपने बेटे का इलाज करा पाता, जिससे उसका बेटा आज जिंदा होता।

मित्रों हमे हमेशा अपने समय का सदप्रयोग करना चहिये।

स्वयं पर विश्वास रखे

जीवन उतार और चढ़ाव से भरा हुआ है। जीवन में परिश्रम तो हर कोई करता है लेकिन सफलता जरूरी नहीं कि हर एक व्यक्ति को मिल जाए।

कुछ लोग निरंतर परिश्रम करते हैं लेकिन जब उन्हें असफलता मिलने लगती हैं तो वह स्वयं पर विश्वास रखना छोड़ देते हैं और फिर उन्हें लगने लगता है कि अब तो उनके जीवन का कोई महत्व नहीं।

दुनिया में कई ऐसे लोग हैं, जो असफलता प्राप्त करने के बाद हार मान जाते हैं, जीवन में आने वाली तनिक क्षणों की मुश्किलों से घबरा जाते हैं।

ऐसे समय में व्यक्ति को प्रेरणादायक कहानी की जरूरत पड़ती है। क्योंकि ऐसी कहानियां लोगों में आत्मविश्वास जगाती हैं और बताती हैं कि जीवन में सफलता प्राप्त करना आसान नहीं।

लेकिन जो व्यक्ति स्वयं पर विश्वास रखता है, लगातार मेहनत करता है, धैर्य रखता है एक दिन निश्चित ही वह सफल होता है। दुनिया भर में कई सारी प्रेरणादायक कहानियां मौजूद हैं, जिससे आप प्रेरणा पा सकते हैं ऐसी ही यह प्रेरणादायक कहानी हैं, जिसे पढ़कर आपको स्वयं पर विश्वास होने लगेगा।

एक बार एक व्यक्ति जीवन में अपनी असफलताओं से हताश होकर चुपचाप बैठा हुआ था। उसकी निराशा देख भगवान स्वयं उसके सामने प्रकट हुए। उस व्यक्ति ने भगवान से पूछा मैंने अपने जीवन में बहुत कड़ी मेहनत की लेकिन मुझे अब तक सफलता नहीं मिली।

मैं लगातार असफलता प्राप्त करते जा रहा हूं अब आप बताइए कि मेरे जीवन की क्या कीमत है? इस पर भगवान मुस्कुराए और मुस्कुराते हुए उसे एक लाल चमकदार छोटा सा पत्थर थमा दिया।

व्यक्ति ने पूछा इस पत्थर का मैं क्या करूं? ईश्वर ने कहा तुम इस पत्थर को लेकर जाओ और बाजार में इसकी कीमत जान कर आओ। ध्यान रखना इस पत्थर को बेचना नहीं है। ईश्वर के कहे अनुसार वह व्यक्ति उस लाल चमकदार पत्थर को लेकर बाजार में उसकी कीमत ज्ञात करने निकल पड़ता है।

सबसे पहले उसे राह पर एक संतरा बेचने वाला आदमी दिखता है। वह सबसे पहले उस आदमी के पास जाता है और पूछता है भाई तुम इस लाल रंग के पत्थर का क्या कीमत दोगे?

संतरे वाला पत्थर की सुंदर रंगों को देख कहता है तुम इस पत्थर के बदले में मुझसे 5-6 संतरे ले जा सकते हो। व्यक्ति ने कहा कि मुझे तो इस पत्थर को बेचना नहीं है, यह कहकर वह आगे बढ़ जाता है।

आगे राह में उसे एक सब्जीवाला दिखता है। उस सब्जी वाले से पूछता है कि भाई तुम इस लाल रंग के पत्थर को कितने में खरीदोगे?

सब्जी वाला भी उस पत्थर की खूबसूरती से आकर्षित होकर कहता है कि तुम्हें इस पत्थर के बदले में मैं एक बोरा आलू दे सकता हूं। बताओ बेचोगे इस पत्थर को? व्यक्ति कहता है नहीं, मुझे इस पत्थर को नहीं बेचना है।

अब वह व्यक्ति सीधे एक सोनार की दुकान चला जाता है। सोनार के दुकान में बहुत बेशकीमती खूबसूरत गहने पड़े हुए थे।

वह व्यक्ति अब उस सोनार को पत्थर दिखाते हुए पूछता है कि इस पत्थर की कीमत क्या लगाओगे? सोनार बहुत ध्यान से उस पत्थर को देखता है अंत में वह कहता है कि इस पत्थर के बदले में मैं तुम्हें 1 करोड़ रुपए दे सकता हूं।

लेकिन वह व्यक्ति बोलता है कि मुझे इस पत्थर को नहीं बेचना। सोनार को लगता है कि शायद दाम कम बता रहा हूं इसीलिए वह पत्थर बेचने से मना कर रहा है।

इसीलिए सोनार पत्थर की कीमत बढ़ाकर 2 करोड़ कर देता है। लेकिन वह व्यक्ति तब भी यही कहता है कि मैं इस पत्थर को तो बेच ही नहीं सकता।

सोनार के दुकान से निकलकर वह व्यक्ति अब हीरे की दुकान में घुसता है, जहां पर बहुत बेशकीमती रत्न पड़े हुए थे। व्यक्ति हीरे के दुकानदार को पत्थर दिखाते हुए इसकी कीमत पूछता है।

हीरे का व्यापारी लगभग 10 मिनट तक पत्थर को बहुत ही बारिकता से जांच करता है और अंत में वह एक मलमल के कपड़े पर उस पत्थर को रखकर उसके सामने अपना सिर टेक लेता है।

व्यक्ति पूछता है कि इसकी कीमत कितनी है? तब हीरे का व्यापारी कहता है अरे भाई तुम्हें यह कहां से मिला, यह तो दुनिया की अनमोल रत्न है, जिसे तो दुनिया की पूरी दौलत लगा दो तब भी खरीदा नहीं जा सकता।

यह सुन वह व्यक्ति बहुत अचंभित हो जाता है और वह सीधे ईश्वर के पास आता है और सारी घटना भगवान को बताता है। उसके बाद पूछता है कि ईश्वर अब तो बताइए कि मेरे जीवन की कीमत क्या है? तब ईश्वर कहते हैं कि संतरे वाले, सब्जी वाले, सोनार वाले और हीरे वाले सभी ने तो तुम्हें तुम्हारे जीवन की कीमत बता दी है।

व्यक्ति कहता है मैं समझा नहीं। तब ईश्वर उसे विस्तारपूर्वक समझाते हुए कहते हैं कि तुम किसी के लिए पत्थर के टुकड़े के समान हो तो किसी के लिए अनमोल रत्न। जिस तरह सबने अपनी अलग-अलग जानकारी के हिसाब से इस पत्थर की कीमत बताई लेकिन उस हीरे के व्यापारी ने इस पत्थर की असली पहचान कर ली।

ठीक उसी तरह इस दुनिया में तुम कई लोगों के लिए एक मामूली इंसान हो भले ही तुम में कितना भी हुनर क्यों ना हो। लेकिन वक्त के साथ यह हुनर जरूर निखर कर आता है तुम्हें बस परिश्रम और धैर्य की जरूरत है।

सिख: इस कहानी से हमें यही सीख मिलता है कि हर मनुष्य को खुद पर विश्वास रखना चाहिए। यदि व्यक्ति को खुद पर विश्वास नहीं तो उसके जीवन की कीमत कुछ भी नहीं। क्योंकि जिसे खुद पर विश्वास होता है और वह परिश्रम करता है तो 1 दिन हीरे के व्यापारी के की तरह उसकी कीमत लोगों को समझ आने लगती है।

15+ बेहतरीन ज्ञानवर्धक प्रेरक प्रसंग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

वृद्ध महिला

जोधपुर की एक चर्चित दूकान पर लस्सी का ऑर्डर देकर हम सब दोस्त-यार आराम से बैठकर एक दूसरे की खिंचाई और हंसी-मजाक में लगे ही थे कि एक लगभग 75-80 वर्ष की बुजुर्ग महिला पैसे मांगते हुए मेरे सामने अपने हाथ फैलाकर खड़ी हो गई।

उनकी कमर झुकी हुई थी, चेहरे की झुर्रियों में भूख तैर रही थी। नेत्र भीतर को धंसे हुए किन्तु सजल थे। उनको देखकर मन मे न जाने क्या आया कि मैंने अपनी जेब से सिक्के निकालने के लिए डाला हुआ हाथ वापस खींचते हुए उनसे पूछ लिया।

“दादी जी लस्सी पियेंगे?”

मेरी इस बात पर दादी कम अचंभित हुईं और मेरे मित्र अधिक। क्योंकि अगर मैं उनको पैसे देता तो बस 5 या 10 रुपए ही देता लेकिन लस्सी तो 30 रुपए की एक है। इसलिए लस्सी पिलाने से मेरे गरीब हो जाने की और उस बूढ़ी दादी के द्वारा मुझे ठग कर अमीर हो जाने की संभावना बहुत कम बढ़ गई थी।

दादी ने सकुचाते हुए हामी भरी और अपने पास जो मांग कर जमा किए हुए 6-7 रुपए थे, वो अपने कांपते हाथों से मेरी ओर बढ़ाए। मुझे कुछ समझ नहीं आया तो मैंने उनसे पूछा –

“ये किस लिए?”

“इनको मिलाकर मेरी लस्सी के पैसे चुका देना बाबूजी!”

