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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) - दिवाली... ये शब्द सामने आते ही रोशनी से जगमग घर, शहर की तस्वीर दिमाग में आ जाती है। दिवाली हर भारतीय के लिए अपनों से जुड़े होने और अच्छाई करने की प्रेरणा देने वाला महापर्व है। दिवाली हमारे देश भारत के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं। दीपावली को प्रकाश का पर्व कहा जाता है। दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है जो हमारे देश की संस्कृति, सामाजिकता और सौहार्द्र को वैश्विक स्तर पर दर्शाता है। दीपावली के अवसर पर पांच दिनों तक दीपोत्सव मनाया जाता है जिसका समापन भाई दूज के बाद होता है। देश ही नहीं विश्वभर में मौजूद भारतीय मूल के लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं। गुरु नानक जयंती पर निबंध | पीएम इंटर्नशिप योजना

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दिवाली 2024 कब है : तारीख और समय

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

इस महापर्व को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। सबसे प्रमुख मान्यता भगवान राम द्वारा 14 वर्ष वनवास से अध्योध्या आगमन की है। इस वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम द्वारा माता सीता को हर कर ले जाने वाले अहंकारी रावण पर विजय प्राप्त करने की खुशी भी शामिल है। दिवाली का त्योहार यह संदेश भी देता है कि बुराई चाहे रावण जैसी बलवान और बुद्धिवान क्यों न हो, उसका एक दिन अंत होकर ही रहता है। बुराई का साथ देने वाले भले इंद्रजीत, कुंभकर्ण जैसे महाबली क्यों न हों उनका भी विनाश होना तय है। अपने पूज्य राम के रावण के विजय और वनवास समाप्त कर अयोध्या वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने धूमधाम और हर्ष-उल्लास के साथ सजावट और तैयारियांं कर इस दिन को उत्सव की तरह मनाया तब से हर साल इस दिन यानी कार्तिक अमावस्या को दीपावली का उत्सव मनाया जाता है।

दिवाली त्योहार तथा इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दीपावाली त्योहार पर हिंदी में निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं। साथ ही उन्हे Diwali 2024 kab hai के बारे में जानकारी भी प्राप्त होगी। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Happy Diwali Festival in Hindi) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का एक छोटा-सा प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध (Diwali Essay in Hindi) से सीखकर लाभ उठा सकते हैं तथा वाक्य कैसे बनाए एवं किन बातों को दीपावली निबंध में जगह दी जाए, जैसी बातों को समझने के साथ ही अपने हिंदी लेखन कौशल को भी बेहतर बना सकते हैं।

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दिवाली हिंदू चंद्र-सौर महीनों अश्विन और कार्तिक में मनाई जाती है, जो आम तौर पर मध्य अक्टूबर और मध्य नवंबर के बीच आती है। प्राचीन हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली प्रतिवर्ष कार्तिक माह के पंद्रहवें दिन अमावस्या को मनाई जाती है।

वर्ष 2024 में शुक्रवार, 1 नवंबर, 2024 रोशनी का त्योहार मनाया जाएगा। द्रिकपंचांग के अनुसार सबसे शुभ समय शाम 5:36 बजे और 6:16 इनके बीच है।

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दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों को दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखकर त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आम तौर पर इस त्योहार को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उल्लास के पल लेकर आता है। अपने घर-परिवार से दूर अन्य प्रदेश, विदेश में रहकर रोजगार करने लोग भी इस समय अपने घर-परिवार के साथ दिवाली मनाने के लिए लंबी यात्रा कर अपनों के बीच आते हैं और अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं तथा अपने प्रियजनों के साथ दिवाली शुभकामनाएं (Happy Diwali wishes in Hindi) और उपहार साझा करते हैं।

दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh in hindi)

अधिकतर लोग इस दौरान ऑनलाइन साल 2024 में दिवाली कब है, ढूंढते रहते हैं (What is the real date of Diwali in 2024?)। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2024 में दिवाली पर्व 31 अक्टूबर को मनाई गई। हालांकि कुछ प्रदेशों में एक नवंबर को भी दीवाली मनाई जाएगी। वर्ष 2025 में दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। छात्र इस लेख में नीचे दिए गए दिवाली त्योहार पर निबंध (Essay of Diwali Festival) की जांच कर सकते हैं और दिवाली त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं। बच्चों को कक्षा मे दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) लिखने को कहा जाता है। दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखने के लिए आपको इस लेख से मदद मिलेगी।

दिवाली के पावन अवसर पर धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करने को सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायक होता है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में की गई अपनी पूजा-आराधना से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी आराधक के घर में निवास करने लगती हैं। इस समय अधिकतर लोग ये जानना चाहते हैं कि Diwali 2024 kab hai। वर्ष 2024 में दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया गया। हालांकि कुछ प्रदेशों में एक नवंबर को भी दीवाली मनाई जाएगी। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। वहीं साल 2022 में, 24 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार देश भर में मनाया गया था।

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यहां बच्चों के लिए दिवाली पर हिंदी में निबंध (diwali par nibandh in hindi) दिया गया है, जिसकी मदद दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) लिखते समय ली जा सकती है:

दीपावली का अर्थ: दिवाली जिसे "दीपावली" के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। ‘दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘शृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की शृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी पटाखे और आतिशबाजी के जरिए इस उज्ज्वल त्योहार को मनाते हैं।

दीपावली त्योहार की तैयारी: दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशिर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती हैं। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व: दीपावली को "रोशनी का त्योहार - प्रकाश पर्व" कहा जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों और प्रकारों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।

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दिवाली का इतिहास : हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिवाली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था, ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। इस दौरान बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नए बहीखाते की शुरुआत करते हैं। साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।

दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपने बुरी आदत जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।

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  • दीपावली का त्योहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।
  • दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।
  • दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

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1) दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।

2) दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।

3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

4) इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

5) बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।

6) हिंदुओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

7) बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।

8) इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।

9) भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।

10) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।

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वैदिक पंचांग के अनुसार, Dhanteras 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2024 Date and Auspicious Time) कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष काल इस दिन संध्याकाल 5 बजकर 36 मिनट से लेकर 8 बजकर 11 मिनट तक है।

Diwali 2024 Date : कब है दिवाली? पूजा करने का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर की शाम में 6:27 मिनट से लेकर रात में 8:32 मिनट तक है। दीपावली पूजा का निशिता मुहूर्त रात में 11:39 मिनट से देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक है।

दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) : वर्ष 2024 में, 29 अक्टूबर, 2024 को धनतेरस और 31 अक्टूबर, 2024 को छोटी दिवाली के बीच एक दिन का अंतराल होगा। यह क्रम हिंदू चंद्र कैलेंडर के आधार पर होगा।

प्रदोष काल : शाम 05:36 बजे से रात 08:11 बजे तक

वृषभ काल: सायं 06:20 बजे से रात्रि 08:15 बजे तक

अमावस्या तिथि आरंभ: 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03:52 बजे

अमावस्या तिथि समाप्त 1 नवंबर 2024 को शाम 6:16 बजे।

दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) 150 शब्द (कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए)

दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में उपयुक्त हैं।

दिवाली पर निबंध हर साल परीक्षाओं में आने वाले सबसे महत्वपूर्ण निबंधों में से एक है। दिवाली, रोशनी का त्योहार है। यह हिंदू धर्म का एक बहुत पुराना उत्सव है। मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने रावण का वध किया और लंका विजय के बाद माता सीता को लेकर अध्योध्या वापस लौटे। भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास की समाप्ति और रावण पर विजय के साथ माता सीता को मुक्त कराकर अयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घर-घर दीपक जलाए। खुशियां मनाईं। यह परंपरा आज भी जारी है। दुनियाभर में हिंदू धर्मावलंबी बहुत उत्साह के साथ दीपावली मनाते हैं।

इस त्योहार को लेकर बच्चों में खासा उत्साह रहता है। घर, दुकान में दीपावली से पहले सफाई की जाती है। सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं। बच्चे पटाखे छोड़ते हैं। लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं। दीपक जलाते हैं। दुकानों-प्रतिष्ठानो में मां लक्ष्मी की पूजा होती है। मिठाईयां बांटी जाती है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह अंधकार को दूर कर प्रकाश का भी प्रतीक है।

दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) 250 शब्द (कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों के लिए)

250 शब्दों की शब्द सीमा वाले दिवाली निबंध कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों की परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। दिवाली उल्लास और उत्सव का समय है। यह वह दिन है जब राजा रामचंद्र ने असुर सम्राट रावण को हराया और 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या वापसी पर अयोध्यावासियों ने अपने राजा राम का स्वागत दीप जलाकर किया। मान्यता है कि रामचंद्र की वापसी की खुशी में दीपावली मनाई जाती है।

लोग रंग-बिरंगी रोशनी से घरों को सजाते हैं। दीप-मोमबत्ती जलाते हैं। पकवान बनते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं। मां लक्ष्मी की पूजा होती है। बच्चे और बड़े पटाखे-आतिशबाजी करते हैं।

आतिशबाजी दिवाली का एक लोकप्रिय हिस्सा बन गई है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि त्योहार की असली भावना अपने प्रियजनों के साथ खुशियाँ फैलाना है। दिवाली जैसे त्यौहार परिवारों और दोस्तों के बीच के आपके बंधन को मजबूत करता है। यह एक ऐसा समय है जब हर कोई अपने परिवारों के साथ जश्न मनाने के लिए अपने गृहनगर वापस जाता है।

