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पर्यावरण पर निबंध (Environment Essay in Hindi)

पर्यावरण

पर्यावरण के इसी महत्व को समझने के लिए आज हम सब ये निबंध पढ़ेंगे जिससे आपको पर्यावरण से जुड़ी समस्त जानकारियाँ मिल जाएंगी। आपकी आवश्यकता को देखते हुए ये निबंध 300 शब्द, 400 शब्द, और 500 शब्द के अंतर्गत दिया गया है।

पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध || पर्यावरण की रक्षा कैसे करें पर निबंध || पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध

पर्यावरण पर निबंध (100 – 200 शब्द) – Paryavaran par Nibandh

वो सारी चीजें जो हमारे चारों ओर हैं पर्यावरण कहलाता है जैसे हवा, पानी, आकाश, जमीन, जीव जन्तु, वनस्पति, पेड़ पौधे आदि। पर्यावरण, प्रकृति द्वारा भेंट किया गया एक तोहफा है। हम सबको स्वस्थ रूप से जीने के लिए जिन चीजों की जरुरत पड़ती है वो पर्यावरण हमे देता है। लेकिन मानवों ने अपने लालच को पूरा करने के लिए पर्यावरण को इतना दूषित कर दिया है कि आज धरती पर सारे जीव जन्तु भुगत रहे हैं।

बढ़ती जनसँख्या के डिमांड्स को पूरा करने के लिए, घर और कारखाने बनाने के लिए लोगों ने जंगल के जंगल काट दिए और नए पेड़ भी नहीं लगाए। कारखानों व फैक्ट्री से निकलने वाले कूड़े कचरे, प्लास्टिक और गंदे पानी ने हवा, पानी और मिट्टी को दूषित कर दिया है। जिससे लोग बीमार पड़ रहे है, मर रहे हैं, जीव जन्तु विलुप्त हो रहे हैं, गर्मी में तापमान चरम सीमा पर पहुंच गया है, ठंढी में ज्यादा ठंढी पड़ती है, बरसात में समय पर बारिश नहीं होती इसलिए सूखा पड़ रहा है लोग खेती नहीं कर पा रहे है, असमय जलवायु परिवर्तन हो रहा है, ओज़ोन लेयर में छेड़ हो गया है जिससे अल्ट्रा वायलेट किरणे धरती पर आने लगी हैं, इत्यादि।

अगर हमें अपना स्वस्थ पर्यावरण वापस चाहिए तो हम सबको अपनी गलती जल्द से जल्द सुधारनी होगी। सिर्फ सरकार के नियम बनाने से कुछ नहीं होगा, हर एक इंसान को भी जागरूक होकर कदम उठाना होगा। ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे, गाड़ियों की जगह साइकिल इस्तेमाल करना होगा, AC और फ्रीज का सहारा छोड़ना होगा, और वो सभी चीजे छोड़नी होगी जिससे हमारा पर्यावरण दूषित हुआ है।

पर्यावरण पर निबंध (300 – 400 शब्द) – Environment par Nibandh

धरती पर हम जिस परिवेश में रहते हों उसे पर्यावरण कहते हैं जो हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा है और हमें जीवन जीने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करता है, जैसे कि स्वच्छ हवा, पानी, भोजन और आश्रय। धरती पर एक स्वच्छ पर्यावरण का महत्व इतना अधिक है कि इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। लेकिन आज के आधुनिक युग में हम मनुष्यों ने अपने स्वार्थ और विकास की दौड़ में पर्यावरण को काफी हद तक दूषित कर दिया है।

पर्यावरण दूषित कैसे हुआ

विकास की अंधाधुंध होड़ में उद्योगों का तेजी से विकास हुआ, जिससे वायुमंडल में प्रदूषक गैसों का उत्सर्जन हुआ और वायु प्रदूषित हो गयी। बड़े बड़े उद्योगों के अपशिष्ट जल के नदियों में गिरने से जल प्रदिर्शित होकर एक गंभीर समस्या बन गया है। वनों के अंधाधुंध कटाई से न केवल वन्य जीवों का घर नष्ट हुआ है, बल्कि इससे मृदा अपरदन, जलवायु परिवर्तन और जल संकट भी उत्पन्न हुए हैं।

पर्यावरण दूषित होने से नुकसान

जलवायु परिवर्तन आज के समय में एक वैश्विक संकट बन चुका है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, जिससे ग्लेसियर्स पिघल रहे हैं और समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। इस जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कृषि, वनस्पति, और मानव जीवन पर भी सीधा पड़ रहा है। कई वन्य जीव प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं और कई विलुप्त होने के कगार पर हैं। साथ ही साथ मौसम चक्र में भी अनियमितता देखने को मिल रही है।

पर्यावरण को दूषित होने से कैसे बचाएं

हम सभी को बिना देर किये अपने पर्यावरण को संरक्षित करना होगा, इसके लिए सबसे पहले, वृक्षारोपण को बढ़ावा देना होगा और वनों की कटाई को भी रोकना होगा। वृक्ष कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे वायु शुद्ध रहती है। हमें जल संसाधनों का संरक्षण करके पानी की बर्बादी को रोकना चाहिए। प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करके रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना चाहिए।

सरकारें द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाएं और कानून लागू की गयी हैं जैसे स्वच्छ भारत अभियान, जल बचाओ अभियान, और वन महोत्सव इत्यादि। लेकिन सिर्फ सरकार से ही काम नहीं चलेगा, जन जागरूकता भी जरुरी है जो कि शिक्षा और प्रचार-प्रसार से संभव है।

जब तक हम ये नहीं समझेंगे कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार का ही नहीं, बल्कि हर नागरिक का भी कर्तव्य है, तब तक हम सफल नहीं होंगे। हमें अपनी दैनिक जीवनशैली में छोटे-छोटे कई बदलाव करने होंगे, जैसे कि बिजली और पानी का संयमित उपयोग, पैदल चलना या साइकिल से चलना, और कचरे का सही निपटान करना इत्यादि। इन छोटे-छोटे प्रयासों से हम एक बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं और भविष्य में अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण दे सकते हैं।

पर्यावरण पर निबंध (250 – 300 शब्द) – Paryavaran par Nibandh

पर्यावरण में वह सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं जो कई तरीकों से हमारी मदद करते हैं तथा चारों ओर से हमें घेरे हुए हैं। यह हमें बढ़ने तथा विकसित होने का बेहतर माध्यम देता है, यह हमें वह सब कुछ प्रदान करता है जो इस ग्रह पर जीवन यापन करने हेतु आवश्यक है। हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे की हमारा लालन पालन हो, हमारा जीवन बना रहे और कभी नष्ट न हो। तकनीकी आपदा के वजह से दिन प्रति दिन हम प्राकृतिक तत्व को अस्वीकार रहे हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस

पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखना होगा। पूरे ब्रम्हांड में बस पृथ्वी पर ही जीवन है। वर्षों से प्रत्येक वर्ष 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए तथा साथ ही पर्यावरण स्वच्छता और सुरक्षा के लिए दुनिया भर में मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस समारोह के विषय को जानने के लिए, हमारे पर्यावरण को किस प्रकार सुरक्षित रखा जाये तथा हमारे उन सभी बुरी आदतों के बारे में जानने के लिए जिससे पर्यावरण को हानि पहुंचता है, हम सभी को इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए।

पर्यावरण सुरक्षा के उपाय

धरती पर रहने वाले सभी व्यक्ति द्वारा उठाए गए छोटे कदमों के माध्यम से हम बहुत ही आसान तरीके से पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं। हमें अपशिष्ट की मात्रा में कमी करना चाहिए तथा अपशिष्ट पदार्थ को वही फेकना चाहिए जहां उसका स्थान है। प्लास्टिक बैंग का उपयोग नही करना चाहिए तथा कुछ पुराने चीजों को फेकने के बजाय नये तरीके से उनका उपयोग करना चाहिए।