भावुक तो मैं उनको देखकर ही हो गया था…, रही बची कसर उनकी इस बात ने पूरी कर दी।

एकाएक मेरी आंखें छलछला आईं और भरभराए हुए गले से मैंने दुकान वाले से एक लस्सी बढ़ाने को कहा… उसने अपने पैसे वापस मुट्ठी मे बंद कर लिए और पास ही जमीन पर बैठ गई।

अब मुझे अपनी लाचारी का अनुभव हुआ क्योंकि मैं वहां पर मौजूद दुकानदार, अपने दोस्तों और कई अन्य ग्राहकों की वजह से उनको कुर्सी पर बैठने के लिए नहीं कह सका।

डर था कि कहीं कोई टोक ना दे… कहीं किसी को एक भीख मांगने वाली बूढ़ी महिला के उनके बराबर में बिठाए जाने पर आपत्ति न हो जाए… लेकिन वो कुर्सी जिस पर मैं बैठा था, मुझे काट रही थी…

लस्सी कुल्लड़ों मे भरकर हम सब मित्रों और बूढ़ी दादी के हाथों मे आते ही मैं अपना कुल्लड़ पकड़कर दादी के पास ही जमीन पर बैठ गया क्योंकि ऐसा करने के लिए तो मैं स्वतंत्र था…इससे किसी को आपत्ति नहीं हो सकती थी।

हां! मेरे दोस्तों ने मुझे एक पल को घूरा… लेकिन वो कुछ कहते उससे पहले ही दुकान के मालिक ने आगे बढ़कर दादी को उठाकर कुर्सी पर बैठा दिया और मेरी ओर मुस्कुराते हुए हाथ जोड़कर कहा-

“ऊपर बैठ जाइए साहब! मेरे यहां ग्राहक तो बहुत आते हैं किन्तु इंसान कभी-कभार ही आता है।”

अब सबके हाथों मे लस्सी के कुल्लड़ और होठों पर सहज मुस्कुराहट थी, बस एक वो दादी ही थी, जिनकी आंखों मे तृप्ति के आंसू, होंठों पर मलाई के कुछ अंश और दिल में सैकड़ों दुआएं थी।

न जानें क्यों जब कभी हमें 10-20 रुपए किसी भूखे गरीब को देने या उस पर खर्च करने होते हैं तो वो हमें बहुत ज्यादा लगते हैं। लेकिन सोचिए कि क्या वो चंद रुपए किसी के मन को तृप्त करने से अधिक कीमती हैं?

जब कभी अवसर मिले ऐसे दयापूर्ण और करुणामय काम करते रहें भले ही कोई आपका साथ दे या ना दे।

आप दूसरों को क्या दे रहे हैं (Motivational Story in Hindi for Students)

एक किसान हमेशा एक बेकरीवाले वाले को एक पौंड मक्खन बेचा करता था। वह किसान हमेशा सुबह के समय उस बेकरी वाले के पास आता और उसे एक पौंड मक्खन दे जाता। एक बार बेकरी वाले ने सोचा कि वह हमेशा उस पर भरोसा करके मक्खन ले लेता है। क्यों न आज मक्खन को तौला जाए?

इससे उसको पता चल सके कि उसे पूरा मक्खन मिल रहा है या नहीं?

जब बेकरीवाले ने मक्खन तौला तो मक्खन का वजन कुछ कम निकला। बेकरीवाले को गुस्सा आया और उसने उस किसान पर केस कर दिया। मामला अदालत तक पहुंच गया। उस किसान को जज के सामने पेश किया गया।

जज ने उस किसान से प्रश्न करना शुरू किया। जज ने पूछा कि वह उस मक्खन को तौलने के लिए बाट का प्रयोग करता है क्या?

किसान ने जवाब दिया “मेरे पास तौलने के लिए बाट तो नहीं है। फिर भी मक्खन तौल लेता हूं”

जज हैरानी से पूछता है “बिना बाट के तुम मक्खन कैसे तौलते हो?

इस जवाब किसान ने दिया कि “वह लम्बे समय से इस बेकरीवाले से एक पौंड ब्रेड का लोफ खरीदता है। हमेशा यह बेकरीवाला उसे देकर जाता है और मैं उतने ही वजन का उसे मक्खन तौल कर दे आता हूं।”

किसान का यह जवाब सुनकर बेकरीवाला हक्का बक्का रह गया।

शिक्षा: इस बेकरीवाले की तरह ही हम भी अपने जीवन में वो ही पाते हैं, जो हम दूसरों के देते हैं। एक बार आप सोचिये आप दूसरों को क्या दे रहे हैं धोखा, दुःख, ईमानदारी, झूठ या फिर वफा।

हर व्यक्ति का महत्व

एक बार एक विद्यालय में परीक्षा चल रही थी। सभी बच्चे अपनी तरफ से पूरी तैयारी करके आये थे। कक्षा का सबसे ज्यादा पढ़ने वाला और होशियार लड़का अपने पेपर की तैयारी को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त था। उसको सभी प्रश्नों के उत्तर आते थे, लेकिन जब उसने अंतिम प्रश्न देखा तो वह चिन्तित हो गया।

सबसे अंतिम प्रश्न में पूछा गया था कि “विद्यालय में ऐसा कौन व्यक्ति है, जो हमेशा सबसे पहले आता है?, वह जो भी है, उसका नाम बताइए।”

परीक्षा दे रहे सभी बच्चों के ध्यान में एक महिला आ रही थी। वही महिला जो सबसे पहले स्कूल में आकर स्कूल की साफ सफाई करती। पतली, सावलें रंग की और लम्बे कद की उस महिला की उम्र करीब 50 वर्ष के आसपास थी।

ये चेहरा वहां परीक्षा दे रहे सभी बच्चों के आगे घूम रहा था। लेकिन उस महिला का नाम कोई नहीं जानता था। इस सवाल के जवाब के रूप में कुछ बच्चों ने उसका रंग-रूप लिखा तो कुछ ने इस सवाल को ही छोड़ दिया।

परीक्षा समाप्त हुई और सभी बच्चों ने अपने अध्यापक से सवाल किया कि “इस महिला का हमारी पढ़ाई से क्या सम्बन्ध है।”

इस सवाल का अध्यापक जी ने बहुत ही सुन्दर जवाब दिया “ये सवाल हमने इसलिए पूछा था कि आपको यह अहसास हो जाये कि आपके आसपास ऐसे कई लोग हैं, जो महत्वपूर्ण कामों में लगे हुए है और आप उन्हें जानते तक नहीं। इसका मतलब आप जागरूक नहीं है।”

शिक्षा: हमारे आसपास की हर चीज, व्यक्ति का विशेष महत्व होता है, वह खास होता है। किसी को भी नजरअंदाज नहीं करें।

अपना हुनर कभी नहीं भूलें

एक बार एक राजा था। उसके राज्य में सभी अच्छे से चल रहा था। उस राजा ने अपने सैनिकों को बढ़ाने के लिए बहुत मेहनत की थी।

तलवारबाजी, खेलकूद और शासन कला ये गुण तो सभी राजाओं में होते ही है लेकिन इस राजा को इसके अलावा एक और भी शौक था। वह था कालीन बुनना।

ये गुण हर किसी राजाओं में नहीं मिलता। राजा के इस काम को बहुत पसंद किया जाता था। लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा जाता था कि ये काम एक राजा के लायक का नहीं होता।

एक बार की बात है जब वह राजा अपने सैनिकों के साथ जंगल में शिकार के लिए गया। वहां पर अचानक वह अपने सैनिकों से बिछड़ गया।

राजा को अकेला देख वहां के डाकुओं ने उस पर हमला बोल दिया और उसे बंदी बना दिया। राजा के पास से कुछ नहीं मिलने के कारण डाकुओं ने राजा को मारने का निर्णय किया।

इस पर राजा को एक युक्ति सूझी “राजा ने डाकुओं से कहा कि यदि तुम मुझे कालीन बुनने का सामान ला दो तो मैं तुम्हे इस राज्य के राजा से सौ सोने के सिक्के दिलवाऊंगा।”

इस पर डाकू मान गये। राजा को कालीन बुनने का सामान दिया गया। राजा ने कालीन बुनना शुरू किया। जब ये कालीन पूरा बुन दिया तो इसे राजभवन में भेजा गया।

वहां पर रानी इस कालीन को देखकर राजा के काम को पहचान गई और उसमें लिखे राजा के सन्देश को पढ़ लिया। राजभवन में आये डाकुओं को पकड़ लिया गया और राजा को जंगल से छुड़वाया गया।

राजा के अपने हाथों के इस हुनर ने राजा की जान बचा ली।

जीवन का प्रशिक्षण

बाज पक्षी के बचपन की शुरूआत बहुत ही मुश्किल से होती है। बाज पक्षी को बचपन में ही ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे वह अपने जीवन में बड़ी-बड़ी मुश्किलों से भी आसानी से सामना कर पाते हैं।

जब किसी भी पक्षी का बच्चा पैदा होता है तो वह कम से कम एक महीने तक तो अपने माता-पिता पर निर्भर रहता ही है। वह अपने खाने-पीने से लेकर जब तक चलना नहीं सीख जाता, तब तक वह अपने माता पिता की नजर में रहता है। लेकिन बाज पक्षियों में ऐसा नहीं होता है।