दिवाली के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इसलिए हर कोई त्योहार का आनंद उठाता है। रात होते ही उत्साह बढ़ता है। हर तरफ रोशनी दिखती है। माहौल में उल्लास का अनुभव होता है। दिवाली हमें धैर्य और जीवन में अच्छी चीजों की प्रतीक्षा करने का मूल्य सिखाती है। बच्चे उत्सुकता से उन स्वादिष्ट मिठाइयों और पकवानों का इंतज़ार करते हैं। यह एक ऐसा समय भी है जब घरों और आसपास की जगहों की अच्छी तरह सफाई होती है। दिवाली इस बात की शिक्षा देती है कि "अच्छे लोग हमेशा बुरे लोगों पर विजय प्राप्त करते हैं।"

दिवाली पर 300 शब्दों में निबंध (कक्षा 9,10 और 11 के छात्रों के लिए)

300 शब्दों में दिवाली पर निबंध कक्षा 9,10 और 11 के छात्रों के लिए उनकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह निबंध अक्सर हिंदी लेख में पूछा जाता है।

भारतीय संस्कृति में त्यौहार मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। वे हमारे मूल्यों की एक विशेष याद दिलाते हैं। त्योहार हमारी एकता, उल्लास और मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं, इसे चरितार्थ करते हैं। दीपावली एक ऐसा ही एक त्यौहार है जिसे बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। दिवाली एक हिंदू त्यौहार है जो लंका के राजा रावण के साथ एक बड़ी लड़ाई के बाद श्रीरामचंद्र की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। यह अंधकार पर प्रकाश का द्योतक है। त्यौहार में लोग मिलजुलकर खुशियां बांटते हैं।

दिवाली हमें सभी के प्रति दयालु होने और धैर्य रखने की याद दिलाती है। हमारी मान्यताओं का हमारे सोचने के तरीके पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमें दिवाली जैसे त्यौहारों में अपने विश्वास को बनाए रखना चाहिए। हालांकि दिवाली की रात को लोग पटाखे और आतिशबाजी करते हैं। यह कई बार लोगों की असुविधा का भी कारण बनता है। आतिशबाज़ी हवा में हानिकारक गैसें छोड़ती हैं, जिससे प्रदूषण होता है। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पटाखे की तेज आवाज आस-पास रहने वाले जानवरों को भी डराते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए, दूसरों को खतरे में डाले बिना, ज़िम्मेदारी से जश्न मनाना ज़रूरी है। दिवाली के दौरान, हमारे घर ताज़े पके हुए खाने की स्वादिष्ट खुशबू से भर जाते हैं। हम त्योहार के दौरान बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और उनका आनंद लेते हैं। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि त्योहार हमें करीब लाने और हमारे बंधन को मजबूत करने के लिए होते हैं, न कि उत्सव के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए। तो, आइए दिवाली को खुशी, दया और सभी जीवित प्राणियों और हमारे आस-पास की दुनिया के लिए विचार के साथ मनाएं।

लोगों में इस वर्ष जिज्ञासा हो रही है कि दिवाली 2024 कब है? (Diwali 2024 kab hai) 31 अक्टूबर या 1 नवंबर? तो हम आपको diwali kab hai 2024 सवाल का जवाब बता देते हैं। यदि आप भी सोच रहे हैं कि 2024 में दीपावली कब मनाई जाएगी तो जान लिजिए कि कुछ ज्योतिषियों के अनुसार 1 नवंबर को दिवाली (diwali 2024) मनाना शास्त्रसम्मत है। 1 नवंबर को दिवाली मनाए जाने की वजह से इस बार दीप पर्व 5 की जगह 6 दिनों का हो जाएगा। 29 अक्टूबर को धनतेरस से पर्व की शुरुआत होगी और 3 नवंबर को भाईदूज के साथ इसका समापन होगा। ज्योतिषियों के अनुसार प्रदोषकाल में प्रदोष व्यापिनी तिथि अमावस्या होने पर दिवाली मनाई जाती है। हालांकि इस बार 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों ही दिन अमावस्या तिथि है। शास्त्र के अनुसार जब दोनों दिन सांयकाल में अमावस्या तिथि हो तो दूसरे दिन अमावस्या युक्त प्रतिपदा को लिया जाना चाहिए। इसलिए 1 नवंबर को दिवाली मनाना शास्त्रसम्मत है।

हालांकि कुछ पंडितों के अनुसार 31 अक्टूबर को ही दिवाली मनाया जाना चाहिए। उनके अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को शाम 3 बजकर 52 मिनट पर आरंभ हो रही है और इसका समापन 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार कार्तिक अमावस्या 1 नवंबर को है। दिवाली की पूजा अमावस्या तिथि में प्रदोष व्यापिनी मुहूर्त में शास्त्रसम्मत है। प्रदोषकाल सूर्यास्त के बाद प्राप्त होता है। हालांकि कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि 1 नवंबर काे अमावस्या तिथि सूर्यास्त के बाद जल्द खत्म हो जाएगी। ऐसे में प्रदोषकाल कम समय प्राप्त होगा। अमावस्या को निशिता मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा का महत्व माना जाता है। 1 नवंबर को निशिता मुहूर्त प्राप्त नहीं होगा इसलिए कुछ लोग इस वजह से 31 अक्टूबर को दिवाली मनाए जाने को ठीक बता रहे हैं। (2024 mein diwali kab hai)

दिवाली 2024 के अवसर पर हरियाणा और दिल्ली सरकार ने 31 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। हरियाणा सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि दीपावली के अवसर पर 31 अक्टूबर को अवकाश रहेगा। वहीं दिल्ली सरकार ने भी दीपावली की छुट्‌टी 31 अक्टूबर को घोषित की है। शिक्षा निदेशालय हरियाणा द्वारा जारी नए आदेश के बाद छुट्‌टी की तिथि बदली है। दरअसल, पहले हरियाणा में दिवाली की छुट्टी 2024 गुरुवार, 31 अक्टूबर और शुक्रवार 1 नवंबर को होने वाली थी। लेकिन अब ये तारीखें बदलकर 30 और 31 अक्टूबर कर दी गई हैं।

दिवाली का त्योहार आने के 10-12 दिन पहले से ही बच्चों में इस त्योहार का उमंग दिखने लगता है। कोई अपने घरों में घरौंदा बनाने में जुट जाता है तो कोई कंदील तैयार करने में लग जाता है। स्कूलों में भी दिवाली के अवसर पर बच्चों के बीच रंगोली प्रतियोगिता, कंदील प्रतियोगिता जैसे इवेंट का आयोजन होता है जिसमें बच्चे अपनी रचनात्मक क्षमता दिखाते हैं। इस दौरान बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। इसके अलावा कई संस्थाओं द्वारा भी दिवाली पर कार्यक्रमों का आयोजन कर सामाजिक सद्भाव का संदेश देते हुए मिठाई और ग्रीन पटाखे बांटे जाते हैं।

दीपावली के दिन घर में मिट्टी का घरौंदा रखने का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। हालांकि बीते समय के साथ लोग इसको भूलने लगे हैं, लेकिन आज भी मान्यताओं को मानने वाले लोग मिट्टी, लकड़ी आदि से घरौंदा बनाकर घरों में रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन घर में घरौंदा बनाने से घर में माता लक्ष्मी का वास होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। कंदील सजाकर रखने से सकारात्मकता का भाव घर में बना रहता है।

दीपावली के अवसर पर बाजार में चहल-पहल बढ़ जाती है। तरह-तरह की दुकानें सजती हैं। मिट्‌टी के दीये, पटाखे, सजावट के सामान, फूल, कृत्रिम फूल, रंगोली बनाने का सामान, विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी लाइट, कपड़े, मिठाईयां, बर्तन की दुकानें सड़क के किनारे सज जाती हैं। पूरा माहौल आनंद और उल्लास से भर जाता है। लोग घरों की सफाई करते हैं। उपयोग में आने वाली नई चीजें खरीदते हैं। इस अवसर का लाभ ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी उठाती हैं। वे ग्राहकों को तरह-तरह के लुभावने ऑफर देते हैं और छूट देकर अधिक से अधिक बिक्री करना चाहते हैं। लोग उपहार में एक-दूसरे को मिठाईयां देते हैं। कंपनियाें में अपने कर्मचारियों को गिफ्ट देने की परंपरा है। कंपनियां अपने कर्मियों को बर्तन, थर्मस, प्रेशर कूकर, आयरन, ट्रॉली बैग आदि के साथ मिठाईयां और नमकीन के पैकेट उपहार में देती हैं।

बच्चों को दीपावली का इंतजार सबसे अधिक इंतजार रहता है। क्योंकि उन्हें विभिन्न तरह के पटाखे चलाने को मिलता है। बच्चे अपने अभिभावकों से दिवाली से दो-चार दिन पहले ही अपने लिए फुलझड़ियां, अनार, पटाखे, बंदूक खरीदवा लेते हैं। और घर-बाहर धमा-चौकड़ी मचाते हुए पटाखे छोड़ते हैं। हालांकि पटाखे चलाते समय असावधानी रखने पर कभी-कभी दुर्घटना भी होती है। हाथ-पैर जल जाते हैं। इसलिए पटाखे चलाते समय बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी को कोई नुकसान न हो। हालांकि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध है। और भारी आवाज और रोशनी वाले पटाखे नहीं चला सकते। क्योंकि ये पटाखे भारी मात्रा में धुंआ छोड़ते हैं जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। इससे सांस के मरीजों की तकलीफ बढ़ जाती है। वहीं तेज आवाज वाले पटाखे से जानवर खासकर कुत्ते सहम जाते हैं। इसलिए उनकी परेशानी का भी ध्यान रखना चाहिए। बिहार में भी राजधानी पटना के अलावे मुजफ्फरपुर, गया और हाजीपुर में किसी प्रकार के पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। क्योंकि पिछले वर्ष इन चार शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बहुत खराब या गंभीर पाई गई थी। हालांकि ग्रीन पटाखों का उपयोग रात 8 से 10 बजे तक किया जा सकता है।