आईए देखें कि किस प्रकार हम पुराने चीजों को दुबारा उपयोग में ला सकते हैं- जिन्हें दुबारा चार्ज किया जा सकता है उन बैटरी या अक्षय क्षारीय बैटरी का उपयोग करें, प्रतिदीप्त प्रकाश का निर्माण कर, बारिस के पानी का संरक्षण कर, पानी की अपव्यय कम कर, ऊर्जा संरक्षण कर तथा बिजली की खपत कम करके, हम पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखने के मुहिम की ओर एक कदम बढ़ा सकते है।

Environment Essay in Hindi

FAQs: Frequently Asked Questions on Environment (पर्यावरण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर – हमारे चारों तरफ का वह परिवेश जो हमारे लिए अनुकूल है, पर्यावरण कहलाता है।

उत्तर – विश्व पर्यावरण दिवस प्रत्येक वर्ष 5 जून को मनाया जाता है।

उत्तर – पर्यावरण के प्रमुख घटक हैं- वायुमंडल, जलमंडल तथा स्थलमंडल।

उत्तर – जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, भूमि प्रदूषण आदि पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार है।

उत्तर – बांग्लादेश विश्व का सबसे प्रदूषित देश है।

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पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi

पर्यावरण, पर  हमारा जीवन पूरी तरह निर्भर है, क्योंकि एक स्वच्छ वातावारण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। पर्यावरण, जीवन जीने के लिए उपयोगी वो सारी चीजें हमें उपहार के रुप में उपलब्ध करवाता है।

पर्यावरण से ही हमें शुद्ध जल, शुद्ध वायु, शुद्ध भोजन,प्राकृतिक वनस्पतियां आदि प्राप्त होती हैं। लेकिन इसके विपरीत आज लोग अपने स्वार्थ और चंद लालच के लिए जंगलों का दोहन कर रहे हैं, पेड़-पौधे की कटाई कर रहे हैं, साथ ही भौतिक सुख की प्राप्ति हुए प्राकृतिक संसाधनों का हनन कर  प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ा रहा है।

इसलिए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं प्राकृतिक पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए हर साल दुनिया भर के लोग 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस – World Environment Day के रूप में मनाते हैं। हमने कभी जाना हैं की इस दिवस को हम क्यों मनाते हैं। इस दिन का जश्न मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है ताकि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठा सकें।

और साथ ही कई बार स्कूलों में छात्रों के पर्यावरण विषय पर निबंध ( Essay on Environment) लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको पर्यावरण पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका चयन आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –

Environment essay

पर्यावरण पर निबंध – Environment Essay in Hindi

पर्यावरण, जिससे चारों तरफ से  संपूर्ण ब्रहाण्ड और जीव जगत घिरा हुआ है। अर्थात जो हमारे चारों ओर है वही पर्यावरण है। पर्यावरण पर मनुष्य ही नहीं, बल्कि सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियां आदि पूरी तरह निर्भर हैं।

पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती हैं, क्योंकि पर्यावरण ही पृथ्वी पर एक मात्र जीवन के आस्तित्व का आधार है। पर्यावरण, हमें स्वस्थ जीवन जीने के लिए शुद्ध, जल, शुद्ध वायु, शुद्ध भोजन उपलब्ध करवाता है।

एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक स्वच्छ वातावरण बहुत जरूरी है लेकिन हमारे पर्यावरण मनुष्यों की कुछ लापरवाही के कारण दिन में गंदे हो रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी को विशेष रूप से हमारे बच्चों के बारे में पता होना चाहिए।

“ पर्यावरण की रक्षा , दुनियाँ की सुरक्षा! ”

पर्यावरण न सिर्फ जीवन को विकसित और पोषित करने में मद्द करता है, बल्कि इसे नष्ट करने में भी मद्द करता है। पर्यावरण, जलवायु के संतुलन में मद्द करता है और मौसम चक्र को ठीक रखता है।

वहीं अगर सीधे तौर पर कहें मानव और पर्यावरण एक – दूसरे के पूरक हैं और दोनों एक-दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर हैं। वहीं अगर किसी प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित कारणों की वजह से पर्यावरण प्रभावित होता है तो, इसका सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है।

पर्यावरण प्रदूषण की वजह से जलवायु और मौसम चक्र में परिवर्तन, मानव जीवन को कई रुप में प्रभावित करता है और तो और यह परिवर्तन मानव जीवन के आस्तित्व पर भी गहरा खतरा पैदा करता है।

लेकिन फिर भी आजकल लोग भौतिक सुखों की प्राप्ति और विकास करने की चाह में पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं। चंद लालच के चलते मनुष्य पेड़-पौधे काट रहा है, और प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर कई ऐसी प्रतिक्रियाएं कर रहा है, जिसका बुरा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है।

वहीं अगर समय रहते पर्यावरण को बचाने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो मानव जीवन का आस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर उचित कदम उठाने चाहिए। हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए और पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह रोक लगानी चाहिए।

आधुनकि साधन जैसे वाहन आदि का इस्तेमाल सिर्फ जरूरत के समय ही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं न सिर्फ पर्यावरण को दूषित कर रहा है, बल्कि मानव जीवन के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहा है। इसके अलावा उद्योगों, कारखानों से निकलने वाले अवसाद और दूषित पदार्थों के निस्तारण की उचित व्यवस्था करनी चाहिए,ताकि प्रदूषण नहीं फैले।

वहीं अगर हम इन छोटी-छोटी बातों पर गौर करेंगे और पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाने में अपना सहयोग करेंगे तभी एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकेगा।

पर्यावरण पर निबंध – Paryavaran Sanrakshan Par Nibandh

प्रस्तावना

पर्यावरण, एक प्राकृतिक परिवेश है, जिससे हम चारों तरफ से घिरे हुए हैं और जो पृथ्वी पर मौजूद मनुष्य, जीव-जन्तु, पशु-पक्षी, प्राकृतिक वनस्पतियां को जीवन जीने में मद्द करता है। स्वच्छ पर्यावरण में ही  स्वस्थ व्यक्ति का विकास संभव है, अर्थात पर्यावरण का दैनिक जीवन से सीधा संबंध है।

हमारे शरीर के द्धारा की जाने वाली हर प्रतिक्रिया पर्यावरण से संबंधित है, पर्यावरण की वजह से हम सांस ले पाते हैं और शुद्ध जल -भोजन आदि ग्रहण कर पाते हैं, इसलिए हर किसी को पर्यावरण के  महत्व को समझना चाहिए।

पर्यावरण का अर्थ – Environment Meaning

पर्यावरण शब्द मुख्य रुप से दो शब्दों से मिलकर बना है, परि+आवरण। परि का अर्थ है चारो ओर और आवरण का मतलब है ढका हुआ अर्थात जो हमे चारों ओर से घेरे हुए है। ऐसा वातावरण जिससे हम चारों  तरफ से घिरे हुए हैं, पर्यावरण कहलाता है।

पर्यावरण का महत्व – Importance of Environment

पर्यावरण से ही हम है, हर किसी के जीवन के लिए पर्यावरण का बहुत महत्व है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन, पर्यावरण से ही संभव है। समस्त मनुष्य, जीव-जंतु, प्राकृतिक वनस्पतियां, पेड़-पौड़े, मौसम, जलवायु सब पर्यावरण के अंतर्गत ही निहित हैं। पर्यावरण न सिर्फ जलवायु में संतुलन बनाए रखने का काम करता है और जीवन के लिए आवश्यक  सभी वस्तुएं उपलब्ध करवाता है।