बाज पक्षी सबसे उल्टा चलते हैं। जब एक बाज मादा अपने बच्चे को जन्म देती है तो उस समय से ही उसके बच्चे की ट्रेनिंग शुरू हो जाती है कि उसे अपने जीवन में कैसे संघर्ष करना है। पैदा होने के कुछ ही दिन बाद बाज के बच्चे का प्रशिक्षण शुरू हो जाता है।

उसके प्रशिक्षण के पहले पड़ाव में मादा बाज अपने बच्चे को चलना सिखाती है। जब बच्चा भूखा होता है तो उसकी मां खाना लाती है। जैसा कि सभी पक्षी करते हैं। लेकिन बाज सीधा अपने बच्चे को खाना नहीं देते।

मादा बाज खाना लाकर अपने घोंसले से कुछ दूरी पर खड़ी रह जाती है और तब तक उसे खाना नहीं देती जब तक वह खुद चलकर उसके पास नहीं आ जाता।

जब बाज के बच्चे को तेज भूख लगती है तो वह खाने के लिए अपनी मां के पास जाता है। धीरे-धीरे संघर्ष करके मुश्किल से चलकर अपनी मां के पास पहुंचता है। उस समय उसे कई सारी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है। उसे कई चोटें भी लगती है।

लेकिन उसकी मां उसे खाना तक तक नहीं देती, जब तक वह खुद उसके पास चलकर नहीं आ जाता। उसकी मां कठोर दिल रखकर सिर्फ उसके पास आने का इंतजार करती है। उसे कोई मदद नहीं करती है।

जब वह चलना सीख जाता है तो दूसरा पड़ाव आता है। यह पड़ाव उसके लिए बहुत ही मुश्किल होता है। इसमें मादा बाज अपने बच्चे को अपने पंजों में पकड़कर उसे खुले आसमान में ले उड़ती है। अपने बच्चे को पंजों में दबाकर वह लगभग 12 से 14 किलोमीटर ऊपर तक ले जाती है और वहां से उसे छोड़ देती है।

तब वह बच्चा नीचे गिरने लगता है और वह उसे देखती है। जब उसका बच्चा 1 या 1.5 किलोमीटर तो बच्चे को डर लगने लगता है कि वह अब मर जायेगा और अपने पंख फड़फड़ाने लगता है, उड़ने की पूरी कोशिश करता है।

फिर भी वह उड़ नहीं पाता तो मादा बाज उसे झट से आकाश में ही पंजों में पकड़ लेती है और उसे जमीन पर गिरा देती है।

ऐसा उसकी मां तब तक करती हैं जब तक वह पूरी तरह से उड़ना नहीं सीख जाता। इस प्रकार से एक बाज के बचपन की शुरूआत होती है और उसे इस कठिन प्रशिक्षण को करना पड़ता है। इस कठिन प्रशिक्षण से वह अपने जीवन में बहुत कुछ सीखता है।

इसके कारण ही वह अपने से दुगुना वजनी का भी आसानी से शिकार कर सकता है और उसे आसमान में ले उड़ता हैं। इस प्रशिक्षण से वह मजबूत और शक्तिशाली हो जाता है।

हमें बाज के इस प्रशिक्षण से जीवन में बड़ी सीख मिलती है। हर व्यक्ति, जानवर या पक्षी अपने बच्चों से बहुत प्यार करता है। इसका मतलब ये नहीं कि वह उसे अपने पर ही निर्भर रहने दें।

उसे जिन्दगी में मुश्किलों का सामना करना भी सिखाएं, जिसके कारण वह अपनी प्रतिभा दिखा सके और अपने एक बेहतर व्यक्तित्व कायम कर सके।

हमेशा अपने बच्चों को ये ही सिखाये कि जिन्दगी का दूसरा नाम ही संघर्ष है। अपने जीवन में यदि कुछ भी हासिल करना है तो संघर्ष करना ही पड़ेगा।

मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियां पढ़ने के लिए यहां  क्लिक करें।

सफ़लता रिश्तों से मिलती हैं

हमारे जीवन में हमें अपने माता पिता बहुत काम करने से रोकते हैं कि तुम ये नहीं करोगे, तुम वहां पर नहीं जाओगे, तुम्हे ये ही करना पड़ेगा। हमें कई काम करने से रोकते हैं।

क्या आपको लगता है कि वो हमें रोककर गलत कर रहे हैं? क्या इनके रोकने से हम सफ़ल नहीं हो रहे है? यदि आप यह सोचते हैं तो आपको यह प्रेरणादायक कहानी जरूर पढ़नी चाहिए।

एक बार एक व्यक्ति और उसका बेटा दोनों अपने घर की छत पर पतंग उड़ा रहे थे। पतंग बहुत ही ऊंची उड़ रही थी, वो बादलों को छू रही थी। तब उसका बेटा उस व्यक्ति से कहता है कि पापा ये पतंग इस डोर से बंधी हुई है, जिस कारण और ऊंची नहीं जा रही है। इस डोर को तोड़ देना चाहिए।

बेटे की ये बात सुनकर उसका पिता उसके कहने पर वो डोर तोड़ देता है। उसका बेटा बहुत खुश होता है। वह पतंग टूट जाने से बहुत ऊंचाई पर पहुंच जाती है। लेकिन फिर कुछ समय बाद वह कहीं दूर जाकर खुद ही नीचे गिर जाती है।

ये देख उस व्यक्ति का बेटा उदास हो जाता है। फिर वह व्यक्ति उसे कहता है कि अक्सर हमें लगता है कि हम जिस ऊंचाइयों पर है उस ऊंचाई से और भी ऊपर जाने से कुछ चीजें हमें रोक रही है।

जैसे हमारा अनुशासन, रिश्ते, माता-पिता और परिवार। इसकी वजह से हमें लगता है कि हम अपने जीवन में इस कारण ही सफ़ल नहीं हो रहे हैं। इन सब से हमें आजाद हो जाना चाहिए।

जैसा कि पतंग अपनी डोर से बंधे हुए रहती है और उस डोर की मदद से वह कई ऊंचाइयों को छू लेती है। उसी तरह हम भी अपने परिवार और रिश्तेदारों से बंधे हुए है।

यदि हम इस धागे से जुड़े हुए रहेंगे तो कई ऊंचाइयों को छू लेंगे। लेकिन यदि हम इस धागे तो तोड़ देंगे तो ठीक इसी पतंग की तरह कुछ समय तक ही सफ़लता से उड़ पाएंगे। अंत में नीचे गिरकर ही रहेंगे।

ये पतंग जब तक नई ऊंचाइयों को हासिल करेगी तब तक वह अपनी डोर से बंधी हुई है। लेकिन जब पतंग अपनी डोर से मुक्त हो जाती है तो वह कुछ समय में ही नीचे गिर जाती है।

उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में रिश्तों की डोर से बंधे हुए रहना चाहिए। जिससे हम अपने जीवन में नई ऊंचाईयां हमेशा हासिल करते रहे।

विशाल हाथी और पतली रस्सी

एक बार की बात है। एक आदमी किसी रास्ते से निकल रहा था। तब उसने एक विशाल हाथी को देखा, जो एक पतली सी रस्सी और पतली सी खूंटी से बंधा हुआ था।

ये देखकर व्यक्ति को बहुत आश्चर्य हुआ। उसने सोचा कि ये हाथी इतना विशाल होने के बावजूद भी इस पतली रस्सी को नहीं तोड़ सकता है और इससे बंधा हुआ है।

तभी वहां पर हाथी का मालिक आ जाता है। वह व्यक्ति हाथी के मालिक से पूछता है “ये हाथी इतना विशाल और शक्तिशाली है” फिर भी ये इतनी कमजोर और पतली रस्सी से बंधा हुआ है। इसे तोड़ने की कोशिश भी नहीं कर रहा है।

मालिक ने कहा कि जब ये हाथी छोटा था तब से मैं इसे इसी जगह और इसी रस्सी से बांध रहा हूं। जब ये छोटा था तो उसने बहुत बार इस रस्सी को तोड़ने और इस खूंटे को उखाड़ने की कोशिश की थी।

लेकिन ये इसे तोड़ने में सफ़ल नहीं हो सका था। क्योंकि जब ये छोटा था और ये काम नहीं कर सका था। तब उसके मन में ये विश्वास हो गया कि ये रस्सी बहुत मजबूत है और ये इसे नहीं तोड़ सकता।

अब इसके मन में रस्सी मजबूत है, ये बात बैठ गई है और इसने रस्सी और खूंटी को तोड़ने की कोशिश करनी भी छोड़ दी है।

आज ये हाथी इतना विशाल और शक्तिशाली है, चाहे जिसे तोड़ सकता है। लेकिन इसके मन में ये विश्वास हो गया है कि ये इस रस्सी को नहीं तोड़ सकता। इसलिए ये इस रस्सी को तोड़ने की कोशिश भी नहीं करता। इस कारण ही ये विशाल हाथी इस पतली सी रस्सी से बंधा हुआ है।

हाथी की तरह हम भी अपने जीवन में किसी काम के नहीं होने का मन में विश्वास बना लेते हैं तो हम उस काम को करने की कोशिश भी नहीं करते हैं। जबकि दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है जो मनुष्य नहीं कर सकता है। कोई भी व्यक्ति कोई भी काम कर सकता है।