विभिन्न राज्यों में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर अन्य सभी पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही कॉमर्शियल वेबसाइट पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई गई है। ग्रीन पटाखों के लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। ग्रीन पटाखों में प्रदूषण फैलाने वाल पीएम पार्टिकल्स कम मात्रा में होते हैं।

दीपावली एक महत्वपूर्ण पर्व है जिस पर सभी एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां साझा करते हैं और दूसरों के सुखमय जीवन की कामनाएं करते हैं। दीपावली के शुभ अवसर पर परिजनों, ईष्टमित्रों से किन शब्दों में अपनी शुभकामना व्यक्त करें, यह उलझन होती है। नीचे कुछ दिवाली शुभकामना संदेश दिए गए हैं जिनकी मदद से आपको अपनी भावना व्यक्त करने में सहूलियत होगी-

  • प्रकाश व खुशियों के महापर्व दीपावाली आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
  • देवी महालक्ष्मी की कृपा से आपके घर में हमेशा उमंग और आनंद की रौनक हो। इस पावन मौके पर आप सबको दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ दीपावली!
  • प्रकाश के महापर्व दीपावली पर मेरी कामना है कि आपको समृद्धि, खुशी और अपार सफलता मिले। शुभ दीपावली!
  • लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार, सोने चांदी से भर जाए आपका घर-बार, आपके जीवन में आए खुशियां अपार, यही कामना है आपके लिए उपहार। दीपावली की बधाई...
  • शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा । शत्रुबुद्धि-विनाशाय दीपज्योती नमोऽस्तुते ।। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
  • प्रकाश का महापर्व दीपावली आपके घर में लाए खुशहाली, आप और आपके परिवार को हैप्‍पी दिवाली।
  • गणपति और मां लक्ष्मी आपके दुखों का नाश करें। रोशनी के दीप आपके घर में खुशहाली लाएं। दिवाली की ढेर सारी बधाई...
  • गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर भाषण
  • प्रदूषण पर निबंध
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण

दिवाली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम तथा सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, "जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।" इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।

इन्हें भी देखें

  • सीबीएसई क्लास 10वीं सैंपल पेपर
  • यूके बोर्ड 10वीं डेट शीट
  • यूपी बोर्ड 10वीं एडमिट कार्ड
  • आरबीएसई 10वीं का सिलेबस

Frequently Asked Questions (FAQs)

दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।

इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को रंगोली और तेल के दीयों से सजाते हैं, जिन्हें दीपक कहा जाता है। सभी एक दूसरे को बधाई देते हैं, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।

दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।  

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हालांकि कुछ प्रदेशों में 1 नवंबर को भी दीपावली मनाई जाएगी। 

लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का और विशेष महत्व है। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। 

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Questions related to CBSE Class 10th

If you're looking for directions or steps to reach Sadhu Ashram on Ramgart Road in Aligarh, here’s how you can get there:

Steps to Reach Sadhu Ashram, Ramgart Road, Aligarh:

Starting Point:

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Use Google Maps:

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By Local Transport:

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Landmarks to Look For:

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Ask for Directions:

  • If you're unsure, ask locals for directions to Sadhu Ashram on Ramgart Road. It's a known location in the area.

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You are not eligible for cbse board but you can still do 12th from nios which allow candidates to take admission in 12th class as a private student without completing 11th.

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What would you observe when zinc is added to a solution of iron(II) sulphate? Write the chemical reaction that takes place.

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दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

आज हमने इस आर्टिकल में दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व, वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व, व्यावसायिक महत्व, दार्शनिक महत्व, दिवाली से लाभ और दिवाली से हानि, Ecofriendly मनाने का तरीके, कविताएं तथा दिवाली पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi)

प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।

दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं। दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।

दीपावली का इतिहास व महत्व History and importance of Deepawali in Hindi

 दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली नाम दिया गया है। अर्थात दीपावली का अर्थ होता है दीपों की अवलि। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व अंधेरी रात को दिये जलाकर दीपावली मनाया जाता है। दीपावली के पीछे अलग-अलग कारण और कहानियां हैं।

1. भगवान राम कार्तिक अमावस्या को 14 वर्ष का वनवास  पूरा करके तथा असुरी कृतियों के प्रति बुराई का दमन करके अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में पूरे अयोध्या को असंख्य दिये जलाकर  उन की स्वागत की थी  तथा उत्सव मनाए थे इसी कारण यह प्रमुख त्योहारों में से एक है।

2. इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया। इसलिए इस दिन जनता खुश हो कर के अपने घरों में घी के दीया जलाए थे।

पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व Mythological and Historical significance in Hindi

दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है। इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दुष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।

लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारत वर्ष में दीपक जला कर ख़ुशियाँ मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। यह विद्वान इस पर्व का संबंध है मां काली द्वारा रक्तबीज के संघार से ही बताते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व Scientific Significance in Hindi

दिवाली का पौराणिक महत्व तो है ही लेकिन इसका वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्व है। वर्षा ऋतु से उत्पन्न न कीड़े, मकोड़े जल, में  घास -फूस एवं गंदगी के सड़ने से उत्पन्न विषैली गैस, तथा घर मकान में व्याप्त सीलन को दूर करने में दिवाली के त्यौहार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

लोग दिवाली का त्यौहार आने की बहुत पहले से ही उनके घरों एवं आस पास की सफाई करना प्रारंभ कर देते हैं। वे घर एवं दुकानों पर नया रंग रोगन करवाते हैं।  इससे घर कि सीतन एवं कोनों में छुपे हुए कीट मुखड़े भी नष्ट हो जाते हैं।

प्राचीन काल से दिवाली के दिन सरसों एवं घी का दीपक जलाए जाते थे। इससे वातावरण का प्रदूषण दूर होता था। और कीड़े मकोड़े इसकी दीपशिखा ऊपर जल मरते हैं।

व्यवसायिक महत्व Business Value in Hindi

दिवाली के दिन व्यवसाय लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन से किसी व्यवसाय कार्य का आरंभ है शुभ माना जाता है। इसके पीछे भी कुछ बताने का रहे हैं, इस काल में वर्षा ऋतु पूर्णतय समाप्त हो जाती है। यात्रा और व्यावसायिक कार्य के लिए यह समय अनुकूल माना जाता है।

इस समय किसानों के घर धान की फसल काट कर आना शुरू हो जाती है, और उन्हें इसी समय अपने किसी संबंधी सामग्रियों का क्रय करना होता है। 

दीपावली का दार्शनिक महत्व Philosophical Importance in Hindi

दिवाली को प्रकाश पर्व कहा जाता है। यहां अंधेरे पर प्रकाश से तथा असत्य से सत्य पर विजय की प्रतीक है यह इस दार्शनिक तथ्य को अभिव्यक्त करता है कि, अंधेरा कितना भी खाना हो गया, ज्ञान और कर्तव्य का सामूहिक दीप अंधेरे को प्रकाश में बदल देता है।

किसी समाज के उत्थान के लिए प्रेरक इस तथ्य को वाड़ी देते हुए दीपमाला  की अनगिनत हमसे यह कहते हुए प्रतीत होती है कि, हमारी तरह जल कर देखो तुझे से भी प्रकाश की किरणें निखरने लगेगी जो समाज में छाए हुए अंधेरे को मिटा देगी।

दिवाली से लाभ Benefit from Diwali in Hindi

 दिवाली मात्र एक  त्यौहार ही नहीं अपितु इससे अनेक लाभ भी हैं, घर मोहल्लों के साथ सफाई  वातावरण की शुद्धि,  आपसि सद्भावना का विकास  तथा नए कार्य  व नए योजनाओं का आरंभ है करने की प्रेरणा के साथ-साथ दिवाली हमें अंधेरे से लड़ने की प्रेरणा भी देती है।

दिवाली से हानि Loss from Diwali in Hindi

मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो अपने आंतरिक (ईर्ष्या और द्वेष से पुण) विचार एवं अज्ञानता पुण व्यवहारों के द्वारा किसी लाभप्रद रीति-रिवाजों को भी हानिकारक बना देता है।

दिवाली के दिन जुआ खेलने शराब पीने पर अनिष्ट आचरण से विनाश को आमंत्रित करने वाले लोग आज भी हैं। ऐसे लोगों के लिए दिवाली का त्यौहार लाभ के बदले हानि को आमंत्रित करता है।

देश में पटाखों के रूप में अरबों रुपए का बारूद फूंक दिया जाता हैं इससे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित होती है, और वातावरण भी प्रदूषित होता है। अनेक लोग पटाखों के कारण पाली दुर्घटना से प्रदूषित हो कर अपने जीवन को नर्क बना लेते हैं।

दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार Festivals celebrated during Deepawali in Hindi

 दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज

धनतेरस Dhanteras in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन दीपावली का पहला दिन होता है जिसे धनतेरस कहते हैं। धनतेरस के दिन कुछ भी खरीदना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि उस दिन घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। लोग उस दिन अपने जरूरत का सामान खरीदते हैं, जैसे सोना, चांदी, गाड़ी, कार, बर्तन आदि।

नरक चतुर्दशी Nakarak Chaturdashi in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन दीपावली का दूसरा दिन होता है इसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली, रूप चौदस, काली चौदस के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का संहार किया था इसीलिए उनके जीत के किसी के सम्मान में यह त्यौहार मनाया जाता है। अपनी मृत्यु के समय नरकासुर सत्यभामा से विनती की थी कि उनकी मृत्यु को रंगीन प्रकाशमय उत्सव के रूप में मनाया जाए।

दीपावली Deepawali in Hindi

दीपावली का यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यहां हिंदुओं का मुख्य धार्मिक व सामाजिक पर्व है। कहा जाता है कि रामचंद्र जी 14 बरस का बनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे जिनकी खुशी में अयोध्यावासी असंख्य दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।