वहीं आज जहां विज्ञान से तकनीकी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है और दुनिया में खूब विकास हुआ है, तो दूसरी तरफ यह बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार हैं। आधुनिकीकरण, औद्योगीकरण और बढ़ती टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पर्यावरण पर गलत प्रभाव पड़ा रहा है।

मनुष्य अपने स्वार्थ के चलते पेड़-पौधे की कटाई कर रहा है एवं प्राकृतिक संसाधनों से खिलवाड़ कर रहा है, जिसके चलते पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है। यही नहीं कुछ मानव निर्मित कारणों की वजह से वायुमंडल, जलमंडल आदि प्रभावित हो रहे हैं धरती का तापमान बढ़ रहा है और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है, जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।

इसलिए पर्यावरण के महत्व को समझते हुए हम सभी को अपने पर्यावरण को बचाने में सहयोग करना चाहिए।

पर्यावरण और  जीवन – Environment And Life

पर्यावरण और मनुष्य एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं, अर्थात पर्यावरण पर ही मनुष्य पूरी तरह से निर्भऱ है, पर्यावरण के बिना मनुष्य, अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है, भले ही आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली हो, लेकिन प्रकृति ने जो हमे उपलब्ध करवाया है, उसकी कोई तुलना नहीं है।

इसलिए भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए मनुष्य को प्रकृति का दोहन करने से बचना चाहिए।वायु, जल, अग्नि, आकाश, थल ऐसे पांच तत्व हैं, जिस पर मानव जीवन टिका हुआ है और यह सब हमें पर्यावरण से ही प्राप्त होते हैं।

पर्यावरण न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य का एक मां की तरह ख्याल रखता है,बल्कि हमें मानसिक रुप से सुख-शांति भी उपलब्ध करवाता है।

पर्यावरण, मानव जीवन का अभिन्न अंग है, अर्थात पर्यावरण से ही हम हैं। इसलिए हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

उपसंहार

पर्यावरण के प्रति हम  सभी को जागरूक होने की जरुरत हैं।  पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई पर सरकार द्धारा सख्त कानून बनाए जाना चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सभी को अपना कर्तव्य समझना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण में रहकर ही स्वस्थ मनुष्य का निर्माण हो सकता है और उसका विकास हो सकता है।

पर्यावरण पर निबंध – Paryavaran Par Nibandh

पर्यावरण हमें जीवन जीने के लिए सभी आवश्यक चीजें जैसे कि हवा, पानी, रोशनी, भूमि, अग्नि, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियां आदि उपलब्ध करवाता है। हम पर्यावरण पर पूरी तरह निर्भर हैं। वहीं अगर हम अपने पर्यावरण को साफ-सुथरा रखेंगे तो हम स्वस्थ और सुखी जीवन का निर्वहन कर सकेंगे। इसिलए पर्यावरण को सरंक्षित करने एवं स्वच्छ रखने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।

पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, प्रगति और प्रदूषण – 

इसमें कोई दो राय नहीं है कि विज्ञान की उन्नत तकनीक ने मनुष्य के जीवन को बेहद आसान बना दिया है, वहीं इससे न सिर्फ समय की बचत हुई है बल्कि मनुष्य ने काफी प्रगति भी की है, लेकिन विज्ञान ने कई ऐसी खोज की हैं, जिसका असर पर्यावरण पर पड़ रहा है, और जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।

एक तरफ विज्ञान से प्रोद्यौगिकी का विकास हुआ, तो वहीं दूसरी तरफ उद्योंगों से निकलने वाला धुआं और दूषित पदार्थ कई तरह के प्रदूषण को जन्म दे रहा है और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

उद्योगों से निकलने वाला दूषित पदार्थ सीधे प्राकृतिक जल स्त्रोत आदि में बहाए जा रहे हैं, जिससे जल प्रदूषण की समस्या पैदा हो रही है,इसके अलावा उद्योगों से निकलने वाले धुंए से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसका मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय – Paryavaran Sanrakshan Ke Upay

  • उद्योगों से निकलने वाला दूषित पदार्थ और धुएं का सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए।
  • पर्यावरण की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाना चाहिए।
  • पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगानी चाहिए।
  • वाहनों का इस्तेमाल बेहद जरूरत के समय ही किया जाना चाहिए।
  • दूषित और जहरीले पदार्थों के निपटान के लिए सख्त कानून बनाए जाने चाहिए।
  • लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए।

विश्व पर्यावरण दिवस – World Environment Day

लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से 5 जून से 16 जून के बीच विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। इस मौके पर कई जगहों पर जागरूकता कार्यक्रमों का भी आय़ोजन किया जाता है।

पर्यावरण हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं, इसलिए इसकी रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है, अर्थात हम सभी को  मिलकर अपने पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने में अपना सहयोग करना चाहिए।

  • Slogans on pollution
  • Slogan on environment
  • Essay in Hindi

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15 thoughts on “पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi”

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Nice sir bhote accha post h aapne to moj kar de h sir thank you sir app easi past karte rho ham logo ke liye

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Thank you sir aapne bahut accha post Kiya h mere liye bahut labhkaari h government job ki tayari ke liye

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bahut badhiya jaankari share kiye ho sir, Environment Essay.

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Thanks sir bhaut acha essay hai helpful hai aur needful bhi isme sari jankari di gye hai environment ke baare Mai and isse log inspire bhi hongee isko.pdkee……..

I love this essay…

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Thanks mujhe ye bahut kaam diya speech per

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पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000W)

पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000W)

आज हम इस आर्टिकल में पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000) लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पर्यावरण का अर्थ, पर्यावरण का महत्व, विश्व पर्यावरण दिवस, पर्यावरण से लाभ और हानि, पर्यावरण और जीवन, पर्यावरण प्रौद्योगिकी प्रगति और प्रदूषण, पर्यावरण संरक्षण के उपाय के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi)

प्रकृति ने हमें एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सौंपा था। किंतु मनुष्य ने अपने लालची पन और विकास के नाम पर उसे खतरे में डाल दिया है। विज्ञान की बढ़ती प्रकृति ने एक और तो हमारे लिए सुख- सुविधा में वृद्धि की है तो दूसरी ओर पर्यावरण को दूषित करके मानव के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

पर्यावरण का अर्थ Meaning of Environment 

“अमृत बांटें कर विष पान, वृक्ष स्वयं शंकर भगवान।”पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है पर +आवरण जिसका अर्थ है हमारे चारों ओर घिरे हुए वातावरण।

पर्यावरण और मानव का संबंध अत्यंत घनिष्ठ है। पर्यावरण से मनुष्य की  भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। पर्यावरण से हमें जल, वायु आदि कारक प्राप्त होते हैं।

पर्यावरण का महत्व Importance of Environment in Hindi

पर्यावरण से ही हम हैं, हर किसी के जीवन के लिए पर्यावरण का बहुत महत्व है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन पर्यावरण से ही संभव है। समस्त मनुष्य, जीव- जंतु, प्राकृतिक, वनस्पतियों, पेड़- पौधे, जलवायु, मौसम सब पर्यावरण के अंतर्गत ही निहित है।

पर्यावरण न सिर्फ जलवायु में संतुलन बनाए रखने का काम करता है, और जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुएँ  उपलब्ध कराता है।

विश्व पर्यावरण दिवस World Environment Day 

लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

5 जून 1973 को पहला पर्यावरण दिवस मनाया गया था। इस मौके पर कई जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

पर्यावरण से लाभ और हानि Advantages and Disadvantages of Environment in Hindi

पर्यावरण से लाभ advantages of environment in hindi.