जैसा कि हाथी के मन में विश्वास हो गया था कि ये नहीं कर सकता। इस कारण उसने कोशिश करनी भी छोड़ दी। हमें किसी काम को करने से पहले ही हार नहीं माननी चाहिए। उसे करने की कोशिश जरूर करनी चाहिए।

ख़ुशी का राज

एक बार की बात है। एक गांव में एक महान ऋषि रहता था। उस गांव के लोग उस ऋषि का बहुत ही सम्मान करते थे। गांव के सभी लोग जब भी कोई समस्या में होते तो वे ऋषि उस समस्या का हल जरूर बताते।

सभी गांव वाले उस ऋषि से बहुत प्रशन थे। हर बार कोई नई समस्या लेकर उस ऋषि के पास आते और महान ऋषि उस समस्या का हल बतात्ते।

एक बार एक व्यक्ति उस ऋषि के पास एक सवाल लेकर आया और ऋषि से पूछा कि गुरू जी मैं एक प्रशन पूछना चाहता हूं। तो ऋषि ने कहा पूछो तुम्हारा क्या प्रशन है।

तो वह व्यक्ति कहता है “मैं खुश कैसे रह सकता हूं मेरी ख़ुशी का राज क्या है?” तभी ऋषि ने जवाब दिया कि इसका जवाब पाने के लिए तुम्हे मेरे साथ जंगल में चलना होगा।

कुछ समय बाद वह व्यक्ति ख़ुशी का राज जानने के लिए ऋषि के साथ जंगल में जाने के लिए निकल लेता है और दोनों जंगल में जाते हैं। तभी रास्ते में एक बड़ा पत्थर आता है और ऋषि उस पत्थर को अपने साथ लेने के लिए उस व्यक्ति को कहते है। वह व्यक्ति ऋषि के आदेश को मानते हुए उस पत्थर को अपने हाथों में उठा लेता है।

कुछ समय बाद उस व्यक्ति को उस भरी पत्थर से हल्का दर्द होने लग जाता है। वह व्यक्ति इस दर्द को सहन कर लेता और चलता रहता है।

काफी समय तक वह व्यक्ति उस दर्द को सहन कर लेता है। लेकिन जब उसे दर्द ज्यादा होने लगता है तो वह महान ऋषि से कहता है कि मुझे दर्द हो रहा है और मैं थक गया हूं।

तभी ऋषि कहते हैं कि इसे नीचे रख दो। वह व्यक्ति पत्थर को नीचे रखता है और उसे राहत मिलती है। फिर मुनि कहते हैं कि ये ही तुम्हारी ख़ुशी का राज है। वह व्यक्ति वापस पूछता है कि गुरू मैं कुछ समझा नहीं।

फिर ऋषि वापस उस व्यक्ति को जवाब देते हैं कि जिस तरह तुमने इस भारी पत्थर को 10 मिनिट के लिए उठाकर रखा तो तुम्हे थोड़ा दर्द हुआ। 20 मिनिट तक उठाया तो उससे ज्यादा और अधिक समय तक उठाकर रखा तो ज्यादा दर्द होने लगा।

ठीक उसी प्रकार जितनी देर तक हम अपने पर दुखों का बोझ लिए फिरेंगे हमें ख़ुशी नहीं मिलेगी। निराशा ही मिलती रहेगी। हमारी ख़ुशी का राज सिर्फ इस पर निर्भर करता है कि हम कितनी देर तक दुखों का बोझ अपने ऊपर रखते हैं।

यदि तुम्हे अपने जीवन में खुश रहना है तो कभी अपने ऊपर दुःख को हावी होने मत दो। दुःख इस भारी पत्थर की तरह है जिसे हम जितना रखेंगे उतना ही हमें दर्द और कष्ट देता रहेगा।

भगवान पर भरोसा – All is Well (Motivational Short Story in Hindi)

क्या अपने कभी ये महसूस किया है कि आपके चारों ओर समस्याएं ही है और आप इनसे बच नहीं सकते और आपको हार माननी ही पड़ेगी। इस Motivational in Hindi Story में हम आपको ये ही बतायेंगे कि आपको ऐसी परिस्तिथि में क्या करना चाहिए।

एक बार की बात है। शाम का समय था। जंगल में काली घटाएं छाई हुई थी। काली घटाओं के कारण जंगल में बिजली गिर गई थी और जंगल में आग लग गई थी।

उस जंगल में एक सुनहरे बालों की बहुत सुंदर हिरणी रहती थी। वह शाम को एक नदी किनारे पानी पीने के लिए आई। उस समय उसने नदी के अन्दर अपनी चिंता भरी परछाई देखी। उसके चेहरे पर चिंता दिख रही थी। क्योंकि जंगल की आग में उसका घर जल चुका था और उसे अपने बच्चों को जन्म देना था।

वह हिरणी तीन महीने से प्रेग्नेंट थी और उसे प्रसूति का दर्द भी होने लगा था। तभी उस हिरणी ने सोचा कि वह अपने बच्चों को जन्म इस नदी के किनारे ही कहीं अच्छी जगह पर दे दें।

अचानक से हिरणी को नदी के किनारे झाड़ियों में से कुछ आहट सुनाई दी। तभी उसने अपनी तिरछी नजर से उस झाड़ियों की ओर देखा तो उसे एक परछाई दिखाई दी।

उस झाड़ियों में एक शिकारी शिकार करने के लिए अपनी बन्दुक में गोलियां भर रहा था। वह उस हिरणी का शिकार करने की सोच रहा था ।

हिरणी पहले से ही बहुत घबराई हुई थी और उस शिकारी को देखकर और घबरा गई। हिरणी ने मन ही मन में वहां से धीरे से भागने की सोची। जैसे ही वह भागने लगी तो उसने अपने सामने अपनी मौत को खड़े हुए देखा। उसके सामने एक खूंखार शेर खड़ा था। वह शेर भी उस हिरणी को अपना शिकार बनाने की सोच रहा था।

हिरनी ने चारों तरफ देखा जिसमें एक तरह वह शिकारी, दूसरी तरफ शेर, तीसरी तरफ जंगल की आग और चौथी तरफ वह नदी हिरणी चारों तरफ से घिर चुकी थी।

उसने मन ही मन सोचा इस नदी को पार करना उसके बस की बात नहीं। पीछे जंगल की आग है। एक तरफ शिकारी उसका शिकार करेगा और एक तरफ शेर उसे अपना भोजन बनाएगा।

हिरणी ने बहुत सोचा अपनी जान बचाने के लिए। लेकिन कोई रास्ता नहीं मिला। फिर हिरणी ने मन ही मन सोचा कि मरना ही है तो डरना किस बात से। मौत चारों तरफ है। अब तो शान से मरेंगे। मानो उस हिरणी का दिमाग सटक गया था।

ऐसा सोच कर हिरणी सीना तानकर शिकारी के सामने खाड़ी हो गई और आंखें बंद करके भगवान से इस जीवन के लिए शुक्रिया करने लगी और जीवनदान मांगने लगी।

तभी शिकारी अपनी बन्दुक में गोलियां भर चुका था और वह बन्दुक को हिरणी की तरफ करके कंधे पर बन्दुक रख कर हिरणी को निशाना बना ही रहा था कि एक अजीब सी घटना वहां पर घटी।

जंगल की आग से एक चिंगरी उछली और वह चिंगारी शिकारी की आंख पर आ लगी, वह शिकारी अंधा हो गया। शिकारी का निशाना हिरणी की ओर से चुक गया और शेर की और घूम गया शेर वहीं पर घायल हो गया और वहीं गिर गया।

बिजली की गर्जना के साथ वहां पर बूंदों के रूप में बारिश होनी शुरू हो गई। बारिश होने से मौसम बहुत ही सुहावना हो गया और जंगल में लगी आग भी बारिश के कारण बंद हो गई। इस सुहावने मौसम में हिरणी ने तीन बच्चों को जन्म दिया।

इस Inspire Story Hindi से हमें अपने जीवन में ये सीख लेनी चाहिए कि हमें कभी अपने जीवन में परेशानियों से पीछे नहीं हटना चाहिए। समस्या तो हमारे जीवन में आएगी, इसका मुकाबला करना चाहिए न कि इससे डरना चाहिए। खुल कर समस्याओं का सामना करें और भगवान पर भरोसा करें। भगवान सबका भला ही करता है।

इन्सान की पहचान वाणी से होती है

एक बार की बात है। एक राज्य का राजा था। उसे शिकार करने का बहुत ही शौक था। एक दिन वह राजा अपने सरदार और कुछ सैनिकों के साथ शिकार के लिए जंगल की ओर निकला। वह काफी दूर तक शिकार की खोज में चले गये।

ज्यादा दूर तक चलने से सभी को प्यास लगने लगी। सभी ने जंगल में पानी खोजना शुरू किया। फिर एक सैनिक को रास्ते पर एक कुआं दिखाई दिया। सैनिक ने राजा को यह बताया कि वहां पर एक कुआं है, जहां से हम अपनी प्यास को शांत कर सकते हैं।

राजा ने उस सैनिक को आदेश दिया कि वहां से उसके लिए पानी लाएं। सैनिक राजा के आदेश की पालना करते हुए उस कुएं के पास गया।

वहां पर सैनिक ने देखा कि एक नेत्रहीन वृद्ध व्यक्ति रास्ते से जाने वाले लोगों की जलसेवा कर रहा है। सैनिक उस नेत्रहीन वृद्ध व्यक्ति के पास गया और बोला “ऐ पनिहारे एक लोटा पानी दे, हमें कहीं आगे जाना हैं।”