गोवर्धन पूजा Govardhan Pooja in Hindi

गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन तथा गाय की विशेष पूजा की जाती है। जिसका अपना एक खास महत्व हैं। इस पर्व को कृष्ण भगवान की जन्मभूमि मथुरा, गोकुल, और वृंदावन में खास तौर पर मनाया जाता है।

हालांकि भारत के कई क्षेत्रों में भी ऐसे लोग बहुत ही श्रद्धा के साथ बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गौ के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और उसे विशेष प्रकार के फूलों से सजा कर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।

कहां जाता है कि मूलाधार बारिश से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को 7 दिनों तक अपनी एक उंगली पर उठाए रखा। इससे इंद्र क्रोधित हो उठे और मूलाधार बारिश होने लगी गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी बृजवासी सुरक्षित थे।

सातवें दिन जब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और गोवर्धन पूजा की अभिभूत बनाकर उसकी पूजा करने को कहा तब से दीपावली के समय गोवर्धन पूजा जाने की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है।

भाई दूज Bhai Dooj in Hindi

यह त्यौहार बहन के प्रति भाई का कर्तव्य का बोध कराता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। इसे भारत के विभिन्न जगहों पर भव बिच, भाई तिलक, रात्र द्वितीय, आदि कहा जाता है।

हिंदू समाज में भाई-बहन के प्रेम को सम्मान दिया जाता है। भाई दूज का यह त्यौहार दीपावली के 2 दिन बाद आता है। हिंदुओं के बाकी परंपराओं की तरह यह त्यौहार भी से जुड़ा हुआ है इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है।

बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इसीलिए इस पर्व पर यम देव की पूजा भी की जाती है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देवता की पूजा अर्चना करता है उसे असमय मृत्यु का कोई भय नहीं रहता।

दीपावली मेरा प्रिय त्यौहार है मुझे इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है दीपावली के समय हम घरों में दीया जलाते हैं मुझे यह त्यौहार बहुत ही अच्छा लगता है।

दीपावली कैसे मनाते हैं? How to celebrate Deepawali in Hindi

  • दीपावली के दिन हम रंग बिरंगी रंगोलियां बनाते हैं।
  • उस दिन लोग नए नए कपड़े पहनते हैं।
  • दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  • उस दिन रात्रि के समय पूरे घरों को असंख्य दीपों से सजाया जाता है ।
  • लोग पटाखे फोड़ते हैं, फुलझड़ियां जलाते हैं, और दीपावली का आनंद लेते हैं परंतु हमें दिवाली में पटाखे नहीं फोड़ना चाहिए।
  • दीपावली के दिन घरों में अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाए जाते हैं।
  • दीपावली के दिन लोग एक दूसरे को मिठाई बांटते हैं और दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं।

प्रदूषण मुक्त दीपावली Pollution free Deepawali in Hindi

हमें हमेशा प्रदूषण मुक्त दीपावली (Ecofriendly Diwali) की मनाना चाहिए। हमें दीपावली के समय ज्यादा से ज्यादा दिया जलाकर ही दीपावली का आनंद लेना चाहिए। ना की पटाखे फोड़ कर। दीपावली के समय पटाखों के कारण कई प्रकार के हादसे होते हैं।

पटाखों के धुए से वायु भी प्रदूषित होता है तथा उसके ध्वनि से ध्वनि प्रदूषण भी होता है।  दीपावली के समय पटाखों के कारण हमारा वातावरण प्रदूषित होता है इस कारण हमें पटाखों का प्रयोग ना करके हम दीया जलाकर दीपावली मना सकते है। इको फ्रेंडली दीपावली मना कर ही हम हमारे वातावरण को सुरक्षित रख सकते है।

दिवाली पर 10 लाइन 10 lines on Diwali

  • प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
  • दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। 
  • एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।
  • दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
  • बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं।
  • दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।
  • दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है।
  • इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दृष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।
  • लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारतवर्ष में दीपक जला कर खुशियां मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है।

दीपावली पर कविता Poem on diwali in Hindi

  • गर सूख गया हो दीये का मान, मौसम है स्नेह का तेल चढ़ा लेना। हो मन में कहीं गर लोभ क्रोध का अंधेरा, मौका है प्रेम के दीये जला लेना। घर को मन को कर चुके हो साफ, पड़ोस पड़ोसियों से कचरा क्लेश भी हटा लेना। कब तक रखोगे रामायण में राम, आज दिन है मन में भगवान बसा लेना। गर सूख गया हो दीये का मन, मौसम है स्नेहा का तेल चढ़ा लेना।
  • दीपावली का त्योहार आया, साथ में खुशियों की बौछार लाया। दीपो की सजी है कतार, जगमग आ रहा है पूरा संसार। अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया, दीपावली का त्योहार आया। सुख समृद्धि की बौछार लाया, भाईचारे का संदेश लाया। बाजारों में रौनक छाया, दीपावली का त्यौहार आया।
  • दीपों का त्योहार दिवाली आई है, खुशियों का संसार दिवाली आई है। घर आंगन सब नया सा लगता है, नया-नया परिधान सभी को फबता है। नए-नए उपहार दिवाली लाई है, खुशियों का संसार दिवाली लाई है।
  • दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, खुशी-खुशी सब हंसते आओ आज दिवाली रे, नाचो गाओ खुशी मनाओ आज दिवाली आई, दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, नए नए कपड़े पहनो खाओ खूब मिठाई,  हाथ जोड़ कर पूजा कर लो आज दिवाली आई।
  • आओ मिलकर दीप जलाएं अंधेरा धरा से दूर भगाएं। रहा न जाए अंधेरा कहि घर का कोई सुना कोना, सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना, हर घर आंगन में रंगोली सजाएं, आओ मिलकर दीप जलाएं।

निष्कर्ष Conclusion

किसी त्योहार को मनाते समय हमें उसमें निहित कल्याणकारी अर्थ को भी समझना चाहिए। दिवाली के त्यौहार में भी यही दृष्टिकोण अपनाना उचित होगा, तभी हम इसका वास्तविक आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आपको  यह दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi अच्छा लगा हो तो और भी जानकारी पाने के लिए हमारे साथ इसी तरह से जुड़े रहिए।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi 2024): दीपावली पर निबंध हिंदी में 

Diwali essay in hindi : हैप्पी दिवाली यहां देखें दिवाली पर हिंदी निबंध और बच्चों के लिए छोटे-छोटे पैराग्राफ, दीपावली त्यौहार पर आसान 10 लाइन्स और 150 शब्दों में दिवाली निबंध। सभी निबंध pdf रूप में free डाउनलोड करें।.

Garima Jha

दिवाली पर हिंदी निबंध (Essay on Diwali in Hindi ): दीपावली, भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार, हर साल, केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के भारतीय समुदायों में विशेष आनंद और उत्सव के साथ मनाया जाता है। "दीपावली" शब्द का अर्थ होता है "दीपों की श्रृंखला"।  यह शब्द बना है "दीप" और "आवली" को जोड़ कर जिन्हें संस्कृत भाषा के शब्दों से लिया गया है।

दीपावली को दिवाली या दीवाली भी कहा जाता है।  यह त्योहार हर घर में खुशियों की सौगात लाता है और इस दिन हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यूँ तो दीवाली पांच दिनों का त्यौहार है जहां हर एक दिन का एक अलग महत्व है लेकिन आमतौर पर 2 दिन सबसे खास होते हैं - छोटी दिवाली और दिवाली। आमतौर पर दिवाली का त्यौहार अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य में पड़ता है। दीपावली कार्तिक माह के पंद्रहवें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। 2024 में दिवाली, शुक्रवार, 1 नवंबर को है। 

दिवाली 2024 की हिंदी शुभकामनाएं: Diwali 2024 Wishes in Hindi

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1. दीपावली के इस पावन अवसर पर आपके घर में धन, सुख, और शांति का आगमन हो। शुभ दीपावली!

2. शुभ दीपावली! आपके जीवन में खुशियों की बारिश हो, और दीपावली का यह त्योहार आपके लिए खास हो।

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4. शुभ दीपावली! दीपों की रोशनी से दिल में उजाला हो।

दिवाली पर हिंदी निबंध: Hindi Essay on Diwali 2024

Diwali essay in hindi in 10 lines.

लाइन 1: दिवाली, दीवाली या दीपावली को 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है।

लाइन 2: कई भारतीय संस्कृतियों के लिए दिवाली का त्यौहार ही नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

लाइन 3: दिवाली बुराई पर अच्छाई के डेट का प्रतिक है क्यूंकि इसी दिन भगवान् राम रावण को हराने के बाद 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे।

लाइन 4: इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने श्री राम के लौटने की खुशी  में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था।

लाइन 5: दिवाली पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं,  फूलों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीये जलाते हैं और पूरे घर को रोशनी  से भर देते हैं।

लाइन 6: पड़ोसी, दोस्त, रिश्तेदार एक-दूसरे से प्यार से मिलते हैं और उपहार एवं मिठाइयाँ लेते - देते हैं।

लाइन 7: दीवाली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है।

लाइन 8: दिवाली पांच दिनों का त्योहार है।

लाइन 9: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है।

लाइन 10: दीपावली सिर्फ एक त्यौहार नहीं बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

हिंदी दिवाली निबंध - Diwali Essay in Hindi in 200 Words

दिवाली एक हिंदू त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है।आमतौर पर दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आता है। इस दिन श्री राम लंकापति रावण को हराने के बाद अपनी नगरी - अयोध्या - लौटे थे। भगवान राम की अयोध्या वापसी अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दीपावली पांच दिवसीय त्यौहार है। दिवाली त्यौहार के दौरान, घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने को दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है।

दिवाली 2024 

दिवाली का महत्त्व, दिवाली के पांच दिन: about all 5 days of diwali.