पर्यावरण से हमें स्वच्छ हवा मिलती है। पर्यावरण हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग है। पर्यावरण में जैविक,  अजैविक, प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वस्तु का समावेश होता है।

प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियां, नदी, जल, सूर्य प्रकाश, पशु, हवा आदि शामिल है।जो हवा हम हर पल सांस लेते हैं, पानी जिस के सिवा हम जी नहीं सकते और जो हम अपनी दिनचर्या में इस्तेमाल करते हैं, पेड़ पौधे उनका हमारे जीवन में बहुत महत्व है।

यह सब प्राकृतिक चीजें हैं जो पृथ्वी पर जीवन संभव बनाती हैं। वह पर्यावरण के अंतर्गत ही आती हैं। पेड़-पौधों की हरियाली से मन का तनाव दूर होता है, और दिमाग को शांति मिलती है। पर्यावरण से ही हमारे अनेक प्रकार की बीमारी भी दूर होती है।

पर्यावरण मनुष्य, पशुओं और अन्य जीव चीजों को बढ़ाने और विकास होने में मदद करती है। मनुष्य भी पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण भाग है। पर्यावरण का एक घटक होने के कारण हमें भी पर्यावरण का एक संवर्धन करना चाहिए।

पर्यावरण पर हमारा यह जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण की वास्तविकता को बनाए रखना होगा।

और पढ़ें: जल संरक्षण पर निबंध

पर्यावरण से हानि Disadvantages of Environment in Hindi

आज के युग में पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण पर्यावरण की प्रकृति नष्ट हो रही है। हर जगह जहां घने वृक्ष हैं उन्हें काट कर वहां बड़ी इमारत बनाए जा रहे हैं।

गाड़ी की धुआ, फैक्ट्री मे मशीनों की आवाज, खराब रासायनिक जल इन सब की वजह से, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण हो रहा है। यह एक चिंता का विषय बन चुका है यह अत्यंत घातक है। जिसके कारण हमें अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है और हमारा शरीर हमेशा बिगड़ रहा है।

वही आज जहां विज्ञान में तकनीकी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है और दुनिया में खूब विकास हुआ है तो दूसरी तरफ यह बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार है। आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी करण और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पर्यावरण पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।

मनुष्य  अपने स्वार्थ के चलते पेड़ पौधों की कटाई कर रहा है एवं प्राकृतिक संसाधनों से खिलवाड़ कर रहा है, जिसके चलते पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है, यही नहीं कुछ मानव निर्मित कारणों की वजह से वायुमंडल, जलमंडल आदि प्रभावित हो रहे हैं धरती का तापमान बढ़ रहा है और ग्लोबल वाल्मिग की समस्या उत्पन्न हो रही है, जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।

पर्यावरण हमारे लिए अनमोल रत्न है। इस पर्यावरण के लिए हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। पर्यावरण का सौंदर्य बढ़ाने के लिए हमें साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए।

  • पेड़ों का महत्व समझ कर हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए। घने वृक्ष वातावरण को शुद्ध रखते हैं और हमें  छाया प्रदान करते हैं। घने वृक्ष पशु पक्षी का भी निवास स्थान है। इसीलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

पर्यावरण और जीवन Environment and life in Hindi

पर्यावरण और मनुष्य एक दूसरे के बिना अधूरे हैं, अर्थात पर्यावरण पर ही मनुष्य पूरी तरह से निर्भर है। पर्यावरण के बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है, भले ही आज विज्ञान ने बहुंत तरक्की कर ली हो।

लेकिन प्रकृति में जो हमें उपलब्ध करवाया है, उसकी कोई तुलना नहीं है। इसीलिए भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए मनुष्य को प्रकृति का दोहन करने से बचना चाहिए।

वायु, जल, अग्नि, आकाश, थल ऐसे पांच तत्व है, जिस पर मानव जीवन टिका हुआ है, और यह सब हमें पर्यावरण से ही प्राप्त होते हैं। पर्यावरण ना केवल हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखता है बल्कि एक मां की तरह हमें सुख-शांति भी प्राप्त करता है।

पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, प्रगति और प्रदूषण Environment, Technology, Progress and Pollution in Hindi

इसमें कोई दो राय नहीं है कि विज्ञान की उन्नत तकनीकी ने मनुष्य के जीवन को बेहद आसान बना दिया है, वहीं इससे ना सिर्फ समय की बचत हुई है बल्कि मनुष्य ने काफी प्रगति भी की है। लेकिन विज्ञान ने कई ऐसी खोज की है जिसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है, और जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय Environmental protection measures in Hindi

  • उद्योग से निकलने वाला दूषित पदार्थ और धोएं का सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए।
  • पर्यावरण हमारे लिए अनमोल रत्न है। इस पर्यावरण के लिए हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। पर्यावरण का सौंदर्य बढ़ाने के लिए हमें साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए। 
  • पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगानी चाहिए।
  • वाहनों का इस्तेमाल बेहद जरूरत के समय ही किया जाना चाहिए।
  • दूषित और जहरीले पदार्थों को निपटाने के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए।
  • लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझने के लिए जागरूकता फैलाने चाहिए।

हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। यह पर्यावरण संतुलन के लिए ही बनाया गया एक उपक्रम है।

इस तरह हमें अपने पर्यावरण को बचाना चाहिए। लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाना चाहिए। स्वच्छ पर्यावरण एक शांतिपूर्ण और स्वास्थ्य जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है। 

पर्यावरण पर 10 लाइन 10 Line on Environment in Hindi

  • पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परिधान +आवरण इसका अर्थ होता है हमारे चारों ओर् घिरे हुये वातावरण।
  • पर्यावरण और मानव का संबंध घनिष्ठ है।
  • पर्यावरण से ही हम हैं हर किसी के जीवन  के लिए पर्यावरण का बहुत महत्व है क्योंकि पृथ्वी पर जीवन पर्यावरण से ही संभव है।
  • पर्यावरण से हमें जल, वायु आदि कारक प्राप्त होते हैं।
  • पर्यावरण आसिफ जलवायु में संतुलन बनाए रखता है बल्कि, जीवन के लिए सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराता है।
  • लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने और जागरूकता फैलाने के मकसद से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
  • पर्यावरण से हमें स्वच्छ हवा मिलती है।
  • प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियां, नदी, जल, सूर्य प्रकाश, पशु, हवा आदि शामिल है।
  • पर्यावरण ना केवल हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखता है बल्कि एक मां की तरह हमें सुख-शांति भी प्राप्त करता है।
  • घने वृक्ष पशु-पक्षी का निवास स्थान है। घने वृक्ष वातावरण को शुद्ध रखते हैं और हमेशा या प्रदान करते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

पर्यावरण के प्रति हम सब को जागरूक होने की आवश्यकता है। पेड़ों की हो रही है अंधाधुन कटाई पर सरकार द्वारा सख्त कानून बनाना चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखना और हमारा कर्तव्य समझना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण में ही रहकर स्वास्थ्य मनुष्य का निर्माण हो सकता है और उसका विकास हो सकता है।आशा करते हैं आपको हमारा पर्यावरण पर निबंध अच्छा लगा होगा।

1 thought on “पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000W)”

आपने पर्यावरण पर जो निबंध लिखा है सचमुच ही हृदय को छू लेने वाला है। अगर जन-जन में यह क्रांति फैलाई जाए की मनुष्य जहां- जहां घर बनाते हैं वहां 6 फुट का जगह छोड़ना चाहिए और एक आम और नीम का पेड़ जरूर लगाना चाहिए।