ये सुनकर उस वृद्ध व्यक्ति ने जवाब दिया “यहां से चला जा मुर्ख, मैं ऐसे लोगों को पानी नहीं पिलाता।” ये सुनकर सैनिक तुरंत वहां से चला गया। ये बात सैनिक ने राजा के सरदार को जाकर बताई।

फिर सरदार उस नेत्रहीन वृद्ध व्यक्ति के पास गया और कहा “ऐ बूढ़े, हमें प्यास लगी है, एक लौटा पानी दे।” ये सुनकर उस नेत्रहीन वृद्ध व्यक्ति ने फिर पानी पिलाने से मना कर दिया।

राजा की प्यास बढ़ती ही जा रही थी। राजा ने अपने सरदार से पानी के बारे में पूछा तो सरदार ने राजा से कहा कि उस कुएं पर एक नेत्रहीन व्यक्ति है जो पानी पीने से मना कर रहा है।

ये सुनकर राजा अपने सैनिक और सरदार के साथ उस नेत्रहीन वृद्ध व्यक्ति के पास जाता है और उस वृद्ध व्यक्ति से कहता है “बाबा जी, हमें बहुत प्यास लगी है, गला सुखा जा रहा है। यदि आप थोड़ा पानी पिला देंगे तो आपकी बहुत बड़ी कृपा होगी।”

ये सुनकर उस नेत्रहीन व्यक्ति ने राजा से कहा “आप बैठिये, मैं आपको अभी जल पिलाता हूं।” फिर उस वृद्ध व्यक्ति ने सम्मानपूर्वक राजा को बैठाया और पानी पिलाया। पानी पीने के बाद राजा ने उस वृद्ध व्यक्ति से पूछा कि “आपको कैसे पता चला कि ये सैनिक व सरदार है और राजा मैं हूं”।

तो इसका जवाब उस वृद्ध व्यक्ति ने बहुत ही अच्छे शब्दों में दिया। वृद्ध व्यक्ति ने कहा “इन्सान की पहचान करने के लिए आंखों की जरूरत नहीं होती, उसकी वाणी ही उसकी असली पहचान होती है।”

ये सुनकर वहां पर मौजूद सरदार व उस सैनिक को शर्म महसूस हुई।

इस Motivational Story in Hindi से हमें ये प्रेरणा मिलती है कि जीवन में वाणी के से बढ़कर कुछ नहीं होता। यदि हमारे पास अच्छी वाणी और बोलने का तरीका होगा तो हम अपने जीवन में वो सब हासिल कर सकते हैं जो हम चाहते हैं।

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर की गई यह बेस्ट मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी (Short Motivational Story in Hindi) पसंद आई होगी।

आप इन मोटिवेशन कहानियों को आगे शेयर जरूर करें ताकि और लोगों को भी इन प्रेरणादायक कहानियों से जीवन में कुछ करने की प्रेरणा मिल सके।

अन्य कहानी संग्रह

Rahul Singh Tanwar

Related Posts

Comments (4).

You write very good motivational stories, it was great to read these stories, thank you from the bottom of my heart, you keep reaching us such motivational stories.

amazing motivational stories. i haope you will share more stories like that.

Nice motivation full jos

yes, you is right. All student have to study these types of motivational stories one time in a week.

Leave a Comment जवाब रद्द करें

सभी 17 सतत विकास लक्ष्य की सूची | List Of SDG goals in Hindi

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सभी 17 सतत विकास लक्ष्य की सूची (List Of SDG goals in Hindi), महत्वपूर्ण प्रश्न के साथ पूरी जानकारी दी गई है, जिसे जरूर पढ़ें |

सतत विकास लक्ष्य क्या है ?

पूरे विश्व के सभी देशों के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ( UNGA ) ने सितंबर 2015 में अगले 15 साल के लिए 17 लक्ष्य (Goals) तय किए गए, जिनको 2016 से 2030 की अवधि में हासिल करने का निर्णय लिया गया, इन्हें सतत विकास लक्ष्य (SDG) कहां जाता है | 17 सतत विकास लक्ष्य से संबंधित 169 उद्देश्य शामिल हैं |

सतत विकास लक्ष्य के वैश्विक लक्ष्य में गरीबी खत्म करना, पर्यावरण की रक्षा, आर्थिक असमानता को दूर करना और सभी के लिए शांति और न्याय सुनिश्चित करना, आदि शामिल है |

2015 में सहस्राब्दी विकास लक्ष्य समाप्त हो गए थे और इनके स्थान पर संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने का फैसला लिया गया | इसमें अल्प विकसित, विकासशील और विकसित सभी देशों को यह 17 लक्ष्य को हासिल करना है |

इस बैठक में UNO के सभी 193 देशों ने हिस्सा लिया और इसकी थीम थी – “Transforming our world: The 2030 Agenda for sustainable Development”

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इस टॉपिक से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए आपको नीचे दी गई लिस्ट को अच्छे से याद करना है |

इस Topic के साथ सामान्य ज्ञान (Statics GK, Polity, Geography, History, Current Affairs) के सभी टॉपिक की उपलब्ध हैं |

List Of SDG goals in Hindi

17 सतत विकास लक्ष्य की सूची

SDG – 1गरीबी समाप्त करना
SDG – 2भुखमरी की समाप्ति
SDG – 3अच्छा स्वास्थ्य और जीवन स्तर
SDG – 4गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
SDG – 5लैंगिक समानता
SDG – 6साफ पानी और स्वच्छता
SDG – 7सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा
SDG – 8अच्छा काम और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
SDG – 9उद्योग नवाचार और बुनियादी ढांचे का विकास
SDG – 10असमानता को समाप्त करना
SDG – 11समावेशी शहरी और सामुदायिक विकास
SDG – 12जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन
SDG – 13जलवायु परिवर्तन
SDG – 14महासागरों, समुद्रों और समुद्री जल संसाधनों का संरक्षण
SDG – 15भूमि पर जीवन परिस्थितिकी तंत्र का सतत उपयोग
SDG – 16शांतिपूर्ण और समावेशी समाज को बढ़ावा और सभी तक न्याय की पहुंच
SDG – 17लक्ष्य प्राप्ति में सामुदायिक सामूहिक साझेदारी

सतत विकास लक्ष्यों से संबंधित प्रश्न

कुल कितने सतत विकास लक्ष्य हैं ?

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा कुल 17 सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिनको 2030 तक हासिल करना है |

पहला सतत विकास लक्ष्य कौन सा है ?

पहला सतत विकास लक्ष्य गरीबी को समाप्त करना है | दुनिया भर के सभी लोगों की अत्यधिक गरीबी को समाप्त करना इसका प्रमुख लक्ष्य हैं | जिन व्यक्तियों की प्रतिदिन $1.25 से कम आए हैं उन्हें गरीब माना गया है |

SDG का लक्ष्य वर्ष कौन सा है ?

SDG का लक्ष्य वर्ष 2030 तक सभी 17 लक्ष्यों को हासिल करना है |

SDG Full Form क्या है ?

SDG Full Form – Sustainable Development Goal . SDG का हिंदी में पूरा नाम सतत विकास लक्ष्य है |

एसडीजी लक्ष्यों की प्रगति के लिए प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासचिव एक वार्षिक SDG प्रगति रिपोर्ट (Progress Report) प्रस्तुत करते हैं, जो इसके अलावा वैश्विक सतत विकास रिपोर्ट हर 4 साल में एक बार महासभा में पेश की जाती हैं |

यह भी जरूर पढ़ें –

  • प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार
  • प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन
  • भूगोल के सभी टॉपिक
  • Statics GK के सभी टॉपिक

अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हैं, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और नए अपडेट के लिए हमारे Telegram Channel से भी जुड़े |

इस Topic  की PDF उपलब्ध है , यहाँ से डाउनलोड करें  👇️

Download Now (सभी Topics की)

short essay on goals in hindi

Naresh Kumar

Naresh Kumar is Founder & Author Of EXAM TAK. Specialist in GK & Current Issue. Provide Content For All Students & Prepare for UPSC.

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Best GK  और Current Affairs के लिए👇️

SUBSCRIBE YouTube || Join Telegram

short essay on goals in hindi

45,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Meet top uk universities from the comfort of your home, here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

short essay on goals in hindi

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

short essay on goals in hindi

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

Leverage Edu

  • School Education /

Short and Long Essay on Hindi Diwas

short essay on goals in hindi

  • Updated on  
  • Sep 12, 2024

Essay on Hindi Diwas

Have you ever heard of the Hindi Diwas? This day holds significance in the Indian calendar. Hindi is one of the most commonly spoken languages in India. This language is honoured with an annual celebration known as ‘Hindi Diwas’ or ‘Hindi Day’ on September 14th in India. On the global platform, World Hindi Day is celebrated on 10 January every year. In this blog, we will look at some sample essays on Hindi Diwas, as well as a few facts about it. Continue reading this blog to learn more.

Table of Contents

  • 1 Long Essay on Hindi Diwas (500 words)
  • 2 Short Essay on Hindi Diwas (250 words)
  • 3 Facts About Hindi Diwas

Long Essay on Hindi Diwas (500 words)

Hindi Diwas is celebrated every year on September 14th. On this day in 1949, the Constituent Assembly of India adopted Hindi in the Devnagari script as the official language of independent India. The decision to make Hindi the official language of India originated from an aim to create a language that could be used as a medium of communication across multiple regions. Hindi’s historical roots are in Sanskrit, making it important to the majority of the Indian population.