दिवाली पांच-दिवसीय उत्सव है। 

पहले दिन के उत्सव को धनतेरस कहा जाता है। यह दिन नई चीजें, खासकर सोना और चांदी खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाता है। 

दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि इस दिन बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं। 

दिवाली, यानि के तीसरे दिन, रावण को हराने के बाद भगवान राम की अपने राज्य अयोध्या में वापसी का जश्न है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवन गणेश की भी पूजा की जाती है। 

दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था। 

हम दिवाली क्यों मनाते हैं?

दिवाली पर लंबा निबंध - long essay on diwali in hindi, प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल दीपावली .

दीपावली भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और शुभ त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।

दिवाली संस्कृत के शब्द दीपावली से बना है, जिसका अर्थ है "दीपकों की पंक्ति।" यह त्यौहार नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। इस पर्व को घर के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का जश्न मनाने का समय है। 

दीपावली मानाने के पीछे कई कथन हैं।  रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। श्री राम को 14 साल के लिए अयोध्या से वनवास दिया गया था और उनकी वापसी को बहुत खुशी और उत्सव के साथ मनाया गया था। अयोध्या के लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीये जलाए और अपने घरों को सजाया। दिवाली मनाने का एक अन्य कारण धन और समृद्धि की हिंदू देवी लक्ष्मी का सम्मान करना है। लोग धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली की रात लक्ष्मी पूजा करते हैं।

दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाई जाती है। लोग इस त्योहार की तैयारी हफ्तों पहले से ही शुरू कर देते हैं। वे अपने घरों को साफ करते हैं, उन्हें रोशनी और रंगोलियों से सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। दिवाली की रात, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाते हैं। वे धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी पूजा भी करते हैं। पूजा के बाद, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयाँ बनाते हैं और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ बाँटते हैं।

दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं। दिवाली की रात, लोग दीये जलाने, लक्ष्मी पूजा करने और उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। यह सभी गिले-शिकवे भूल कर नई शुरुआत करने का समय है। दिवाली आनंद और खुशियाँ फैलाने का भी समय है। दिवाली के अवसर पर समृद्ध घर-परिवार के लोग दान देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। 

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easy essay on diwali in hindi

दिवाली पर निबंध  Essay on Diwali in Hindi 2024, Format, Examples |

दिवाली पर निबंध – इस लेख में हम दिवाली ( दीपावली) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दे रहे हैं – दिवाली का अर्थ, दिवाली कब मनाई जाती है, दिवाली का इतिहास, दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ, दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव, दिवाली का महत्त्व । दीपावली एक ऐसा विषय है जिस पर आपको किसी भी कक्षा में निबंध लिखने के लिए कहा जा सकता है। उच्च कक्षाओं में जब आप निबंध लिखते हैं तो आपको उस निबंध के विषय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी पता होनी चाहिए। तभी आप एक प्रभावशाली निबंध का निर्माण कर सकते हैं। आशा करते हैं कि हमारे दीपावली के निबंध से आपको सहायता मिलेगी।

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In this Essay on Diwali in Hindi , we are giving complete information about the Festival of Deepawali. Deepawali is a subject on which you can be asked to write an essay in any class. When you write an essay in higher classes, you should know all about the topic of that essay. Only then can you create an effective essay. Hope that our Deepawali essay will help you.

  • दिवाली का अर्थ
  • दिवाली कब मनाई जाती है
  • दिवाली का इतिहास
  • दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ
  • दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव
  • दिवाली का महत्त्व
  • दीपावली के त्यौहार के लाभ और हानियाँ
  • दीपावली को अलग तरीके से मनाने के सुझाव
  • विदेशों में दीवाली का त्यौहार
  • दिवाली पर निबंध 100 शब्द, 150 शब्द, 250 से 300 शब्द, 10 Line

प्रस्तावना  

प्रत्येक समाज त्यौहारों के माध्यम से अपनी खुशी एक साथ प्रकट करता है। भारत एक ऐसा देश है, जहाँ सबसे ज्यादा त्यौहार मनाये जाते हैं, यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग अपने-अपने उत्सव और पर्व को अपनी  परंपरा और संस्कृति के अनुसार मनाते हैं। दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय, हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला, सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, विदेशों में भी मनाया जाता है, इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है। दीपावली का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है। यह त्यौहार सामाजिक एकता को बढ़ाने का कार्य करता है। हालांकि दिवाली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी है, जिसे हम अपने आनंद के लिए वर्ष-प्रतिवर्ष बढ़ावा देते जा रहे है। वो दूसरा पहलू है, आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना। यह एक ऐसा कार्य है, जिसका दिवाली के त्यौहार से कोई प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं है और ना ही दिवाली के त्यौहार में इसका कोई ऐतिहासिक और पौराणिक वर्णन है, इसके साथ ही दिवाली पर होने वाली इस आतिशबाजी के कारण दिन-प्रतिदिन पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि होती जा रही है।

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दिवाली का अर्थ (Meaning of Diwali) –

‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है। वैदिक प्रार्थना है – ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला और ‘दीपावली’ को भी रोशनी का उत्सव कहा जाता है।

दिवाली कब मनाई जाती है (Deepawali is celebrated when)-

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को आता है। वैसे इस त्यौहार की धूम-धाम कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों तक रहती है। दीवाली के पर्व की यह विशेषता है कि इसके साथ चार त्यौहार और मनाये जाते हैं। दीपावली का उत्साह एक दिन नहीं, अपितु पूरे सप्ताह भर रहता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है। दीपावली के त्यौहार पर मौसम गुलाबी ठंड का होता  है। जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

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दिवाली का इतिहास (History of Deepawali)

दिवाली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है। इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते हैं, लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था। जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी। जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था, इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे। यह भी एक कारण है कि इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है। और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपकों की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था। सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन ग्वालियर की जेल से जांहगीर द्वारा रिहा किया गया था। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द तथा प्रसिद्ध वेदान्ती स्वामी रामतीर्थ ने इसी दिन मोक्ष प्राप्त किया था। इस त्योहार का संबंध ऋतु परिवर्तन से भी है। इसी समय शरद ऋतु का आगमन लगभग हो जाता है। इससे लोगों के खान-पान, पहनावे और सोने आदि की आदतों में भी परिवर्तन आने लगता है।

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दीपोत्सव मनाने की तैयारियाँ (Preparations for celebrating the festival)

नवीन कामनाओं से भरपूर, यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के कई हफ्तों पहले ही लोग अपने घरों और कार्यालयों की साफ-सफाई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुधरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है। दीवाली के दिन सब बहुत खुश रहते है। व्यापारी तथा दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें सजाते हैं तथा लीपते पोतते हैं। दीपावली के दिन बाजारों में गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की तस्वीरे खरीदी जाती है। बाजारों में खूब चहल पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। इस दिन खील बताशों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। लोग अपने इष्ट-मित्रों के यहाँ मिठाइयों का आदान-प्रदान करके दीपावली की शुभकामनाएँ लेते-देते हैं। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझडि़यां तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं। दीवाली के एक से दो दिन पहले ही बच्चों द्वारा स्कूलों में छोटी दिवाली मनाई जाती है। अध्यापकों द्वारा बच्चों को कहानियाँ सुनाकर, रंगोली बनवाकर, अपनी-अपनी कक्षा को सजा कर और खेल खिलाकर इस पर्व को मनाया जाता है। शिक्षक विद्यार्थियों को पटाखों और आतिशबाजी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते है, साथ ही पूजा की विधि और दीपावली से संबंधित रिवाज आदि भी बताते हैं। रात्रि के समय लक्ष्मी, गणेश के पूजन के बाद आतिशबाजी का दौर शुरु होता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते हैं। भारत के कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत माना जाता है, साथ ही व्यापारी लोग आज से अपना नया बही खाता शुरु करते है।

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दिवाली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव (Celebrations celebrated with Diwali)

दिवाली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है । धनतेरस के दिन लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते हैं और साथ ही साथ लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है। दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है , क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा यह दिन छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है। उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है। तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है। महालक्ष्मी की पूजा की जाती है, साथ ही साथ विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है। दीपावली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है , क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है। दीपावली के त्यौहार के आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहन, भाई को रक्षा सूत्र बाँधती हैं, साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ-कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दिवाली का महत्व (Importance of Diwali)

दीपावली का त्यौहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस त्यौहार से जुड़ी हुई है। यह त्यौहार कई तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं –

आध्यात्मिक महत्व – दीपावली त्यौहार अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियों से मिलकर बना है। इस त्यौहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्यौहार जब भी आता है, तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है। दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है, जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, निराशा पर आशा और बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है। दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ और अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते हैं और इससे अच्छे विचारों का उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व – दीपावली के त्यौहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्यौहार पर सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर त्यौहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं। एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है। आजकल की व्यस्त जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का अवसर बहुत कम मिलता है इसलिए इस दिन लोग जब लोग एक दूसरे से स्नेह पूर्वक मिलते हैं और साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं, गले मिलते हैं जिस से लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है। इसलिए इस त्यौहार का सामाजिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व – दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है, इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है। जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है। दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है। तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है। इसलिए इस त्यौहार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व – दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी हैं। जिसके कारण इस त्यौहार का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे। इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी। इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी। दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

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दीपावली के त्यौहार के लाभ और हानियाँ (Benefits and disadvantages of Diwali festival)