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दा इंडियन वायर

पर्यावरण पर निबंध

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By विकास सिंह

essay on environment in hindi

एक पर्यावरण प्राकृतिक दुनिया है जो पृथ्वी को घेरती है और एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र बनाती है जिसमें मानव, पशु, पौधे और अन्य जीवित और गैर-जीवित चीजें मौजूद हैं।

पर्यावरण पर निबंध, short essay on environment in hindi (100 शब्द)

एक पर्यावरण प्राकृतिक परिवेश है जो जीवन को पृथ्वी नामक इस ग्रह पर विकसित, पोषण और नष्ट करने में मदद करता है। प्राकृतिक पर्यावरण पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व में एक महान भूमिका निभाता है और यह मनुष्य, जानवरों और अन्य जीवित चीजों को स्वाभाविक रूप से विकसित और विकसित करने में मदद करता है।

लेकिन मानव की कुछ बुरी और स्वार्थी गतिविधियों के कारण, हमारा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। यह सबसे महत्वपूर्ण विषय है कि हर किसी को यह जानना चाहिए कि हमारे पर्यावरण की रक्षा कैसे करें ताकि इसे हमेशा के लिए सुरक्षित रखा जा सके और साथ ही इस ग्रह पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए प्रकृति के संतुलन को सुनिश्चित किया जा सके।

पर्यावरण पर निबंध, essay on environment in hindi (150 शब्द)

जैसा कि हम सभी पर्यावरण से अच्छी तरह से परिचित हैं, यह सब कुछ है जो हमें प्राकृतिक रूप से घेरता है और पृथ्वी पर हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करता है। सब कुछ एक पर्यावरण के अंतर्गत आता है, हवा जो हम हर पल सांस लेते हैं, पानी जो हम अपने दैनिक दिनचर्या, पौधों, जानवरों और अन्य जीवित चीजों के लिए उपयोग करते हैं, आदि। एक पर्यावरण को स्वस्थ वातावरण कहा जाता है जब प्राकृतिक चक्र बिना किसी गड़बड़ी के कंधे से कंधा मिलाकर चलता है। प्रकृति के संतुलन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर्यावरण को पूरी तरह से प्रभावित करती है जो मानव जीवन को बर्बाद कर देती है।

अब, मानव के अग्रिम जीवन स्तर के युग में, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, वनों की कटाई, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, अम्ल वर्षा और अन्य खतरनाक आपदाओं के माध्यम से हमारा पर्यावरण काफी हद तक प्रभावित हो रहा है। तकनीकी प्रगति के माध्यम से मनुष्य। हम सभी को अपने प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा के लिए इसे हमेशा की तरह सुरक्षित रखने की शपथ लेनी चाहिए।

पर्यावरण पर निबंध, 200 शब्द:

पर्यावरण का अर्थ है सभी प्राकृतिक परिवेश जैसे भूमि, वायु, जल, पौधे, पशु, ठोस पदार्थ, अपशिष्ट, धूप, वन और अन्य चीजें। स्वस्थ वातावरण प्रकृति के संतुलन को बनाए रखता है और साथ ही पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों को विकसित, पोषण और विकसित करने में मदद करता है। हालांकि, आजकल  कुछ मानव निर्मित तकनीकी प्रगति पर्यावरण को कई तरीकों से खराब कर रही है जो अंततः प्रकृति के संतुलन या संतुलन को परेशान करती है। हम इस ग्रह पर भविष्य में जीवन के अस्तित्व के साथ-साथ अपने जीवन को भी खतरे में डाल रहे हैं।

यदि हम प्रकृति के अनुशासन से बाहर कुछ भी गलत तरीके से करते हैं, तो यह पूरे वातावरण को परेशान करता है जिसका अर्थ है वायुमंडल, जलमंडल और लेपोस्फियर। प्राकृतिक पर्यावरण के अलावा, एक मानव निर्मित पर्यावरण भी मौजूद है जो प्रौद्योगिकी, कार्य पर्यावरण, सौंदर्यशास्त्र, परिवहन, आवास, उपयोगिताओं, शहरीकरण आदि से संबंधित है। मानव निर्मित पर्यावरण प्राकृतिक पर्यावरण को काफी हद तक प्रभावित करता है जो हम सभी को एक साथ बचाना चाहिए।

प्राकृतिक पर्यावरण के घटकों का उपयोग एक संसाधन के रूप में किया जाता है, लेकिन यह कुछ बुनियादी भौतिक आवश्यकताओं और जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए मानव द्वारा भी शोषण किया जाता है। हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों को चुनौती नहीं देनी चाहिए और पर्यावरण को इतना प्रदूषण या कचरा डालना बंद करना चाहिए। हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों को महत्व देना चाहिए और प्राकृतिक अनुशासन में रहकर उनका उपयोग करना चाहिए।

पर्यावरण पर निबंध, 250 शब्द:

एक पर्यावरण में सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं जो कई तरीकों से मदद करने के लिए हमें घेर लेते हैं। यह हमें विकसित होने और विकसित करने के लिए बेहतर माध्यम प्रदान करता है। यह हमें सभी चीजें देता है जो हमें इस ग्रह पर अपना जीवन जीने के लिए चाहिए। हालांकि, हमारे पर्यावरण को भी हमेशा की तरह बनाए रखने के लिए, अपने जीवन को हमेशा के लिए पोषण देने और अपने जीवन को कभी भी बर्बाद नहीं करने के लिए हम सभी से कुछ मदद की आवश्यकता होती है। हमारे पर्यावरण के तत्व दिन-ब-दिन गिरते जा रहे हैं क्योंकि आदमी ने तकनीकी आपदा को बनाया है।

हमें पृथ्वी पर जीवन को जारी रखने के लिए अपने पर्यावरण की मौलिकता को बनाए रखने की आवश्यकता है, एकमात्र जगह जहां पूरे ब्रह्मांड में अब तक जीवन संभव है। विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति दुनिया भर में जन जागरूकता फैलाने के लिए 5 जून को हर साल सालों से मनाया जाने वाला एक अभियान है। हमें उत्सव के विषय को जानने, अपने पर्यावरण को बचाने के तरीकों को जानने और उन सभी बुरी आदतों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान उत्सव में भाग लेना चाहिए जो पर्यावरण को दिन-प्रतिदिन गिरती जा रही हैं।

हम पृथ्वी पर हर व्यक्ति द्वारा उठाए गए छोटे से कदम से अपने पर्यावरण को बहुत आसान तरीके से बचा सकते हैं। हमें कचरे की मात्रा को कम करना चाहिए, कचरे को ठीक से उसके स्थान पर फेंकना चाहिए, पॉली बैग का उपयोग बंद कर देना चाहिए, कुछ पुरानी चीजों को नए तरीकों से फिर से उपयोग करना चाहिए, उन्हें फेंकने के बजाय टूटी चीजों की मरम्मत और उपयोग करना चाहिए, देखें कि उन्हें सुधारने में कितना समय लगेगा; रिचार्जेबल बैटरी या अक्षय क्षारीय बैटरी का उपयोग करें, फ्लोरोसेंट लाइट, वर्षा जल संरक्षण, पानी की बर्बादी को कम करने, ऊर्जा संरक्षण, बिजली का न्यूनतम उपयोग आदि का उपयोग करें।

पर्यावरण पर निबंध, essay on environment in hindi (300 शब्द)