However, this decision also faced severe opposition Several southern states have expressed concern about Hindi dominance, believing that it will marginalise their native languages. As a result, English was chosen as an associate official language, alongside Hindi. Hindi Diwas serves a various purpose, such as honouring the richness of the Hindi language, as one of the most spoken languages in the world. More than 40% of India’s population speaks Hindi, making it an important tool for communication. Celebrating Hindi Diwas honours the language’s cultural and historical significance, reminding people of its role in Indian identity and legacy.

Hindi Diwas also promotes the use of Hindi in everyday activities while focusing on the need to preserve and promote national heritage. Several government departments, educational institutions and cultural organisations organise events to promote the use of Hindi in writing, speaking and administration. Hindi Diwas is an effort to inspire the new generation to respect this language. In an era dominated by global languages like English, it is important to seek pride in our country’s language. Hindi Diwas motivates and promotes people to reconnect with their linguistic heritage. On this day, several schools and universities organise essay writing competitions and cultural programs in Hindi to encourage the use of the language.

Hindi is a widely spoken language, but its future in a globalised world offers both challenges and opportunities. Globalisation has resulted in a greater use of English, while Hindi continues to flourish in literature, cinema, television and digital media. In recent years, several initiatives have been made to promote Hindi on a global level. Many countries currently teach Hindi as a subject in their educational institutions, showing an effort to keep the language alive.

Hindi Diwas is a day dedicated to celebrating the rich cultural legacy of the Hindi language. In a multilingual country like India, Hindi continues to link millions and maintain a feeling of national identity.

Also Read: Essay on Indian Independence Day in English

Short Essay on Hindi Diwas (250 words)

Hindi Diwas is celebrated on September 14th to remember the day it was adopted as India’s official language. Hindi which is written in the Devanagari script, was recognised as the official language of India in 1949 due to its widespread use all over India. The decision to declare Hindi as the official language was made in order to promote unity and national identity.

Hindi Diwas is an important event in the calendar of India since it promotes the use and preservation of the Hindi language. More than 40% of India’s population speaks Hindi, highlighting the language’s cultural richness. Hindi is a Sanskrit-based language written in the Devanagari script. This day celebrates the richness of Hindi across schools, colleges and government institutions. Various schools and colleges organise essay competitions, debates and cultural performances in Hindi to encourage future generations to respect the language. 

However, Hindi has faced challenges when achieving the status of official language, especially in non-Hindi-speaking states. People were concerned that Hindi would dominate their native language, which sparked opposition. As a result, English was also designated as an associate official language, along with Hindi. It established a balance between regional and national languages. Hindi Diwas is a celebration of India’s linguistic diversity as well as a reminder of the language’s cultural and historical importance.

Also Read: Essay on Women’s Day in 200 and 500 words

Facts About Hindi Diwas

Here we have given some interesting facts about the Hindi Diwas which will enhance your understanding more on this topic.

  • Hindi Diwas is celebrated annually on September 14th to honour the contributions of Beohar Rajendra Simha, a Hindi scholar whose birthday falls on this day. He played an important role in making Hindi the official language of India.
  • On Hindi Diwas, the President of India gives Rajbhasha Awards to ministries for their outstanding efforts to promote Hindi.
  • Hindi is spoken in various countries around the world, including Nepal, Mauritius, Fiji, Suriname, Guyana and Trinidad and Tobago.
  • Hindi is the world’s third most spoken language, following English and Mandarin.
  • The first World Hindi Conference was held on January 10, 1975, in Nagpur, India.
  • Hindi has a major influence on the Bollywood legacy.
  • Hindi is the official language of 12 Indian states and union territories.
  • Hindi has various dialects in different parts of India. Some of these dialects include Bhojpuri, Awadhi, Braj, Haryanvi and Khari Boli.
  • The first Hindi newspaper, Udant Martand (The Rising Sun), was published on May 30, 1826, in Calcutta.
  • Several foreign universities, including Oxford, Cambridge, Harvard and Tokyo University, offer Hindi language courses.

World Hindi Day is celebrated on 10th January every year. It promotes and recognizes the Hindi language on a global level.

The first Hindi newspaper was Udant Martand (The Rising Sun), which was published on May 30, 1826.

Beohar Rajendra Simha was a Hindi scholar who played a key role in recognizing Hindi as the official language. To honour him, we celebrate Hindi DIwas on his birthday on 14th September.

Popular Essay Topics




For more information on such interesting topics, visit our essay writing page and follow Leverage Edu.  

' src=

Bhumika Sharma

A writer with a fresh perspective on thoughts, I have an year of experience in writing the blogs on various topics. Here, you will find my blogs for the students and education purpose.

Leave a Reply Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Contact no. *

short essay on goals in hindi

Connect With Us

45,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

short essay on goals in hindi

Resend OTP in

short essay on goals in hindi

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

January 2024

September 2024

What is your budget to study abroad?

short essay on goals in hindi

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

Have something on your mind?

short essay on goals in hindi

Make your study abroad dream a reality in January 2022 with

short essay on goals in hindi

India's Biggest Virtual University Fair

short essay on goals in hindi

Essex Direct Admission Day

Why attend .

short essay on goals in hindi

Don't Miss Out

  • फॉन्‍ट बदलें A A
  • Change Language हिंदी | Hindi বাঙালি | Bengali தமிழ் | Tamil
  • डार्क थीम लाइट थीम
  • मराठी बातम्या
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्य प्रदेश
  • टीवी पर क्या देखें
  • #ग्रेटर कैलाश में फायरिंग
  • #मेट्रो से जुड़ी बड़ी खबर
  • #ट्रंप बनाम कमला

Hindi Diwas Essay: स्कूल में लिखने के लिए सबसे अच्छा है हिंदी दिवस का यह निबंध, बच्चों को जरूर पढ़ना चाहिए एकबार 

Hindi diwas short essay: बच्चों को विद्यालय के लिए हिंदी दिवस का निबंध लिखना हो या भाषण तैयार करना हो, यहां दिया लेख बच्चों के बेहद काम आएगा. .

Hindi Diwas Essay: स्कूल में लिखने के लिए सबसे अच्छा है हिंदी दिवस का यह निबंध, बच्चों को जरूर पढ़ना चाहिए एकबार 

Hindi Diwas 2024: हर साल 14 सितंबर के दिन हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर स्कूलों और शैक्षिक संस्थानों समेत हिंदी भाषी कामकाजी क्षेत्रों में भी इस दिन को मनाया जाता है. हिंदी दिवस के मौके पर विद्यालयों में खासतौर से बच्चों के बीच तरह-तरह की प्रतियोगिताएं करवाई जाती हैं. बच्चों को हिंदी के लेख (Hindi Essay) लिखने के लिए कहा जाता है, कविताएं पढ़ी व सुनाई जाती हैं और हिंदी के महत्व पर बात होती है. ऐसे में यहां पढ़िए हिंदी दिवस का ऐसा निबंध जिसे बच्चे स्कूल में लिखने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. 

हिंदी दिवस का निबंध | Hindi Diwas Essay 

उत्तर भारत की प्रमुख बोली है हिंदी. बच्चा जब बोलना सीखता है तो उसके मुंह से हिंदी के शब्द निकलते हैं. लेकिन, बड़े होते-होते सामाजिक और औपचारिक रूप से इंग्लिश की जरूरत देखते हुए हिंदी से बच्चे दूर जाने लगते हैं. हिंदी के खोते हुए महत्व को बनाए रखने और इसकी जरूरत व हिंदी के विशालकाय इतिहास (History) व साहित्य पर प्रकाश डालने के लिए हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मकसद हिंदी की प्रासंगिकता और महत्व को अखंडित बनाए रखना भी है. 

हिंदी को 14 सितंबर, 1949 में भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया था. हिंदी भाषा (Hindi Language) का साहित्य भी भारत की सामाजिक स्थिति पर प्रकाश डालने वाला साबित हुआ. हिंदी ने कई महान कवि और उपन्यासकार भी दिए हैं जिनमें प्रेमचंद, भारतेंदू हरिश्चंद्र, सूरदास, तुलसीदास और मीराबाई के नाम शामिल हैं. हिंदी सिनेमा का भी एक बड़ा इतिहास रहा है. भारत में कला, साहित्य , संगीत और सिनेमा के क्षेत्र में हिंदीभाषी कलाकारों का बड़ा हाथ रहा है. 

आधुनिक युग में हिंदी की बात करें तो धीरे-धीरे हिंदी के स्तर को कमतर समझने की गलती की जा रही है. व्यक्ति अगर हिंदी बोलता है और उसे अंग्रेजी भाषा नहीं आती है तो उसे अक्सर ही बाकी लोगों की तुलना में कम समझा जाता है. ऐसे में हिंदी का महत्व (Importance) बनाए रखना जरूरी है. इस भाषा में आज भी अनेक गाने हैं, साहित्य है और फिल्म आदि हैं जिन्हें बढ़ावा देना जरूरी है जिससे हिंदी की लोकप्रियता बनी रहे. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

  • Notifications

Hindi Diwas Essay: स्कूल में लिखने के लिए सबसे अच्छा है हिंदी दिवस का यह निबंध, बच्चों को जरूर पढ़ना चाहिए एकबार 

  • School Life

Essay on Hindi Diwas 2024: 10 Lines, Short and Long Essays for School Students and Children

Hindi diwas essay 2024: hindi diwas will be celebrated on september 14. this article consists of inspiring and informative 10 lines, short and long essays that students can use for hindi diwas competitions in schools. you can also download the essays for free in pdf format. hindi is not just a language, it is a cultural treasure..