जहाँ लाभ होता है, वहाँ हानियाँ भी होती है। दीपावली एक बड़ा त्यौहार है, जो अपने साथ अपार खुशियाँ और प्रेम लेकर आता है। खुशियों के साथ-साथ कभी-कभी कुछ दुःख भी दस्तक दे जाते हैं। इन दुःखों को जान कर कुछ सावधानियाँ बरत कर उन्हें भी खुशियों में बदला जा सकता है।

दीपावली के लाभ – (1) छोटे-बड़े सभी व्यापारियों के लिए यह समय अत्यधिक कमाई का होता है। (2) दीपावली में सभी प्रकार के व्यापार में तेजी आती है। क्योंकि लोग घर की सज-सज्जा, कपड़े, गहने और खाने-पिने की चीजों सभी पर खर्च करते हैं। (3) दीपावली में आपसी प्रेम बढ़ता है और आपसी संबंधों में मिठास बढ़ती है। (4) इस त्यौहार पर साफ़-सफाई पर अत्यधिक महत्त्व दिया जाता है, पुरे घर की सफाई की जाती है और घर में रंग-रोगन भी किया जाता है। इससे घर के आस-पास का वातावरण शुद्ध हो जाता है, जो स्वस्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होता है। (5) कुटीर उद्योगों के लिए दीपावली का त्यौहार अत्यधिक खुशहाली लता है। क्योंकि दीपावली में बिकने वाला ज्यादातर सामान जैसे- साज-सज्जा का सामान और मिट्टी का सामान कुटीर उद्योगों द्वारा ही तैयार किया जाता है ,इस त्यौहार में उनकी आमदनी भी बढ़ जाती है।

दीपावली की हानियाँ – (1) पटाखों के कारण प्रदुषण फैलता है। (2) दीपकों में फजूल तेल जलता है। (3) अत्यधिक मिठाइयाँ और पकवान हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। (4) लाइट्स की सजावट के कारण अत्यधिक बिजली बर्बाद होती है। (5) दिखावे के चक्कर में लोग फज़ूल खर्च करते हैं।

दीपावली को अलग तरीके से मनाने के सुझाव (Suggestions to celebrate Deepawali differently)

दीपावली के त्यौहार को मनाने का तरीका और पूजन विधी हर जगह लगभग एक समान ही होती है। फिर भी ऐसे कई कार्य है जिनके द्वारा हम दीपावली के त्यौहार को हम ना सिर्फ अपने लिए मंगलकारी बना सकते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी इस दिन को खास बना सकते हैं और दीपावली के वास्तविक अर्थ को सच्चे रुप से सार्थक कर सकते हैं। 1. छोटे विक्रेताओं से समान खरीदकर हम उनकी आजीविका बढ़ाने में मदद कर सकते हैं क्योंकि हमारी तरह इन्हें भी वर्ष भर इस त्यौहार का इंतजार होता है। ताकि वे अपने द्वारा की गई तैयार वस्तुओं को बाजार में आकर बेच सकें। 2. इलेक्ट्रिक झालरों की जगह दीपों का अधिक उपयोग करके हम हमारे देश के छोटे व्यापारियों और कुम्हारों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद क्र सकते है और साथ-ही-साथ दीपावली के पारंपरिक रुप को भी बनाए रखने में योगदान दे सकते हैं। 3. हममें से कई लोग दीपावली के त्यौहार की साज-सज्जा, पटाखों और उत्सव मनाने में काफी अधिक मात्रा में धन व्यय करते हैं। अगर हम चाहे तो इन चीजों में कुछ कटौती करके या अपने पास से कुछ अधिक खर्च निकालकर कुछ गरीबों और जरूरतमंद लोगों को कंबल, मिठाइयां और उपहार जैसी चीजें बांटकर उनके चेहरों पर खुशियां ला सकते हैं। 4. हम सब ही जानते हैं कि दीपावली पर पटाखों और भारी आतिशबाजी के कारण काफी ज्यादा मात्रा में प्रदूषण उत्पन्न होता है। हमें इस बात को समझना होगा की दीपावली के त्यौहार का अर्थ दीप और प्रकाश है, ना कि पटाखे फोड़ना है। हम सब को मिलकर पटाखों का उपयोग ना करके हरित दीपावली मनाने का संकल्प लेना चाहिए और यह दीपावली पर हमारे द्वारा प्रकृति को दिया जा सकने वाली सबसे बड़ी भेंट होगी। 5. प्रदूषण के कारण ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी कुछ राज्यों में पटाखों के उपयोग को लेकर या तो समय सीमा तय कर दी गयी है या फिर इसे पूर्ण रुप से प्रतिबंधित कर दिया गया है पर कई लोग सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को भी धार्मिक रंग देने लग जाते है, ऐसे लोगों को हमें समझाना होगा कि छोटे-छोटे फैसलों से ही बड़े परिवर्तन प्राप्त होते हैं। लोगों में जागरूकता लाकर ही हम पटाखों के प्रतिबंध को सफल बना सकते हैं और प्रदूषण मुक्त पर्यावरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार (Diwali festival abroad)

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस त्यौहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है। दीपावली के इस त्यौहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका – अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं, इसलिए वहां पर भी दीपावली के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दीपावली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्यौहार को अपना लिया।

नेपाल – हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है। जहाँ पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को ‘तिहार’ या ‘स्वन्ति’ के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

सिंगापुर – सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं, जो दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रौनक देखने को मिलती है। यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस – इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है। जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है। साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका – श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं। जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

उपसंहार (conclusion)

दीपावली पर्व है अपने अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे वातावरण को प्रकाशमय बनाने का। दीपावली हिंदूओं का प्रमुख पर्व है। यह पर्व समूचे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के दिन घरों में दिए, दुकानों तथा प्रतिष्ठानों पर बहुत सारी सजावट की जाती है और दिए जलाए जाते हैं। बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। मिठाई तथा पटाखों की दुकानें खूब सजी होती हैं। इस दिन पकवानों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और बड़े बच्चों द्वारा किये गए आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्यौहार का अर्थ दीप, प्रेम और सुख-समृद्धि से है, ना कि पटाखों और बे-फिज़ूल के प्रदूषण से, यही कारण है कि दीपावली के त्यौहार पर हमारे द्वारा किये गये यह छोटे-छोटे कार्य बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। इस त्यौहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है, इसलिए हमें हर समय अपने जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए। दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियाँ आती है। इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली

दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों में (जहां हिंदू निवास करते हैं) भी यह विधि पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ खुशी, उत्साह और ढ़ेर सारा उमंग लेकर आता है। कार्तिक माह के अमावस्या को दिवाली का पर्व अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर अमावस्या की काली रात दिपों के जगमगाहट से रौशन हो जाती है। दिपावली पर पुराने रीत के अनुसार सभी अपने घरों को दीपक से सजाते हैं।

दिवाली पर 10 वाक्य   || दिवाली के कारण होने वाला प्रदूषण पर निबंध

दीपावली 2021 पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Diwali 2021 in Hindi, Deepawali par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।

दीपावली (Deepawali) के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रचलित कथाएं (इतिहास)

दिवाली का इतिहास बहुत पुराना है, इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जैसे कुछ लोगों के अनुसार सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है द्वापर में कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक आमवस्या को किया था इसलिए मनाया जाता है। कुछ के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थी, एवं अन्य के अनुसार माँ शक्ति ने उस दिन महाकाली का रूप लिया था इसलिए मनाया जाता है।

यह भी पढ़े :  छठ पूजा पर 10 वाक्य

दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा

दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।

दीपावली कब मनाई जाती है

उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) का महत्व

दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।

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निबंध – 2 (400 शब्द)

दीपावली (Deepawali), स्वयं में अपनी परिभाषा व्यक्त करने वाला एक शब्द है, जिसे हम सब त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह दीपों और रोशनी का त्योहार है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हम दीवाली के रुप में मनाते हैं। इसे सभी हिंदू देशों जैसे की भारत, नेपाल, आदि में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष कोरोना के कारण दीवाली की परिभाषा थोड़ी अलग होगी। खुशियां तो आएंगी परंतु अभी लोगों से दूरी बनाने में ही समझदारी है।

2020 की कोरोना वाली दीवाली

इस वर्ष जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से लड़ रहा है तो वही त्योहारों का मौसम भी ज़ोर पर है। त्योहारों का आनंद जरूर उठाये परन्तु यह याद रखें की सावधानी हटी, दुर्घटना घटी अर्थात कोरोना किसी भी रूप में आप तक पहुंच सकता है इस लिये कुछ नियमों का पालन करें जैसे:

  • बाज़ार आवश्यक होने पर ही जाएं।
  • सामान लेने के बाद घर आकर सामान को सैनिटाइज जरूर करें।
  • मास्क पहनना न भूलें और एक छोटा सैनिटाइजर भी साथ में अवश्य रखें।
  • दीवाली अपने साथ ठंडक को भी दस्तक देती है तो अपनी सेहत का भी ध्यान दें।
  • एक जिम्मेदार नागरिक बनें और बच्चों को भी पटाखों से होने वाले नुकसान बताएं।
  • मौसम बदलने पर ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं इस लिये त्योहार की भागा दौड़ी में खुद का ख्याल रखना न भूलें।
  • घरों में डस्टिंग और सफाई आदि करने से कई बार श्वास संबंधी रोग से पीड़ित लोगों को दिक्कत होने लगती है, इस लिये इसे करने से बचें क्यों की किसी भी तरह की श्वास संबंधी बीमारी होने पर लोगों में बेमतलब कोरोना की आशंका हो जाती है।
  • स्वास्थ्य के अतिरिक्त लोकल सामानों को खरीदें और लोकल के लिये वोकल बनें और भारतीय उत्पाद अपनाएं।
  • दीयों से खूबसूरत कुछ नहीं लगते, इस लिये विदेशी लाइटों की जगह घरों को मिट्टी के दीयों से सजाएँ और देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद करें।