पृथ्वी पर जीवन का पोषण करने के लिए प्रकृति द्वारा एक उपहार दिया जाता है। जो कुछ हम अपने जीवन को जारी रखने के लिए उपयोग करते हैं वह पानी, हवा, धूप, भूमि, पौधों, जानवरों, जंगलों और अन्य प्राकृतिक चीजों जैसे पर्यावरण के अंतर्गत आता है। हमारा पर्यावरण पृथ्वी पर स्वस्थ जीवन के अस्तित्व को संभव बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, आधुनिक युग में मानव निर्मित तकनीकी प्रगति के कारण हमारा पर्यावरण दिन-प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। इस प्रकार, पर्यावरण प्रदूषण आज हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या बन गया है।

पर्यावरण प्रदूषण हमारे दैनिक जीवन को सामाजिक, शारीरिक, आर्थिक, भावनात्मक और बौद्धिक रूप से जीवन के विभिन्न पहलुओं में नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। पर्यावरण के दूषित होने से बहुत सारी बीमारियाँ होती हैं जिनसे इंसान पूरी जिंदगी पीड़ित हो सकता है। यह समुदाय या शहर की समस्या नहीं है, यह एक विश्वव्यापी समस्या है जिसे किसी के प्रयास से हल नहीं किया जा सकता है। यदि इसे ठीक से संबोधित नहीं किया जाता है, तो यह एक दिन जीवन के अस्तित्व को समाप्त कर सकता है। प्रत्येक और हर आम नागरिक को सरकार द्वारा शुरू किए गए पर्यावरण सुरक्षा कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए।

हमें प्रदूषण से स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के लिए अपने पर्यावरण के प्रति अपनी गलतियों और स्वार्थ को ठीक करना चाहिए। यह विश्वास करना कठिन है, लेकिन यह सच है कि हर किसी के द्वारा केवल थोड़ी सकारात्मक हरकत से ही पर्यावरण में भारी बदलाव आ सकता है। वायु और जल प्रदूषण विभिन्न बीमारियों और विकारों के कारण हमारे स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहा है।

एक दिन में कुछ भी स्वस्थ नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि हम जो खाते हैं वह पहले से ही कृत्रिम उर्वरकों के बुरे प्रभावों से प्रभावित होता है जो सूक्ष्मजीवों के कारण होने वाली बीमारी से लड़ने के लिए हमारे शरीर की प्रतिरक्षा को कम और कमजोर करता है। इसीलिए, हम में से कोई भी स्वस्थ और खुश होने के बाद भी कभी भी रोगग्रस्त हो सकता है।

इसलिए, यह दुनिया भर में एक प्रमुख मुद्दा है जिसे सभी के निरंतर प्रयासों से हल किया जाना चाहिए। हमें विश्व पर्यावरण दिवस अभियान में पर्यावरण सुरक्षा कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए भाग लेना चाहिए।

पर्यावरण पर निबंध, long essay on environment in hindi (400 शब्द)

पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाने वाली सभी प्राकृतिक चीजों में जल, वायु, सूर्य का प्रकाश, भूमि, अग्नि, वन, पशु, पौधे आदि शामिल हैं। यह माना जाता है कि ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसके लिए आवश्यक वातावरण है जीवन अस्तित्व। पर्यावरण के बिना हम यहां जीवन का अनुमान नहीं लगा सकते हैं इसलिए हमें भविष्य में जीवन की संभावना सुनिश्चित करने के लिए अपने पर्यावरण को सुरक्षित और स्वच्छ रखना चाहिए।

यह दुनिया भर में पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। सभी को आगे आना चाहिए और पर्यावरण सुरक्षा के अभियान में शामिल होना चाहिए। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए पर्यावरण और जीवित चीजों के बीच नियमित रूप से होने वाले विभिन्न चक्र हैं। हालांकि, किसी भी तरह से अगर इस तरह के चक्र परेशान हो जाते हैं, तो प्रकृति का संतुलन भी गड़बड़ा जाता है जो अंततः मानव जीवन को प्रभावित करता है।

हमारा पर्यावरण हमें और हजारों वर्षों से धरती पर विकसित होने, विकसित होने और पनपने के लिए अस्तित्व के अन्य रूपों में मदद करता है। जैसा कि मनुष्य को पृथ्वी पर प्रकृति द्वारा बनाया गया सबसे बुद्धिमान प्राणी माना जाता है, उनके पास ब्रह्मांड में चीजों को जानने की बहुत उत्सुकता है जो उन्हें तकनीकी प्रगति की ओर ले जाती है।

हर किसी के जीवन में इस तरह की तकनीकी प्रगति पृथ्वी पर जीवन की संभावनाओं को खतरे में डालती है क्योंकि हमारा पर्यावरण धीरे-धीरे नष्ट हो रहा है। ऐसा लगता है कि एक दिन यह जीवन के लिए इतना हानिकारक हो गया है क्योंकि प्राकृतिक हवा, मिट्टी और पानी प्रदूषित हो रहे हैं। यहां तक ​​कि इसने मानव, पशु, पौधों और अन्य जीवित चीजों के स्वास्थ्य पर अपना बुरा प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है।

हानिकारक रसायनों का उपयोग करके कृत्रिम रूप से तैयार किए गए उर्वरक मिट्टी को खराब कर रहे हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से हमारे शरीर में एकत्र किए गए भोजन के माध्यम से रोजाना खाते हैं। दैनिक आधार पर औद्योगिक कंपनियों से उत्पन्न हानिकारक धूम्रपान, प्राकृतिक हवा को प्रदूषित कर रहे हैं जो हमारे स्वास्थ्य को काफी हद तक प्रभावित करते हैं क्योंकि हम हर पल सांस लेते हैं।

इस तरह की व्यस्त, भीड़ और उन्नत जीवन में हमें दैनिक आधार पर इस प्रकार की छोटी बुरी आदतों का ध्यान रखना चाहिए। यह सच है कि सभी के अंत तक केवल एक छोटा सा प्रयास हमारे गिरते पर्यावरण के प्रति एक बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकता है। हमें केवल अपने स्वार्थ के लिए गलत तरीकों से प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नहीं करना चाहिए और अपनी विनाशकारी इच्छाओं को पूरा करना चाहिए।

हमें अपने जीवन की बेहतरी के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकियों को विकसित और विकसित करना चाहिए लेकिन हमेशा सुनिश्चित रहें कि यह भविष्य में किसी भी तरह से हमारे पर्यावरण को बर्बाद नहीं करेगा। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नई प्रौद्योगिकियां पारिस्थितिक संतुलन को कभी नहीं बिगाड़ेंगी।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Environment Essay In Hindi

पर्यावरण बचाओ पर निबंध – Environment Essay In Hindi

पर्यावरण बचाओ पर छोटे तथा बड़े निबंध (essay on save environment in hindi), प्रदूषण-वृद्धि की समस्या अथवा पर्यावरण बचाओ अभियान – (pollution problem – save environment campaign).