Garima Jha

Hindi Diwas Short and Long Essay for School Children: Every year September 14 is celebrated as Hindi Diwas in India. It is also known as Hindi Day. Hindi Diwas is observed to celebrate the usage and adoption of Hindi as an official language. Hindi Day is the occasion to celebrate and appreciate the role of Hindi in bringing together different linguistic communities. 

This year marks the 75th anniversary of the adoption of Hindi as an official language of India. As students would already know that Hindi is one of the most widely spoken languages in India. Hindi Diwas is celebrated with enthusiasm in schools. Schools organize various competitions on the occasion of Hindi Diwas in a bid to encourage students to learn the history and cultural significance of Hindi.

Also Check: Hindi Day 2024 Slogans, Thoughts and Quotes for School Students

10 Lines on Hindi Diwas 2024 

1.  Hindi Diwas is observed every year on September 14. 

2. This day is dedicated to the celebration of the Hindi language.

3.  September 14 is celebrated as Hindi Diwas as it commemorates the adoption of Hindi as an official language of India. 

4.  On September 14, 1949, the Constituent Assembly of India, made the decision to adopt Hindi, written in the Devanagari script, as one of the official languages of India.

5.  Hindi Diwas was celebrated for the first time on September 14, 1953. 

6. Hindi connects people from different communities and fosters a sense of identity.

7.  Hindi is one of the most spoken languages and it is a symbol of unity in diversity. 

8.  On Hindi Diwas, we should pledge to always strive to pay our language the respect that it deserves. 

9. Hindi Diwas is the occasion to appreciate and acknowledge the importance of Hindi.

Short Essay on Hindi Diwas in 100 Words 

September 14 is celebrated as Hindi Diwas every year. The day is observed to commemorate the adoption of Hindi as an official language of India. On September 14, 1949, the Constituent Assembly of India, decided to adopt Hindi, written in the Devanagari script, as one of the official languages of India. 

Short Essay on Hindi Diwas in 200 Words 

Hindi Diwas is celebrated on September 14 every year in India. The day calls for a celebration of the Hindi language. We observe September 14 as Hindi Diwas as it commemorates the adoption of Hindi as an official language of India. On September 14, 1949, the Constituent Assembly of India, decided to adopt Hindi, written in the Devanagari script, as one of the official languages of India. 

Hindi is not just a language, it is an emotion for people. Hindi is not just an official language, it is one of the richest languages. Hindi Diwas is an opportunity to appreciate the value of the Hindi language. Hindi is one the most spoken languages in the nation. It is the thread that binds people together. This day fills people's hearts with patriotism and appreciation. 

Hindi Diwas is a platform to promote the use of Hindi among children and youth. Children should be made aware of the richness of Hindi language and that there is no shame in speaking in it. Hindi plays an important role in bringing various linguistic communities together. 

Short Essay on Hindi Diwas in 250 Words 

Hindi Diwas, observed on September 14, is a celebration of the adoption of Hindi as one of the official languages of our country. On September 14, 1949, the Constituent Assembly of India, decided to adopt Hindi, written in the Devanagari script, as one of the official languages of India. This decision was taken to foster a sense of national unity and preserve the heritage of Hindi. 

Hindi is the official language of India along with English. According to Article 343, “The official language of the Union shall be Hindi in the Devanagari script. The form of numerals to be used for the official purpose of the Union shall be the international form of Indian numerals.” 

Hindi Diwas is celebrated to emphasize upon the importance of the Hindi language. Hindi keeps people connected to their roots. Hindi reminds us how unity lies in diversity.  Hindi Diwas highlights the importance and role of Hindi in bringing together different linguistic communities in the country. This day is dedicated to the celebration of the Hindi language. 

Hindi Diwas 2024 marks the 75th anniversary of the adoption of Hindi as an official language of India. This occasion is a stark reminder of the prominent part that Hindi plays in bridging communication gaps across India. The purpose behind celebrating Hindi Diwas is to educate children about the richness of our language and promote its use among them. 

Long Essay on Hindi Diwas in 500 Words 

Students of class 6-10 and above can use this long essay for both essay and speech competitions in school. 

Hindi Diwas is observed annually on September 14 in India. This day is observed to celebrate the adoption of Hindi as one of the official languages of India. On September 14, 1949, the Constituent Assembly of India, decided to adopt Hindi, written in the Devanagari script, as one of the official languages of India. Hindi Diwas is celebrated to honour the Hindi language and its heritage. 

Hindi is widely spoken in India. On January 26, 1950 when the Indian Constitution came into effect, Hindi was recognized as an official language of India. It is the official language of India along with English. According to Article 343, “The official language of the Union shall be Hindi in the Devanagari script. The form of numerals to be used for the official purpose of the Union shall be the international form of Indian numerals.” 

Hindi Diwas is a celebration of the Hindi language. Hindi not only connects people but also regions. It is an emotion for the people of India. Hindi plays a prominent role in fostering the feeling of national unity and identity by bridging linguistic communities. Hindi is a member of the Indo-Aryan group of the Indo-European language family. The language is said to have its origin in Khariboli dialect. 

The Hindi language is the official language of many states of India, including Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Bihar, Jharkhand, Haryana, Rajasthan, Chhattisgarh among others. Hindi is a symbol of national unity and identity. During the British rule, the colonists took steps to promote and force English on Indians. They left eventually but there are people who still believe that English is superior to Hindi. 

Hindi Diwas gives us an opportunity to make people aware of the richness of Hindi. Hindi is our mother tongue and we must respect it. It is the third most spoken language in the world. It is spoken in countries like Nepal, Fiji, Mauritius etc. Hindi is not just a common language, it is a unifying factor.

The contribution of Hindi towards our country’s heritage is unmatched. It has enriched Indian literature. Hindi as a language has evolved over centuries. Its richness has spanned from renowned epics to modern day novels. Hindi poems and literature have the captivating power to capture people’s hearts. 

That is why on Hindi Diwas we must strive to instill respect for Hindi in people who give preference to English and look down upon Hindi. Hindi keeps us connected to our roots. It is our duty to be aware of the heritage of our language and take steps for its preservation. 

On Hindi Diwas, we should cherish our linguistic heritage and contribute towards its development. Hindi is an extremely powerful tool of communication and it bridges cultures like no other language can. Hindi Day 2024 is more special as it marks the 75th anniversary of the adoption of Hindi as an official language. 

Interesting Facts About Hindi 

You can use these additional facts to add value and weight to your essays. 

1. Hindi has got its name from the Persian word Hind, meaning 'Land of Indus River'.

2. Hindi is considered to be the third most spoken language in the world (including speakers of both Hindi and Urdu). Taking into account only speakers of Hindi, it's the fourth most spoken language, after Mandarin, Spanish and English. 

3.  Hindi is a descendant of Sanskrit. 

4. Hindi is an official language in Fiji and is acknowledged as a regional language in Suriname, Guyana, Mauritius, and Trinidad & Tobago. 

5. Hindi words such as 'Bada Din', 'Bachcha', Achcha' and others have made it to the Oxford Dictionary. 

6.  In 1977, Atal Bihari Vajpayee delivered a speech in the Hindi language to the United Nations.

  To download the above essays, refer to the link below:

Download Hindi Diwas Essays PDF

Students use these inspiring essays to spread the importance of Hindi language. Happy Hindi Diwas to all!

Also, check

Hindi Diwas Thoughts, Quotes in Hindi: स्कूली छात्रों के लिए हिंदी दिवस के नारे, विचार और कोट्स

Hindi Day Speech 2024: Long and Short Speeches on Hindi Diwas

हिंदी दिवस पर भाषण 2024 (Hindi Day Speech in Hindi) शिक्षकों और छात्रों के लिए

20+ Hindi Diwas Slogans 2024: यहाँ पढ़ें हिंदी दिवस पर बेहतरीन स्लोगन

स्कूली छात्रों और बच्चों के लिए हिंदी दिवस 2024 पर बड़े और छोटे निबंध

Hindi Day Poem 2024: Easy and Simple Poems on Hindi Diwas for Kids and Students

Hindi Diwas Drawing Ideas 2024: Easy and Creative Poster and Banner Designs For Kids and Students

Get here latest School , CBSE and Govt Jobs notification and articles in English and Hindi for Sarkari Naukari , Sarkari Result and Exam Preparation . Download the Jagran Josh Sarkari Naukri App .

  • When was Hindi Diwas celebrated for the first time? + Hindi Day was celebrated for the first time on September 14, 1953. Hindi is the official language of India along with English.
  • Why is Hindi Diwas observed on September 14? + On September 14, 1949, the Constituent Assembly of India, made the decision to adopt Hindi, written in the Devanagari script, as one of the official languages of India.
  • UP Police Answer Key 2024
  • RRB NTPC Syllabus 2024
  • RBI Grade B Admit Card 2024
  • SSC GD Recruitment 2025
  • SSC CGL Admit Card 2024
  • UP Police Constable Question Paper 2024 PDF
  • CDS Question Paper 2024
  • Hindi Diwas Speech
  • Hindi Diwas Kavita
  • Hindi Diwas Slogans, Thoughts

Latest Education News

वाराणसी को पीछे छोड़, यूपी का यह शहर बना पर्यटकों की पहली पसंद, देखें टॉप 5 शहरों की लिस्ट

Weekly Current Affairs Quiz (09-16 Sept 2024): Boost Your Exam Score With Top Insights!