अपकी दीवाली केवल परिवार के साथ

दीवाली रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ में खुशियां भी लाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस दिन का बेसबरी से इंतजार करता है। नए कपड़ों, रंग-बिरंगी मिठाइयों और रंगोली के सामान से बाजारों में रौनक आ जाती है। लोग जम कर खरीदारी करते हैं और अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। इस दिन पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है।

इस दीवाली खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें इस लिये इस वर्ष किसी के घर न जाएं सब को फ़ोन पर ही बधाई दे दें। अच्छा भोजन खाएं, ज्यादा बाज़ार के उत्पाद न खाएं घर पर बना खाना खाएं और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें और परिवार के साथ इसका आनंद लें।

हर त्योहार की अपनी खासियत होती है, ठीक इसी प्रकार रोशनी के इस पर्व को समृद्धि का सूचक माना जाता है। ज्यादातर घरों में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और धन-धान्य का वरदान मांगा जाता है। इस वर्ष पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक शांत और रोशनी से भरपूर त्योहार अपने-अपने परिवार के साथ मनाएं।

Diwali Essay

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निबंध – 3 (500 शब्द)

दीपावली (Deepawali) धन, धान्य, सुख, चैन व ऐश्वर्य का त्योहार है। भारत के विभिन्न राज्य इस अवसर पर पौराणिक कथाओं के आधार पर विशेष तरह की पूजा करते हैं। दिवाली, भारत तथा नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मानाने की वजह

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-

  • भारत के पूर्वी भाग में स्थित उड़ीसा, बंगाल इस दिन माता शक्ति को, महाकाली का रूप धारण करने के वजह से मनाते हैं। और लक्ष्मी के स्थान पर काली की उपासना करते हैं।
  • भारत के उत्तरी भाग में स्थित पंजाब के लिए दिवाली बहुत महत्व रखता है क्योंकि 1577 में इसी दिवस पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी। और इसी दिन पर सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था।
  • भारत के दक्षिण भाग में स्थित राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि दिवाली पर, द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाते हैं।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

  • नेपाल – भारत के अलांवा भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दिपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिवस पर नेपाली कुत्तों को सम्मानित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। इसके अलांवा वह संध्याकाल में दीपक जलाते हैं तथा एक-दूसरे से मिलने उनके घर जाते हैं।
  • मलेशिया – मलेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के वजह से इस दिन पर सरकारी अवकाश दिया जाता है। लोग अपने घरों में पार्टी आयोजित करते हैं। जिसमें अन्य हिंदू व मलेशियाई नागरिक सम्मिलित होते हैं।
  • श्रीलंका – इस द्वीप में रह रहे लोग दिवाली के सुबह उठ कर तेल से स्नान करते हैं और पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां दिवाली के मौके पर खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज आदि आयोजित किया जाता है।

इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) पर ध्यान रखने योग्य बातें

विशेषकर लोग दीपावली (Deepawali)पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।

दीपावली (Deepawali)पर अभद्र व्यवहार न करें

कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।

अत्यधिक पटाखो का जलाया जाना

पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।

दिवाली खुशीयों का त्योहार है। इससे जुड़ी प्रत्येक चीज हमें खुशी देती है। हम सभी को समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है की हमारे मस्ती और आनंद के वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न होने पाए।

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  • दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi): हिंदी में दीपावली पर निबंध 100, 200, 500, 1000 शब्दों में यहां देखें

Updated On: October 30, 2024 04:33 PM

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली कब है (Diwali kab hai) - शुभ मुहूर्त

  • दीपदान: लोग अपने घरों, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाते हैं।
  • पटाखे चलाना: लोग आतिशबाजी और पटाखे चलाते हैं।
  • भाई दूज: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं।
  • छोटी दिवाली: यह दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन, लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं।

दिवाली पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on Diwali in 100 words in Hindi)

दीपावली पर निबंध 100 शब्दों में (Essay on Dipawali in 100 words in Hindi) : दीपावली, भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार, हर साल केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के भारतीय समुदायों में विशेष आनंद और उत्सव के साथ मनाया जाता है। "दीपावली" शब्द का अर्थ होता है "दीपों की श्रृंखला" यह शब्द बना है "दीप" और "आवली" को जोड़ कर जिन्हें संस्कृत भाषा के शब्दों से लिया गया है। दीपावली को दिवाली या दीवाली भी कहा जाता है। यह त्योहार हर घर में खुशिया लाता है और इस दिन हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यूँ तो दीवाली एक पांच दिनों का त्यौहार है जहां हर एक दिन का एक अलग महत्व है लेकिन आमतौर पर 2 दिन सबसे खास होते हैं - छोटी दिवाली और दिवाली। आमतौर पर दिवाली का त्यौहार अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य में पड़ता है। दीपावली कार्तिक माह के पंद्रहवें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। दिवाली के त्यौहार में घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने में दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है। इस दिन लोग घरों में रंगीन मिट्टी के दीये जलाते हैं, जो प्रकाश और आशा की विजय का सन्देश देते हैं। यूँ तो कई दसकों से दिवाली को पटाखे और आतिशबाजियों से मनाया जाने लगा हैं लेकिन 21वीं सदी में उनके पर्यावरण और स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं। इसलिए हमें अपने पर्यावरण का ध्यान रखते हुए दिवलो को प्रेम भवन से मनाना चाहिए।

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in 200 words in Hindi)

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में (essay on dipawali in 500 words in hindi), दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में (essay on diwali in 500 words in hindi) - प्रस्तावना.

Paragraph on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Diwali in 500 Words in Hindi) - महत्वपूर्ण बिंदु

दिवाली पर निबंध 1000 शब्दों में (essay on diwali in 1000 words in hindi).

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, पूरे भारत में मनाया जाने वाला त्योहार है। यह एक खास भारतीय त्योहार है जो दिखाता है कि कैसे अच्छाई बुराई पर विजय पाती है। भारत में लोग दिवाली को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। यह त्योहार खुशी, एकजुटता और सफलता का प्रतिनिधित्व करता है। दिवाली भारत में प्राचीन काल से मनाई जाती रही है। यह अंधकार पर प्रकाश की जीत का जश्न मनाने का दिन है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वह दिन था जब भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद अपने राज्य अयोध्या वापस लौटे थे। वे राक्षस रावण का वध करके और सीता को उसके चंगुल से मुक्त करके विजयी होकर अयोध्या लौटे थे। उस दिन से दीवाली का त्यौहर बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली का दिन यह भी याद करता है कि भगवान राम अपने वनवास से कब लौटे थे, जो महाकाव्य रामायण में एक कहानी है। "दिवाली" शब्द संस्कृत शब्द "दीपावली" से आया है, जिसका अर्थ है रोशनी की एक पंक्ति। दिवाली के दौरान, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर आमतौर पर मिट्टी से बने दीपक जलाते हैं। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। आमतौर पर, दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आती है, दशहरा के लगभग 20 दिन बाद, कार्तिक नामक हिंदू महीने के बाद दीपावली आती है। यह एक ऐसा उत्सव है जिसका भारतीय बहुत उत्साह के साथ आनंद लेते हैं। यह त्यौहार खुशी, शांति और सफलता के बारे में है। यह रामायण की कहानी में बताए गए वनवास के बाद भगवान राम की घर वापसी का भी प्रतीक है। यह धार्मिक उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। पूरे भारत में लोग मिट्टी के तेल के दीये जलाकर और अपने घरों को रंग-बिरंगी और विभिन्न आकार की लाइटों से सजाकर दिवाली मनाते हैं। ये चमकदार लाइटें भारत की सड़कों को एक खूबसूरत और मनमोहक नज़ारा बना देती हैं। दिवाली के इस खास त्यौहार का हिंदू धर्म के लोग बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं । यह सबसे महत्वपूर्ण और पसंदीदा त्यौहार है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिपावली क्यों मनाई जाती हैं?

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  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है।
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है.
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों पर दिवाली मनाते हैं।
  • दीये, मोमबत्तियाँ जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • दिवाली या शुभ दीपावली न केवल हिंदू समुदाय के बीच बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है।
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के 15वें दिन मनाई जाती है।
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है।
  • आमतौर पर, दिवाली उत्सव के रूप में स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों के लिए 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है।
  • इस अवसर पर देश भर से परिवार और मित्र एकत्रित होते हैं और आनंदमय समय एक साथ बिताते हैं।

diwali ke bare mein

हिंदी में दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दिवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार

  • दिवाली लगभग 5 दिनों का त्यौहार है, दिवाली से एक दिन पहले लोग धातु की वस्तुएं (सोना, चांदी, पीतल आदि) की खरीदारी करके धनतेरस का त्यौहार मनाते हैं।
  • दिवाली के अगले दिन को लोग छोटी दीपावली के रूप में भी मनाते हैं।
  • दीपावली के तीसरे दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इसके बाद, दीपावली से ठीक चौथे दिन पर गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।
  • दीपावली के पांचवे दिन आखिरी पर्व को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

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दीपावली के बारे में 10 पंक्तियाँ कैसे लिखें?