  • प्रस्तावना,
  • पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार,
  • पर्यावरण प्रदूषण : जिम्मेदार कौन,
  • पर्यावरण प्रदूषण रोकने के उपाय,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना- आज की दुनिया विचित्र नवीन, प्रकृति पर सर्वत्र है विजयी पुरुष आसीन। हैं बँधे नर के करों में वारि, विद्युत, भाप, हुक्म पर चढ़ता-उतरता है पवन का ताप। वैज्ञानिक प्रगति के उन्माद से ग्रस्त मानव ने प्रकृति-माता को दासी के पद पर धकेल दिया है। वह नाना प्रकार से प्रकृति के निर्मम दोहन में व्यस्त है। उसे विरूप बना रहा है। उद्योगों का कूड़ा-कचरा और विषैले विसर्जन पर्यावरण को प्रदूषित करने की होड में लगे हए हैं। मनुष्य ने अपने ही प्रमाद से अपने भविष्य को अंधकारमय बना डाला है।

पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार-आज सृष्टि का कोई पदार्थ, कोई कोना प्रदूषण के प्रहार से नहीं बच पाया है। प्रदूषण मानवता के अस्तित्व पर एक नंगी तलवार की भाँति लटक रहा है। प्रदूषण मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकार का है-

(1) जल प्रदूषण-जल मानव जीवन के लिए परम आवश्यक पदार्थ है। जल के परम्परागत स्रोत हैं-कुएँ, तालाब, नदी तथा वर्षा का जल। प्रदूषण ने इस सभी स्रोतों को दूषित कर दिया है। औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ हानिकारक कचरा और रसायन बड़ी बेदर्दी से इन जलस्रोतों में मिल रहे हैं। महानगरों के समीप से बहने वाली नदियों की दशा तो अत्यन्त दयनीय है। गंगा, यमुना, गोमती आदि सभी नदियों की पवित्रता प्रदूषण की भेंट चढ़ गई है।

(2) वायु प्रदूषण-वायु भी जल जितना ही आवश्यक पदार्थ है। श्वास-प्रश्वास के साथ वायु निरन्तर शरीर में आती आज शद्ध वायु का मिलना भी कठिन हो गया है। वाहनों, कारखानों और सड़ते हुए औद्योगिक कचरे ने वायु में भी . जहर भर दिया है। घातक गैसों के रिसाव भी यदा-कदा प्रलय मचाते रहते हैं। गैसीय प्रदूषण ने सूर्य की घातक किरणों से रक्षा करने वाली ‘ओजोन परत’ को भी छेद डाला है।

(3) खाद्य प्रदूषण-प्रदूषित जल और वायु के बीच पनपने वाली वनस्पति या उसका सेवन करने वाले पशु-पक्षी भी आज दूषित हो रहे हैं। चाहे शाकाहारी हो या माँसाहारी कोई भी भोजन के प्रदूषण से नहीं बच सकता।

(4) ध्वनि प्रदूषण-कर्णकटु और कर्कश ध्वनियाँ मनुष्य के मानसिक सन्तुलन को बिगाड़ती हैं और उसकी कार्य-क्षमता को भी कुप्रभावित करती हैं। आकाश में वायुयानों की कानफोड़ ध्वनियाँ, धरती पर वाहनों, यन्त्रों और संगीत का मुफ्त दान करने वाले ध्वनि-विस्तारकों का शोर। सब मिलकर मनुष्य को बहरा बना देने पर तुले हुए हैं।

(5) विकिरणजनित प्रदूषण-परमाणु विस्फोटों तथा परमाणु संयन्त्रों से होते रहने वाले रिसाव आदि से विकिरणजनित प्रदूषण भी मनुष्य को भोगना पड़ रहा है। रूस के चेर्नोबिल तथा जापान के परमाणु केन्द्रों से होने वाला प्रदूषण जग विख्यात है।

पर्यावरण प्रदूषण : जिम्मेदार कौन ?-प्रायः हर प्रकार के प्रदूषण की वृद्धि के लिए हमारी औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रगति तथा मनुष्य का अविवेकपूर्ण आचरण ही जिम्मेदार है। वाहनों का गैस-विसर्जन, चिमनियों का धुआँ, रसायनशालाओं की विषैली गैसें मनुष्यों की साँसों में जहर फूंक रही हैं। सभी प्रकार के प्रदूषण हमारी औद्योगिक और जीवन-स्तर की प्रगति से जुड़ गये हैं। हमारी हालत साँप-छछूदर जैसी हो रही है।

पर्यावरण प्रदूषण रोकने के उपाय-प्रदूषण ऐसा रोग नहीं है कि जिसका कोई उपचार ही न हो। प्रदूषण फैलाने वाले सभी उद्योगों को बस्तियों से सुरक्षित दूरी पर ही स्थापित किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की गन्दगी और प्रदूषित पदार्थ को नदियों और जलाशयों में छोड़ने पर कठोर दण्ड की व्यवस्था होनी चाहिए।

वायु को प्रदूषित करने वाले वाहनों पर भी नियन्त्रण आवश्यक है। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने जो दीर्घगामी नीति बनाई है, भारत उसे स्वीकार कर चुका है। बहुसंख्यक देश भी इसे स्वीकार करने को तत्पर दिखते हैं। किन्तु अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति महोदय (ट्रंप) की भूमिका अत्यंत निराशाजनक है।

उपसंहार-पर्यावरण का प्रदूषण एक अदृश्य दानव की भाँति मनुष्य-समाज को निगल रहा है। यह एक विश्वव्यापी संकट है। यदि इस पर समय रहते नियन्त्रण नहीं किया गया तो आदमी शुद्ध जल, वायु, भोजन और शान्त वातावरण के लिए तरस जायेगा। प्रशासन और जनता, दोनों के गम्भीर प्रयासों से ही प्रदूषण से मुक्ति मिल सकती है।

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Essay On Environment In Hindi : पर्यावरण

Meena Bisht

  • March 12, 2020
  • Hindi Essay

Essay On Environment In Hindi : पर्यावरण पर निबन्ध

Essay On Environment  

पर्यावरण पर हिन्दी निबन्ध.

Essay On Environment In Hindi

सिर्फ इंसान ही नहीं , प्रकृति में रहने वाले प्रत्येक प्राणी का पर्यावरण से गहरा संबंध है। और यह संबंध अनादिकाल से चलता आ रहा है। हरी भरी धरती , पेड़ पौधे , पहाड़ , चट्टान , पर्वत , नदी आदि हमको अनेक चीजें निरन्तर , बिना स्वार्थ के ही प्रदान करते हैं।जिससे हमारा जीवन चक्र अविरल चलता रहता है। 

बदले में हमने अपने क्रियाकलापों से अपने पर्यावरण को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से भारी नुकसान पहुंचाया है।जिससे पर्यावरणीय असंतुलन का खतरा पैदा हो गया हैं। और आज हम यह सोचने को मजबूर हुए हैं कि जब हमारी यह धरती हरी भरी नहीं रह जाएगी तब हालात कैसे होंगे। वैसे इसका अनुमान हम आज के अपने आसपास के पर्यावरण की स्थिति को देखकर आसानी से लगा सकते हैं।

पर्यावरण का अर्थ

परि + आवरण = पर्यावरण , यानि हमारे चारों ओर के वो सभी जैविक और अजैविक संघटक जिनसे मिलकर यह धरती गतिमान है।जैविक संघटक यानि जो जीवित अवस्था में है।सभी सजीव चीजें जैसे जीव-जंतु , पेड़-पौधे ,कीड़े पतंग , परिंदे , पशु आदि जैविक संघटकों में शामिल है।जबकि सभी निर्जीव जैसे पर्वत ,पहाड़ , नदी , झरने , हवा आदि  अजैविक संघटकों में शामिल है। लेकिन ये सब हमारे पर्यावरण में अपनी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

यानि दूसरे सरल शब्दों में हम कहें तो हमारी धरती में उपस्थित सभी जैविक व अजैविक तत्वों से मिलकर हमारा पर्यावरण बना है। जो एक दूसरे को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते है। और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती प्रदान करते हैं।

इसके साथ ही पर्यावरण में वो चीजें भी सम्मिलित हैं जो इंसान ने अपनी सुविधा व सहूलियत के लिए बनाई हैं जिन्हें हम “मानव निर्मित पर्यावरण” या “क्रत्रिम पर्यावरण” भी कह सकते है। 

पर्यावरण की आवश्यकता ( Essay On Environment)