Weekly Current Affairs Quiz Hindi: 09 सितंबर 16 सितंबर 2024

Brain Teaser: High IQ Above 120? Prove Your Genius by Finding the Hidden Alien in Just 5 Seconds!

List of the Top 5 Most Venomous Spiders in the World

Picture Puzzle IQ Test: Only the smartest can spot the mistake in 5 seconds!

Today’s School Assembly News Headlines (16th September): IMD Issues ‘Red’ Alert in West Bengal, Jharkhand, Odisha for Heavy Rainfall, Arvind Kejriwal to Vacate CM's House in Next 15 days and More

Top 5 Words Of the Day for School Morning Assembly: 16th September 2024

Haryana Assembly Election 2024: PM मोदी और पांच CM सहित BJP के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी, देखें सभी नाम

Visual Skill Test: Only 2% of geniuses can find the word jeep in 9 seconds!

RRB NTPC Recruitment 2024: भारतीय रेलवे में 11558 पदों पर निकली भर्ती, जानें डिटेल

Haryana Congress Candidates List: कांग्रेस 89 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, 1 सीट CPM को, यहां देखें सभी के नाम

Haryana BJP Candidate List 2024: सभी 90 बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी, यहां देखें सभी के नाम

Find 3 differences between the cactus pictures in 11 seconds!

Optical Illusion: Only People with Flawless Vision Ace This 15-Second IQ Test – Can You Find the Hidden Ring?

Optical Illusion IQ Test: Only 1% Hawk-Eyed Can Spot The Odd One Out Among 6092s in 8 Seconds!

Brain Teaser IQ Test: How Sharp Are Your Eyes? Spot the Odd Camel in 5 Seconds!

Brain Teaser IQ Test: How Intelligent Are You? Count The Number Of Circles Correctly In 5 Seconds!

हरियाणा का सबसे पूर्वी जिला कौन-सा है, जानें

Only 2 out of 10 people can find the word fauna in 7 seconds. Can you?

COMMENTS

  1. मेरे जीवन में लक्ष्य पर 10 लाइन

    By Mr.Rohit Posted on October 12, 2022 Short Essay. 10 Lines on My Aim in Life in Hindi: इस लेख में, मेरे जीवन के लक्ष्य के बारे में 10 लाइन प्रदान की हैं। यह आपके लिए सबसे अच्छी जगह है ...

  2. मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर

    How to achieve goals Note: अगर आपको My Aim In Life Essay in Hindi अच्छी लगे तो जरुर Share कीजिये। Note: E-MAIL Subscription करे और पायें My Aim In Life Essay and personality development in Hindi articles और Essay आपके ईमेल पर।

  3. जीवन में मेरा उद्देश्य पर निबंध 200, 500, शब्दों मे (My Aim In Life

    My Aim In Life Essay in Hindi - एक लक्ष्यहीन व्यक्ति एक जहाज की तरह है जो समुद्र पर अपना नियंत्रण खो चुका है। उद्देश्य को कुछ हासिल करने की दृढ़ इच्छा के रूप में परिभाषित ...

  4. मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (100, 150, 200, 250, 300 और 1000 शब्दों में)

    हमने यहाँ पर मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 100, 150, 200, 250, 300 और 1000 शब्दों में शेयर किया है। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के लिए मददगा है।

  5. मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध |Essay on My Aim of Life in Hindi

    मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध |Essay on My Aim of Life in Hindi! मनुष्य का ...

  6. अपने लक्ष्य को हासिल करने की 11 अचूक तरीके

    1)- अपने Goal का चुनाव करें -. यदि आप किसी भी (Goal Setting Tips in Hindi ) को हासिल करना चाहते हैं तो, सबसे पहले उस Goal का चुनाव करें। क्योंकि जब तक आप अपने लिए ...

  7. Goals in life in hindi-जीवन में लक्ष्य का होना कितना जरुरी है

    एक बार goal set कर लें तो life में जीने का एक purpose मिल जाता है हमें।. As a result, हम अपने goals की दिशा में बढ़ना शुरू कर देते हैं।. हर वो कदम जो हमें goals की ओर ले ...

  8. मेरा जीवन लक्ष्य पर निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  9. जीवन के लिए लक्ष्य निर्धारित करें (How to Set Goals for Life in Hindi)

    जीवन का लक्ष्य बनायें (Developing Life Goals in Hindi) आर्टिकल डाउनलोड करें. 1. सोचें कि आप क्या चाहते हैं: कुछ लोगों के पास अपने जीवन के लक्ष्य के प्रति ...

  10. मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध-My Aim In Life Essay In Hindi

    मित्रता पर निबंध-Essay On Friendship In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words) जन्माष्टमी पर निबंध-Essay On Janmashtami In Hindi

  11. मेरा जीवन लक्ष्य

    मेरा जीवन लक्ष्य | Paragraph on my Aim of My Life in Hindi! प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का कोई न कोई लक्ष्य होना आवश्यक है । यदि बालक आरंभ से किसी लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाए तो ...

  12. मेरी महत्वाकांक्षा पर निबंध (My Ambition Essay in Hindi)

    सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi) जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi) कंप्यूटर पर निबंध (Computer Essay in Hindi) वृक्षारोपण पर निबंध (Essay on Tree Plantation in Hindi)

  13. Importance of Goal Setting in Hindi।जीवन में लक्ष्य का होना क्यों जरूरी है

    आशा करते हैं कि आप को इस लेख के माध्यम से importance of goal setting in hindi के बारे में कुछ अच्छी जानकारी सीखने को मिली हो। अगर आपको इस लेख की जानकारी ...

  14. जीवन पर निबंध

    जीवन पर छोटे और बड़े निबंध (Short and Long Essays on Life in Hindi, Jivan par Nibandh Hindi mein) निबंध 1 (250 शब्द) - जीवन की सुंदरता और उसके महत्व

  15. जीवन में सफलता का महत्त्व पर निबंध

    जीवन में सफलता का महत्त्व पर दीर्घ निबंध (1500 शब्द) परिचय. सफलता एक ऐसी चीज है जो हमारे जीवन को सार्थक बनाती है। जीवन में यह सीढ़ी का वह ...

  16. 5 कहानियाँ जो आपको अपने लक्ष्य तक ले जाने को मजबूर कर देगी

    Read the best motivational stories in Hindi for students. ये कहानियाँ आपको सफल बना सकती है ... Thank u sir….really these stories motivated me…and helps to achieve my goal. Reply. Ranjeet kumar says: May 27, 2022 at 5:17 am.

  17. 10+ मोटिवेशनल स्टोरी, जो जीवन बदल देंगी

    मोटिवेशनल स्टोरी जो आपका जीवन बदल देंगी. 23/09/2023Rahul Singh Tanwar. Motivational Story in Hindi: हमारी जिन्दगी का दूसरा नाम ही मुसीबत है। हमारे जीवन में मुसीबतें आती ...

  18. 35+ Success Quotes in Hindi: जीवन में हमेशा सीखते रहना ही है सफलता का राज

    35+ Success Quotes in Hindi: जीवन में हमेशा सीखते रहना ही है सफलता का राज. सुबह की शुरुआत अगर हम सकारात्मक और प्रेरक विचारों से करते हैं तो पूरे दिन इन ...

  19. Essay on My Aim in Life in 100, 200, 300 & 500 Words

    Essay on My Aim in Life: Short for Class 10, 5, 7, 100, 200, 150 Words, Paragraph Class 6, Class 12 Quotations, engineer, doctor, teacher. Study Abroad. Study in Canada; Study in USA; ... All of his goals will be shattered or fail at some time. He walks with a limp in his daily existence. In life, it is essential to have a realistic objective ...

  20. सभी 17 सतत विकास लक्ष्य की सूची

    संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सभी 17 सतत विकास लक्ष्य की सूची (List Of SDG goals in Hindi), महत्वपूर्ण प्रश्न के साथ पूरी जानकारी दी गई है, जिसे जरूर पढ़ें |

  21. Short and Long Essay on Hindi Diwas

    Short Essay on Hindi Diwas (250 words) Hindi Diwas is celebrated on September 14th to remember the day it was adopted as India's official language. Hindi which is written in the Devanagari script, was recognised as the official language of India in 1949 due to its widespread use all over India. The decision to declare Hindi as the official ...

  22. Hindi Diwas Essay: स्कूल में लिखने के लिए सबसे अच्छा है हिंदी दिवस का

    Hindi Diwas Short Essay: बच्चों को विद्यालय के लिए हिंदी दिवस का निबंध लिखना हो या भाषण तैयार करना हो, यहां दिया लेख बच्चों के बेहद काम आएगा.

  23. Hindi Diwas Essay 2024: Engaging Short and Long Essays on Hindi Day for

    Hindi Diwas Essay 2024: Students find here engaging 10 lines, essays in 100, 200 and 250 words for Hindi Diwas. Also check 500 word essay for students of class 6-10 and above for the occasion.