दिवाली का पूरा कैलेंडर यहां दिया गया है- 

शुभ दीपावली का उत्सव कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है और ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार इस वर्ष दिवाली 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। 

दीपावली को लेकर कई किस्से हैं लेकिन, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम, रावण को मारकर और 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीप जलाए व जश्न मनाया था और तब से भारत में दिवाली की शुरुआत हुई।

दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसके पीछे कारण यह है कि दीपावली संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका का अर्थ होता है- दीप + आवलिः (कतार में रखे हुए दिप)।

प्राचीनकाल में दिवाली को दीपोत्सव के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है दीपों का उत्सव होता है। 

प्राचीन काल से दिवाली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जा रहा है। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दिवाली का उल्लेख मिलता है। दिये को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता भी है।

उत्तर भारत में लोग मिट्टी के दीयों को जलाकर रावण को हराने के बाद श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं, जबकि दक्षिणी भारत इसे उस दिन के रूप में मनाता है जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था।

दिवाली पर निबंध हिंदी में लिखकर नमूना के साथ यहां विस्तार में बताया गया है। इच्छुक इस लेख में दिए गए बिंदुओं से अपने लिए बेहतरीन हिंदी में दीपावली पर निबंध तैयार कर सकते हैं। 

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10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023

Essay on Diwali in Hindi  : दोस्तो आज हमने दिवाली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। इस निबंध के माध्यम से हमने भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार Diwali के बारे में जानकारी दी है कि यह कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस त्यौहार को सभी धर्मों ने स्वीकारा है और खूब उत्साह है और हर्षोल्लास से हर वर्ष इस त्योहार को मनाते है।

दिवाली के इस निबंध को हमने अलग अलग शब्द सीमा मी लिखा है जिससे सभी विद्यार्थियों को निबंध लिखने में आसानी हो। आप दिवाली पर कविता भी पढ़ सकते है

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10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4

(1) भारत में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है।

(2) प्रत्येक वर्ष दीपावली अमावस्या के दिन सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में मनायी जाती है।

(3) भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में यह त्योहार मनाया जाता है।

(4) यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस गोवर्धन पूजा भैया दूज इत्यादि उत्सव शामिल होते है।

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(5) इन दिन सभी लोगों सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से घर को सजाते है।

(6) दिवाली के दिन संध्या के समय भगवान श्री गणेश, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

(7) दीपावली किस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते है जिससे चारों तरफ रोशनी ही रोशनी फैल जाती है।

(8) यह भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है इसलिए इस उपलक्ष में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।

(9) यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है सभी लोग नये कपड़े पहनते है बच्चे पटाखे छुड़ाते है और बड़े लोग एक दूसरे को गले लगाकर दिवाली की बधाइयां देते है।

(10) दिवाली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6

भारत एक विशाल देश है जहां पर प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। इनमें सबसे बड़ा त्योहार Diwali को माना जाता है। दिवाली का त्योहार सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में आता है। इस त्यौहार को प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है।

इस त्योहार को मनाने के लिए लोग महीने भर पहले से ही तैयारियां करनी चालू कर देते है। सभी लोग अपने घरों दुकानों और अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई करते है और अपने घरों को रंग बिरंगे रंगों से रंगते है।

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दीपावली के त्योहार को मनाने की प्रमुख वजह यह है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौट कर आए थे और वहां की निवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे जिसके कारण पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था।

इसीलिए दीपावली के दिन घोर अंधेरे को पराजित करने के लिए दीपक जलाए जाते है। दीपावली के दिन प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही भगवान गणेश और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

दीपावली के दिन पूरा भारत रोशनी से जगमग हो उठता है चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली छाई रहती है।

Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9

भूमिका –

भारत विभिन्न, परंपराओं, संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं एवं धर्मों वाला देश है यहां पर प्रत्येक धर्म का त्यौहार सभी लोग खूब धूमधाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह पूरे देश में मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है दीपावली के त्योहार पर मौसम गुलाबी ठंड के लिए भी रहता है जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

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दिवाली त्यौहार की पौराणिक मान्यता –

इस त्योहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी मनाते है जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के भगवान महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति की थी तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।

दिवाली का त्यौहार आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम प्रारंभ कर देते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार Diwali के दिन महालक्ष्मी सभी साफ-सुथरे एवं स्वच्छ घरों में आती है और अपने साथ सुख समृद्धि भी लेकर आती है इसीलिए महालक्ष्मी की पूजा के समय सभी लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़ देते है।

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दिवाली का आयोजन – 

यह त्यौहार 5 दिनों तक की लंबी अवधि तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन लोग धनतेरस के रूप में मनाते हैं इस दिन में बाजार से कुछ वस्तुएं खरीद के लाते है दीपावली का दूसरा दिन नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का परचम लहराया था।

इस त्यौहार का तीसरा दिन बहुत प्रमुख होता है क्योंकि इसी दिन दीपावली का ऐतिहासिक पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में पधारे थे इसलिए अयोध्या वासियों ने अपने भगवान राम को खुश करने के लिए उनके स्वागत में सभी जगह फूलों की बरसात कर दी और जी के दीपक जला दिए।

इसीलिए दिवाली के दिन भी दीपक जलाए जाते है वर्तमान में दीपक की जगह मोमबत्तियां और चाइनीज लाइटों ने ले ली है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के क्रोध से हुई भारी वर्षा से बचाया था।

दिवाली का अंतिम दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी भाई बहन एक दूसरे से मिलते है।

उपसंहार –

Diwali के इस पर्व के उपलक्ष में सभी लोग नए कपड़े पहनते है और अपने रिश्तेदारों को मिलते है जिससे समाज में सदभावना उत्पन्न होती है यह त्यौहार धार्मिक परंपरा के साथ साथ सामाजिक भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है।

Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12

प्रस्तावना –.

दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

Diwali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही ही ही विदेशों में भी मनाया जाता है इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।

दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ वर्तमान में अन्य लोगों द्वारा भी बहुत ही धूमधाम है और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के दिन सभी लोग अपने दुख दर्द भुला कर खुशी से इस त्योहार को मनाते है।

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वर्ष 2022 में दीपावली कब है – Diwali Kab Hai

इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा । दिवाली के इस पवित्र पर्व को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाएगा।

दिवाली त्योहार का इतिहास – History of Diwali in hindi

दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।

जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे इसलिए इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है।

और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपको की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था

दिवाली त्योहार की तैयारी –

Deepavali के त्यौहार की तैयारियां भारत में महीने भर पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है क्योंकि भारत में ज्यादातर है हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए यह त्यौहार उनका सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर लोग इतने उत्सुक रहते हैं कि वह महीना भर पहले ही अपने घर और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने लग जाते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि अगर घर में साफ सफाई होगी तो मां लक्ष्मी उनके घर पर आएगी और साथ में सुख समृद्धि भी लेकर आएगी।

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आजकल लोग Diwali के कुछ दिन पहले ही घरों की रंगाई पुताई करवाते हैं साथ ही रंग बिरंगी लाइट ओं और फूलों द्वारा अपने घर और प्रतिष्ठान को सजाते है। बाजारों में इस त्यौहार के पहले एक अलग ही रौनक आ जाती है बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते है हर तरफ लोग खरीदारी करते दिखाई देते है।

दीपावली के त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग इस दिन के लिए नए कपड़े खरीदते हैं बच्चे खेलने के लिए खिलौने एवं पटाखे खरीदते है। दीपावली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिस के पहले दिन धनतेरस होती है।

धनतेरस के दिन लोग ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करना पसंद करते हैं यह दिल लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते है साथी लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है।

दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है।

तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है एक दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है।

दिवाली के दिन सभी लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन घर को दीपक जलाकर रोशनी से जगमग आ दिया जाता है भारत में इस दिन रात के समय सबसे ज्यादा रोशनी होती है जिसका उदाहरण अंतरिक्ष से ली गई फोटो में आप देख सकते हैं –

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दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र की क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है।

दिवाली त्योहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई को रक्षा सूत्र बनती हैं साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दीपावली का महत्व – Importance of Diwali in hindi

दीपावली का त्योहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस समय से जुड़ी हुई है यह त्यौहार सभी तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं इसके महत्व का वर्णन हमने नीचे किया है –

आध्यात्मिक महत्व –

दीपावली त्यौहार की आध्यात्मिक महत्व जुड़ा हुआ है यह त्योहार अनेक धार्मिक ऐतिहासिक और कहानियों से मिलकर बना है। इस त्योहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्योहार जब भी आता है तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है।

दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

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दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ हो रहा अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते है और इससे अच्छे विचारों को उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व –

Diwali के त्योहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्योहार पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है।

आजकल की भीड़भाड़ जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का कोई मिलता है इसलिए इस दिन लोग एक दूसरे से स्नेह मिलन के रूप में मिलते हैं साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और गले मिलते हैं जिसे लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।

दीपावली के दिन छोटे बच्चे बड़ों के पैर छूते हैं और बड़े उन्हें आशीर्वाद देते है। इस त्योहार के दिन लोग एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल जाते है जैसे कई रंग एक दूसरे में घुल गए हो, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं वे अपने घरों में सभी सुख सुविधाओं की चीजें लेकर जाते है। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। इस पर्व पर लोग वर्ष के सभी दिनों से ज्यादा खरीदारी करते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है। इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।

दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है।

चूँकि भारत में अधिकतर लोग खेती करते हैं इसलिए कई दिनों बाद फसल को बेचकर इस चमार पर उन्हें अच्छी आमदनी होती है इसलिए इस बार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी है जिसके कारण इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे और वे श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए थे।

इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी।

इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह है अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी।

1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार – Diwali festival abroad

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस चौहान को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है।

दिवाली के इस त्योहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका –

अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं इसलिए वहां पर भी Diwali के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्योहार को अपना लिया। अमेरिका में 4 लाख भारतीय लोग रहते है।

नेपाल –

हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है जहां पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

नेपाल के लोगों का मानना है कि इस दिन दान धर्म करने से पूरा साल अच्छा व्यतीत होता है। भारत का पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में भी भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है। यहां पर भी पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

सिंगापुर –

सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं जो कि दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रोनक देखने को मिलती है।

यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस –

इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका –

श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए समय हमेशा जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।

दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक इन सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियां आती है इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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