क्या पेड़ ,पौधों , नदी , हवा , पानी के बगैर जीवन की कल्पना कर सकते हैं। क्या बेजान सी दिखने वाली चट्टाने या पहाड़ हमें कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ नहीं देते देते हैं।ये सब हमारे लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितना इन्सान के लिए इन्सान।

प्रकृति द्वारा दिए गए ये सभी अनमोल उपहार इंसान को सीधा सीधा फायदा पहुंचाते हैं। वह भी बिना किसी स्वार्थ के। जिसके दम पर हम अपना जीवन यापन बड़ी सरलता से करते हैं। या यूं कहें कि इनके बगैर हमारी जिंदगी नहीं चल सकती है। और सच्चाई तो यह है कि पर्यावरण की सुरक्षा हमारी अपनी ही सुरक्षा हैं। 

पर्यावरण को खतरा

पर्यावरण को सबसे ज्यादा खतरा इंसान से ही है।क्योंकि विकास की अंधी दौड़ , रोज रोज बनते कंक्रीट के जंगल (मकान , नवनिर्मित शहर) , अंधाधुंध पेड़ों की कटाई , कम होते खेत खलियान , बढ़ता प्रदूषण , उद्योग धंधे , कल कारखानों व फैक्ट्रियों से निकलता हुआ जहरीला धुआं ,प्लास्टिक व उससे बने हुए सामान आदि पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं ।

इसके साथ हमने अपनी सुख सुविधाओं के लिए बनाए हुए एसी , फ्रिज , ओवन आदि से निकली हुई जहरीली गैस ने हमारे पर्यावरण को दूषित कर दिया है।बेहिसाब बढ़ती जनसंख्या ने भी पर्यावरण पर असर डाला है। 

पर्यावरणीय असंतुलन की वजह से आज  हमें अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऋतु चक्र में आए परिवर्तन तथा अनेक असाध्य रोगों का जन्म और न जाने कितनी ही समस्याओं पर्यावरणीय असंतुलन का ही नतीजा है। 

पर्यावरण पर असर ( Essay On Environment)

पर्यावरणीय असंतुलन का असर निम्न रूप से अब हमारे सामने है। 

  • पर्यावरणीय असंतुलन का असर अब साफ-साफ हमारे पर्यावरण पर नजर आने लगा है।दिन प्रतिदिन ऑक्सीजन की कमी और वातावरण में विषैली गैसों की अधिकता का सीधा सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
  • हर रोज विश्व भर में जंगलों का क्षेत्र कम हो रहा है।जनसंख्या बढ़ने के कारण हर साल पृथ्वी से औसतन  0.22% वन क्षेत्र घट रहे हैं। हरे-भरे क्षेत्रों के निरंतर सिकुड़ते चले जाने से , जंगलों की कटाई के कारण भारत का तापमान प्रति 100 वर्ष में 0.4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ रहा है।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 2050 तक दुनिया भर में सर्दी के मौसम का तापमान लगभग 3.2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा।
  • और 2050 तक बारिश की मात्रा में भी कमी होने लगेगी। और वर्ष 2045 तक भारत विश्व में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश हो जाएगा। और उस वक्त बढ़ा हुआ तापमान हमारी प्रगति पर सबसे बड़ी बाधा बनेगा।
  • फसलों में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से भूमि की उर्वरकता खत्म हो रही हैं। इसके साथ ही रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते इस्तेमाल से समुद्री क्षेत्रों में शैवाल और कवक में बढ़ोतरी हो सकती है। जिसके कारण जलीय जीवन को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। यानि जलीय जीवन भी खतरे में है। 
  • प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर जंगलों ने अपने आगोश में लगभग 638 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड को समेट रखा है।इसके बदले में जंगल लगातार ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं। ताकि धरती में जीव जंतुओं के जीने लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी रहे। 
  • हम हर साल पर्यावरण में लगभग 1.7 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड का जहर धोल देते है। जो प्रकृति की अनमोल धरोहर जंगलों की अंधाधुंध कटाई का घातक परिणाम है। 
  •  जंगल एक तरह से कार्बन कार्बन डाइऑक्साइड के भंडारण के रूप में काम करते है।जो इस जहरीली गैस से पर्यावरण को एक सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं।हम उन्हें ही नष्ट करने में तुले हैं।  

5 जून को मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस

हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है जिसका उद्देश्य अपने पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है ताकि पर्यावरण को स्वस्थ व सुरक्षित रखा जा सके। 

पर्यावरण की सुरक्षा के उपाय ( Essay On Environment)

आज भी हम चाहे तो अपने पर्यावरण को फिर से पहले जैसा बना सकते हैं। बस हमें अपनी आदतों पर थोड़ा सा बदलाव लाने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी नहीं कि हम अपने विकास के पहिए को रोक दें। या कल कारखानों को बंद कर दें या नई वैज्ञानिक खोजों या आविष्कारों को बंद कर दे। नहीं , इसका यह कतई मतलब नहीं है।

इसका सीधा मतलब यह है कि हम पर्यावरण की सुरक्षा के मापदंडों के अनुसार अपने विकास को प्राथमिकता दें। इससे पर्यावरण भी सुरक्षित व स्वस्थ रहेगा और हमारे विकास में भी कोई बाधा नहीं पड़ेगी।

  • अंधाधुंध पेड़ों की कटाई करने से बचना जरूरी है। अगर पेड़ों की कटाई होती भी है तो बदले में नए पौधों को रोपित करना तथा उनकी देखभाल करना जरूरी है।
  • कल कारखानों से निकलने वाले विषैले रासायनिक पदार्थों को नदी नालों में बहाने के बजाय उनका सुरक्षित निस्तारीकरण करना आवश्यक है। तथा उनकी चिमनी द्वारा निकलने वाली जहरीली गैसों को भी खुले वातावरण में छोड़ने के बजाय उन्हें फिर से शुद्ध करने के तरीके हमें ढूंढने ही होंगे।
  • प्लास्टिक से बनी चीजें का उपयोग कम से कम किया जाए। तो पर्यावरण को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
  • ऐसी वस्तुओं जो दोबारा उपयोग में लाई जा सकती हैं  , उनकी रीसाइक्लिंग जरूरी है।
  • बिजली और पानी को बचाना अति आवश्यक है। बारिश के पानी को संचय करने के तरीके भी हमें ढूंढने ही होंगे। 
  • भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाए रखना तथा उसको बढ़ाना अति आवश्यक है। जिसके लिए रासायनिक खादों के बजाय जैविक खादों का प्रयोग किया जाना आवश्यक है।जैविक तरीके से खेती करना , अब आज की जरूरत बन गई है। 
  • विलुप्त होते पेड़-पौधे , जीव-जंतु , कीट पतंगों व परिंदों की प्रजातियों को संरक्षित करना तथा उनकी संख्या में इजाफा करना जरूरी है। क्योंकि प्रत्येक जीवधारी की इस पर्यावरण में अपनी-अपनी भूमिका निश्चित है। 

उपसंहार ( Essay On Environment)

साफ , सुथरा ,स्वस्थ और संतुलित पर्यावरण ही मानव जीवन को स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकता है। हालांकि आज दुनिया भर के लोग पर्यावरणीय संतुलन के लिए जागरूक हुए हैं। और इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास भी किए जा रहे हैं।

लेकिन पर्यावरण को संतुलित रखने की जिम्मेदारी हम सब की है। और हमें अपनी यह जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी ही होगी। अगर हमने अपने पर्यावरण को स्वस्थ व सुंदर रखने के लिए कोशिश नहीं की।तो भविष्य में इसके परिणाम और भी घातक हो सकते हैं।

अगर हमें इस धरती पर जीवन को बचाना है तो , हमें पर्यावरण को स्वस्थ व सुरक्षित रखना ही होगा। 

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